पलायन को बनेगी ठोस नीति, 170.13 करोड की वित्तीय स्वीकृति दी मुख्यमंत्री ने
*सीमान्त गाँवों के विकास एवं पलायन रोकथाम हेतु ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश*
*सचिव ग्राम्य विकास ने सभी जनपदों के अधिकारियों के साथ की विस्तृत समीक्षा*
सचिव ग्राम्य विकास धीराज गर्व्याल ने आज सभी जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना, मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम एवं वाइब्रेंट विलेजेज कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की। साथ ही आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक में सचिव ग्राम्य विकास ने स्पष्ट किया कि कार्ययोजना बनाते समय आजीविका सृजन गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाए। प्रत्येक चिन्हित विकासखंड में कम से कम एक मदर पोल्ट्री यूनिट की स्थापना, तथा स्थानीय स्तर पर मत्स्य पालन, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, सामुदायिक पर्यटन, प्रसंस्करण आदि गतिविधियों को प्रोत्साहित करने पर विशेष जोर दिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों से फसल सुरक्षा हेतु चेन-लिंक फेंसिंग के प्रस्ताव भी शामिल करने के निर्देश दिए गए ताकि पलायन रोकने और रिवर्स पलायन को बढ़ावा देने में मदद मिल सके।
स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए योजनाओं को प्रस्तावित करने के निर्देश भी दिए गए। साथ ही जनपदों में संचालित ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों के विपणन एवं उनकी नियमित मॉनिटरिंग पर भी बल दिया गया।
सीमांत जनपद चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चम्पावत एवं उधम सिंह नगर की योजनाओं की अलग से प्रगति समीक्षा की गई। सचिव ने निर्देश दिया कि बार्डर एरिया के गावों के लिए क्लस्टर आधारित ग्राम संतृप्तीकरण कार्ययोजना तैयार की जाए, जिसमें मूलभूत सुविधाओं के साथ आजीविका-सृजन एवं स्वरोजगारपरक गतिविधियाँ सम्मिलित हों।
वाइब्रेंट विलेजेज कार्यक्रम के तहत प्रत्येक सीमांत गाँव को सड़क, 4G टेलीकॉम कनेक्टिविटी, टीवी कनेक्टिविटी एवं ग्रिड विद्युत से संतृप्त करने के निर्देश दिए गए। चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जनपदों को वीवीपी-1 के गांवों की संतृप्तीकरण कार्ययोजना शीघ्र पोर्टल पर भेजने के लिए कहा गया। प्रत्येक वीवीपी गांव के लिए समेकित पर्यटन विकास योजनाएँ भी तैयार की जाएंगी।
सचिव ने सूचित किया कि सभी योजनाओं के प्रस्ताव समय पर प्राप्त करने हेतु ऑनलाइन पोर्टल को एक सप्ताह के भीतर क्रियाशील करने के निर्देश एसपीएमयू एवं आईटीडीए को दिए गए।
बैठक में अपर सचिव ग्राम्य विकास श्रीमती अनुराधा पाल, संयुक्त विकास आयुक्त संजय कुमार सिंह, उपायुक्त ए.के. राजपूत, डॉ. प्रभाकर बेबनी सहित एसपीएमयू एवं आईटीडीए के अधिकारी मौजूद रहे। सभी जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
*मुख्यमंत्री ने प्रदान की विभिन्न विकास योजनाओं के लिए 170.13 करोड की वित्तीय स्वीकृति*
मुुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कुम्भ मेला-2027 के 11 नवीन निर्माण कार्यों के लिए राज्य स्तरीय एम्पावर्ड समिति की बैठक में संस्तुत ₹ 37.34 करोड स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।
मुख्यमंत्री द्वारा 15वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य में अग्निशमन सेवाओं एवं आधुनिकरण हेतु स्वीकृत ₹ 79 करोड़, राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद पौड़ी गढ़वाल के विधानसभा क्षेत्र पौड़ी के विकास खण्ड पाबौ में सीकू तिमली मोटर मार्ग के पुनर्निर्माण एवं सुधारीकरण कार्य हेतु ₹ 3.2्र्र्र्र6 करोड़ के साथ ही विधानसभा क्षेत्र प्रतापनगर में पीपलडाली से म्यूण्डा ललवाली तक मोटर मार्ग का नवनिर्माण कार्य हेतु ₹ 1.78 करोड़ की योजना स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री घोषण के तहत जनपद चम्पावत के विधानसभा क्षेत्र चम्पावत के टनकपुर में ग्राम पंचायत नायकगोठ के किरोडा नाले में 480.00 मीटर एवं 120.00 मीटर स्पान पुल के निर्माण हेतु ₹ 48.38 करोड तथा जनपद टिहरी के विधानसभा क्षेत्र नई टिहरी हेतु की गयी नई टिहरी में स्थित विद्या मंदिर इण्टर कालेज में सामुदायिक भवन का निर्माण संबंधी घोषणा के क्रियान्वयन हेतु ₹ 91.84 लाख के सापेक्ष पूर्व में स्वीकृत कुल धनराशि ₹ 55.10 लाख के अनुक्रम में अवशेष धनराशि ₹ 36.74 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है।




