मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार मैदान, बीरभट्टी, नैनीताल में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मन की बात का 126वां एपिसोड सुना।
मुख्यमंत्री ने कहा यह कार्यक्रम देश को नई सोच और सकारात्मक दिशा देने वाला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में माध्यम से समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को जोड़ने का काम किया है। जनहित में कार्य कर रहे लोगों की मेहनत और लगन को उन्होंने जन-जन तक पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में नारी-शक्ति का सम्मान करने और स्वदेशी को अपनाने का संकल्प लेने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर खादी और स्वदेशी अपनाने का भी आह्वान किया है। प्रधानमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि 2 अक्टूबर को कोई न कोई खादी उत्पाद अवश्य खरीदें और सोशल मीडिया पर #VocalForLocal के साथ साझा करें। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से भी इस मुहिम में अपना सहयोग देने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री ने भारत की उन बेटियों का मान बढ़ाया, जिन्होंने नाविका सागर परिक्रमा जैसी कठिन 47,500 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर नया इतिहास रचा है। प्रधानमंत्री ने लोकल उत्पादों के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देने की भी बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के सपने को पूरे करने के लिए सभी के सामने जो संकल्प रखें हैं, उन्हें हम सबने मिलकर पूरा करना है।
इस अवसर पर श्री डोमेश्वर साहू, प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र, डॉ. नरेंद्र सिंह भंडारी, विधायक नैनीताल सरिता आर्या, विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, दायित्वधारी डॉ अनिल डब्बू, शांति माहरा, आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत, आईजी कुमाऊँ रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को नैनीताल के पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान उत्तराखंड द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा में विद्या भारती विद्यालयों के उत्कृष्ट स्थान प्राप्त अभ्यर्थियों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान देश की युवा पीढ़ी को भारतीय मूल्यों संस्कृति के अनुरूप शिक्षा प्रदान करने के इस महान कार्य को और अधिक विस्तार देते हुऎ देश को विकसित राष्ट्र बनाने के हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सपनों को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका इसी प्रकार निभाता रहेगा जिससे युवाओं में राष्ट्र प्रथम की भावना होगी और राष्ट्र को विश्व गुरु बनाने में सफल होंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों से विद्या भारती के विद्यालयों से बोर्ड परीक्षा में मेरिट लिस्ट में आए छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। तथा उनके उज्जवल भविष्य का उन्हें आशीर्वाद दिया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी संकल्प हर घर स्वदेशी घर घर स्वदेशी कार्यक्रम में मीडिया से संवाद के दौरान स्वदेशी के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि स्वदेशी केवल एक नारा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत की नींव है। ये प्राचीन काल से सनातन संस्कृति की हमारी जीवन पद्धति है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक आत्मनिर्भर भारत का जो संकल्प लिया है उस संकल्प को पूरा करने के लिये यह अभियान और मजबूती प्रदान करेगा। स्वदेशी का संकल्प हमारे किसानों, कारीगरों, छोटे व्यापारियों और उद्यमियों के प्रति सम्मान का भी विषय है। स्वदेशी का संकल्प केवल आर्थिक मजबूती का साधन नहीं, बल्कि मातृभूमि के प्रति हमारा प्रेम और समर्पण है। जब हम स्वदेशी अपनाते हैं तो हम न केवल अपने देश की मिट्टी से जुड़ते हैं, बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी इतिहास में स्वदेशी आंदोलन ने स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा भरी। लोकमान्य तिलक, महर्षि अरविंदो और महात्मा गांधी जैसे नेताओं का नेतृत्व हमें दिखाता है कि स्वदेशी आंदोलन राष्ट्रनिर्माण का आधार था। स्वतंत्रता के बाद भी दत्तोपंत ठेंगड़ी जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने स्वदेशी आधारित आर्थिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को लाल किले से देश को संबोधित करते हुए जीएसटी की दरों में संशोधन कर इन दरों को 22 सितम्बर नवरात्रि से लागू करने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री की यह घोषणा साकार हुई है इसका परिणाम है कि आज जीएसटी की दरों में कमी के कारण व्यापारियों के साथ आम आदमी को फायदा हुआ है। उन्होंने अनेक स्थानों पर जाकर व्यापारियों और उपभोक्ताओं से स्वयं संवाद कर इससे हुए लाभ की जानकारी ली है, इसके प्रति सभी में उत्साह है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया है और वोकल फॉर लोकल से लेकर मेक इन इंडिया तक कई अभियान प्रारंभ किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्वदेशी का स्वरूप केवल खादी और दीयों तक सीमित नहीं है, ब्रह्मोस मिसाइल, तेजस विमान, सेमीकंडक्टर, डिजिटल इंडिया और यूपीआई जैसी आधुनिक तकनीक तक फैल चुका है। इसका प्रभाव ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के अंदर आतंक के ठिकानों को ध्वस्त करने तक दिखाई दिया है। उन्होंने कहा कोविड के संकट में पीपीई किट और वैक्सीन निर्माण भारत की स्वदेशी शक्ति का जीवंत उदाहरण है। पीपीई किट पहले आयात करते थे अब स्वदेश में बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों के विपणन हेतु हाउस ऑफ हिमालयाज नामक अंब्रेला ब्रांड की स्थापना की है। कम संसधनों के बाद भी इसकी गुणवत्ता बेहतर है। साथ ही एक जिला दो उत्पाद जैसी योजना के माध्यम से भी जमीनी स्तर पर कार्य किया जा रहा है। हमारे किसान और काश्तकार शहद, मंडुवा, झंगोरा, रागी, मसालों और औषधीय पौधों की खेती द्वारा आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और लघु उद्योग को प्रोत्साहन दिया जाएगा। युवाओं को स्टार्टअप और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्वदेशी उद्यमिता की ओर आगे बढ़ाया जाएगा। हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी अभियान के तहत उत्तराखंड में जन जागरण किया जाएगा। उन्होंने उत्तराखंड की जनता के साथ ही सभी देशवासियों का आह्वान किया कि अभी नवरात्रि का पर्व चल रहा है फिर दशहरा व दीपावली पर्व के साथ ही विवाह के अवसरों पर दैनिक उपयोग की वस्तुओं के क्रय में हमें स्वदेशी को ही प्राथमिकता देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वदेशी को अपनाएं तथा हमारे उपयोग में आने वाली अधिकांश वस्तुयें स्वदेशी हों हमें इस पर ध्यान देना होगा। हमारे यही सामूहिक प्रयास हमें आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे ले जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड मंत्र को अपनाएँ तथा इसे आत्मसात करें।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुये कहा कि उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता से लेकर मीडिया जगत तक, सभी इस तथ्य के साक्षी हैं कि हमारी सरकार ने देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर 100 से अधिक नकल माफियाओं को सलाखों के पीछे भेजा है और योग्यता व प्रतिभा के आधार पर पिछले 4 सालों में 25,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। जिनकी परीक्षायें बिना किसी भ्रष्टाचार और नकल के पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार छात्रोें के हित में निर्णय लेने के लिये एक प्रतिशत भी पीछे नहीं हटेगी। जब तक वे जीवित हैं तब तक उत्तराखण्ड के एक-एक छात्र को न्याय दिलाने का उनका संकल्प है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में जो भी व्यक्ति नकल कराने के अपराध में शामिल होकर हमारे बेटे बेटियों, भाई बहनों, छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास करेंगे उनके विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपने जीते जी छात्र-छात्राओं के हितों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में अगले एक साल में 10 हजार नियुक्तियां होनी हैं उनका कैलेन्डर जारी कर दिया गया है ये नियुक्तियां परदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ कराई जायेंगी। मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि छात्र-छात्राओं के हितों के साथ कोई भी कुठाराघात नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल, देहरादून में आयोजित 'नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान' समारोह में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान से हिमाचल के वरिष्ठ साहित्यकार एस.आर हरनोट को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री नरेंद्र सिंह नेगी ने प्रत्येक उत्तराखंडवासी के हृदय को छुआ है। श्री नरेंद्र नेगी ने अपने गीतों के माध्यम से उत्तराखंड की आत्मा को स्वर दिया है। उन्होंने लोक जीवन की पीड़ा, प्रेम, संघर्ष और सौंदर्य को सुरों में डालकर उसे जीवंत किया और राज्य की सांस्कृतिक चेतना को नई ऊर्जा प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने कहा श्री नरेंद्र नेगी ने पलायन के दर्द, पर्यावरण की चिंता और पहाड़ी महिलाओं के जीवन-संघर्ष पर भी कई मार्मिक गीत रचे हैं। नेगी जी ने अपने गीतों, लोकधुनों और लेखनी के माध्यम से हमारी सांस्कृतिक विरासत को नई ऊँचाइयाँ पर पहुंचाया है। उन्होंने उत्तराखंड की आत्मा को सुरों में पिरोकर उसे विश्वपटल पर प्रतिष्ठित भी किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में जागर, बेड़ा, मांगल, खुदेड़, सहित अनेकों तरह के पारंपरिक गीत हमारी जीवन-शैली और भावनाओं को दर्शाते हैं। ढोल, दमाऊ, हुरका, मशाक, तुर्री, भंकोरा और हारमोनियम जैसे वाद्य यंत्र इन गीतों को और भी जीवंत बनाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार उत्तराखंड की लोक कलाओं को संरक्षित करने और समृद्ध बनाने के लिए कार्य कर रही है। सरकार हर छह माह में प्रदेश के लोक कलाकारों की सूची तैयार कर रही है। राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल के दौरान लगभग 3,200 सूचीबद्ध लोक कलाकारों को प्रतिमाह दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध और अस्वस्थ लोक कलाकारों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये की पेंशन दे रही है। लोककला और संस्कृति को सहेजने के लिए छह महीने की लोक प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन भी कर रही है। इन कार्यशालाओं के माध्यम से युवा पीढ़ी को हमारी पौराणिक लोकसंस्कृति की महत्ता के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार 'उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान', ‘साहित्य भूषण’ और ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ पुरुस्कार के माध्यम से उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित कर रही है। राज्य सरकार स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए भी सतत प्रयास कर रही है जिससे आने वाली पीढ़ियाँ अपनी समृद्ध भाषायी विरासत से जुड़ी रहें।
इस अवसर पर लोक कलाकार श्री नरेंद्र सिंह नेगी, पद्मश्री श्री कल्याण सिंह रावत, श्री एस.पी सेमवाल , डॉ नवीन बलूनी, डॉ ईशान पुरोहित, अपर सचिव श्री ललित मोहन रयाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, रविवार देर शाम देहरादून स्थित गढ़ी कैंट बाज़ार पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्थानीय व्यापारियों और आमजन से संवाद किया।
मुख्यमंत्री ने व्यापारियों से नए जी.एस.टी. स्लैब के बारे में सुझाव व फीडबैक लिया तथा उनसे आम जनता को घटे हुए जी.एस.टी. दरों की जानकारी देने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जनता को सीधा लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कई आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं पर जी.एस.टी. दरों में कमी की है। “नेक्स्ट जनरेशन जी.एस.टी” के रूप में शुरू की गई यह पहल जनता को राहत देने के साथ ही व्यापार और अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों से संवाद कर कहा कि स्थानीय और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना हर नागरिक का कर्तव्य है। स्वदेशी को प्राथमिकता देने से हमारे किसान, कारीगर और छोटे व्यापारी सशक्त होंगे। इसके साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था और अधिक मजबूत बनेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य के लिए स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां के स्थानीय उत्पाद देशभर में अपनी अलग पहचान रखते हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि वे स्थानीय उत्पादों को अपनाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी भी मौजूद थे।