ऋषिकेश;
मुख्य समिति कक्ष, संसद भवन एनेक्सी, नई दिल्ली में आज श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। भारत रत्न भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के श्रद्धाजंलि समारोह में देश के विभिन्न विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया।
श्रद्धांजलि समारोह के विशेष अतिथि परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, प्रमुख अतिथि श्री राम विलास पासवान, बालीवुड की अभिनेत्री प्रियंका कोठारी प्रकाश, केन्द्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार, अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य लोकेश मुनि जी, श्री भास्कर प्रकाश जी, लोकसभा में संयुक्त सचिव दल सिंह मल्ला जी एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया।
इस श्रद्धाजंलि समारोह में विशेष रूप से खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि माननीय अंबेडकर जी से लेकर अटल जी तक की यात्रा में सदैव दल को नहीं बल्कि देश को प्राथमिकता दी गयो।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि भारत की आत्मा, भारत का संविधान है।
उन्होंने कहा कि अटल जी भारत के अभूतपूर्व प्रधानमंत्री थे जो अमर थे, अमर है और अमर रहेगे तथा आज भारत का यह भी सौभाग्य है कि आज भारत के पास एक अद्भुत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है जो कि योगी है; कर्मयोगी है; तपस्वी है; ऊर्जावान हंै, निष्ठावान हैं जिन्होने देश को घालमेल की संस्कृति नहीं बल्कि तालमेल की संस्कृति से आगे बढ़ाते हुये सबका साथ और सबका विकास के मंत्र को साथ लेते हुये, साफ नियत और सही विकास, सतत विकास की ओर भारत को ले जा रहे है।
उन्होंने प्रधानमंत्री के दीर्घायु होने के लिये प्रार्थना की ताकि लम्बे समय तक वे देश का सफल नेतृत्व करते रह सके।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा, दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपना पूरा जीवन सूर्य की तरह जलते हुये ,राष्ट्र को चमकाने म लगा दिया और भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया
उन्होंने देश के नागरिकों को शान्ति, सद्भाव और समरसता की शिक्षा दी। वाजपेयी जी ने भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनाने के साथ स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना के तहत भारत के चारों कोनों को जोड़कर भारत की संस्कृति और व्यापार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और देश को पक्ष और विपक्ष से उपर उठकर एक शुद्ध राजनीति ही नहीं राष्ट्रनीति प्रदान की।
अटल जी के रूप में भारत ने एक राजनीतिज्ञ ही नही खोया बल्कि हमने एक कवि, श्रेष्ठ विचारों का वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, दार्शनिक को खोया है।
उनकी रचनायें वर्तमान पीढ़ी और आने वाली पीढ़ियों के लिये अत्यंत प्रासंगिक है। अटल जी सचमुच अपने विचारों से हमेशा जाने जायेंगे।
स्वामी जी ने श्री अटल जी की कविता याद करते हुये कहा कि ’’छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे दिल से कोई खड़ा नहीं होता’’ इसलिये इस देश की सोच को बदलना होगा, सोच बदलेगी तो सितारे बदल जायेंगे, दिशा बदलेगी तो दशायें बदलेगी और इसका नेतृत्व किया तथा सोच बदलने का काम किया श्री अटल जी ने। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी नेतृत्व में सभी ने खड़े होकर मौन भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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