नई दिल्ली;
ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर लोक सभा में बिल पारित हो गया है, आज इसे राज्य सभा मे पेश किया जाएगा, जिसके तीन मुख्य बिंदु है--
1. प्रस्तावित कानून ‘गैरजमानती’ बना रहेगा लेकिन आरोपी सुनवाई से पहले भी मजिस्ट्रेट से जमानत मांग सकता हैं। कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रावधान इसलिए जोड़ा गया है ताकि मजिस्ट्रेट ‘पत्नी को सुनने के बाद’ जमानत दे सकें। सूत्रों ने कहा कि मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करेंगे कि जमानत केवल तब दी जाए जब पति विधेयक के अनुसार पत्नी को मुआवजा देने पर सहमत हो। विधेयक के अनुसार, मुआवजे की राशि मजिस्ट्रेट द्वारा तय की जाएगी।
2. पुलिस केवल तब प्राथमिकी दर्ज करेगी जब पीड़ित पत्नी, य उसके किसी करीबी संबंधी या शादी के बाद उसके रिश्तेदार बने किसी व्यक्ति द्वारा गुहार लगाई जाती है। श्री प्रसाद ने कहा, ‘यह इन चिंताओं को दूर करेगा कि कोई पड़ोसी भी प्राथमिकी दर्ज करा सकता है, इससे कानून के दुरुपयोग पर लगाम लगेगी।’
3. तीसरा संशोधन तीन तलाक के अपराध को ‘समझौते के योग्य’ बनाता है। अब मजिस्ट्रेट पति-पत्नी के बीच विवाद सुलझाने के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एक टिप्पणी भेजें