रुद्रप्रयाग;
भूपेंद्र भंड़ारी
40 वीं असम राइफल के वीर हवलदार शहीद फते
सिंह को आज सैन्य सम्मान के साथ नम आंखों से अंतिम विदाई दे गयी है। आज सुबह शहीद का शव आज उनके पैतृक गांव बाडव पहुंचा जहां सैकडों की संख्या में मोजूद स्थानीय लोगों ने नम आंखों से शव को घर तक पहुचाया। घर पर चारों तरफ रोने की आवाजें ही सुनाई दी और किसी तरह शहीद की अंतिम यात्रा को चन्द्रापुरी पहुंचाया गया जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद की अन्त्येष्ठि की गई।
एक सप्ताह के भीतर ही जिले के दो बीर सपूतों के शहीद होने से पूरा जनपद सदमें में है। कविल्ठा गांव निवाशी शहीद मानवेन्द्र की चिता की आग अभी ठण्डी ही नहीं हुई थी कि बाडव गांव निवासी फते सिंह की शहादत से पूरे जिले में शोक की लहर है। आज जैसे ही शहीद का शव उनके गांव पहुचा तो चारों तरफ किलकारियों के अलावा कुछ भी नहीं था। शहीद के बेटे राविन सिंह ने कहा कि अपने पिता की शहादत पर उसे गर्व है परंतु बेवजह जवानी की मौत को रोकने के उपाय सरकार को करने चाहिए। फते सिंह के बडे भाई ने रुहँसे लफ़्ज़ों में कहा कि मेरे भाई ने जो कहा वो कर दिखाया , देश पर जान न्योछावर कर दी।
स्थानीय लोगों के साथ ही प्रशासन को भी फक्र है कि उनका बेटा देश के काम आया और देश के लिए अपनी शहादत दी। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह से शहीद के परिवार के साथ है और जो भी मदद होगी वह समय पर पूरी की जाएगी।
विधायक मनोज रावत ने केन्द्र सरकार पर आरोप भी लगाये और कहा कि एक सप्ताह में उनकी विधान सभा में दो शहादतें हो चुकी हैं जो कि दुर्भग्यपूर्ण है। सरकार को कडे निर्णय लेने चाहिए।
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