हरिद्वार;
ऋषिकुल हरिद्वार में नालों पर अतिक्रमण के कारण रात 02 बजे अचानक घरों में पानी और कीचड़ घुस गया। पानी का स्तर इतना अधिक बढ़ गया कि सोफे , बेड,रसोईघर, वाशिंग मशीन, और घर का अन्य समान पानी में डूब गया।
अपनी और बच्चों की जान बचाने के लिए लोग रात को ही ऊपर की मंजिलों की और दौड़े।
भुक्त भोगी मकान मालिकों ने बताया कि रात 2 बजे अचानक कमरों में पानी आ जाते ही , हड़कम्प मच गया और दहशत हो गयी। एक बुजुर्ग महिला जो रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण सीढ़िया नही चढ़ पाती थी,उनको बड़ी मुश्किल से ऊपर के कमरों में ले जाया गया।
कुछ बीमार लोग भी परेशान हो गए और बच्चों की तो हालत खराब हो गयी।
एक महिला रश्मि कश्यप ,जिनका मकान भी गन्दे और कीचड़ दुर्गंधयुक्त पानी से भर गया है उन्होंने बताया कि यदि यही पानी आधा घंटा और रुक जाता तो हमारे मकान गिर जाते और ये सोचकर सिहरन हो जाती है कि परिवार का क्या होता?
लगभग 2 घंटे बाद पानी उतरने के बाद आप देख पाएंगे कि घर मे कीड़े और बिच्छू चल रहे है। कीचड़ और गंदगी भर गई है। तमाम जरूरत का सामान खराब हो गया है।
उनका कहना है कि ऋषिकुल के इस नाले से बचाव के लिए नाले और मकानों के बीच एक मोटी दीवार उठाई गई थी, जिसे तोड़कर कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है।
जिन लोगों के मकानो में पानी अचानक घुस आया उन्होंने इस बारे में कई बार प्रशासन को अवगत कराया यहां तक कि विधायक तक भी अपनी बात रखी। परंतु कोई सुनवाई नही हुई। एकतरफा बात को समझने के कारण आज ये आफत आखिर आ ही गयी।
इसके बाद भी समाधान पोर्टल पर भी इसकी शिकायत की गई परंतु , उस पर भी शासन प्रशासन मौन रहा।
अतिक्रमण को लेकर माननीय उच्च न्यायालय के सख्त आदेश है, है और प्रदूषण को लेकर एन जी टी भी सख्त है तो हरिद्वार शहर में ऐसी घटना का घटित होना वो भी शहरी विकास मंत्री के क्षेत्र में सवालिया निशान तो खड़े करता ही है। कि आखिर समय रहते और बरसात से पहले नालों को अतिक्रमण मुक्त क्यो। नही कराया गया।
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