प्रदेश भर में मेडिकल स्टोर पर छापेमारी म, आपदा में कार्य करने वाले कर्मियों को सम्मान, 50वीं सब जूनियर राष्ट्रीय बास्केटबाल चैंपियनशिप का शुभारंभ, चमोली में केंद्रीय विद्यालय,
*राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान, देहरादून में चतुर्थ दीक्षांत समारोह आयोजित*
- 2024-25 सत्र के उत्तीर्ण प्रशिक्षुओं के लिए समारोह का आयोजन
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय कौशल दीक्षांत समारोह का हुआ सीधा प्रसारण
- 315 प्रशिक्षुओं को भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) उत्तराखंड के निदेशक श्री गौरव लांबा द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए
देहरादून :
राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (एनएसटीआई), देहरादून में 2024-25 सत्र में उत्तीर्ण होने वाले प्रशिक्षुओं के लिए 4 अक्टूबर 2025 को चतुर्थ दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया।
संस्थान में दीक्षांत समारोह का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में विज्ञान भवन, नई दिल्ली से आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय कौशल दीक्षांत समारोह के सीधे प्रसारण के बाद हुआ।
एनएसटीआई देहरादून में संचालित विभिन्न ट्रेडों में कुल 315 प्रशिक्षु उत्तीर्ण हुए, जिन्हें मुख्य अतिथि श्री गौरव लांबा, निदेशक, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), उत्तराखंड राज्य द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। मुख्य अतिथि ने प्रशिक्षुओं को बधाई देते हुए कहा कि कौशल भारत अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षु आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं से अपने कौशल को उद्योग एवं उद्यमिता के साथ जोड़कर समाज के विकास में योगदान देने का आह्वान किया।
इस अवसर पर आईएसडीएस उप निदेशक/प्राचार्य, एनएसटीआई देहरादून श्री ज्ञान प्रकाश चौरसिया ने मुख्य अतिथि श्री गौरव लांबा का स्वागत किया और प्रशिक्षुओं को उनकी सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह संस्थान प्रशिक्षुओं को न केवल तकनीकी दक्षता प्रदान करता है बल्कि उन्हें रोजगारोन्मुखी और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी प्रेरित करता है।
दीक्षांत समारोह में आरडीएसडीई उत्तराखंड के आईएसडीएस अधिकारी श्री आर्यन जांगड़ा, श्री गजेंद्र कोली और श्री इंद्रपाल सिंह तथा एनएसटीआई देहरादून के संकाय सदस्य श्री नरेश कुमार, श्री आर.पी. आर्य, श्री जे.एस. गांधी, श्रीमती रंजिनी कुमार और श्री मनीष ममगाईं सहित समस्त कर्मचारी और प्रशिक्षु उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ तथा सभी प्रशिक्षुओं ने समूह छायाचित्रों के माध्यम से इस यादगार पल को संजोया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी में आपदा में सहयोग वाले कर्मियों को सम्मानित किया*
*आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को स्कूल-कॉलेजों में शामिल करने की प्रक्रिया जारी*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को पटेलनगर स्थित राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में अर्पित फाउंडेशन द्वारा आयोजित ’’प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह’’ में आपदा के दौरान राहत एवं बचाव अभियान में योगदान देने पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, आईटीबीपी के कर्मियों को सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये सम्मान ऐसे कर्मियों के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है, जिन्होंने आपदा के दौरान राहत एवं बचाव अभियान में अपनी जान की परवाह किए बिना योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम उत्तराखंड की बात करते हैं, तो केवल इसके प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता की ही नहीं, बल्कि इसकी भौगोलिक कठिनाइयों और प्रत्येक वर्ष होने वाली आपदाओं की चुनौती भी स्वतः ही सामने आ जाती है। उन्होंने कहा कि हिमालय की गोद में बसे हमारे राज्य में भूस्खलन, बाढ़, अतिवृष्टि और अन्य प्राकृतिक आपदाएँ आना आम बात हैं। देवभूमि में रहते हुए हम ये जानते हैं कि प्रकृति का सौंदर्य जितना मनोहारी है, उतनी ही यहां चुनौतियाँ भी अप्रत्याशित हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हम सबने 2013 की केदारनाथ आपदा की त्रासदी को देखा है, जब जय प्रलय में हजारों लोगों की जानें चले गईं थी। इसी प्रकार 2021 में चमोली की ऋषिगंगा और धौलीगंगा घाटी में आई आपदा ने पूरे देश को झकझोर दिया था। 2023 में जोशीमठ का धंसाव भी एक बड़ी चुनौती के रूप में हमारे सामने आया। इस वर्ष भी उत्तरकाशी, चमोली और देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की अनेक घटनाओं का हमने सामना करना पड़ा। इन आपदाओं में कई लोगों की मृत्यु हुई, कई लोग लापता हुए और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कठिन परिस्थितियों में हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती मानव जीवन की रक्षा करने की थी, यही समय था जब एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित पुलिस- प्रशासन के लोगों ने आपदा में घायल और मलबे में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए ग्राउंड जीरो पर लगातार काम किया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा के समय हमारे राहत कर्मियों ने न केवल प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, बल्कि पुनर्वास और राहत शिविरों का भी संचालन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सिल्क्यारा टनल में फंसे मजूदरों के लिए चलाए गए अभियान को नहीं भूल सकते। तब दिन-रात चलने वाले बचाव अभियान पर पूरे देश की निगाह थी। परंतु बाबा बोखनाग के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन ने हमारे अभियान को सफल बनाया।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि वो जब भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हैं, तो बचाव और राहत कर्मियों के जज्बे को देखकर उन्हें विश्वास हो जाता है कि हम प्रत्येक चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं। मुख्यमंत्री ने आपदा राहत कार्यों में सहयोग प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वयं देहरादून आकर आपदा पीड़ितों से मिलकर उनका दर्द बाँटा, उनकी समस्याएँ सुनीं और समीक्षा बैठक कर त्वरित निर्णय भी लिए। उन्होंने उत्तराखंड की जनता के लिए 1200 करोड़ रुपये की विशेष राहत राशि की घोषणा भी की, जिससे पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य में हमें बड़ी सहायता मिली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा केवल इमारतें या सड़कें ही नहीं तोड़ती, आपदा लोगों के आत्मविश्वास और भविष्य को भी चोट पहुंचाती है। इसलिए राज्य सरकार ने ये सुनिश्चित किया है कि आपदा पीड़ितों को केवल मुआवज़ा ही न दिया जाए, बल्कि उनके पुनर्वास और उनकी आजीविका पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एसडीआरएफ जवानों को ड्रोन, सैटेलाइट आधारित मॉनिटरिंग और अत्याधुनिक रेस्क्यू गियर जैसे अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए हैं। साथ ही, आपदा मित्र योजना के अंतर्गत गांव-गांव में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके साथ ही सड़क और पुल निर्माण में डिजास्टर रेज़िलिएंट तकनीक का उपयोग भी अनिवार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को स्कूल-कॉलेजों में शामिल करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ की है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी आपदा के खतरों से और बेहतर तरीके से निपट सके। समारोह में नकल विरोधी कानून लागू करने के लिए छात्रों द्वारा मुख्यमंत्री धामी का विशेष तौर पर स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर विधायक श्री प्रेमचंद अग्रवाल, स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश, श्री कृष्ण गिरी महाराज, अपर पुलिस महानिदेशक श्री वी. मुरूगेशन, कार्यक्रम की संयोजक श्रीमती हनी पाठक मौजूद थे।
*50 वीं सब-जूनियर राष्ट्रीय बास्केटबॉल चैंपियनशिप का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को परेड ग्राउंड, देहरादून में 50वीं सब-जूनियर राष्ट्रीय बास्केटबॉल चैंपियनशिप का शुभारंभ किया। 10 अक्टूबर तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में देश के 28 राज्यों से 54 टीमों के लगभग एक हजार से अधिक खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया एवं उत्तराखंड बास्केटबॉल एसोसिएशन को इस आयोजन के लिए बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार देवभूमि उत्तराखंड में सब-जूनियर नेशनल बास्केटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन हो रहा है, जो राज्य के लिए गौरवपूर्ण एवं ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने कहा कि खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण, धैर्य, अनुशासन व टीम भावना भी सिखाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा खेलो इंडिया एवं फिट इंडिया मूवमेंट जैसी पहलों से देश में खेलों के प्रति नई जागरूकता आयी है और भारत खेल के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को स्पर्श कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के बाद उत्तराखंड तेजी से खेलभूमि के रूप में अग्रसर है। राज्य में 517 करोड़ रुपये की लागत से विश्वस्तरीय खेल अवसंरचना विकसित की जा रही है। शीघ्र ही आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों के साथ स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान लागू किया जाएगा तथा हल्द्वानी में प्रथम खेल विश्वविद्यालय और लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘नई खेल नीति’ के तहत राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी, ‘खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना’, खेल किट, राज्य स्तरीय पुरस्कार तथा 4 प्रतिशत खेल कोटा की बहाली जैसे अनेक कदम खिलाड़ियों के हित में उठाए गए हैं। हाल ही में राष्ट्रीय खेल दिवस पर उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 50-50 लाख रुपये की सम्मान राशि भी दी गई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देहरादून में बास्केटबॉल खिलाड़ियों के प्रशिक्षण (बास्केटबॉल प्रशिक्षण अकादमी) के लिए जिलाधिकारी देहरादून को भूमि चिन्हित करने तथा हल्द्वानी में निर्माणाधीन खेल विश्वविद्यालय के पास बास्केटबॉल प्रशिक्षण अकादमी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बास्केटबॉल प्रतियोगिताओं के लिए खेल विभाग को आवश्यक कदम उठाने तथा अन्य खेलों की भांति बास्केटबॉल की भी समय-समय पर प्रतियोगिताएं आयोजित करने की बात कही।
इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, अध्यक्ष उत्तराखंड बास्केटबॉल एसोसिएशन श्री सुशील कुमार, महासचिव बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया श्री कुलविंदर सिंह गिल, उपाध्यक्ष उत्तराखंड बास्केटबॉल एसोसिएशन श्री आदित्य चौहान, श्री मंदीप सिंह ग्रेवाल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रतिबंधित कफ सिरप पर सख्त कार्रवाई, प्रदेशभर में मेडिकल स्टोर्स पर एफ.डी.ए. की छापेमारी शुरू*
*केंद्र की एडवाइजरी लागू , सरकार की डॉक्टरों से अपील, बच्चों को प्रतिबंधित कफ सिरप न लिखें डॉक्टर*
बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उत्तराखंड सरकार ने प्रदेशभर में प्रतिबंधित कफ सिरप और औषधियों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ.डी.ए.) की संयुक्त टीमें प्रदेश के सभी जिलों में मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं। यह अभियान हाल ही में राजस्थान और मध्य प्रदेश में खांसी की दवा (कफ सिरप) के सेवन से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद शुरू किया गया है। उत्तराखंड सरकार ने इसे जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मामला मानते हुए तत्परता से कार्रवाई प्रारंभ की है।
*केंद्र की एडवाइजरी पर तुरंत कार्रवाई*
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ.डी.ए.) डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेश जारी करते हुए कहा कि भारत सरकार की एडवाइजरी को प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू कराया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य से बड़ा कोई विषय नहीं हो सकता। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि औषधि निरीक्षक चरणबद्ध तरीके से कफ सिरपों के नमूने एकत्र करें और उनकी गुणवत्ता की प्रयोगशाला जांच कराएं, ताकि किसी भी दोषपूर्ण या हानिकारक दवा को बाजार से तत्काल हटाया जा सके।
*बच्चों के लिए प्रतिबंधित सिरप न लिखें डॉक्टर*
डॉ. आर. राजेश कुमार ने प्रदेश के सभी चिकित्सकों से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार की एडवाइजरी का संज्ञान लेते हुए वे बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप न लिखें। डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा यदि चिकित्सक इन सिरपों को लिखेंगे तो मेडिकल स्टोर भी उन्हें बेचेंगे। इसलिए ज़रूरी है कि डॉक्टर स्वयं भी जिम्मेदारी दिखाएं और प्रतिबंधित दवाओं से परहेज़ करें।
*कौन-सी दवाएं प्रतिबंधित हैं*
*भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुसार —*
दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की खांसी या जुकाम की दवा नहीं दी जानी चाहिए।
पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में इन दवाओं का सामान्य उपयोग अनुशंसित नहीं है।
केवल विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह, सही खुराक और न्यूनतम अवधि के लिए ही इनका उपयोग किया जा सकता है।
सरकार ने विशेष रूप से Dextromethorphan युक्त सिरप और Chlorpheniramine Maleate + Phenylephrine Hydrochloride संयोजन वाली दवाओं को चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित किया है।
*प्रदेशभर में छापेमारी और सैंपलिंग अभियान*
प्रदेश में इस आदेश के बाद अपर आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी के नेतृत्व में राज्यभर में युद्धस्तर पर छापेमारी की जा रही है। स्वयं अपर आयुक्त ने देहरादून के जोगीवाला, मोहकमपुर समेत कई क्षेत्रों में औषधि दुकानों का निरीक्षण किया। सभी जिलों में औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस माह के भीतर सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और खुदरा दुकानों से सिरपों के नमूने लेकर प्रयोगशाला परीक्षण करवाएँ। ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि एफ.डी.ए. की टीमें प्रदेशभर में सक्रिय हैं। यदि किसी भी स्तर पर दोष पाया गया तो संबंधित कंपनी या विक्रेता के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सख्त संदेश – जनस्वास्थ्य सर्वोपरि*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और जनता के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रदेश में बिकने वाली हर दवा सुरक्षित और मानक गुणवत्ता वाली हो। जनस्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और बच्चों की सुरक्षा पर किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि सरकार प्रदेश में औषधि गुणवत्ता निगरानी प्रणाली को और सुदृढ़ करने की दिशा में भी काम कर रही है।
*बच्चों की दवा में लापरवाही अस्वीकार्य- डॉ. धन सिंह रावत*
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा राज्य सरकार केंद्र की एडवाइजरी का पूरी गंभीरता से पालन कर रही है। बच्चों की दवाओं से जुड़ी किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी चिकित्सकों और औषधि विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रतिबंधित सिरप को न लिखें और न बेचें। यह कदम बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
*जनता से अपील – डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चों को दवा न दें*
एफ.डी.ए. ने राज्यभर में कफ सिरप की सैंपलिंग शुरू कर दी है। अपर आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने जनता से अपील की है कि वे बच्चों को कोई भी दवा देने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। यदि किसी दवा के सेवन से कोई प्रतिकूल प्रभाव दिखाई दे तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या अस्पताल से संपर्क करें।
जनपद चमोली के सवाड़ गांव में केन्द्रीय विद्यालय की मिली स्वीकृति*
*मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के साथ ही केन्द्रीय मंत्रीमण्डल का जताया आभार*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद चमोली के सवाड़ गांव में केन्द्रीय विद्यालय की स्वीकृति प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान के साथ ही केन्द्रीय मंत्रीमण्डल का आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद चमोली के प्रसिद्ध सवाड़ गांव में क्षेत्रीय जनता की मांग पर केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना के लिये उनके द्वारा निरन्तर अनुरोध किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि जनपद चमोली के सीमांत क्षेत्र में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना से इस क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को बेहतर गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध हो पायेगी तथा क्षेत्र को नई पहचान भी मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा का अनुकूल शैक्षिक वातावरण बनाने के लिए निरन्तर प्रयासरत है, इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण के साथ नवाचार से जोडा जा रहा है ताकि छात्रों को अच्छी शिक्षा के साथ शिक्षा का उचित माहौल उपलब्ध हो सके।