Halloween party ideas 2015


women cricket world cup 2025 India won

विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट में  भारत की महिला टीम ने इतिहास र

रचते हुए, विश्व कप अपने नाम कर लिया।



दीप्ति शर्मा और शैफाली वर्मा हीरो बनकर उभरीं। इंडियन विमेंस टीम ने फाइनल में साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया।

प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट दीप्ति को मिला!

जबकि प्लेयर ऑफ़ द मैच का अवॉर्ड शैफाली को मिला!

‘मैं अभी भी इसे समझ नहीं पा रही हूँ’ – मंधाना का कहना था कि उन्हें अभी तक इस पर यकीन नही हो रहा है। ऋचा ने भरोसे को कायम रखने के लिये टीम के धन्यवाद किया।


 विधानसभा परिसर में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के आगमन पर  राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) , मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी,

विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूडी भूषण एवं नेता प्रतिपक्ष श्री यशपाल आर्य  एवं मंत्रीगणों ने उनका स्वागत किया।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (3 नवंबर, 2025) उत्तराखंड राज्य के गठन की रजत जयंती के अवसर पर देहरादून, उत्तराखंड में उत्तराखंड विधानसभा को संबोधित किया।



इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि विधान सभाएं हमारी संसदीय प्रणाली का एक प्रमुख स्तंभ हैं। बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने संसदीय प्रणाली को अपनाकर निरंतर जवाबदेही को अधिक महत्व दिया। जनता के प्रति निरंतर जवाबदेही संसदीय प्रणाली की एक ताकत और एक चुनौती दोनों है।

राष्ट्रपति ने कहा कि विधायक जनता और सरकार के बीच सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से जुड़ने और जमीनी स्तर पर उनकी सेवा करने का अवसर मिलना बड़े सौभाग्य की बात है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर विधायक जनता की समस्याओं के समाधान और उनके कल्याण के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहें तो जनता और उनके प्रतिनिधियों के बीच विश्वास का बंधन अटूट रहेगा।

राष्ट्रपति ने उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों से विकास और जनकल्याण के कार्यों को पूरी लगन से करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्य दलगत राजनीति से ऊपर उठकर होने चाहिए। उन्होंने समाज के वंचित वर्गों के कल्याण और विकास के लिए विशेष संवेदनशीलता के साथ कार्य करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को विकास के अवसर प्रदान करना भी उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए।




राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत, हमारे संविधान निर्माताओं ने सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता का प्रावधान किया था। उन्होंने संवैधानिक निर्देशों के अनुरूप समान नागरिक संहिता विधेयक को लागू करने के लिए उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों की सराहना की। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि उत्तराखंड विधानसभा में 550 से अधिक विधेयक पारित हो चुके हैं, जिनमें उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, उत्तराखंड जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार विधेयक और नकल-निरोधक विधेयक शामिल हैं। उन्होंने पारदर्शिता, नैतिकता और सामाजिक न्याय से प्रेरित होकर ऐसे विधेयक पारित करने के लिए विधायकों की सराहना की।


राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड अद्वितीय प्राकृतिक संपदा और सौंदर्य से भरपूर है। राज्य को प्रकृति के इन उपहारों को संरक्षित करते हुए विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि पिछले 25 वर्षों में, उत्तराखंड के लोगों ने विकास की प्रभावशाली उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य ने पर्यावरण, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के क्षेत्रों में सराहनीय प्रगति की है। डिजिटल और भौतिक कनेक्टिविटी तथा बुनियादी ढांचे के विकास में भी प्रगति हुई है। व्यापक विकास प्रयासों के परिणामस्वरूप, उत्तराखंड ने मानव विकास सूचकांक के कई मानकों पर सुधार किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि 'राष्ट्र प्रथम' की भावना के साथ, उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य राज्य और देश को तीव्र विकास के पथ पर आगे ले जाते रहेंगे।

 *जनपद नैनीताल- ज्योलिकोट, आम पड़ाव के पास एसडीआरएफ उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा देर रात्रि वाहन दुर्घटना में रेस्क्यू ऑपरेशन*


दिनांक 01 नवम्बर 2025 की रात्रि को SDRF पोस्ट नैनीताल को आपदा प्रबंधन नैनीताल द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि ज्योलीकोट आमपड़ाव के पास एक टेम्पो ट्रैवलर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।


उक्त सूचना पर एसडीआरएफ पोस्ट नैनीताल से सब-इंस्पेक्टर मनीष भाकुनी के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई।


मौके पर पहुंचने पर पाया गया कि वाहन अनियंत्रित होकर सड़क से लगभग 15 मीटर नीचे गिरा हुआ था, जिसमें कुल 18 व्यक्ति सवार थे। टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए 15 घायलों को सुरक्षित निकालकर उपचार हेतु हल्द्वानी अस्पताल भिजवाया गया।


दुर्भाग्यवश, 2 व्यक्तियों की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गयी थी जिनके शवों को स्थानीय पुलिस के सुपुर्द किया गया जबकि 1 व्यक्ति लापता पाया गया, जिसकी खोज के प्रयास जारी हैं।


सुरक्षा, परंपरा और हिमालयी वास्तुकला के संगम से समृद्ध हुआ राष्ट्रपति निकेतन परिसर

देहरादून:

president Draupadi murmu CM Dhami
उपराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तराखंड में 


माननीय राष्ट्रपति ने आज देहरादून स्थित राष्ट्रपति निकेतन में दो नई आगंतुक- केंद्रित सुविधाओं- पैदल पार पुल (फुट ओवर ब्रिज) और घुड़सवारी क्षेत्र का लोकार्पण किया। इन दोनों परियोजनाओं ने राष्ट्रपति निकेतन परिसर को आधुनिकता, सुरक्षा और विरासत के अद्भुत संगम के रूप में स्थापित कर दिया है।



राजपुरा रोड पर बने 105 फीट लंबे पैदल पार पुल ने अब राष्ट्रपति निकेतन और आगामी राष्ट्रपति उद्यान (132 एकड़ परिसर) के बीच निर्बाध संपर्क स्थापित कर दिया है। उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा ₹9 करोड़ की लागत से निर्मित यह पुल स्थानीय हिमालयी वास्तुकला का सुंदर उदाहरण है। रैंप और रेलिंग के साथ यह पूरी तरह सुगम पहुँच (universal access) प्रदान करता है। यह पुल अब व्यस्त राजपुरा रोड पर पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षित विकल्प बन गया है।


वहीं, परिसर में विकसित 0.7 एकड़ का घुड़सवारी क्षेत्र, राष्ट्रपति के अंगरक्षकों (PBG) की ऐतिहासिक परंपरा का प्रतीक है। सीपीडब्ल्यूडी द्वारा निर्मित इस अत्याधुनिक क्षेत्र में 8 घोड़ों की क्षमता वाला अस्तबल, उपचार कक्ष, स्नान व चारा कक्ष, और आगंतुकों के लिए देखने का विशेष गलियारा तैयार किया गया है।


यह नई सुविधा अब आम आगंतुकों के लिए सोमवार को छोड़कर प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुली रहेगी। यहाँ आगंतुकों को राष्ट्रपति सर्किट का समृद्ध अनुभव देने के लिए निर्देशित भ्रमण (Guided Tours) की भी व्यवस्था की गई है।


राष्ट्रपति निकेतन में इन दो नई परियोजनाओं के लोकार्पण के साथ, यह परिसर अब न केवल सुरक्षा और संरचना के दृष्टिकोण से उन्नत हुआ है, बल्कि हिमालयी विरासत और राष्ट्रीय गौरव का भी नया प्रतीक बन गया है।


 

 l

second convocation of patanjali

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार के द्वितीय दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त विद्यार्थियों को सम्मानित किया। रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में कुल 1454 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। 62 शोधार्थियों को विद्या वारिधि और 3 शोधार्थियों को विद्या वाचस्पति की उपाधि प्रदान की गई, जबकि 615 विद्यार्थियों को परास्नातक और 774 विद्यार्थियों को स्नातक की उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि.) ने राष्ट्रपति को राष्ट्रपति भवन की विविध वनस्पतियों पर आधारित दो पुस्तकें ‘फ्लोरा ऑफ राष्ट्रपति भवन’ एवं ‘मेडिसिनल प्लांट्स ऑफ राष्ट्रपति भवन’ की प्रतिलिपियाँ भी भेंट कीं।


राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई एवं आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने पदक प्राप्त विद्यार्थियों की सराहना करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के जीवन-निर्माण में योगदान देने वाले अध्यापकों और अभिभावकों का भी विशेष अभिनंदन किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस वर्ष उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों में 64 प्रतिशत बेटियाँ हैं तथा पदक प्राप्त करने वाली छात्राओं की संख्या छात्रों की तुलना में चार गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि विकसित भारत के उस स्वरूप का परिचायक है जिसमें महिलाएँ नेतृत्व की भूमिका निभा रही हैं।


राष्ट्रपति ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय महर्षि पतंजलि की तप, साधना और ज्ञान परंपरा को आधुनिक समाज के लिए सुलभ बना रहा है। विश्वविद्यालय योग, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से स्वस्थ भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय की भारत-केन्द्रित शिक्षा-दृष्टि की सराहना करते हुए कहा कि इसमें विश्व बंधुत्व की भावना, वैदिक ज्ञान एवं आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण का समन्वय और वैश्विक चुनौतियों के समाधान जैसी विशेषताएँ निहित हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से वसुधैव कुटुंबकम् की भावना पर आधारित जीवन-मूल्यों को अपनाने का आह्वान किया।


राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान-प्राप्ति नहीं है, बल्कि सदाचार, तपस्या, सरलता और कर्तव्यनिष्ठा जैसे जीवन-मूल्यों को आत्मसात करना भी है। उन्होंने विद्यार्थियों को न केवल आत्म-विकास बल्कि राष्ट्र-निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। गंगा तट पर स्थित हरिद्वार की सांस्कृतिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ये पवित्र स्थल ज्ञान और अध्यात्म का संगम है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी स्वाध्याय और तपस्या जैसे आदर्शों का पालन करते हुए स्वस्थ, संस्कारित और समरस समाज के निर्माण में योगदान देंगे।


राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि.) ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए उनके देवभूमि आगमन को गर्व का क्षण बताया। राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड केवल एक राज्य नहीं, बल्कि योग, आयुर्वेद और अध्यात्म का प्राण-केंद्र है। इस पवित्र धरती से प्रचलित योग और आयुर्वेद की परंपरा ने न केवल भारत को, बल्कि समूचे विश्व को स्वास्थ्य, संतुलन और सद्भाव का संदेश दिया है। उत्तराखंड की यह ऋषि-परंपरा आज भी हमें यह प्रेरणा देती है कि ज्ञान का सर्वोच्च उद्देश्य केवल आत्म-विकास नहीं, बल्कि विश्व-कल्याण है।


राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं और आशा व्यक्त की कि वे दीक्षांत समारोह के पश्चात आने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करेंगे। उन्होंने कहा कि आज उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अपने राष्ट्र, प्रदेश और समाज की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे तथा अपनी शिक्षा, प्रतिभा एवं प्रशिक्षण का उपयोग मानव-कल्याण के लिए करेंगे।


राज्यपाल ने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने जो ज्ञान अर्जित किया, वह केवल हमारे लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड के कल्याण के लिए था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को स्वीकृति दिलाकर योग के विज्ञान पर किए गए हजारों वर्षों के कार्य को वैश्विक मंच प्रदान किया। विगत कुछ वर्षों में योग और आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति आई है, और आज करोड़ों लोग इनके माध्यम से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का देवभूमि उत्तराखंड की सवा करोड़ देवतुल्य जनता की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने सदैव अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए समाज के वंचित, शोषित एवं पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए कार्य किया है। हाल ही में जब उन्होंने लड़ाकू विमान ‘राफेल’ में उड़ान भरी, तो पूरे देश ने उनके अदम्य साहस, राष्ट्रभक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रेरक उदाहरण देखा। उनके व्यक्तित्व में मातृत्व की ममता, सेवा का संकल्प और राष्ट्र के प्रति अटूट समर्पण का अद्भुत संगम निहित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सभी उत्तराखंडवासियों का सौभाग्य है कि राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के इस ऐतिहासिक अवसर पर हमें राष्ट्रपति का सान्निध्य और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है।


मुख्यमंत्री ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग करके अपने बेहतर भविष्य के साथ ही अपने परिवार की सुख-समृद्धि और समाज के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे। उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव के मार्गदर्शन में पतंजलि विश्वविद्यालय आधुनिक शिक्षा को भारतीय संस्कारों और परंपराओं से जोड़ने का अतुलनीय कार्य कर रहा है। यहाँ विज्ञान और अध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिलता है, जहाँ विद्यार्थी केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि भारतीय जीवन-मूल्यों की भी शिक्षा प्राप्त करते हैं। पतंजलि विश्वविद्यालय ने आधुनिक विज्ञान और भारतीय ज्ञान परंपरा के समन्वय से ऐसी शिक्षा पद्धति विकसित की है, जो योग, आयुर्वेद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को एक सूत्र में पिरोने का कार्य कर रही है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार अनेक नवाचार कर रही है। राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने के साथ ही प्रदेश के विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और बिग डेटा जैसे कोर्स संचालित करने की पहल की गई है। भारतीय संस्कृति, दर्शन और इतिहास के गहन अध्ययन के लिए दून विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज’ की स्थापना भी की गई है। देहरादून में साइंस सिटी, हल्द्वानी में एस्ट्रो पार्क और अल्मोड़ा में साइंस सेंटर के निर्माण के माध्यम से राज्य में वैज्ञानिक अनुसंधान को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।


कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलाधिपति स्वामी रामदेव, कुलपति आचार्य बालकृष्ण, सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, डॉ. कल्पना सैनी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने किया आपदा प्रभावित क्षेत्र भौंर का स्थलीय निरीक्षण*

मुख्यमंत्री ने प्रभावितों के साथ किया भोजन, कहा—राज्य सरकार हर संकट की घड़ी में जनता के साथ खड़ी है

प्रभावित परिवारों से की भेंटवार्ता, दी पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता


*प्रमुख घोषणाएं:

CM with disaster  affected people at igaas


*-पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूरा किया जाए*

*-क्षेत्र में बनाया जाएगा स्थाई हेलीपैड*

*-ग्राम भौंर में आंगनवाड़ी केंद्र का निर्माण किया जाएगा*

*-गांव तक दोपहिया वाहन आवाजाही हेतु मोटर सड़क निर्माण के लिए धनराशि प्रदान की जाएगी*

*-छेनागाड़ बाजार को पुनर्जीवित करने के लिए बनाई जाएगी विस्तृत कार्ययोजना* 


 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी लोकपर्व इगास के अवसर पर आज जनपद रुद्रप्रयाग के तहसील वसुकेदार क्षेत्रान्तर्गत ग्राम भौंर पहुंचे, जहां उन्होंने हाल ही में आई आपदा से प्रभावित परिवारों से भेंटवार्ता की तथा राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों की स्थलीय समीक्षा की।


मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान जान-माल की क्षति उठाने वाले परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए मृतक कुलदीप सिंह नेगी वन श्रमिक एवं सते सिंह के परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में पांच-पांच लाख रुपये के चेक प्रदान किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के पुनर्वास एवं राहत कार्यों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है तथा किसी भी पीड़ित को अकेला महसूस नहीं होने दिया जाएगा।


मुख्यमंत्री ने ग्राम भौंर में आपदा प्रभावितों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उनके अनुभवों और समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रभावित परिवारों को समयबद्ध राहत सहायता प्रदान की जाए और पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूरा किया जाए।


उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में सड़क, पेयजल, बिजली, आवास, तथा संचार व्यवस्था से जुड़ी सभी क्षतिग्रस्त संरचनाओं का त्वरित पुनर्निर्माण किया गया है ताकि लोगों को जल्द से जल्द सामान्य जीवन उपलब्ध हो सके।


मुख्यमंत्री श्री धामी ने आपदा प्रभावित परिवारों के साथ मध्यान्ह भोजन भी किया और उनके साथ समय व्यतीत करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक आपदा-संवेदनशील राज्य है, और इसी कारण सरकार ने आपदा प्रबंधन को सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राहत कार्यों में पारदर्शिता, तत्परता एवं संवेदनशीलता बरती जाए।


मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित इस क्षेत्र में आपातकालीन परिस्थितियों पर त्वरित कार्रवाई करने हेतु इस क्षेत्र में स्थाई हेलीपैड निर्माण की घोषणा की। इसके साथ ही ग्रामीणों की मांग पर ग्राम भौंर में आंगनवाड़ी केंद्र के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने शीघ्र ही इस ग्राम तक मोटर सड़क निर्माण करने, जिससे क्षेत्र में दोपहिया वाहन की आवाजाही हो सके इस हेतु एक करोड़ रुपए की धनराशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने छेनागाड़ में आपदा के दौरान जिन लोगों ने अपने आवास खोए है उनके विस्थापन करने की योजना बनाने हेतु निर्देश दिए तथा जिन लोगों के वाहन आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए है उनको भी मुआवजा देने की बात की।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत विशेष प्रावधान किए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि कठिन समय में धैर्य बनाए रखें और सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।


मुख्यमंत्री के आगमन पर ग्रामीणों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे त्वरित राहत प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया।


इस अवसर पर विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन, मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत, अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, तहसील प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, पेयजल निगम सहित अन्य विभागों के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।



 मुख्यमंत्री आवास में इगास पर्व  हर्ष–उल्लास, पारंपरिक आस्था और सांस्कृतिक गौरव के साथ भव्य रूप से मनाया गया*

*इगास–बूढ़ी दीवाली पर मुख्यमंत्री धामी ने दी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ* 

 *पहाड़ के लोकपर्व हमारा गर्व, हमारी आत्मा — सीएम धामी* 

 *इगास पर लोकसंस्कृति के संरक्षण का संकल्प — मुख्यमंत्री धामी*



मुख्यमंत्री आवास में आज इगास पर्व बड़े हर्ष–उल्लास, पारंपरिक आस्था और सांस्कृतिक गौरव के साथ भव्य रूप से मनाया गया। देवभूमि की लोक परंपराओं को समर्पित इस विशेष अवसर पर  राजयपाल ले. ज. गुरमीत सिंह ( से नि) की उपस्थिति में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि इगास हमारी सांस्कृतिक अस्मिता, लोक आस्था और सामूहिक भावना का प्रतीक है।


कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक कलाकारों, गायकों और विभिन्न क्षेत्रों से आए सांस्कृतिक दलों ने पारंपरिक लोकगीत व लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। हारुल, झूमेंलो, चांचरी, थड़िया, जागर और अन्य पारंपरिक नृत्य–गायन ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया और पूरा परिसर लोकधुनों की गूंज से सराबोर हो उठा।



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं भी कलाकारों के बीच उपस्थित होकर उनकी प्रस्तुति का आनंद लिया एवं उन्हें प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि "हमारी लोक संस्कृति और परंपराएँ हमारी सबसे बड़ी धरोहर हैं, उन्हें बचाना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना हमारा सामूहिक दायित्व है।"


कार्यक्रम में शामिल सभी आमंत्रित अतिथियों, वरिष्ठ अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, प्रवासी उत्तराखंडियों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और प्रदेश के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों को मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से शुभकामनाएँ दीं और उनसे भेंट की।

इगास उत्सव के पारंपरिक क्रम में मुख्यमंत्री ने लोक मान्यताओं के अनुसार परंपरागत रूप से "भेलों" भी खेला, जिससे वहां मौजूद बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया। पूरा वातावरण पर्वतीय संस्कृति की खुशियों, लोकगीतों और लोकनृत्य से भर गया।

कार्यक्रम में सभी कलाकारों व प्रतिभागियों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया और कहा कि उत्तराखंड सरकार लोक कलाकारों के उत्थान, लोक परंपराओं को बढ़ावा देने और 'कल्चर बेस्ड रोजगार' को प्रोत्साहित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

इगास, बूढ़ी दीवाली और देव दीपावली के शुभ अवसर पर  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति, परंपराएँ, वेश–भूषा और व्यंजन हमारी अनमोल धरोहर हैं और इन्हें संरक्षित करना हम सभी का दायित्व है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि इगास लोक पर्व केवल उत्सव नहीं, बल्कि हमारी सामूहिकता, प्रकृति के प्रति आभार और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक है। उन्होंने लोकगीत, ढोल-दमाऊ की थाप और पारंपरिक मांडणे का उल्लेख करते हुए कहा कि जब घर-आंगन में लोक संस्कृति प्रफुल्लित होती है, तो ऐसा लगता है जैसे स्वयं देवभूमि मुस्कुरा रही हो।


मुख्यमंत्री ने कहा कि  प्रदेश में प्रवासी उत्तराखंडियों का सक्रिय योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि प्रवासी उत्तराखंडी अब इगास पर अपने पैतृक गांवों का रुख कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने विश्वभर में बसे उत्तराखंडियों से अपील की कि वे भी अपने गांवों और परिवारों के साथ लोक पर्व मनाएं और अपनी जड़ों से जुड़े रहें।


मुख्यमंत्री ने सभी से आह्वान किया कि हम सब मिलकर न सिर्फ अपनी संस्कृति को समृद्ध करें, बल्कि “विकल्प रहित संकल्प” के साथ उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में योगदान दें।


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिए गए इस संकल्प–वाक्य को याद करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा” यह केवल घोषणा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की इस पवित्र भूमि के उज्ज्वल भविष्य का संकल्प है। प्रधानमंत्री जी ने जो विश्वास उत्तराखंड पर जताया है, उसे साकार करना हम सभी का दायित्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दशक उत्तराखंड के समग्र विकास, रोजगार-सृजन, पर्यटन और आध्यात्मिक-पर्यटन विस्तार, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण तथा युवा शक्ति के सशक्तिकरण का दशक होगा। हम सभी को मिलकर ‘विकल्प रहित संकल्प’ की भावना के साथ कार्य करते हुए इस विज़न को धरातल पर उतारना है, ताकि उत्तराखंड विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए देश–दुनिया में अपने स्थान को और अधिक मजबूत कर सके।


मुख्यमंत्री ने अंत में कहा “ *इस इगास पर संकल्प लें कि न केवल अपने घरों में दीप जलाएँ, बल्कि अपने मन में भी अपनी संस्कृति के प्रति गर्व का दीप प्रज्ज्वलित रखें।”*


कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री गणेश जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोशियारी, श्री रमेश पोखरियाल निशंक, राजयसभा सांसद श्री नरेश बंसल, मुख्य सचिव एवं अन्य अधिकारी सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि व विभिन्न क्षेत्रों के लोग उपस्थित रहे |




09 नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री का मिलेगा मार्गदर्शन- मुख्यमंत्री*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बलवीर रोड स्थित भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण की रजत जयंती के उपलक्ष्य में प्रदेशभर में रजतोत्सव समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। प्रदेशभर में 01 नवम्बर को इगास पर्व से 11 नवम्बर 2025 तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।


 इस अवसर पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का स्मरण कर उन्हें नमन किया और कहा कि उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान ही हमें नया राज्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि यह हम सबके लिए गर्व का विषय है कि उत्तराखण्ड 25 वर्षों की उल्लेखनीय यात्रा पूर्ण कर विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का संकल्प देशवासियों के सामने रखा है। वर्ष 2050 उत्तराखण्ड राज्य स्थापना का स्वर्ण जयंती वर्ष होगा। आने वाले इन 25 वर्षों के लिए राज्य सरकार एक नया रोडमैप बनाकर आगे बढ़ेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देश की सीमाओं पर बलिदान देने वाले जवानों और राज्य आंदोलन के बलिदानियों को भी नमन किया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के रजतोत्सव समारोह के अंतर्गत 03 और 04 नवम्बर को देहरादून में विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 03 नवम्बर को महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु विशेष सत्र को संबोधित करेंगी, जो राज्य के लिए गौरव का विषय है। इस विशेष सत्र में राज्य को आगे ले जाने की दिशा में विचार-विमर्श होगा तथा बीते 25 वर्षों के अनुभवों पर चर्चा की जाएगी। 09 नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस पर मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। रजतोत्सव समारोह का केंद्रबिंदु संस्कृति, पर्यटन, युवाशक्ति, प्रवासी उत्तराखण्डी तथा राज्य आंदोलनकारी रहेंगे।



मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि जनभागीदारी का उत्सव है। प्रत्येक नागरिक और जनपद को इस उत्सव से जोड़ने का उन्होंने आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रजत जयंती वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि आत्ममंथन और संकल्प का अवसर है। इसी क्रम में अगले 25 वर्षों के लिए खाका भी प्रस्तुत किया जाएगा, जिसका लक्ष्य समृद्ध, आत्मनिर्भर और सशक्त उत्तराखण्ड का निर्माण है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में राज्य सरकार द्वारा अनेक उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिक संहिता लागू की है। साथ ही भूमि कानून, धर्मांतरण विरोधी, नकल विरोधी और दंगारोधी कानून लागू कर सुशासन की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत और महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जबकि सहकारी समितियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों में 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की गई हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 3.56 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन हुए और एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। राज्य का बजट पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्तुत किया गया है। स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि राज्य में 58 लाख आयुष्मान कार्ड वितरित किए गए हैं, मातृ मृत्यु अनुपात में उल्लेखनीय कमी आई है, लखपति दीदी योजना से 1 लाख 65 हजार से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं और वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर 1500 रुपये किया गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 26 गुना बढ़ा है और प्रति व्यक्ति आय में 17 गुना वृद्धि हुई है। धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के पुनरोद्धार के लिए केदारनाथ पुनर्निर्माण और बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान और मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत कार्य प्रगति पर हैं। दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन जैसी परियोजनाएं राज्य के विकास को नई दिशा देंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार पलायन रोकथाम और सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम, स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप और मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना जैसी पहलें संचालित कर रही  है।


www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.