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देहरादून\:

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाये जाने के सम्बन्ध में इन्डस्ट्रियल एसोसिएशन उत्तराखण्ड के प्रतिनिधिमण्डल से चर्चा की।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए सरकार, शासन, शैक्षणिक संस्थाओं व उद्योग जगत को मिलजुल कर काम करना होगा। विशेषकर राज्य के पर्वतीय जिलों में आमदनी बढ़ाने के लिए कौशल विकास के प्रशिक्षण, लोगो में औपचारिक शिक्षा के स्थान पर वोकेशनल कोर्सेज के प्रति जागरूकता, शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा वोकेशनल कोर्सेज को भी महत्व देने, युवाओं को साॅफट स्किलस के टैªनिंग उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य करना होगा।
 उद्योग जगत व शैक्षणिक संस्थानों के बीच संवाद होना चाहिए। बैठक में चर्चा की गई कि राज्य में जिला सेवानियोजान कार्यालयों को मात्र बेरोजगारो के पंजीकरण तक ही सीमित नही रहना चाहिए। बल्कि सेवानियोजन कार्यालयों को बेरोजगारों की विशेष योग्यता व स्किलिंग के अनुसार वर्गीकृत आंकडे़ उद्योगो व निवेशकर्ता को उपलब्ध करवाने चाहिए।
 जिला सेवानियोजन कार्यालयों को कैरियर काउन्सिंग का कार्य भी करना चाहिए। उत्पादन हेतु क्लस्टर बेस्ड हब विकसित किए जाने चाहिए। राज्य में स्थानीय संसाधनों, उत्पादों व मांग के आधार पर स्वरोजगार  की असीम संभावनाएं है। 
कौशल विकास व प्रशिक्षण द्वारा पर्वतीय जिलों में पलायन पर प्रभावी अंकुश लग सकता है। प्रमुख सचिव एमएसएमई द्वारा जानकारी दी गई कि राज्य में 103 ग्रोथ सेन्टर लीड प्रोडेक्ट के साथ चिहिन्त कर लिए गए है। ब्लाॅक स्तर पर ग्रोथ सेन्टर विकसित करने की कार्ययोजना पर गम्भीरता से कार्य किया जा रहा है। यह ग्रोथ सेन्टर स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करवाने तथा पलायन रोकने में प्रभावी भूमिका निभाएगे।
बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव श्रीमती सौजन्या, उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व  इन्डस्ट्रियल एसोसिएशन उत्तराखण्ड के पदाधिकारी उपस्थित थे। 

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