रुद्रप्रयाग :
भूपेंद्र भंडारी
उत्तर भारत में स्थित एक मात्र मंदिर भगवान कार्तिकेय की ऐतिहासिक जल कलश यात्रा का आयोजन कल बड़े धूम धाम से किया गया । दुर्गम चढ़ाई व पथरीले रास्तों से होते हुए 51 जल कलशों के द्वारा भगवान का महाभिषेक किया गया और इस पल के गवाह बने हजारों श्रद्वालु।
भूपेंद्र भंडारी
उत्तर भारत में स्थित एक मात्र मंदिर भगवान कार्तिकेय की ऐतिहासिक जल कलश यात्रा का आयोजन कल बड़े धूम धाम से किया गया । दुर्गम चढ़ाई व पथरीले रास्तों से होते हुए 51 जल कलशों के द्वारा भगवान का महाभिषेक किया गया और इस पल के गवाह बने हजारों श्रद्वालु।
जनपद के क्रोंच पर्वत स्थित
भगवान कार्तिकेय की हर वर्ष जून माह में विशाल जल कलश यात्रा का आयोजन
किया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव व माता पार्वती से रुष्ठ होकर व
कैलाश पर अपने मांसल शरीर को छोडकर भगवान कार्तिकेय क्रोंच पर्वत पर हडियों के
रुप में आये ।
देवाशुर संग्राम के दौरान राक्षस राज ताडकासुर का उन्होने यहां पर संहारकिया। व कई असुरों का नाश किया। तब से भगवान यहां पर हडडी के ढांचे के रुप में स्थापित हैं। आज यहां पर विशाल जल कलश यात्रा का आयेाजन किया गया। हजारों की तादाद में मौजूद श्रद्वालुओं की मौजूदगी में जैसे ही यात्रा मंदिर में पहुची तो जयकारों से पूरा मंदिर गूंज उठा। आज पूर्णाहुति के बाद महायज्ञ का समापन्न होगा।
देवाशुर संग्राम के दौरान राक्षस राज ताडकासुर का उन्होने यहां पर संहारकिया। व कई असुरों का नाश किया। तब से भगवान यहां पर हडडी के ढांचे के रुप में स्थापित हैं। आज यहां पर विशाल जल कलश यात्रा का आयेाजन किया गया। हजारों की तादाद में मौजूद श्रद्वालुओं की मौजूदगी में जैसे ही यात्रा मंदिर में पहुची तो जयकारों से पूरा मंदिर गूंज उठा। आज पूर्णाहुति के बाद महायज्ञ का समापन्न होगा।
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