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जापान के प्रधानमंत्री की भारत की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा प्रेस वक्तव्य (14 सितंबर, 2017)



  • नए भारत के निर्माण की जीवनरेखा ,हाई स्पीड ट्रैन होंगी 

  • जापान भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक   है।

  • भारत में रह रहे जापानी लोग सीधा जापान से अपने पसंदीदा भोजन मंगा सकेंगे 


मुझे प्रसन्नता है कि मेरे अनन्य मित्र, प्रधानमंत्री शिंजो आबे का भारत में, और विशेष रूप से गुजरात में, स्वागत करने का अवसर मिलने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमन्त्री आबे और मैं कई बार अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों की sidelines पर मिले हैं। लेकिन भारत में उनका स्वागत करना मेरे लिए विशेष रूप से हर्ष का विषय होता है। कल शाम मुझे उनके साथ साबरमती आश्रम जाने का अवसर मिला।


  उन्होंने कहा कि हम दोनों दांडी कुटीर भी गए और हम दोनों ने मिल कर जापान के सहयोग से बनाए जा रहे मुंबई-अहमदाबाद high speed railways project का भूमिपूजन किया। यह एक बहुत बड़ा क़दम है। यह सिर्फ़ high speed rail की शुरुआत नहीं है। भविष्य में हमारी आवश्यकताओं को देखते हुए मैं इस नई railway philosophy को नए भारत के निर्माण की जीवनरेखा मानता हूं। भारत की अबाध प्रगति का संपर्क अब और भी तेज गति से जुड़ गया है।


आपसी विश्वास और भरोसा, एक दूसरे के हितों और चिंताओं की समझ, और उच्च स्तरीय सतत संपर्क, यह भारत जापान संबंधों की ख़ासियत बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारी Special Strategic और Global Partnership का दायरा सिर्फ़ द्विपक्षीय या क्षेत्रीय स्तर तक ही सीमित नहीं है।

वैश्विक मुद्दों पर भी हमारा सहयोग घनिष्ठ है। पिछले वर्ष मेरी जापान यात्रा के समय हमने परमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग के लिए एक ऐतिहासिक समझौता किया था। इसके रैटिफिकेशन के लिए मैं जापान के जनमानस, जापान की संसद, और ख़ास तौर पर प्रधानमंत्री आबे का ह्रदय से आभार प्रकट करता हूं। Clean Energy और Climate Change के विषय पर हमारे सहयोग के लिए इस समझौते ने एक नया अध्याय जोड़ा है।
2016-17 में भारत में जापान से 4.7 billion dollars का निवेश हुआ है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 80 प्रतिशत अधिक है। अब जापान भारत में third largest investor है। यह साफ़ दर्शाता है कि भारत के आर्थिक विकास और सुनहरे कल के प्रति जापान में कितना विश्वास और आशावादी वातावरण है।


और इस निवेश को देख कर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में भारत और जापान के बीच बढ़ते business के साथ people to people संबंध भी बढ़ेंगे। हमने जापान के नागरिकों के लिए visa on arrival की सुविधा तो पहले से ही दे रखी है। और अब हम India Post और Japan Post के सहयोग से एक Cool Box Service भी शुरू करने जा रहे हैं, ताकि भारत में रह रहे जापानी लोग सीधा जापान से अपने पसंदीदा भोजन मंगा सकें।


साथ ही साथ मेरा जापानी business समुदाय से यह भी अनुरोध है कि भारत में अधिकाधिक जापानी restaurant खोलें! आज भारत कई स्तरों पर आमूलचूल परिवर्तन की राह पर चल रहा है। Ease of Doing Business हो या Skill India, Taxation Reform हो या Make in India, भारत पूरी तरह transform हो रहा है। जापान के businesses के लिए यह बहुत बड़ा मौका है। और मुझे प्रसन्नता है कि जापान की कई कंपनियां हमारे राष्ट्रीय flagship कार्यक्रमों से गहन तौर पर जुड़ रही हैं। आज शाम को दोनों देशों के business leaders के साथ हमारी बातचीत और कार्यक्रम में हमें इसके प्रत्यक्ष लाभ भी देखने को मिलेंगे। जापान की Official Development Assistance में हम सबसे बड़े partner हैं, और विभिन्न sectorsके projects के लिए आज हुए समझौतों का मैं हार्दिक स्वागत करता हूं।


मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी बातचीत और आज किये गए समझौते भारत और जापान की साझेदारी को सभी क्षेत्रों में और अधिक मजबूत करेंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं एक बार फ़िर प्रधानमंत्री आबे और उनके साथ आये high level delegation का हार्दिक स्वागत करता हूं।














































































































. सं.समझौताविवरण
क. अपादा जोखिम प्रबंधन
1.भारत गणराज्य सरकार के गृह मंत्रालय और भारत सरकार के मंत्रिमंडल कार्यालय के बीच एमओसीआपदा जोखिम न्‍यूनीकरण के क्षेत्र में आपसी मेल-जोल और सहयोग बढ़ाना तथा आपदा निवारण पर अनुभव, ज्ञान और नीतियों को साझा करना।

 
ख. कौशल विकास

 
2.विदेश मंत्रालय, भारत और विदेश मंत्रालय कार्य (एमओएफए), जापान के बीच भारत में जापानी भाषा शिक्षा के क्षेत्र में  एमओसीभारत में जापनी भाषा के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग को और अधिक मजबूत बनाना।
ग. कनेक्टिविटी

 
3.भारत जापान एक्‍ट ईस्ट फोरमभारत के पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्रों में दक्षतापूर्ण एवं प्रभावकारी रूप से कनेक्टिविटी बढ़ाना और विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देना।
घ. आर्थिक और वाणिज्यिक

 
4.कूल (Cool) ईएमएस सेवा के कार्यान्वयन के लिए प्रशासनिक अनुदेश पर भारतीय डाक विभाग और जापन के डाक विभाग के बीच व्यवस्थाजापान डाक विभाग और भारतीय डाक विभाग के बीच "कूल ईएमएस" सेवा की वाणिज्यिक व्यवस्था को लागू करना,  जिसके माध्‍यम से जापान से भारत को ढंडे डिब्‍बों में भोजन भेजा जा सकता है ताकि भारत में जापानी प्रवासियों को सहायता पहुंचाई जा सके।

 
ड. निवेश (गुजरात)

 
5.डीआईपीपी और एमईटीआई (मैटी) के बीच भारत-जापान निवेश संवर्धन की रूपरेखा

 
भारत में जापान के निवेश में गति लाने हेतु सुविधा मुहैया कराना।
6.गुजरात में मंडल बेचराज-खोराज में 'मेक इन इंडिया के लिए जापान-भारत विशेष कार्यक्रम पर एमईटीआई और गुजरात राज्य के बीच एमओसी।

 
मंडल बेचराज-खोराज क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में सहयोग करना।
च. सिविल एविएशन

 
7.सिविल एविएशन सहयोग (ओपन स्काई) पर दस्‍तावेजों (आरओडी) का आदान-प्रदान।यह भारत और जापान के बीच वायुमार्ग खोलता है, यानी भारतीय और जापानी वाहक अब एक दूसरे के देशों के चयनित शहरों में असीमित संख्या में उड़ान भर सकते हैं।

 
छ. विज्ञान और प्रौद्योगिकी
8.अंतःविषयक सैद्धांतिक और गणितीय विज्ञान कार्यक्रम (iTHEMS), RIKEN और राष्ट्रीय जैव विज्ञान केंद्रों (सिमंस-एनसीबीएस) के बीच अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त आदान-प्रदान कार्यक्रम के लिए समझौतासैद्धांतिक जीवविज्ञान के क्षेत्र दोनों देशों के प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों को चिन्हित करने  और बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त आदान-प्रदान कार्यक्रम स्थापित करना।
9.नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड इंडस्ट्रियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एआईएसटी), जापान और जैवप्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के बीच संयुक्त अनुसंधान करारसंयुक्त रूप से अनुसंधान करना और एआईटीटी, जापान में "डीबीटी-एआईआईटी इंटरनेशनल सेंटर फॉर ट्रांसलेशनल एंड इन्‍वॉयरमेंट रिसर्च (डीएआई सेंटर) नामक एक अंतर्राष्‍ट्रीय केंद्र  की स्‍थापना करना ताकि दोनों देशों और संस्‍थाओं में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जा सके।
10.डीबीटी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड साइंस एंड टैक्नोलॉजी (एआईएसटी) के बीच एमओयूलाइफ साइंस और जैवप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में डीबीटी अनुसंधान संस्‍थानों और एआईटीटी के बीच अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देना।
I. खेल 
11.लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन (एलएनएनपीई) और निप्पॉन स्पोर्ट्स साइंस यूनिवर्सिटी, जापान (एनएसएसयू) के बीच अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक और खेल आदान-प्रदानों पर एमओयू।लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन,  भारत और निप्पॉन स्पोर्ट साइंस यूनिवर्सिटी, जापन के बीच अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा और सहयोग को अधिक गहरा एवं  सुगम बनाना।
12.भारतीय खेल प्राधिकरण और निप्पॉन स्पोर्ट्स साइंस यूनिवर्सिटी, जापान (एनएसएसयू) के बीच अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक और खेल आदान-प्रदान पर एमओयूभारत के खेल प्राधिकरण और निप्पॉन स्पोर्ट साइंस यूनिवर्सिटी, जापान दोनों के बीच अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सहयोग और आदान-प्रदान को सुगम एवं गहरा बनाना।
13.लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन (एलएनआईपीई) और जापान के सुकुबा विश्वविद्यालय के बीच लैटर ऑफ इन्‍टेंट।लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन (एलएनआईपीई) और जापान के सुकुबा विश्वविद्यालय के बीच कूटनीतिक सहयोग, संयुक्‍त अनुसंधान कार्यक्रम तथा आदान-प्रदान को मजबूत बनाना।
14.भारतीय खेल प्राधिकरण और सुकुबा, जापान विश्वविद्यालय के बीच लैटर ऑफ इन्‍टेंट।जापान के सुकुबा विश्वविद्यालय और भारतीय खेल प्राधिकरण के बीच कूटनीतिक सहयोग, संयुक्‍त अनुसंधान कार्यक्रम तथा आदान-प्रदान को मजबूत बनाना।
ज. शैक्षणिक / थिंक टैंक
15.अनुसंधान से संबंधित गतिविधियों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए आरआईएस और आईडीई-जेट्रो के बीच  एमओयूअनुसंधान क्षमता तथा शोध निष्कर्षों के प्रसार की प्रभावशीलता को सुदृढ़ करने के लिए आरआईएस और आईडीई-जेट्रो के बीच संस्थागत सहयोग को बढ़ावा देना।

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