नरेंद्र नगर:
वाचस्पति रयाल
14 जून,2018 की शाम को हुई मूसलाधार बारिश ने पट्टी दोगी में कहर दिया ,जिस कारण क्षेत्र में भारी तबाही हुई है। तब से अब तक इस क्षेत्र में दूर संचार व्यवस्था तो ठप्प पड़ी ही है, बल्कि ग्रामीण रात्रि में अंधेरे में रात काटने को मजबूर हैं।
सात दिन पहले मंजियाडी़ ग्राम पंचायत में बादल फटने से तिमली टोलकी नामें तोंक से सेंमांद नामें तोंक तक लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबे 12 से 20 मीटर चौड़े क्षेत्र में मलवा आने से लोगों के खेत धराशायी हो गए और खेत में उगी फसल मलबे की भेंट चढ़ गई। गनीमत यह रही कि दिन होने से जान माल का खतरा नहीं हुआ। बादल फटने की आवाज सुनते ही लोग घरों से बाहर निकले और वे सुरक्षित ठिकानों की ओर दौड़ पड़े।
भारी मात्रा में मलवा आने से जबरदस्त भूमि कटाव हुआ ग्रामीणों के लगभग 40 से 50 खेत मलबे की भेंट चढ़ गए और फसलें बर्बाद हो गई, मलवा कईयों के चौक और घरों में जा घुसा, काश्तकारों की धान की पौध, अरबी की फसल, मक्की के लह-लहाते खेत मलबे की भेंट चढ़ गये। बिजली के चार पोल धराशाई हो गए जिनमें दो का कोई अता पता ही नहीं है, भूमि कटाव होने से बड़ी संख्या में खेत बह गए, बेसिक पाठशाला मंज्याडी़ का चौक, सुंदर सिंह व जगबीर सिंह के 03 शौचालय ध्वस्त हो गए ।
गांव के सामाजिक कार्यकर्ता कुंवर सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रेम सिंह, गुलाब सिंह, जगबीर सिंह के घरों में पानी घुस गया। दयाल सिंह, शूरवीर सिंह, चंदन सिंह नकटू सिंह सरुप सिंह ,कमल सिंह, शूरबीर सिंह, पूर्ण सिंह, उत्तम सिंह, छोटा सिंह, राजेंद्र सिंह, कमल सिंह आदि लोगों के कम से कम 50 से अधिक खेत ध्वस्त हो गए।
सात दिन पहले मंजियाडी़ ग्राम पंचायत में बादल फटने से तिमली टोलकी नामें तोंक से सेंमांद नामें तोंक तक लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबे 12 से 20 मीटर चौड़े क्षेत्र में मलवा आने से लोगों के खेत धराशायी हो गए और खेत में उगी फसल मलबे की भेंट चढ़ गई। गनीमत यह रही कि दिन होने से जान माल का खतरा नहीं हुआ। बादल फटने की आवाज सुनते ही लोग घरों से बाहर निकले और वे सुरक्षित ठिकानों की ओर दौड़ पड़े।
भारी मात्रा में मलवा आने से जबरदस्त भूमि कटाव हुआ ग्रामीणों के लगभग 40 से 50 खेत मलबे की भेंट चढ़ गए और फसलें बर्बाद हो गई, मलवा कईयों के चौक और घरों में जा घुसा, काश्तकारों की धान की पौध, अरबी की फसल, मक्की के लह-लहाते खेत मलबे की भेंट चढ़ गये। बिजली के चार पोल धराशाई हो गए जिनमें दो का कोई अता पता ही नहीं है, भूमि कटाव होने से बड़ी संख्या में खेत बह गए, बेसिक पाठशाला मंज्याडी़ का चौक, सुंदर सिंह व जगबीर सिंह के 03 शौचालय ध्वस्त हो गए ।
गांव के सामाजिक कार्यकर्ता कुंवर सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रेम सिंह, गुलाब सिंह, जगबीर सिंह के घरों में पानी घुस गया। दयाल सिंह, शूरवीर सिंह, चंदन सिंह नकटू सिंह सरुप सिंह ,कमल सिंह, शूरबीर सिंह, पूर्ण सिंह, उत्तम सिंह, छोटा सिंह, राजेंद्र सिंह, कमल सिंह आदि लोगों के कम से कम 50 से अधिक खेत ध्वस्त हो गए।
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