इंडियन
स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, अर्थात इसरो पोलर सैटेलाइट लॉन्च वाहन और छोटे
सैटेलाइट लॉन्च वाहनों के निजी उद्योगों के उत्पादन को आउटसोर्स करेगा।भारतीय
अंतरिक्ष एजेंसी अध्यक्ष ने बेंगलुरू में मीडिया को सूचना दी कि निजी उद्योग क्षमता निर्माण में एक प्रमुख भूमिका
निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि इसरो बाहरी अंतरिक्ष के लिए भारत के पहले मानव मिशन, गगनयान पर ध्यान केंद्रित करेगा।
जब भारत अपना 75 वें स्वतंत्रता दिवस मनाएगा तब के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्य के लिए 2022 का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इसरो
चीफ ने कहा कि मिशन के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण तकनीक पहले ही विकसित हो
चुकी है और एक नई परियोजना टीम और प्रबंधन संरचना बनाने की प्रक्रिया चल
रही है।
उन्होंने बताया कि एक क्रू मॉड्यूल और एक सेवा मॉड्यूल से युक्त कक्षीय मॉड्यूल को
तीन अंतरिक्ष यात्रियों को सात दिनों तक पृथ्वी के चारों ओर 400 किलोमीटर
कक्षा में ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।अध्यक्ष श्री शिवान ने कहा कि भारतीय वायु सेना छह लोगों की पहचान करेगी जिन्हें अंतरिक्ष यात्री होने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है। देश
के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा और विदेशी अंतरिक्ष एजेंसियों की
सहायता से अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण की मांग की जाएगी।अध्यक्ष ने यह भी बताया कि भविष्य के लॉन्च के लिए पुन:
प्रयोज्य लॉन्च वाहन की दूसरी प्रदर्शन उड़ान अगले वर्ष के मध्य में आयोजित किया जाएगा।इसरो वर्ष 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को
अंतरिक्ष में भेजने के भारी कार्य को पूरा करने के अलावा चंद्रयान 2 पर भी
काम कर रहा है। इसलिए इसरो बुनियादी ढांचे की क्षमता निर्माण के लिए
उद्योग भागीदारी की मांग कर रहा है।
उद्योग
के साथ इसरो की साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए 6 सितंबर से 8 सितंबर तक
बेंगलुरु में द्विवार्षिक अंतरिक्ष प्रदर्शनी का छठा संस्करण आयोजित किया
जाएगा। 100
से अधिक प्रदर्शकों, 56 वक्ताओं, 600 प्रतिनिधियों और फ्रंटलाइन वैश्विक
अंतरिक्ष एजेंसियों के प्रतिभागी इस कार्यक्रम के लिए अभिसरण करेंगे। इसरो द्वारा गगनयान परियोजना पर एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा।
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