रुद्रप्रयाग;
भूपेंद्र भंड़ारी
भूपेंद्र भंड़ारी
रतनपुर बीट में बनीकरण, चैक डैम निमार्ण व दीवार बंदी के रुपयों की बंदरबांट
एक भी कार्य नही हुआ
पर्यावरण दिवस महज तमाशा नज़र आएगा
ऐसे उड़ा रहे है, प्रकृति का मज़ाक, सरकार के आदेशों की अनदेखी, पहाड़ों जे साथ क्रूरता और स्थानीय लोगों के साथ विश्वासघात
केन्द्र सरकार की नमामि गंगे योजना पर किस तरह से पलीता लगाया जा रहा है यह हम आज आप को दिखा रहे हैं। एक और पूरा देश मंगलबार को विश्व पर्यावरण दिवस मनायेगा ,वहीं जनपद के दक्षिणी जखोली रेंज की रतनपुर बीट में अधिकारियों ने योजना के तहत बोर्ड तो टांग दिये मगर विकास के धन को भी डकार गये और धरातल पर कुछ भी नहीं।
दरअसल में वर्ष 2017-18 में लाखों रुपये से रतनपुर बीट में बनीकरण, चैक डैम निमार्ण व दीवार बंदी की जानी थी। कागजों में तो सब कुछ हुआ मगर धरातल पर कुछ भी नहीं दिख रहा है। यहां पर योजना के तहत साडे छह हैक्टेयर में आंवला, कचनार, बांस, करौंदा, बेर व बेल के पांच हजार पौधों का रोपण किया जाना था।
मगर हकीकत में यहां पांच पौधों का भी रोपण नहीं हुआ है।
करीब 730 मीटर दीवार का निमार्ण किया जाना था ,जो तस्वीर में साफ है कि जो दीवारें लोक निमार्ण विभाग द्वारा सडक किनारे लगाई गयी हैं वही टूटी दीवारे आज भी मौजूद हैं।
यही नहीं यहां पर गदेरे में करीब पांच चैक डेैम बनााये जाने प्रस्तावित थे जो कि धरातल पर एक भी नहीं हैं ऐसे में साफ है कि कहीं ना कहीं विकास के नाम पर अधिकारी दूर दराज के क्षेत्रों में धन की बंदरबांट कर रहे हैं और सरकारी धन को अपनी तिजोरियों में भर रहे हैं।
ऐसे में किस तरह से विश्व पर्यावरण दिवस पर ऐसे अधिकारी पर्यावरण को बचाने की शपथ लेेंगे इसका जबाब शायद , इन अधिकारियों के पास भी नहीं होगा।
मगर हकीकत में यहां पांच पौधों का भी रोपण नहीं हुआ है।
करीब 730 मीटर दीवार का निमार्ण किया जाना था ,जो तस्वीर में साफ है कि जो दीवारें लोक निमार्ण विभाग द्वारा सडक किनारे लगाई गयी हैं वही टूटी दीवारे आज भी मौजूद हैं।
यही नहीं यहां पर गदेरे में करीब पांच चैक डेैम बनााये जाने प्रस्तावित थे जो कि धरातल पर एक भी नहीं हैं ऐसे में साफ है कि कहीं ना कहीं विकास के नाम पर अधिकारी दूर दराज के क्षेत्रों में धन की बंदरबांट कर रहे हैं और सरकारी धन को अपनी तिजोरियों में भर रहे हैं।
ऐसे में किस तरह से विश्व पर्यावरण दिवस पर ऐसे अधिकारी पर्यावरण को बचाने की शपथ लेेंगे इसका जबाब शायद , इन अधिकारियों के पास भी नहीं होगा।
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