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हार्पिक-बनेगा स्वच्छ इण्डिया, वल्र्ड टाॅयलेट आर्गेनाईजेशन, पहल और ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस परमार्थ निकेतन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित

ऋषिकेश;

हार्पिक-बनेगा स्वच्छ इण्डिया, वल्र्ड टाॅयलेट आर्गेनाईजेशन, जागरण पहल और ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस परमार्थ निकेतन के संयुक्त तत्वाधान में औरंगाबाद, महाराष्ट्र में विश्व शौचालय काॅलेज का शुभारम्भ हुआ।
यह अपने आप में उत्कृट और ऐतिहासिक पहल है। शौचालय निर्माण को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लाल किले की प्राचीर से सबसे अधिक प्रमुखता प्रदान की तथा यह घोषणा की थी कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2 अक्टूबर, 2019 तक भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाने का लक्ष्य है, इस लक्ष्य को प्राप्त करने में इस तरह के योगदान महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगे।
औरंगाबाद में विश्व शौचालय काॅलेज के उद्घाटन समारोह के प्रमुख अतिथि परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती, वल्र्ड टाॅयलेट आर्गेनाईजेशन के प्रमुख जैक सिम, एस व्ही पी एंड मैनेजिंग डायरेक्टर आर. बी. (रेकिट बेनकीसर) हाइजीन श्री नरसिम्हन, श्री एस. एन. (गुड्डे) शर्मा, रवि भटनागर आर.बी. और मेयर औरंगाबाद ने दीप प्रज्जवलित कर किया। तत्पश्चात भारत के अभूतपूर्व पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को भावभीनी मौन श्रद्धाजंलि अर्पित की।
भारत का पहला विश्व शौचालय काॅलेज परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में है, जहां पर उत्तराखण्ड, राजस्थान, बिहार सहित अन्य राज्यों के इंजीनियर, अनेक सामाजिक संगठन, अशिक्षित व अल्पशिक्षित महिला संगठन, स्कूली छात्रों को प्रशिक्षित किया जाता है साथ ही उन्हें शौचालय निर्माण एवं रखरखाव का भी प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे अपने लिये स्वयं शौचालय का निर्माण कर सके।
यहां से प्रशिक्षित महिलाओं ने अपने-अपने क्षेत्र में व्यवसायिक स्तर पर भी शौचालय का निर्माण किया है तथा वे आत्मविश्वास के साथ दूसरों को भी प्रशिक्षित कर रही है।
विश्व शौचालय काॅलेज स्वच्छता के मापदण्डों के साथ साथ लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की एक प्रयोगशाला है जहां पर शौचालय निर्माण के साथ-साथ शौचालय में स्वच्छता की गुणवत्त प्रदान करना, शौचालय के रखरखाव के तरीकों को समझना, शौचालय को प्रतिदिन स्वच्छ करना, शौचालय की सफाई एवं विशिष्ठ सफाई करना, शौचालय में जोड़ांे, लीकेज, दर्पण आदि की मरम्मत करना, जन स्वास्थ सुरक्षा के मद्देनजर शौचालय को स्वच्छ, साफ सुथरा एवं दुर्गन्धयुक्त स्थिति में रखने के लिये सफाई के उचित एवं प्रभावकारी तरीके लागू करना आदि प्रशिक्षण अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों द्वारा दिया जाता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि ’’देवालय हमारी सोच को दिशा देते है और शौचालय हमारे स्वास्थ्य की दिशा परिवर्तित करते है। शौचालय है जहां स्वस्थ परिवार है वहां इसलिये स्वच्छ शौचालय अति आवश्यक है। शौचालय, ऊर्जा का स्रोत बने, इसके उपयोग से हम धरती और जल को प्रदूषित होने से बचा सकते है। शौचालय को ऊर्जा में, खाद में, ईंधन के रूप में, गैस में परिवर्तित किया जा सकता है और अन्य कई तरीकों से उपयोग में लाया जा सकता है। स्वामी जी ने कहा कि इस धरती पर कोई भी चीज बेकार नहीं है शौचालय से निकला मल प्रकृति को बल प्रदान कर सकता है इसके लिये जरूरत है तो केवल क्रियान्वयन की। अगर शौच के तरीकों को बदल दिया जाये तो सब कुछ बदला जा सकता है। स्वामी जी ने कहा कि अब समाज के लोगों का अपनी धरती, आकाश, जल, नदियों, वायु और पर्यावरण के प्रति जागरण का समय है क्योंकि वर्षा के दिनों में कूडा, कचरा और खुले में किया हुआ शौच सब गंगा सहित अन्य नदियों में जाता है, हम उन्हीे नदियों का आचमन लेते है और गंगा तो हमारी आस्था का प्रतीक है, चलता फिरता मन्दिर है अतः कैसे हम उसकी उपेक्षा कर सकते है अतः सबसे यही उपेक्षा है कि भारत को खुले में शौच से मुक्त करे।’’
स्वामी जी ने कहा कि अभी हमने राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस को मनाया परन्तु अभी भारत माता को एक और स्वतंत्रता की जरूरत है वह है ’’भारत भूमि को खुले में शौच से मुक्त करना।’’ महाराष्ट्र राज्य इस दिशा में अद्भुत कार्य कर रहा है स्वामी जी महाराज ने भारत के यशस्वी एवं ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस को साधुवाद दिया और अभिनन्दन किया कि वे सफाई और सच्चाई के साथ देश को आगे बढा़ रहे है।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि हम सफाई जैसा उत्तम कार्य करने वाले सफाईकर्ता भाई-बहनों को सामान तो देते है परन्तु सम्मान नहीं देते, अब समय आ गया है हम उन्हें सामान भी दे और सम्मान भी दे। जो सफाई करने वाले सेवक है उनकों भी कई बार सफाई करते हुये बीमारियों का शिकार होना पड़ता है अतः वे किस प्रकार स्वच्छता रखते हुये स्वस्थ रह सके इसका प्रशिक्षण भी विश्व शौचालय काॅलेज के दिया जायेंगा।
इस उद्घाटन समारोह में उपस्थित सभी सफाईकर्ता भाई-बहनों से स्वामी जी महाराज खुले हृदय के साथ स्नेह, प्यार, सम्मान और अपनेपन के साथ मिले तथा कहा कि इन्हें सामान के साथ सम्मान भी दे।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि आर बी और जागरण पहल का यह बहुत ही सुन्दर अभियान है परन्तु इसके विलक्षण परिणाम हमें तभी प्राप्त हो सकते है जब जीवन में जागरण होगा; जागरूकता होगी इसके लिये पहले हमें अपने आप को बदलना होगा, अपनी आदतों को बदलना होगा ’’ बदलेगी आदतें हो बदलेगा इण्डिया।’’
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि मानव के अस्तित्व के लिये मानव का प्रकृति के साथ संबंध होना नितांत आवश्यक है। मानव सभ्यता के काल से जीवन इतना जटिल नहीं था जितना आज है आहिस्ता आहिस्ता हमने प्रकृति के खजाने को नष्ट किया उसे प्रदूषित कर दिया आज वही प्रदूषण हमें जल, वायु प्रदूषण तथा मृृृदा में उपस्थित ई-कोलाइ के रूप में हमारे ही जीवन को नष्ट कर रहा है। वास्तव के ई-कोलाइ संक्रमण खुले में शौच वाले स्थान पर उगायी जाने वाली फल और सब्जियों के साथ मनुष्य तक पहुंचता है और अनेक बीमारियों को जन्म देता है। अतः हमारे स्वास्थ्य की चाबी हमारे ही हाथों में है हम जिस दिन निश्चय कर लेगे उस दिन स्वच्छ भारत मिशन सफल हो  जायेगा और बीमारियां भी घट जायेंगी। आईये शौचालय को अपनाये और बीमारियों को दूर भगायें।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने सभी देशवासियों से आह्वान किया कि वे शौचालय का प्रयोग करे और भारत माता को खुले में शौच से मुक्त करे।
स्वामी ने सभी को पर्यावरण के अनुकूल जीवन जीने का संकल्प कराया सभी ने हाथ उठाकर संकल्प लिया। इस अवसर पर स्वामिनी आदित्यनन्दा सरस्वती जी एवं अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित  थे।

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