Halloween party ideas 2015


पौड़ी गढ़वाल:



 ग्राम-वीना गाड़ पोखडा ब्लाक के अंतर्गत एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक गुलदार ने एक महिला पर हमला करने की कोशिश की। संगीता देवी, पत्नी श्री कमल रावत, रोजाना की तरह अपने खेत में घास लाने गई थीं, तभी पहले से ही घात लगाकर बैठे गुलदार ने उन पर हमला करने की कोशिश की।


संगीता देवी ने हिम्मत दिखाते हुए अपनी जान बचाई और चिल्लाते हुए वहां से भाग गईं। उन्होंने तुरंत ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद ग्राम प्रधान व सामाजिक कार्यकर्ता श्री आर एस नेगी ( प्रदीप) ने फॉरेस्ट विभाग से पिंजरे की मांग की है।


ग्राम प्रधान का कहना है कि जंगली जानवरों के हमलों से ग्रामीण क्षेत्रों को सुरक्षित करने के लिए सरकार को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए। इस घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, और वे अपनी सुरक्षा के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं।


सरकार से मांग की जा रही है कि वह जंगली जानवरों के हमलों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए और ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करे।

  ऋषिकेश :



 खदरी खड़क माफ़ स्थित उमा  गैस एजेंसी के एक वर्कर द्वारा गैस सिलेंडरों में धांधली किए जाने का मामला सामने आया है। सोमवार को चोपड़ा फ़ार्म, गली नंबर–5 में गैस की होम डिलीवरी के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने वर्कर को रंगे हाथ पकड़ लिया।


ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गैस एजेंसी का कर्मचारी लंबे समय से उपभोक्ताओं के साथ घटौलती कर रहा था। सोमवार को सिलेंडर की सप्लाई के दौरान शक होने पर ग्रामीणों ने जांच की, तो धांधली की पुष्टि हुई। इसके बाद मौके पर हंगामा खड़ा हो गया।


धांधली पकड़ने वालों में पंचायत सदस्य  बबलू चौहान,  अजय भंडारी, प्रवीन चौहान, रमेश जोशी और प्रेम लाल कुलियाल शामिल रहे।


ग्रामीणों का कहना है कि गैस जैसी आवश्यक वस्तु में इस तरह की गड़बड़ी उपभोक्ताओं के साथ सीधी धोखाधड़ी है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायतें लंबे समय से की जा रही थीं, लेकिन एजेंसी की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया।


ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि मामले की जांच कर गैस एजेंसी पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही दोषी कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे गैस एजेंसी के खिलाफ आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

प्रशासन को मामले की जानकारी दिए जाने की तैयारी की जा रही है। वहीं, पूर्ति विभाग से भी मामले की जांच की मांग की गई है।

श्री बदरीनाथ धाम* 


 *शारदीय नवरात्रि  घट स्थापना एवं  माता लक्ष्मी, देवी उर्वशी पूजा के साथ दुर्गासप्तशती पाठ शुरू हुआ* 




श्री बदरीनाथ धाम: 22 सितंबर। श्री बदरीनाथ धाम में  अश्विन शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर आज मंदिर परिसर मे लगे दुर्गापूजा पांडाल में अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना के साथ ही   माता लक्ष्मी तथा देवी उर्वशी पूजन और दुर्गासप्तशती पाठ शुरू हो गया जोकि महानवमी तक चलेगा। इस अवसर पर  मंदिर समिति पदाधिकारी  अधिकारी कर्मचारी पूजा में शामिल हुए।बड़ी संख्या में तीर्थयात्री कलश स्थापना तथा पूजा अर्चना के समय दर्शन को पहुंचे।


श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में प्रत्येक वर्ष नवरात्रि के अवसर पर नौ दिनों तक माता दुर्गा, माता लक्ष्मी तथा देवी उर्वशी की विशेष पूजा-अर्चना होती है। श्री बदरीनाथ धाम मे देवी उर्वशी का शक्तिपीठ स्थित है मान्यता है कि भगवान नारायण ने मेनका के दंभ को समाप्त करने के लिए  उर्वशी को प्रकट किया तब से उर्वशी श्री बदरीनाथ धाम में निवास करती है बामणी गांव में माता नंदा मंदिर के अलावा देवी उर्वशी का भी मंदिर है।

नवरात्र के दौरान श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में माता दुर्गा के नौ रूपों के अलावा  देवी उर्वशी की भी पूजा होती है।


बीते कल  रविवार  शाम को श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में नवरात्र पूजा पांडाल बनाया गया सुबह को साज-सज्जा के साथ ही माता दुर्गा के नौ रूपों का स्मरण करते हुए कलश अर्थात घट की स्थापना की गयी इसके साथ ही नौ दिनों तक माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा तथा साथ ही  माता लक्ष्मी तथा देवी उर्वशी की पूजा-अर्चना शुरू हुई।


 *अपने संदेश में श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने नवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है।वहीं बीकेटीसी उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण सहित मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने नवरात्रि शुभारंभ पर सभी तीर्थयात्रियों को बधाई दी है।*

श्री बदरीनाथ धाम में नवरात्रि पूजा का शुभारंभ  आज प्रातः कलश ( घट) स्थापना से हुआ पवित्र अलकनंदा गंगा से  जल कलश मंदिर परिसर लाया गया जहां आचार्यगणों विजय प्रसाद पाण्डेय आशीष उनियाल, राजेंद्र तिवारी ने पूजा-अर्चना संपन्न कर विधि-विधान से घटस्थापित किया तथा पूजा अर्चना शुरू की।

इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती बदरीनाथ मंदिर परिसर में माता दुर्गा पूजा उर्वशी पूजन में विशेष रूप से मौजूद रहे उन्होंने कहा कि नवरात्रि के पर्व का श्री बदरीनाथ धाम में विशेष महत्व है माता लक्ष्मी तथा देवी उर्वशी का निवास श्री बदरीनाथ धाम  है प्रत्येक वर्ष मंदिर परिसर में नवरात्रि पूजा धूमधाम से आयोजित होती है।


नवरात्रि घटस्थापना पूजा में रावल अमरनाथ नंबूदरी विशिष्ट अतिथि अनिल थपलियाल,  नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल वेदपाठी रविंद्र भट्ट,उमेश सती,  प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, प्रभारी मंदिर अधिकारी राजेंद्र सेमवाल, विवेक थपलियाल, प्रधान सहायक जगमोहन बर्त्वाल एवं संतोष तिवारी, मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़, सहायक लेखाकार संदेश मेहता, तीर्थ पुरोहित अतुल ध्यानी,प्रबंधक भूपेंद्र राणा, प्रभारी संपति निरीक्षक कुलदीप बिष्ट,अजीत,भंडारी,  संजय भंडारी, हरेंद्र कोठारी,विकास सनवाल, हरीश जोशी, लक्ष्मी सेमवाल, नारायण भट्ट आदि मौजूद रहे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी पूजा में शामिल हुए।


द्वितीय चरण की  चारधाम  यात्रा सुचारू: हेमंत द्विवेदी


शक्ति उपासना  के महापर्व नवरात्रि की शुभकामनाएं दी* ।


 श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने शक्ति उपासना के महापर्व नवरात्रि के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है कहा कि नवरात्रि के पर्व पर उत्तराखंड स्थित मां दुर्गा के शक्तिपीठों में श्रद्धालु दर्शन को पहुंचेंगे, वहीं यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में आपदा से उबरने के बाद चारधाम  यात्रा के दूसरे चरण में तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि हो रही है।


बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि मानसून से आये ठहराव के बाद अब  सितंबर से द्वितीय चरण श्री बदरीनाथ केदारनाथ सहित  चारधाम धाम यात्रा सुचारू चल रही है।  मई जून में  यात्रा निविघ्न चली जुलाई से अगस्त माह तक बरसात के कारण सड़क मार्ग अवरूद्ध होने तथा अतिवृष्टि आपदा का प्रभाव यात्रा पर देखा गया।


बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने  बताया कि वर्तमान में प्रतिदिन 8 हजार से अधिक तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ तथा श्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे है रविवार शाम तक 2924740( उनतीस लाख चौबीस हजार सात सौ चालीस) तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ धाम तथा श्री केदारनाथ धाम पहुंच गये है जिनमें से 1370720( तेरह लाख सत्तर हजार सात सौ बीस ) तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ धाम तथा 1554020 ( पंद्रह लाख चौवन हजार बीस ) श्रद्धालुओं ने श्री केदारनाथ धाम के दर्शन कर लिए है आशा जताई कि नवरात्रि के दौरान अधिक तीर्थयात्री देवभूमि उत्तराखंड पहुंचेंगे।




*स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने लापरवाह अधिकारियों, चिकित्सकों और कर्मचारियों पर की बड़ी कार्रवाई*



बागेश्वर जिला चिकित्सालय में एक बच्चे की मृत्यु के प्रकरण में हुई गंभीर लापरवाही पर स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर कठोर संज्ञान लेते हुए दोषी चिकित्सकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट एवं कारण बताओ नोटिस के उत्तर पर विचारोपरांत निम्न निर्णय लिए गए—


1. डॉ. तपन शर्मा – प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय बागेश्वर

आरोप: असंवेदनशीलता, एम्बुलेंस व्यवस्था सुनिश्चित न करना, प्रशासनिक अक्षमता।

कार्रवाई: तत्काल प्रभाव से पद एवं दायित्वों से अवमुक्त। निदेशक कुमांउ मंडक के साथ संबद्व किया गया है। 

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2. ईश्वर सिंह टोलिया एवं लक्ष्मण कुमार – 108 वाहन चालक

आरोप: कर्तव्यों के प्रति उदासीनता एवं असंवेदनशीलता।

कार्रवाई: एक माह तक कार्य से विरक्त रहने का आदेश एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु निर्देश।

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3. महेश कुमार (नर्सिंग अधिकारी), श्रीमती हिमानी (नर्सिंग अधिकारी) एवं सूरज सिंह कन्नाल (कक्ष सेवक)

आरोप: अपने कर्तव्यों के प्रति असंवेदनशीलता व उदासीनता।

कार्रवाई: कठोर चेतावनी जारी, भविष्य में पुनरावृत्ति न हो इसका आदेश।

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4. डॉ. भूरेन्द्र घटियाल – चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालय बागेश्वर

आरोप: कर्तव्यों के प्रति उदासीनता एवं संवेदनशीलता की कमी।

कार्रवाई: कठोर चेतावनी जारी, भविष्य में पुनरावृत्ति न हो इसका आदेश।

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5. डॉ. अंकित कुमार – बाल रोग विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय बागेश्वर

आरोप: संघर्षरत बालक के प्रति सहानुभूति न दिखाना एवं उदासीनता।

कार्रवाई: प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने का आदेश।

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*स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार का बयान*

यह घटना अत्यंत दुखद है। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई की गई है। स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभाग का स्पष्ट संदेश है कि हर अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी पूरी संवेदनशीलता के साथ निभाएं, अन्यथा कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।


*मुख्यमंत्री ने प्रदान की 72.62 करोड़ की विभिन्न विकास योजनाओं की वित्तीय स्वीकृति*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद उत्तरकाशी के विकासखण्ड नौगांव के ग्राम तुनाल्का में न्यायिक विभाग के टाईप-2 के 06 आवास एवं पहुंच मार्ग के निर्माण कार्य हेतु 2.49 करोड की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया।



मुख्यमंत्री ने नाबार्ड वित्त पोषण से सम्बन्धित विभिन्न जनपदों के अन्तर्गत सिंचाई विभाग की 25 योजनाओं हेतु 69.13 करोड़ की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र हेतु 01 करोड़ अनुदान धनराशि राज्य आकस्मिकता निधि से स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।


    

 या देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।


ब्रह्मचारिणी माँ की नवरात्र पर्व के दूसरे दिन पूजा-अर्चना की जाती है। साधक इस दिन अपने मन को माँ के चरणों में लगाते हैं। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है। यह जानकारी भविष्य पुराण से ली गई हे।


दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु |

 देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा  

SECOND Brahamcharini navratri,2024 march


इस दिन साधक कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने के लिए भी साधना करते हैं। जिससे उनका जीवन सफल हो सके और अपने सामने आने वाली किसी भी प्रकार की बाधा का सामना आसानी से कर सकें।


माँ दुर्गाजी का यह दूसरा स्वरूप भक्तों और सिद्धों को अनन्तफल देने वाला है। इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। जीवन के कठिन संघर्षों में भी उसका मन कर्तव्य-पथ से विचलित नहीं होता।

माँ ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से उसे सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है। दुर्गा पूजा के दूसरे दिन इन्हीं के स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन ‘स्वाधिष्ठान ’चक्र में शिथिल होता है। इस चक्र में अवस्थित मनवाला योगी उनकी कृपा और भक्ति प्राप्त करता है।
 

इस दिन ऐसी कन्याओं का पूजन किया जाता है कि जिनका विवाह तय हो गया है लेकिन अभी शादी नहीं हुई है। इन्हें अपने घर बुलाकर पूजन के पश्चात भोजन कराकर वस्त्र, पात्र आदि भेंट किए जाते हैं।

प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में द्वितीय दिन इसका जाप करना चाहिए।

 

*दिनाँक:-23/09/2025,मंगलवार*

द्वितीया, शुक्ल पक्ष, 

आश्विन*

Rashifal today 23 September 2025


*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*


 *नवरात्रि  द्वितीय दिवस ब्रह्मचारिणी पूजन 


*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*


गूढमैथुनचारित्वं काले काले च संग्रहम् ।

अप्रमत्तमविश्वासं पञ्च शिक्षेच्च वायसात् ।।

।।चाo नीo।।


कौवे से ये पाच बाते सीखे... १. अपनी पत्नी के साथ एकांत में प्रणय करे. २. नीडरता ३. उपयोगी वस्तुओ का संचय करे. ४. सभी ओर दृष्टी घुमाये. ५. दुसरो पर आसानी से विश्वास ना करे.


*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*


गीता -: सांख्ययोग - अo-2


मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय शीतोष्णसुखदुःखदाः।

 आगमापायिनोऽनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भारत॥


हे कुंतीपुत्र! सर्दी-गर्मी और सुख-दुःख को देने वाले इन्द्रिय और विषयों के संयोग तो उत्पत्ति-विनाशशील और अनित्य हैं, इसलिए हे भारत! उनको तू सहन कर

 ॥14॥


*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

आंखों को चोट व रोग से बचाएं। कीमती वस्तु गुम हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। हल्की हंसी-मजाक किसी से भी न करें। नकारात्मकता रहेगी। अकारण क्रोध होगा। फालतू खर्च होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। बेवजह कहासुनी हो सकती है। जोखिम न लें।


🐂वृष

अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। घर-बाहर सहयोग प्राप्त होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। बेरोजगारी दूर होगी। अचानक कहीं से लाभ के आसार नजर आ सकते हैं। किसी बड़ी समस्या से निजात मिलेगी। निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे।


👫मिथुन

किसी भी निर्णय को लेने में जल्दबाजी न करें। भ्रम की स्थिति बन सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। थकान व कमजोरी महसूस होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। कारोबार में मनोनुकूल लाभ होगा। प्रमाद न करें।


🦀कर्क

जल्दबाजी में कोई काम न करें। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। प्रमाद न करें।


🐅सिंह

व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में कमी रह सकती है। दु:खद समाचार की प्राप्ति संभव है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। बेवजह विवाद की स्थिति बन सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दूसरों के उकसाने में न आकर महत्वपूर्ण निर्णय स्वयं लें, लाभ होगा।


🙍‍♀️कन्या

किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। व्यापार मनोनुकूल रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। प्रमाद न करें।


⚖️तुला

रोजगार में वृद्धि तथा बेरोजगारी दूर होगी। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। संचित कोष में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। शेयर मार्केट में सोच-समझ्कर निवेश करें। संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। झंझटों से दूर रहें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।


🦂वृश्चिक

कोर्ट व कचहरी में लंबित कार्य पूरे होंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा। सभी काम पूर्ण होंगे। जल्दबाजी न करें।


🏹धनु

बोलचाल में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। प्रतिद्वंद्विता कम होगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। ऐसा कोई कार्य न करें जिससे बाद में पछताना पड़े। जोखिम न लें।


🐊मकर

धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। कोर्ट व कचहरी के अटके कामों में अनुकूलता आएगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। चोट व रोग से बचें। सेहत का ध्यान रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लाभ में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी।


🍯कुंभ

कोई पुरानी व्याधि परेशानी का कारण बनेगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। कोई बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। किसी विशेष क्षेत्र में सामाजिक कार्य करने की इच्छा रहेगी। प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा।


🐟मीन

बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। लाभ के मौके बार-बार प्राप्त होंगे। विवेक का प्रयोग करें। बेकार बातों में समय नष्ट न करें। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में तरक्की के योग हैं। व्यापार की गति बढ़ेगी। लाभ में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।


🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺

*आचार्य  पवन  पाराशर (वृन्दावन)*

 मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को शारदीय नवरात्रि की शुभकामनाएं।*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को शारदीय नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए सभी की सुख समृद्धि एवं मंगलमय जीवन की कामना की है। नवरात्रि पर्व की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि नवरात्रि में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना का विशेष महत्व है। 


उन्होंने कहा कि देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का यह पर्व हमें मातृशक्ति की उपासना तथा सम्मान की प्रेरणा देता है। समाज में नारी के महत्व को प्रदर्शित करने वाला यह पर्व हमारी संस्कृति एवं परम्परा का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवरात्रि में कन्या पूजन की परम्परा भी बालिकाओं के सम्मान से जुड़ा विषय है।

घट स्थापना के साथ शारदीय नवरात्रि का प्रारम्भ  आज  से  हो रहा है।  

माता  के  अनेक  रूप है परन्तु नौ रूपों की महिमा अपरम्पार है . 

 

first navratri 21 sep 2025

शैलपुत्री देवी दुर्गाके नौ रूप में पहले स्वरूप में जानी जाती हैं। ये ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा।

 नवरात्र-पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा और उपासना की जाती है। इस प्रथम दिन की उपासना में योगी अपने मन को 'मूलाधार' चक्र में स्थित करते हैं। यहीं से उनकी योग साधना का प्रारंभ होता है।


वन्दे वंछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम् | 

वृषारूढाम् शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ||



वृषभ-स्थिता इन माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएँ हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। अपने पूर्व जन्म में ये प्रजापति दक्ष की कन्या के रूप में उत्पन्न हुई थीं, तब इनका नाम 'सती' था। इनका विवाह भगवान शंकरजी से हुआ था।


एक बार प्रजापति दक्ष ने एक बहुत बड़ा यज्ञ किया। इसमें उन्होंने सारे देवताओं को अपना-अपना यज्ञ-भाग प्राप्त करने के लिए निमंत्रित किया, किन्तु शंकरजी को उन्होंने इस यज्ञ में निमंत्रित नहीं किया। सती ने जब सुना कि उनके पिता एक अत्यंत विशाल यज्ञ का अनुष्ठान कर रहे हैं, तब वहाँ जाने के लिए उनका मन विकल हो उठा।

अपनी यह इच्छा उन्होंने शंकरजी को बताई। सारी बातों पर विचार करने के बाद उन्होंने कहा- प्रजापति दक्ष किसी कारणवश हमसे रुष्ट हैं। अपने यज्ञ में उन्होंने सारे देवताओं को निमंत्रित किया है। उनके यज्ञ-भाग भी उन्हें समर्पित किए हैं, किन्तु हमें जान-बूझकर नहीं बुलाया है। कोई सूचना तक नहीं भेजी है। ऐसी स्थिति में तुम्हारा वहाँ जाना किसी प्रकार भी श्रेयस्कर नहीं होगा।'

शंकरजी के इस उपदेश से सती का प्रबोध नहीं हुआ। पिता का यज्ञ देखने, वहाँ जाकर माता और बहनों से मिलने की उनकी व्यग्रता किसी प्रकार भी कम न हो सकी। उनका प्रबल आग्रह देखकर भगवान शंकरजी ने उन्हें वहाँ जाने की अनुमति दे दी।

सती ने पिता के घर पहुँचकर देखा कि कोई भी उनसे आदर और प्रेम के साथ बातचीत नहीं कर रहा है। सारे लोग मुँह फेरे हुए हैं। केवल उनकी माता ने स्नेह से उन्हें गले लगाया। बहनों की बातों में व्यंग्य और उपहास के भाव भरे हुए थे।

परिजनों के इस व्यवहार से उनके मन को बहुत क्लेश पहुँचा। उन्होंने यह भी देखा कि वहाँ चतुर्दिक भगवान शंकरजी के प्रति तिरस्कार का भाव भरा हुआ है। दक्ष ने उनके प्रति कुछ अपमानजनक वचन भी कहे। यह सब देखकर सती का हृदय क्षोभ, ग्लानि और क्रोध से संतप्त हो उठा। उन्होंने सोचा भगवान शंकरजी की बात न मान, यहाँ आकर मैंने बहुत बड़ी गलती की है।

वे अपने पति भगवान शंकर के इस अपमान को सह न सकीं। उन्होंने अपने उस रूप को तत्क्षण वहीं योगाग्नि द्वारा जलाकर भस्म कर दिया। वज्रपात के समान इस दारुण-दुःखद घटना को सुनकर शंकरजी ने क्रुद्ध होअपने गणों को भेजकर दक्ष के उस यज्ञ का पूर्णतः विध्वंस करा दिया।

सती ने योगाग्नि द्वारा अपने शरीर को भस्म कर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। इस बार वे 'शैलपुत्री' नाम से विख्यात हुर्ईं। पार्वती, हैमवती भी उन्हीं के नाम हैं। उपनिषद् की एक कथा के अनुसार इन्हीं ने हैमवती स्वरूप से देवताओं का गर्व-भंजन किया था।


'शैलपुत्री' देवी का विवाह भी शंकरजी से ही हुआ। पूर्वजन्म की भाँति इस जन्म में भी वे शिवजी की ही अर्द्धांगिनी बनीं। नवदुर्गाओं में प्रथम शैलपुत्री दुर्गा का महत्व और शक्तियाँ अनंत हैं।



*इस बार  नवरात्र  बढ़े हैं यह सुख समृद्धिदायक  पर्व आज 6 बजे प्रातः से मध्याह्न  तक कलशस्थापन  जौ वापन कर सकते हैं*

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*नवरात्रि के समय देवी दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देती हैं। हर वाहन के साथ विशेष शुभ-अशुभ फल जुड़े होते हैं।*


*इस बार माता हाथी पर सवार होकर आ रही हैं।* *

*🌸 हाथी वाहन का महत्व 🌸*


*1. समृद्धि और वैभव का प्रतीक – हाथी माता लक्ष्मी का भी वाहन माना गया है। यह धन, धान्य और ऐश्वर्य प्रदान करता है।*

*2. शांति और स्थिरता – हाथी माता का वाहन बनकर इस बात का संकेत देता है कि समाज और परिवार में शांति, सौहार्द और स्थिरता बनी रहेगी।*


*3. सुख-समृद्धि का आशीर्वाद – हाथी पर आगमन का अर्थ है कि वर्षभर अन्न, धन और जल की कोई कमी नहीं होगी।*

*4. शुभ और मंगलकारी फल – हाथी को बहुत ही शुभ माना गया है। माता का हाथी पर आगमन भक्तों के लिए सुखद भविष्य और अच्छे परिणाम लेकर आता है।*

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*🪔 देवी के हाथी वाहन से मिलने वाले शुभ फल 🪔*

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*🌿 घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होगा।*


*🌿 धन-धान्य और अन्न की भरपूर प्राप्ति होगी।*


*🌿 जल की प्रचुरता और अच्छी वर्षा का संकेत।*


*🌿 व्यापार और कार्यों में सफलता का आशीर्वाद।*


*🌿 भक्तों के जीवन में शांति और सौभाग्य की प्राप्ति।*

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*🙏 नवरात्रि संदेश 🙏*


*"हे माँ दुर्गा!*


*आप हाथी पर सवार होकर* *आएँ और हम सबके जीवन में*

*शांति, सुख, समृद्धि और* *सौभाग्य का आशीर्वाद दें।" 🌸*

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*नवरात्रि के 9 दिन देवी कृपा के ल‍िए ये रंग पहने👇आज का रंग नारंगी*

नवरात्रि में मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। देवी के नौ स्वरूपों की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। 

नवरात्रि के प्रत्येक दिन के लिए एक विशेष रंग शुभ है  प्रत्येक देवी के स्वरूप और उनकी ऊर्जा से जुड़े होते हैं। इन रंगों को धारण करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 


*पहला दिन: नारंगी रंग*

पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन नारंगी रंग पहनना ऊर्जा, उमंग और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। नारंगी रंग धारण करने से जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।  


*आचार्य शिवप्रसाद ममगांई बदरीकाश्रम ज्योतिषपीठ व्यास  पदालंकृत ।।*


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