Halloween party ideas 2015

 

*प्रदेश का रजत जयंती समारोह पूरे प्रदेश में मनाया जाएगाः मुख्य सचिव*


, प्रवासी उत्तराखंड वासियों  हेतु 




मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने गुरूवार को सचिवालय में नवम्बर माह में प्रस्तावित रजत जयंती समारोह की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रजत जयंती समारोह का आयोजन प्रदेशभर में किया जाए। बैठक के दौरान 01 नवम्बर से 09 नवम्बर तक पूरे प्रदेश में आयेाजित होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रमों की रूपरूरेखा तैयार की गयी।


मुख्य सचिव ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग एवं पर्यटन के साथ ही सड़कों एवं नेटवर्क की कनेक्टिविटी के क्षेत्र में उपलब्धियां अर्जित की हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में पिछले 25 साल की उपलब्धियों के साथ ही अगले 25 सालों का रोडमैप भी प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद स्तरीय एवं राज्य स्तरीय कार्यक्रमों को सभी विभाग आपसी सामंजस्य के साथ आयोजित करें।


मुख्य सचिव ने कहा कि 01 नवम्बर से 09 नवम्बर तक प्रत्येक दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रमों में श्रमिकों, किसानों, पूर्व सैनिकों और महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। विभिन्न विभागों द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में आमजन की सहभागिता सुनिश्चित की जाए।


इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, श्री एल. फैनाई, श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष प्रमुख सचिव श्री अमित सिन्हा , सचिव श्री नितेश कुमार झा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, श्री विनय शंकर पाण्डेय, श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी, डॉ. सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री युगल किशोर पंत एवं श्री धीराज सिंह गर्ब्याल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्रवासी उत्तराखंडी करेंगे राज्य की दिशा और दशा पर मंथन

दूसरा प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन पांच नवंबर को दून विश्वविद्यालय में, अभी तक 200 पंजीकरण

-मुख्यमंत्री के निर्देश पर वर्ष 2024 से शुरू हुआ है सम्मेलन का सिलसिला

-पिछली बार 17 राज्यों के 200 प्रतिभागियों ने की थी सम्मेलन में शिरकत

-दो सत्रों में होगी महत्वपूर्ण चर्चा, मुख्यमंत्री करेंगे प्रवासियों से सीधा संवाद

देहरादून:


राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में प्रवासी उत्तराखंडी पांच नवंबर को दून विश्वविद्यालय में जुटने जा रहे हैं। मौका है, दूसरे प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के आयोजन का। इस एक दिवसीय सम्मेलन में उत्तराखंड की 25 वर्षों की यात्रा पर प्रवासी उत्तराखंडी अपने नजरिये को सामने रखेंगे। साथ ही, यह सुझाव भी देंगे कि उत्तराखंड को भविष्य में और बेहतर बनाने के लिए क्या किया जा सकता है। इस सम्मेलन के लिए पंजीकरण प्रक्रिया जारी है, जो कि 24 अक्टूबर 2025 की देर रात्रि तक चलेगी। अभी तक विभिन्न राज्यों के 200 प्रवासियों ने अपना पंजीकरण करा लिया है। पंजीकरण प्रवासी उत्तराखंड प्रकोष्ठ की वेबसाइट www.pravasiuttarakhandi.uk.gov.in पर जाकर कराया जा सकता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के आयोजन का सिलसिला शुरू हुआ है। वर्ष 2024 से पहला प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें 17 राज्यों के 200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। इस बार इस सम्मेलन में भाग लेने वालों की संख्या बढ़ना तय माना जा रहा है। प्रमुुख सचिव मुख्यमंत्री आरके सुधांशु के अनुसार-पांच नवंबर को दून विश्वविद्यालय के नित्यानंद ऑडिटोरियम में इस सम्मेलन की शुरूआत सुबह दस बजे से होगी। सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। सम्मेलन दो सत्रों में आयोजित किया जाएगा। पहला सत्र पर्यावरण से संबंधित रहेगा, जिसके लिए वन विभाग के पीसीसीएफ एसपी सुबुद्धि को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। दूसरा सत्र, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण से संबंधित रहेगा, जिसके लिए दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

प्रमुख सचिव के अनुसार-सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रवासी उत्तराखंडियों से सीधा संवाद भी करेंगे। संवाद का यह कार्यक्रम करीब एक घंटे का होगा। अभी तक इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड आदि प्रदेशों से 200 लोगों ने पंजीकरण करा लिया है। सम्मेलन के पश्चात शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी दून विश्वविद्यालय में किया जाएगा।


-प्रवासियों को एक मंच पर लाने और उन्हें अपनी मातृभूमि से सक्रियता से जोड़ने तथा राज्य के विकास में उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। पिछले आयोजन के हमारे अनुभव बेहद उत्साहित करने वाले रहे हैं। मैं उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित हो रहे इस सम्मेलन के लिए प्रवासी उत्तराखंडियों को सादर आमंत्रित करता हूं। प्रवासी उत्तराखंडियों के सुझाव उत्तराखंड के विकास का रोड मैप तैयार करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय खटीमा में आयोजित हुआ मुख्य सेवक युवा संवाद कार्यक्रम।*

 *राज्य में 1100 से अधिक स्टार्टप्स को मान्यता देते हुए अत्याधुनिक 15 इंक्यूबेटर स्थापित किए गए* 


*उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए युवा- सीएम*

युवा संकल्प लेकर लक्ष्य निर्धारित कर  आगे बढ़े व कैरियर बनाते हुए उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। यह बात मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा कैम्प कार्यालय में आयोजित मुख्य सेवक युवा संवाद कार्यक्रम में कही।


 मुख्यमंत्री ने युवाओं को सम्बोधित करते   कहा कि जब युवा ऊर्जा, उम्मीद और सकारात्मक सोच से भरे हों, तो माहौल अपने आप उत्साह से भर जाता है।  मेरे  अनुभव ने मुझे बताया है कि "जिस देश के युवा ठान लें वे अपने देश को शिखर पर ले जाना चाहते हैं, तो उस देश को आगे बढ़ने से कोई भी नहीं रोक सकता।


 मुख्यमंत्री  ने कहा कि आज भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि हमारे युवा सजग और जागरूक है। आज दुनिया भारत को आशा और विश्वास की दृष्टि से देखती है, क्योंकि भारत का जन भी युवा है और भारत का मन भी युवा है। भारत अपने सामर्थ्य से युवा है। भारत अपने सपनों और चिंतन से युवा है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा आधुनिकता को अपनाया है और परिवर्तन को स्वीकार किया है और यही वजह है कि आज भारत से आने वाली आवाज़ "दुनिया की दिशा तय कर रही है।"  उन्होंने कहा कि मुझे मालूम है कि कई बच्चों के घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है, संसाधन सीमित होते हैं, लेकिन इच्छाशक्ति होने पर पर्वत भी रास्ता दे देते हैं।


मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि आज उत्तराखंड के हजारों युवा सेना और डिफेंस सेवाओं में, सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में, स्टार्टअप्स और नए व्यवसायों में, बेहतरीन काम कर रहे हैं। आज यहां मौजूद वे युवा जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में सरकारी नौकरियां प्राप्त की हैं या अन्य स्वरोजगार के कार्य प्रारंभ किए हैं, ये इसका स्पष्ट प्रमाण हैं। ये भी आपकी ही तरह ही संघर्ष और मेहनत करके यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि आज भारतीय संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने के साथ ही आदरणीय मोदी जी भारत को आगामी 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के मिशन पर कार्य कर रहे हैं। परंतु भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अभी भी बहुत कुछ करना है और इस ध्येय को पूर्ण करने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है।


 मुख्यमंत्री  ने कहा कि कोई भी राष्ट्र आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक वहां की युवाशक्ति संगठित, आत्मनिर्भर और राष्ट्रवाद की भावना से प्रेरित ना हो। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इंजन को चालू करने के लिए ईंधन की आवश्यकता होती है, उसी तरह राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित करने हेतु युवाशक्ति की ताकत, उनकी इनोवेटिव सोच और प्रतिभा की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि आज भारत एक युवा देश के रूप में जाना जाता है और अगर देश के युवा सही दिशा में कार्य करेंगे तो निश्चित ही हमारा देश पुनः विश्व गुरु के पद पर अवश्य आसीन होगा। उन्होंने कहा कि आज आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में भारत के युवाओं में अपने देश को आगे ले जाने की भावना विकसित हो चुकी है। आज हमारा युवा अपने देश के प्रति जिम्मेदार और कर्तव्यपरायण बन रहा है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि ये "युवा संवाद" भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को मजबूत करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने के उद्देश्य से निरंतर कार्य कर रही है।


 मुख्यमंत्री  ने कहा कि उत्तराखंड स्टार्टअप नीति आने के बाद से राज्य में स्टार्टअप कल्चर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हम उत्तराखंड के स्टार्टअप्स को आर्थिक सहायता देने के साथ ही उन्हें पूरा माहौल मुहैया करवा रहे हैं। हमने राज्य में 1100 से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता देते हुए अत्याधुनिक 15 इनक्यूबेटर स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण, कृषि, आईटी, एआई, जैव प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और कल्याण जैसे क्षेत्रों में उत्तराखंड के स्टार्टअप्स ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमारे युवाओं में पर्याप्त सामर्थ्य और ऊर्जा है, उनका सही मार्गदर्शन ही हमारे देश के उज्ज्वल भविष्य की कुंजी है। उन्होंने सभी प्रतिभावान युवाओं से आज युवा संवाद के इस अवसर पर अपील करना करते हुए कहा कि आप चाहे जिस भी क्षेत्र में कार्य करें, आप सदैव यह ध्यान रखें कि आपके प्रत्येक कार्य से आपकी निजी प्रगति होने के साथ ही प्रदेश और देश के विकास में भी अवश्य सहायता मिले। आप लोग उम्र के जिस पड़ाव में हैं, वो आपके करियर का बहुत महत्वपूर्ण समय है। इस समय आप जो भी कार्य करने की ठान लेंगे वो कार्य निश्चित ही पूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि मैं आप सभी युवाओं से यह कहना चाहता हूं कि आप लोग नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनें। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि मेरे युवा साथियों, मैं, आप सभी को ये विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि हमारी सरकार आपके समग्र विकास और उन्नति के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है, क्योंकि हमें अपने युवाओं और उनकी अद्वितीय प्रतिभा पर पूरा भरोसा है। श्री धामी ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी युवा साथी प्रदेश की प्रगति और समृद्धि के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ अपना योगदान इसी प्रकार देते रहेंगे तथा देवभूमि उत्तराखंड को देश का "सर्वश्रेष्ठ राज्य" बनाने के हमारे "विकल्प रहित संकल्प" को पूर्ण करने के लक्ष्य में हमारे भागीदार बनेंगे। उन्होंने सभी युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

कार्यक्रम में निकिता उपाध्याय, कविता गोस्वामी, खुशी जोशी, चारु बोरा, पूर्वा गोस्वामी,हर्षिता राणा, गुलनाज, सुरजीत सिंह, रोहित जोशी आदि युवाओं ने अपनी बात रखी।

इस अवसर पर  जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार, एसएसपी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, युवा आदि मौजूद थे।


देहरादून:


 भाजपा ने प्रदेश प्रवक्ताओं की घोषणा कर दी है। 


प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर 9 प्रवक्ताओं की सूची जारी की गयी है। 


सलग्न सूची

BJP state spokesperson list






*कपाट बंद होने के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी श्री केदारनाथ धाम पहुंचे*


*सीएम धामी ने प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की*

shri Kedarnath dhaam kpaat closed 2025


*श्री केदारनाथ धाम यात्रा वर्ष 2025* 


*ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को  मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में शीतकाल के लिए बंद हुए।* 

• *रिकार्ड संख्या में साढ़े सत्रह लाख से अधिक श्रद्धालु श्री केदारनाथ धाम पहुंचे, मुख्य मंत्री ने यात्रा से जुड़े सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया* 


• *शीतकाल में श्री केदारनाथ धाम में सुरक्षा व्यवस्था रहेगी पुख्ता, गद्दीस्थलों में शीतकालीन पूजाओं को प्रोत्साहित करेंगे: हेमंत द्विवेदी* 


केदारनाथ/ रूद्रप्रयाग 23 अक्टूबर:



 विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के  कपाट आज गुरूवार 23अक्टूबर भैया दूज अर्थात  7 गते कार्तिक मास शुक्ल पक्ष, अनुराधा नक्षत्र के पावन अवसर पर प्रातः 08:30 बजे सेना के बैंड की भक्ति धुनों  तथा जय बाबा केदार के उदघोष के साथ  प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में शीतकाल के लिए बंद हो गये। 


कपाट बंद होने के  बाद आज ही   बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली ने सेना के बैंड तथा जयघोष के साथ  पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पंचमुखी डोली को शीतकालीन गद्दीस्थल के प्रथम पड़ाव हेतु प्रस्थान करवाया। केदारनाथ में सर्द मौसम के बीच इस अवसर पर 10 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने।


कपाट बंद के अवसर हेतु मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था तथा श्रद्धालुओं ने भंडारे का भी आयोजित किये।


कपाट बंद होने की प्रक्रिया से पहले श्रद्धालुओं ने मंदिर में  अखंड ज्योति के दर्शन किये इसके बाद कपाट बंद की प्रक्रिया के अंतर्गत ब्रह्ममुहुर्त में  केदारनाथ धाम के पुजारी बागेश लिंग तथा आचार्यगणों ,  श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी सहित जिला प्रशासन, तथा तीर्थ पुरोहितों हकहकूकधारियों ने पूरब द्वार से मंदिर के गर्भगृह  परिसर में प्रवेश किया तथा समाधि पूजा में शामिल हुए।यज्ञ- हवन समाधि पूजा के पश्चात पुजारी बागेश लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्वंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया, स्थानीय  पुष्पों कुमजा, बुकला, राख  सहित ब्रह्म कमल,शुष्क फूल पत्तों से ढ़क दिया गया जय बाबा केदार के उदघोष के साथ  मंदिर  गर्भगृह  बंद हो गया।


मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी की उपस्थिति में प्रातः साढ़े आठ बजे मंदिर का पूर्वी तथा दक्षिण द्वार बंद हो गया इससे बाद पंचमुखी डोली को बाहर  मंदिर परिसर में लाया गया तथा डोली ने श्री केदारनाथ मंदिर की परिक्रमा के पश्चात प्रथम पड़ाव रामपुर हेतु प्रस्थान किया सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पंच मुखी डोली के साथ प्रस्थान किया।


प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाबा केदार के कपाट बंद होने के अवसर पर देश - विदेश के श्रद्धालुओं के लिए शुभकामनाएं दी । कहा कि दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन‌ के अनुरूप भब्य दिब्य केदार पुरी का निर्माण हुआ है  कहा कि आज चारधाम यात्रा में इस वर्ष रिकार्ड 50 लाख श्रद्धालु पहुंचे है। धामों के कपाट बंद के बाद शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जायेगा।

इस अवसर पर मुख्य मंत्री ने सभी तीर्थयात्रियों श्रद्धालुओं का अभिवादन भी स्वीकार किया संपूर्ण मंदिर परिसर जय बाबा केदार तथा हर हर महादेव के उदघोष से गूंज उठा।



बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश‌ के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह  धामी के दिशा-निर्देश में चारधाम यात्रा का सफल संचालन हुआ है। कपाट बंद तक रिकार्ड 1768795 ( सत्रह लाख अड़सठ हजार सात सौ पिचानबे) तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये है। 


उन्होंने कहा कि इस बार आपदा को छोड़ दे तो कुल मिलाकर केदारनाथ यात्रा सुगम एवं  सुरक्षित रही है। जबकि पिछले यात्रा वर्ष 2024 में कुल 1652076 ( सोलह लाख बावन हजार छियत्तर )तीर्थयात्रियों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किये इस बार पिछले यात्रा वर्ष की तुलना में केदारनाथ पहुंचे तीर्थयात्रियों की  संख्या  सवा लाख अधिक रही है उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी विभागों का  धन्यवाद भी ज्ञापित किया कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में यात्रा समापन पश्चात शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जायेगा साथ ही शीतकाल के दौरान श्री केदारनाथ धाम में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त रहेंगे।


  जारी प्रेस विज्ञप्ति में बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने अवगत कराया कि आज कपाट बंद के बाद  बाबा केदार की पंचमुखी देव डोली ने केदारनाथ धाम से प्रस्थान किया तथा आज ही प्रथम पड़ाव रामपुर रात्रि विश्राम को पहुंचेगी। कल शुक्रवार 24 अक्टूबर  रामपुर से प्रस्थान कर  रात्रि विश्राम को श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी और  शनिवार 25 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ जी की पंच मुखी डोली गुप्तकाशी से  शीतकालीन गद्दीस्थल  श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंच जायेगी।


इस अवसर पर श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति  अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, भाजपा जिलाध्यक्ष नैनीताल प्रताप बिष्ट, रूद्रप्रयाग जिलाध्यक्ष भारत भूषण कुकरेती,भाजपा नेता विनय उनियाल , कृषि विपणन बोर्ड अध्यक्ष अनिल डब्बू, बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे,बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल,  केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी,बीकेटीसी सदस्य क्रमश: महेंद्र शर्मा,प्रह्लाद पुष्पवान, राजेंद्र प्रसाद डिमरी देवीप्रसाद देवली, डा. विनीत पोस्ती,  दिनेश डोभाल, प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान सहित  पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ एसडीआरएफ के अधिकारी -जवान, मंदिर समिति तथा यात्रा से जुड़े विभागीय कर्मचारी अधिकारी तथा बड़ी संख्या में तीर्थयात्री मौजूद रहे।




 *श्री केदारनाथ धाम यात्रा 2025*


 *श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज प्रातः  8.30 बजे शीतकाल हेतु बंद होंगे।* 

सीएम धामी पंहुचे केदारनाथ।

• *कपाट बंद की प्रक्रिया  शुरू पंचमुखी डोली  केदारनाथ मंदिर में विराजमान हुई।*




 श्री केदारनाथ धाम: 22 अक्टूबर इस यात्रा वर्ष श्री केदारनाथ धाम के कपाट कल बृहस्पतिवार 23 अक्टूबर को  प्रात: 8 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल हेतु  बंद हो रहे हैं। 


*श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने श्री केदारनाथ धाम से बताया कि बीकेटीसी द्वारा कपाट बंद होने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गयी है धाम पहुंचकर उन्होंने कपाट बंद की प्रक्रिया तथा तैयारियों के बावत अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिये।* 

इससे पहले आज अन्नकूट के सुअवसर पर भगवान केदारनाथ जी की चल विग्रह पंचमुखी डोली को विधि-विधानपूर्वक मंदिर भंडार कक्ष से बाहर लाया गया पंचमुखी मूर्ति को मंदाकिनी के पवित्र जल तथा पंचमृत से स्नान करा साज श्रृंगार कर डोली में स्थापित किया गया इस दौरान केदारनाथ धाम के पुजारी बागेश लिंग, धर्माधिकारी औंकार शुक्ला,वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल ने पूजा-अर्चना संपन्न की।


जय बाबा केदार के जय घोष तथा मंदिर परिक्रमा पश्चात पंचमुखी डोली मंदिर के अंदर गर्भ गृह में प्रवेश हुई इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु पंचमुखी डोली के दर्शन को पहुंचे आज शायंकाल तथा कल सुबह कपाट बंद होने तक पंचमुखी डोली मंदिर के गर्भगृह परिसर में विराजमान रहेगी कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर को प्रस्थान करेगी।


आज पंचमुखी डोली के मंदिर प्रवेश के अवसर पर गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी परिजनों सहित दर्शन को पहुंचे तथा प्रदेश के मुख्य सचिव आनंद वर्धन तथा गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय भी दर्शन को पहुंचे। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति  अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे,बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल,  केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी,बीकेटीसी सदस्य क्रमश: प्रह्लाद पुष्पवान, राजेंद्र प्रसाद डिमरी देवीप्रसाद देवली, डा. विनीत पोस्ती,  दिनेश डोभाल, प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान आदि मौजूद रहे।


•प्रेषक मीडिया प्रभारी बीकेटीसी

    

Bhai dooj 2025

 भाई दूज का त्योहार आज देश के कई हिस्सों में मनाया जा रहा है. इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं. उसका स्वागत सत्कार करती हैं इस दिन यम और उसकी बहन यमुना की पूजा का भी विधान हैं
बहन भाई के प्रेम के अटूट बंधन को दर्शाता  एक और त्यौहार पूरे भारत में हर्ष से मनाया जा रहा है.

भाई दूज पर टिका करने का मुहूर्त 23 अक्टूबर को दोपहर 1:19   से 3:35 तक।

23 अक्टूबर रात 10:46  तक रहेगी तिथि।

इस दिन बहन भाई को तिलक करती है और कलावा बांधती है साथ ही यम  से भाई की लम्बी उम्र की प्रार्थना करती है

इस के विषय में एक कथा प्रचलित है कि  जब यमुना पृथ्वी  लोक में आकर रहने लगी तब  एक दिन यम अपनी बहन से मिलने पृथ्वी लोक पंहुचा।  अपनी बहन के स्नानं ध्यान  कर बहन से तिलक करवाने के पश्चात उसके घर भोजन ग्रहण किया. 

साथ ही अपनी बहिन को उपहार भी दिए. यमुना ने भी अपने भाई की लम्बी  उम्रकी कामना कि और  वरदान माँगा कि इस दिन जो भी अपनी बहन से  तिलक कराये , वह दीर्घायु हो.

तभी से भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।


पुलिस स्मृति दिवस::





◼️ *पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री  ने शहीद पुलिस जवानों को दी श्रद्धांजलि। उत्तराखण्ड पुलिस बल के कल्याण के लिए की महत्वपूर्ण घोषणाएं।*

◼️ *राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के सुअवसर पर उत्तराखण्ड पुलिस के समस्त कार्मिकों को एक विशेष रजत जयंती पदक किया जाएगा प्रदान*

◼️ *आगामी 3 वर्षों में पुलिस कर्मियों के आवासीय भवनों के निर्माण के लिए दिए जाएंगे प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपए*


आज पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून स्थित शहीद स्मारक स्थल पर श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में  मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक सहित उपस्थित गणमान्य अतिथियों एवं पुलिस अधिकारियों ने पुलिस एवं अर्द्ध सैनिक बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारजनों को शॉल प्रदान कर सम्मानित भी किया गया।

इस अवसर पर  मुख्यमंत्री जी ने-

राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के सुअवसर पर उत्तराखण्ड पुलिस के समस्त कार्मिकों को एक विशेष रजत जयंती प्रदान किए जाने

आगामी 03 वर्षों में पुलिस कर्मियों के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु *प्रतिवर्ष ₹100 करोड़* की धनराशि दी जाने

भवाली नैनीताल, ढालमल्ला काण्डा बागेश्वर, नैनीडांडा धुमाकोट पौड़ी, घनसाली टिहरी, सतपुली पौड़ी में *एसडीआरएफ के जवानों हेतु 5 बैरकों* का निर्माण कराए जाने

विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु पुलिस कल्याण निधि के अन्तर्गत वर्तमान में प्रावधानित ₹2.50 करोड़ की धनराशि को पुनरीक्षित करते हुये *आगामी एक वर्ष के लिए ₹4.50 करोड़* किए जाने की घोषणा की।


* मुख्यमंत्री का उद्धबोधन*

 मुख्यमंत्री  धामी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों के पुलिस बलों और अर्धसैनिक बलों के जवानों पर है। अपने इस उत्तरदायित्व को  निभाते हुए बीते एक वर्ष में, संपूर्ण भारत में 186 अर्धसैनिक बलों और पुलिस कर्मियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, जिनमें उत्तराखंड पुलिस के 4 वीर सपूत भी शामिल हैं। सभी वीर बलिदानी हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की बुनियाद हैं, उनका बलिदान हम सभी के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उन्होंने कहा राज्य सरकार, राज्य की पुलिस व्यवस्था को और भी अधिक सक्षम और संसाधनयुक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। *राज्य सरकार, पुलिस बल के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।*


 उन्होंने  कहा कि प्रदेश के प्रत्येक थाने में *महिला हेल्प डेस्क* के अंतर्गत QRT का गठन किया गया है। सरकार ने विगत तीन वर्षों में पुलिस विभाग के भवनों के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की है। ये राशि पूर्व वर्षों की तुलना में कई गुना अधिक है। प्रशासनिक भवनों के साथ *688 आवासीय भवनों* का निर्माण कार्य गतिमान है। शीघ्र ही हम *120 नए आवासों* का निर्माण भी प्रारंभ करने जा रहे हैं। सरकार ने स्मार्ट पुलिसिंग की परिकल्पना को साकार करने के लिए जवानों के *बैरक मैस और कार्यस्थलों के अपग्रेडेशन* के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई है। सरकार ने *नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के लिए अब तक 5 करोड़ रुपये* की राशि जारी की है। सरकार स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत समस्त पुलिस कर्मियों को कैशलैस चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध करा रही है।


पुलिस कर्मियों की *पदोन्नति प्रक्रिया को समयबद्ध* किया गया है। इस वर्ष *356 पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी* विभिन्न श्रेणियों में पदोन्नत किए गए हैं।  विभिन्न श्रेणी के 115 रिक्त पदों पर पदोन्नति के लिए भी कार्यवाही गतिमान है जिन्हें शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इस वर्ष हमारे 215 कर्मियों को विशिष्ट कार्य एवं सेवा के लिए विभिन्न पदक एवं सम्मान चिन्हों से अलंकृत किया गया है।  राज्य सरकार पुलिस कर्मियों की कैपेसिटी बिल्डिंग की दिशा में भी लगातार काम कर रही है। प्रशिक्षण संस्थानों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करा रहे हैं। पीटीसी नरेंद्र नगर को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के रूप में भी विकसित किया जा रहा है । *AI और साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रशिक्षण के लिए पुलिस कर्मियों को देश के प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थानों* में भेजा जा रहा है। 


पुलिस कर्मियों के *वेतन, भत्ते, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, और अवकाश से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन* कर दिया गया है। सरकार ने आपदा राहत कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एसडीआरएफ की एक नई कंपनी की भी स्वीकृति प्रदान की है, जिसके तहत 162 नए पदों का सृजन किया गया है। पुलिस उपाधीक्षक सीधी भर्ती के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों को वर्तमान में पीटीसी नरेंद्र नगर में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उप निरीक्षक के 222 पदों के साथ-साथ 2000 सिपाहियों की भर्ती भी प्रक्रियाधीन है।


मृतक पुलिस कर्मियों के परिवारों को सहयोग और संबल प्रदान करने के लिए इस वर्ष *मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत 136 आश्रित परिवारों* को विभिन्न पदों पर नियुक्तियां प्रदान की हैं। राज्य में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए "*उत्तराखण्ड खेल नीति*" के तहत कुशल खिलाड़ियों के लिए पुलिस विभाग में विशेष कोटे के माध्यम से भर्तियों का प्रावधान भी किया है। मुख्यमंत्री ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों के लिए समय - समय पर मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।


माननीय मुख्यमंत्री ने कहा वीर जवानों की वीरता और उनके समर्पण की याद में *माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक* की स्थापना की है। यह स्मारक आने वाली पीढ़ियों को हमारे जवानों की वीरता और साहस की गाथाओं से परिचित कराएगा। उन्होंने कहा हमारे पुलिस जवान हर परिस्थिति में अदम्य साहस का अभूतपूर्व परिचय देते हैं। हमारा प्रदेश भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य है ऐसे में राज्य की शांति और सुरक्षा बनाए रखने में हमारे पुलिसकर्मियों की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।


इस वर्ष उत्तराखंड पुलिस ने *कांवड़ यात्रा में लगभग 4 करोड़* से अधिक श्रद्धालुओं और *चारधाम यात्रा में करीब 50 लाख* से अधिक भक्तों को सुरक्षित और सुगम यात्रा एवं दर्शन कराने में अद्वितीय योगदान दिया है। वी.आई.पी कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के साथ ही राष्ट्रीय खेलों और राज्य में आयोजित विभिन्न राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय कार्यक्रमों में चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने सराहनीय कार्य किया। उन्होंने कहा राज्य में प्राकृतिक आपदाओं के खतरे का सामना भी हमारी पुलिस ने अदम्य साहस और तत्परता से किया। जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी। 


माननीय मुख्यमंत्री ने कहा आधुनिक युग में अपराध का स्वरूप बदल रहा है, पुलिस की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण हो रही है। चोरी, डकैती, हत्या और महिला अपराधों के साथ नशा और साइबर अपराध जैसे नए खतरों का भी सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने पुलिस की एक त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक फोर्स का गठन किया है। इस फोर्स ने बीते *तीन वर्षों में 6199 से अधिक नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई की है, और लगभग *275 करोड़ रुपये से अधिक के नारकोटिक पदार्थ भी बरामद* किए हैं।


हमारे लिए साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती बन चुका है। AI के आने के बाद पुलिस को इस दिशा में और भी अधिक सजग रहना होगा क्योंकि साइबर अपराधों का स्वरूप अब दिन-प्रतिदिन बदल रहा है। उन्होंने कहा हमें साइबर अपराधियों से मुकाबला करने के लिए एक कदम आगे रहना होगा, और इसके लिए हमारी पुलिस को तकनीकी ज्ञान में दक्ष होना आवश्यक है। उन्होंने कहा पुलिस फोर्स ने *साइबर फ्रॉड के खिलाफ* त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करते हुए *63 करोड़ रुपये से अधिक की राशि, पीड़ितों* को लौटाकर उत्तराखंड पुलिस पर जनता के विश्वास को मजबूत किया है।


*पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड का उद्धबोधन*

आज, *21 अक्टूबर, पूरे देश के लिए एक अत्यंत भावनात्मक दिन* है, जो हमें पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के उन अमर वीरों के बलिदान की याद दिलाता है जिन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी।


*सन 1959* में आज ही के दिन *लद्दाख के हॉटस्प्रिंग क्षेत्र में 16,000 फीट की ऊँचाई पर CRPF के दस वीर जवानों* ने SI करन सिंह के नेतृत्व में देश की रक्षा के लिए असाधारण साहस का परिचय दिया और मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति प्राप्त की। उन्हीं की स्मृति में प्रत्येक वर्ष आज का दिन ‘पुलिस स्मृति दिवस’ के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है।


स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से अब तक देशभर में लगभग *35,000 पुलिसकर्मी* कर्तव्य पालन के दौरान सर्वोच्च बलिदान दे चुके हैं। केवल पिछले एक वर्ष में ही देशभर के राज्य पुलिस बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और पुलिस संगठनों के *186 कर्मियों* ने अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण की मिसाल पेश करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है, इनका विवरण इस प्रकार हैः-

राज्य का नाम शहीदों की संख्या

आन्ध्र प्रदेश 5

अरुणाचल प्रदेश 1

असम 2

बिहार 8

छत्तीसगढ़ 16

गुजरात 3

झारखण्ड 1

कर्नाटक 8

केरल 1

मध्य प्रदेश 8

महाराष्ट्र 1

मणिपुर 3

नागालैण्ड 1

उडीसा 2

पंजाब 3

राजस्थान 7

तमिलनाडू 6

तेलंगाना 5

त्रिपुरा 2

उत्तर प्रदेश 3

उत्तराखण्ड 4

पश्चिम बंगाल 12

चण्डीगढ़ 2

दिल्ली 8

जम्मू एवं कश्मीर 14

लद्दाख 1

असम राइफल्स 2

बी0एस0एफ0 23

सी0आई0एस0एफ0 6

सी0आर0पी0एफ0 8

आई0टी0बी0पी0 5

एस0एस0बी0 5

एन0डी0आर0एफ0 1

आर0पी0एफ0 9


इनमें उत्तराखण्ड पुलिस के 04 अधिकारी/कर्मचारी भी शामिल हैं —

अपर गुल्मनायक पुष्कर चन्द्र

अपर उपनिरीक्षक संजीव

आरक्षी सशस्त्र पुलिस धनराज

आरक्षी नागरिक पुलिस गोकुल लाल


पुलिस केवल एक वर्दीधारी बल ही नहीं, बल्कि *कर्तव्य, अनुशासन और जनसेवा* का जीवंत प्रतीक है। विपरीत परिस्थितियों में भी, चाहे आपदा प्रबन्धन हों, यातायात और भीड़ प्रबन्धन की चुनौतियाँ हों या संगठित अपराध की रोकथाम हो—हमारे पुलिसकर्मी सदैव सजग और तत्पर रहते हैं।


राज्य गठन से लेकर अब तक इन *25 वर्षों में उत्तराखंड पुलिस के 205 वीर कार्मिकों* ने कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति देकर सर्वोच्च बलिदान दिया है। ये केवल संख्या नहीं, बल्कि उन 205 दीपों की पंक्ति है, जिन्होंने अपने जीवन का उजाला जन-जन की सुरक्षा और शांति के लिए समर्पित कर दिया। उनकी शहादत उत्तराखंड पुलिस के गौरवशाली इतिहास का वह स्वर्णिम अध्याय है, जो हर पुलिसकर्मी के दिल में प्रेरणा बनकर जलता है। आज इस अवसर पर हम अपने उन *सभी अमर शहीदों को शत-शत नमन* करते हैं।


*उत्तराखण्ड के शहीद पुलिसकर्मियों के परिजन हमारे पुलिस परिवार का अभिन्न अंग है*। उनके साथ निरंतर संवाद बनाए रखना, उन्हें संबल प्रदान करनाऔर उनकी प्रत्येक समस्या का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करना हमारा यह दायित्व केवल संवेदना तक सीमित नहीं, बल्कि निरंतर सहयोग और सम्मान का जीवंत संकल्प है। इसी भावना के साथ, शहीद पुलिस जवानों, सेना एवं अर्धसैनिक बलों के जवानों के परिजनों और सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों की देखभाल एवं सहायता के लिए *प्रत्येक जनपद तथा पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारियों को नोडल अधिकारी* के रूप में नामित किया गया है। ये नोडल अधिकारी हमारे वीर साथियों के परिवारों से लगातार संपर्क में रहते हैं और पेंशन, चिकित्सा सहायता, परामर्श सेवाओं, समस्याओं के निस्तारण तथा अन्य कल्याणकारी कार्यों को पूरी संवेदनशीलता, तत्परता और समयबद्धता के साथ संपादित करते हैं।


हमारे पुलिस कर्मी, जो दिन-रात जनता की सुरक्षा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं, उनके तथा उनके परिवारों के हित में राज्य सरकार द्वारा अनेक मानवीय पहलें की जा रही हैं।


अब तक पुलिस कर्मियों के *3612 मेधावी बच्चों* को उच्च शिक्षा, मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे तकनीकी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए *₹3 करोड़ 4 लाख की छात्रवृत्ति* दी गई है, ताकि उनके सपनों को नई उड़ान मिल सके।


*जीवन रक्षक निधि* के तहत मेडिकल उपचार के लिए लगभग *600 कार्मिकों को ₹17 करोड़* की अग्रिम सहायता दी गई है।


विभिन्न बैंको के साथ *सैलरी पैकेज योजना* के अंतर्गत पुलिस कर्मियों को ₹1 करोड़ तक का निःशुल्क दुर्घटना बीमा और ₹10 लाख तक का जीवन बीमा दिया जा रहा है। अब तक *55 कार्मिकों को ₹26 करोड़ 20 लाख* की अनुग्रह राशि उन परिवारों को दी जा चुकी है, जिन्होंने अपने प्रियजन को कर्तव्यपथ पर खो दिया।


हमारे पुलिस बल के प्रत्येक सदस्य का कल्याण और सुविधा हमारी प्राथमिकता रही है। इसी दृष्टि से, वर्तमान में राज्य के *13 जनपदों और 04 पीएसी वाहिनियों में सेंट्रल पुलिस कैंटीन (CPC)* की सुविधा प्रदान की जा रही है। इन कैंटीनों के माध्यम से हमारे पुलिस कार्मिकों और उनके परिवारों को दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुएँउचित दर परउपलब्ध कराई जाती हैं।


मुझे गर्व है कि उत्तराखण्ड पुलिस अपने कर्मियों के परिवारों के भविष्य को भी उतना ही महत्व देती है, जितना अपनी ड्यूटी को। हमारे पुलिस कर्मियों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सीबीएसई से मान्यता प्राप्त *देहरादून, हरिद्वार और तीन पीएसी वाहिनियों में पाँच पुलिस मॉर्डन स्कूल* संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें *3032 बच्चे* अध्ययनरत हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि भविष्य में और भी अधिक पुलिस मॉर्डन स्कूल खोले जाएँ, ताकि हर पुलिस परिवार के बच्चे को बेहतर शिक्षा का अवसर मिल सके।


*माननीय मुख्यमंत्री जी,* आपके प्रेरणादायक नेतृत्व में पुलिस बल को जो नई दिशा, कार्यशीलता और संवेदनशील दृष्टिकोण प्राप्त हुआ है, उसके लिए मैं अपनी तथा सम्पूर्ण उत्तराखण्ड पुलिस परिवार की ओर से *आपका, उत्तराखण्ड शासन और गृह विभाग* का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।आपके द्वारा पुलिस बल के कल्याणार्थ उठाए जा रहे दूरदर्शी कदमों से न केवल पुलिस कर्मियों का मनोबल बढ़ा है, बल्कि जनता के प्रति सेवा भावना और उत्तरदायित्व भी और अधिक सशक्त हुआ है।


*एक सैनिक पुत्र होने के नाते* आपने जवानों की आवश्यकताओं और उनकी भावनाओं को भली-भाँति समझा है। चाहे पुलिस कर्मियों के लिए आवासीय सुविधाओं का विस्तार हो, बैरकों एवं कार्यस्थलों का उच्चीकरण हो, या फिर उन्हें गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा एवं अन्य आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करानी हों — आपने प्रत्येक क्षेत्र में उनके जीवन स्तर और कार्य क्षमता में उल्लेखनीय सुधार सुनिश्चित किया है।


अंत में, मैं आप सभी को यह विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि *उत्तराखण्ड पुलिस का प्रत्येक सदस्य, अपने शहीद साथियों के आदर्शों से प्रेरणा* लेकर, पूरी *निष्ठा, ईमानदारी और साहस* के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करता रहेगा।


इस अवसर पर माननीय कैबिनेट मंत्री- श्री सतपाल महाराज, माननीय सांसद- श्री नरेश बंसल, माननीय विधायकगण- श्री खजान दास, श्री बृजमोहन गैरोला, श्रीमती सविता कपूर, मुख्य सचिव- श्री आनंद बर्धन, मुख्य सूचना आयुक्त- श्रीमती राधा रतूड़ी, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक- श्री सुभाष जोशी, श्री अनिल के. रतूड़ी- (से.नि. पुलिस महानिदेशक) आयुक्त, सेवा का अधिकार आयोग, श्री राम सिंह मीणा- (से.नि. महानिदेशक) सदस्य, राज्य मानवाधिकार आयोग सहित श्री पी वी के प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक / निदेशक अभियोजन, श्री अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक / विशेष प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण, डॉ0 वी0 मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, श्री ए पी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन / अभिसूचना एवं सुरक्षा, समस्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं गणमान्य महानुभाव भी उपस्थित रहे और शहीद हुए पुलिस कर्मियों को याद कर उन्हें भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की।






  

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्‍ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गोवर्धन पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में गायों की पूजा की। पूजा के दौरान उन्‍होंने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की।


शुभ मुहूर्त--
22 अक्टूबर 2025 को
सुबह 6:26  से 8:42 तक
सांय 3:39 से 5:44 तक

इस दिन 56 या 108 तरह के पकवान बनाकर श्रीकृष्‍ण को उनका भोग लगाया जाता है। इन पकवानों को 'अन्‍नकूट' (Annakoot or Annakut) कहा जाता है। अपनी सामर्थ्य के अनुसार भगवान को भोग  लगाते है.

govardhan Annkoot festival 2025
इस त्योहार के पीछे धार्मिक मान्यता यह है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। श्रीकृष्‍ण ने इन्‍द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाते हैं। कुछ लोग गाय के गोबर से गोवर्धन का पर्वत बनाकर उसे पूजते हैं तो कुछ गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान को जमीन पर बनाते हैं।


लोग गोवर्धन भगवान की परिक्रमा करते हैं। उन्हें अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। गोवर्धन पर्वत या भगवान बनाकर जल, मौली, रोली, चावल, फूल, दही तथा तेल का दीपक जलाकर पूजा करते हैं और फिर उसकी परिक्रमा लगाते हैं। वहीं इस दिन भगवान गोवर्धन के लिए भोग व नैवेद्य में नित्य के नियमित पद्धार्थ के अलावा यथाशक्ति अन्न से बने कच्चे-पक्के भोग, फल, फूल के साथ छप्पन भोग लगाया जाता है।




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