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देहरादून:

उत्तराखण्ड के प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार के मन में विशेष स्नेह 

  •  मुख्यमंत्री ने 31 करोड़ 95 लाख रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। 
  • पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिये जाने से पर्यटन राज्य की रोजी रोटी का जरिया बनेगा।



मुख्यमंत्री .त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को कोटी काॅलोनी, टिहरी में तीन दिवसीय ’’टिहरी महोत्सव-2018’’ का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष टिहरी झील में ’सी-प्लेन’ उतारने की व्यवस्था की जायेगी, इसके लिये सर्वे हो चुका है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 31 करोड़ 95 लाख रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। 
विधानसभा क्षेत्र टिहरी गढ़वाल के विकासखण्ड जाखणीधार के आवासीय भवनों हेतु 01 करोड 57 लाख रूपये के निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया गया। विकासखण्ड जाखणीधार के अनावासीय भवन(कार्यालय भवन) हेतु 01 करोड 08 लाख 55 हजार रूपये के निर्माण कार्य का लोकार्पण किया। इसके अलावा जिन निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया उनमें केन्द्रीय वित्त पोषित योजना ’स्वदेश दर्शन’ के अन्तर्गत  कोटी में निर्मित टूरिस्ट पाथवे, पार्किंग, व्यू प्वाइंट, फ्लोटिंग हट तथा सर्विस सेटअप, चम्बा में मल्टी लेवल कार एवं बस पार्किंग एवं सिराई में ईको लाॅज, मल्टीपरपस हाॅल तथा यूटिलिटी भवन शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री भवानी प्रताप सिंह द्वारा सम्पादित पुराना दरबार ट्रस्ट की पुस्तक ’प्राचीन एवं वर्तमान टिहरी’ का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री ज्ञान सिंह नेगी को पेंशन का चैक देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि 16 मई को टिहरी झील में कैबिनेट कराने का जो निर्णय लिया, यह निर्णय भविष्य में पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को वैश्विक स्तर पर विशिष्ट पहचान दिलायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के लिये ’13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टिनेशन’ की सरकार की परिकल्पना है। जिसमें टिहरी जिले में टिहरी झील को शामिल किया गया है।  
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से टिहरी झील में बड़ा पोटेंशियल दिखता है। इस तरह के आयोजनों से वैश्विक स्तर पर टिहरी झील एक प्रमुख डेस्टिनेशन के रूप में उभर कर आयेगा। वेलनेस, योगा टूरिज्म, एडवेंचर, फिल्म आदि के क्षेत्र में यहां अपार संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में टिहरी झील राज्य में युवाओं को आर्थिक एवं आध्यात्मिक रूप से भी मजबूत करेगी। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को उत्तराखण्ड आने के लिये आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को उत्तराखण्ड को प्रकृति द्वारा दी गई इस देन को समझना होगा। 
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिये जाने से पर्यटन राज्य की रोजी रोटी का जरिया बनेगा। उन्होंने कहा कि टिहरी महोत्सव के आयोजन से देश विदेश के लोगों के लिये टिहरी झील आकर्षण का केन्द्र बनेगी। फ्लोटिंग हट्स यह कि विशिष्ट पहचान है। वाॅटर स्पोट्र्स, पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग एवं अन्य गतिविधियां टिहरी में पर्यटन के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटक स्थलों पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है। 
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल, सासंद टिहरी श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक श्री धन सिंह नेगी, श्री विजय सिंह पंवार, जिला पंचायत अध्यक्ष टिहरी श्रीमती सोना सजवाण, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री प्रणव खुल्लर, सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर, एम.डी. जीएमवीएन श्रीमती ज्योती खैरवाल, जिलाधिकारी टिहरी सोनिका आदि उपस्थित थे।

देहरादून :

 केन्द्र सरकार के सफल चार वर्ष पूर्ण

उत्तराखण्ड के प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार के मन में विशेष स्नेह 


मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार के सफल चार वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री श्री मोदी एवं देशवासियों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इन चार वर्षों में भारत वर्ष ने आर्थिक, सामाजिक समृद्धि एवं विकास की नई ऊँचाइयों को छुआ है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की मान-प्रतिष्ठा में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। देश के चहुमुखी विकास और सभी के कल्याण के लिये मोदी सरकार ने ढेरों कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री का न्यू इण्डिया का विजन देश को खुशहाली और तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिये एक बड़ा पथ प्रदर्शक है। 
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार के मन में विशेष स्नेह है। चाहे वह रोड कनेक्टिविटी हो या हवाई एवं रेल सेवाएं, चाहे ग्रामीण विद्युतीकरण हो या सोलर परियोजना, चाहे वह आर्गेनिक फार्मिंग हो अथवा सहकारिता, नये पर्यटन स्थलों का विकास हो, देहरादून में साईंस सिटी को मंजूरी हो, ऋषिकेश में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का कन्वेन्शन सेण्टर हो, श्री केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण हो, नमामिगंगे परियोजना हो, राज्य को केन्द्र सरकार ने विकास की यात्रा में सदैव अपने साथ रखा है।
12 हजार करोड़ रूपये की चारधाम ऑल वेदर रोड, 13 हजार करोड़ रूपये की भारतमाला परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का चार धाम रेल सर्किट के रूप में विस्तारीकरण उत्तराखंड को मोदी सरकार का तोहफा है। इसके साथ ही राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने उड़ान योजना के अंतर्गत राज्य की सभी प्रमुख हवाई पट्टियों तथा 27 हैलीपैड को हवाई सेवाओं से जोड़ने की सहमति दी है। राज्य की टिहरी झील सहित सभी बड़ी झीलों के लिए केंद्र सरकार सी-प्लेन योजना पर भी सहमत हो गई है। देहरादून, हरिद्वार एवं हल्द्वानी को रिंग रोड मिलेगी। 22 से अधिक सड़कों को नेशनल हाईवे की मंजूरी दी गई। गढ़वाल-कुमाऊं की कनेक्टिविटी के लिए कंडी मार्ग हेतु भी केंद्र सरकार पूरा सहयोग कर रही है। टनकपुर से पिथौरागढ़-बागेश्वर एवं रामगढ़- चौखुटिया रेल मार्ग का भी विकास होगा।
प्रधानमंत्री के आयुष्मान भारत के संकल्प में उत्तराखंड के लगभग 5.38 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। राज्य सरकार ने इस संकल्प को विस्तारित करते हुए प्रदेश के 20 लाख परिवारों को आयुष्मान भारत आयुष्मान उत्तराखंड के अन्तर्गत लाने का निर्णय लिया है। आगामी 15 अगस्त में यह योजना लॉन्च कर दी जाएगी।
नमामिगंगे परियोजना के अंतर्गत केंद्र सरकार राज्य सरकार को हरसंभव सहयोग दे रही है। अभी हाल ही में उत्तरकाशी, देहरादून, केदारनाथ और श्रीकोट को भी इस परियोजना में शामिल कर लिया गया है। नमामिगंगे परियोजना के अन्तर्गत हरिद्वार में 918.94 करोड़ रूपये की 34 योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रदेश के 1 लाख से अधिक परिवारों को सस्ता आवास मुहैया कराया जाएगा। देहरादून को स्मार्ट सिटी परियोजना हेतु चयनित किया गया है। श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण का प्रधानमंत्री स्वयं नियमित अनुश्रवण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने स्वयं केदारनाथ धाम में पांच पुनर्निर्माण योजनाओं का शिलान्यास किया है।
प्रदेश में सौभाग्य योजना के अन्तर्गत कुल 3 लाख 17,595 घरों को विद्युत संयोजन दिया जा रहा है। उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत गरीब परिवार की महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अन्तर्गत अगले 03 वर्षों में 50 हजार से अधिक युवाओं को स्किल्ड बनाया जायेगा। उजाला योजना के अन्तर्गत एल.ई.डी. बल्वों के प्रयोग को बढावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी भवनों के लिए एल.ई.डी. बल्ब अनिवार्य कर दिया गया है। आम जनता को एल.ई.डी. सुलभ कराने के लिये उजाला मित्र योजना लागू की गई है। 
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में प्रदेश के सभी गांव शत-प्रतिशत विद्युतीकृत हो चुके हैं। हरिद्वार कुंभ क्षेत्र सहित पूरे नगर क्षेत्र में विद्युत लाइनें भूमिगत करने के लिए 200 करोड रुपए के कार्यों का शिलान्यास हुआ है तथा अतिरिक्त 200 करोड रुपए के कार्यों को सैद्धांतिक सहमति प्राप्त हो गई है। स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत उत्तराखण्ड देश का चौथा ओ.डी.एफ. राज्य बन चुका है। तथा शहरी क्षेत्रों में भी सभी नगर निकायों ने स्वयं को ओ.डी.एफ. घोषित कर दिया है।
 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में राज्य सरकार ने मजबूत कदम उठाए हैं। दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 1 लाख रूपये तक का ऋण मात्र 2 प्रतिशत ब्याज पर दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के हाथों को मजबूत करते हुए 1500 करोड रुपए ऑर्गेनिक फार्मिंग तथा 2600 करोड़ रुपए सहकारिता के कार्यों के लिए मंजूर किए हैं। किसान मशीनरी बैंकों की संख्या भी बढ़ा दी गई है तथा प्रत्येक बैंक के लिए 10 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के अच्छे स्वास्थ्य एवं कुशलता की कामना करते हुए आशा व्यक्त की है कि आने वाले वर्षों में उनके नेतृत्व में भारत वर्ष इसी प्रकार दिन दोगुनी रात चौगुनी  तरक्की करता रहेगा।
देहरादून :

यू.एन.डी.पी. तथा नियोजन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से 28 एवं 29 मई, 2018 को होटल मधुबन, राजपुर रोड, देहरादून में Implementation on SDGs in Uttarakhand Integration, Localisation, Data Collection and Developung on M&E Framework  विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
        यह जानकारी देते हुए सचिव नियोजन डाॅ.रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सत्त विकास लक्ष्यों( SDGs ) के राज्य तथा जनपद स्तर पर निरूपण, कार्यान्वयन तथा अनुश्रवण को प्रभावी रूप से निष्पादित करने तथा तद्संबंध में विकास कार्यों हेतु रणनीति तैयार किया जाना है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में SDGs के विभिन्न पहलुओं पर राष्ट्र तथा राज्य के परिप्रेक्ष्य में चर्चा के अतिरिक्त वर्किंग ग्रुप द्वारा विकास कार्यक्रमों के प्रभावी नियोजन, Convergence हेतु चिन्हीकरण, योजनाओं का युक्तिकरण (Rationalization), Data Source, योजनाओं की SDG के अनुरूप Mapping आदि कार्य प्रस्तावित किया गया है। 


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