ऋषिकेश :
जहाँ एक और राज्य सरकार प्रदेश भर में अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा कर रही है वहीँ राजकीय अस्पताल ऋषिकेश , सभी सुविधाओं युक्त होते हुए भी डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. अस्पताल की बिल्डिंग , मशीन, दवाई, लैब , अल्ट्रासाउंड मशीन होते हुए भी यहाँ डॉक्टर नहीं टिक पा रहे है. अब चाहे इसे सरकारीप्रबंधन की खामी कहिये या डॉक्टरों की परेशानी. परन्तु इन सबका खामियाज़ा जनता को झेलना पड़ रहा है.
एम्स ऋषिकेश बन जाने पर इधर सरकार का ध्यान पूरी तरह नहीं जा रहा है. इस अस्पताल में जिन डॉक्टरों की कमी विशेष रूप से है, जिसमे एक महिला विशेषज्ञ , एक बल रोग, एक फिज़िशियन, और एक अल्ट्रा साउंड चलने हेतु आवश्यक है.। हालात इस कदर ख़राब है की मरीज़ ये भी कहते है की एक बार एडमिट कर लेने के बाद नियमित चेक अप अस्पताल में नहीं हो पाता।
दूसरी और पहाड़ से रेफेर मरीज़ तक को यहाँ ट्रीटमेंट नहीं दिया जा सकता। छिदरवाला और लालतप्पड़ के निवासी पहले से ही खस्ताहाल स्वास्थ्य केंद्र की समस्या से जूझ रहे है.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मामूली बुखार तक का इलाज़ नहीं हो सकता। यहाँ तक की प्राथमिक चिकित्सा भी नहीं हो सकती. रत में अचानक तबियत ख़राब होने पर देहरादून या ऋषिकेश की और देखना पड़ता है और वहां भी समस्या ज्यों की त्यों है.
राजकीय अस्पताल ऋषिकेश के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि शासन को कई बार सूचित किया जा चुका है.
विधायक ऋषिकेश और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने आश्वासन दिया है की वे अपने क्षेत्र की स्वास्थ्य समस्याओं की अनदेखी नहीं होने देंगे। शीघ्र ही स्वास्थ्य सचिव से इस बाबत बात की जाएगी।
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