आरबीआई
के क्षेत्रीय निदेशक श्री सुब्रत दास ने इस पर आपत्ति जताते हुए बताया है
कि आरबीआई द्वारा इस तरह की कोई अपील जारी नहीं की गई है।
देहरादून:
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई रेलवे लाइन की प्रगति समीक्षा ली प्रधानमंत्री ने
बुधवार
को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री
नरेंद्र मोदी ने प्रगति(प्रो एक्टिव गवर्नेन्स एंड टाइमली इम्पलीमेंटेशन)
में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई रेलवे लाइन के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने
भूमि अधिग्रहण, फारेस्ट क्लीयरेंस आदि औपचारिकताओं को तेजी से पूरा करने के
लिए मुख्य सचिव की सराहना की। इस परियोजना से तीर्थयात्री कम समय में
आसानी से यात्रा कर सकेंगे। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में कुटीर उद्योग और
अन्य लघु उद्योग भी विकसित होंगे। लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
मुख्य
सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि 16216 करोड़
रुपये की लागत से बनने वाली इस रेलवे लाइन के पहले पैकेज का कार्य शुरू हो
गया है। पहले चरण में 5.7 किलोमीटर वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश रेलवे लाइन विकसित
किया जा रहा है। यार्ड, अंडर ब्रिज रोड, ओवर ब्रिज रोड और चंद्रभागा नदी पर
पुल बनाने का कार्य चल रहा है। दिसंबर 2018 तक यह कार्य पूर्ण हो जाएगा।
मुख्य सचिव ने बताया कि परियोजना के लिए 790 हैक्टर भूमि की आवश्यकता है।
इसमें 16 पुल, 17 सुरंग, 12 रेलवे स्टेशन बनने हैं। टनल के 7 पैकेज के लिए
जिओ टेक्निकल परीक्षण का कार्य चल रहा है। 125 किलोमीटर रेल लाइन में 105
किलोमीटर लाइन सुरंग में होगी।
प्रधानमंत्री
ने सभी मुख्य सचिवों से एसएलबीसी की बैठकों भीम एप, रुपे कार्ड के लिए
लक्ष्य निर्धारित करने के लिए कहा। उन्होंने वेलनेस सेन्टर, सौभाग्य योजना
पर भी तेजी लाने के निर्देश दिए।
इस
दौरान अपर मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, श्री रणवीर सिंह, सचिव वन श्री
अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिव श्री आर.मीनाक्षी सुन्दरम, रेल विकास निगम के
परियोजना निदेशक श्री हिमांशु बडोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
देहरादून
जल संरक्षण व जल स्रोतों के विकास के लिये जिलाधिकारियों को उपलब्ध करायी जायेगी 50-50 लाख की धनराशि
मुख्यमंत्री
श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग
के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से आगामी बरसात में जनपद स्तर पर सघन
वृक्षारोपण एवं जल संरक्षण की दिशा में किये जा रहे प्रयासों एवं
कार्ययोजना की जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री
ने निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में जल संरक्षण
की दिशा में सघन प्रयास किये जाय, इसके लिये सभी जिलाधिकारियों को 50-50
लाख की धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस अभियान में सभी
विधानसभा क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों की भागीदारी एवं सहयोग प्राप्त किया
जाय। जो जल स्रोत सूख गये है उनमें इस बरसात में किये गये प्रयासों से
कितना पानी उपलब्ध होता है इसकी भी जानकारी रखी जाय। उन्होंने इस सम्बन्ध
में महाराष्ट्र में किये जा रहे जल संरक्षण के प्रयासों का स्थलीय निरीक्षण
कर लौटे अधिकारियों से वहां के अनुभवाों से भी इस दिशा में पहल करने को
कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जलागम प्रबन्धन के लिये धनराशि की
कमी नही होने दी जायेगी। इस दिशा में आम लोगों की भागीदारी भी सुनिश्चित
किये जाने पर भी उन्होंने बल दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस
दिशा में और प्रभावी व कारगर योजना बनानी होगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों
ने भी जल संचय की दिशा में कार्य किया है, वह जनता के सहयोग से ही संभव हो
पाया है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हमारे प्रयास भविष्य के लिये भी
दृष्टान्त बन सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कामगार किसानों को भी अन्य राज्यों
में इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त करने के लिये
उनके भ्रमण की भी व्यवस्था कराने को कहा।
मुख्यमंत्री
श्री त्रिवेन्द्र ने जिलाधिकारियों को अपने जनपदों में पानी के संकट वाले
क्षेत्रों का चिन्हीकरण, जल स्रोतों के रिसोर्स की पुलिंग के साथ ही इसमें आ
रही कमी की और ध्यान देने को कहा। आने वाले समय में इस दिशा में कारगर कदम
उठाने से ही भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में हम सफल हो सकेंगे। इसके
लिये छोटे-छोटे जलाशयों के निर्माण सूखे श्रोतों को पुनजीर्वित करने पर
ध्यान दिया जाना होगा।
देहरादून
मुख्यमंत्री
श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत गुरुवार, दिनांक 28 जून को प्रातः 9.00 बजे से
न्यू कैन्ट रोड मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में आम जनता से
मुलाकात कर उनकी समस्याओं व शिकायतों की सुनवाई करेंगे।
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