नरेंद्र नगर:
वाचस्पति रयाल
एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट व महामंत्री बीरेन्द्रसिंह गुसांई ने निदेशालय स्तर पर कार्मिकों के प्रकरणों को लंबे समय से लटकाए जाने पर आक्रोश जताते हुए कहा कि यदि प्रकरणों को विभाग यूं ही उलझाए रखने में दिलचस्पी लेता रहा तो इससे न सिर्फ कार्मिकों के काम करने की गतिशीलता पर कुप्रभाव पड़ेगा बल्कि मजबूरी में संभावित आंदोलन से समूचे विभाग की किरकिरी भी होगी।
नेता द्वय ने कहा कि यदि निदेशालय स्तर पर कार्मिकों के लंबित प्रकरणों को निपटाने की त्वरित कार्रवाई ना हुई तो संगठन को मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बिष्ट व महामंत्री गुसाई ने एक साझा बयान में कहा कि प्रधान सहायक से प्रशासनिक अधिकारी के पदों पर बिना काउंसलिंग के हुई पदोन्नति के कारण कई खामियां उजागर हुई हैं, जिसके कारण पदोन्नत हुए प्रशासनिक अधिकारी पदोन्नत हुए स्थलों पर अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाए हैं, इसकी सारी जिम्मेदारी विभाग की है क्योंकि पदोन्नत से पूर्व काउंसलिंग नहीं की गई है। संगठन ने मांग की है कि विभाग द्वारा पैदा की गई विसंगतियों के कारण पदोन्नत हुए प्रधान सहायकों को समय वृद्धि एवं संशोधन हेतु समय दिया जाए, तथा उनके प्रोन्नति के आदेश संशोधित किए जाएं।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष व महामंत्री ने कहा कि पदोन्नतियां पदोन्नतियां वर्गीय क्रमबद्ध तरीके से न करके विभाग ने तानाशाही रवैया अपना कर करते हुए समस्याओं का अंबार खड़ा किया है, जिसका घोर विरोध किया जाएगा।
उन्होंने विभाग को सलाह दी कि प्रदेश में विभागीय विभिन्न वर्गों में लगभग 500 रिक्त पदों पर प्रोन्नति की जानी है , अत: पदोन्नति के यह जरूरी है कि कनिष्ठ सहायक से वरिष्ठ सहायक, वरिष्ठ सहायक से प्रधान सहायक व प्रधान सहायक से प्रशासनिक अधिकारी कीप पदोन्नतियों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया अपनाई जानी नितांत आवश्यक है कहा कि यदि ऐसा ना हुआ तो संगठन प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए विवश होगा।
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