नई दिल्ली.:
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित हुयी मुख्यमंत्रियों की बैठक में
सम्मिलित हुए ।
बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य से संबंधित विभिन्न योजनाओ व
कार्यक्रमों की प्रगति का विवरण रखा। प्रधानमंत्री श्री मोदी की अध्यक्षता
में आयोजित हुयी इस बैठक में आयुष्मान भारत योजना, स्वच्छ भारत मिशन के
तहत स्वच्छता के स्तर को बनाये रखने के लिये ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की
स्थिति प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में
सबके लिये आवास योजना में निर्मित होने वाले आवासों की स्थिति,
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के साथ ही दीन दयाल उपाध्याय ग्राम उत्थान
योजना जैसी आम आदमी के जीवन से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वन पर विशेष बल
दिया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि
प्रदेश में चारधाम परियोजनाओं के अन्तर्गत बेहतर सड़कों तथा
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन जैसी महत्वकांक्षी योजनाओं के निर्माण से राज्य
के पर्यटन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। राज्य में अरामदायक, साहसिक,
धार्मिक व इको टूरिज्म की व्यापक संभावनायें है इससे रोजगार के अधिक साधन
उपलब्ध होने से पर्वतीय क्षेत्रों से मैदानी क्षेत्रों में होने वाले पलायन
को रोकने में बड़ी मदद मिलेगी।
इसमें और गति लाने के लिये 13 जिले 13 नये
पर्यटन गंतव्य भी राज्य में विकसित किये जा रहे है तथा आकर्षक पर्यटन नीति
भी तैयार की जा रही है। इससे प्रदेश में पर्यटन को बढावा देने के लिये
पर्यटन योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आयेगी तथा अधिक से अधिक स्वरोजगार
के अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों
के प्रति चिन्ता जाहिर करते हुए भागीरथी व गंगा बेसिन से इतर अन्य नदियों
में लम्बित जल विद्युत परियोजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित विषयों पर भी
विचाार रखे। मुख्यमंत्री ने राज्य में लम्बित जल विद्युत परियोजनाओं को
आरम्भ किये जाने की भी अपेक्षा की। उन्होंने राज्य की विपरीत भौगोलिक
स्थिति तथा वनावरण की अधिकता के कारण सीमित संसाधनों के दृष्टिगत
उत्तराखण्ड को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पर्यावरण के
अनुकूल परियोजनाओं को पुनः प्रारम्भ किया जाना राज्यहित में जरूरी बताया।
हम छोटी-छोटी जलविद्युत परियोजनाओं के जरिए अपनी विद्युत क्षमता को बढ़ाने
का निरन्तर प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य की प्रचुर
वन सम्पदा के संरक्षण हेतु वनाग्नि की घटनाओं रोकने के लिये किये जा रहे
प्रयासों की भी जानकारी भी बैठक के दौरान रखी।
इसके साथ ही बैठक
में मुख्यमंत्री द्वारा केदारनाथ पुनर्निमाण के अन्तर्गत किये जा रहे
कार्यों, चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन, मसूरी देहरादून,
गौरीकुण्ड, केदारनाथ व घाघरिया हेमकुण्ड रोपवे निर्माण, पेयजल,
साॅलिडवेस्ट मैनेजमेंट, नमामि गंगे, राज्य खाद्य योजना, मुद्रा योजना,
उज्ज्वला व उज्ज्वला प्लस, उजाला, सौभाग्य, स्मार्ट सिटि मिशन,
प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना, हेल्थ इंडेक्स व स्वास्थ्य से जुडी
योजनाओं, बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, जनधन योजना, सिंचाई व बाढ़ नियन्त्रण, लेबर
रिफाॅर्म, वृक्षारोपण, साॅयल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना,
सिटि गैस डिस्ट्रिब्यूशन, मेगा फूड पार्क आदि से संबंधित प्रगति की जानकारी
भी उपलब्ध कराई गई।
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