आपदा से हुई क्षति का आंकलन करने पहुंची केंद्रीय टीम
अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम आज विभिन्न जनपदों में आपदा से हुई क्षति का आकलन तथा जायजा लेने के लिए देहरादून से प्रस्थान कर गई है।
चमोली
*थराली में आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए भारत सरकार की अंतरमंत्रालयीय टीम ने हवाई सर्वे कर किया विस्तृत सर्वेक्षण*
*टीम ने थराली के चेपड़ो,कोटदीप, राडीबगड़ और देवाल के मोपाटा सहित नंदानगर क्षेत्र में हो रहें भू-धसाव का किया हवाई सर्वे*
*जिलाधिकारी ने पीपीटी के माध्यम से जनपद में हुयी विभागीय परिसंपत्तियों की क्षति से टीम को अवगत कराया*
*टीम ने आपदा प्रभावित स्थानीय निवासियों से बात कर आपदा से हुयी क्षति की जानकारी ली*
आपदा से हुई क्षति का आकलन करने के उद्देश्य से भारत सरकार की अंतरमंत्रालयीय टीम सोमवार थराली क्षेत्र के दौरे पर पहुँची। अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम का नेतृत्व निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने किया साथ ही टीम में विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे, जिसमें सदस्य अनु सचिव शेर बहादुर,अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार शामिल रहें,जिन्होंने हवाई सर्वे के साथ स्थलीय निरीक्षण कर आपदा से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का बारीकी से अध्ययन किया।टीम ने सबसे पहले थराली के चेपड़ो,कोटडीप, राड़ीबगड़, देवाल के मोपाटा और नंदानगर प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और साथ ही सड़क मार्ग से भी क्षतिग्रस्त इलाकों का निरीक्षण किया।
इस दौरान जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कुलसारी रिलीफ सेंटर में आयोजित बैठक में पीपीटी के माध्यम से आपदा से हुयी विभागवार परिसंपत्तियों की क्षति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने चेपड़ो बाजार एवं अन्य आपदा ग्रस्त क्षेत्र में स्थानीय लोगों के आवासों के पीछे हो रहें भूस्खलन के बारे में टीम को विस्तार से जानकारी दी।उन्होंने कहा कि लगातार वर्षा एवं भूस्खलन से सड़कों, पुलों, भवनों, पेयजल योजनाओं, विद्युत तंत्र तथा कृषि को भारी क्षति पहुँची है। जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा से लगभग 11 सौ 50 करोड़ की विभागीय परिसंपत्तियों की क्षति का आकलन किया गया है।साथ ही जिलाधिकारी ने विकासखंड ज्योतिर्मठ के पल्ला गाँव में हो रहे भू-धसाव तथा नंदानगर क्षेत्र में लगातार सक्रिय हो रहे भू-धसाव से भी टीम को अवगत कराया।
क्षेत्र भ्रमण के दौरान टीम ने स्थानीय निवासियों बात भी की उन्होंने पाया कि वर्षा एवं भूस्खलन से ग्रामीणों की आवागमन सुविधा गंभीर रूप से प्रभावित हुई है तथा कई गाँवों का संपर्क मुख्य मार्ग से पूरी तरह कट गया है। अनेक स्थानों पर मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और कुछ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करना पड़ा है।
टीम ने आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्यों में स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ तथा अन्य एजेंसियों द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की सराहना की। साथ ही, उन्होंने विभागीय अधिकारियों से पुनर्वास कार्यों, प्रभावित परिवारों को दी जा रही सहायता, राशन व चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, अस्थायी आश्रयों की व्यवस्था तथा सड़क मार्गों को शीघ्र खोलने के प्रयासों की जानकारी ली।
अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम का नेतृत्व कर रहें निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि उनके इस दौरे का मुख्य उद्देश्य आपदा से हुई वास्तविक क्षति का आकलन करना है ताकि भारत सरकार को प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित क्षेत्रों के लिए आवश्यक सहायता एवं पुनर्निर्माण कार्यों की योजना शीघ्र बनाई जा सके।टीम द्वारा किए गए हवाई सर्वेक्षण, स्थलीय निरीक्षण एवं प्रशासन से हुई विस्तृत चर्चा से प्राप्त जानकारी को संकलित कर विस्तृत रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, बुनियादी ढाँचे की बहाली तथा दीर्घकालिक सुरक्षा उपायों के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
इस दौरान थराली विधायक श्री भूपाल राम टम्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री दौलत सिंह बिष्ट, नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुनीता रावत,पुलिस अधीक्षक सर्वेश पवार, अपर जिला अधिकारी विवेक प्रकाश,एसडीएम सोहन सिंह रांगण,एसडीएम पंकज भट्ट सहित सभी विभागीय अधिकारी और स्थानीय निवासी उपस्थित रहें।
आज सुबह राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सचिव आपदा 33rMH एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने एक बैठक के दौरान टीम को आपदा से हुई क्षति के बारे में एक प्रस्तुतिकरण दिया।
बागेश्वर का भी निरीक्षण
अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने बागेश्वर के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण
केंद्रीय टीम ने आपदा के दौरान हुए नुकसान का लिया जायज़ा, जल्द भेजेगी विस्तृत रिपोर्ट
केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्च-स्तरीय अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (IMCT) ने सोमवार को जनपद के पौंसारी, बैसानी क्षेत्र तथा जगथाना मोटर मार्ग सहित आपदा प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया। टीम का उद्देश्य आपदा से हुए जन–धन, आधारभूत संरचना, कृषि एवं स्थानीय आजीविका को हुए नुकसान का विस्तृत आकलन करना तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करना रहा।
टीम के सदस्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हेलीपैड लगभग 4 बजे पहुँचे, जहाँ से वे सीधे पौंसारी के लिए रवाना हुए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रभावित परिवारों से संवाद कर उनकी समस्याएँ जानीं तथा राहत–पुनर्वास कार्यों की जानकारी ली। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे त्वरित राहत एवं पुनर्वास प्रयासों की सराहना करते हुए सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास के लिए अपनी मांग रखी।
टीम के नोडल वीरेंद्र कुमार, निदेशक, कृषि मंत्रालय; सुधीर कुमार, अधीक्षण अभियंता, केंद्रीय जल आयोग; शेर बहादुर, अवर सचिव, वित्त मंत्रालय तथा डॉ. शांतनु सरकार, निदेशक, उत्तराखंड लैंडस्लाइड मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर, देहरादून शामिल रहे।
निरीक्षण के दौरान टीम ने सड़कों, पुलों, सार्वजनिक भवनों, विद्युत एवं जल आपूर्ति लाइनों को हुए नुकसान के साथ–साथ कृषि, फसलों, पशुधन और अन्य स्थानीय आजीविका साधनों की क्षति का जायज़ा लिया। उन्होंने आपदा के समय मूलभूत सुविधाओं की बहाली और भोजन, पेयजल, चिकित्सा सहायता, अस्थायी आश्रयों एवं बचाव कार्यों की भी जानकारी ली।
इसके उपरांत अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीम ने जनपद बागेश्वर अन्तर्गत प्राकृतिक आपदाओं से हुई क्षति को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक ली। बैठक में जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने आपदा की स्थिति, राहत एवं बचाव कार्यों तथा पुनर्वास योजनाओं की विस्तृत जानकारी टीम को दी। प्रस्तुतीकरण के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा हुए नुकसान की जानकारी के साथ–साथ ड्रोन शॉट्स के माध्यम से अलग–अलग स्थलों पर हुई क्षति की तस्वीरें और दृश्यावलोकन भी टीम के समक्ष प्रस्तुत किए गए।
टीम ने आश्वासन दिया कि सभी पहलुओं का विस्तृत प्रतिवेदन शीघ्र केंद्र सरकार को प्रेषित किया जाएगा, ताकि प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्वास एवं विकास कार्यों के लिए आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा सके।