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गंगा और हिमालय पर्यावरण अभियान सारे विश्व की आवश्यकता: ‘निशंक’

हिमालय, गंगा और पर्यावरण संरक्षण के लिए यूक्रेन की धरती पर उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को सम्मानित किया गया। यूक्रेन की राजधानी कीव में गत दिवस हिमालय योग फॉन्डेशन ऑफ यूक्रेन द्वारा हिमालय एवं गंगा के पर्यावरण संरक्षण तथा संवर्धन के लिए समर्पित अभियान ‘स्पर्श गंगा’ के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर भारतीय सांस्कृतिक केंद्र के
निदेशक कुमार आनंद ने कहा कि डॉ0 निशंक द्वारा हिमालय और गंगा संरक्षण हेतु किये जा रहे प्रयास युवा पीढ़ी  के लिए प्रेरणा का विषय है।
सम्मान ग्रहण करते हुए डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’के लिए   हिमालय योग की फॉन्डेशन की अध्यक्ष माता सती ने कहा कि राजनीति और साहित्य के साथ-साथ डॉ0 निशंक द्वारा चलाया जा रहा गंगा और हिमालय के लिए पर्यावरण अभियान आज सारे विश्व की आवश्यकता बन गया है, इसको समझते  हुए प्रकृति से बेहतर समन्वय बनाना होगा।
यूक्रेन में भारतीय राजदूत मनोज भारती ने कहा कि भारत के उत्तराखण्ड हिमालय से निकल कर आई पर्यावरण संरक्षण की यह बयार सारे विश्वमानव के कल्याणार्थ है, जिसका समर्थन किया जाना चाहिए।
डॉ0 निशंक ने अपने संबोधन में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान वस्तुतः हर उस व्यक्ति का सम्मान है जो हिमालय से प्रेम करता है और प्रकृति को अपनी माँ समझते  है।

इस अवसर पर डॉ0 निशंक की पुस्तक ‘सफलता के अचूक मंत्र’ के रूसी अनुवाद का विमोचन भी किया गा। यूक्रेन सोलर के अध्यक्ष अनातोली क्रावतसोव ने कहा कि इस पुस्तक का प्रसार न केवल यूक्रेन अपितु सोवियत विघटन से बने सभी देशों में किया जाएगा।
इस अवसर पर भारतीय दूतावास, भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र, यूक्रेन योग फॉन्डेशन के कर्मियों कार्यकर्ताओं सहित अनेकों सामाजिक संस्थाओं के लोग उपस्थित थे।

वियना : 

  अपने यूरोपिय यात्रा के दूसरे चरण में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं संसदीय समिति के अध्यक्ष , हरिद्वार से सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ऑस्ट्रिया की राजधानी पहुंचे । वियना में डॉ निशंक  की बहुचर्चित पुस्तक "विश्व धरोहर गंगा" के अंग्रेजी अनुवाद का विमोचन किया गया । इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधित्व कर रहे श्री मयंक शर्मा, विश्व परमाणु ऊर्जा संस्था के डॉ अंसारी,  वियना कि हिंदू मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री आहूजा के अतिरिक्त स्थानीय समुदाय के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे । डॉ निशंक ने इस अवसर पर उद्योग जगत से जुड़े लोगों से मुलाकात की

। इस अवसर पर डॉ निशंक ने मौसम परिवर्तन और हिमालय विषय पर व्याख्यान भी दिया । डॉ निशंक ने इस बात को रेखांकित किया कि हाल में ही विश्व आर्थिक फोरम की बैठक में प्रधानमंत्री जी द्वारा विश्व समुदाय के समक्ष मौसम परिवर्तन को सबसे बड़ी चुनौती बताया गया है । उन्होंने कहा कि विश्व में जल संरक्षण की आवश्यकता पहले से अधिक महसूस की जा रही है। 

हिमालय और अन्य वैश्विक हिमनदों पर विपरीत प्रभाव पड़ने से हम एक गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं । डॉ निशंक ने कहा कि आज की आवश्यकता है कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करें । हम जितना प्रकृति से समन्वय स्थापित करेंगे उतना ही हमारा जीवन सुखमय और समृद्ध होगा । उन्होंने यूरोपीय देशों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में उठाए जा रहे कदमों की सराहना की और कहा कि विकास और पर्यावरण की रक्षा का समन्वय स्थापित करने के लिए विश्वव्यापी कदम उठाए जाने चाहिए । इससे पूर्व डॉ निशंक का  वियना में स्वागत करते हुए श्री मयंक शर्मा ने कहा कि उनके कृतित्व से उनके सामाजिक हित से जुड़े अभियानों से पूरा विश्व परिचित है । उन्होंने डॉक्टर निशंक को स्पर्श गंगा, आशीर्वाद रोजगार योजना, संवेदना जैसी जनहित कार्यक्रमों के लिए बधाई दी ।

 

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