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 *केदारनाथ  स्थित चोराबाड़ी ग्लेशियर में हिमस्खलन से कोई नुक़सान नही हुआ।*


 *जनमानस से अपील अफवाहों पर ध्यान न दे: हेमंत द्विवेदी* 

लोगों ने दूर से एवलांच की आवाज सुनी।


  देहरादून: 4 सितंबर 

avalanche in Chaurabadi glaciar


श्री  बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने आज 4 सितंबर दिन के समय केदारनाथ के निकट चोराबाड़ी ग्लेशियर में हुये  हिमस्खलन ( एवलांच) को सामान्य घटना बताया है कहा कि इससे केदारनाथ क्षेत्र या मंदिर के आसपास कोई नुक़सान नही हुआ है उन्होंने लोगों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें।


उल्लेखनीय है कि आज बृहस्पतिवार  अपराह्न को चोराबाड़ी ग्लेशियर में मामूली हिमस्खलन हुआ  जिसके बाद रूद्रप्रयाग जिला प्रशासन, जिला आपदा प्रबंधन सहित एसडीआरएफ एनडीआरएफ 

एलर्ट हो गयी है।




*उत्तराखण्ड ने केंद्र सरकार को सौंपा 5702.15 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का प्रस्ताव*



*प्रमुख सचिव आरके सुधांशु तथा सचिव आपदा प्रबंधन  विनोद कुमार सुमन ने एनडीएमए के सदस्य एवं विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह एवं एनडीएमए के सचिव  मनीष भारद्वाज को दिया ज्ञापन*

more than 5 thousand crore package demand by central govt



देहरादून। आपदा प्रबंधन विभाग ने इस वर्ष मानसून के दौरान हुई क्षति की प्रतिपूर्ति तथा भविष्य में अवस्थापना संरचनाओं को संभावित नुकसान से बचाने के लिए भारत सरकार से 5702.15 करोड़ रुपये की विशेष सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रमुख सचिव, मा0 मुख्यमंत्री श्री आरके सुधांशु तथा सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने गुरुवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य एवं विभागाध्यक्ष श्री राजेंद्र सिंह तथा एनडीएमए के सचिव श्री मनीष भारद्वाज को ज्ञापन सौंपा। 

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विभागाध्यक्ष श्री राजेंद्र सिंह तथा सचिव श्री मनीष भारद्वाज ने उत्तराखण्ड को हर स्तर पर सहयोग का आश्वासन दिया है। श्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य ने इस वर्ष मानसून सीजन में धराली, थराली जैसी भयावह आपदाओं का सामना किया है। राज्य को व्यापक क्षति हुई है, इसमें कोई दोराय नहीं। संकट की इस घड़ी में भारत सरकार राज्य के साथ खड़ी है और एनडीएमए के स्तर पर हर संभव आर्थिक सहयोग राज्य को प्रदान किया जाएगा ताकि आपदा प्रभावितों को हर स्तर पर मदद मिल सके, राज्य जल्द सामान्य स्थिति की ओर अग्रसर हो तथा आपदाओं के प्रभावों को कम करने की दिशा में दीर्घकालिक समाधान किए जा सकें। 

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस वर्ष प्राकृतिक आपदा से लोक निर्माण विभाग तथा सार्वजनिक सड़कों को लगभग रू0 1163.84 करोड़, सिंचाई विभाग की परिसम्पत्तियों को लगभग रू0 266.65 करोड़, ऊर्जा विभाग को रू0 123.17 करोड़, स्वास्थ्य विभाग की परिसम्पत्तियों को लगभग रू0 4.57 करोड़, विद्यालयी शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को 68.28 करोड़, उच्च शिक्षा विभाग की परिसम्पत्तियों को रू0 9.04 करोड़, मत्स्य विभाग को 2.55 करोड़, ग्राम्य विकास विभाग को 65.50 करोड़, शहरी विकास को 04 करोड़, पशुपालन विभाग को 23.06 तथा अन्य विभागीय परिसम्पत्तियों को 213.46 करोड़ तथा इस प्रकार सभी राजकीय विभागों को कुल लगभग रू0 1944.15 करोड़ की सीधे तौर पर क्षति हुई है। 

इन परिसम्पत्तियों के पुनर्निर्माण तथा पुनर्प्राप्ति में उपरोक्त धनराशि रू0 1944.15 करोड़ के साथ-साथ परिसम्पत्तियों को बचाने तथा अनेक ऐसी परिसम्पत्तियां, मार्ग, आबादी वाले क्षेत्र तथा अन्य अवस्थापना संरचानाओं को जो आपदा से क्षतिग्रस्त होने की कगार पर हैं, को स्थिर करने के लिये रू0 3758.00 करोड़ की सहायता प्रदान किए जाने का अनुरोध किया गया है। इस प्रकार वर्ष 2025 में हुई आपदा से क्षति के लिये उत्तराखण्ड राज्य को कुल रू0 5702.15 करोड़ की धनराशि की मांग की गई है, ताकि इस धनराशि से आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की मरम्मत/पुनर्प्राप्ति/पुनर्निर्माण कराया जा सके तथा आपदा से क्षतिग्रस्त होने वाली अवस्थापना संरचनाओं/सार्वजनिक परिसम्पत्तियों/ मार्गों/आबादी वाले क्षेत्रों की सुरक्षा आदि हेतु कार्य कराया जा सके तथा उत्तराखण्ड को आपदा के प्रभाव को न्यूनतम रखा जा सके तथा बहुत बड़ी क्षति से बचा जा सके। 

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से वर्ष 2025 में 01 अप्रैल, 2025 से 31 अगस्त, 2025 के मध्य कुल 79 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, 115 लोग घायल हुए हैं तथा 90 लोग लापता हैं। कुल 3953 छोटे तथा बड़े पशुओं की मृत्यु हुई है। कुल 238 पक्के भवन ध्वस्त हुए हैं, 02 कच्चे भवन ध्वस्त हुए हैं, 2835 पक्के भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा 402 कच्चे भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त बहुत बड़ी मात्रा में व्यवसायिक भवन, दुकानें/होटल/होमस्टे, रेस्टोरेंट तथा अन्य संरचनायें क्षतिग्रस्त हुई हैं।  



*केंद्र से मिल रहा है भरपूर सहयोग- मुख्यमंत्री*


देहरादून। मा0 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तथा गृह मंत्री श्री अमित शाह जी लगातार राज्य के साथ खड़े रहे हैं। केंद्र सरकार ने अब तक हर संभव सहयोग प्रदान किया है, जिसके परिणामस्वरूप राहत एवं बचाव कार्यों को त्वरित गति मिली है। मा0 प्रधानमंत्री जी ने राज्य को आपदाओं से हुई क्षति के संबंध में प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए थे। प्राप्त निर्देशों के क्रम में आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों को गति देने के लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार से विशेष सहयोग का अनुरोध किया है। हमने आग्रह किया है कि आपदा से हुई भारी क्षति की भरपाई हेतु राज्य को एक विशेष आर्थिक पैकेज प्रदान किया जाए, ताकि प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता पहुंचाई जा सके, क्षतिग्रस्त अवसंरचना का शीघ्र पुनर्निर्माण हो सके तथा आजीविका के साधनों को पुनर्स्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारी साझा प्रतिबद्धता ही उत्तराखंड को शीघ्र सामान्य स्थिति में लौटाने और आपदा प्रभावितों के जीवन में स्थिरता लाने में सहायक होगी।



*सीएस आनंद बर्द्धन के निर्देशन में तैयार हुआ ज्ञापन*


देहरादून। मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन के मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देशन में यह ज्ञापन तैयार किया गया है। उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर एनडीएमए एवं भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क स्थापित करते हुए उत्तराखण्ड में आपदा से हुई क्षति से अवगत कराया। पिछले दिनों नई दिल्ली में उन्होंने मा0 प्रधानमंत्री कार्यालय तथा गृह मंत्रालय में उच्च अधिकारीगणों से भेंट कर विशेष आर्थिक पैकेज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने कहा कि भारत सरकार ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए थे। भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में राज्य सरकार के स्तर से एक विस्तृत ज्ञापन तैयार कर भारत सरकार को सौंप दिया गया है। 




*एनडीएमए के साथ वार्ता सकारात्मक- आरके सुधांशु*


देहरादून। प्रमुख सचिव मा0 मुख्यमंत्री श्री आर.के. सुधांशु ने बताया कि एनडीएमए के अधिकारीगणों के साथ हुई वार्ता अत्यंत सार्थक एवं सकारात्मक रही। बैठक में राज्य सरकार द्वारा आपदा से हुई क्षति के संबंध में प्रस्तुत विस्तृत ज्ञापन पर गहन विचार-विमर्श किया गया। ज्ञापन में प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति, अवसंरचना को हुई क्षति, आपदा राहत एवं पुनर्वास के लिए आवश्यक आर्थिक सहयोग तथा भविष्य की पुनर्निर्माण आवश्यकताओं से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा हुई। एनडीएमए के अधिकारीगणों ने ज्ञापन में उल्लिखित तथ्यों और मांगों को पूर्णतः उचित ठहराते हुए अपनी सहमति प्रदान की है तथा यह आश्वासन दिया है कि राज्य को हर संभव आर्थिक पैकेज उपलब्ध कराया जाएगा। 


*08 सितंबर को आएगी केंद्रीय टीम-सुमन*


देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि दिनांक 08 सितम्बर 2025 को गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गठित अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम उत्तराखण्ड के दौरे पर आ रही है। यह टीम राज्य में वर्ष 2025 के दौरान आई आपदाओं से हुई क्षति का स्थलीय आकलन करेगी। इस टीम का नेतृत्व श्री आर. प्रसना, संयुक्त सचिव गृह मंत्रालय करेंगे। टीम के साथ अन्य छह सदस्य भी रहेंगे जिनमें उप निदेशक महेश कुमार, अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार, उप निदेशक विकास सचान, मुख्य अभियंता पंकज सिंह, निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह तथा सुश्री आर. कृष्णा कुमारी शामिल हैं। अंतर-मंत्रालयी टीम आपदा प्रभावित जनपदों का दौरा करेगी और वहां की स्थिति का प्रत्यक्ष आकलन करेगी। इस अवसर पर राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं ताकि टीम को प्रभावित क्षेत्रों की वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा सके तथा राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा सुचारू रूप से हो सके।

 यात्री विश्रामगृहों के रखरखाव -विस्तारीकरण पर विचार- विमर्श

देहरादून: 



श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी)  अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी के दिशा-निर्देश में विश्राम गृहों के रखरखाव तथा उच्चीकरण हेतु बीकेटीसी विश्राम गृह कार्ययोजना उप समिति की बैठक बीकेटीसी उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण की अध्यक्षता में  केनाल रोड कार्यालय देहरादून में  संपन्न हुई।


उप समिति  ने चारधाम यात्रा मार्गों पर स्थित  बीकेटीसी के सभी विश्रामगृहों की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन,   विश्रामगृहों  धर्मशालाओं के उच्चीकरण, जीर्णोद्धार, आधुनिकीकरण,बिजली, पानी एवं स्वच्छता इंटरनेट व संचार सुविधाएँ, बेहतर फर्नीचर एवं  यात्रियों की सुरक्षा हेतु सीसीटीवी अग्निशमन यंत्र,पेयजल की स्वच्छ एवं सुलभ व्यवस्था,दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिक एवं महिलाओं हेतु सुगम पहुँच,कचरा प्रबंधन, सौंदर्यीकरण,विश्रामगृहों की ऑनलाइन बुकिंग प्रणाली, विश्राम गृहों की आय, कैंटीन व्यवस्था आदि पर विचार विमर्श किया।



उप समिति बैठक के पश्चात मंदिर समिति को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। बैठक में बीकेटीसी उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण सहित बीकेटीसी सदस्य राजपाल जड़धारी, अधिशासी अभियंता विपिन तिवारी, संजय भट्ट आदि मौजूद रहे।




 *प्रात: दस बजे भगवान नारायण के प्रतिनिधि श्री उद्धव जी माता मूर्ति मंदिर पहुंच

 श्री बदरीनाथ धाम: 4 सितंबर

mata murti diwas  in Badrinath dhaam


श्री बदरीनाथ धाम में   वामन द्वादशी के अवसर पर आज बृहस्पतिवार 4 सितंबर  को माता मूर्ति उत्सव धूमधाम से मनाया गया । भगवान बदरी विशाल के  बाल भोग के बाद सुबह 10 बजे श्री उद्धव जी की देव डोली के साथ बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती की उपस्थिति में श्री बदरीनाथ धाम रावल अमरनाथ नंबूदरी धर्माधिकारी, वेदपाठी आचार्यगणों,  मंदिर समिति अधिकारियों ने समारोहपूर्वक माता मूर्ति मंदिर प्रस्थान किया। 


इससे पहले बीते कल बुधवार 3 सितंबर को श्री बदरीनाथ विशाल के क्षेत्ररक्षक श्री घंटाकर्ण महाराज ने भगवान बद्रीनारायण को माता मूर्ति आने का न्यौता दिया था इसी दिन श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत द्वारा श्री नारद उत्सव का उत्साहपूर्वक आयोजन किया गया।


श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने अपने संदेश में वामन भाद्रपद शुक्ल द्वादशी के अवसर पर  श्री बदरीनाथ धाम माता मूर्ति उत्सव एवं श्री त्रियुगीनारायण वामन द्वादशी मेले की शुभकामनाएं दी है।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने माता मूर्ति उत्सव की बधाई दी तथा सहयोग हेतु सभी का आभार जताया है।


उल्लेखनीय है कि  आज गुरूवार भाद्रपद  वामन द्वादशी के दिन भगवान बदरी विशाल जी की ओर से उनकी माता जी की कुशल क्षेम  जानने भगवान  के प्रतिनिधि के रूप में भगवान के सखा श्री उद्धव जी माता मूर्ति मंदिर माणा पहुंचे। रास्ते में माणा महिला मंडल द्वारा जौ की हरियाली भेंट कर श्री उद्धव जी की देवडोली तथा रावल जी सहित आगंतुकों का स्वागत किया।


 बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने बदरीनाथ से बताया कि माता मूर्ति मंदिर में दिन के भोग एवं  अभिषेक पूजा-अर्चना के बाद अपराह्न तीन बजे श्री उद्धव जी माता मूर्ति मंदिर से वापस आकर श्री बदरीनाथ मंदिर में पुनः विराजमान हो गये माता मूर्ति मेले के दौरान सुबह दस बजे से शाम तीन बजे तक  श्री बदरीनाथ मंदिर 

बंद रहा उसके पश्चात मंदिर में पुनः दर्शनों हेतु खुल गया।


बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया कि इस अवसर पर सैकड़ों स्थानीय लोगों तथा बदरीनाथ धाम में रूके तीर्थयात्रियों ने माता मूर्ति तथा श्री उद्धव जी के दर्शन किये। माता मूर्ति मेले में आईटीबीपी तथा सेना द्वारा वृहत्त स्तर पर भंडारे का भी आयोजन किया गया।


माता मूर्ति उत्सव में नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी सहित पूर्व उपाध्यक्ष किशोर पंवार, ग्राम पंचायत प्रधान माणा पीतांबर मोल्फा, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल,पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, प्रभारी धर्माधिकारी स्वयंबर सेमवाल, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी, अवर अभियंता गिरीश रावत,प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, वेदपाठी रविंद्र भट्ट,  राजेंद्र सेमवाल, जगमोहन बर्त्वाल,संतोष तिवारी, माता मूर्ति मंदिर के पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी, विकास सनवाल, रघुवीर पुंडीर, दर्शन कोटवाल ,सहित डिमरी समुदाय के आचार्यगण तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं मंदिर समिति कर्मचारी मौजूद रहे।

 सभी जनपदों में खोले जाएंगे वृद्ध आश्रम – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों से किया संवाद

CM talk to old people


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्य सेवक संवाद के तहत वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के साथ संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने दिव्यांग शादी अनुदान एवं राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का सॉफ्टवेयर लॉच किया एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत दी जा रही पेंशन की इस वित्तीय वर्ष की 5वीं किश्त का ऑनलाइन भुगतान किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान घोषणा की कि दिव्यांग युवक-युवती से विवाह करने पर प्रोत्साहन अनुदान धनराशि 25 हजार रूपये से बढ़ाकर 50 हजार रूपये किया जायेगा। दिव्यांग छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के दिव्यांग छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति हेतु आय सीमा को समाप्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में एक-एक वृद्धाश्रम की व्यवस्था की जायेगी।

मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्यांगजनों का स्वागत करते हुए कहा कि आप सबके आशीर्वाद से ही उन्हें राज्य के मुख्य सेवक के रूप में कार्य करने की ऊर्जा मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संवाद के पीछे भी उनका यही मंतव्य था कि वो सबकी समस्याओं, आवश्यकताओं को सीधे तौर पर जान सकें, जिससे उनके समाधान के लिए और अधिक ठोस कदम उठाए जा सकें। कहा कि कई बार सरकार के स्तर पर नीतियाँ और योजनाएँ तो बन जाती हैं, परन्तु उन योजनाओं का वास्तविक लाभ तभी मिल पाता है जब वे जमीनी स्तर तक पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से पहुँचें। साथ ही लाभार्थी भी ये महसूस करें कि सरकार ने उनकी ज़िंदगी को आसान और बेहतर बनाने का कार्य किया है। 


मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों के सशक्तिकरण के निरंतर प्रयास किए जा रहें हैं। प्रधानमंत्री ने ही सर्वप्रथम “विकलांग” की जगह “दिव्यांग” शब्द को अपनाकर दिव्यांगजनों में आत्मसम्मान का संचार करने का महत्वपूर्ण कार्य किया।


आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दिव्यांग सशक्तिकरण अधिनियम 2016, सुगम्य भारत अभियान, ए.डी.आई.पी. योजना, दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना, दिव्यांगजन स्वालम्बन योजना तथा दिव्यांगजन छात्रवृत्ति एवं पेंशन योजना जैसी अनेकों योजनाओं के माध्यम से दिव्यांगजनों के कल्याण हेतु ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में 96 हज़ार से अधिक दिव्यांगजनों को पेंशन प्रदान की जा रही है। जहां एक ओर 18 वर्ष से अधिक आयु के 86 हज़ार से अधिक दिव्यांगजनों को 1500 रुपए की मासिक पेंशन प्रदान की जा रही है, वहीं 18 वर्ष से कम आयु के 8 हज़ार से अधिक दिव्यांग बच्चों के भरण-पोषण एवं देखभाल हेतु प्रतिमाह 700 रुपए की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। 

इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य के दौरान दिव्यांग हुए लोगों को तीलू रौतेली पेंशन योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 12 सौ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही, 4 फुट से कम ऊँचाई वाले व्यक्तियों को बौना पेंशन के माध्यम से प्रतिमाह 12 सौ रुपए भी प्रदान किए जा रहे हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में "दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना" के अंतर्गत दिव्यांग व्यक्ति से विवाह करने पर 25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जा रही है। आज इस योजना से जुड़े सॉफ्टवेयर के लोकार्पण से योजना का लाभ पारदर्शिता के साथ पात्र लाभार्थियों को मिल सकेगा। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि एक दिन पहले ही देहरादून में प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र का शुभारंभ किया गया है। जहां दिव्यांगजनों विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों को Early Intervention की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले समय में ऐसे दिव्याशा केंद्र राज्य के समस्त जनपदों में खोलने का प्रयास कर रही है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस योजना के अंतर्गत राज्य के लगभग 6 लाख वृद्धजनों को डीबीटी के माध्यम से पेंशन की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जा रही है। इसके साथ ही सरकार राज्य के सभी जनपदों में वृद्धाश्रमों की व्यवस्था भी सुदृढ़ कर रही है। वर्तमान में बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी में राजकीय वृद्धाश्रम संचालित हो रहे हैं, जबकि देहरादून, अल्मोड़ा और चम्पावत में नए भवन निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल सहित विभिन्न क्षेत्रों में गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संचालित वृद्धाश्रम भी कार्यरत हैं। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बदलते समय के साथ रिश्तों में आई चुनौतियों को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य में माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम लागू किया है। इसके माध्यम से हमारे बुजुर्गों को यह कानूनी अधिकार प्राप्त हो जाता है कि वे अपने बच्चों या कानूनी उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण की मांग कर सकें। उन्होंने वरिष्ठजनों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि  आपका ये बेटा कभी आपके सम्मान, सुरक्षा और सुविधाओं में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आने देगा।  


कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, विधायक श्री खजानदास, श्रीमती सविता कपूर, मेयर देहरादून श्री सौरभ थपलियाल, उपाध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद श्री नवीन वर्मा, श्रीमती शांति मेहरा, सचिव समाज कल्याण श्री श्रीधर बाबू अदह्यांकी, अपर सचिव श्री प्रकाश चन्द्र, निदेशक समाज कल्याण श्री चन्द्र सिंह धर्मशक्तू, निदेशक जनजाति कल्याण श्री संजय टोलिया उपस्थित रहे।


मुख्यमंत्री ने प्रदान की विभिन्न योजनाओं के लिए 58.43 करोड़ की स्वीकृति*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री घोषणा के तहत “घनसाली बाजार में वाहन पार्किंग निर्माण हेतु ₹  2.66 करोड़ का अनुमोदन प्रदान किया गया।


मुख्यमंत्री द्वारा राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद देहरादून के विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर में टर्नर रोड, पोस्ट ऑफिस मार्ग एवं मोहब्बेवाला के आंतरिक मार्गों में हॉट मिक्स इण्टरलॉकिंग टाईल्स एवं नाली निर्माण सहित मार्ग निर्माण के कार्य हेतु ₹ 4.49 करोड़ का अनुमोदन प्रदान किया गया है।


इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस लाईन रेसकोर्स देहरादून में टाईप द्वितीय (ब्लॉक-ए) के 120 आवासों के निर्माण हेतु भी ₹ 51.28 करोड़ की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है।


*मुख्यमंत्री ने प्रदान की लोकतंत्र सेनानी सम्मान पेंशन की स्वीकृति*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा श्रीमती शान्ता टंडन पत्नी स्व० ब्रहम सरन टंडन, निवासी गिरीताल रोड, वार्ड न० 1 हैविल्स शोरूम के सामने, पोस्ट ऑफिस काशीपुर, जनपद उधम सिंह नगर को दिनांक 14.06.2017 से दिनांक 14.10.2022 तक 16,000 प्रतिमाह तथा दिनांक 14.10.2022 से ₹20,000 प्रतिमाह बकाये सहित ’लोकतंत्र सेनानी सम्मान पेंशन अनुमन्य किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा रेत मिश्रित नमक से संबंधित शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तत्काल नमूना लेकर जाँच करने के दिये गये निर्देशों के क्रम में आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री चन्द्रेश कुमार द्वारा “मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना“ के अन्तर्गत वितरित होने वाले आयोडाईज्ड नमक की गुणवत्ता के सम्बन्ध में स्पष्ट किया है कि प्रदेश में “मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना“ माह जून 2024 से प्रचलित है। 

जिसके अन्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के राशनकार्ड धारकों को 01 कि० ग्रा० आयोडाईज्ड नमक 08 रू० प्रति कि०ग्रा० प्रति माह वितरित किया जा रहा है। आयोडाईज्ड नमक वितरण का कार्य हेतु भारत सरकार द्वारा नामित संस्था भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित एन०सी०सी०एफ० को कार्यदायी संस्था के रूप में नामित किया गया है।


उन्होंने स्पष्ट किया है कि आयोडाईज्ड नमक कार्डधारकों को पूर्ण गुणवत्ता के साथ उपलब्ध हो सके इसके लिये विभाग द्वारा आयोडाईज्ड नमक की आपूर्ति के लिये अपनी नोडल एजेन्सी भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित एन०सी०सी०एफ० से गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया गया। एन०सी०सी०एफ० ने रक्षा खाद्य एवं अनुसंधान प्रयोगशाला, मैसूर (खाद्य गुणवत्ता और सुरक्षा विश्लेषण में विशेषज्ञता वाली एक प्रमुख प्रयोगशाला) से नमक की गुणवत्ता की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट साझा की। इसके अलावा विभाग को एनएबीएल मान्यता प्राप्त और एफएसएसएआई अनुमोदित प्रयोगशाला आईटीसी लैब्स से भी परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिन्होंने भी पुष्टि की कि सभी मानदंड और परिणाम एफएसएसएआई मानदंडों के अनुरूप है।


विभाग द्वारा आयोडीन युक्त नमक के नमूने राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला रूद्रपुर को भेजे गये और औषधि परीक्षण प्रयोगशाला रूद्रपुर के परिणाम दिनांक-19.08.2025 के द्वारा वितरित किया जा रहा नमक अच्छी गुणवत्ता की पुष्टि होना पाया गया। उपरोक्त के आधार पर सभी परीक्षण परिणाम पुनः पुष्टि करते हैं कि आपूर्ति किया जा रहा रिफाइंड आयोडीन युक्त नमक अच्छी गुणवत्ता का है और एफएसएसएआई के मानकों का पूरी तरह से अनुपालन करता है।


आयुक्त श्री चन्द्रेश कुमार ने बताया कि आयोडाईज्ड नमक की उपलब्धता एवं वितरण के सम्बन्ध में पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने पूरी निर्माण प्रक्रिया और अपनाए जा रहे गुणवत्ता नियन्त्रण उपायों की समीक्षा के लिए जल्द ही (इस मानसून के बाद) निर्माता के कारखाने का दौरा करने का भी निर्णय लिया है। इसके अलावा, आपूर्ति किए गए नमक की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा नियमित अंतराल पर प्रयोगशाला में नमक के नमूनों की नियमित जाँच करायी जायेगी। उपरोक्तानुसार खाद्य विभाग द्वारा वर्तमान में पूर्ण गुणवत्ता का आयोडाईज्ड नमक का वितरण किया जा रहा है।

महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पण के साथ कार्य करती रहेगी सरकार - मुख्यमंत्री


tillu rauteli award ceremony 2024-25




गुरुवार को  सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में आयोजित राज्य स्त्री शक्ति, तीलू रौतेली एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 13 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार और 33 आंगनवाड़ी कार्यकर्तात्रियों को उनके उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए सम्मानित किया। 

इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वीरांगना तीलू रौतेली को नमन करते हुए कहा कि, तीलू रौतेली ने महज 15 वर्ष की उम्र में अपने रण कौशल से विरोधियों को परास्त किया। जिस उम्र में बच्चे खेलना, कूदना और पढ़ना सीखतें हैं, उसी उम्र में तीलू रौतेली ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया। इसलिए वीरांगना तीलू रौतेली को उत्तराखंड की झांसी की रानी कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी "नारी तू नारायणी" के मंत्र के साथ मातृशक्ति के कल्याण एवं सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहे है। संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने की बात हो या बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, उज्ज्वला योजना, लखपति दीदी योजना, केंद्र सरकार हर तरह से महिलाओं को सशक्त बना रही है, इसी तरह ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथा को समाप्त करके भी प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश की महिलाओं को सामाजिक तौर पर मजबूत किया है। 

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी मातृशक्ति के कल्याण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने जहां महिलाओं के लिए सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है। वहीं महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए देश में सर्वप्रथम “समान नागरिक संहिता” को लागू करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार "मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना" और "उद्यमिता विकास कार्यक्रम" जैसी योजनाओं के माध्यम से भी मातृशक्ति को सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार ने वर्ष 2023 से तीलू रौतेली पुरस्कार राशि 31 हजार रुपए से बढ़ाकर 51 हजार और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार धनराशि  21 हजार रुपए से बढ़ाकर 51 हजार कर दी है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के शुरुआती चरण के विकास में आंगनवाड़ी केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ग्रामीण इलाकों में माता-पिता के बाद बच्चों को संस्कार और प्रारंभिक शिक्षा देने की शुरुआत आंगनवाड़ी केंद्रों से ही होती है। उनके दोनों बच्चों ने भी अपनी प्रारंभिक शिक्षा और संस्कार आंगनवाड़ी से ही प्राप्त किए हैं। इसलिए राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी बहनों और सहायिकाओं को सशक्त बनाने के लिए उनके मानदेय में वृद्धि की है। पहले जहां आंगनवाड़ी बहनों को 7500 रुपए का मानदेय मिलता था, उन्हें अब 9300 रुपए कर दिया गया है। इसी तरह अब मिनी आंगनवाड़ी को 4500 के बजाय 6250 और सहायिकाओं को 3550 के बजाय 5250 रुपए का मानदेय मिलता है। इसके साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइज़र के पद पर पदोन्नति दिए जाने का भी प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे भी महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए पूरी शक्ति, निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करते रहेंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य की महिलाओं के पास क्षमता और योग्यता की कमी नहीं है। महिला स्वयं सहायता समूहों के बनाए हाउस ऑफ हिमालयाज के उत्पाद, बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भी मात दे रहे हैं। इसलिए वो हमेशा महिला समूहों को प्रोत्साहन देने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदार की धरती से कहा था कि, 21वीं शताब्दी का तीसरा दशक, उत्तराखंड के नाम होने जा रहे हैं, इस क्रांति में महिला समूहों की अहम भूमिका होने जा रही है। 


 मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे यह कार्यक्रम पहले आठ अगस्त को आयोजित होना था, लेकिन आपदा के कारण तब आयोजन संभव नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश इस समय आपदाओं से घिरा हुआ है, सरकार आपदा प्रभावितों तक हर संभव तरीके से पहुंचने का प्रयास कर रही है, इस काम में केंद्र सरकार का भी सहयोग मिल रहा है। 
   
इस मौके पर विभागीय मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने महिलाओं के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। आगंनवाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बढ़ाने का एतिहासिक कार्य भी धामी सरकार ने किया। आयोजन में विधायक श्री खजान दास, सचिव श्री चंद्रेश कुमार, निदेशक श्री बंशीलाल राणा सहित बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं।

*इन्हें मिला तीलू रौतेली पुरस्कार* 
अल्मोडा से मीता उपाध्याय, बागेश्वर से अलिशा मनराल,  चमोली से सुरभि, चम्पावत से अनामिका बिष्ट, देहरादून से शिवानी गुप्ता, हरिद्वार से रूमा देवी, नैनीताल से नैना, पौड़ी गढ़वाल से  रोशमा देवी,  पिथौरागढ से रेखा भट्ट, रूद्रप्रयाग से हेमा नेगी करासी, टिहरी गढवाल से साक्षी चौहान, ऊधमसिंह नगर से रेखा और उत्तरकाशी से विजयलक्ष्मी जोशी।


डेकोरा 2.0 देहरादून में निर्माण और डिजाइन का भविष्य प्रदर्शित करेगा प्रमुख वास्तुकार, इंजीनियर और डेवलपर्स इस प्रमुख प्रदर्शनी में होंगे शामिल

देहरादून:



टीम डेकोरा को अपने प्रमुख कार्यक्रम, डेकोरा 2.0 (डिज़ाइन एक्सपो ऑफ़ कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट एंड आर्किटेक्चर) की वापसी की घोषणा करते हुए गर्व महसूस हो रहा है, जो 4-7 सितंबर, 2025 तक एन 2 ग्रीन्स, आईएसबीटी के पास, हरिद्वार बाईपास, देहरादून में आयोजित होगा।

team decora 2.0 programme started today 04 sep 2025 in dehradun


यह चार दिवसीय कार्यक्रम उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बढ़ते बाजारों के लिए भवन सामग्री नवाचार, पेशेवर नेटवर्किंग और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक निश्चित मंच बनने के लिए तैयार है।

डेकोरा 2.0 एक महत्वपूर्ण समय पर आया है, क्योंकि यह क्षेत्र बढ़ते पर्यटन, बुनियादी ढाँचे के विकास और दूसरे घरों व सेवानिवृत्ति वाली संपत्तियों की बढ़ती मांग से प्रेरित होकर तेजी से विकास का अनुभव कर रहा है। यह एक्सपो उद्योग को आकार देने वाले नवीनतम रुझानों और प्रौद्योगिकियों का पता लगाने के लिए वास्तुकारों, सिविल इंजीनियरों, रियल एस्टेट डेवलपर्स, इंटीरियर डिजाइनरों और ठेकेदारों के एक विविध दर्शकों को एक साथ लाएगा। इस कार्यक्रम में प्रदर्शक नवीन सीमेंट और कंक्रीट समाधानों से लेकर टिकाऊ निर्माण सामग्री, उन्नत प्लंबिंग सिस्टम और स्मार्ट होम प्रौद्योगिकियों तक उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला क प्रदर्शन करेंगे।

डेकोरा 2.0 का एक मुख्य आकर्षण उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आने वाले वास्तुकारों और इंजीनियरों के लिए विशेष नेटवर्किंग बैठक होगी। यह विशेष सभा देश भर के वास्तुकार सहयोगियों के बीच पेशेवर सहयोग और नेटवर्किंग को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसके अलावा,

इस कार्यक्रम में सीमेंट और कंक्रीट की प्रासंगिकता पर एक विचारोत्तेजक पैनल चर्चा भी होगी, जिसमें तकनीकी प्रगति, स्थिरता और आधुनिक स्थापत्य डिजाइन में उनकी भूमिका जैसे विषयों पर बात की जाएगी।

"हम देहरादून में डेकोरा 2.0 को लाकर रोमांचित हैं, जो इस क्षेत्र में निर्माण के केंद्र में एक शहर है," टीम डेकोरा के एक प्रवक्ता ने कहा । "यह कार्यक्रम सिर्फ एक प्रदर्शनी से कहीं अधिक है; यह पेशेवरों को जोड़ने, महत्वपूर्ण उद्योग चुनौतियों का समाधान करने और इस क्षेत्र में निर्माण के लिए एक अधिक टिकाऊ और तकनीकी रूप से उन्नत भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक मंच है। "

डेकोरा के बारे में-

डेकोरा निर्माण, रियल एस्टेट और वास्तुकला क्षेत्रों के लिए समर्पित एक प्रमुख एक्सपो है। कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योग के पेशेवरों को नई सामग्री खोजने, उभरती प्रौद्योगिकियों के बारे में जानने और मूल्यवान व्यावसायिक संबंध बनाने के लिए एक व्यापक मंच प्रदान करना है। उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाजारों की अनूठी जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करके, डेकोरा का लक्ष्य क्षेत्रीय विकास और नवाचार के लिए एक उत्प्रेरक बनना है।


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