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विनम्र श्रद्धांजलि
खंड-काव्य (उर्वशी की कुछ  पंक्तियाँ)

इन्द्र का आयुध पुरुष जो झेल सकता है.
सिंह से बांहें मिलाकर खेल सकता है।


फूल के आगे वही असहाय हो जाता,
शक्ति के रहते हुए निरुपाय हो जाता।


विद्ध हो जाता सहज बंकिम नयन के बाण से,
जीत लेती रूपसी नारी उसे मुस्कान से।


जन्म     23 सितम्बर 1908
निधन   24 अप्रैल 1974
उपनाम  दिनकर
जन्म स्थान ग्राम सिमरिया, जिला बेगूसराय, बिहार, भारत
कुछ प्रमुख कृतियाँ
कुरुक्षेत्र, उर्वशी, रेणुका, रश्मिरथी, द्वंदगीत, बापू, धूप छाँह, मिर्च का मज़ा, सूरज का ब्याह
विविध
काव्य संग्रह उर्वशी के लिये 1972 के ज्ञानपीठ पुरस्कार सहित अनेक प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित

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