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 40 वीं वाहिनी पीएसी में 03 दिवसीय 23वीं प्रादेशिक जनपदीय/वाहिनी पुलिस वैज्ञानिक अनुसंधान, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, कंप्यूटर, एंटी एवं डॉग स्क्वाड प्रतियोगिता वर्ष-2025 का शुभारंभ।


हरिद्वार:



23वीं प्रादेशिक जनपदीय/वाहिनी पुलिस वैज्ञानिक अनुसंधान, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, कंप्यूटर, एंटी एवं डॉग स्क्वाड प्रतियोगिता -2025

प्रतियोगिता वर्ष-2025 का शुभारंभ 40वी वाहिनी पीएसी के प्रांगण में बैंड की मधुर धुन के मध्य मुख्य अतिथि श्रीमती तृप्ति भट्ट IPS सेनानायक महोदय 40वीं वाहिनी पीएसी (हरिद्वार) उप सेनानायक श्रीमती मनीषा जोशी, सहायक सेनानायक श्री राकेश रावत की उपस्थिति में किया गया।


तत्पश्चात् उप सेनानायक 40वीं वाहिनी पीएसी, द्वारा मुख्य अतिथि श्रीमती तृप्ति भट्ट IPS, सेनानायक 40वीं वाहिनी पीएसी को मोमैन्टो भेंट कर उनकी उपस्थित हेतु आभार व्यक्त किया गया।

तीन दिनों तक आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में राज्य के विभिन्न जनपदों से उत्तराखण्ड पुलिस/पीएसी/आईआरबी की कुल 17 टीमों के 118 पुरुष प्रतिभागी, 17 महिला प्रतिभागी कुल 135 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।  



इस अवसर पर शिविरपाल श्री आदेश कुमार एवं दलनायक श्री राकेश कुमार, दलनायक श्री कमल सिंह सजवान, सूबेदार सैन्य सहायक श्री मंगल सिंह, सहायक शिविर पाल पीतांबर दत्त नौटियाल एवं 40वीं वाहिनी प्लाटून कमांडर श्री जाहुल हसन, एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण तथा जनपदों के समस्त टीम मैनेजर व अन्य अधिकारी/कर्मचारिगण उपस्थित रहे।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में जेल विकास बोर्ड बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य की सभी जेलों में ‘एक जेल-एक प्रोडक्ट‘ का विकास किया जाए। 

several announcement CM Dhami 11 dec 2025


कारागारों में निरूद्ध बन्दियों के कौशल विकास हेतु नियमित कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। आईटीआई के माध्यम से भी जेलों में अलग-अलग ट्रेड के प्रशिक्षण की व्यवस्था  की जाए। उन्होंने कहा कि जेलों के विकास के लिए राज्य का अपना अलग मॉडल विकसित किया जाए। 


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जेलों में बनाये गये उत्पादों का सरकारी कार्यालयों में उपयोग किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे समय-समय पर जेलों में भोजन व्यवस्थाओं को भी देखें। बैठक में निर्णय लिया गया कि केन्द्रीय कारागार सितारगंज, जिला कारागार अल्मोड़ा, पौड़ी, टिहरी, उप कारागार  हल्द्वानी और रूड़की में लॉंड्री मशीन की स्थापना की जायेगी। जिला कारागार देहरादून और हरिद्वार में इसकी स्थापना से अच्छे परिणाम आये थे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कारागारों में चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। 


बैठक में प्रदेश की खुली जेल सितारगंज में कच्ची घानी सरसों तेल संयंत्र की स्थापना पर सहमति बनी। सितारगंज और हरिद्वार जेल में मशरूम फार्मिंग की सहमति भी दी गई। बैठक में जानकारी दी गई कि जिला कारागार हरिद्वार, अल्मोड़ा, केन्द्रीय कारागार सितारगंज और उपकारागार हल्द्वानी में बेकरी यूनिट की स्थापना से लगभग 12 लाख रूपये आय अर्जित हुई है। सितारगंज खुली जेल में गौशाला की स्थापना से 10 लाख रूपये की आय हुई है। 


बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, सचिव गृह श्री शैलेश बगोली, अपर पुलिस महानिदेशक कारागार श्री अभिनव कुमार, सचिव श्री सी. रविशंकर एवं सबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

*मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान की गई ₹  210 करोड़ से अधिक लागत की विकास योजनाओं की वित्तीय स्वीकृतियां


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विभिन्न विकास योजनाओं, आपदा प्रबंधन कार्यों तथा मुख्यमंत्री घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए ₹  210 करोड़ से भी अधिक लागत की योजनाओं की वित्तीय स्वीकृतियां प्रदान की गई है। 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जनपदों की मांग के अनुरूप आपदा में राहत एवं बचाव कार्यों के सफल संचालन हेतु 71 बोलेरो वाहन हेतु ₹ 7.24 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने के साथ ही पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु एन.एच.-109 के लगभग 07 कि.मी. लम्बाई के पुन संरेखण के निर्माण हेतु ₹ 188.55 करोड़ की योजना का अनुमोदन प्रदान किया गया है।


मुख्यमंत्री श्री धामी द्वारा सीएम घोषणाओं से संबंधित कार्यों के लिए ₹ 14 करोड़ से अधिक की स्वीकृतियां प्रदान की गई हैं। जिनमें जनपद पिथौरागढ़ के विधानसभा क्षेत्र धारचूला में हरकोट से थामडी कुण्ड एवं जलथ से फगुनी उड्यार तक सम्पर्क मार्ग हेतु ₹ 88.76 लाख, दोबाटा से मर्ताली तक 3.02 कि.मी. मोटर मार्ग के निर्माण हेतु ₹ 84.12 लाख, विधानसभा क्षेत्र डीडीहाट में विकासखण्ड मूनाकोट के अंतर्गत ग्राम नैनीपातल से भगवती मंदिर तक सी.सी. सम्पर्क मार्ग निर्माण हेतु ₹ 45.74 लाख की योजना सम्मिलित है। जनपद चम्पावत के विधानसभा क्षेत्र चम्पावत में नाबार्ड मद से औद्यानिकी विकास किये जाने हेतु धनराशि 98.18 लाख तथा पूर्णागिरी तहसील में मिनी विकास भवन/बार भवन के निर्माण हेतु ₹ 533.79 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने का भी मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। इसके साथ ही जनपद देहरादून के विधानसभा क्षेत्र चकराता के अंतर्गत ग्राम पंचायत काण्डी, चामा, गाता में सार्वजनिक टीन शैड के निर्माण हेतु ₹ 55.95 लाख और जनपद उधम सिंह नगर के विधानसभा क्षेत्र खटीमा में 300 हैण्डपम्प लगाये जाने हेतु ₹ 499.65 लाख की योजना की वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की गई है।


मुख्यमंत्री ने विकासखण्ड नारसन के ग्राम मुकीमपुर में भारत ऑयल एण्ड वेस्ट मैनेजमेंट फैक्ट्री के पास बाढ़ सुरक्षा कार्य हेतु सोलानी नदी के बांये किनारे पर सी.सी. द्वारा दो स्पर के निर्माण हेतु ₹ 24.37 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने का भी अनुमोदन प्रदान किया है।


*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में HEOC निर्माण में अभूतपूर्व प्रगति,  उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में बड़ी छलांग*

*आपदा एवं महामारी प्रबंधन की दिशा में राज्य के प्रयासों को नई मजबूती प्रदान करेगा हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर* 


प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) के तहत केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड में हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (HEOC) की स्थापना को मंज़ूरी देने के बाद राज्य में स्वास्थ्य आपात प्रबंधन के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा आई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निरंतर मार्गदर्शन में HEOC की स्थापना का कार्य देहरादून स्थित महानिदेशालय चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिसर में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत सरकार की एक उच्च स्तरीय टीम ने स्वास्थ्य महानिदेशालय में बन रहे निर्माणाधीन हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर HEOC का निरीक्षण किया। टीम ने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. सुनीता टमटा से भेंट की और निर्माण कार्य की गुणवत्ता, संरचना और डिज़ाइन पर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद टीम ने नोडल अधिकारी डॉ. पंकज सिंह के साथ निर्माण स्थल का दौरा किया और केंद्र की तैयारियों का प्रत्यक्ष मूल्यांकन किया। निरीक्षण के दौरान टीम ने कार्य प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई पारदर्शी एवं व्यवस्थित कार्यप्रणाली की सराहना की। इस निरीक्षण प्रक्रिया ने न केवल परियोजना की विश्वसनीयता को मजबूत किया है, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर HEOC को एक मॉडल संस्थान के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत सरकार की टीम में डॉ. सैयद जुल्फेकार अहमद, क्षेत्रीय निदेशक, आरओएचएफडब्ल्यू, लखनऊ, डॉ. निश्चय केशरी, चिकित्सा अधिकारी, आरओएचएफडब्ल्यू, लखनऊ, श्री आशिष, परामर्शदाता, श्री हेमंत नेगी मौजूद रहे तथा स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड की तरफ से  HEOC नोडल अधिकारी डॉ पंकज सिंह तथा डॉक्टर सुजाता सिंह उपस्थित रहे।


*भारत सरकार की टीम का निरीक्षण, गुणवत्ता पर संतुष्टि*

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर ( HEOC ) के निर्माण कार्य का लगभग आधा हिस्सा पूरा हो चुका है और शेष कार्य भी निर्धारित गति से प्रगति पर है। उम्मीद है कि यह केंद्र जनवरी 2026 के अंत तक पूर्ण रूप से तैयार हो जाएगा। इसके बाद इसे औपचारिक रूप से केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग, उत्तराखंड को हस्तांतरित किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस केंद्र के संचालन को लेकर पहले ही तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिसके तहत प्रशिक्षित और अनुभवी अधिकारियों को आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य आपात प्रतिक्रिया से संबंधित विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि केंद्र के शुरू होते ही यह अत्याधुनिक क्षमता के साथ प्रभावी ढंग से कार्य कर सके। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) के तहत उत्तराखंड राज्य को स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, केंद्र सरकार ने राज्य में हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (HEOC) की स्थापना को मंज़ूरी प्रदान की थी।  इस केंद्र के निर्माण का आधा कार्य पूरा हो चुका है। इस केंद्र के जनवरी 2026 के अंत तक पूर्ण होने की संभावना है तत्पश्चात यह केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड राज्य को हस्तांतरित कर दिया जाएगा जिसका संचालन स्वास्थ्य विभाग के प्रशिक्षित एवं  अनुभवी अधिकारियों द्वारा किया जाएगा । यह केंद्र भविष्य में उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुरक्षा का मुख्य आधार बनने जा रहा है और आपदा एवं महामारी प्रबंधन की दिशा में राज्य के प्रयासों को नई मजबूती प्रदान करेगा।


स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि HEOC की स्थापना से उत्तराखंड स्वास्थ्य आपात प्रबंधन के एक नए युग में प्रवेश करने जा रहा है। यह केंद्र न केवल आपदाओं के समय तेजी से प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगा, बल्कि सामान्य परिस्थितियों में भी स्वास्थ्य संबंधी निगरानी, डेटा विश्लेषण और निर्णय प्रक्रिया को तकनीकी रूप से मजबूत बनाएगा। इससे जिलों के बीच समन्वय बेहतर होगा और राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में एकरूपता व गति आएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता सूची में स्वास्थ्य क्षेत्र लगातार शीर्ष पर रहा है और HEOC परियोजना इस प्रतिबद्धता का एक जीवंत उदाहरण है। राज्य सरकार का विश्वास है कि केंद्र के पूर्ण रूप से कार्यरत हो जाने पर उत्तराखंड न केवल अधिक सुरक्षित होगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान भी स्थापित करेगा। यह केंद्र उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुरक्षा को नई ऊर्जा, नई मजबूती और नई दिशा प्रदान करेगा, यही राज्य सरकार का दृढ़ संकल्प है।


*आपदाओं और महामारियों पर त्वरित प्रतिक्रिया का केंद्र बनेगा HEOC*

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि HEOC की स्थापना से राज्य को स्वास्थ्य आपात स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित और सटीक प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने में बड़ी सहायता मिलेगी। केंद्र स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों को हर समय मजबूत रखेगा और संभावित खतरों की समय पर पहचान कर उचित कार्रवाई को संभव बनाएगा। यह केंद्र कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारियों के दौरान हुए अनुभवों को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक निगरानी तंत्र से सुसज्जित किया जा रहा है, जिससे किसी भी महामारी का प्रारंभिक चरण में पता लगाकर नियंत्रण किया जा सके। धराली जैसी आपदा स्थितियों में राज्य की प्रतिक्रिया क्षमता को भी यह केंद्र कई गुना बढ़ा देगा। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि HEOC न केवल एक भवन या संरचना नहीं, बल्कि उत्तराखंड की भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार होगा।


*राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत बनाने का प्रयास*

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि देशभर में HEOC केंद्रों की स्थापना केंद्र सरकार की उस व्यापक दृष्टि का हिस्सा है, जिसमें भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए देश को तैयार करना शामिल है। यह केंद्र सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने और आपदा एवं महामारी प्रबंधन में राज्य और केंद्र के बीच बेहतर समन्वय को बढ़ावा देगा। उत्तराखंड के लिए यह परियोजना विशेष महत्व रखती है क्योंकि पहाड़ी भूगोल, प्राकृतिक आपदाओं की संवेदनशीलता और भौगोलिक चुनौतियों को देखते हुए यहां स्वास्थ्य आपात प्रबंधन के लिए एक मजबूत तंत्र की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। HEOC की स्थापना इस दिशा में एक ठोस और प्रभावी कदम है, जो आने वाले वर्षों में राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र को नई पहचान दिलाएगा।

घनसाली क्षेत्र के प्रतिनिधिमंडल ने पिलखी स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन हेतु मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से की मुलाकात— सीएम के आश्वासन के बाद हड़ताल की स्थगित, मुख्यमंत्री ने कहा, “स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी”* 

*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी जनपद के पिलखी क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणा* 

 *प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिलखी को 30 शैय्यायुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में उच्चीकृत किया गया* 

 *कुल 36 नये पदों का सृजन, स्थानीय जनता को मिलेगा सीधा लाभ* 

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने आज मुलाकात की | मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद प्रतिनिधिमंडल ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी | मुख्यमंत्री श्री धामी  ने कहा कि जनपद टिहरी गढ़वाल के पिलखी क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिलखी (Type-B) को 30 शैय्यायुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) के रूप में उच्चीकृत किया गया है। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है | इस उच्चीकरण के साथ, शासन द्वारा कुल 36 पदों (26 नियमित + 10 आउटसोर्सिंग) का सृजन किया गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन में कोई बाधा न आए और क्षेत्र की जनता को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हों। ये सभी पद अस्थायी रूप से 28 फरवरी 2026 तक स्वीकृत किए गए हैं, जिन्हें आवश्यकता के अनुसार आगे बढ़ाया भी जा सकता है।


प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा: “ *हमारी सरकार का लक्ष्य है कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को उसी स्तर पर विकसित किया जाए, जैसा मैदानों में उपलब्ध है। पिलखी क्षेत्र के लिए 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति वहाँ के हजारों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करेगी। पदों का सृजन स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर भी उपलब्ध कराएगा।”*

उन्होंने आगे कहा “पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। हमारी सरकार ‘हर घर स्वास्थ्य, हर व्यक्ति स्वस्थ’ के संकल्प के साथ तेजी से काम कर रही है। पिलखी क्षेत्र में यह निर्णय लोगों की लंबी प्रतीक्षा को समाप्त करेगा और निकट भविष्य में बेहतर चिकित्सा ढाँचे का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा  “सरकार का संकल्प स्पष्ट है—प्रदेश का कोई भी नागरिक स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित न रहे। घनसाली क्षेत्र की स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से लिया जाएगा और पिलखी स्वास्थ्य केंद्र को चरणबद्ध तरीके से उन्नत किया जाएगा। आवश्यक पदों की तैनाती, भवन सुधार एवं चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार पर शीघ्र कार्यवाही की जाएगी।”

इस अवसर पर घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा संयोजक मण्डल से श्री संजीव आर्य, श्री विक्रम कपाल, श्री अनुग्रह लाल शाह,श्री अनुग्रह लाल शाह,श्री गोविन्द दिगारी,श्रीमती सुनीता पवार, श्रीमती कमला पंवार, श्री अनुग्रह कपाल व श्री अंकित नौडियाल उपस्थित रहे |


*उत्तराखंड समेत पूरे हिमालयी क्षेत्र की फसलें, हमारी संस्कृति और पोषण का मजबूत आधार: त्रिवेन्द्र*

legislative assembly  MP trivendra singh Rawat


नई दिल्ली:


लोकसभा में हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जलवायु परिवर्तन, प्रवासन और वाणिज्यिक खेती के कारण पर्वतीय क्षेत्रों की पारंपरिक फसलों के तेजी से विलुप्त होने के गंभीर विषय को उठाया।

उन्होंने केंद्र सरकार से इन फसलों के संरक्षण, पुनर्जीवन और बाजार से जोड़ने संबंधी राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी नीति एवं ठोस कदमों की जानकारी मांगी। श्री रावत ने यह जानना चाहा कि क्या सरकार को पता है कि जलवायु परिवर्तन और प्रवासन के कारण कई पहाड़ी फसलें विलुप्ति के कगार पर हैं?, आईसीएआर और नेशनल जीन बैंक ने ऐसी किस्मों के संरक्षण और पुनर्प्रचलन के लिए क्या कार्यवाही की है?, क्या पोषक तत्वों से भरपूर “विलुप्त प्राय” फसलों के संवर्धन हेतु कोई विशेष कार्यक्रम प्रस्तावित है? और बीज बैंकों, प्रसंस्करण सुविधाओं और बाजार उपलब्धता के माध्यम से इन फसलों को दोबारा लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी?

 

इसपर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने अपने लिखित उत्तर के जवाब में यह अवगत कराया कि आईसीएआर और नेशनल जीन बैंक ने 1,00,086 विलुप्त या संकटग्रस्त किस्मों का संरक्षण, दस्तावेजीकरण और पुनर्प्रचलन किया है। इनमें 85,587 भू-प्रजातियाँ और 14,499 पारंपरिक कृषक किस्में शामिल हैं। सरकार पोषक तत्वों से भरपूर मिलेट, छद्म-अनाज और औषधीय पौधों के संरक्षण एवं प्रसार को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023’ के जरिए इन फसलों के प्रति जागरूकता और अनुसंधान को विशेष गति मिली है और इससे पर्वतीय क्षेत्रों की जैविक उपज के लिए विशेष FPO, मार्केट लिंकेज, और मंडियों में समर्पित स्थान विकसित किए जा रहे हैं।


श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड एवं पूरे हिमालयी क्षेत्र की पारंपरिक फसलें केवल कृषि नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर, पोषण सुरक्षा और स्थानीय जैव-विविधता का आधार हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते इनका तेजी से गायब होना गंभीर चिंता का विषय है। संरक्षण, बीज बैंकिंग, प्रसंस्करण और विपणन सहायता को और सुदृढ़ करना समय की आवश्यकता है।


उन्होंने सरकार द्वारा किए जा रहे संरक्षण प्रयासों की सराहना करते हुए यह भी कहा कि मिलेट, छद्म-अनाज और औषधीय फसलों को मुख्यधारा में लाने के लिए और व्यापक कार्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए, ताकि पर्वतीय कृषि को नई दिशा और नए अवसर मिल सकें।



*हरिद्वार से 88 और देहरादून से 36 ट्रेनें होती हैं संचालित: श्री अश्विनी वैष्णव केंद्रीय रेल मंत्री* 

- केन्द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने हरिद्वार सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रश्न का लोक सभा दिया उत्तर

* देहरादून/हरिद्वार वारणसी, गया, पुरी, पटना और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों से कई ट्रेन पेयर्स के माध्यम से जुड़ा हुआ है 

* भारतीय रेलवे त्यौहारों, अवकाशों एवं धार्मिक आयोजनों के दौरान ट्रैफिक की मांग और परिचालनिक स्थिति के आधार पर विशेष ट्रेनें भी संचालित करता है।

केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में हरिद्वार सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों के लिए रेल सेवाओं से संबंधित पूछे गए अतारांकित प्रश्न का उत्तर दिया।




केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि रेलवे नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है और ट्रेनें नेटवर्क की आवश्यकता के अनुसार राज्य सीमाओं के पार भी चलाई जाती हैं। वर्तमान में देहरादून/हरिद्वार वारणसी (03 जोड़ी गाड़ियों द्वारा), गया (01 जोड़ी गाड़ियों द्वारा), पुरी (01 जोड़ी गाड़ियों द्वारा), पटना (02 जोड़ी गाड़ियों द्वारा) और कोलकाता (03 जोड़ी गाड़ियों द्वारा) आदि शहरों से जुड़ा हुआ है।


वर्तमान में, हरिद्वार स्टेशन 88 रेलगाड़ी सेवाओं तथा देहरादून स्टेशन 36 रेलगाड़ी सेवाओं द्वारा निम्नानुसार सेवित किए जा रहे हैं:

हरिद्वार स्टेशन को सेवित करने वाली रेलगाड़ियां:

क्र. सं. रेलगाड़ी सं. रेलगाड़ी का नाम

1 22457/22458 आनंद विहार (ट.) – देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस

2 22545/22546 लखनऊ – देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस

3 12017/12018 नई दिल्ली – देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस

4 12053/12054 हरिद्वार – अमृतसर जन शताब्दी एक्सप्रेस

5 12055/12056 नई दिल्ली – देहरादून जन शताब्दी एक्सप्रेस

6 12091/12092 देहरादून – काठगोदाम जन शताब्दी एक्सप्रेस

7 12171/12172 लोकमान्य तिलक (ट.) – हरिद्वार एक्सप्रेस

8 12327/12328 हावड़ा – देहरादून उपासना एक्सप्रेस

9 12369/12370 हावड़ा – देहरादून कुंभ एक्सप्रेस

10 12401/12402 कोटा – देहरादून नंदा देवी एक्सप्रेस

11 12911/12912 वलसाड – हरिद्वार एक्सप्रेस

12 13009/13010 हावड़ा – योग नगरी ऋषिकेश दून एक्सप्रेस

13 14041/14042 दिल्ली – देहरादून मसूरी एक्सप्रेस

14 14113/14114 सूबेदारगंज – देहरादून एक्सप्रेस

15 14119/14120 काठगोदाम – देहरादून एक्सप्रेस

16 14229/14230 प्रयागराज संगम – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

17 14303/14304 दिल्ली – हरिद्वार एक्सप्रेस

18 14305/14306 दिल्ली – हरिद्वार एक्सप्रेस

19 14309/14310 लक्ष्मी बाई नगर - योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

20 14317/14318 लक्ष्मी बाई नगर - योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

21 14605/14606 योग नगरी ऋषिकेश – जम्मू तवी एक्सप्रेस

22 14609/14610 योग नगरी ऋषिकेश - श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा एक्सप्रेस

23 14625/14626 हरिद्वार – फिरोजपुर कैंट एक्सप्रेस

24 14631/14632 देहरादून – अमृतसर एक्सप्रेस

25 14717/14718 बीकानेर – हरिद्वार एक्सप्रेस

26 14815/14816 श्री गंगानगर – ऋषिकेश एक्सप्रेस

27 14887/14888 ऋषिकेश – बाड़मेर एक्सप्रेस

28 15001/15002 मुजफ्फरपुर – देहरादून एक्सप्रेस

29 15005/15006 गोरखपुर – देहरादून एक्सप्रेस

30 15019/15020 देहरादून – टनकपुर एक्सप्रेस

31 15119/15120 बनारस – देहरादून एक्सप्रेस

32 18477/18478 पुरी – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

33 19019/19020 बांद्रा (ट.) – हरिद्वार एक्सप्रेस

34 19031/19032 साबरमती – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

35 19271/19272 भावनगर (ट.) – हरिद्वार एक्सप्रेस

36 19565/19566 ओखा – देहरादून एक्सप्रेस

37 19609/19610 उदयपुर सिटी – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

38 22659/22660 तिरुवनंतपुरम उत्तर – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

39 22917/22918 बांद्रा (ट.) – हरिद्वार एक्सप्रेस

40 54341/54342 सहारनपुर – देहरादून पैसेंजर

41 54463/54464 चंदौसी – ऋषिकेश पैसेंजर

42 54481/54482 हरिद्वार – ऋषिकेश पैसेंजर

43 54483/54484 हरिद्वार – ऋषिकेश पैसेंजर

44 64511/64512 हरिद्वार – अंब अंदौरा मेमू


देहरादून स्टेशन को सेवित करने वाली रेलगाड़ियां:


क्रम सं. रेलगाड़ी सं. रेलगाड़ी का नाम

1 22457/22458 आनंद विहार (ट.) – देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस

2 22545/22546 लखनऊ – देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस

3 12017/12018 नई दिल्ली – देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस

4 12055/12056 देहरादून – नई दिल्ली जन शताब्दी एक्सप्रेस

5 12091/12092 देहरादून – काठगोदाम जन शताब्दी एक्सप्रेस

6 12327/12328 हावड़ा – देहरादून उपासना एक्सप्रेस

7 12369/12370 हावड़ा – देहरादून कुंभ एक्सप्रेस

8 12401/12402 कोटा – देहरादून नंदा देवी एक्सप्रेस

9 14041/14042 दिल्ली – देहरादून मसूरी एक्सप्रेस

10 14113/14114 सूबेदारगंज – देहरादून एक्सप्रेस

11 14119/14120 काठगोदाम – देहरादून एक्सप्रेस

12 14631/14632 देहरादून – अमृतसर एक्सप्रेस

13 15001/15002 मुजफ्फरपुर – देहरादून एक्सप्रेस

14 15005/15006 गोरखपुर – देहरादून एक्सप्रेस

15 15019/15020 देहरादून – टनकपुर एक्सप्रेस

16 15119/15120 बनारस – देहरादून एक्सप्रेस

17 19565/19566 ओखा – देहरादून उत्तरांचल एक्सप्रेस

18 54341/54342 सहारनपुर – देहरादून पैसेंजर


केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय रेल नियमित सेवाओं के अतिरिक्त परिचालनिक व्यवहार्यता और यातायात औचित्य के आधार पर त्योहारों, छुट्टियों और धार्मिक आयोजनों के दौरान यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को ध्यान में रखते हुए विशेष रेलगाड़ियों का संचालन भी करती है। किसी भी मार्ग या खंड पर नई रेलगाड़ियों की शुरुआत कई कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें उस खंड की क्षमता, पथ की उपलब्धता, अपेक्षित चल स्टॉक की उपलब्धता, चल स्टॉक के लिए उपयुक्त अवसंरचना की उपलब्धता तथा रेलपथ और अन्य परिसंपत्तियों की अनुरक्षण संबंधी आवश्यकताएँ शामिल हैं।


*मुख्यमंत्री ने वन विभाग की समीक्षा बैठक में दिए डीएफओ पौड़ी को हटाने के निर्देश*

*गांव के आस पास  झाड़ियों को भी साफ करने के निर्देश, सूचना के 30 मिनट के भीतर मौके पर पहुंचे टीम*  



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानव वन्यजीव संघर्ष को खत्म करने के लिए वन विभाग के साथ ही शासन-प्रशासन के स्तर पर भी प्रभावी प्रयास किये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटना की सूचना मिलने के 30 मिनट के अन्दर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच जाए। इसके लिए संबंधित डीएफओ और रेंजर की जिम्मेदारी तय की जाए। प्रभावितों को आर्थिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाए।


 मुख्यमंत्री ने पौड़ी में मानव -वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं के दृष्टिगत पौड़ी के डीएफओ को तत्काल प्रभाव से वहां से हटाने के निर्देश दिये हैं। 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन क्षेत्रों में जंगली जानवरों का अधिक भय है, ऐसे क्षेत्रों में स्कूली बच्चों को स्कूल तक छोड़ने और घर तक लाने के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा एस्कॉर्ट की व्यवस्था की जाए। मानव-वन्यजीव संघर्ष में किसी परिवार से कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर उनके परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना, ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वन विभाग प्रभावित परिवार की आजीविका को सहायता देने के लिए दो सप्ताह के अंदर नीति बनाकर प्रस्तुत करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपदों में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए जिन भी उपकरणों की आवश्यकता है, उन्हें यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाए। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पहली जिम्मेदारी वन्यजीवों से लोगों के जीवन को बचाना है, इसके लिए नई तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया जाए। जंगली जानवर आबादी क्षेत्रों में न आये, इसके लिए स्थाई समाधान पर विशेष ध्यान दिया जाए। वन्यजीवों की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में कैमरों के माध्यम से निरंतर नजर बनाये रखें। वन कर्मी लगातार निगरानी रखें, साथ ही ग्रामीणों के साथ अपना संवाद मजबूत रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तियों के आस पास जंगली झाडियों को अभियान चलाकर साफ किया जाए, साथ ही बच्चों और महिलाओं को विशेष तौर पर आस पास वन्य जीवों की मौजूदगी को लेकर जागरुक किया जाए। 


बैठक में वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल, प्रमुख सचिव श्री आरके सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री विनय शंकर पांडेय, सी रविशंकर, प्रमुख वन संरक्षक श्री रंजन मिश्रा, अपर सचिव हिमांशु खुराना शामिल हुए।


कल  10 दिसंबर को पौड़ी जनपद के गजेल्ड (गजल्ड) गांव में पिछले कुछ समय से आतंक मचा रहे नर-भक्षी गुलदार को आखिरकार ढेर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के त्वरित, स्पष्ट और सख्त निर्देशों के बाद वन विभाग ने विशेष शिकारियों की टीम तैनात की थी। लगातार निगरानी, ट्रैकिंग और सघन अभियान के बाद टीम ने बीती रात गुलदार को सफलतापूर्वक मार गिराया।


मुख्यमंत्री श्री धामी ने घटना को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए थे कि ग्रामीणों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी क्रम में वन विभाग, स्थानीय प्रशासन और शिकार विशेषज्ञों ने समन्वित प्रयास करते हुए यह कार्रवाई पूरी की।


सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित क्षेत्र में सतर्कता और गश्त बढ़ाई जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि उनकी सुरक्षा और जीवन की रक्षा के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।



*धैर्य, समर्पण और अदम्य इच्छाशक्ति के प्रतीक हैं पी आर डी जवान : मुख्यमंत्री*

PRD uttarakhand


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को ननूरखेड़ा, देहरादून स्थित निदेशालय युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल परिसर में प्रान्तीय रक्षक दल के 'स्थापना दिवस' के अवसर पर आयोजित रैतिक परेड कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने दिवंगत पीआरडी स्वयंसेवकों के आश्रितों को सहायता राशि एवं पीआरडी जवानों के बच्चों को छात्रवृत्ति के चेक भी प्रदान किए। 


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा कि की पी.आर.डी जवानों के लिए एक विशिष्ट प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी।पीआरडी जवानों को भी अब ड्यूटी के दौरान चिकित्सालय में भर्ती होने की स्थिति में उपचार के दौरान ड्यूटी पर ही माना जाएगा और उन्हें अधिकतम छह माह का मानदेय प्रदान किया जाएगा। ग्राम अस्थल रायपुर में खेल मैदान का निर्माण भी किया जाएगा। 


मुख्यमंत्री ने प्रांतीय रक्षक दल के स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पी.आर.डी जवान, धैर्य, समर्पण और अदम्य इच्छाशक्ति के साथ प्रदेश में सुरक्षा और जनसेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। पीआरडी जवान, प्रदेश में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने, सुरक्षा व्यवस्था, लिपिकीय कार्यों और विभिन्न विभागीय का दायित्वों, प्राकृतिक आपदाओं में चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में कार्य कर प्रदेश की सेवा कर रहे हैं। चार धाम यात्रा के दौरान भी जवानों ने धैर्य, संवेदनशीलता और सजगता के साथ लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा कराने में सहयोग किया। 


मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने पीआरडी जवानों के कल्याण के लिए अनेकों महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। राज्य गठन के समय  पीआरडी जवानों को मात्र 65 रुपये प्रतिदिन भत्ता मिलता था। अब उसमें 10 गुना वृद्धि करते हुए उसे 650 रुपये प्रतिदिन किया गया है। पीआरडी जवानों के आश्रित बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार ने मृत एवं घायल PRD जवानों और उनके आश्रितों को 70 लाख रुपये से अधिक की सहायता राशि प्रदान की है।


मुख्यमंत्री ने कहा 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद सेवानिवृत्त हुए पीआरडी जवानों को 18 लाख रुपये का एकमुश्त सेवा-भत्ता भी प्रदान किया है। साम्प्रदायिक दंगों में ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर परिवार को मिलने वाली राशि को एक लाख रुपये से बढ़ाकर ₹ 2 लाख किया गया है। पीआरडी जवान की अति- संवेदनशील ड्यूटी में मृत्यु होने पर देय राशि 75 हजार रुपये से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये की है। सामान्य ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने की दशा में मिलने वाली राशि को भी 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि साम्प्रदायिक दंगों और अति-संवेदनशील ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले स्वयंसेवकों के अंतिम संस्कार के लिए नई नियमावली में अलग से प्रावधान किया है। प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले नुकसान के लिए भी संबंधित अधिकारी की संस्तुति पर अधिकतम 50 हजार रुपये तक की सहायता का प्रावधान भी PRD जवानों के लिए किया है। जवानों की सेवा के प्रति निष्ठा और समर्पण का सम्मान करते हुए हमनें वर्ष 2023 में मृत एवं अपंग जवानों के आश्रितों को पीआरडी जवान के रूप में पंजीकृत करना प्रारंभ किया था। जिसके पश्चात अब तक पंजीकृत 190 आश्रितों में से 133 आश्रितों को रोजगार भी प्रदान किया जा चुका है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस माह 149 पंजीकृत आश्रितों को विभागीय अर्द्ध सैन्य प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। जिससे वे  अपने कौशल में वृद्धि कर सकेंगे और भविष्य में पीआरडी सेवा के विभिन्न दायित्वों को और अधिक दक्षता और तत्परता के साथ निभाने में सक्षम होंगे। 


कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि पीआरडी जवान, हर स्थिति में प्रदेश की सेवा करते हैं। चुनावों , पर्व त्यौहारों, आपदा से लेकर आम दिनों तक पीआरडी जवान हमेशा आगे रहते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीआरडी जवानों के हितों में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। 2022 से इस स्थापना दिवस को भव्य रूप से मनाया जा रहा है।  आज हमारे 7500 से अधिक पीआरडी जवान अपनी सेवाएं दे रहे हैं।


इस अवसर पर विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ, विशेष प्रमुख सचिव श्री अमित सिन्हा, अपर निदेशक युवा कल्याण श्री राकेश डिमरी, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

 आज का राशिफल

 दिनांक 11 दिसंबर 2025

 दिन गुरुवार

rashifal today 11 dec 2025


अ, आ, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो

निवेश के सुखद परिणाम आएंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। किसी बड़ी बाधा के दूर होने से प्रसन्नता रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। पुराना रोग उभर सकता है। विवाद से क्लेश संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।


वृषभ

ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। व्यस्तता रहेगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों से अपेक्षा पूर्ण नहीं होने से खिन्नता रहेगी। कार्य में विलंब होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी।


मिथुन

का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह

व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ रहेगा। व्यापार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। आय होगी। प्रमाद न करें। पुराने शत्रु परेशान कर सकते हैं। थकान व कमजोरी रह सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।



कर्क

ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो

कारोबार में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नए व्यापारिक अनुबंध होंगे। धनार्जन होगा। लंबे समय से रुके कार्यों में गति आएगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शत्रु परास्त होंगे। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें।


सिंह

मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। परिवार के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबार अच्छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्नता रहेंगे। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।



कन्या

ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो

धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। आय में निश्चितता होगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में सावधानी रखें, विशेषकर स्त्रियां रसोई में ध्यान रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। भाइयों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। कुसंगति से हानि होगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा।


तुला

रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते

कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। सुख के साधन जुटेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेशादि शुभ रहेंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। स्त्री पक्ष से लाभ होगा। अज्ञात भय रहेगा। शत्रु परास्त होंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।



वृश्चिक

तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू

आय में वृद्धि होगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। कोई बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य बेहद अनुकूल है, लाभ लें। चोट व रोग से बचें। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी अपरिचित पर अतिविश्वास न करें।

धनु

ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे

भागदौड़ रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। किसी गलती का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जल्दबाजी व लापरवाही न करें। अज्ञात भय सताएगा। पुराना रोग उभर सकता है।


मकर

भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी

आज लेन-देन में विशेष सावधानी रखें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। दु:खद समाचार मिल सकता है। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। व्यर्थ भागदौड़ होगी। कार्य में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। किसी बड़ी समस्या से सामना हो सकता है।


कुंभ

गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा

पराक्रम बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। पराक्रम बढ़ेगा। किसी बड़े काम को करने में रुझान रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। चोट व रोग से बचें। सुख के साधन जुटेंगे। घर में तनाव रह सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।



मीन

दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची

आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। विवेक से कार्य करें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। आय में वृद्धि होगी। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। प्रमाद न करें।


नैनीताल:



आज दिनांक 09 /12/2025 को रात्रि पोस्ट नैनीताल से उपनिरीक्षक मनीष भाकुनी को आपदा कंट्रोल रूम नैनीताल से समय 19:40 बजे सूचना प्राप्त हुई कि चीना बाबा के पास स्थित शिशु मंदिर स्कूल में आग लग गई है। सूचना मिलते ही टीम तुरन्त आवश्यक उपकरणों सहित रवाना हुई,घटनास्थल पर पहुँचने पर ज्ञात हुआ कि आग स्कूल परिसर की ऊपरी मंजिल पर लगी थी। टीम द्वारा फायर सर्विस के साथ समन्वय स्थापित कर तेजी से आग को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया, जिसके फलस्वरूप थोड़े समय में आग पूरी तरह बुझा दी गई। संचालन के दौरान किसी प्रकार की जनहानि की सूचना प्राप्त नहीं हुई तथा स्थिति पूर्णतः सुरक्षित पाई गई।

SDRF नैनीताल की त्वरित रेस्क्यू कार्रवाई — पंचवटी बैंड, मल्ला रामगढ़ में वाहन दुर्घटना* 


आज दिनांक 09/12/2025 की रात्रि को SDRF पोस्ट नैनीताल से सब इंस्पेक्टर मनीष भाकुनी को जिला नियंत्रण कक्ष नैनीताल से सूचना प्राप्त हुई कि मल्ला रामगढ़ के पंचवटी बैंड में एक वाहन XUV 700 (UP 14 FK 1616) दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।


सूचना प्राप्त होते ही SDRF टीम आवश्यक तत्काल घटनास्थल के हेतु रवाना हुई।

घटनास्थल पर पहुँचकर पाया गया कि वाहन में कुल 8 व्यक्ति सवार थे, जिनमें सभी घायल पाए है। SDRF टीम द्वारा सभी घायलों को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित रेस्क्यू कर एम्बुलेंस से रामगढ़ अस्पताल भेजा गया। 

घायलों के नाम इस प्रकार हैं—


1. निष्ठा, 14 वर्ष

2. शमा, 8 वर्ष

3. लवीया, 7 वर्ष

4. नितिन

5.सचिन (वाहन चालक — स्थिति गंभीर)

6.कंचन

7.रुचि, लगभग 35 वर्ष

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