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*मतगणना को लेकर कार्मिकों का तीसरा रेंडमाइजेशन संपन्न,*


*पार्टी, पाली और ब्लाक के बाद कार्मिकों को आवंटित की हुई मतगणना टेबल,*

*235 टेबल पर होगी देहरादून के 06 ब्लाक के 1095 बूथों की मतगणना*


*चकराता ब्लाक की मतगणना के लिए 30 जुलाई रवाना होंगे मतगणना कार्मिक।*


देहरादून :



त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना की जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर दी है। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नोडल अधिकारी कार्मिक/मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में मंगलवार को मतगणना कार्मिकों का तीसरा और आखिरी रेंडमाइजेशन करते हुए कार्मिकों मतगणना टेबल आवंटित की गई।


देहरादून जनपद के सभी 06 विकास खंडों की मतगणना के लिए 235 टेबल लगाई जाएंगी। प्रत्येक टेबल पर एक मतगणना पर्यवेक्षक सहित चार मतगणना कार्मिक तैनात रहेंगे। मतगणना के लिए दो पालियों की व्यवस्था की गई है। प्रथम पाली सुबह 8 बजे से सायं 8 बजे तक और दूसरी पाली सांय 8 बजे से अगले दिन सुबह 8 बजे तक मतगणना का कार्य करेगी। मतगणना कार्य पूरा न होने पर फिर प्रथम पाली के कार्मिक आगे का जिम्मा सभालेंगे। देहरादून के 06 ब्लाक के  सभी 1095 बूथों की मतगणना के लिए 235 टेबल लगेंगी। विकासखंड चकराता व कालसी में 24-24, विकासनगर 60, सहसपुर 50, रायपुर 30 और 47 टेबल लगाई जाएंगी। कार्मिकों के रेंडमाइजेशन के दौरान मुख्य शिक्षा अधिकारी वीके ढौंडियाल, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी रनजीत सिंह चौहान, एडीआईओ अंकुश पांडेय आदि मौजूद थे।


मतगणना कार्मिकों को मंगलवार को नीबूवाला में मतगणना कार्यो का अंतिम प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें मतगणना कार्यो की सभी व्यावहारिक एवं सैद्धान्तिक जानकारी दी गई। सभी कार्मिकों को समय पर अपने मतगणना स्थल पर उपस्थित रहने के आदेश भी जारी कर दिए गए है। दूरस्थ ब्लाक चकराता की मतगणना कार्मिक मतगणना से एक दिन पूर्व चकराता पहुंचेगे।


 *टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी तैनाती मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी*


*अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री की घोषणा।*

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस के अवसर पर घोषणा की है कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में स्थापित की जा रही टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में उत्तराखंड के अग्निवीरों को सीधी तैनाती दी जाएगी। टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में 80 से अधिक युवाओं की भर्ती होगी। इस बल का प्राथमिक उद्देश्य बाघों और उनके आवास की सुरक्षा को मजबूत करना है। इससे न केवल बाघ संरक्षण प्रयासों को मजबूती मिलेगी बल्कि अग्निवीर योजना के तहत प्रशिक्षित युवाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।


*टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का उद्देश्य*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की इस फोर्स की स्थापना से वृहद बाघ संरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी तथा अवैध शिकार पर रोक लगेगी टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का मुख्य काम बाघों के अवैध शिकार को रोकना होगा। प्रशिक्षित जवान वन क्षेत्रों में गश्त करेंगे, खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगे और शिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। इससे वन्यजीव अपराधों पर नियंत्रण के साथ ही यह फोर्स वन और वन्यजीव से संबंधित अन्य अपराधों जैसे लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और अतिक्रमण पर भी नियंत्रण रखेगी।


*मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन में भी सहयोगी बनेगी यह फोर्स*


मुख्यमंत्री ने कहा कि बाघों के प्राकृतिक आवास का संरक्षण भी महत्वपूर्ण है। यह फोर्स वनों की कटाई और उनके आवास को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को रोकने में मदद करेगी तथा मानव-वन्यजीव संघर्ष का प्रबंधन में भी सहयोगी बनेगी, उन्होंने कहा कि कई बार बाघ आबादी वाले क्षेत्रों में आ जाते हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष होता है। यह फोर्स ऐसी स्थितियों को संभालने और नियंत्रित करने में प्रशिक्षित होगी, ताकि दोनों पक्षों को नुकसान न हो। इस फोर्स को आधुनिक निगरानी तकनीकों, जैसे ड्रोन, थर्मल इमेजिंग और जीपीएस ट्रैकिंग से लैस किया जा सकता है, जिससे उनकी दक्षता बढ़ेगी।


*बाघ संरक्षण में भारतीय सेना (अग्निवीरों) की भागीदारी*


उत्तराखंड के अग्निवीरों की सीधी तैनाती बाघ संरक्षण में भारतीय सेना (या सेना से प्रशिक्षित कर्मियों) की भागीदारी का एक अनूठा उदाहरण है। अग्निवीर भारतीय सेना द्वारा कठोर अनुशासन और प्रशिक्षण से गुजर चुके होते हैं। यह प्रशिक्षण उन्हें शारीरिक रूप से फिट, मानसिक रूप से मजबूत और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार करता है। यह गुण उन्हें वन गश्त और वन्यजीव अपराधों से निपटने में अत्यधिक प्रभावी बनाएंगे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना के जवान रणनीतिक योजना और त्वरित निर्णय लेने में निपुण होते हैं। अग्निवीरों को अक्सर आधुनिक हथियारों और संचार प्रणालियों के उपयोग का ज्ञान होता है, जो उन्हें वन्यजीव संरक्षण के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग करने में सक्षम बनाएगा। अग्निवीर राष्ट्र सेवा की भावना से ओत-प्रोत होते हैं। वन्यजीव संरक्षण भी एक प्रकार की राष्ट्र सेवा है, और यह भावना उन्हें अपने कर्तव्य के प्रति अधिक समर्पित बनाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने से उन्हें क्षेत्र के भूगोल, मौसम और स्थानीय चुनौतियों की बेहतर समझ होगी, जिससे उनका काम और प्रभावी होगा।


*यह पहल वृहद बाघ संरक्षण के प्रयासों को देगी मजबूती*


मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व, जो भारत में बाघों के सबसे महत्वपूर्ण आवासों में से एक है, को अब एक अत्यधिक प्रशिक्षित और समर्पित बल की सुरक्षा मिलेगी। इससे अवैध शिकार की घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। अग्निवीरों की भर्ती से स्थानीय समुदाय भी संरक्षण प्रयासों में शामिल होगा, जिससे एक सकारात्मक माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि यदि यह मॉडल सफल होता है, तो इसे देश के अन्य बाघ अभयारण्यों और संरक्षित क्षेत्रों में भी दोहराया जा सकता है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर बाघ संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की यह घोषणा बाघ संरक्षण के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता दर्शाती है यह कदम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व और उत्तराखंड में बाघों के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर  छात्र व प्रतिभाशाली  वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर शौर्य प्रताप बिष्ट ने भेंट की | मुख्यमंत्री श्री धामी ने शौर्य प्रताप बिष्ट की उत्कृष्ट रचनात्मक वन्य जीव फोटोग्राफी की प्रशंसा की तथा उन्हें सम्मानित किया | 


 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को  शौर्य प्रताप बिष्ट ने कुछ वन्यजीव तस्वीरें मुख्यमंत्री कार्यालय हेतु भेंट की। मुख्यमंत्री ने  जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान पर शौर्य की वन्यजीव फोटोग्राफी की विशेष रूप से सराहना करते हुए उन्हें और अधिक समर्पण के साथ अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित  किया।

 


*उत्तराखंड समेत हिमालयी बर्फबारी वाले क्षेत्रों में 1 अक्टूबर, 2026 से शुरू होगी जातीय जनगणना*


*- जनगणना केवल आँकड़ों का संग्रह नहीं, बल्कि विकास की बुनियादी योजना का होती है आधार: त्रिवेन्द्र*


नई दिल्ली:


MP Trivendra Singh Rawat


हरिद्वार लोकसभा से सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा संसद में जनगणना-2027 को लेकर प्रश्न पूछा, जिसके लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने जनगणना-2027 से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने जनगणना-2027 को दो चरणों में आयोजित करने का निर्णय लिया है और इसके लिए राजपत्र अधिसूचना 16 जून, 2025 को जारी कर दी गई है।


जनगणना दो चरणों में आयोजित होगी

*1. पहला चरण – मकान सूचीकरण और मकानों की गणना:*

इसमें प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और बुनियादी सुविधाओं से संबंधित जानकारी एकत्र की जाएगी।

*2. दूसरा चरण – जनगणना:*

इस चरण में प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक तथा अन्य महत्वपूर्ण जानकारी ली जाएगी। विशेष रूप से, इस जनगणना में जाति आधारित गणना भी की जाएगी।


श्री नित्यानंद राय ने बताया कि सामान्य क्षेत्रों के लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 की मध्यरात्रि (00:00 बजे) होगी।और हिमालयी बर्फबारी वाले क्षेत्रों (जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के असमय बर्फीले क्षेत्र) के लिए यह तिथि 1 अक्टूबर, 2026 की मध्यरात्रि (00:00 बजे) निर्धारित की गई है।


मंत्री जी ने बताया कि जनगणना-2027 के लिए वित्तीय परिव्यय को अंतिम रूप दिया जा रहा है, और इसकी जानकारी समय पर साझा की जाएगी।


श्री नित्यानंद राय ने यह स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अद्यतन करने का कोई निर्णय फिलहाल नहीं लिया गया है।सरकार द्वारा केवल जनगणना कराने की अधिसूचना जारी की गई है। मकान सूचीकरण एवं मकानों की गणना की संचालन तिथियां उचित समय पर अधिसूचित की जाएंगी।


सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि जनगणना केवल आँकड़ों का संग्रह नहीं, बल्कि विकास की बुनियादी योजना का आधार होती है। सरकार द्वारा जाति आधारित आंकड़ों को शामिल करने और दो चरणों में जनगणना करने का निर्णय स्वागत योग्य है। इससे योजनाओं को और अधिक लक्षित रूप में क्रियान्वित किया जा सकेगा। यह जनगणना डिजिटल तकनीक और डेटा पारदर्शिता की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी, जिससे ‘विकसित भारत 2047’ के विज़न को गति मिलेगी।



संसद में आज पशुपालन को स्वरोजगार का साधन बनाने से सम्बंधित प्रश्न पूछेंगे गए जिसके लिखित उत्तर में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने बताया कि केंद्र सरकार उत्तराखंड सहित देशभर में पशुपालन को स्वरोजगार का मजबूत साधन बनाने हेतु बहुआयामी योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है।


मंत्री जी ने बताया कि सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन, राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम तथा पशुपालन अवसंरचना विकास निधि जैसी योजनाओं के माध्यम से दुग्ध उत्पादन, नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य, डेयरी प्रसंस्करण और स्वरोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है।


उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत हरिद्वार जिले में अब तक 1.56 लाख से अधिक कृत्रिम गर्भाधान कराए गए हैं। मैत्री योजना के अंतर्गत राज्य में 817 तकनीशियन प्रशिक्षित किए गए हैं जो ग्रामीण स्तर पर प्रजनन व प्राथमिक उपचार सेवाएं दे रहे हैं। हरिद्वार में एक उन्नत नस्ल वृद्धि फार्म स्वीकृत किया गया है। राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में 7504.26 लाख रु. की लागत से दुग्ध अवसंरचना को मजबूती दी जा रही है, जिसमें हरिद्वार को भी सम्मिलित किया गया है।


उन्होंने बताया कि नाबार्ड की ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (RIDF) योजना के तहत नैनीताल में 1.50 लाख लीटर/दिन क्षमता वाला आधुनिक डेयरी संयंत्र और चंपावत में संयंत्र क्षमता विस्तार हेतु परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के अंतर्गत राज्य में 9.60 करोड़ रुपये लागत की 2 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।


इसके अलावा मंत्री जी ने बताया कि पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP) के अंतर्गत उत्तराखंड में खुरपका-मुँहपका, ब्रुसेलोसिस, पीपीआर और लम्पी स्किन डिज़ीज़ के खिलाफ कुल 1.63 करोड़ टीकाकरण किए गए हैं। हरिद्वार जिले में अब तक 16.61 लाख एफएमडी, 2.3 लाख ब्रुसेलोसिस व 3.35 लाख एलएसडी टीकाकरण संपन्न हुए हैं।

राज्य में 60 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयाँ, जिनमें हरिद्वार में 5 एमवीयू, ग्रामीण क्षेत्रों तक पशु स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचा रही हैं।


हरिद्वार सांसद श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में पशुपालन न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है, बल्कि आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार का भी सशक्त माध्यम है। केंद्र की योजनाएँ राज्य में डेयरी क्रांति लाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। हम इन प्रयासों को ग्राम स्तर तक प्रभावी रूप से लागू कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


कुठालगेट के समीप निर्माणाधीन साईट मिली थी अवैध खनन की शिकायत


डीएम के निर्देश; एसडीएम मसूरी पंहुची मौके पर वाहन जब्त; सील


देहरादून ;

Raid on illegal mining in dehradun


 जिले के कुठालगेट क्षेत्र में निर्माणाधीन साईट पर अवैध खनन मिलने की शिकायत पर उप जिलाधिकारी मसूरी के नेतृत्व में जिला प्रशासन पुलिस की टीम द्वारा मौके पर जाकर अवैध खनन में सलिंप्त जेसीबी, पोकलैण्ड मशीन तथा खनन का परिवहन कर रहे 2 पिकअप को सील कर कुठालगेट पुलिस चौकी में खड़ा कर दिया तथा जेसीबी, पोकलेण्ड मशीन को मौके पर ही सील करते हुए 7.20 लाख का अर्थदण्ड की कार्यवाही की गई है तथा सम्बन्धित वाहन स्वामियों के विरूद्ध मुकदमें दर्ज कर दिए गए है। 

जिलाधिकारी सविन बसंल के निर्देश पर जिला प्रशासन अवैध खनन निरंतर कार्यवाही की जा रही है। जिलाधिकारी द्वारा खनन की शिकायतों के निराकरण हेतु सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। कुठालगेट के समीप जिला प्रशासन को निर्माणाधीन साईट पर अवैध खनन की शिकायतें प्राप्त हो रही थी जिस पर डीएम ने कार्यवाही के निर्देश दिए फलस्वरूप खनन लिप्त वाहन उपकरण सीज करते हुए 7.20 लाख का अर्थदण्ड लगाया है। 



सालों से बुजुर्ग रविन्द्र सिंह की अमल दारामद प्रकरण को दबाए बैठे सदर राजस्व कानूनगो निलम्बित

सदर राजस्व कानूनगो राहुल देव दबाए बैठे थे इन्द्राज पत्रावली 

डीएम के एक्शन से आया भूचाल; लापरवाह कार्मिकों में मची खलबली; मुकदमा; निलम्बन; पदच्युत का भय


इसी बीते सोमवार जनता दर्शन में तो बुजुर्ग फरियादी पंहुचे थे; और तीसरे ही दिन डीएम ने किया काम तमाम;

revenue officer suspended by DM Dehradun


एसडीएम तहसीलदार की कई चेतावनियों के पश्चात भी नहीं  सुधरा था कानूनगो;


वर्षों से नक्शा दुरूस्ती न किए जाने की शिकायत लेकर पंहुचे थे व्यथित बुजुर्ग रविन्द्र सिंह


धारा 28 अन्तर्गत, 2018 के कलक्टर द्वारा पारित आदेश का बिते रोज तक भी नही हुआ था क्रियान्वयन; दोषी राजस्व कानूनगो निलम्बित 


लापरवाह कार्मिकों डीएम का सपष्ट संदेश, कार्यप्रवृत्ति सुधारो वरना अपनी बारी के लिए तैयार रहो


देहरादून दिनांक 29 जुलाई 2025, (सू.वि), जिलाधिकारी सविन बंसल ने ओदशों की नाफरमानी तथा शासकीय कार्यों की पत्रावली वर्षों से लम्बित रखने पर सम्बधित राजस्व कानूनगो को निलम्बित कर दिया है। इससे लापरवाह कार्मिकों को सख्त संदेश दिया है। इस कड़े एक्शन से जहां भूचाल आ गया है वहीं लापरवाह कार्मिकों में खलबली मच गई है। कई कार्मिकों को निलम्बन का डर सताने लगा है। 

दरअसल जनता दर्शन कार्यक्रम में गांधी रोड निवासी रविन्द्र सिंह ने डीएम को फरियाद लगाकर बताया कि उनकी भूमि का धारा 28 अन्तर्गत  16 मई 2018 को कलक्टर ने पारित किये थे आदेश। तथा तहसील में परवाना प्राप्त हुआ था, जिसे आरके द्वारा आर-6 में 2023 में दर्ज करा दिया था तथा दिसम्बर 2023 में कानूनगो माजरा को प्राप्ति करा दिया था किन्तु अभी तक क्रियान्वयन नक्शा दुरूस्ती नही किया गया है, तहसील के कई चक्कर लगाने पर भी नक्शा दुरूस्त नही किया गया है। 

उक्त प्रकरण पर डीएम ने आदेशों की नाफरमानी पर सम्बन्धित राजस्व कानूनगो के निलम्बन की पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश तहसीलदार सदर को दिए। डीएम ने सम्बन्धित राजस्व कानूनगो राहुल देव को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया .

 *मुख्यमंत्री ने खटीमा में 26.23 करोड़ से निर्मित पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय का किया लोकार्पण*


*2019 से खटीमा में संचालित केंद्रीय विद्यालय को मिला ,अपना भवन*

PM shri KV school khatima by CM  Dhami


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को खटीमा में अखिल भारतीय शिक्षा समागम के अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹ 26.23 करोड़ की लागत से निर्मित केंद्रीय विद्यालय, खटीमा का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यालय परिसर में पौधरोपण भी किया।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सभी के लिए हर्ष और गौरव के क्षण हैं। देश में शिक्षा के क्षेत्र में आई नई क्रांति के 5 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर खटीमा में भी ज्ञान और विज्ञान के नए युग का आरंभ हो रहा है।


मुख्यमंत्री ने खटीमा को केंद्रीय विद्यालय की सौगात देने के सभी खटीमा वासियों की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान का  आभार व्यक्त किया। 


उन्होंने कहा केंद्रीय विद्यालय की शिक्षा हमारी सेना, अर्धसैनिक बलों तथा उन तमाम कार्मिकों के बच्चों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। 


मुख्यमंत्री ने कहा यदि मेरे छात्र जीवन के दौरान खटीमा में केंद्रीय विद्यालय होता, तो वो स्वयं भी केन्द्रीय विद्यालय के छात्र होते। उन्होंने कहा खटीमा के छात्र-छात्राओं को शिक्षा के लिए यहां से पलायन न करना पड़े, इसके लिए उन्होंने विधायक रहते हुए खटीमा में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए हर संभव प्रयास किए और आज उसी विद्यालय को अपना भवन भी मिल गया है। उन्होंने कहा खटीमा क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना से यहाँ के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने और उनके समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से बच्चों को रोजगार परख शिक्षा के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में भी सहायता मिल रही है। इसमें शोध और अनुसंधान को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक सोच का विकास भी हो रहा है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। जिसके अंतर्गत हमने प्रदेश के 5600 से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों में बालवाटिका कक्षाओं की शुरुआत कर एक महत्वपूर्ण और दूरगामी शैक्षणिक पहल की है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा उनका घर है और वहां के निवासी उनके परिवार के सदस्य। उन्होंने कहा खटीमा से ही उन्होंने जनसेवा की यात्रा प्रारंभ की थी। खटीमा की माटी और लोगों से उन्हें हमेशा ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने खटीमा में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल से लेकर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। खटीमा में हाईटेक बस स्टैंड, आधुनिक आईटीआई और पॉलीटेक्निक कॉलेज तथा 100 बेड के नए अस्पताल परिसर, राष्ट्रीय स्तर के अत्याधुनिक खेल स्टेडियम का निर्माण कर बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया है। क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने हेतु गदरपुर और खटीमा बाईपास का निर्माण, नौसर में पुल निर्माण के साथ ही पूरे क्षेत्र में सड़कों का व्यापक नेटवर्क विकसित किया गया है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राजकीय महाविद्यालय खटीमा में एमकॉम और एमएससी की कक्षाएं शुरू करवाई हैं। जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में एकलव्य विद्यालय का संचालन भी प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही है। जिसके परिणाम स्वरूप एसडीजी इंडेक्स रिपोर्ट में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूरे देश में हमारा राज्य प्रथम स्थान पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि बीते  वर्ष में बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाने में सफलता प्राप्त की गई है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। राज्य में सख्त दंगारोधी और धर्मांतरण विरोधी कानून को लागू किया गया है। राज्य में साढ़े छह हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। 200 से अधिक अवैध मदरसों को सील करने के साथ 500 से अधिक अवैध संरचनाओ को भी हटाया है।  प्रदेश में ऑपरेशन कालनेमि भी प्रारंभ किया है जिसके माध्यम से हम राज्य में सनातन धर्म को बदनाम करने वाले पाखंडियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू किया गया है। इसके साथ राज्य के 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने का कार्य किया गया है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य से भ्रष्टाचार रूपी दीमक को जड़ से समाप्त करने के लिए ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य किया जा रहा है।  इसी का परिणाम है कि पिछले तीन वर्षों में हमने भ्रष्टाचार में लिप्त आईएएस, पीसीएस सहित करीब 200 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूर्ण करने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है। 


इस दौरान कार्यक्रम में मेयर श्री विकास शर्मा, दर्जा मंत्री श्री अनिल कपूर डब्बू, श्री शंकर कोरंगा,  नगर पालिका अध्यक्ष श्री रमेश चंद जोशी, जिलाध्यक्ष भाजपा श्री कमल जिंदल, पूर्व विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा, श्री राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी श्री नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, एवं शिक्षक व छात्र-छात्राएं आदि मौजूद रहे।

 देहरादून :


मुख्य सचिव ने ली प्रदेश के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक

मंडलायुक्त होंगे नोडल अधिकारी: मुख्य सचिव

महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में होगा क्राउड मैनेजमेंट के विशेषज्ञों द्वारा सर्वेक्षण

for security purpose of relugious place meeting with CS


मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में प्रदेश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबन्धन आदि के सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार के मनसा देवी में श्रद्धालुओं में हुई भगदड़ जैसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए प्रदेश के ऐसे सभी धार्मिक स्थलों, जहाँ महत्त्वपूर्ण दिवसों में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ जैसी घटनाओं की आशंका बनी रही है, को चिन्हित कर उन में अंशकालिक एवं दीर्घकालिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। 


मुख्य सचिव ने कहा कि धार्मिक स्थलों के मार्गों में सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कर मार्गों का चौड़ीकरण कराया जाए। मार्गों से अतिक्रमण हटाने के लिए लगातार अभियान चलाए जाएं। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन के लिए तकनीक का प्रयोग भी किया जाए। कहा कि धार्मिक स्थलों में अत्यधिक भीड़ होने पर मार्गों में श्रद्धाओं को रोके जाने हेतु स्थल तैयार किए जाएँ। 


मुख्य सचिव ने कहा की प्रत्येक धार्मिक स्थल के लिए रूट और सर्कुलेशन प्लान तैयार किया जाए, ताकि धार्मिक स्थलों में अचानक भीड़ ना हो। भीड़ होने की संभावना को देखते हुए श्रद्धालुओं को रोके जाने के लिए पूर्वनिर्धारित स्थानों में रोका जाए। मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन करने के लिए तकनीक का उपयोग करते हुए भीड़ प्रबंधन तंत्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सभी प्रकार की भौतिक एवं तकनीकी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।


मुख्य सचिव ने अधिक महत्त्वपूर्ण मंदिरों को प्राथमिकता पर लेते हुए पहले चरण में मनसा देवी, चण्डी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम और पूर्णागिरि मंदिर का विशेषज्ञों के माध्यम से विश्लेषण करा लिया जाए। स्थानीय प्रशासन एवं धार्मिक स्थलों के हितधारकों को विशेषज्ञों की टीम को हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यह विशेषज्ञों की टीम मंदिर क्षेत्र का विश्लेषण कर भीड़ प्रबंधन, निकासी योजना और बॉटल नेक एरिया के लिए सिविल इंजीनियरिंग और तकनीकी पहलुओं का परीक्षण कर विभिन्न जगहों पर रुकने के स्थान आदि के लिए एक प्रॉपर प्लान और प्रॉपर एसओपी तैयार करेगी।


इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु सचिव श्री शैलेश बगौली, श्री धीराज सिंह गरब्याल, आईजी गढ़वाल श्री राजीव स्वरूप एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में माध्यम से कमिश्नर कुमायूँ श्री दीपक रावत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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