देहरादून
:
9 अगस्त 1942 में मुम्बई में जब महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो
आन्दोलन का ऐलान किया तो पूरे राष्ट्र के करोड़ों निहत्थे भारतीय अंग्रेजों
को भारत से खदड़ने के लिए घरों से निकल पड़े। लाखों लोगों को अंग्रेजों ने
गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया और सैकड़ों लोगों को गोलियों से मार दिया गया।
महात्मा के इस आवहन से पूरा राष्ट्र उदेलित हो गया और यह 1857 की क्रान्ति
के बाद दूसरी क्रान्ति थी। जिसने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला कर रख दी
थी।
यह बात आज अगस्त क्रान्ति के अवसर पर कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित
विचार सम्मेलन को संबोधित करते हुए उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के
वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने कही। उन्होंने कहा कि सदियों तक
गुलामी की जंजीरों में जकड़े हिन्दुस्तानी आवाम को अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ
खडा करने का कार्य महात्मा गांधी ने किया ।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी
हुकूमत ने भारत छोडो आन्दोलन को कुचलने के लिए सैकड़ों आन्दोलनकारियों को
मौत के घाट उतार दिया गया। लाखों लोगों को जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया
गया किन्तु कांग्रेस नेताओं को कुशल नेतृत्व में पूरे देश में आन्दोलन छिड
गया और अन्तो गत्वा 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों को भारत छोड़ना पडा। श्री
धस्माना ने कहा कि देश को आजाद कराने व आजादी के बाद देश के नवनिर्माण में
कांग्रेस की जो भूमिका रही उसका इतिहास गवाह है।
उन्होेंने कहा कि जो लोग
भारत को कांग्रेस मुक्त करने की बात कर रहे हैं उनके पुरखों ने अंग्रेजों
की गुलामी व उनके लिए मुखबिरी का काम किया था।
विचार सम्मेलन को
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धीरेन्द्र प्रताप, जिला कांग्रेस कमेटी देहरादून
के अध्यक्ष संजय किशोर, महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, महानगर कांग्रेस के
पूर्व अध्यक्ष पृथ्वीराज चैहान, महिला कांग्रेस महानगर अध्यक्ष कमलेश रमन,
सेवादल प्रभार राजकुमारी सोनी, कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष राजेश रस्तोगी,
कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय उप संगठक रामविलास रावत ने भी संबोधित किया।
इस
अवसर पर श्री राजेन्द्र शाह,महेश जोशी, नजमा खान,राजेश पाण्डे, त्रिलोक
सिह सज्वाण,बुददेव सेमवाल, राजेश चमोली,शान्ति रावत, परणीता बडोनी,
सावित्री थापा आदि उपस्थित थे।
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