विकसित उत्तराखण्ड विज़न 2047 हेतु सुझाव आमंत्रित, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा प्रकरण की जांच करेगी एसआईटी
विकसित उत्तराखण्ड विज़न 2047 हेतु सुझाव आमंत्रित।
राज्य सरकार द्वारा आजादी के 100वीं वर्षगांठ के सुअवसर पर वर्ष 2047 तक प्रदेश को विकसित बनाने के संकल्प के साथ विकसित भारत राज्य अभियान के तहत विकसित उत्तराखण्ड विज़न 2047 तैयार किया जा रहा है। इसके लिये विजन डॉक्यूमेंट को नागरिकों की अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार करने के लिये आम जनमानस, शोध एवं शैक्षणिक संस्थानों, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं समुदाय आधारित संगठनों से सुझाव आमंत्रित किये गये है।
इस संबंध में प्राप्त सुझावों को यथोचित ढंग से विजन डॉक्यूमेंट में समाहित किया जायेगा ताकि विकसित उत्तराखण्ड़ विजन 2047 के बेहतर क्रियान्वयन का आधार तैयार हो सके।
इस क्रम में प्रमुख सचिव नियोजन उत्तराखण्ड़ द्वारा सभी संबंधित से विकसित उत्तराखण्ड विजन हेतु अपने सुझाव दिनांक 20 अक्टूबर, 2025 तक https://cppgg.uk.gov.in/ukvision47/index.php/ideaform पर प्रेषित करने की अपेक्षा की है। उन्होंने बताया है कि इससे संबंधित सुझाव क्यू आर कोड़ के माध्यम से भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा प्रकरण की जांच एसआईटी करेगी – मुख्य सचिव
हाईकोर्ट के रिटायर जज करेंगे एसआईटी जांच की निगरानी
बीते रविवार को सम्पन्न उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में सामने आई शिकायतों की जांच एसआईटी करेगी। यह जांच हाईकोर्ट के रिटायर जज के पर्यवेक्षण में सम्पन्न की जाएगी।
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने बुधवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार के लिए परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सुचिता के साथ ही अभ्यर्थियों का हित सर्वोपरी है। इसी क्रम में गत रविवार को सम्पन्न परीक्षा में सामने आई शिकायतों की जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी द्वारा कराई जाएगी। उक्त एसआईटी का कार्यक्षेत्र पूरा प्रदेश होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि जांच निष्पक्ष ढंग से हो इसके लिए यह भी एसआईटी जांच की निगरानी हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज के द्वारा की जाएगी। सेवानिवृत्त जज और एसआईटी सभी जिलों में जाएंगे, इस दौरान कोई भी व्यक्ति उन तक परीक्षा से संबंधित तथ्य और सूचना दे सकता है। उन्होंने बताया कि जांच एक माह में सम्पन्न की जाएगी, तब तक के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से परीक्षा के संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि एसआईटी जांच में दोषी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही विवादों के केंद्र में स्थित हरिद्वार के परीक्षा केंद्र पर जिस भी व्यक्ति की लापरवाही सामने आती है, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए छात्रों का हित सबसे ऊपर है। साथ ही यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि छात्रों और आमजन का परीक्षा प्रणाली पर भरोसा बना रहे।