महिलाओं खासकर
किशोरियों में मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं तथा उनसे बचाव के तरीके पर
जागरूकता फ़ैलाने के लिए व्योमिनी संस्था तथा फ्रेंड्स ऑफ़ हिमालय ने मिलकर गुरुराम
नर्सिंग कॉलेज के नर्सिंग के छात्र - छात्राओं
के लिए कार्यशाला का आयोजन किया।
इस कार्यशाला में स्वयंसिद्धा
ग्रुप से जुडी एकल महिलाओं ने मास्टर ट्रेनर के रूप में हिस्सा लिया। इस कार्यशाला
के दौरान छात्र- छात्राओं को महिलाओं में
मासिक धर्म अर्थात ऋतू चक्र के बारे में छोटी छोटी डॉक्यूमेंटरीज के माध्यम से
जानकारी दी गई तथा ये भी बताया गया कि इस दौरान साफ़ सफाई का क्या महत्व है।
व्योमिनी संस्था की डायरेक्टर प्राची कौशिक ने इस विषय पर विस्तार से छात्र
छात्राओं के बीच अपने विचार रखे तथा उनके प्रश्नो का जबाब दे कर उनकी जिज्ञाशा
शांत की।
महिलाओं में
मासिक धर्म अर्थात ऋतू चक्र एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। ये सिर्फ सामान्य प्रक्रिया नहीं है बल्कि
प्रजनन के लिए अतिआवश्यक भी है। अफ़सोस की
बात है कि एक नितांत प्राकृतिक प्रकिया को धर्म और संस्कृति का अमली जामा पहनाकर,
उसे बहुत जटिल, और अस्वास्थ्यकर बना दिया गया है, जिस कारण लाखों महिलावों
और विशेषकर किशोरियों को अनेक प्रजनन सम्बंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता
है।
व्योमिनी संस्था
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार तथा अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ
मिलकर इस दिशा में जनजागरूकता के साथ सस्ते (अफोर्डेबल) सैनेटरी नैपकिन भी उपलब्ध
करवा रही है। कार्यशाला को फ्रेंड्स ऑफ़
हिमालय की तरफ से हेमलता नैथानी, रविंद्र नेगी तथा
व्योमिनी संस्था की तरफ से कोमल कौशिक ने भी सम्बोधित किया । इस कार्यशाला में 100 छात्र- छात्राओं ने हिस्सा लिया।
व्योमिनी संस्था
और फ्रेंड्स ऑफ़ हिमालय द्वारा गठित एकल महिलाओं के समूह स्वयंसिद्धा ने मिलकर
उत्तराखंड में इस मुद्दे पर व्यापक जनजागरण करने के लिए एक सहमति पत्र पर
हस्ताक्षर भी किये। भविष्य में दोनों
संस्थाएं मिलकर स्थानीय उत्पादों से सस्ते और पर्यावरण हितेषी सैनेटरी नैपकिन
बनाने की प्रक्रिया पर कार्य करेंगे।
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