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सरकारी भूमि में अतिक्रमण न हो इसके लिए मजबूत मैकेनिज्म बनाया जाय: मुख्यमंत्री

गंगा सहित अन्य नदियों किनारे अतिक्रमण को प्राथमिकता से हटाएं

CM dhami instructs to stop illegal selling of land


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह ने कहा कि सरकारी भूमि में अतिक्रमण न हो इसके लिए मजबूत मैकेनिज्म बनाया जाय।  सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण रोकने और अवैध बिक्री को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाए।


मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने सरकारी भूमि से अवैध अतिक्रमण को हटाने की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हटाए जाने की कार्ययोजना बनाए जाने के लिए निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इसके अनुपालन के लिए जनपद स्तर पर प्रभावी कार्रवाई अमल में लाई जाय। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर सिंचाई, लोक निर्माण, वन विभाग, राजस्व विभाग की टीम बनाकर अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाए जाय। उन्होंने राज्य के मैदानी क्षेत्रों में अतिक्रमण के मामलों को देखने के लिए शासन स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने के निर्देश प्रमुख सचिव को दिए। उन्होंने हरिद्वार में गंगा किनारे, रुद्रपुर में कल्याणी नदी किनारे और नैनीताल जिले में कोसी आदि नदियों के किनारों पर भी अवैध अतिक्रमण को रोकने के लिए सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री ने सरकारी भूमि को कब्जाने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई किए जाने और कूट रचना कर जमीनों के फर्जी दस्तावेज बनाए जाने के मामलों पर भी प्रभावी रोक लगाने के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री धामी ने एडीजी श्री ए.पी.अंशुमान को बाहरी लोगों के सत्यापन के लिए नियम और कड़े किए जाने की अपेक्षा जताई। एडीजी ने उन्हें अवगत कराया कि सत्यापन के लिए 18 बिंदुओं पर आख्या मांगी जा रही है,जिसका डेटा राज्य स्तर पर भी संकलित किया जा रहा है।


बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव श्री एस एन पांडेय, एडीजी श्री ए.पी.अंशुमान, विशेष सचिव डा. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव श्री बंशीधर तिवारी मौजूद रहे।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना और सौंग बांध पेयजल परियोजना के कार्यों में और तेजी लाई जाए। 


उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के तहत होने वाले कार्यों को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाए। जमरानी बांध परियोजना के कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य जून 2029 तक रखा गया है, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इसे दिसम्बर 2028 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। सौंग बांध परियोजना को भी निर्धारित अवधि मार्च 2030 से पहले पूर्ण करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। 


*जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना :*

लगभग रू. 3808 करोड़ लागत की इस योजना के तहत 150.6 मी. ऊंचे बांध का निर्माण, 42.92 किमी लम्बी नहर का पुनर्निर्माण एवं 21.25 किमी लंबी नई नहर का निर्माण कार्य किया जाना है। इस परियोजना के तहत हल्द्वानी शहर एवं उसके समीपवर्ती क्षेत्रों की भविष्य की लगभग 10.50 लाख आबादी के लिए 117 एम.एल.डी. पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। इस परियोजना में बनने वाली 09 किमी. लम्बी झील से एक नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित होगा तथा लगभग 57 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा।


*सौंग बांध पेयजल परियोजना :*

लगभग रू. 2492 करोड़ लागत की इस योजना के तहत 130.60 मी. ऊंचे बांध का निर्माण एवं 1.5 मी. व्यास की 14.70 किमी. लम्बी जल वहन प्रणाली का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा 85 किमी. जल वितरण प्रणाली एवं 150 एम.एल.डी. जल शोधन संयंत्र का निर्माण भी इस परियोजना के तहत किया जाना है। इससे भविष्य में देहरादून शहर एवं उपनगरीय क्षेत्रों की वर्ष 2053 तक अनुमानित लगभग 10.65 लाख की जनसंख्या के लिए 150 एम.एल.डी. ग्रेविटी से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। इस बांध निर्माण से बनने वाली 3.5 किमी. लम्बी झील को एक नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जायेगा। 


बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर.के.सुधांशु, सचिव श्री एस.एन.पाण्डेय, श्री युगल किशोर पंत, अपर पुलिस महानिदेशक श्री ए.पी. अंशुमन एवं अपर सचिव श्री बंशीधर तिवारी मौजूद थे।

 

 

Dr Muralidhar shastri appeal


 अयोध्या का सी काशी मथुरा चित्रकूट उज्जैन नासिक के संतों से भारतीय संत परंपरा बढ़ाने की अपील 

तथा गुरुदेव आचार्य रामानंद जी ,गुरु गोरखनाथ जी एवं अवधूत की बाबा कीनाराम के मार्ग  समाज के सभी वर्ग को साथ लेकर चलने की अपील 

आलेख भारतीय परंपराओं एवं साक्ष पर आधारित है किसी विद्वान को मतभेद हो तो 

मुझ से कहीं भी भारत के अंदर कहीं भी शास्त्रार्थ कर सकता है 

मैं सभी को इस विषय पर खुली बहस की  दावत देता हूं

 ऐसा कहना है मा उच्च न्यायालय इलाहाबाद लखनऊ पीठ एवं पूर्व अधिकारी केंद्रीय एवं राज्य सरकार

 डॉ मुरलीधर शास्त्री की कलम का।

अयोध्या धाम /लखनऊ ;

27 जून 2025

 यदि हमारे देश में बाबा गोरखनाथ बाबा रामानंद बाबा गुरु नानक देव एवं बाबा कीनाराम नहीं होते तो देश का स्वरूप अलग होता।

 सभी महात्माओं के कालखंड के आधार पर उनका विश्लेषण जगत जगतगुरु शंकराचार्य एवं जगतगुरु रामानुजाचार्य सनातन धर्म के साथ-साथ ब्राह्मणवाद के  प्रचारक एवं प्रतिपादक थे ।

यह विचारधारण आजाद भारत के लिए चुनौती बनी हुई है 21वीं सदी के भारत में शंकराचार्य जी एवं रामानुजाचार्य जी के पीठ संचालकों को विचार बदलने की आवश्यकता है और देश को  धर्मशास्त्र को सामाजिक क्षेत्र में एवं संविधान को शासन के क्षेत्र में सर्वोच्च प्राथमिकता की आवश्यकता है अन्यथा यह देश बिखर जाएगा

 हम जगतगुरु के कल्पना में बह जाएंगे हम अपने परिवार के भी गुरु नहीं बन पाएंगे समाज तो बहुत बड़ी चीज है और राष्ट्र तो बहुत बड़ी चीज है

 देश के राजनीतिक दलों  और महात्माओं तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चालक को भी 

इसमें अपनी चुनौती पूर्ण भूमिका निभानी चाहिए 

भारत में सभी जातियों को साथ लेकर चलने तथा अपने मठ एवं प्रवचन में स्थान देने का कार्य गुरु गोरखनाथ गुरु रामानंदाचार्य गुरु नानक देव जी एवं अवधूत भगवान कीनाराम किया 

और किसी संत ने नहीं किया यदि यह महात्मा अपने कालखंड में सभी जाति को लेकर नहीं चले होते तो आज भारत पूर्ण रूप से धार्मिक पथ बदल गए होते किसी और  धर्म को कबूल कर लिया होता 

आप लोग एक केश्वरवाद एवं शिव शक्ति बाद और गुरु परंपरा के प्रबल समर्थन एवं प्रचारक थे 

 मुख्य रूप से बाबा गोरखनाथ बाबा रामानंदाचार्य जी गुरु नानक देव जी एवं अवधूत बाबा कीनाराम जी का विशेष योगदान था 

आपने इस संयुक्त भारत में सनातन धर्म की परंपरा में  बिना छुआछूत के अपने अपने सभी जाति के लोगों को शिष्य बनाया 

तथा कठोर ब्राह्मणवाद का खंडन किया  इसीलिए भारत बचा रहा जबकि जगतगुरु शंकराचार्य जी एवं जगतगुरु रामानुजाचार्य जी ने अपने शिष्यों में सत प्रतिशत ब्राह्मण को ही बनाया तथा अन्य समाज को इन्होंने अलग रखा पर सहयोग लेते रहे 


इसका मैं क्रमवार ढंग से विवरण प्रस्तुत कर रहा हूं


 सबसे पहले (जगतगुरु शंकराचार्य) जी का कालखंड 788 से 820 ई तक का रहा अपने अद्वैतवाद का सिद्धांत दिया तथा कहा कि सभी चीज नश्वर है ईश्वर सत्य है तथा देश के चारों कोनों में शंकर पीठ की स्थापना की आप स्वयं भी शंकर भगवान शंकर के अंश अवतार के महापुरुष थे पर आपके शिष्यों में सभी लोग ब्राह्मण वर्ग से ही आए जिसमें प्रमुख पदमा पा आचार्य सुरेशवाराचर्या  हस्तमालाकाचार्ज एवं टोटका चार्ज प्रमुख रहे 

अपने ब्राह्मण के अलावा सन्यास मार्ग पर अन्य  किसी को  स्थान नहीं दिया और नहीं किसी पीठ का प्रमुख बनाया पर सनातन धर्म की रक्षा का आधारशिला रखी इसके लिए नमन है 

अगले चरण में (गुरु गोरखनाथ )जो पहली बार नेपाल के भाग में देखे गए थे उनके नाम पर वहां गोरख नाम का जिला भी है आपका कालखंड 845 से 955 ई तक रहा आपका पथ शक्ति एवं शिव पर आधारित था आप स्वयं भी शंकर के अवतार थे तथा नाथ संप्रदाय के संस्थापक थे (नाथ )काअर्थ होता है मालिक आप शंकर के एवं माता काली के अनन्य उपासक थे

 आपकी समाधि गोरखपुर में है जहां पर धुनी आपके द्वारा जलाई गई थी वह जल रही है

और सत्य का प्रतीक है तथा सिद्ध पीठ है 

आप ही के पीठ के वर्तमान उत्तराधिकारी  महंत योगी श्री योगी आदित्यनाथ जी हैं जो लगभग 8 साल से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं तथा भारतीय जनता पार्टी के प्रभावशाली नेता एवं हिंदुत्व के प्रखर वक्ता  है

आपके का कार्य क्षेत्र पश्चिमी भारत मध्य भारत उत्तर भारत रहा आपकी लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा पीठ एवं मंदिर केंद्र स्थापित है जिसमें हिमाचल का ज्वाला देवी मंदिर प्रमुख हैजहां पर आपको सिद्धि प्राप्त हुई थी 

अपने अपने पथ में सभी जाति के लोगों को जोड़ा और सभी जातियों के उत्थान के लिए काम किया इससे समाज में समरसता आई और विकास हुआ  आपके शिष्यों में गाहिनी नाथ  जालंधर नाथ भैरवनाथ  भर्ती हरीनाथ  कृष्ण पद नाथ आदि प्रमुख हुए 

जो सभी समाज के वर्ग से आते थे


 अगले चरण में महान वैश्णव संत  (गुरुदेव रामानंद जी )हुए जिनका कालखंड 1299 से 1410 था अपने भेदभाव रहित होकर 

सभी समाज के लोगों को शिष्य बनाया क्योंकि आपका कार्यकाल के समय मुस्लिम आक्रमण हो चुका था तथा देश में इस्लाम धर्म का राजाओं के माध्यम से एवं सूफी संतों के

 माध्यम से प्रचार प्रसार हो रहा था अपने वैष्णैव के लिए जो किया वह शायद ही कोई किया है 

आपके द्वादश शिष्य रहे जो सभी समाज एवं जातीय से आए जिसमें प्रमुख शिष्य महात्मा कबीर  महात्मा रविदास आपके उत्तराधिकारी अनंत आनंद  भवानंद  पीपा क्षत्रिय राजा सेन नई  धन्ना जाट  नाभादास हर हरिआनंद  सुखानंद  एवं महिलाओं शिष्यों में मा  सुरसुरी एवं मां पद्मावती प्रमुख रही है आपने इस देश को इस्लामी कारण होने से बचाया और सभी जाति एवं समाज के वर्ग के लोगों को शिष्य  बनाया तथा सनातन धर्म का प्रचार किया शिष्य में जो देश के कोने कोने में वैष्णो धर्म  का प्रचार किया

 तथा आपके मानने वाले संत समुदाय में दिगंबर  निर्मोही एवं निर्वाणी अखाड़े के प्रमुख होते हैं जिनका अयोध्या मथुरा चित्रकूट काशी और भारत के अनेक दक्षिण पश्चिम उत्तर दक्षिण के राज्यों में मठ स्थापित है तथा आप ही के पथ के पीठाधीश्वर श्री नृत्य गोपाल दास जी श्री राम जन्मभूमि न्यास के भी अध्यक्ष अध्यक्ष हैं तथा अयोध्या के प्रमुख संतों में श्री धर्मदास जी श्री प्रेम दास जी बलराम दास जय रामदास तथा इन संतों से भी अपील है की गुरुदेव रामानंद जी की परंपरा के अनुसार भारत के लोगों को लोगों को शिक्षित और दीक्षित करें 


अगले चरण में महान संत एवं संत  जगतगुरु रामानुजाचार्य जी का नाम लिया जाता है आपका कालखंड 1017 से प्रारंभ होकर 1137 तक रहा आप भगवान शेष नाग के अवतार हैं तथा श्रीरंगपट्टनम तमिलनाडु में आपका  समाधि स्थल है आप  सनातन धर्म एवं ब्राह्मणवाद के समर्थक रहे अन्य जातियों को अपने पथ से नहीं जोड़ा आपके मुख्य शिष्यों में प्रमुख श्री करेश  श्री गोविंद भट्ट जी श्री ए पी  मुदलियार जी प्रमुख रहे

 आप लोगों ने भी आपके विचार और ब्राह्मणवाद का प्रचार किया जिससे छोटी जातियों को अन्य धर्म में जाने का मौका मिला 

 विशेष कर तमिलनाडु राज्य में देखा जा सकता है 

समाज (सुधारक एवं सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव जी) का कालखंड आता है जो 1449 से लेकर 1539 तक का होता है अपने एककेश्वर  बाद  का प्रचार किया तथा गुरु शिष्य परंपरा को बढ़ाया एवं अपने भी भारत में भारत में सभी जाति के लोगों को लेकर संत परंपरा गुरु परंपरा की स्थापना की आपके प्रमुख शिष्यों में मर्दाना जो एक मुस्लिम था जिसका नाम रवाब था तथा  दूसरा लहना जो गुरु आनंद देव जी के नाम में के विख्यात हुए तीसरा नाम बाला था चौथा नाम राम देव जो पश्चिम उत्तर भारत में अब के पाकिस्तान में भी व्यापक प्रचार प्रसार किया तथा सभी धर्म जाति के लोगों को अपने आप से जोड़ा जिससे भारत का इस्लामी कारण होने से बच गया


  अगले महत्वपूर्ण भारत की अग्रदूत के रूप में  (अवधूत बाबा कीनाराम) जी का स्थान आता है 

आपका कालखंड (1601 से 17 71) तक) तक का होता है आप भारत के संतों में सबसे जीवन काल लगभग 170 साल वाले महात्माओं में प्रमुख हैं 

अपने शिव और शक्ति की अवधूत मार्ग से आराधना करके समाज के सभी वर्गों को जोड़ा तथा धर्मांतरण होने से बचा लिया 

आपका एक के शिष्यों में प्रमुख कल्लू राम जी  शिवदास राम जी बिजाराम जी थे एवं अवधूतनी वन देवी की प्रमुख रहे  जो समाज के विभिन्न वर्गों की और जातियों जातियों में अपने शिष्य परंपरा का विस्तार किया था तथा कहा जाता था कि (जो न करे राम को करें कीना राम )आपने इस भारत को शाहजहां एवं औरंगजेब के जीवन काल में इस्लामी कारण होने से बचाया तथा इसी जीवन काल में आडंबर के प्रचार करने के कारण तत्कालीन काशी नरेश को  श्री चेत सिंह को को शाप दिया था शिवाला के किले में गंगा के किनारे की काशी की काशी नरेश की गादी  पर काशी नरेश की तीन पीढ़ी तक कोई संतान नहीं होगी  

पर तीन पीढ़ी तक कोई उत्तराधिकारी पैदा नहीं हुआ  तथा काशी नरेश यह गदी पहले राजपूत वंश के गहरवार राजपूत की थी 

बाद में गोद लेने से यह गति भूमिहार वंश के राजाओं के अधीन आ गई जो वर्तमान में चल रही है बाबा कीनाराम जी के बारे में कहा जाता है तथा अभिलेख में उपलब्ध है सम्राट शाहजहां ने आप सम्राट औरंगजेब ने उनके आश्रम को चलाने के लिए अनेक गांव की मालगुजारी वसूलने का आदेश दिया था इनके तपस्या का प्रभाव था कि जूनागढ़ का नवाब भी इनके दिव्यता के आगे झुक गया इनके बारे में कहा जाता है की 

 दत्त  गोरख कि एक हीं माया 

 बीच में औघड़। किनाराम कहां 

से आया ।


लेखक उत्तर प्रदेश सरकार भारत सरकार के पूर्व प्रथम श्रेणी के अधिकारी रहे हैं 

अंतर्राष्ट्रीय इस्कॉन समिति के

 पैटर्न है तथा श्री अयोध्या जी न्यास एवं प्रोफेसर राजू भैया न्यास के अध्यक्ष हैं 

और माननीय उच्च न्यायालय लखनऊ की पीठ में अनुभवी अधिवक्ता डॉ मुरलीधर शास्त्री।

 कुछ किताबें केवल पढ़ी नहीं जातीं बल्कि वे अनुभव की तरह दिल में उतरती हैं। ‘The Emergency Diaries: Years that Forged a Leader’ ऐसी ही एक कृति है। यह उन सालों की साक्षी है जब बोलना गुनाह था और चुप रह जाना आत्मसमर्पण।

The Emergency Diaries: Years that Forged a Leader’


इन पन्नों में एक ऐसे व्यक्तित्व की छाया मिलती है, जिन्होंने उस सन्नाटे में भी अपने विचारों की मशाल जलाए रखी। संघर्ष की आंच में तपकर जो नेतृत्व आज विश्वमंच पर भारत की आवाज़ बन चुका है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी की जीवनयात्रा का यह अध्याय पढ़ते हुए मन गर्व से भर उठता है।


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 मुख्यमंत्री ने दी विभिन्न विकास योजनाओं की वित्तीय स्वीकृति

financial approval to scheme by CM


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद पौड़ी गढ़वाल के वि०ख० यमकेश्वर के अन्तर्गत ग्राम मौन, नीलकण्ठ में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र टाईप ए की स्थापना हेतु मानकों में शिथिलीकरण किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।



मुख्यमंत्री ने राज्य अतिथि गृह ऑफिसर्स ट्रांजिट हास्टल, रेसकोर्स में पूर्व में स्वीकृत कार्यों के अतिरिक्त अन्य कार्य रिनोवेशन/स्ट्रैन्थनिंग के कार्य हेतु 295.12 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।


मुख्यमंत्री ने जनपद रुद्रप्रयाग की रुद्रप्रयाग शाखा के अन्तर्गत बनियारी जवाहर नगर पेयजल योजना हेतु नलकूप निर्माण एवं तत्संबंधी कार्यों हेतु 308.12 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।


*मुख्यमंत्री ने किया लोकतंत्र सेनानी पेंशन अनुमन्य किये जाने का अनुमोदन*


मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर की संस्तुति के कम में श्रीमती सावित्री कुशवाहा पत्नी स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण तथा जिलाधिकारी नैनीताल की संस्तुति के कम में श्री हरीश कुमार अगरवाल को रु० 20,000/- प्रतिमाह लोकतंत्र सेनानी पेंशन अनुमन्य किये जाने हेतु अनुमोदन प्रदान किया है।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों और यात्रियों से पर्वतीय मार्गों पर यात्रा के दौरान विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। 


कल रूद्रप्रयाग में हुई वाहन दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि घायलो को त्वरित चिकित्सा सहायता दी जा रही है और लापता लोगों की खोजबीन के लिए एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें सक्रिय रूप से जुटी हुई हैं। 


मुख्यमंत्री ने  प्रशासन एवं परिवहन विभाग को निर्देश दिये है कि पर्वतीय क्षेत्रों में संचालित सार्वजनिक वाहनों की लगातार जांच सुनिश्चित की जाए। खतरनाक मोड़ों और ढलानों पर चेतावनी संकेतकों की व्यवस्था दुरुस्त की जाए तथा आवश्यक स्थलों पर सुरक्षा रेलिंग एवं पैराफिट सुनिश्चित किए जाएं। प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि मौसम पूर्वानुमानों को ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्गों की स्थिति की निगरानी करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आगामी समय में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु दीर्घकालिक सुरक्षा उपायों की कार्य योजना तैयार की जाए।



 

आज का राशिफल

*दिनाँक:-27/06/2025,शुक्रवार*

द्वितीया, शुक्ल पक्ष, 

आषाढ*

rashifal today  27 june 2025


*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*


  *सर्वार्थ सिद्ध योग 7:21 तक


*श्री जगन्नाथ रथ यात्रा (उड़ीसा)


*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*


माता शत्रुः पिता वैरी येन बालो न पाठितः ।

न शोभते सभामध्ये हंसमध्ये वको यथा ।।

।।चाo नीo।।


 जो माता व् पिता अपने बच्चों को शिक्षा नहीं देते है वो तो बच्चों के शत्रु के सामान हैं। क्योंकि वे विद्याहीन बालक विद्वानों की सभा में वैसे ही तिरस्कृत किये जाते हैं जैसे हंसो की सभा मे बगुले।


*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*


गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18


यतः प्रवृत्तिर्भूतानां येन सर्वमिदं ततम्‌।

 स्वकर्मणा तमभ्यर्च्य सिद्धिं विन्दति मानवः॥


जिस परमेश्वर से संपूर्ण प्राणियों की उत्पत्ति हुई है और जिससे यह समस्त जगत्‌ व्याप्त है (जैसे बर्फ जल से व्याप्त है, वैसे ही संपूर्ण संसार सच्चिदानंदघन परमात्मा से व्याप्त है), उस परमेश्वर की अपने स्वाभाविक कर्मों द्वारा पूजा करके (जैसे पतिव्रता स्त्री पति को सर्वस्व समझकर पति का चिंतन करती हुई पति के आज्ञानुसार पति के ही लिए मन, वाणी, शरीर से कर्म करती है, वैसे ही परमेश्वर को ही सर्वस्व समझकर परमेश्वर का चिंतन करते हुए परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार मन, वाणी और शरीर से परमेश्वर के ही लिए स्वाभाविक कर्तव्य कर्म का आचरण करना 'कर्म द्वारा परमेश्वर को पूजना' है) मनुष्य परमसिद्धि को प्राप्त हो जाता है

 ॥46॥


*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

राजकीय अवरोध दूर होंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। धर्म-कर्म में मन लगेगा। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। निवेश शुभ रहेगा। प्रभावशाली व्यक्तियों से परिचय होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।


🐂वृष

समाजसेवा में रुझान रहेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नई आर्थिक नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। पुरानी व्याधि से परेशानी हो सकती है। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यापार वृद्धि होगी। ऐश्वर्य पर व्यय होगा। भाइयों का सहयोग मिलेगा। समय अनुकूल है। लाभ लें। प्रमाद न करें।


👫मिथुन

विवेक का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। कोई बड़ी बाधा से सामना हो सकता है। राजभय रहेगा। जल्दबाजी व विवाद करने से बचें। रुका हुआ धन मिल सकता है। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। किसी अपने के व्यवहार से दु:ख होगा। नौकरी में उच्चाधिकारी का ध्यान खुद की तरफ खींच पाएंगे।


🦀कर्क

अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। यात्रा में जल्दबाजी न करें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। स्वास्थ्‍य पर बड़ा खर्च हो सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। आय में कमी रहेगी। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेचैनी रहेगी।


🐅सिंह

प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट से कार्य में रुकावट होगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। लाभ में वृद्धि होगी। निवेश में जल्दबाजी न करें। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। जरूरी वस्तु गुम हो सकती है।


🙍‍♀️कन्या

दूर से अच्‍छी खबर प्राप्त हो सकती है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। कोई बड़ा काम करने की योजना बनेगी। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर में अतिथियों पर व्यय होगा। किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। प्रसन्नता रहेगी।


⚖️तुला

मित्रों की सहायता कर पाएंगे। मेहनत का फल मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता रहेगी। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बनेगी। व्यापार मनोनुकूल लाभ देगा। समय अनुकूल है। प्रसन्नता रहेगी।


🦂वृश्चिक

कोई बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। पारिवारिक चिंताएं रहेंगी। मेहनत अधिक तथा लाभ कम होगा। दूसरों से अपेक्षा न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। मातहतों का सहयोग नहीं मिलेगा। कुसंगति से बचें, हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी। प्रमाद न करें।


🏹धनु

बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ के असवर हाथ आएंगे। यात्रा में सावधानी रखें। किसी पारिवारिक आनंदोत्सव में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शत्रु पस्त होंगे। विवाद न करें। बेचैनी रहेगी।


🐊मकर

जीवनसाथी से कहासुनी हो सकती है। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर होगी। करियर बनाने के अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। पारिवारिक सहयोग से कार्य में आसानी होगी। दूसरों के कार्य में दखल न दें। प्रमाद से बचें।


🍯कुंभ

आशंका-कुशंका के चलते कार्य की गति धीमी रह सकती है। घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्‍य की चिंता रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। सभी ओर से सफलता प्राप्त होगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लाभ होगा।


🐟मीन

स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में विशेषकर स्त्रियां सावधानी रखें। कार्यों की गति धीमी रहेगी। बु‍द्धि का प्रयोग करें। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। निराशा हावी रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। लाभ होगा।


🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺

*आचार्य  पवन  पाराशर (वृन्दावन)*

 

ऋषिकेश/छिद्दरवाला : 




जनता के लिये जारी सरकारी बजट मे किस तरह खेल होता है | ऐसा ही मामला छिददरवाला मे  अटल उत्कृष्ट विद्यालय में बच्चों के खेल मैदान के नाम पर पैसों का खेल हो गया।

 खेल मैदान के समतलीकरण व सौंदर्यीकरण के लिए वर्ष 2023 - 24 में सांसद निधि से पांच लाख रुपये स्वीकृत हुए थे।

छिद्दरवाला निवासी गोकुल रमोला ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत खण्ड विकास अधिकारी डोईवाला से विद्यालय के खेल मैदान में खर्च हुए सांसद निधि का व्यौरा मांगा। जबाब में बीडीओ ने जो वाउचर दिया वो हैरान करने वाला है। इसमें सीमेंट, ईंट, कंक्रीट, फाउंडेशन, प्लास्टर आदि का कार्य होना दर्शाया गया है। जबकि खेल मैदान में योजना के बोर्ड के अलावा कुछ भी नजर नहीं आया। इस विद्यालय में कई बार ब्लॉक स्तरीय खेल कूद प्रतियोगिताएं हुई हैं। बच्चों को खेलने के बेहतर मैदान मिले इसके लिए तत्कालीन सांसद डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक ने पांच लाख रुपए प्रदान किये । आरटीआई कार्यकर्ता गोकुल रमोला ने बताया कि खेल मैदान में साइन बोर्ड के अलावा एक ईंट भी नहीं लगाई गई। जबकि प्रधानाचार्य प्रमोद थपलियाल का कहना है कि मैदान में कार्य किया गया है। इस संदर्भ में खण्ड विकास अधिकारी  सोनम गुप्ता का कहना है कि मामले की जांच की जायेगी।

  ऋषिकेश :



 छिद्दरवाला के लोगों ने तीन पानी पुलिया के नीचे मृत व्यक्तियोँ के गंदे कपड़े फेंकने पर आपत्ति जताई है। 


उन्होंने बड़कोट रेंज के वन बीट अधिकारी कपिल शर्मा को ज्ञापन सौंपकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।

गुरुवार को ग्रामीणों ने तीन पानी पुलिया पर पहुंचकर वहां कपड़े इकट्ठे करने वाले हरिद्वार निवासी तीनों लोगों को वहां से चले जाने को कहा। पूर्व बीडीसी गोकुल रमोला ने कहा कि 


वन विभाग गंदगी फेंकने पर तुरंत रोक लगाए। इससे संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा पैदा हो जाता है। इस मौके पर संगीता गुरुंग, सावित्री देवी, रीता, जोगमाया, सुषमा थापा, रुक्मणि, विमला मौजूद  रहे।

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