Halloween party ideas 2015


संवेदनशील प्रशासन; आपदाग्रस्त गांव बटोली प्रभावितों के द्वार, लगाया मेडिकल कैम्प


आपदाग्रस्त बटोली गांव में प्रशासन ने मेडिकल कैम्प लगाकर कराई बुजुर्ग, महिला, स्थानिकों की स्वास्थ्य जांच, दवाई वितरण


आपदाग्रस्त अंतिम गांव बटोली में भ्रमण के दौरान डीएम ने दिए थे कैम्प लगाने के निर्देश


ग्रामवासियों से डीएम का कमिटमेंट, कहीं जाने की नही है आवश्यकता; प्रशासन हरदम खड़ा आपके समक्ष  


वर्षाकाल पूरे 3 महीनें तक रास्ता दुरस्ती हेतु  24×7 तैनात है मैनपावर मशीनरी, 


देहरादून दिनांक 16 जुलाई 2025

disaster affectex village butoli


 जिले के मिसराज पट्टी के बटोली गावं जिसका सम्पर्क टूट गया था विगत दिवस जिलाधिकारी सविन बसंल संग प्रशासनिक अमला प्रथम पंक्ति में गावं पहुच स्थानियों निवासियों को हॉल जाना तथा प्रशासन ने मौके पर ही ग्रामवासियों हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। वहीं मौके पर ही ग्रामवासियों के मांग प्रस्तावों को मजूर किया गया। जिलाधिकारी ने भ्रमण के दौरान उप जिलाधिकारी को निर्देशित किया था गांव वासियों को तहसील से सम्बन्धित शासकीय कार्यो हेतु गांव से बाहर न जाना पड़े गांव में ही सभी औपचारिकताएं पूर्ण की जाए। 

साथ ही जिलाधिकरी एएनएम को उनके निर्धारित दिवसों में गावं विजिट करने के भी निर्देश दिए गए है। साथ ही ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश दिए गए थे,  जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुपालन में आपदा प्रभावित बटोली गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांव में खुली ओपीडी चलाकर ग्रामवासियों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिसमें 16 लोगों ने जांच कराई तथा अन्य स्वास्थ्य परीक्षण हीमोग्लोबिन, बीपी, सुगर, आदि जांच कराते हुए मौके पर ही दवाई वितरण की गयी। 

जिला प्रशासन द्वारा अतिवृष्टि के कारण खाईयुक्त बने टीले में परिवर्तित शेरू खाला के रास्ते जिस पर रास्ता बनाने में महीनों का समय लगता जिला प्रशासन ने रातोरात रास्ता तैयार कराने के साथ ही वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है। जिलाधिकारी ने भ्रमण के दौरान सभी परिवारों के किराये हेतु 3.84 लाख का एडवांस चैक मौके पर ही हस्तगत किया गया था, जिसमें 4-4 हज़ार प्रति परिवार प्रतिमाह सभी परिवारों का तीन महीने के लिए सुरक्षित स्थानो पर रहने के लिए दिए गए हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर वर्षाकाल पूरे 3 महीनें तक रास्ता दुरस्ती हेतु क्षेत्र 24×7 मैनपावर मशीनरी तैनात की गई है। बच्चों को प्रतिदिन आवागमन न कराने का अनुरोध करते हुए स्कूल के नजदीक ही मकान किराये पर लेकर पठन - पाठन कराने का अनुरोध प्रशासन द्वारा किया गया है जिस हेतु 3 माह के लिए धनराशि चेक मौके पर ही हस्तगत कर दिया गया था। वहीं 3.98 लाख लोनिवि को तात्कालिक सुधार हेतु मौके पर ही दिए गए हैं। 

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 आज का राशिफल

*दिनाँक:-17/07/2025,गुरुवार*

सप्तमी, कृष्ण पक्ष,

श्रावण 


rashifal today 17 july 2025


*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*


*शीतला सप्तमी (उड़ीसा)


*पंचक समाप्त 27:39 तक 


*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*


उद्योगे नास्ति दारिद्र्य जपतो नास्ति पातकम् ।

मौनेनकलहोनास्ति नास्ति जागरितो भयम् ।।

।।चाo नीo।।


जो उद्यमशील हैं, वे गरीब नहीं हो सकते,

जो हरदम भगवान को याद करते है उनहे पाप नहीं छू सकता.

जो मौन रहते है वो झगड़ों मे नहीं पड़ते.

जो जागृत रहते है वो िनभरय होते है.


*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*


गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18


य इमं परमं गुह्यं मद्भक्तेष्वभिधास्यति।

 भक्तिं मयि परां कृत्वा मामेवैष्यत्यसंशयः॥


जो पुरुष मुझमें परम प्रेम करके इस परम रहस्ययुक्त गीताशास्त्र को मेरे भक्तों में कहेगा, वह मुझको ही प्राप्त होगा- इसमें कोई संदेह नहीं है

 ॥68॥


*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

यात्रा मनोरंजक रहेगी। कोई बड़ा काम होने से प्रसन्नता रहेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। समय अनुकूल है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। परिवार के साथ समय प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। जल्दबाजी न करें।


🐂वृष

भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। किसी बड़े काम को करने की योजना बनेगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। व्यापार लाभदायक रहेगा। घर-परिवार में कोई मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। मित्रों के साथ अच्‍छा समय बीतेगा।


👫मिथुन

मित्रों का सहयोग करने का मौका प्राप्त होगा। मेहनत का फल मिलेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। लेन-देन में सावधानी रखें। अपरिचितों पर अंधविश्वास न करें। कारोबार ठीक चलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य अनुकूल है। समय का लाभ लें।


🦀कर्क

विवाद को बढ़ावा न दें। कानूनी अड़चन से सामना हो सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बुरी खबर मिल सकती है, धैर्य रखें। दौड़धूप से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। आय बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। जोखिम न लें।


🐅सिंह

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। पार्टी व पिकनिक का आयोजन हो सकता है। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें।


🙍‍♀️कन्या

स्थायी संपत्ति के कार्य मनोनुकूल लाभ देंगे। किसी बड़ी समस्या का हल सहज ही प्राप्त होगा। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग मिलेगा। भाग्य अनुकूल है। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। शत्रुओं का पराभव होगा। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं। प्रसन्नता रहेगी।


⚖️तुला

किसी व्यक्ति विशेष का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सदस्यों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। नौकरी में मातहतों से अनबन हो सकती है। शारीरिक कष्ट संभव है। जल्दबाजी से हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धन प्राप्ति सुगम होगी।


🦂वृश्चिक

चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि हो सकती है। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अतिविश्वास न करें। किसी भी प्रकार के विवाद में न पड़ें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। मित्रों के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा।


🏹धनु

तीर्थदर्शन की योजना फलीभूत होगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। आत्मशांति रहेगी। यात्रा संभव है। व्यापार ठीक चलेगा। संपत्ति के कार्य मनोनुकूल लाभ देंगे। नौकरी में चैन रहेगा। दूसरों की जवाबदारी न लें। थकान रह सकती है।


🐊मकर

कार्यस्थल पर परिवर्तन की योजना बनेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। ऐश्वर्य व आरामदायक साधनों पर व्यय होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाजी से बचें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।


🍯कुंभ

डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। शेयर मार्केट में जल्दबाजी न करें। व्यापार लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। लेन-देन में सावधानी रखें। चोट व रोग से कष्ट संभव है। प्रमाद न करें।


🐟मीन

स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। फालतू खर्च होगा। किसी के व्यवहार से क्लेश होगा। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी। नौकरी में कार्यभार बढ़ेगा। सहकर्मी साथ नहीं देंगे। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे।


🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺

*आचार्य  पवन  पाराशर (वृन्दावन)*


देहरादून में लोक पर्व हरेला हर्षोल्लास एवं पर्यावरण संरक्षण संकल्प के साथ मनाया गया* 


*वन विभाग के तत्वावधान में विभाग एवं जनसहयोग से हरेला पर्व पर जिले में लगाए 2.13 लाख पौधे।* 


देहरादून:

harela planting by forest department ddun


लोक पर्व हरेला जनपद देहरादून में हर्षोल्लास एवं पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ मनाया गया। मा0 मुख्यमंत्री की प्रेरणा और जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशन में इस वर्ष हरेला पर्व की थीम ‘‘ एक पेड़ माँ के नाम‘ के अंतर्गत वन विभाग के तत्वावधान में पूरे जनपद में वृहद स्तर पर पौधे रोपण किए गए। 


जिलाधिकारी ने हरेला पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरेला केवल एक पर्व नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ाव और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रतीक है। यह पर्व हमें हरित क्षेत्र को बढ़ाने और जलवायु संतुलन बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। 


प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि हरेला पर्व के अवसर पर पहले दिन जनपद में 02 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिले के सभी विकासखंडों में विभाग एव जनसमुदाय के सहयोग से व्यापक पौधरोपण अभियान के तहत 2.13 लाख पौधों का रोपण करने के साथ ही पौधों की देखरेख और संरक्षण का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी ली गई। 


प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशन में पूरे जनपद में वृहद स्तर पर पौधरोपण अभियान जारी है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि एक माह तक चलने वाले हरेला पर्व पर 'एक पेड मां के नाम' जरूर लगाए और उसकी देखरेख व संरक्षण का संकल्प लें। 



 

आइए, इस हरेला पर्व पर हम हम केवल धरती को ही हरित न करें बल्कि मानवता को भी जीवंत करें*

स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश:

harela festival in parmarth niketan


 परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने उत्तराखंड की पौराणिक संस्कृति का लोकपर्व हरेला की देशवासियों को शुभकामनायें देेेते हुये कहा कि हरेला पर्व, हरियाली और नई फसल के आगमन का प्रतीक है। हरेला हमें प्रेरणा देता है कि हम लौटें, धरती माँ की गोद में, पेड़ों की छाँव में, मिट्टी की महक में।

यह पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरणीय चेतना और प्रकृति प्रेम का अनुपम महोत्सव है। जो जीवन में हरियाली, समृद्धि और संतुलन का संदेश देता है। हरेला का अर्थ ही है ‘हरियाली’, और यह पर्व वर्षा ऋतु के आरंभ में, श्रावण मास की संक्रांति को मनाया जाता है। उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में विशेष रूप से मनाए जाने वाला यह पर्व उत्तराखंड सहित पूरे भारत में भी पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा हैं।

हरेला पर्व, मातृभूमि और धरती माता के प्रति सम्मान का पर्व है। यह प्रकृति के साथ हमारे रिश्ते को पुनर्स्थापित करने, धरती की उर्वरता को नमन करने और अपने पूर्वजों की परंपराओं को सम्मान देने का एक सुंदर अवसर है। इस पर्व के माध्यम से युवा पीढ़ी के लिये यह संदेश है कि हम सभी प्रकृति के अंश हैं और प्रकृति है तो ही हमारी संस्कृति व संतति हैं।

हरेला के दिन घरों में सात प्रकार के अन्नों के बीजों को बोते हैं, जो नौ दिनों में अंकुरित होते हैं। इनको हरेला कहा जाता है और इन अंकुरों को सिर पर रखकर आशीर्वाद लिया जाता है। यह परंपरा हमें हमारे कृषि संस्कारों, श्रम-संस्कारों और प्रकृति के साथ आत्मीय रिश्तों का संदेश देती है।

हरेला पर्व के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने शिक्षिकाओं और मातृशक्ति को पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का सुंदर संदेश दिया। उन्होंने सभी को एक पौधा माँ के नाम और एक पौधा धरती माँ के नाम रोपित करने का संकल्प कराया। 

स्वामी जी ने कहा कि हरेला पर्व, पर्यावरण जागरूकता का आंदोलन है। यदि हर नागरिक एक-एक पौधा रोपे और उसका पालन-पोषण अपने बच्चों की तरह करे, तो धरती फिर से हरी-भरी हो सकती है। हमारी संस्कृति में प्रकृति को देवता माना गया है और हरेला पर्व इस भावना को और भी सशक्त करता है।

आज जब पृथ्वी पर वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण की समस्या विकराल रूप ले रही है, तब हरेला जैसे प्रकृति समर्पित पर्वों की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है। हरेला पर्व हमें स्मरण कराता है कि प्रकृति केवल उपयोग की वस्तु नहीं है, वह हमारी माँ है। उसकी रक्षा करना हमारा धर्म है।

स्वामी जी ने कहा कि प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता जागृत कर हम आने वाले कल को सुरक्षित और हरा-भरा कर सकते हैं।

आइए, हम सब मिलकर हरेला को हरित जीवन और हरित भविष्य की ओर एक पवित्र पहल बनाएं। हरेला मनाएं, पौधे लगाएं, धरती को हरियाली से सजाएं।

 


ऋषिकेश;

harela in aiims rishikesh


राज्य भर में मनाए जा रहे हरेला पर्व के तहत एम्स ऋषिकेश में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो0 मीनू सिंह ने कहा कि वृक्ष ही धरती का श्रंृगार हैं। इनका संवर्धन करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। 


बुद्धवार को संस्थान परिसर के विभिन्न स्थानों में आयोजित हरेला पर्व कार्यक्रम के तहत संस्थान के अधिकारियों, फेकल्टी सदस्यों व अन्य स्टाफ द्वारा विभिन्न प्रजाति के फलदार पौधे रोपे गए। इस अवसर पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो0 मीनू सिंह ने वृक्षों की महत्ता बताते हुए इन्हें धरती का श्रृंगार बताया। उन्होंने कहा कि जीवन जीने के लिए वायु का होना बहुत जरूरी है और बिना वृक्षों के हमें वायु प्राप्त नहीं हो सकती। प्रो0 मीनू सिंह ने पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के लिए वृक्षों का होना अत्यन्त महत्वपूर्ण बताया। संस्थान परिसर में इस दौरान अलग-अलग स्थानों पर बेहड़ा, त्रिफला और आंवला आदि प्रजाति के विभिन्न फलदार पौधे रोपे गए। 


इस दौरान डीन एकेडमिक प्रो0 जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 बी0 सत्या श्री, डाॅ0 प्रशांत पाटिल, डाॅ0 वाई0एस0 पयाल, डाॅ0 कमर आजम, डाॅ0 मधुर उनियाल, अधीक्षण अभियन्ता ले0 कर्नल राजेश जुयाल, विधि अधिकारी प्रदीप चंन्द्र पाण्डेय, सुरक्षा अधिकारी पीएस राणा सहित कई अन्य मौजूद रहे।

हरिद्वार:

SP GRP celebrated harela festival  by plantation


राजकीय रेलवे पुलिस की पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट ( आईपीएस) ने आज  जीआरपी परिसर में 300 से ज्यादा जामुन, अमरुद, आंवला, अमलतास, आम, नीम, पापड़ी, अर्जुन, कनेर आदि पौधों का जवानों संग पौधारोपण कर समूचे परिसर को हरियाली से आच्छादित किया।


वृक्षारोपण उपरांत संपूर्ण परिसर में  साफ सफाई भी की गई।


कप्तान तृप्ति भट्ट ने अपने सम्बोधन में  जवानों में जोश का संचार भरते हुए कहा की "एक पौधा मां के नाम" इस वर्ष हरेला पर्व की थीम है।जैसे हम राजकीय  रेलवे की सेवा में तत्पर रहते है वैसे ही   हर जवान आज अपने द्वारा लगाए पौधे की रक्षा यानी देखभाल सुनिश्चित करे ताकि आज लगाए गए पौधे आने वालों दशकों तक हरियाली ,फल ,छाया और शुद्ध हवा प्रदान करते रहे।


*प्रकृति से सामंजस्य बैठाने हेतु यह एक बेहतरीन त्यौहार है, उत्तराखंड वैसे भी प्राकृतिक रूप से वन संपदा का एक खजाना है जिसको और बेहतर किए जाने हेतु सभी को कम से कम एक पौधा लगाकर अपना योगदान देना चाहिए" एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट*


   प्रकृतिप्रेमी IPS तृप्ति भट्ट द्वारा जामुन का पौधा तथा ऐ एस पी अरुणा भारती द्वारा द्वारा अमरूद का पौधा  उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला को जीआरपी जवानों के साथ सैकड़ों पौधों का रोपण कर त्यौहार के रूप में मनाया गया।



संपूर्ण जीआरपी परिसर में जोश से भरे हुए जवानों द्वारा आम, अमरूद, जामुन, नीम, अमलतास, नींबू, आंवला, कनेर आदि फलदार, छायादार एवम् औषधीय पौधे लगाए गए तत्पश्चात सभी के द्वारा जीआरपी एवं आवासीय परिसर में साफ सफाई अभियान चलाया गया।


इस अवसर पर कप्तान महोदया द्वारा समस्त अधि०/कर्म० को अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण कर पर्यावरण को हरा-भरा रखने एवं "एक पौधा मां के नाम" लगाने हेतु प्रोत्साहित किया साथ ही सभी जवानों को उनके द्वारा लगाए गए पौधों की देखरेख करने हेतु भी प्रोत्साहित किया गया।


ज्ञात रहे की श्रवण कांवड़ मेले में दिन रात की कठिन ड्यूटी के बावजूद जीआरपी अधिकारियों और जवानों ने तन्मयता से हरेला पर्व पर वृक्षारोपण और सफाई अभियान में प्रतिभाग किया।


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देहरादून :

 

harela festival by chaupal dehradun

चौपाल के संयोजक व मालती रावत सेवा संस्थान के अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार द्वारा उत्तराखण्ड़ की लोक परम्परा, प्रकृति, पर्यावरण, खुशहाली का प्रतीक “हरेला उत्सव” आज सड़क संसद, दीन दयाल पार्क, गांधी रोड़, देहरादून मे आयोजित किया गया। 

इस अवसर पर विभिन्न संगठनों ने हरेला उत्सव मे बढ़चढ़ कर भागीदारी कर संयुक्त रुप से हरियाली की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर बोलते हुए उत्तराखण्ड़ कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष, चौपाल के संयोजक व मालती रावत सेवा संस्थान के अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि हरेला हमारी परम्परा, हमारी संस्कृति की प्रतीक है मॉ नंदा देवी के मायके से जुड़ी हमारी परम्पराओं को इससे जोड़कर देखा जाता है  उत्तराखण्ड़ में हमारी बेटीयों को मायके से खुशहाली के रुप में हरियाली भेजने की परम्परा है, शिव-पार्वती के रुप में भी ये परम्परा विद्धमान रही है। उन्होने कहा कि राज्य की जनता को हरेला महसोत्सव व घी संक्राद की शुभकामनाए देते हुए कहा कि हमें अपने राज्य की इस प्राकृतिक व सास्कृतिक विरासत को अपने आने पीढी के लिये भी सहज के रखना है, इस प्रकृतिक व सास्कृतिक विविधता के सम्वर्धन व सुवर्धन के लिये भी प्रयास करना है। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अपना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष पुरुषोत्तम भटट ने सभी को हरेला की शुभकामना देते हुए बताया हमें अपने राज्य की इस प्राकृतिक व सास्कृतिक विरासत को अपने आने पीढी के लिये भी सहज के रखना है, इस प्रकृतिक व सास्कृतिक विविधता के सम्वर्धन व सुवर्धन के लिये भी प्रयास करना है। उन्होने कहा कि आज घी संक्राद भी है मैं राज्य के सब लोगों को हरेला महोत्सव व घी संक्राद की शुभकामनाए दी। 

कार्यक्रम का संचालन कर रहे मोहन सिंह नेगी ने जनकवि सतीश धौलाखण्ड़ी से हरेला उत्सव के उपलक्ष्य मे पेड़ है सासे पेड़ है जीवन गीत गाया गया उपस्थित सभी लोगों ने ताली बजाकर धौलाखण्ड़ी का उत्साह बढ़ाया। 

 पं0 शशि बल्लभ शास्त्री द्वारा हरियाली की पूजा अर्चना सम्पन्न कराई तथा झंगोरे की खीर व मंडुवे की पकौड़ी के प्रसाद के रुप में वितरित की गई। इस अवसर पर कामरेड़ जगदीश कुकरेती, कामरेड़ समर भण्ड़ारी, राज्य आन्दोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, कामरेड़ सोहन सिंह रजवार, कांग्रेस नेता महेन्द्र गुरुजी, पूर्व ज्यूष्ठ प्रमुख जौनपुर महिपाल सिंह रावत, जनकवि सतीश धौलाखण्ड़ी, कुलदीप प्रसाद, अधिवक्ता प्रेम सिंह दानू, हरजिन्दर सिंह, विकास कुमार, राकेश पंत, प्रो0 प्रदीप जखमोला, अवधेश पंत, ट्रेड यूनियन राकेश डोभाल, आकाश राणा, हरीश जोशी, जसवंत सिंह जगपांगी, संजय कोठियाल, मंजूर अहमद बेग, आदि उपस्थित रहे।

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