उत्तरकाशी;
दिलीप कुमार
गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर आज कलेक्ट्रेट परिसर के प्रेक्षागृह में कार्यशाला आयोजित की गई,जिसमे नमामि गंगे से जुड़े विभागों ने कार्य प्रगति की विस्तार से जानकारी दी।
बतौर मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष जशोोदा राणा ने कहा कि गंगा का स्वरूप जो पहले था वर्तमान समय में देखने को नहीं मिल रहा है। मानव के हस्तक्षेप के कारण ही गंगा मैली हो रही है।
जिलाधिकारी डा. आषीश चौहान ने शुभकामनाएं देते हुए जनपद में सफाई अभियान को लेकर किए गए कार्यो की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई के लिए गंगोत्री में बृहद स्वच्छता अभियान चलाया गया। जिसमें करीब पन्द्रह से बीस ट्रक कूड़ा एकत्रित कर निस्तारण हेतु उत्तरकाशी लाया गया। लोगों के अन्दर सफाई के प्रति जागरूकता लाने के लिए कार्यक्रम का शुभांरभ किया।
उन्होंने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि जहां भी कूड़ा दिखे उसे इक्ट्ठा कर कूड़ेदान में डालें। गंगोत्री में कूड़े निस्तारण के लिए बड़े-बड़े कूड़ेदान लगाएं गए है और नगर पालिका के वाहन से कूड़े को नीचे लाया जा रहा है। गंगोत्री में बड़े कूड़ेदान लगाएं गए है।नगर पंचायत को नए वाहन मिलने से कूड़े निस्तारण में आसानी हो रही है। तेखला डंपिंग जोन में कूड़ा निस्तारण के लिए नगर पालिका की ओर से दीवार निर्माण एवं भूमि को समतल करने का कार्य किया गया है। जिससे डंपिंग जोन में पड़ने वाला कूड़ा बरसात में गंगा नदी में न गिर सके।
प्रदेश संयोजक, गंगा विचार मंच श्री लोकेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को गंगा की अवरिल एवं निर्मल धारा को अक्षुण बनाए रखने की नैतिक जिम्मेदारी हैं। उन्होंने कहा कि 33 करोड़ देवी-देवताओं का नाम सुना या फोटो में देखा होगा लेकिन जीवनदायनि गंगा मैया ही ऐसी देवी है जिन्हें हम प्रत्यक्ष रूप से देख सकते है। उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटक गंगा जी की मधुर ध्वनी की वीडियो रिकॉर्डिंग कर विदेषों में उसी वीडियों को देखकर सुनकर योगासन और प्रार्थना कर रहें है। यहां के नागरिकों को भी जीवनदायनी गंगा मैया के प्रति अनुकूलता के साथ सोचना होगा। उन्होंने कहा कि कूड़े निस्तारण के लिए स्थाई व्यवस्था एवं स्वच्छता के प्रति लोगों के अन्दर जागरूता पैदा करने की जरूरत है। गंगा की अवरिल धारा को अक्षुण बनाए रखने के लिए गंगा नदी में गिर रहें,नदी, नालों की भी सफाई करने की जरूरत है। कहा कि रूढ़िवादी विचार धारा को भी बदलने की आवष्यकता है। इस अवसर पर सिंचाई विभाग, गंगा प्रदूषण इकाई बोर्ड, स्वजल आदि विभाग ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से नमामि गंगे परियोजना के तहत कराए जा रहे कार्यो की प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी विनीत कुमार, उपजिलाधिकारी देवेन्द्र नेगी, अधिषासी अभियंता वीसी डोगरा, जिला कार्यक्रम अधिकारी मोहित चौधरी, सहायक निदेषक मत्स्य प्रमोद षुक्ला, परियोजना अधिकारी डीडी रतूड़ी, सहायक समाज कल्याण अधिकारी गोपाल राणा उपस्थित थे।
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