Halloween party ideas 2015

 *“साइबर भारत सेतु : ब्रिजिंग स्टेट्स, सिक्योरिंग भारत” विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय अभ्यास कार्यक्रम देहरादून में शुरू*

Bridging status cybersecurity seminar in Dehradun

Bridging status cybersecurity seminar in Dehradun


साईबर सुरक्षा को लेकर देहरादून में “साइबर भारत सेतुः ब्रिजिंग स्टेट्स, सिक्योरिंग भारत” विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय अभ्यास कार्यक्रम का गुरूवार को शुभारंभ हो गया है।

 साईबर सुरक्षा के प्रति लचीलापन क्षमता को सुदृढ़ करने तथा अंतर-विभागीय समन्वय को बढ़ावा देने के साथ ही साइबर संकटों के प्रभावी प्रबंधन हेतु समग्र तैयारी को मजबूत करने के उद्देश्य से सीईआरटी-उत्तराखंड तथा आईटीडीए द्वारा, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।


सिविल सेवा संस्थान देहरादून के सभागार में आयोजित राष्ट्रीय साईबर सुरक्षा अभ्यास कार्यक्रम का शुभांरभ करते हुए आईटीडीए उत्तराखंड के निदेशक श्री आलोक पाण्डे ने कहा कि साईबर सुरक्षा का महत्वपूर्ण कार्य उत्तरोत्तर अधिक चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। लिहाजा साईबर सुरक्षा प्रबंधन के लिए राज्य के सभी विभागों और संस्थानों को गंभीरता के साथ पूरी तैयारी रखनी जरूरी है। साईबर संकटों की जानकारी और उनसे निपटने के उपायों के लिए इस तरह के आयोजनों को अत्यधिक उपयोगी बताते हुए श्री पाण्डेय ने कहा कि राज्य में साईबर सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।


राष्ट्रीय साईबर सुरक्षा अभ्यास कार्यक्रम के पहले दिन विशेषज्ञों ने भारतीय कंप्यूटर इंमरजेंसी रिस्पॉंस टीम (सीईआरटी-इन) की भूमिका और उसके द्वारा साईबर सुरक्षा के संबंध में की गई पहलों की जानकारी देने के साथ ही, उत्तराखंड में साईबर सुरक्षा की चुनौतियां और अवसर पर विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर लचीली साईबर संकट प्रबंधन योजना के निर्माण के संबंध में कार्यशाला का आयोजन करने के साथ ही साईबर खतरों एवं हमलों के तौर-तरीकों तथा इनसे बचाव के उपायों, साईबर सुरक्षा की चुनौतियों व एहतियातों और साईबर संकट प्रबंधन के उपायों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर भी विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गई। 


कार्यक्रम के पहले दिन आयोजित विभिन्न सत्रों में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संस्थान सीईआरटी-इन के वैज्ञानिक राजेश पोखरियाल, शशांक गुप्ता, सब्यसाची जेना, राज्य निर्वाचन आयोग के संयुक्त सचिव कमलेश मेहता, आईटीडीए उत्तराखंड के एजीएम कमलेश अरूण, आशीष उपाध्याय, ट्रेंड माईक्रो के प्रतिनिधि अंकित आदि विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए साईबर सुरक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर उपयोगी जानकारी दी।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न विभागों एवं संथानों 150 से भी अधिक मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों, आईटी विशेषज्ञों एवं साइबर सुरक्षा प्रशासकों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।



देहरादून:

Format of paramedical services will be changes in uttarakhand

Format of paramedical services will be changes in uttarakhand


*स्वास्थ्य शिक्षा में नई क्रांति की शुरुआत-10 श्रेणियों में 56 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं को दी गई मान्यता, पैरामेडिकल शिक्षा को मिलेगा नया स्वरूप*


*नए विषयों से बढ़ेगा युवाओं का दायरा, मजबूत होगी स्वास्थ्य सेवाएँ, पैरामेडिकल तथा Allied Health शिक्षा में आएगी एकरूपता, पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग प्रक्रिया होगी सरल और पारदर्शी* 


*हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड गुणवत्ता–आधारित स्वास्थ्य शिक्षा और हेल्थकेयर स्किल डेवलपमेंट का मॉडल बनकर उभरे- डॉ. आर. राजेश कुमार*


उत्तराखंड में स्वास्थ्य शिक्षा को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आधुनिक, पारदर्शी और रोजगारोन्मुख बनाने की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों और दूरदर्शी नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सहबद्ध और स्वास्थ्य देखरेख वृत्ति आयोग अधिनियम–2021 (National Commission for Allied and Healthcare Professions Act – 2021) के तहत उत्तराखंड राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद के गठन की प्रक्रिया को तेजी देने हेतु सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने की। बैठक की शुरुआत में स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय और आपदा–संवेदनशील राज्य में आधुनिक, प्रशिक्षित और प्रमाणित allied health workforce का विकास अत्यंत आवश्यक है। परिषद के गठन से न केवल शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि देशभर में प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने में उत्तराखंड अग्रणी भूमिका निभाएगा।


*परिषद गठन पर विस्तृत चर्चा, चयन समिति के गठन का निर्णय*

बैठक में परिषद के गठन, उसकी संरचना, भविष्य की आवश्यकताओं और कार्य प्रणालियों पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। यह तय किया गया कि परिषद के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए “तलाश–सह–चयन समिति” बनाई जाएगी, जो निर्धारित योग्यताओं और अनुभवों के आधार पर नामों का चयन करेगी। स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिषद के सुचारू संचालन के लिए प्रारंभिक बजट, कार्यालय संरचना, तकनीकी सहायता और मानव संसाधन की उपलब्धता तुरंत सुनिश्चित की जाए, ताकि परिषद अपने दायित्वों का निर्वहन शीघ्र आरंभ कर सके।


वर्तमान में राज्य में पैरामेडिकल शिक्षा उत्तराखंड पैरामेडिकल अधिनियम–2009 और स्टेट मेडिकल फैकल्टी के माध्यम से संचालित होती है। यहाँ स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर 22 विषयों के पाठ्यक्रम चल रहे हैं। राष्ट्रीय अधिनियम लागू होने के बाद इन सभी पाठ्यक्रमों को और अधिक मानकीकृत, रोजगारोन्मुख, और कौशल आधारित बनाया जाएगा। नए अधिनियम में कुल 10 श्रेणियों में 56 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं को मान्यता दी गई है। इससे विद्यार्थियों को न सिर्फ व्यापक करियर अवसर प्राप्त होंगे, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग्यता को उच्च पहचान मिलेगी।


*मजबूत होगी स्वास्थ्य सेवाएँ*

बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि अधिनियम के तहत कई नए और महत्वपूर्ण विषय शामिल होंगे—

पोषण विज्ञान, स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन, क्लिनिकल साइकोलॉजी, डायलिसिस तकनीशियन, एनेस्थीसिया एवं ऑपरेशन थिएटर तकनीशियन, आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन आदि। इन विषयों के शामिल होने से राज्य के युवाओं को विस्तृत करियर विकल्प, निजी और सरकारी क्षेत्र में बेहतर प्लेसमेंट, तथा शोध और उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं में अवसर मिलेंगे। अधिकारियों ने कहा कि यह कदम उत्तराखंड को स्वास्थ्य शिक्षा और allied health services के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करेगा और भविष्य में राज्य एक “हेल्थ एजुकेशन हब” के रूप में स्थापित होगा।


*स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार का बयान* 

उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य शिक्षा को सुदृढ़, सुगठित और राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद का गठन हमारे लिए परिवर्तनकारी कदम साबित होगा। इससे पैरामेडिकल तथा allied health शिक्षा में एकरूपता आएगी, पाठ्यक्रमों का मानकीकरण होगा और पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग प्रक्रिया बेहद सरल और पारदर्शी बनेगी। नए अधिनियम के तहत कई उभरते विषय और विशेषज्ञताएँ शामिल होंगी, जिससे युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने का अवसर मिलेगा। हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड गुणवत्ता–आधारित स्वास्थ्य शिक्षा और हेल्थकेयर स्किल डेवलपमेंट का मॉडल राज्य बनकर उभरे।

 *पंडित राम सुमेर शुक्ल की 47वीं पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धांजलि दी* 

 *रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज परिसर में पंडित शुक्ला जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और शिलापट्ट का अनावरण* 

 *विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 11 व्यक्तियों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया* 

 *तराई क्षेत्र के विकास के लिए सड़क, स्वास्थ्य, उद्योग और आधारभूत संरचना की दर्जनों घोषणाएँ* 

CM Dhami pay tribute to pandit ram sumer shukla

CM Dhami pay tribute to pandit ram sumer shukla



 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं तराई क्षेत्र के संस्थापक पंडित राम सुमेर शुक्ल की 47वीं पुण्यतिथि पर रुद्रपुर राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रांगण में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में  मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम स्थल पर पहुँचकर मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम स्वर्गीय पंडित राम सुमेर शुक्ल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके जीवन परिचय पर आधारित शिलापट्ट का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 11 व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया।



मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पंडित राम सुमेर शुक्ल राष्ट्रभक्ति, त्याग और समर्पण के प्रतीक थे, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश, समाज और किसानों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने बताया कि छात्र जीवन से ही पंडित जी की राष्ट्र सेवा की भावना अतुलनीय थी। वर्ष 1936 में मात्र 21 वर्ष की आयु में उन्होंने लाहौर अधिवेशन में मोहम्मद अली जिन्ना के द्विराष्ट्रवाद सिद्धांत का मुखर विरोध कर पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। बाद में गांधी जी के आदर्शों से प्रेरित होकर उन्होंने कानून की प्रैक्टिस छोड़ स्वतंत्रता आंदोलन में स्वयं को पूर्णतः समर्पित कर दिया। अनेक बार जेल जाने और यातनाएँ झेलने के बावजूद उनका साहस कभी नहीं डिगा। ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान युवाओं को संगठित कर उन्होंने आंदोलन को नई दिशा दी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी पंडित शुक्ल ने किसानों, स्वतंत्रता सेनानियों और तराई क्षेत्र के विकास को अपना जीवन लक्ष्य बनाया। तराई कॉलोनाइजेशन योजना के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने तराई क्षेत्र के विकास की मजबूत नींव रखी। आज रुद्रपुर और तराई का जो स्वरूप दिखाई देता है, वह उनकी दूरदृष्टि का परिणाम है। उन्होंने कहा कि पंडित जी की इसी विरासत को आगे बढ़ाने में उनके पुत्र तथा मेरे मित्र राजेश शुक्ल निरंतर कार्य कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। ऊधमसिंह नगर और रुद्रपुर क्षेत्र में सरकार द्वारा अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएँ संचालित की जा रही हैं। श्रद्धेय पं. राम सुमेर शुक्ल के नाम पर रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी जारी है। लगभग 590 करोड़ रुपये की लागत से रुद्रपुर बाईपास का निर्माण, खटीमा–टनकपुर और गदरपुर–जसपुर को जोड़ने वाली चार लेन सड़कों का निर्माण तथा 55 करोड़ रुपये की लागत से मानूनगर–गदरपुर–दिनेशपुर–हल्द्वानी मोटरमार्ग के चौड़ीकरण का कार्य तेजी से प्रगति पर है।


उन्होंने बताया कि रुद्रपुर रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण, नई सिग्नल लाइनें, दो रेल ओवरब्रिज, मास्टर ड्रेनेज प्लान की मंजूरी, महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट्स का निर्माण, 15 करोड़ की लागत से कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट और 17 करोड़ की लागत से एडवांस कूड़ा प्रबंधन प्लांट का कार्य भी जारी है। उन्होंने कहा कि किच्छा में 351 करोड़ रुपये की लागत से एम्स ऋषिकेश का सैटेलाइट सेंटर बन रहा है और पंतनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। गदरपुर और खटीमा में बाईपास, खटीमा व किच्छा में आधुनिक बस अड्डे तथा रुद्रपुर, गदरपुर और चकरपुर में खेल सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर और पंतनगर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना क्षेत्र की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। खुरपिया में प्रस्तावित इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी भी इस क्षेत्र की आर्थिक प्रगति में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने बताया कि जमरानी बांध परियोजना को पुनः प्रारंभ किया गया है, जिससे तराई क्षेत्र को पेयजल और सिंचाई की स्थायी सुविधा मिलेगी। साथ ही, हाल ही में गन्ना किसानों के हित में समर्थन मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का "विकल्प रहित संकल्प" तराई क्षेत्र को एक आधुनिक, विकसित और समृद्ध क्षेत्र बनाना है। पंडित राम सुमेर शुक्ल का यह स्वप्न सरकार की प्राथमिकताओं में सर्वोपरि है और इसे साकार करने के लिए सभी प्रयास जारी रहेंगे।


कार्यक्रम संयोजक एवं पूर्व विधायक राजेश शुक्ल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पंडित गोविंद बल्लभ पंत के नेतृत्व में पंडित राम सुमेर शुक्ल ने तराई को बसाने में ऐतिहासिक योगदान दिया। उन्होंने कहा कि आज एम्स, मेडिकल कॉलेज, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, इंडस्ट्रियल स्मार्ट पार्क जैसी परियोजनाएँ तराई के सुनहरे भविष्य का संकेत देती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि “धामी है तो हामी है”—धामी सरकार ने यूसीसी और नकलविरोधी कानून जैसे ऐतिहासिक निर्णय लेकर एक मिसाल कायम की है।


कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री पूर्व विधायक राजेश शुक्ल के आवास पहुँचे, जहाँ उन्होंने उनकी माताजी से आशीर्वाद लिया और भोजन ग्रहण किया।


कार्यक्रम में विधायक शिव अरोरा, मेयर विकास शर्मा, दीपक बाली, दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, फरजाना बेगम, खातिब मलिक, मंजीत सिंह, उत्तम दत्ता, मुकेश कुमार, गदरपुर नगरपालिका अध्यक्ष मिंटू गुम्बर, सचिन शुक्ला, नगर पंचायत दिनेशपुर की अध्यक्ष मंजीत कौर, पंडित राम सुमेर शुक्ल मेमोरियल फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष दिनेश शुक्ला, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।


 *प्रत्येक मतदाता तक पहुँच , समन्वय और संवाद अभियान*


- *विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर प्रारम्भिक तैयारियां शुरु*


- *2003 की मतदाता सूची से की जाएगी वर्तमान मतदाता सूची की मैपिंग*


- *हर मतदाता तक पहुंच सुनिश्चित करेंगे फिल्ड ऑफिसर*


देहरादून:

EC to match 2003 voter list to present list in uttarakhand

EC to match 2003 voter list to present list in uttarakhand


भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के कम में उत्तराखण्ड राज्य में प्री एसआईआर गतिविधियां शुरु कर दी गई हैं। इस चरण में आगामी विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर प्रारम्भिक तैयारियां की जाएंगी, साथ ही एसआईआर के दौरान मतदाताओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसके दृष्टिगत "प्रत्येक मतदाता तक पहुंच , समन्वय और संवाद' अभियान पर कार्य किया जा रहा है।


मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ० बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अलग-अलग वर्षों में इससे पूर्व 11 बार विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसआईआर) पूरे देश में संपादित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में वर्ष 2003 में एसआईआर किया गया था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में आयोग द्वारा पहले चरण में बिहार और दूसरे चरण में 12 अन्य राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने बताया कि आयोग का इस पूरी प्रकिया के पीछे उद्देश्य हर पात्र मतदाता को मतदाता सूची में शामिल करना है।


*प्रत्येक मतदाता तक पंहुच, समन्वय और संवाद' अभियान*


मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्री एसआईआर फेज में प्रदेश की वर्तमान मतदाता सूची में शामिल लगभग 40 वर्ष तक की आयु के ऐसे मतदाता जिनके नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज थे उनकी सीधे बीएलओ एप से मैपिंग की जाएगी। इसके साथ ही 40 वर्ष या उससे अधिक आयु के ऐसे मतदाता जिनके नाम 2003 की मतदाता सूची में किसी कारणवश नहीं है तो उनके माता-पिता अथवा दादा-दादी के नाम के आधार पर प्रोजनी के रुप में मैपिंग की जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2003 की मतदाता सूची www.ceo.uk.gov.in एवं www.voters.eci.gov.in पर सर्च की जा सकती है।


*राष्ट्रीय राजनैतिक दलों से बीएल नियुक्त करने की अपील*


मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ० बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दलों से अपने-अपने बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) नियुक्त करने की अपील की है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 11733 बूथ के सापेक्ष 4155 बीएलए ही नियुक्त हैं।


*हेल्प डेस्क होगी स्थापित*


मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ० बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि सभी जनपदों में जिलाधिकारी, ईआरओ और बीएलओ को मतदाताओं के बीच अपनी पहुंच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जनपद एवं ईआरओ स्तर पर एक हेल्प डेस्क स्थापित की जा रही है ताकि मतदाताओं को आसानी से मदद मिल सके।


इस अवसर पर अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रकाश चंद्र, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तु दास मौजूद रहे।


_नुन्नावाला गुरुद्वारा के समीप बस–ट्रैक्टर दुर्घटना

SDRF की त्वरित व सफल रेस्क्यू कार्रवाई—एक गंभीर घायल व्यक्ति सुरक्षित निकाला






आज प्रातः 05:55 बजे कोतवाली डोईवाला से सूचना प्राप्त हुई कि नुन्नावाला गुरुद्वारा के समीप एक बस तथा गन्ने से भरे ट्रैक्टर के मध्य भीषण टक्कर हो गई है, जिसमें एक व्यक्ति गंभीर रूप से वाहन के बीच फँस गया है और तत्काल रेस्क्यू सहायता की आवश्यकता है।

सूचना मिलते ही एसडीआरएफ वाहिनी जौलीग्रांट की अलर्ट टीम, प्रभारी मुख्य आरक्षी रोबिन कुमार के नेतृत्व में, बिना विलंब घटनास्थल हेतु रवाना हुई।

घटनास्थल पर पहुँचकर SDRF टीम ने स्थिति का त्वरित मूल्यांकन करते हुए रेस्क्यू अभियान आरंभ किया। दुर्घटना में बुरी तरह क्षतिग्रस्त बस व ट्रैक्टर के बीच फँसे व्यक्ति योगेंद्र सिंह (उम्र 51 वर्ष), निवासी दिलशान, मोदीनगर–गाज़ियाबाद को अत्यंत सावधानी, संयम एवं तकनीकी दक्षता का उपयोग करते हुए सुरक्षित बाहर निकाला गया।


घायल व्यक्ति की स्थिति गंभीर होने के कारण उसे तत्काल 108 एंबुलेंस के माध्यम से निकटतम अस्पताल भेजा गया।_

 *गन्ना समर्थन मूल्य बढ़ाने पर किसानों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का किया आभार*

 *राज्य सरकार ने गन्ना मूल्य में की ₹30 प्रति क्विंटल की ऐतिहासिक बढ़ोतरी* 

 *उत्तराखंड बना पड़ोसी राज्यों से अधिक गन्ना मूल्य देने वाला राज्य*

 *निर्णय से करीब तीन लाख गन्ना किसानों को मिलेगा सीधा लाभ* 

CM dhamihoored handicapped


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को खटीमा दौरे पर रहे। इस दौरान क्षेत्र के किसानों ने गन्ना समर्थन मूल्य में उल्लेखनीय बढ़ोतरी किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके निर्णय के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।


कार्यक्रम के दौरान भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह नेगी के नेतृत्व में पहुंचे किसानों ने मुख्यमंत्री श्री धामी को गन्ना, तथा पर्वतीय क्षेत्रों की पारंपरिक कृषि उपज—गडेरी, माल्टा, अदरक और शहद से भरी विशेष टोकरी—भेंट की।


महेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गन्ने के समर्थन मूल्य में की गई वृद्धि से प्रदेश के लगभग तीन लाख गन्ना किसानों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा। उन्होंने इस फैसले को किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक मजबूत कदम बताया।



उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में गन्ना मूल्य में ₹30 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। अब शीघ्र प्रजाति वाले गन्ने का समर्थन मूल्य

₹375 से बढ़कर ₹405 प्रति क्विंटल हो गया है। सामान्य प्रजाति वाले गन्ने का समर्थन मूल्य ₹365 से बढ़कर ₹395 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इस निर्णय के बाद उत्तराखंड अब पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से भी अधिक गन्ना समर्थन मूल्य देने वाला राज्य बन गया है, जो गन्ना किसानों के लिए एक बड़ी राहत है।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसानों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रतिबद्ध है और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।


मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करने वालों में राज्य किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी राजेंद्र सिंह बिष्ट, संदीप कुकसाल, हरीश सुनाल, नरेंद्र मेहरा, सोबन सिंह, भैरव खोलिया, रवीन्द्र रैकुनी, आनंदमणि भट्ट सहित अनेक किसान उपस्थित रहे।


*मुख्यमंत्री ने विश्व दिव्यांग दिवस पर हल्द्वानी में राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार समारोह, दिव्यांगजनों को किया सम्मानित*


*दिव्यांग जन दिव्यांग नहीं, समाज के दिव्य-अंग हैं-मुख्यमंत्री*

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को विश्व दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर समाज कल्याण विभाग द्वारा हल्द्वानी एमबीपीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार वितरण समारोह में दिव्यांगजन प्रतिभागियों को पुरस्कार राशि, मेडल, प्रशस्ति पत्र एवं मानपत्र प्रदान किए।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देहरादून में ₹905.13 लाख की लागत से बनने वाले आयुक्त दिव्यांगजन उत्तराखण्ड, उत्तराखण्ड बहुउद्देशीय वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड तथा समाज कल्याण आईटी सेल के बहुउद्देशीय कार्यालय भवन का शिलान्यास तथा प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र, नैनीताल (एलिम्को) का लोकार्पण किया।


मुख्यमंत्री ने सभी दिव्यांगजनों को विश्व दिव्यांग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिवस केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि उन असाधारण व्यक्तियों को सम्मान देने का अवसर है जिन्होंने चुनौतियों को अवसर और संघर्षों को प्रेरणा में बदलकर समाज को दिशा दी है। उन्होंने कहा कि “दिव्यांगता शरीर में हो सकती है, लेकिन सपनों में नहीं”, और आज हमारे दिव्यांग भाई-बहन प्रत्येक क्षेत्र में देश का गौरव बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन दिव्यांग नही समाज के दिव्य अंग है।


उन्होंने भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर, इंग्लिश चौनल पार करने वाले सत्येंद्र सिंह लोहिया तथा बिना हाथों के विश्व पैरा तीरंदाजी चौंपियन बनीं शीतल देवी जैसे प्रेरक उदाहरण साझा किए। मुख्यमंत्री ने हाल ही में भारत की दिव्यांग महिला क्रिकेट टीम द्वारा कोलंबो में टी-20 ब्लाइंड वूमेन वर्ल्ड कप-2025 जीतने पर भी गर्व व्यक्त किया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज केन्द्र और राज्य सरकार दोनों दिव्यांगजनों को समान अवसर और गरिमामय जीवन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नए भवनों, अस्पतालों व बस अड्डों के निर्माण में दिव्यांगजन-अनुकूल व्यवस्थाएँ अनिवार्य की गई हैं। कई पुराने भवनों में भी सुगम्यता हेतु आवश्यक परिवर्तन किए गए हैं। साथ ही “कॉमन साइन लैंग्वेज” के प्रसार और दिव्यांगजन हितैषी स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन भी सरकार की प्राथमिकता है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर दिव्यांगजनों को ₹1500 मासिक पेंशन, दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को ₹700 मासिक भरण-पोषण अनुदान, तीलू रौतेली विशेष दिव्यांग पेंशन योजना व बौना पेंशन योजना के तहत ₹1200 मासिक पेंशन के साथ ही सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजनों के लिए क्षैतिज आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किये जाने, दिव्यांग छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति तथा कृत्रिम अंगों हेतु ₹7000 अनुदान, दिव्यांग से विवाह करने पर ₹50,000 प्रोत्साहन राशि, दिव्यांग छात्रों के लिए सिविल सेवा परीक्षा की निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराते हुए जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों के माध्यम से उन्हें सभी योजनाओं का एकीकृत लाभ प्रदान किया जा रहा है।


इसके साथ ही देहरादून स्थित आयुक्त दिव्यांगजन कार्यालय में ऑनलाइन सुनवाई की व्यवस्था तथा ऊधमसिंह नगर में मानसिक रूप से दिव्यांगों के लिए पुनर्वास गृह का निर्माण किया गया है। देहरादून में राज्य का पहला “प्रधानमंत्री दिव्यांशा केंद्र” भी प्रारंभ किया गया है। राज्य गठन के बाद पहली बार दिव्यांग सर्वेक्षण भी प्रारंभ किया गया है, जिससे दिव्यांगजनों की वास्तविक संख्या व आवश्यकताओं का सही आकलन हो सकेगा।


मुख्यमंत्री ने राज्य के “यंग इनोवेटिव माइंड्स” से अपील की कि वे अपने आविष्कारों में दिव्यांगजनों की जरूरतों को विशेष स्थान दें और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित तकनीक विकसित कर दिव्यांगजनों के जीवन को और सुगम बनाएं। उन्होंने अधिकारियों को ऐसे युवाओं को आवश्यक सहयोग प्रदान करने के निर्देश भी दिए।


कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा 41 प्रतिभाशाली दिव्यांगजनों को ₹8000 की पुरस्कार राशि, मेडल, प्रशस्ति पत्र एवं मानपत्र प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री ने सभी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनका मनोबल भी बढ़ाया।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल, मेयर गजराज बिष्ट, विधायक बंशीधर भगत, सरिता आर्या, राम सिंह कैड़ा, दर्जा राज्यमंत्री सुरेश भट्ट, सचिव समाज कल्याण श्रीधर बाबू अदांगी, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल, एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में दिव्यांगजन उपस्थित रहे।



 *किसान अन्नदाता—सरकार हर कदम पर उनके साथ: मुख्यमंत्री धामी* 

 *कृषि, पशुपालन, मत्स्य और शहद उत्पादन बढ़ाने की अपील* 

 *रीप परियोजना के तहत महिलाओं को ई-रिक्शा और किसानों को अनुदान वितरित* 

CM Dhami pantnagar


 उत्तराखंड राज्य स्थापना रजत जयंती के अवसर पर गोविन्द वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर द्वारा लोहिया हेड मैदान में आयोजित कृषि गोष्ठी एवं कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने  किया। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय, कृषि विभाग तथा विभिन्न संस्थानों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन किया और इसे किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।


कृषि गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसान हमारा अन्नदाता है, और किसान मजबूत होगा तो देश और प्रदेश दोनों प्रगतिशील एवं सम्पन्न बनेंगे। उन्होंने पंतनगर विश्वविद्यालय को हरित क्रांति की जन्मस्थली बताते हुए कहा कि यहां निरंतर शोध और नवाचार किए जा रहे हैं, जिनका लाभ किसानों तक पहुंच रहा है। मुख्यमंत्री ने किसानों से उन्नत बीजों, आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग कर उत्पादन बढ़ाने तथा अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने का आह्वान किया।


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों और सैनिकों की सरकार है, और किसानों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। किसानों की आय दोगुनी करने और आर्थिकी को मजबूत करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी कल्याणकारी योजनाओं का किसानों को अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की गई। उन्होंने कृषि के साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन, रेशम, शहद उत्पादन जैसे सहायक व्यवसाय अपनाने को भी प्रोत्साहित किया।


मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार गन्ना किसानों को राहत देते हुए गन्ने के समर्थन मूल्य में ₹30 प्रति क्विंटल की ऐतिहासिक वृद्धि की गई है। उन्होंने किसानों से गन्ने का रकबा बढ़ाने और अधिक उत्पादन करने की अपील की, ताकि उन्हें बेहतर आय मिल सके। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रम प्रदेशभर में निरंतर आयोजित किए जाएंगे, जिससे सीमांत क्षेत्रों के किसानों को नवाचार और आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी मिल सके।


कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने रीप परियोजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को छह ई-रिक्शा प्रदान किए। इसके साथ ही कृषि विभाग के दो प्रगतिशील किसानों को ₹49,750/- की अनुदान राशि के चेक और कुल 1000 किसानों के लिए निर्धारित कृषक किटों में से पाँच किट सांकेतिक रूप से वितरित की गईं। किसानों ने गन्ना मूल्य बढ़ोतरी के लिए मुख्यमंत्री का जोरदार नारे लगाकर स्वागत किया और उनके प्रति आभार व्यक्त किया।


कार्यक्रम में महापौर दीपक बाली, खटीमा नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी, नानकमत्ता के प्रतिनिधि प्रेम सिंह टूरना, पूर्व विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा, दान सिंह रावत, राजपाल सिंह, कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया सहित अनेक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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