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देहरादून;


18 अक्टूबर, 1925 को जन्मे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके नारायण दत्त तिवारी का आज लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया है। 93 साल की उम्र में उन्होंने मैक्स अस्पताल दिल्ली में अंतिम सांस ली।  अप्रैल,2017 से वे , अस्पताल में भर्ती थे।किडनी में संक्रमण और लौ ब्लड प्रेशर के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती किये गए थे।
आज ही उनका जन्मदिन भी था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर श्री एन डी तिवारी के निधन पर शोक जताया।
1976-1977, 1984-85, 1988-1989 वर्ष वे यूपी के मुख्यमंत्री रहे।
स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी के निधन के कारण तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में मीडिया से अनौपचारिक वार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए उनके निधन को देश के लिये अपूरणीय क्षति बताया। मुख्यमंत्री ने तिवारी जी को विकास पुरूष बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के औद्योगिक विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व.श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने नैनीताल प्रवास के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी के अनुरोध पर उत्तराखण्ड के लिये विशेष औद्योगिक पैकेज स्वीकार किया। इससे राज्य के औद्योगिक विकास को गति मिली। आज राज्य की प्रति व्यक्ति आय में हुई उल्लेखनीय वृद्धि में तिवारी जी के कुशल नेतृत्व तथा विकास की सोच की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्हांने कहा कि तिवारी जी विशाल ह्दय के व्यक्ति थे। उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रहते वे युवा विधायकों के मार्गदर्शक भी रहे। उन्होंने तिवारी जी के निधन को एक युग का अन्त बताते हुए कहा कि उनके निधन से राजनीति में आयी रिक्तता की भरपाई कठिन है।

  

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