दिल्ली के प्रज्ञा आर्ट्स की महिला योन हिंसा नाटक की प्रस्तुति के दौरान पांडाल में पसरी खामोशी:
नरेंद्र नगर;
वाचस्पति रयाल
श्री कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले की पांचवी सांस्कृतिक संध्या गढ़वाली लोक गायिका कल्पना चौहान व संगीता ढौंढियाल के नाम रही, गायक रोहित चौहान ने बेहतर साथ दिया।
वहीं दिल्ली के प्रज्ञा आर्ट्स एंड ग्रुप द्वारा महिला यौन शोषण पर आधारित मार्मिक नाटक"कि मैं औरत हूं"ने दर्शकों पर गहरी छाप छोडी़। गीतों पर नाचने व झूमने वाला पांडाल का नाटक के दौरान खामोशी में तब्दील रहना इस बात का संकेत था कि नाटक का थीम दर्शकों के दिल की गहराइयों को छूने में कामयाब रहा।
मां कुंजापुरी की वंदना से प्रारंभ हुए कार्यक्रम की शुरुआत के बाद प्रसिद्ध गायिका कल्पना चौहान व संगीता धौंडियाल ने एक के बाद एक गढ़वाली लोक गीतों की प्रस्तुतियों से दर्शकों को पांडाल में झूमने पर मजबूर कर दिया।
"हिमवंत देश मेरो त्रिजुगी नारैण" "मेरी माता कुंजापुरी तू दैणी ह्वैइ" "देवी कुंजापुरी मैया ढोल-दमौंउ" भगवती वंदना गीतों की प्रस्तुतियों से पांडाल भक्ति मय बना दिया।
गायिका कल्पना चौहान ने"पोस्तू का झूमा मेरी भाग्यानी बौउ" सासू काटदी घास ब्वारी बैठी घर"तथा गायिका संगीता ढौंढियाल ने"मी लागी घुट घुट बाडुली सुआ" "मेरी माधुली" तथा गायक रोहित चौहान ने टेहरी बांध पर" हे विधाता कनी लगी नजर मेरी प्यारी टिहरी तैं" "गुरी मुखड़ी सजीली" "चांदी को बटण" गीतों की प्रस्तुतियों व लोक नृत्यों के साथ पांडाल में दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
संस्कृति विभाग उत्तराखंड की कलाकार रेनू बाला व रजनी राणा के गढ़वाली गीत"बेडू पाको बारह मासा"तथा लोक नृत्य सराहे गए।
प्रज्ञा आर्ट्स नई दिल्ली के कलाकारों ने महिला योन शोषण पर आधारित नाटक"कि मैं औरत हूं"की मार्मिक प्रस्तुति से दर्शकों का ध्यान ऐसा खींचा कि गीतों के बोल व वाद्य यंत्रों की ताल पर अब तक थिरक रहा पांडाल नाटक की प्रस्तुति से लेकर समाप्ति तक खामोशी में तब्दील हो गया।
कलाकारों ने जिस संजीदगी उत्कृष्ट कला के साथ नाटक का मंचन किया समाप्ति पर देर तक पांडाल में तालियों की गूंज इस बात की गवाह थी नाटक के थीम ने दर्शकों के मन को अंदर तक कुरेदते हुए छू डाला। दर्शक कलाकार लक्ष्मी रावत, पीएस चौहान, बाबू सिंह, राजू राजे, प्रज्ञा रावत, प्रज्ञा टम्टा व मीनाक्षी पोखरियाल की कला के मुरीद हो गए।
मेला समिति के मुख्य संरक्षक एवं कृषि मंत्री सुबोध उनियाल व अन्य गणमान्य व्यक्ति देर रात तक कार्यक्रमों को देखते रहे। संचालन अरण्य रंजन ने किया।
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