आज दिनांक 15 नवम्बर 2025 को उत्तराखण्ड राज्य में भूकंप से संभावित जोखिमों के दृष्टिगत एक राज्यव्यापी मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। आपदा प्रबंधन विभाग के समन्वय में आयोजित इस अभ्यास में SDRF उत्तराखण्ड ने अग्रणी भूमिका निभाते हुए विभिन्न जनपदों में तैनात अपनी 42 टीमों के माध्यम से व्यापक स्तर पर राहत एवं बचाव गतिविधियों का प्रदर्शन किया।
अभ्यास के दौरान SDRF ने जिला पुलिस, NDRF, आर्मी, फायर सर्विस, रेड क्रॉस एवं अन्य आपदा प्रबंधन इकाइयों के साथ संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन, कैजुअल्टी इवैक्यूएशन, फंसे हुए व्यक्तियों का सुरक्षित रेस्क्यू, क्रिटिकल एरिया रिस्पॉन्स, कमांड एवं कंट्रोल सिस्टम, संचार व्यवस्था आदि प्रक्रियाओं का वास्तविक परिस्थितियों के अनुरूप अभ्यास किया।
*मॉक ड्रिल का प्रमुख उद्देश्य*
भूकंप आने की स्थिति में तत्काल और संगठित प्रतिक्रिया क्षमता को परखना,
विभिन्न एजेंसियों के बीच इंटर-एजेंसी कोऑर्डिनेशन को मजबूत बनाना,
संसाधनों की उपलब्धता एवं उपयोग का मूल्यांकन, तथा
नागरिकों में जागरूकता एवं सुरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करना रहा।
*इन परिदृश्यों पर हुई मॉक ड्रिल*
बहुमंजिला आवासीय भवन का ढह जाना।
अस्पताल भवन का आंशिक रूप से ढह जाना, मरीज/स्टाफ का रेस्क्यू।
विद्यालय/कॉलेज क्षतिग्रस्त होने से बच्चों का फंसना और रेस्क्यू ऑपरेशन।
घायलों को चिकित्सा शिविरों तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस रूट प्रबंधन।
बांध की विफलता के उपरांत राहत एवं बचाव कार्य। डाउनस्ट्रीम में अलर्ट।
अपार्टमेंट/शापिंग मॉल, कॉम्प्लेक्स का ढह जाना, परिवार मलबे में फंसे।
औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री की दीवार का गिरना। रासायनिक रिसाव की स्थिति।
पहाड़ों में भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध होना और पर्यटकों का फँस जाना।
विद्युत सब-स्टेशन का क्षतिग्रस्त होना, पूरे क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बाधित।
हिमस्खलन तथा ग्लेशियर झील का फटने से निचले क्षेत्रों में खतरा।
सुरंग के अंदर भूस्खलन से मजदूरों का फंसना।
SDRF की टीमों ने सभी निर्धारित परिदृश्यों में तेज प्रतिक्रिया, पेशेवर दक्षता एवं उत्कृष्ट अनुशासन का प्रदर्शन किया। इस अभ्यास से भूकंप जैसी आकस्मिक परिस्थितियों के दौरान राज्य की समग्र प्रतिक्रिया क्षमता को और अधिक मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।