Halloween party ideas 2015

 

 उत्तराखंड कांग्रेस को लेकर प्रदेश  कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेतागणों की बैठक नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्यालय इन्दिरा भवन मे जिसमे आदरणीय हरीश रावत ,नेताप्रतिपक्ष यशपाल आर्य ,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहारा  ,राष्ट्रीय महासचिव के.सी बेणुगोपाल , उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा  ,सह  प्रभारी सुरेन्द्र शर्मा   सहित अन्य नेता मौजूद थे। 



इस अवसर पर प्रदेश मीडिया चेयरमैन राजीव महर्षि , प्रदेश महासचिव अजय सिंह भी उपस्थित थे।इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य जी ने कुछ मीडिया बन्धुओं के समक्ष अपने विचार रखे।

:*मुख्यमंत्री ने प्रदान की विभिन्न योजनाओं के लिए 16.95 करोड की वित्तीय स्वीकृति*


rajy yuva mahotsav 2025 chipko aandolan


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पिलखी, टिहरी गढ़वाल को 30 शैय्यायुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में उच्चीकृत करते हुए रू0 14.83 करोड़ तथा जनपद नैनीताल के विकासखण्ड भीमताल में ग्रामीण निर्माण विभाग, प्रखण्ड नैनीताल के अनावासीय कार्यालय भवन के निर्माण हेतु  रू0 2.12 करोड़ की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।

राज्य स्थापना की रजत जयंती पर रामनगर में आयोजित राज्य स्तरीय “जन वन महोत्सव” का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह* *धामी ने किया शुभारंभ*

*चिपको आंदोलन बना महिला शक्ति और पर्यावरण प्रेम का प्रतीक*

*प्रकृति संरक्षण हमारे संस्कारों में है निहित - मुख्यमंत्री* 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के शुभ अवसर पर रामनगर में राज्य स्तरीय जन वन महोत्सव का शुभारंभ किया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीवों का संरक्षण देवभूमि की संस्कृति का अभिन्न अंग है और प्रकृति का संरक्षण हमारे संस्कारों में समाहित है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने मानव और प्रकृति के सहअस्तित्व की जो विचारधारा दी, वह आज भी हमारी जीवनशैली का आधार है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जन वन महोत्सव जनता और जंगलों के बीच अटूट रिश्ते का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि विकास तभी सार्थक है जब पारिस्थितिकी और आर्थिकी के बीच सामंजस्य बना रहे। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना और उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना समय की मांग है।


*“चिपको आंदोलन” महिला शक्ति और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक - मुख्यमंत्री*


मुख्यमंत्री श्री धामी ने वर्ष 1973 के चमोली जिले में हुए चिपको आंदोलन का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं ने पेड़ों से लिपटकर जो संदेश दिया था, उसने विश्वभर में पर्यावरण संरक्षण की नई दिशा दी। यह आंदोलन महिला सशक्तिकरण, सत्याग्रह और पर्यावरण प्रेम का प्रतीक बन गया।


*प्रकृति: संस्कृति एवं विकास का संतुलन: उत्तराखंड की पहचान*


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के 25 वर्षों में उत्तराखंड ने प्रकृति, संस्कृति और विकास का संतुलन बनाए रखते हुए उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की हरियाली, समृद्ध जैव विविधता और वन्य जीव हमारे प्रदेश की पहचान हैं।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार इकोलॉजी, इकोनॉमी और टेक्नोलॉजी के संतुलन पर कार्य कर रही है। वन्य जीव संरक्षण के लिए प्रदेश में जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन सर्विलांस, डॉग स्क्वॉड जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।


*इको-टूरिज्म और रोजगार सृजन पर दिया जा रहा है ध्यान*


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इको-टूरिज्म मॉडल पर तेजी से काम किया जा रहा है ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलें और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा कि बिजरानी, गिरिजा और ढिकुली जोन को आधुनिक रूप में विकसित किया गया है, जिससे हजारों ग्रामीणों को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ है।


उन्होंने कहा कि नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, वाइल्डलाइफ टूरिज्म आधारित कौशल को उद्यम के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।


*प्रकृति संरक्षण में बच्चों की भी हो भागीदारी*


मुख्यमंत्री श्री धामी ने नगर वन में विभिन्न विद्यालयों के बच्चों द्वारा तैयार की गई चित्रकला एवं कलाकृतियों का अवलोकन किया और उनकी रचनात्मकता की सराहना की। उन्होंने कहा कि बच्चों में पर्यावरण संरक्षण की भावना विकसित करना सबसे बड़ी पूंजी है।


*मुख्यमंत्री ने की विकास संबंधी विभिन्न घोषणाएँ*


मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्र के विकास हेतु कई घोषणाएँ की जिसमें ग्राम लेती-चोपड़ा को नए राजस्व ग्राम के रूप में विकसित कर पानी, बिजली, शिक्षा, सड़क और स्वास्थ्य की मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराए जाने, ग्राम भलौन में सिंचाई और पेयजल ट्यूबवेल की स्थापना,  तुमड़िया रोड को मालधन से जोड़े जाने तथा पर्यटन सत्र 2025-26 में महिला जिप्सी चालकों के विशेष प्रशिक्षण के बाद शेष पंजीकरण पूर्ण किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने नगर वन में लाइट एंड साउंड शो शीघ्र प्रारंभ किये जाने, रामनगर में सामुदायिक सोवेनियर शॉप का निर्माण कर स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन दिये जाने की भी घोषणा की।


कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा वन विभाग के विभिन्न प्रभागों, व महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाए गए स्टालों का भी निरीक्षण किया गया तथा एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधा भी रोपित किया। 


इस अवसर पर वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य सरकार वन एवं वन्य जीव संरक्षण के साथ स्थानीय आजीविका बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि वन विभाग के प्रयासों से प्रदेश में वन्य जीवों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है।


प्रमुख सचिव वन श्री आर.के. सुधांशु ने वन संरक्षण, मानवदृवन्य जीव संघर्ष की रोकथाम और संरक्षण योजनाओं की जानकारी दी।


कार्यक्रम में विधायक दीवान सिंह बिष्ट, अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग मुकेश कुमार, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. समीर सिन्हा, मुख्य वन संरक्षक (कुमाऊं) डॉ. तेजस्विनी पाटिल, नगर पालिका अध्यक्ष हाजी मोहम्मद अकरम, क्षेत्र प्रमुख मंजू नेगी, जिलाधिकारी  ललित मोहन रयाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. मंजूनाथ टीसी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी, विद्यार्थी और नागरिक उपस्थित रहे।

देहरादून


*मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में स्वास्थ्य क्रांति की ओर बढ़ता उत्तराखंड*

*25 वर्षों में उत्तराखंड की सेहत में सुधार, राज्य के हर कोने तक पहुंच रही चिकित्सा सुविधाएं, डॉक्टरों की संख्या और ढांचा हुआ मजबूत*

*मातृ मृत्यु दर में 77 प्रतिशत की कमी, कुल 1985 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों से 34 लाख लोगों को लाभ


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन और कुशल नेतृत्व में उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रहा है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर मेडिकल एजुकेशन तक, हर क्षेत्र में सुधार की नई मिसालें स्थापित हो रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत राज्य ने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी लाने, संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहन देने और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा बढ़ाने में बड़ी सफलता हासिल की है। राज्य गठन के 25 वर्षों में उत्तराखंड ने स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में लंबी छलांग लगाई है। आज प्रदेश के हर जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का जाल बिछ चुका है। वर्तमान में राज्य में 13 जिला चिकित्सालय, 21 उपजिला चिकित्सालय, 80 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 577 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और करीब 2000 मातृ-शिशु कल्याण केंद्र सक्रिय हैं, जहाँ आम जनता को स्थानीय स्तर पर उपचार मिल रहा है।

सरकार ने हाल ही में 6 उपजिला चिकित्सालय, 6 सीएचसी और 9 पीएचसी के उन्नयन को मंजूरी दी है। साथ ही सेलाकुई (देहरादून) और गेठिया (नैनीताल) में 100-100 शैय्यायुक्त मानसिक चिकित्सालयों का निर्माण तेजी से जारी है। भारत सरकार के सहयोग से उत्तरकाशी, गोपेश्वर, बागेश्वर और रुड़की में 200 शैय्यायुक्त क्रीटिकल केयर ब्लॉक, जबकि मोतीनगर (हल्द्वानी) और नैनीताल में 50-50 शैय्यायुक्त ब्लॉक तैयार किए जा रहे हैं। देश में पहली बार एम्स ऋषिकेश के सहयोग से उत्तराखंड में हेली-एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई है, जिससे पर्वतीय व दुर्गम इलाकों में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हुई हैं।


*स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व सुधार*


उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। स्वास्थ्य विभाग पिछले पांच सालों में मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) और नवजात शिशु मृत्यु दर (एनएमआर) में निरंतर कमी आई है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि एनएमआर को घटाकर 12 और एमएमआर को 70 प्रति लाख जीवित जन्म तक लाया जाए। राज्य में एनएचएम की शुरुआत 27 अक्तूबर 2005 को हुई थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण व दूरस्थ इलाकों में रहने वाले गरीबों, महिलाओं और बच्चों को सुलभ व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। डॉ. कुमार के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अगुवाई में मिशन ने अपने लक्ष्यों की दिशा में अभूतपूर्व प्रगति की है।


*शिशु और मातृ मृत्यु दर में ऐतिहासिक गिरावट*


राज्य गठन के समय शिशु मृत्यु दर (प्डत्) 52 प्रति हजार थी, जो अब घटकर 20 रह गई है। एसआरएस 2023 रिपोर्ट के अनुसार मातृ मृत्यु दर (डडत्) 450 प्रति लाख से घटकर अब मात्र 91 रह गई है। सकल प्रजनन दर (ज्थ्त्) भी 3.3 से घटकर 1.7 हो गई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (छथ्भ्ै-5) 2020-21 के अनुसार राज्य में संपूर्ण प्रतिरक्षण दर 88.6ः तक पहुँच चुकी है, जो राज्य गठन के समय 47ः थी। वहीं संस्थागत प्रसव दर अब 83.2ः हो गई है, जबकि राज्य निर्माण के समय यह मात्र 21ः थी।



*चिकित्सकों की संख्या में ऐतिहासिक बढ़ोतरी*


राज्य निर्माण के समय स्वास्थ्य विभाग में 1621 डॉक्टरों के पद स्वीकृत थे। सरकार ने 1264 नए पद सृजित कर यह संख्या 2885 तक पहुंचाई।रिक्तियों को भरने के लिए निरंतर भर्ती अभियानों के साथ-साथ, सरकार ने 220 चिकित्सकों को दुर्गम क्षेत्रों में तैनात किया है। वर्तमान में कुल 2885 पदों के सापेक्ष 2598 डाॅक्टर तैनात हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए उनकी सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है। लंबे समय से अनुपस्थित 56 डॉक्टरों की सेवा समाप्त कर सरकार ने सख्ती का संदेश भी दिया है।


*नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती*


राज्य सरकार ने अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए 1399 नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति की है। एएनएम के 1933 पदों को बढ़ाकर 2295 किया गया, जिनमें से 1918 पद भरे जा चुके हैं। चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से 34 एक्स-रे टेक्नीशियन सहित अन्य पैरामेडिकल कर्मियों की भर्ती भी की गई है।


*मातृ मृत्यु दर में 77 प्रतिशत की कमी*


स्वास्थ्य विभाग के प्रभावी क्रियान्वयन का परिणाम है कि मातृ मृत्यु दर में 77 प्रतिशत की कमी आई है। राज्य गठन के समय से मातृ मृत्यु दर (440/100000 जीवित प्रसव) के सापेक्ष (91/100000 जीवित प्रसव)  हो गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 1,47,717 संस्थागत प्रसव कराए गए, जो कुल प्रसव का 85प्रतिशत हैं। 2025 में चलाए गए 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक के विशेष अभियान के तहत 37 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं की एनीमिया जांच की गई। राज्य में हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में दो पोषण पुनर्वास केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, जिनमें इस वर्ष अब तक 32 कुपोषित शिशुओं का उपचार किया गया।


*प्रदेश में 1985 आयुष्मान आरोग्य केंद्र*


स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश के 13 जिलों में अब तक 1985 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) स्थापित किए जा चुके हैं। इन केंद्रों से हर वर्ष 34 लाख से अधिक लोग स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। बीते तीन वर्षों में 28.8 लाख लोगों की हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की जांच, 28.4 लाख लोगों के मुख कैंसर, और 13.1 लाख महिलाओं के स्तन कैंसर की स्क्रीनिंग की गई। इससे स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।


*108 आपातकालीन सेवा बनी जीवन रक्षक*


वर्ष 2008 में शुरू हुई 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा अब राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ बन चुकी है। वर्तमान में इसके पास 272 एम्बुलेंस हैं जिनमें 217 बेसिक लाइफ सपोर्ट (ठस्ै), 54 एडवांस लाइफ सपोर्ट (।स्ै) और 1 बोट एम्बुलेंस शामिल है। वर्ष 2019 से अगस्त 2025 तक, इस सेवा के माध्यम से 8.79 लाख से अधिक लोगों को आपातकालीन सहायता मिली है।


*गंभीर बीमारियों के लिए आर्थिक सहायता*


राज्य व्याधि सहायता निधि समिति के तहत बीपीएल वर्ग के मरीजों को 11 गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु आर्थिक मदद दी जाती है। वर्ष 2005-06 से अब तक 1045 लाभार्थियों को इस योजना से सहायता मिली है, जिस पर 12.85 करोड़ रुपये से अधिक व्यय हुआ है।


*जनऔषधि केंद्रों से सस्ती दवाएं*


सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में 335 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र संचालित हैं, जबकि 48 नए केंद्र प्रस्तावित हैं।इन केंद्रों से आम नागरिकों को दवाएं बाजार मूल्य से 50-80ः तक सस्ती मिल रही हैं।


*टीबी उन्मूलन में उल्लेखनीय सफलता*


राज्य में टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान के तहत 2182 पंचायतें टीबी मुक्त घोषित की जा चुकी हैं। 18,159 निक्षय मित्र अब तक जुड़ चुके हैं, जिनमें से 8658 सक्रिय रूप से टीबी मरीजों को गोद लेकर सहयोग कर रहे हैं।


*तीर्थ यात्रियों के लिए विशेष स्वास्थ्य व्यवस्था*


हर वर्ष चारधाम और कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सभी धामों और यात्रा मार्गों पर विशेषज्ञ डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और जीवनरक्षक उपकरणों की तैनाती की जाती है। स्वास्थ्य सलाह (भ्मंसजी ।कअपेवतल) 13 भाषाओं में जारी की जाती है ताकि देश-विदेश से आने वाले यात्रियों को कोई असुविधा न हो।


*परिवार नियोजन और जनस्वास्थ्य विस्तार*


परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत देहरादून और अल्मोड़ा में दो नए परिवार नियोजन साधनों की शुरुआत की गई है। इसके साथ ही डेंगू और अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम को लेकर विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत 19 केंद्रों में 166 मशीनों द्वारा इस वर्ष अब तक 46,958 डायलिसिस सत्र संपन्न किए जा चुके हैं।


*रक्त संचरण सेवाओं का विस्तार*

2016 से अब तक राज्य में 65 रक्तकोष (ब्लड बैंक) स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें 28 सरकारी,  18 निजी व 19 चैरिटेबल संस्थान हैं। रक्त की उपलब्धता और आपातकालीन सेवाओं में बड़ी सुविधा मिली है।

*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विस्तृत बयान*

उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य है कि राज्य का हर नागरिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ सके। हमने स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुँचाने के लिए एनएचएम को एक मजबूत स्तंभ के रूप में कार्यरत किया है। आज प्रदेश में मातृ और शिशु मृत्यु दर ऐतिहासिक रूप से घटी है, संस्थागत प्रसव की दर में वृद्धि हुई है और लोगों में स्वास्थ्य के प्रति नई चेतना आई है। हमारी सरकार की प्राथमिकता हैकृ‘स्वस्थ उत्तराखंड, समृद्ध उत्तराखंड’। हमने स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त बनाने के लिए रिकॉर्ड स्तर पर निवेश किया है। हेली-एंबुलेंस सेवा, आयुष्मान आरोग्य केंद्र, नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा में विस्तार जैसी पहलों से हमने स्वास्थ्य सेवाओं को गांव-गांव तक पहुँचाया है। मेरा विश्वास है कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड देश के सबसे स्वस्थ राज्यों में शामिल होगा और हमारी नीतियां जनसेवा की नई दिशा तय करेंगी।

*स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार का बयान*


स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं में ऐतिहासिक परिवर्तन आया है। अगर बात करें पिछले 25 वर्षों  की तो उत्तराखंड ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य सरकार की प्राथमिकता हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आयुष्मान भारत, टेलीमेडिसिन, 108 आपातकालीन सेवा और जन औषधि केंद्र जैसे कार्यक्रमों ने स्वास्थ्य ढांचे को नई मजबूती दी है। हमने मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की है और दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की है। सरकार की नीति ‘स्वस्थ उत्तराखंड दृ समर्थ उत्तराखंड’ की दिशा में राज्य निरंतर आगे बढ़ रहा है। आने वाले वर्षों में हमारा लक्ष्य है कि हर गांव और हर व्यक्ति को समयबद्ध, सस्ती और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। यह परिवर्तन केवल योजनाओं का नहीं, बल्कि संकल्प और प्रतिबद्धता का परिणाम है।



*मुख्यमंत्री धामी ने किया विकसित भारत यंग लीडर्स थीम पर आधारित राज्य युवा महोत्सव 2025- 26 का शुभारंभ*


*महोत्सव में फिट इंडिया उत्तराखंड और उत्तराखंड स्पोर्ट्सटैक हैकथन पहल का भी किया गया शुभारंभ*


*युवाओं द्वारा तैयार विज्ञान के विभिन्न मॉडल की विज्ञान प्रदर्शनी और स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार स्थानीय उत्पादों की स्टाल का किया गया अवलोकन*


*युवा करेंगे विकसित उत्तराखंड और विकसित भारत की संकल्पना को साकार: मुख्यमंत्री*


*कहा: हमारी समृद्ध विरासत को संजोए रखने और उसको अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का दायित्व भी युवाओं पर*


 *राज्य में युवाओं को आगे बढ़ने और अपने सपने साकार करने के मिल रहे हैं व्यापक अवसर*



मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा परेड ग्राउंड में राज्य गठन की 25वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर उत्तराखंड राज्य युवा महोत्सव 2025- 26 का शुभारंभ किया गया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि युवा शक्ति को सही मार्गदर्शन और प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाए तो युवा शक्ति देश को नई ऊंचाई पर ले जाने की सामर्थ्य रखती है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री  मोदी के नेतृत्व में युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर अपने सपनों को साकार करने के लिए अनेक अवसर मिले हैं जिससे विकसित भारत 2047 की संकल्पना को साकार करने के लिए युवा शक्ति अपना सर्वांगीण योगदान दे रहे है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में युवाओं के लिए अनेक योजनाएं और कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। 


मुख्यमंत्री ने फिट इंडिया उत्तराखंड और उत्तराखंड स्पोर्ट्सटैक  हैकथन का शुभारंभ करते हुए कहा कि आज के समय में रोजगार के जहां अनेक नए अवसर पैदा हो रहे हैं तो वही पुरानी प्रचलित तकनीक हटने से कुछ अवसर कम भी हो रहे हैं।

 इसी को ध्यान रखते हुए हमने उत्तराखंड में युवाओं के लिए फ्यूचर बेस्ट रोजगार प्रदान करने के लिए अनेक कंपनियों से  एमओयू किए हैं।  राज्य में एक जनपद दो उत्पाद, हाउस आफ हिमालयाज, नई पर्यटन और फिल्म नीति, स्टेट मिलेट मिशन और युवाओं के लिए अनेक रोजगार और स्वरोजगारपर  योजनाओं को प्रारंभ किया है ताकि युवा नवाचार, डिजिटली, रचनात्मक और आने वाले भविष्य की डिमांड के अनुरूप खुद को तैयार कर सके। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा महोत्सव जैसे आयोजन से युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़े रखने की प्रेरणा मिलती है और अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए एक बेहतर मंच मिलता है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य के युवा आज सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में संपादित हुए 38 वें राष्ट्रीय खेलों में हमारे युवाओं ने शानदार प्रदर्शन किया। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने युवा की ताकत और उसकी ऊर्जा को समझते हुए उत्तराखंड में खेल संस्कृति को विकसित करने का काम किया है।  युवा आत्मनिर्भर बन सके तथा स्वरोजगार और रोजगार से अपने सपनों को साकार कर सके इसके लिए हमने अनेक निर्णय युवाओं के हित में लिए। सख्त नकल कानून के द्वारा  युवाओं के पारदर्शी चयन का मार्ग प्रशस्त किया।  कुछ कर गुजरने का जज्बा रखने वाले युवाओं के लिए अनेक नीतियां लाई तथा उनका बेहतर तरीके से क्रियान्वयन कर रहे हैं। 



इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि 2047 तक युवा शक्ति के बल पर भारत विकसित बनेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार युवाओं और महिलाओं के सपनों को साकार करने के लिए अनेक प्रयास कर रही हैं। 


राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि आज देश और हमारा राज्य  अनेक क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। 


इस अवसर पर सुश्री स्वराज विद्वान, उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग फरजना बेगम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा सहित  संबंधित अधिकारी और युवा  उपस्थित थे।



*जनपद देहरादून:कोलूखेत के पास बाइकसवार पिता-पुत्र गिरे खाई में SDRF ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन।* 



आज दिनाँक 06 नवम्बर 2025 को CCR देहरादून द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि कोलूखेत चौकी क्षेत्रान्तर्गत एक बाइक सवार खाई में गिर गया है, जिसके लिए SDRF टीम की आवश्यकता है।


उक्त सूचना मिलते ही SDRF पोस्ट सहस्त्रधारा से उपनिरीक्षक सुरेन्द्र सिंह के नेतृत्व मे SDRF टीम आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों सहित तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई।


एसडीआरएफ टीम को घटनास्थल पर पहुँचने पर ज्ञात हुआ कि मसूरी रोड पर नगर पालिका के टोल से लगभग 01 किलोमीटर आगे एक बाइक (UK 07AB 7926) पर सवार 02 व्यक्ति (पिता-पुत्र) गहरी खाई में गिर गए थे। SDRF टीम द्वारा जिला पुलिस के सहयोग से राहत एवं बचाव कार्य प्रारम्भ किया गया।


जिला पुलिस द्वारा घायल को पूर्व मे अस्पताल भिजवाया गया था। जबकि एक अन्य व्यक्ति की मौके पर ही मृत्यु हो चुकी थी, जिसका शव SDRF टीम द्वारा गहरी खाई से निकालकर मुख्य मार्ग तक लाया गया तथा जिला पुलिस के सुपुर्द किया गया।

 

 *घायल* -

फैजान अहमद पुत्र असवाक अहमद उम्र 14 वर्ष,निवासी रायपुर अधोईवाला।


 *मृतक* 

असवाक अहमद पुत्र फारूक अहमद, उम्र 40 वर्ष निवासी रायपुर अधोईवाला।



इस यात्रा वर्ष डेढ लाख* *तीर्थयात्रियों ने किये दर्शन

शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित करेंगे: हेमंत द्विवेदी

श्री तुंगनाथ/ रूद्रप्रयाग:



तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे शुभ मुहूर्त में शीतकाल हेतु बंद हो गये है 

कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली ने प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान किया इस अवसर पर मंदिर को फूलों से सजाया गया था तथा पांच सौ से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी रहे।

आज  प्रात: काल भगवान तुंगनाथ जी का मंदिर श्रद्धालुओं को दर्शनार्थ खुल गया था इसके पश्चात नित्य पूजा-अर्चना संपन्न हुई तथा तीर्थयात्रियों ने मंदिर में दर्शन किये। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल की उपस्थिति में साढ़े दस बजे से कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हो गयी भोग यज्ञ हवन पूजा के बाद भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया गया तथा पूर्वाह्न साढ़े  11.30 बजे श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिये गये इससे पहले श्री तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली मंदिर के अंदर से  परिसर में विराजमान हुई मंदिर की परिक्रमा तथा श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए ढ़ोल नगाड़ो के साथ समारोह पूर्वक प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान हुई इस अवसर पर बाबा तुंगनाथ जी की जय घोष से वातावरण गूंज उठा।


 श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट बंद होने के अवसर पर शुभकामनाएं दी है बताया कि इस यात्रा वर्ष डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री तुंगनाथ जी के दर्शन का पुण्य अर्जित किया कहा कि श्री तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली के श्री मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंचने के बाद श्री तुंगनाथ जी की शीतकालीन पूजायें शुरू हो जायेंगी मंदिर समिति शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित करेगी।


 बीकेटीसी उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण तथा उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती सहित मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल  एवं सभी बीकेटीसी सदस्यों ने श्री तुंगनाथ जी कपाट बंद होने के अवसर पर प्रसन्नता जतायी हैं कहा श्री तुंगनाथ जी की यात्रा अपेक्षा के अनुरूप रही।


बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि आज श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान श्री तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली प्रथम पड़ाव चौपता प्रवास हेतु प्रस्थान हुई। कल  शुक्रवार 7 नवंबर दूसरे पड़ाव भनकुन  प्रवास करेगी। चल विग्रह डोली शनिवार 8 नवंबर को शीतकालीन गद्दी स्थल श्री मर्कटेश्वर मंदिर मक्कूमठ पहुंचेगी।


कपाट बंद होने के अवसर पर  बीकेटीसी उपाध्यक्ष विजय कप्रवान, सदस्य  श्रीनिवास पोस्ती, प्रह्लाद पुष्पवान,देवी प्रसाद देवली, डा. विनीत पोस्ती,बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल, मंदिर समिति सहित मठापति रामप्रसाद मैठाणी, केदारनाथ प्रभारी अधिकारी  यदुवीर पुष्पवान, प्रबंधक बलबीर नेगी, अरविंद शुक्ला प्रकाश पुरोहित, दीपक पंवार,चंद्र मोहन बजवाल,पुजारी अतुल मैठाणी अजय मैठाणी,  सहित अधिकारी कर्मचारी हक हकूकधारी मौजूद रहे।

 


डोईवाला :  



मुख्यमंत्री के 31 अक्टूबर तक प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने के आदेश अब केवल कागज़ों तक ही सीमित दिख रहे हैं। डोईवाला विधानसभा के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्र हल्द्वाड़ी में न तो पक्की सड़क बनी, और जो कच्चा स्थायी मार्ग है, वह भी अब चलने लायक नहीं बचा है।

स्थानीय निवासी आदर्श राठौर ने बताया कि यह मार्ग वर्षों से जर्जर अवस्था में है। ग्राम पंचायत बजट, प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना और ग्रामीणों के सहयोग से कभी इसका निर्माण किया गया था, मगर अब हालात इतने खराब हैं कि लोगों को इस रास्ते से गुजरने से पहले सौ बार सोचना पड़ता है।

ग्रामीणों ने बताया कि कई बार लोक निर्माण विभाग द्वारा सर्वे किया गया, परंतु सड़क सुधार कार्य आज तक शुरू नहीं हुआ। हल्द्वाड़ी ग्राम से मुख्य बाजार थानों की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है, जहां से ग्रामीणों को राशन व स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं। खराब सड़क के कारण लोगों को हर छोटी जरूरत के लिए भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

आदर्श राठौर ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि “कागज़ों और बैठकों में विकास की बड़ी-बड़ी बातें होती हैं, पर धरातल पर ये विकास खोखला साबित हो रहा है।”

ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग में जगह-जगह एक से दो फीट गहरे गड्ढे हो चुके हैं, और रास्ता फिसलन भरा हो गया है। बाइक सवार आए दिन फिसलकर चोटिल हो रहे हैं। रोजाना इसी मार्ग से आवाजाही करने वाले लोगों में भारी आक्रोश है।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द इस सड़क का सुधारीकरण या नया निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया, तो वे 2027 विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे और आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।


 *रात्रि भोज में जुड़ा भावनाओं और विकास का सेतु* 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास में देशभर के विभिन्न राज्यों में निवासरत प्रवासी उत्तराखंडियों का भावपूर्ण स्वागत किया। सभी को रात्रि भोज पर आमंत्रित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “आप भले ही दूर हों, लेकिन दिल से हमेशा उत्तराखंड से जुड़े हैं। आप हमारी शक्ति हैं, हमारी वैश्विक पहचान हैं।”


 उपस्थित प्रवासी उत्तराखंड वासियों ने अपने अनुभवों, भावनाओं और प्रदेश के विकास से जुड़ी अपेक्षाओं को साझा किया। मुख्यमंत्री धामी ने प्रत्येक प्रतिभागी से व्यक्तिगत रूप

NRI welcome at CM Dhami House

से संवाद कर उनकी बातों को सुना और कहा कि सरकार “ग्लोबल उत्तराखंड विजन” को मिशन मोड में आगे बढ़ा रही है, ताकि विश्वभर में फैले उत्तराखंडियों का सामर्थ्य राज्य निर्माण में जुड़ सके।




 *प्रवासियों में दिखा उत्साह — मुख्यमंत्री से मिलकर भावुक हुए उत्तराखंडवासी* 


कार्यक्रम में प्रवासी उत्तराखंड वासियों में विशेष उत्साह देखने को मिला। प्रतिभागियों ने कहा कि पहली बार इस स्तर पर सरकार ने प्रवासियों के अनुभव और योगदान को सम्मान दिया है।

उन्होंने राज्य के तेज़ी से हो रहे विकास, निवेश बढ़ने, धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत संरक्षण और युवाओं के लिए नए अवसरों की सराहना की।



मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड की प्रतिभा और संस्कृति वैश्विक स्तर पर चमके, प्रवासियों के लिए नीति और सुविधा तंत्र और मजबूत किया जाए, उद्योग, शिक्षा, स्टार्टअप और पर्यटन में साझेदारी बढ़े| उन्होंने आश्वस्त किया कि आने वाले समय में प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए डिजिटल कनेक्ट प्लेटफ़ॉर्म, ग्लोबल नेटवर्किंग फोरम और स्पेशल पार्टनरशिप नीति तैयार की जाएगी।


महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप स्टार स्नेहा राणा को मुख्यमंत्री धामी का फोन — दी शुभकामनाएं, घोषित किए ₹50 लाख प्रोत्साहन राशि



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली उत्तराखंड की बेटी, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर स्नेहा राणा से दूरभाष पर वार्ता की।


मुख्यमंत्री ने स्नेहा राणा को भारतीय क्रिकेट टीम में चयन होने पर हार्दिक बधाई दी और वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में उत्कृष्ट प्रदर्शन व भारत को विजय दिलाने के लिए शुभकामनाएं दीं।




मुख्यमंत्री ने स्नेहा राणा की उपलब्धियों और देश-प्रदेश का गौरव बढ़ाने पर उन्हें ₹50 लाख की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की।


 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “ *स्नेहा राणा ने मेहनत, संकल्प और प्रतिभा से उत्तराखंड का नाम विश्व पटल पर रोशन किया है। उनकी सफलता हमारे युवाओं, विशेषकर बेटियों के लिए प्रेरणा है। राज्य सरकार खिलाड़ियों को सर्वोत्तम सुविधाएं और प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है।”* 


 *मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की बेटियाँ देश को गौरवान्वित कर रही हैं और स्नेहा राणा का प्रदर्शन इसी का उज्ज्वल उदाहरण है।* 


मुख्यमंत्री द्वारा सम्मान और प्रोत्साहन राशि की घोषणा पर स्नेहा राणा ने आभार व्यक्त किया और कहा कि वह देश व उत्तराखंड का नाम रोशन करने के लिए निरंतर प्रयास करती रहेंगी।

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.