घनसाली;
ग्राम पचायत मरवाडी,पट्टटी थाती कठुड बुढाकेदार ,
तहसील घनसाली, टिहरी गढवाल में अधूरी पेयजल लाइन और अधूरे कार्यो के कारण गांववासी पाइन के पीने के पानी को तरस रहे है।78 लाख का घोटाला तीन बार जांच के दायरे में आ गया है, साबित भी हो गया फिर भी नतीजा जीरो है।
इस ग्राम पचायत में जल निगम घनसाली से 2012 मे पेयाजल योजना शुरू हूई थी जो 78 लाख लागत की थी।। इस कार्य को विभाग ने कागजो में पूरा दिखाया ही जबकि धरातल पर कुछ भी नही है।
गावं में लाईन तक भी नही बिछाई गयी थी , और जब एक ग्रामीण द्वारा 25 दिसंबर 2017 को इस सम्बन्धं में जिला अधिकारी टिहरी को एक पत्र दिया तो जिला अधिकारी ने तहसीलदार द्वारा जाचं करवायी गयी ।जाचं में समिति और विभाग दोषी पाये गये। परंतु जांच परवान नही चढ़ सकी।
पुनः उनके द्वारा 09 फरवरी,2018 को समाधान पोर्टल पर शिकायत की , जिस के फलस्वरूप, जिला अधिकारी ने उपजिला अधिकारी ,घनसाली को जाच के आदेश दिये । जिसमे विभाग को दोषी पाया गया और सरकारी धन का दुरुपयोग करना पाया गया। फिर भी सम्बन्धित विभाग पर कार्यवाही तय नही हुई और न ही पाइप लाइन का कार्य पूरा हुआ।
ग्रामीण द्वारा पुनः 25 जुन ,2018 को समाधान पोर्टल पर कार्यावाही ना होने के लिये पत्र लिखा गया, जिसमें जिला अधिकारी ने मुख्याविकास अधिकारी को ये मामला सौंपा और मुख्यविकास अधिकारी ने भी अपने स्तर से जाच करवायी। इसमें फिर से तीसरी बार विभाग दोषी पाये गये और मुख्य विकास अधिकारी ने भी एक बयान में 25/7/2018 को समाचार पत्रों दैनिक जागंरण और अमर उजाला में कहा कि विभाग ने बिल्कुल सरकारी धन का दुरुपयोग किया है।
जांच में फर्जी बिल और कई तरह की गडबडी भी पायी गयी। साथ ही मुख्य विकासाधिकारी ने कहा था कि शासन-प्रशासन जल्दी ही विभाग से वसूली करेगा और दोषियों के खिलाफ एफ आई आर करेगा।
लेकिन जीरो टॉलरेंस के राज में अभी तक ना तो कोई भी किसी प्रकार की वसूली हूई और ना ही एफ आर आई दर्ज हुई। इस मामले को लगातार दबाने की कोशिश की जा रही। स्थानीय ग्रामीण एक और सरकार के इस रवैये से दुखी है , तो दूसरी और पीने के पानी की मूलभूत सुविधा से वंचित है।
अब पानी जे लिए और कितनी जांच होगी और कितना इंतज़ार ग्रामीणों के नसीब में है? ये तो समय ही बताएगा पर इतना जरूर है कि दूरस्थ स्थानों पर होने वाले विकास कार्यों को ऐसे ही पूरा किया जाता है,यही लगता है।
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