Halloween party ideas 2015

 

देहरादून:

sixth day of Ramlila atthurwala


अठूरवाला क्षेत्र में चल रही भव्य राम वनवास लीला के छठे दिवस का मंचन दर्शकों के लिए अत्यंत रोमांचक और भावनात्मक रहा। इस अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा मेडिकल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. आशीष उनियाल ने  रावण की भूमिका में मंच पर उतरकर सबका दिल जीत लिया। उनके सशक्त संवाद और प्रभावशाली अभिनय ने पूरी रामलीला को जीवंत बना दिया।


इस दिन शूर्पणखा माया, खर-दूषण वध और सीता हरण के दृश्य मंचित किए गए। शूर्पणखा के किरदार में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित चित्रकला अध्यापिका गंगा डोगरा ने अपने भावपूर्ण और सशक्त अभिनय से दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरीं। वहीं सीता की भूमिका निभाने वाली 21 वर्षीय अंजलि राणा ने अपनी सौम्यता, अभिव्यक्ति और अभिनय से पात्र को अत्यंत जीवंत कर दिया।


राम की भूमिका में संदीप गोदियाल और लक्ष्मण के रूप में सुधीर रावत ने भाव और मर्यादा से परिपूर्ण प्रस्तुति दी। खर-दूषण के रूप में राहुल, श्रवण ने पंडाल में खलबली मचा दी। सेनापति के रूप में हिमांशु रावत ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। अन्य करदारों में नितेश चमोली, हार्दिक और पियूष के अभिनय ने मंच पर जान डाल दी।


लीला के प्रत्येक दृश्य का निर्देशन उत्कृष्ट समन्वय के साथ हुआ, जिससे पूरा वातावरण रामकथा के भावों में डूब गया। दर्शक मंत्रमुग्ध होकर अभिनय, संगीत और संवादों का आनंद लेते रहे।


अध्यक्ष पुरुषोत्तम डोभाल ने बताया कि “राम वनवास लीला का हर दिवस उत्तराखंडी रंगमंच के लिए नई ऊर्जा लेकर आ रहा है। कलाकारों का उत्साह और दर्शकों का स्नेह इस आयोजन को विशेष बना रहा है।”


अगले दिवस सुग्रीव–बाली संवाद और सीता की खोज का मंचन किया जाएगा।

 देहरादून:



 जिला पंचायत देहरादून की प्रथम बैठक जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुखविंदर कौर की अध्यक्षता में जिला पंचायत देहरादून में संपन्न हुई जिसमें सांसद प्रतिनिधि होने के नाते सभी विभागों के लिए प्रस्ताव रखे गए तथा चर्चा की गई जिसमें लोक निर्माण विभाग के लिए लाल तप्पड़ फन वैली के निकट सड़क निर्माण एवं आंतरिक सड़कों तथा देवीय आपदा में हुए नुकसान से सुरक्षा दीवार पुसता निर्माण के कार्यों पर चर्चा की गई सिंचाई विभाग दून कैनाल द्वारा डोईवाला विधानसभा के अंतर्गत सिंचाई विभाग द्वारा अपना क्षेत्र चिह्नित किया जाए तथा  महादेव खाला रानीपोखरी पानी की निकासी पर भी चर्चा की गई मारखंम ग्रांट बुल्लावाला में जो जंगल (वन विभाग)की तरफ से पानी आता है उसकी सुरक्षा व्यवस्था के बारे में चर्चा की गई तथा नलकूप खंड से डीडी हाठ लालतप्पड़ में जो नहर की पटरी है ,उसको पक्का करवाने एवं लोगों द्वारा जो अतिक्रमण कर  नहर की पटरी बंद कर दी गई है उसको हटाने के लिए चर्चा की गई लघु सिंचाई विभाग में जो पूर्व में बनी नहरी क्षतिग्रस्त हैं उनका पुनः निर्माण किया जाए तथा वन विभाग में जंगली जानवरों के नुकसान से सुरक्षा दीवार तथा जंगल के पानी से जो कटाव सुसवा नदी में जाखन नदी में सॉन्ग नदी में आसपास हुआ है उसके लिए सुरक्षा दीवार का कार्य किया जाए .


टोंकिया ग्रामों को राजस्व ग्राम में सम्मिलित किया जाए तथा पीएम आवास योजना पात्र व्यक्तियों को मिलनी चाहिए इसके लिए चर्चा की गई स्वास्थ्य केंद्र शेरगढ़ में सौंदर्य करण किया जाए वह वहां पर डॉक्टरों की टीम उपलब्ध हो तथा दिव्यांग बच्चों के सर्टिफिकेट बनाने की की प्रक्रिया को सरल किया जाए .

पेयजल विभाग द्वारा  जिला पंचायत के हल्द्वानी गांव में पेयजल समस्या का निस्तारण किया जाए व क्षेत्र में जो भी पेयजल के टैंक है उनकी सफाई उन पर रंग रोगन का कार्य किया जाए और टेकौ को सुचारू रूप से चलने के लिए वहां पर व्यवस्था की जाए.

 विद्युत विभाग में जो लाइनों के शिफ्टिंग का कार्य है तथा क्षतिग्रस्त पोल बदलने एवं कई जगह पर ट्रांसफॉर्म बदलने है उन पर भी चर्चा की गई बाल विकास विभाग में जो जो आंगनवाड़ी केंद्र अभी नहीं बने हैं .

उनका पक्का निर्माण किया जाए समाज कल्याण में पेंशन हेतु आय प्रमाण पत्र को सरलता दी जाए तथा सभी विभागों के लिए चर्चा की गई तथा राशन कार्डों की केवाईसी 30 नवंबर तक करने के लिए बताया गया  व क्षेत्र में मृतक पशुओं के निस्तारण हेतु उचित व्यवस्था कराए जाने हेतु प्रस्ताव दिया गया .



हरिद्वार:

blood-donation-camp-in-haridwar-by-Bajrang-dal



अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के लिए चले ऐतिहासिक आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर कारसेवकों की स्मृति में आज बजरंग दल, हरिद्वार द्वारा एक भव्य स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन माँ गंगे ब्लड बैंक, एस. आर. मेडिसिटी हॉस्पिटल, जगजीतपुर, हरिद्वार के सहयोग से सम्पन्न हुआ।


बजरंग दल का इतिहास राममंदिर आंदोलन के साथ गहराई से जुड़ा रहा है। 1990 के दशक में जब श्रीराम जन्मभूमि के लिए आंदोलन ने स्वरूप लिया, तब देशभर के लाखों युवाओं ने बजरंग दल के झंडे तले श्रीरामलला के दर्शन हेतु अयोध्या की ओर कूच किया। अनेक कार्यकर्ता बलिदान हुए, घायल हुए लेकिन किसी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज उन्हीं वीरों के बलिदान की स्मृति में यह रक्तदान शिविर आयोजित कर बजरंग दल ने यह संदेश दिया है कि उनका हर कर्म राष्ट्र और धर्म के लिए समर्पित है। इस अवसर पर अखिल भारतीय सहसेवा प्रमुख श्री आनंद हरबोला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। प्रांत संगठन मंत्री श्री अजय कुमार ने कार्यक्रम का उद्घाटन स्वयं रक्तदान करके किया।


आनंद हरबोला, अखिल भारतीय सहसेवा प्रमुख ने बताया राममंदिर आंदोलन केवल मंदिर निर्माण का अभियान नहीं था, यह राष्ट्रजागरण की चेतना थी। बजरंग दल ने उस चेतना को जन-जन तक पहुँचाया। हमारे कार्यकर्ताओं ने न केवल संघर्ष किया वरन समाज सेवा के हर क्षेत्र में स्वयं को सिद्ध किया है। रक्तदान शिविर जैसे आयोजन इस बात का प्रमाण हैं कि बजरंग दल केवल आंदोलनकारी संगठन नहीं बल्कि राष्ट्र के प्रति पूर्णतः समर्पित सेवा परिवार है।


अजय कुमार, प्रांत संगठन मंत्री उत्तराखण्ड ने कहा कि बजरंग दल का प्रत्येक कार्यकर्ता ‘सेवा ही संगठन की शक्ति है’ की भावना से प्रेरित रहता है। रक्तदान केवल जीवनदान नहीं, यह राष्ट्रसेवा का जीवंत उदाहरण है। यह शिविर उन कारसेवकों की स्मृति में है, जिनका रक्त श्रीराम जन्मभूमि के पावन आंदोलन की नींव में समाहित है। आज का प्रत्येक रक्तदातृत्व उसी भाव का प्रतीक है कि जब भी राष्ट्र या समाज पुकारेगा, बजरंग दल का युवा आगे बढ़ेगा।


जीवेंद्र तोमर जिला मंत्री ने कहा कि बजरंग दल ने सदैव सेवा, सुरक्षा और संस्कार के सिद्धांतों पर चलते हुए समाजहित के कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाई है। चाहे कोरोना काल में रक्तदान और राहत कार्य हों, आपदाओं के समय बचाव दल हों या सांस्कृतिक एकता के अभियान, बजरंग दल के कार्यकर्ता हर क्षेत्र में राष्ट्रभक्ति की मिसाल बने हैं।


रक्तदान कार्यक्रम में प्रांत सहसुरक्षा प्रमुख नवीन तेश्वर, जिला मंत्री जीवेंद्र तोमर, सहविभाग मंत्री भूपेंद्र सैनी, जिला संयोजक बजरंग दल अमित मुल्तानिया, जिला सहमंत्री दीपक तालियान, कमल उलियान, प्रजीत कुमार सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं, युवाओं और समाजसेवियों ने भाग लिया।




 - पारदर्शिता, लोककल्याण और उत्तरदायी प्रशासन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जी.पी.एफ. अदालत का सफल आयोजन


-लगभग 45,000 अभिदाताओं से संबंधित मामलों के त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण पर केंद्रित पहल

शिकायतों के मौके पर समाधान हेतु सहायता काउंटर स्थापित, अभिदाताओं को प्रमाणपत्र वितरण



देहरादून : 




महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), उत्तराखंड, देहरादून के कार्यालय गुरुवार को कौलागढ़ स्थित ऑडिट भवन में सामान्य भविष्य निधि (जी.पी.एफ.) अदालत का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य जनकल्याण, पारदर्शिता एवं उत्तरदायी प्रशासन को प्रोत्साहित करना तथा जी.पी.एफ. से संबंधित शिकायतों का त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण सुनिश्चित करना था। महालेखाकार कार्यालय राज्य के लगभग 45,000 अभिदाताओं के जी.पी.एफ. अभिलेखों का संधारण करता है, और उनके हितों से संबंधित समस्याओं के समाधान हेतु यह अदालत आयोजित की गई।


अदालत का उद्घाटन मो० परवेज़ आलम, महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), उत्तराखंड द्वारा किया गया। अपने उद्बोधन में उन्होंने बताया कि यह पहल महालेखाकार कार्यालय, कर्मचारियों तथा प्रशासन के बीच एक साझा मंच प्रदान करती है, जहाँ सामान्य भविष्य निधि से संबंधित विषयों का संयुक्त रूप से समाधान किया जा सके। उन्होंने कहा कि सामान्य भविष्य निधि केवल एक वित्तीय साधन नहीं, बल्कि सरकारी कर्मचारियों के लिए विश्वास एवं सुरक्षा का प्रतीक है, और यह अदालत उनके कठिन परिश्रम से अर्जित बचत से संबंधित मामलों के समाधान में संवेदनशीलता, सटीकता एवं दक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक सक्रिय कदम है।


इस अवसर पर लगभग 300 आहरण एवं संवितरण अधिकारी (डीडीओ), 200 अभिदाता, तथा वित्त विभाग, निदेशालय कोषागार, कोषागार देहरादून एवं साइबर कोषागार के अधिकारी उपस्थित रहे। शिकायतों के प्रभावी निराकरण हेतु विभिन्न सहायता काउंटर स्थापित किए गए, जहाँ अधिकांश समस्याओं का समाधान मौके पर ही किया गया तथा शेष मामलों में आवश्यक कार्यवाही तत्काल प्रारंभ की गई।


समाधान प्रमाणपत्र मौके पर ही मो० परवेज़ आलम, महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) तथा श्री लोकेश दताल, वरिष्ठ उप-महालेखाकार द्वारा संबंधित अभिदाताओं को प्रदान किए गए, जिससे शिकायतों के त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण के प्रति कार्यालय की प्रतिबद्धता परिलक्षित हुई।


महालेखाकार महोदय ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में सहयोग देने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की तथा विश्वास व्यक्त किया कि इस प्रकार की पहलें भविष्य में भी तंत्र में विश्वास, दक्षता एवं पारदर्शिता को और सुदृढ़ करेंगी।


देहरादून :

Rojgar mela in dehradun 06 nov 2025


कौशल विकास एवं सेवयोजन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा राज्य स्थापना के रजत जयंती सप्ताह के अवसर पर ‘‘कौशल एवं रोजगार महोत्सव-2025’’ के अंतर्गत 06 नवम्बर,2025 को आई.टी.आई. निरंजनपुर, देहरादून में वृहद रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें उत्तराखण्ड राज्य के युवाओं को देश और विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु 40 से अधिक नियोजकों के प्रतिभाग करने की संभावना है।

 

रोजगार मेले में फार्मा, मैन्युफैक्चरिंग, हॉस्पिटैलिटी, सर्विस, सिक्योरिटी, मार्केटिंग, आटोमोबाइल एवं हेल्थकेयर सेक्टर आदि क्षेत्र की 40 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा। इसके अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध रोजगार के अवसरों की जानकारी हेतु भी संबंधित संस्थाओं द्वारा मेले में प्रतिभाग किया जाएगा। इस वृहद रोजगार मेले में 8वीं से स्नातकोत्तर, आई.टी.आई. डिप्लोमा, डी-फार्मा, बी-फार्मा, आदि शैक्षिक योग्यता धारक अभ्यर्थियों हेतु रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं।


रोजगार महोत्सव में विभिन्न रोजगार परक विभागों जिसमें कौशल विकास विभाग, उद्योग विभाग, पर्यटन विभाग, आदि विभागों द्वारा भी सेक्टोरल सत्र का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सफल उद्यमी, सफलता की कहानी, विषय विशेषज्ञ, सफल स्टार्टअप के माध्यम से युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार योजना के प्रति प्रोत्साहित करने की योजना है। इस रोजगार मेले में प्रतिभाग करने हेतु क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय में अपना पंजीकरण करा सकते है। अधिक जानकारी के लिए क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय देहरादून से सम्पर्क किया जा सकता है।


 

ये किस्में आईसीएआर–भारतीय गेहूँ एवं जौ अनुसंधान संस्थान, हरियाणा द्वारा विकसित की गई हैं

देहरादून : 

ICAR given wheat seed to farmers


आईसीएआर–भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून द्वारा दो नव विकसित गेहूँ की किस्मों – डीबीडब्ल्यू 371 और डीबीडब्ल्यू 372 के ट्रुथफुल लेबल बीज देहरादून जनपद के रायपुर ब्लॉक के किसानों को 30 अक्टूबर 2025 को वितरित किए गए।

ये किस्में आईसीएआर–भारतीय गेहूँ एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल, हरियाणा द्वारा विकसित की गई हैं और इन्हें उत्तर भारत के लिए अनुशंसित किया गया है।


ये गेहूँ की किस्में उत्तराखंड के सिंचित एवं वर्षा आधारित दोनों प्रकार के क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं। यह वितरण कार्यक्रम किसान प्रथम परियोजना के अंतर्गत आईसीएआर–आईआईएसडब्ल्यूसी, देहरादून में आयोजित किया गया। इस अवसर पर लगभग 50 किसानों को प्रत्येक को 20 किलोग्राम बीज परीक्षण के रूप में प्रदान किए गए।


परियोजना के प्रमुख अन्वेषक एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बांके बिहारी ने किसानों को इन किस्मों के लाभों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि इन किस्मों में उच्च आनुवंशिक क्षमता, अधिक उत्पादन, पोषक गुणवत्ता, रोग प्रतिरोधक क्षमता, कम गिरने की प्रवृत्ति तथा क्षेत्रीय अनुकूलता जैसी विशेषताएँ हैं।

इन किस्मों से मैदानी क्षेत्रों में 75–85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तथा देहरादून क्षेत्र में 40–50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त की जा सकती है, जबकि स्थानीय किस्मों से सामान्यतः केवल 15–18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन मिलता है। साथ ही, इन किस्मों से अनाज के बराबर मात्रा में भूसा भी प्राप्त होता है, जो पशुपालन हेतु चारे की आवश्यकता पूरी करने में सहायक होगा।


डॉ. एम. मुरुगानंदम, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख (पीएमई एवं नॉलेज मैनेजमेंट यूनिट), ने गुणवत्तापूर्ण बीज और कृषि इनपुट्स के महत्व पर बल दिया। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे अपनी फसल से अगली बुवाई के लिए बीज सुरक्षित रखें, क्योंकि इन किस्मों में उच्च उत्पादन क्षमता, बेहतर प्रोटीन सामग्री होती है और ये सामान्य बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं हैं।


डॉ. अभिमन्यु झाझरिया, वैज्ञानिक, आईआईएसडब्ल्यूसी ने इन नई किस्मों को अपनाने से होने वाले आर्थिक और सामाजिक लाभों पर प्रकाश डाला, जो किसानों की आय और आजीविका सुरक्षा को मजबूत करेंगे।


किसानों को अधिकतम उत्पादन के लिए अनुशंसित कृषि तकनीकी पैकेज के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्हें सलाह दी गई कि वे—


·  बुवाई से पूर्व बीजों को फफूंदनाशी दवा (बीजों के साथ प्रदत्त) से उपचारित करें;


·   30 अक्टूबर से 20 नवम्बर 2025 के बीच शीघ्र बुवाई करें;


·    बुवाई के लगभग 35 दिन बाद पहली सिंचाई करें;


·   पहली सिंचाई के बाद गुड़ाई/निराई करें या सल्फो-सल्फ्यूरॉन जैसे खरपतवार नाशी का प्रयोग करें;


·    पूरे फसल चक्र में 5–6 सिंचाईयाँ करें (हालाँकि 3–4 सिंचाईयों में भी अच्छा उत्पादन प्राप्त हो सकता है)।


बीज वितरण कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक लाभार्थी किसान के साथ एक व्यक्तिगत समझौता किया गया, ताकि बीजों का वैध उपयोग एवं पुनः उत्पादन हेतु खरीद-फरोख्त व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।


कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि पिछले तीन वर्षों में क्षेत्र में वितरित की गई उन्नत गेहूँ किस्में जैसे उन्नत पीबीडब्ल्यू 343 (सिंचित क्षेत्रों के लिए) तथा डीबीडब्ल्यू 222, डीबीडब्ल्यू 303, डीबीडब्ल्यू 187, वीएल 967 और वीएल 953 (वर्षा आधारित क्षेत्रों के लिए) सफलतापूर्वक स्थापित हो चुकी हैं, जिससे क्षेत्र में लगभग 80% बीज प्रतिस्थापन दर प्राप्त हुई है।


किसानों ने नई किस्मों को अपनाने के प्रति गहरी रुचि और उत्साह दिखाया तथा आईआईएसडब्ल्यूसी के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों द्वारा स्थानीय कृषि उत्पादन में सुधार हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर श्री कुशल पाल सिंह, फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन, कोटिमाचक के प्रतिनिधि तथा संस्थान के परियोजना कार्मिक श्री मलिक और श्री विकास कुमार भी उपस्थित रहे।

  देहरादून:




       अखिल भारतीय देवभूमि ब्राह्मण जन सेवा समिति व श्री हरि कथा आयोजन समिति देवभूमि उत्तराखंड की महिला सदस्यों के साथ काली मंदिर भंडारी बाग में समिति के केंद्रीय अध्यक्ष अरुण कुमार शर्मा  व सचिव रुचि शर्मा  की एक सभा हुई।

         सभा में समिति के नवम वार्षिक उत्सव में दिनांक एक जनवरी 2026 से मनभावन पैलेस गुरु रोड देहरादून पर आयोजित होने वाले श्रीमद्भागवत कथा कार्यक्रम पर मंथन हुआ। दिनांक एक जनवरी को पांच सौ से अधिक नारी शक्ति भव्य व दिव्य पवित्र कलश यात्रा व एक सौ आठ धर्मध्वजा के साथ कलैंडर वर्ष 2026 को सनातन सभ्यता व संस्कृति के संगम के साथ आयोजित करेंगी। समिति अनेकता में एकता की भावना से कार्य करते हुए अपने आयोजनों में समाज के सभी वर्गों व वर्णों को सम्मलित कर एक सभ्य समाज की स्थापना में अपना योगदान प्रदान कर रही हैं।

  घर धर प्रचार कर सभी को कार्यक्रम के निमंत्रण कार्ड देने का कार्य आज आरंभ किया गया । समिति के सदस्यता अभियान को बल देते हुए तीन नए सदस्य समिति में जोड़े गए वा श्री हरि कथा आयोजन समिति की वार्षिक सदस्यों ने समिति की आजीवन सदस्यता ग्रहण की।

    सभा में अरुण कुमार शर्मा,रुचि शर्मा,निशा शर्मा ,बीना अग्रवाल,रीना मौर्य,अनीता मौर्य,मंजू वर्मा,ऊषा राजपूत,नमिता धीमान,नूतन यादव,लक्ष्मी वर्मा,सोनिया मित्तल,ज्योत्सना मित्तल,पूनम कनौजिया,शरद कौशिक व अनुराग गौड आदि उपस्थित रहे।


    

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.