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नमांश स्याल अमर रहें' और 'भारत माता की जय' के नारों से हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का पटियालकड़ गांव गूंज उठा।

 जब भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर नमांश स्याल की पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा। इस दौरान माता-पिता, पत्नी और परिजनों की आंखे में अश्रुधारा थी, गांव के लोग पथराई आंखों से अपने लाल का रास्ता देख रहे थे। 


 विंग कमांडर अफशां ने अपने पति नमांश स्याल को आखिरी श्रद्धांजलि दी। विंग कमांडर अफशां ने अपने पति, विंग कमांडर नमांश स्याल को सैल्यूट किया, और नम आंखों से उन्हें अलविदा कहा। नमांश स्याल का अंतिम संस्कार का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।


 शहीद नमांश स्याल को उनके भाई ने मुखाग्नि दी है। इस मौके पर हिमाचल सरकार के मंत्री, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और सैन्य अधिकारी ने भी विंग कमांडर को श्रद्धांजलि दी।  

 देहरादून:

dehraun mumbai indigo flight


जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून  विमानपत्तन  प्राधिकरण द्वारा अवगत कराया गया है कि   23 नवंबर 2025 को इंडिगो की फ्लाइट IGO-5032, मुंबई-देहरादून, एयरबस-320 ने लगभग 18:40 बजे लैंडिंग के बाद बताया कि लैंडिंग के दौरान उस पर पक्षी टकराने का शक था।


 एयरक्राफ्ट की जांच के बाद, ऐसा बताया गया है कि एयरक्राफ्ट के अगले हिस्से को कुछ नुकसान हुआ है।


संबंधित अथॉरिटी  द्वारा बताया गया कि लैंडिंग के बाद जांच करने पर रनवे या एयरपोर्ट के अंदर कुछ भी नहीं मिला।जब एयरक्राफ्ट लैंड कर रहा था, तब रात थी।।

इंडिगो द्वारा जाने वाले यात्रियों के लिए दूसरे एयरक्राफ्ट का इंतज़ाम किया जा रहा है।

 



एम्स, ऋषिकेश के अमूल्य मार्गदर्शन और सहयोग से उत्तराखंड में नेत्रदान जनजागरूकता तथा मानव सेवा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की गई है। विभिन्न सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं समाजसेवियों के सामूहिक प्रयास के परिणामस्वरूप अब तक 1174 नेत्रदाता परिवारों द्वारा कॉर्निया (नेत्र पुतली) दान किए गए, जिनसे 880 जरूरतमंद व्यक्तियों को पुनः नेत्रज्योति प्राप्त हुई है। यह उपलब्धि प्रदेश में नेत्रदान अभियान को नई दिशा और गति प्रदान कर रही है।


एम्स, ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी सहयोगी संस्थाओं और स्वयंसेवकों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जनजागरूकता बढ़ाने में समाज के विभिन्न वर्गों का योगदान अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने अधिक से अधिक संस्थाओं और लोगों से इस पुण्य अभियान से जुड़ने का आह्वान किया, ताकि हम सब मिलकर नेत्रहीन व्यक्तियों के जीवन में उजाला ला सकें।


डॉ. मीनू सिंह ने विशेष रूप से सुप्रयास कल्याण संस्थान के डॉ. सत्या नारायण एवं डॉ. शिवम शर्मा, लायंस क्लब ऋषिकेश के गोपाल नारंग, देह दान समिति हरिद्वार के सुभाष चंद्र, मुस्कान फाउंडेशन की नेहा मालिक, तथा मारवाड़ी महिला सम्मेलन (ऋषिकेश शाखा) की नूतन अग्रवाल सहित कई संस्थाओं और समाजसेवियों के उल्लेखनीय योगदान की सराहना की।

इसके साथ ही समाजसेवी अनिल कक्कड़, संगीता आनंद (ऋषिकेश), अनिल अरोड़ा, समीर चावला, अशोक कालरा (हरिद्वार) विवेक अग्रवाल, हरदीप सिंह( देहरादून)तथा सीमा जैन (रुड़की) द्वारा नेत्रदान जागरूकता के क्षेत्र में किए गए प्रयासों को भी विशेष रूप से रेखांकित किया।


इस सफलता के पीछे एम्स ऋषिकेश के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) संजीव कुमार मित्तल,

नेत्र बैंक की डायरेक्टर डॉ. नीति गुप्ता,आई बैंक टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनके नेतृत्व में आई बैंक टीम ने नेत्रदान की प्रक्रिया को संवेदनशील, व्यवस्थित एवं समयबद्ध तरीके से संचालित किया, जिससे यह अभूतपूर्व उपलब्धि संभव हो सकी।


प्रो. मित्तल ने बताया कि इस उपलब्धि में उल्लेखनीय यह है कि इनमें से 32% नेत्रदान स्वैच्छिक रूप से उक्त सामाजिक संस्थानों द्वारा कराए गए, जो कि समाज में नेत्रदान महादान के प्रति बढ़ती जागरूकता और लोगों की मानवीय संवेदना का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि किसी एक संस्था की नहीं, बल्कि सामाजिक सद्भाव और सतत जनसहभागिता का प्रेरक उदाहरण है।


880 लोगों की आंखों में पुनः रोशनी लौटना न केवल चिकित्सा विज्ञान की बड़ी सफलता है, बल्कि उन परिवारों के लिए भी अमूल्य आशा है, जो वर्षों से इस प्रकाश की प्रतीक्षा कर रहे थे।

 श्री बदरीनाथ धाम यात्रा 2025

 श्री बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया* 

 *पंच पूजा के अंतर्गत दूसरे दिन शनिवार को श्री आदिकेदारेश्वर; जी के कपाट  बंद हुए* 

• *25 नवंबर अपराह्न को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे


श्री बदरीनाथ धाम: :

श्री badrinath dhaam panch puja


..श्री बदरीनाथ धाम के  कपाट बंद होने की  प्रक्रिया के अंतर्गत पंचपूजायें बीते कल  शुक्रवार से प्रारंभ हो गई । परंपरा के अनुसार दूसरे दिन विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आदि केदारेश्वर मंदिर तथा आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद हो गये। श्री बदरीनाथ मंदिर में भोग लगने के बाद रावल अमरनाथ नंबूदरी ने आदि केदारेश्वर मंदिर में अन्नकूट का भोग चढ़ाया। आदि केदारेश्वर मंदिर के शिवलिंग को पके चावलों से ढ़का गया तत्पश्चात कपाट बंद हेतु पूजा-अर्चना शुरू हुई ठीक दो बजे आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये।

इसके बाद सवा दो  बजे आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये।


श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि  श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने हेतु  बीकेटीसी की ओर तैयारियां चल रही है  कहा कि 

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के पश्चात शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जायेगा।


आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर रावल अमरनाथ नंबूदरी सहित धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, प्रभारी धर्माधिकारी स्वयंबर सेमवाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट एवं अमित बंदोलिया एवं आदि केदारेश्वर मंदिर के पुजारीगणों ने पूजा-अर्चना संपन्न की।इस अवसर पर बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल सहित  पूर्व अपर धर्माधिकारी सत्यप्रकाश चमोला,मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, धड़िया ऋतेश सनवाल, प्रवेश मेहता,विकास सनवाल आदि मौजूद रहे।


 जारी प्रेस विज्ञप्ति में बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि पंच पूजा के  तीसरे दिन रविवार 23 नवंबर को पूजा के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा जबकि चौथे दिन  24 नवंबर को माता लक्ष्मी जी को आमंत्रण तथा

25 नवंबर  अपराह्न 2 बजकर 56 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।


 

ऋषिकेश : 



चकजोगीवाला क्षेत्र में गुलदार की लगातार गतिविधियों से ग्रामीण दहशत में हैं। गुलदार पिछले कई दिनों से आबादी वाले घरों तक पहुँचकर पालतू कुत्तों को शिकार बनाने की कोशिश कर रहा है। शनिवार रात उसने नवीता गुनसोला के घर में घुसकर कुत्तों पर झपटने की कोशिश की, जिसकी तस्वीरें सीसीटीवी में कैद हुईं। तेज आवाज होने पर गुलदार वहां से भाग निकला।


वन विभाग ने करीब चार दिन पहले गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था, लेकिन अभी तक वह उसमें नहीं फँसा है। ग्रामीणों का कहना है कि पिंजरे में चारे की व्यवस्था न होने से गुलदार आकर्षित नहीं हो रहा है। ग्राम प्रधान मोहर सिंह असवाल ने रात्रि गश्त और पिंजरे की व्यवस्था सुधारने की मांग की है।

 *मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने किया अजमेर, राजस्थान में अखिल भारतीय उत्तराखंड धर्मशाला – तीर्थराज पुष्कर के द्वितीय तल का लोकार्पण* 

 *मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आश्रम हेतु 50 लाख रुपए की  अतिरिक्त सहयोग राशि प्रदान करने की घोषणा की* 

 *आश्रम के निर्माण हेतु पूर्व में उत्तराखंड सरकार द्वारा एक करोड़ रुपए की सहयोग राशि प्रदान की गई थी* 

CM in Pushkar Ajmer


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज अजमेर, राजस्थान स्थित अखिल भारतीय उत्तराखंड धर्मशाला आश्रम, तीर्थराज पुष्कर के द्वितीय तल का लोकार्पण किया। इस अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंडी, स्थानीय नागरिक तथा विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सर्वप्रथम वे तीर्थराज पुष्कर की पवित्र भूमि पर विराजमान सृष्टि के आदि रचयिता, वेदों के प्रणेता भगवान ब्रह्माजी को साष्टांग प्रणाम करते हैं। उन्होंने कहा कि तीर्थराज पुष्कर की इस तपोमय भूमि पर उपस्थित होना उनके लिए अत्यंत सौभाग्य एवं प्रसन्नता का विषय है।


मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि धार्मिक ग्रंथों में पुष्कर, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार, गया और प्रयाग को पंचतीर्थ के रूप में वर्णित किया गया है। इनमें भी ब्रह्माजी की यज्ञस्थली पुष्कर को समस्त तीर्थों का गुरु कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुष्कर केवल एक तीर्थ नहीं बल्कि सनातन संस्कृति की अनश्वर ज्योति है जो मानवता को सदैव धर्म, तप, त्याग और सद्गुणों के पथ पर चलने की प्रेरणा देती रही है।


उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा का पुण्य तभी पूर्ण माना जाता है जब तीर्थराज पुष्कर के पावन सरोवर में स्नान किया जाए। मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए बताया कि संभवतः इसी आध्यात्मिक महिमा और आभा से प्रेरित होकर उनके माता-पिता ने उनका नाम ‘पुष्कर’ रखा।


मुख्यमंत्री श्री धामी ने आयोजन समिति और प्रवासी उत्तराखंडियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे राजस्थान में नहीं बल्कि देवभूमि के अपने परिजनों के बीच होने का अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह धर्मशाला आने वाले समय में श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण आश्रय स्थल बनने के साथ-साथ उत्तराखंड और राजस्थान के बीच सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करेगी।


 *प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक पुनर्जागरण* 


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की सनातन संस्कृति विश्व पटल पर नई पहचान बना रही है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक, केदारनाथ-बद्रीनाथ धामों के पुनर्निर्माण जैसे कार्यों ने भारतीय आध्यात्मिक धरोहर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार भी पीएम मोदी जी के मार्गदर्शन में केदारखंड एवं मानसखंड मंदिर क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण, श्रीकृष्ण यमुना तीर्थ सर्किट, हरिद्वार–ऋषिकेश कॉरिडोर, शारदा कॉरिडोर सहित अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य कर रही है। इसके साथ ही दून विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज’ की स्थापना भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


 *सांस्कृतिक स्वरूप व सामाजिक सौहार्द की रक्षा हेतु कठोर कदम* 


मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड संपूर्ण भारत की आस्था और संस्कृति का केंद्र है। इस पवित्र भूमि के मूल स्वरूप की रक्षा हेतु राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण और कठोर निर्णय लिए हैं | जबरन धर्मांतरण के विरुद्ध कठोर कानून लागू किया गया। लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकताओं पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। दंगारोधी कानून लागू कर दंगाइयों से ही क्षति की भरपाई की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में हरा–नीला–पीला कपड़ा लगाकर सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जों को चिन्हित कर 10 हजार एकड़ से अधिक भूमि को मुक्त कराया गया। देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की गई, जिससे सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून व्यवस्था सुनिश्चित हुई। प्रदेश में नया कानून लागू कर मदरसा बोर्ड समाप्त किया गया और सभी विद्यालयों में सरकारी बोर्ड मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम अनिवार्य किया गया। 250 से अधिक अवैध मदरसों को बंद किया गया। “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत धार्मिक स्थलों पर भेष बदलकर पाखंड फैलाने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य देवभूमि में अलगाववादी सोच नहीं बल्कि ज्ञान और संस्कार के मंदिर स्थापित करना है।


 *प्रवासी उत्तराखंडियों से आग्रह* 


मुख्यमंत्री ने उपस्थित उत्तराखंडियों से आह्वान किया कि वे जहाँ भी रहें, अपने राज्य की संस्कृति, पहचान और पूर्वजों की गौरवशाली परंपरा को सदैव गर्व के साथ आगे बढ़ाएं।उन्होंने कहा कि “हमारा संकल्प है कि उत्तराखंड को देश की आध्यात्मिक राजधानी बनाएं। ‘विकल्प रहित संकल्प’ के मंत्र के साथ हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं और इसमें प्रत्येक उत्तराखंडी अपनी निष्ठा एवं परिश्रम के साथ योगदान देगा।”


 *आश्रम निर्माण में सहयोग हेतु आभार* 


कार्यक्रम में यह भी उल्लेख किया गया कि आश्रम के निर्माण हेतु उत्तराखंड सरकार द्वारा एक करोड़ रुपए की सहयोग राशि प्रदान की गई थी, जिसके लिए मुख्यमंत्री श्री धामी का हार्दिक आभार व्यक्त किया गया।



 कार्यक्रम में श्री ओंकार सिंह लखावत, अध्यक्ष – राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण एवं वरिष्ठ भाजपा नेता,श्री सुरेश सिंह रावत, विधायक एवं माननीय मंत्री – राजस्थान सरकार,श्री लोकबंधु, जिलाधिकारी – अजमेर,

श्री एस. एस. तड़ागी, अध्यक्ष – अखिल भारतीय उत्तराखंड आश्रम, श्री राजेंद्र व्यास व बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंडी एवं स्थानीय प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे |

 डोईवाला:




सॉन्ग नदी डोईवाला के नजदीक एक व्यक्ति पर हाथी ने अचानक हमला कर दिया जिससे वह बाल बाल बचे।

श्री मनीराम थापा निवासी लछीवाला जो ओएनजीसी रिटायर्ड कर्मी है ।सुबह अपने कुत्ते को घुमाने के लिये लगभग 7 बजे निकले तो हाथी ने उन पर हमला कर दिया।

किसी तरह से उनकी जान बची और उन्हें पुल के ऊपर लाया गया परंतु उनके सर और अन्य स्थानों पर शरीर में छोटे आई हैं दाएं हाथ में फ्रैक्चर हो गया है।

अन्य देखने वालों का कहना है कि यह हाथी एक दांत वाला है जो कि वार्ड नंबर 2 में कुछ दिन से दिखाई दे रहा है ।

यही नहीं खत्री श्यामपुर ऋषिकेश की तरफ भी इसी प्रकार के एक दांत वाले हाथी की वीडियो और खबरें प्रचारित प्रसारित होती रही है जो की सुबह के समय टहलने के लिए निकलताहै।


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