रुद्रप्रयाग :
भूपेंद्र भंडारी
अवैध अतिक्रमण के नाम पर रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में फिर से सरकारी डण्डा चल पडा है। इस बार भी सिर्फ निशाने पर हैं महज फेरी, फड व छोटे ब्यापारी। हर बार सरकारी कायदे कानूनों के जरिये बेरोजगारों को ही फिर से बेरोजगार बनाया जाता है और बडे पैमाने पर हो रहे सरकारी अतिक्रमण की और किसी का ध्यान नहीं जा रहा है ऐसे में प्रशासन की दोगली कार्यवाही से जनता परेशान है।
भूपेंद्र भंडारी
अवैध अतिक्रमण के नाम पर रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में फिर से सरकारी डण्डा चल पडा है। इस बार भी सिर्फ निशाने पर हैं महज फेरी, फड व छोटे ब्यापारी। हर बार सरकारी कायदे कानूनों के जरिये बेरोजगारों को ही फिर से बेरोजगार बनाया जाता है और बडे पैमाने पर हो रहे सरकारी अतिक्रमण की और किसी का ध्यान नहीं जा रहा है ऐसे में प्रशासन की दोगली कार्यवाही से जनता परेशान है।
हाईकोर्ट के निर्देशों पर जिला प्रशासन पुलिस व नगर पालिका तो हरकत में है
और अवैध अतिक्रमण को लेकर ताबडतोड अभियान भी चलाये जा रहे हैं पर यह
कार्यवाही सिंर्फ छोटे ब्यापारियों पर ही क्यों ? यह सवाल आज भी खडा है।
नगर
में पालिका द्वारा अनेक जगहों पर अवैध अतिक्रमण किये जा रहे हैं जिससे
यातायात संचालन में भी कई बार दिक्कतें आ रही हैं।
नगर पालिका है कि उसे
अपना अतिक्रमण दिखता ही नहीं है। नये बस अड्डे पर तो पालिका ने हद ही कर दी
है। यहां पार्किंग स्थल में निर्माण कार्य जारी हैं तो वाहनों के खडे होने
के स्थान पर तमाम अप्रयोज्य सामाग्री के ढेर लगाये गये हैं।
अवैध अतिक्रमण को लेकर सरकार ,सख्त रुख अपना रही है। 21 हजार पांच सौ रुपये का अर्थदण्ड वसूला गया और 13 व्यापारियों को अतिक्रमण हटाने के नोटिस दिए गए,जिसके लिए एक सप्ताह का दिया समय दिया गया
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का भी कहना है कि प्रथम चरण में यातायात संचालन के लिए नालियों
के उपर हो रखे अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। और शीघ्र ही आॅल वेदर रोड
कटिंग के जरिये स्थाई अतिक्रमण को भी हटा दिया जायेगा। पालिका के द्वारा
किये जा रहे अतिक्रमण को भी जिलाधिकारी यह कह कर टाल गये कि दूसरे चरण में
पालिका के अतिक्रमण को देखा जायेगा।
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