माँ नन्दा सुनंदा मेले का शुभारंभ, मदरसाबोर्ड को समाप्त करने की पहल और जर्मनी में पढ़ाई हेतु मौका देगी, धामी सरकार
*मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से अल्मोड़ा के मां नंदा देवी मेला-2025 का किया शुभारंभ
*जागेश्वर धाम सौंदर्यीकरण हेतु 146 करोड़ की स्वीकृति*
*मां नंदा देवी मंदिर का पारंपरिक शैली में पुनर्निर्माण*
*डीनापानी में 'नंदा देवी हस्तशिल्प ग्राम' की स्थापना*
*अल्मोड़ा में 50 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक और महिला चिकित्सालय का अपग्रेडेशन*
*248 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण, 922 करोड़ से अल्मोड़ा-बागेश्वर सड़क चौड़ीकरण*
*हेली सेवा, पार्किंग स्पॉट्स, हेलीपैड और सिंचाई योजनाएं प्रगति पर*
' *एक जनपद दो उत्पाद', 'मिलेट मिशन', 'वोकल फॉर लोकल' योजनाओं से स्थानीय आजीविका को बढ़ावा*
*मदरसा बोर्ड समाप्त करने और अवैध मदरसों पर कार्रवाई की घोषणा*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज वर्चुअल माध्यम से अल्मोड़ा के मां नंदा देवी मेला-2025 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने अल्मोड़ा वासियों सहित समूचे प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह मेला हमारी लोक आस्था, संस्कृति और पहचान का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सशक्तिकरण का भी मंच है। उन्होंने यह भी कहा कि 2026 में आयोजित होने वाली मां नंदा राजजात यात्रा को भव्य रूप में मनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 12 वर्ष में एक बार आयोजित होने वाली इस यात्रा को दिव्य और भव्य बनाने में हमारी सरकार कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत के पुनरुत्थान का अमृतकाल चल रहा है। आज हमारी धार्मिक धरोहरों को जिस प्रकार संवारा जा रहा है, उसे शब्दों में प्रकट करना कठिन है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हमारी प्रदेश सरकार भी उत्तराखंड के समग्र विकास के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण और हमारी पहचान को सुरक्षित रखने हेतु दृढ़ संकल्पित होकर निरंतर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मानसखंड पर्वत माला मिशन के अंतर्गत हमारे कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों के पुनरुत्थान एवं सौंदर्यीकरण हेतु प्रयास कर रहे हैं। इस परियोजना के अंतर्गत जागेश्वर में मंदिर परिसर के मूल स्वरुप को संरक्षित रखते हुए मास्टर प्लान के अनुसार सौंदर्यीकरण हेतु विभिन्न कार्य गतिमान हैं। इसके लिए जहां एक ओर प्रथम चरण में हमारी सरकार द्वारा 146 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है, वहीं दूसरे चरण के विकास कार्यों की भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा जहां एक ओर बेस अस्पताल के नए भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, वहीं सोमेश्वर में 100 बेड के उपजिला चिकित्सालय में प्रथम चरण में 50 बेड के अस्पताल का निर्माण भी किया जा रहा है। इसके साथ ही, गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के इलाज हेतु 50 बेड के अत्याधुनिक क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना भी की जा रही है। लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से अल्मोड़ा महिला चिकित्सालय का अपग्रेडेशन भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत पिछले 3 वर्षों में अल्मोड़ा जनपद में 248 किमी सड़कों का निर्माण करने के साथ ही लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत भी करोड़ों रुपए की लागत से विभिन्न मोटरमार्गों का निर्माण एवं नवीनीकरण कार्य किया है। इसी क्रम में, जहां एक ओर लगभग 400 करोड़ रूपए की लागत से अल्मोड़ा-पौड़ी गढ़वाल-रुद्रप्रयाग को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण करवाया गया है। वहीं लगभग 922 करोड़ रुपए की लागत से अल्मोड़ा-बागेश्वर सड़क के चौड़ीकरण को भी मंजूरी प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ’’उड़ान योजना’’ के अंतर्गत अल्मोड़ा में पर्यटन को बढ़ावा देने और आवागमन सुगम बनाने के उद्देश्य से हेली सेवाएं भी प्रारंभ की हैं। इसके अतिरिक्त, सदी महर गाँव में 12 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से लिफ्ट पंपिंग योजना के साथ ही जनपद में 25 से अधिक स्थलों पर पार्किंग निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा में प्रशासनिक भवन का निर्माण भी किया जा रहा है। इसके साथ ही, डोल आश्रम के निकट चौखुटिया में हेलीपैड निर्माण की योजना पर भी हम कार्य कर रहे हैं। इतना ही नहीं, ‘नशा मुक्त उत्तराखंड’ के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में हमारी सरकार ने अल्मोड़ा में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना भी की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण परियोजनों पर कार्य कर रहे हैं। ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना के माध्यम से हमने स्थानीय आजीविका के अवसरों को बढ़ावा दिया है, जबकि 'हाउस ऑफ हिमालयाज' ब्रांड ने हमारे स्थानीय उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाने का काम किया है। इसके अलावा हम 'स्टेट मिलेट मिशन', 'फार्म मशीनरी बैंक', 'एप्पल मिशन', 'नई पर्यटन नीति', 'नई फिल्म नीति', 'होम स्टे', और 'वेड इन उत्तराखंड' जैसी योजनाओं के माध्यम से अपनी स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए ’’स्वदेशी अपनाओ देश को मजबूत बनाओ’’ के मंत्र को अपनाकर हम न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकते हैं, बल्कि स्थानीय उत्पादकों, शिल्पकारों और छोटे उद्यमियों को भी आत्मनिर्भर बना सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिए संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है। हमने जहां एक ओर प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया है | हमने प्रदेश में लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए साढ़े छह हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को लैंड जिहादियों से मुक्त कराया है। इसके साथ ही करीब 250 अवैध मदरसों को सील करने के साथ ही 500 से अधिक अवैध संरचनाओ को भी हटाया है। इसके अलावा ये हमारी ही सरकार है, जो प्रदेश में पहली बार सख्त भू- कानून लेकर आई है, जिससे हमारे किसानों की जमीनों को अब लैंड माफिया नहीं हड़प पाएंगे,इसके साथ ही अब हम प्रदेश में मदरसा बोर्ड को भी खत्म करने जा रहे हैं। इसके लागू होने के पश्चात 1 जुलाई 2026 के बाद हमारे प्रदेश में वे मदरसे बंद हो जाएंगे जिनमें हमारे सरकारी बोर्ड का सेलेबस नहीं पढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि माँ नंदा देवी के ऐतिहासिक मंदिर का पुनर्निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कार्य पारंपरिक पर्वतीय शैली के अनुरूप वृहद रूप से किया जाएगा। सरकार विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से डीनापानी में "नंदादेवी हस्तशिल्प ग्राम" की स्थापना भी करेगी। इस क्राफ्ट विलेज द्वारा "मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना" के अंतर्गत स्थानीय महिला उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पादों सहित विभिन्न ताम्र वस्तुओं, ऐपण कला, काष्ठशिल्प और अन्य पारंपरिक हस्तशिल्प को भी बढ़ावा मिलेगा साथ ही इन उत्पादों को देश-विदेश के बाजार से भी जोड़ा जा सकेगा।
जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड के कुशल युवाओं के लिए जर्मनी में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में रूचि जताई
देहरादून:
उत्तराखंड दौरे पर आए एक उच्च स्तरीय जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि भारत, विशेषकर उत्तराखंड के कुशल युवाओं के लिए जर्मनी में स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, लॉजिस्टिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटलीकरण क्षेत्रों में अपार रोज़गार संभावनाएं मौजूद हैं।
तीन दिवसीय दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को साहसपुर स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में स्थापित ओवरसीज़ एम्प्लॉयमेंट सेल का निरीक्षण किया। यह केंद्र कौशल विकास एवं रोजगार विभाग, उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित है। प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र में दिए जा रहे प्रशिक्षण की सराहना की और भविष्य में साझेदारी की इच्छा जताई।
प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित ओवरसीज़ एम्प्लॉयमेंट सेल का कार्य को सराहनीय बताते हुए कहा कि हम इसके साथ मिलकर जर्मनी के लिए सही प्रतिभा खोजने और प्रशिक्षित करने के इच्छुक हैं। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पहले से ही फिलिप्स मशीन टूल्स, श्नाइडर इलेक्ट्रिक और फेस्टो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रम चला रहा है। ओवरसीज़ एम्प्लॉयमेंट सेल अब तक 32 प्रशिक्षित युवाओं को जापान में सफलतापूर्वक रोजगार दिला चुका है।
जर्मनी में रोजगार के इच्छुक उम्मीदवारों को जर्मन भाषा में दक्षता प्राप्त करनी होगी तथा वहां की मानकों के अनुरूप पुनः प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान प्रशिक्षु को पहले वर्ष से तीसरे वर्ष तक 600 से 1000 यूरो मासिक प्राप्त होंगे और उद्योग में समायोजन के बाद आय 1500 यूरो या उससे अधिक तक पहुँच सकती है। इन्वेशन हब राइन–माइन, (Rhein Main) जर्मनी के सीईओ श्री स्टीफन विट्टेकिंड (Stephan Wittekind) ने कहा, जर्मनी में स्वास्थ्य क्षेत्र, विशेषकर नर्सिंग, और ऑटोमोबाइल सेक्टर में भारतीय युवाओं के लिए बेहद बड़े अवसर उपलब्ध हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उत्तराखंड के युवा यदि भाषा दक्षता और कौशल उन्नयन के साथ तैयार किए जाएं तो वे जर्मनी के औद्योगिक क्षेत्रों की ज़रूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने दून विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए जर्मनी में पढ़ाई और काम करने हेतु 10 छात्रवृत्तियों की घोषणा की
देहरादून, 28 अगस्त: देहरादून के तीन दिवसीय दौरे पर आए एक उच्च स्तरीय जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने दून विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए 10 छात्रवृत्तियों की घोषणा की है। जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर द्वारा दी जाने वाली इन छात्रवृत्तियों के अंतर्गत दून विश्वविद्यालय के छात्र उच्च शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण तथा रोजगार के अवसर जर्मनी में तलाशने के लिए प्राप्त कर सकेंगे।
यह घोषणा दून विश्वविद्यालय में आयोजित “गेटवे टू जर्मनी – ब्रिजिंग स्किल गैप्स, बिल्डिंग फ्यूचर्स” नामक संवादात्मक सत्र के दौरान की गई, जिसमें 500 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए। छात्रवृत्ति के अंतर्गत चुने गए विद्यार्थियों का शिक्षा शुल्क, वीज़ा शुल्क, यात्रा, आवास और अन्य सभी खर्चों का वहन किया जाएगा।
कार्यक्रम में मौजूद उत्तराखंड सरकार के कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा ने कहा: “वैश्विक स्तर पर नौकरियों के अवसरों में सफल होने के लिए भाषा दक्षता अत्यंत महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड, जर्मनी के साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि हमारे प्रतिभाशाली युवाओं को बेहतर अवसर मिल सकें। कल हम जर्मनी के साथ एक आशय पत्र (Letter of Intent) पर हस्ताक्षर करेंगे जिससे प्रौद्योगिकी, उभरते क्षेत्रों और कौशल विकास में दीर्घकालीन सहयोग स्थापित हो सके।”
जर्मन प्रतिनिधिमंडल में राउनहाइम (Raunheim) शहर के मेयर श्री डेविड रेंडल (David Rendel) जर्मनी के विदेशी निवेश प्रकोष्ठ के सलाहकार श्री सौरभ भगत तथा इनोवेशन हब राइन-माइन (Rhein Main) के सीईओ श्री स्टीफन विट्टेकिंड (Stephen Wittekind) शामिल थे।
प्रतिनिधियों ने कहा कि जर्मनी शिक्षा, प्रौद्योगिकी, कौशल निर्माण, ऑटोमोबाइल समाधान और नवाचार आधारित उद्यमों जैसे क्षेत्रों में उत्तराखंड के साथ साझेदारी करने का इच्छुक है। इस पहल का उद्देश्य उत्तराखंड के युवाओं को वैश्विक अवसर उपलब्ध कराना और भारत-जर्मनी संबंधों को मजबूत करना है। इस अवसर पर कौशल विकास एवं रोजगार सचिव श्री सी. रवि शंकर, उच्च शिक्षा सचिव श्री रंजीत कुमार सिन्हा और दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल भी उपस्थित रहीं।