ऋषिकेश:
उत्तम सिंह
"गरीबों की जेब पर भारी , अस्पतालों की केस बिगाड़ कर रेफेर करने की तैयारी"
आम गरीब जनता ,जिनके लिए वास्तव नें कुछ करना चाहिए उनके लिए बीमार होना, किसी श्राप से कम नही है।
स्वास्घ्य सुविधाओं को किसी प्रकार सरकारी अस्पतालों में पा जाते थे,वे भी अब किसी न किसी के भरोसे चल रहे है ।उनका एक मुख्य काम है हायर सेंटर रेफर। परंतु अब तो कुकुरमुत्तों की ,खुल रहे प्राइवेट अस्पतालों के भी हाल कमोबेश यही होते जा रहे है।
बिना सुविधाओं और तैयारियों के ऑपरेशन करेंगे और केस बिगड़ने पर रेफेर। ऐसे ही एक मामले में ऋषिकेश -देहरादून मार्ग पर निजी अस्पताल मे ईलाज के दौरान मरीज की मौत के बाद गरीब परिजनों ने बीच सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया।अस्पताल के बाहर लोगों ने बीच सडक पर शव रखकर चिकित्सक के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया । प्रदर्शनकारियों ने कहा कि चिकित्सक की लापरवाही के कारण विस्थापित कॉलोनी निवासी मकान सिंह की मौत हो गयी । वहीं परिजनों का कहना था कि मकान सिंह के पेट में दर्द की शिकायत पर जब उसे अस्पताल लाया गया तो चिकित्सक ने उसके पित्त की थैली में पथरी होना बताया । जिसका ऑपरेशन शनिवार को ही डॉक्टर द्वारा किया गया ।लेकिन लापरवाही के कारण ब्लीडिंग होने लगी । खून की उपलब्धता और एधिक रक्तस्राव होने पर घबराकर चिकित्सक ने उसे सिनर्जी हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया ।जहां कल उसकी मौत हो गई ।
चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने शव को बीच सड़क पर रखकर हंगामा कर दिया। वहीं चिकित्सक का कहना था कि पित्त की थैली काफी सिकुड़ी हुई थी जैसे ही उसे खोलने की कोशिश की गई रक्त स्राव शुरू हो गया ।जिस कारण उसे सिनर्जी हॉस्पिटल में भेजा गया गैस्ट्रोलॉजिस्ट ने वहां उसका उपचार किया ।लेकिन उसकी मौत हो गई उन्होंने लापरवाही से भी इनकार किया उनका कहना था कि शरीर में फैट काफी होने के कारण ऑपरेशन करने में दिक्कत आ रही थी ।
परिजनों का यह भी कहना है कि हमे आपरेशन के खर्च 20हज़ार बताया गया, जो रेफेर किये गए बड़े अस्पताल में जाकर लगभग 6 लाख तक का हो गया। उनका कहना है कि व्यक्ति की जान भी गयी और इतना पैसा हमे गांव से लोगों से इकठ्ठा करना पड़।
वहीं सूचना मिलने पर पुलिस ने मृतक के परिजनों को समझा-बुझाकर शांत किया । लेकिन अभी तक पुलिस में कोई लिखित तहरीर नहीं दी गयी ।
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