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देहरादून :

20th ice skating players honored by sports minister

बीसवीं राष्ट्रीय आइस स्केटिंग प्रतियोगिता के विजयी खिलाड़ियों को खेल मंत्री रेखा आर्या ने सम्मानित कर आशीर्वाद प्रदान किया। 

 25 से 30 जून के बीच देहरादून स्थित हिमाद्री आइस स्केटिंग रिंक में आयोजित की 20 वीं राष्ट्रीय आइस स्केटिंग प्रतियोगिता में देश भर से  500 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। जिसमें उत्तराखंड के स्पीड और फिगर स्केटिंग के 23 खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न स्पर्धाओं में 9 मेडल हासिल किए ।  बुधवार को खेल मंत्री रेखा आर्या ने अपने कैंप कार्यालय में उत्तराखंड के विजयी खिलाड़ियों को सम्मानित किया। 


इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आइस रिंक के दोबारा शुरू होने के बाद अब आइस गेम्स में भी उत्तराखंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर  नाम रोशन करेंगे। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हाल ही में भारत की जिस महिला आइस हॉकी टीम ने यूएई में कांस्य पदक जीता है, उस टीम को भी रवानगी से पहले एक महीना हिमाद्री आइस रिंक में ही ट्रेनिंग दी गई थी।  खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रतिभाशाली स्केटिंग खिलाड़ियों को कम से कम शुल्क के साथ अभ्यास के सुविधा दी जाएगी।


इस अवसर पर आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष शिव पैन्यूली, कोषाध्यक्ष  ज्योति गैरोला , तकनीकी सचिव रूपा सिंह,  मैनेजर नागेन्द्र सिंह नेगी, यशवंत सिंह और सुखवीर रावत के साथ कई अभिभावक भी उपस्थित रहे।

 श्री  बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति बोर्ड बैठक


देहरादून 9 जुलाई;

BKTC meeting for budget 2025-26
BKTC board meeting july 2025


श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की बोर्ड औपचारिक बैठक अध्यक्ष  हेमंत द्विवेदी जी की अध्यक्षता में समिति  के केनाल रोड कार्यालय सभागार में  शुरु हुई ।


भगवान श्री बदरीविशाल तथा  भगवान श्री  केदारनाथ की आरती के साथ बैठक की शुरुआत हुई।


बैठक में  सर्वप्रथम नवनियुक्त सदस्यों का परिचय हुआ साथ ही  पदाधिकारियों तथा सदस्यों का स्वागत किया गया । 


देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप अब तक सफलतापूर्वक चल चारधाम यात्रा कुशल मार्गदर्शन हेतु प्रदेश सरकार तथा यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  का आभार जताया गया।


बैठक का संचालन करते हुए बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने  नवगठित बीकेटीसी की पहली बैठक में सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों का स्वागत किया.


 इसके बाद वित्त अधिकारी मनीष  कुमार उप्रेती ने बजट मंदिर समिति बोर्ड के समक्ष रखा बैठक में  चर्चा के बाद मंदिर समिति के वर्ष 2025-26 के बजट का अनुमोदन किया गया।‌


श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम तथा श्री केनानाथ धाम हेतु कुल 1,270999070 (एक अरब सत्ताईस करोड़ नौ लाख निन्यानबे हजार सत्तर) रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।

श्री बदरीनाथ धाम हेड 64,2227070 (चौसठ  करोड़ बाईस लाख सत्ताईस हजार सत्तर रुपये) का बजट प्रावधान किया गया है. इसे प्रस्तावित आय माना गया है।

 श्री केदारनाथ धाम हेड 628770000 (बासठ करोड़  सत्तासी लाख सत्तर हजार रुपये बजट प्राव‌धान किया है। यह बजट में प्रस्तावित आय है। आय के सापेक्ष श्री केदारनाथ धाम हेतु 409337000 चालीस करोड़ तिरानबे लाख सैंतीस हजार रुपये व्यय दिखाया गया है इसी तरह श्री बदरीनाथ धाम हेतु  प्रस्तावित आय के सापेक्ष 568683320 ( छप्पन करोड़ छियासी लाख  तिरासी  हजार  तीन सौ बीस रुपये व्यय दिखाया गया है।



 बताया कि श्री  बदरीनाथ तथा श्री केदारनाथ धाम में 8 जुलाई 2025 तक 2478963 (चौबीस लाख अठहत्तर हजार नौ सौ तिरसठ तीर्थ यात्रियों ने दर्शन कर लिये है। जिनमें से श्री बदरीनाथ धाम में 1137628 (बारह लाख सैतीस हजार छ सौ अठाइस श्रद्धालुओं ने दर्शन किये है तथा श्री केदारनाथ धाम में 1341335 (तेरह लाख इकतालीस हजार तीन सौ पैंतीस तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किये हैं।

श्री बदरीनाथ धाम हेतु अभी तक 1432983 पजीकरण हुए है तथा श्री केदारनाथ धाम हेतु 1549930 तीर्थ यानियों ने पंजीकरण करवाया है। चारों धामों में यात्रा सुचारु है तथा मानसून के मौसम में यात्रा सतत चल रही है। बैठक में सभी पदाधिकारियो, दोनों उपाध्यक्षों  सहित सभी सदस्यगणों ने  बैठक चर्चा प्रतिभाग किया।


बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने अवगत कराया कि बैठक की समाप्ति से पहले केदारनाथ हैली दुर्घटना में दिवंगत हुए मंदिर समिति कर्मचारी विक्रम रावत सहित यात्राकाल के दौरान दुर्घटनाओं में दिवंगत हुए तीर्थयात्रियों के प्रति शोक संवेदना स्वरूप दो मिनट का मौन रखा गया।




बैठक में   उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती,  उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, सदस्यगण क्रमशः श्रीनिवास पोस्ती, महेंद्र शर्मा,धीरज पंचभैया मोनू,  देवी प्रसाद देवली, राजपाल जड़धारी, प्रह्लाद पुष्पवान, डा. विनीत  पोस्ती,  राजेंद्र प्रसाद डिमरी,नीलम पुरी,दिनेश डोभाल   सहित प्रभारी अधिकारी बदरीनाथ विपिन तिवारी, विधि अधिकारी एसएस बर्त्वाल, निजी सचिव प्रमोद नौटियाल, अतुल डिमरी,संजय भट्ट आदि मौजूद रहे।

 

- राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण व आयुष्मान/गोल्डन कार्ड सूचीबद्ध अस्पतालों की संयुक्त समीक्षा/समन्वय बैठक में कई मसलों पर हुआ विचार विमर्श

- सीईओ ने कहा, बेहतर क्रियान्वयन को एसएचए व सेवा प्रदाता संस्थाओं में समन्वय को होना बहुत जरूरी

- अस्पताल प्रतिनिधियों ने चर्चा पर जताया संतोष, प्रत्येक तीन माह में समन्वय बैठक बुलाने का किया अनुरोध


देहरादूनः 



राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण व आयुष्मान/गोल्डन कार्ड सूचीबद्ध अस्पतालों की संयुक्त समीक्षा/समन्वय बैठक संपन्न हुई। बैठक में ऑनलाइन पोर्टल से लेकर दावों के यथा समय निस्तारण, अमान्य दावे, रिव्यू आदि विभिन्न मसलों पर चर्चा हुई। योजना के बेहतर संचालन हेतु कई सुझाव भी प्रतिभागियों ने साझा किए।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्राधिकरण के चेयरमैन श्री अरविंद सिंह ह्यांकी ने कहा कि आयुष्मान योजना का लाभ हर लाभार्थी तक पहुंचे, यह हम सबकी प्राथमिकता है। सदन में उपस्थित अस्पताल प्रतिनिधियों व ऑनलाइन जुड़े प्रतिनिधियों को बारी बारी से अपनी बात रखने का अवसर दिया गया। इस दौरान उन्होंने अपने अस्पताल की विशिष्ट समस्या के साथ साथ अस्पतालों की सामान्य समस्याओं पर ध्यानाकर्षण किया। चेयरमैन महोदय ने कहा कि एनएचए के ट्रांजिक्शन मैनेमेंट सिस्टम (टीएमएस) में समय समय पर आ रही तकनीकी कठिनाइयों तथा रिव्यू सम्बन्धी नई व्यवस्था के कारण अस्पतालों के आयुष्मान सम्बन्धी दावों के निस्तारण में कुछ समय लगा है, लेकिन अब इसे शीघ्रता से कराया जा रहा है। आयुष्मान के दावों का भुगतान 15 दिनों के अंदर करने का लक्ष्य रखकर ही कार्यवाही की जा रही है।
पुराने दावों के सापेक्ष पोर्टल में रिव्यू संबंधी कठिनाई के दृष्टिगत ऑफ लाइन रिव्यू का अवसर दिया जायेगा और दावों के रिव्यू सिस्टम को आसान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश का अपना टीएमएस तैयार किया जा रहा है। तब टीएमएस में आने वाली दिक्कतें दूर हो जाएंगी। कहा की प्राधिकरण के स्तर पर प्रक्रियाओं को सरल बनाने और यथासंभव ऑनलाइन सिस्टम बनाकर उन्हें फेसलेस करने हेतु हर संभव प्रयास किया जा रहा है। ताकि प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण हो और अस्पतालों को प्राधिकरण का चक्कर न लगाना पड़े। चेयरमैन ने अस्पतालों से भी यह अपेक्षित है कि मरीजों की सुविधा और इलाज पर पूरा ध्यान दिया जाए और उपचार के बिल एनएचए और एसएचए के दिशा निर्देशों और मानकों के अनुरूप ही प्रक्रिया फॉलो करते हुए सही सही प्रस्तुत करें। ताकि आपत्ति न लगे और भुगतान में अनावश्यक विलंब न हो। साथ ही कहा कि कामकाज में व्यवहारिकता का होना जरूरी है। सक्षम प्राधिकारियों के द्वारा विशिष्ट प्रकरणों में सम्यक विचार करते हुए न्यायोचित निर्णय लिए जाएंगे। कहीं अस्पष्टता हो तो उसे एसएचए के संबंधित अनुभाग अथवा उच्च अधिकारियों को फ़ोन करके स्थिति स्पष्ट करा सकते हैं। गोल्डन कार्ड में आ रही दिक्कतों पर उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में आवश्यक बजट की व्यवस्था करने हेतु कार्यवाही गतिमान है और शीघ्र ही स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है ।
बैठक में  प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीना जोशी ने कहा कि आयुष्मान योजना की बेहतरी के लिए यह जरूरी है कि एसएचए व सेवा प्रदाता अस्पतालों के बीच बराबर समन्वय हो। सेवा की गुणवत्ता व पारदर्शिता के लिए भी आपसी संवाद जरूरी है। उन्होंने सड़क हादसे के घायलों को निशुल्क उपचार सुविधा को लेकर अस्पतालों को प्रशिक्षण देने को कहा।
बैठक में शामिल हिमालयन हॉस्पिटल, महंत इंद्रेश, कैलाश ओमेगा, ग्राफिक एरा, पैनेसिया हॉस्पिटल, हंस फाउंडेशन, समेत विभिन्न अस्पताल प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं रखी, जिनमें से अधिकांश का यथोचित निस्तारण मौके पर ही किया गया। योजना के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर भी कई सुझाव अस्पताल प्रतिनिधियों की ओर से दिए गये। अस्पताल प्रतिनिधियों ने प्राधिकरण द्वारा समन्वय बैठक बुलाने की इस व्यवस्था एवं हुई चर्चा से संतुष्टि व्यक्त करते हुए ऐसी  बैठक प्रत्येक त्रिमास में आयोजित करने का भी अनुरोध किया, जिस पर चेयरमैन द्वारा सहमति व्यक्त की गयी।


नई दिल्ली;


MP trivendra  IDPL KV  Rishikesh


 हरिद्वार के सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज केंद्रीय विद्यालय IDPL, ऋषिकेश के लिए वन भूमि हस्तांतरण के विषय में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव से पुनः भेंट कर विस्तृत चर्चा की।


सांसद श्री रावत ने केंद्रीय मंत्री को इस विषय की गंभीरता तथा स्थानीय विद्यार्थियों के हित में इसके महत्व से अवगत कराया। विषय की संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने तत्काल संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की।


केंद्रीय विद्यालय हेतु वन भूमि हस्तांतरण पर सहमति प्रदान करते हुए माननीय मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस कार्य को प्राथमिकता पर लेकर शीघ्र आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि विद्यार्थियों को शीघ्रातिशीघ्र इसका लाभ मिल सके।


सांसद श्री रावत ने विषय पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने तथा पूर्ण सहयोग का आश्वासन देने के लिए केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव का हार्दिक आभार व्यक्त किया।

 आज का राशिफल

*दिनांक:-09/07/2025, बुधवार*

चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष, 

आषाढ 

rashifal today 09 july 2025


*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*


 *शिवशयन चतुर्दशी (उड़ीसा)


*मेला ज्वालामुखी (कश्मीर)


*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*


सत्कुले योजयेत्कन्यां पुत्रं विद्यासु योजतेत् ।

व्यसने योजयेच्छत्रुं मित्रं धर्मे नियोजयेत् ।।

।।चाo नीo।।


लड़की का बयाह अच्छे खानदान मे करना चाहिए. पुत्र  को अचछी शिक्षा देनी चाहिए,  शत्रु को आपत्ति और कष्टों में डालना चाहिए, एवं मित्रों को धर्म कर्म में लगाना चाहिए.


*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*


गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18


ईश्वरः सर्वभूतानां हृद्देशेऽजुर्न तिष्ठति।

 भ्रामयन्सर्वभूतानि यन्त्रारुढानि मायया॥


हे अर्जुन! शरीर रूप यंत्र में आरूढ़ हुए संपूर्ण प्राणियों को अन्तर्यामी परमेश्वर अपनी माया से उनके कर्मों के अनुसार भ्रमण कराता हुआ सब प्राणियों के हृदय में स्थित है

 ॥61॥


*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

कष्ट, भय, चिंता तथा तनाव का वातावरण बन सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होने से खिन्नता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। भागदौड़ रहेगी। जोखिम न लें।


🐂वृष

आंखों को रोग व चोट से बचाएं। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। मनोरंजक यात्रा की आयोजना हो सकती है। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। मित्र व संबंधियों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। जोखिम न लें।


👫मिथुन

कोई ऐसा कार्य न करें जिससे अपमान हो। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। सुख के साधनों पर व्यय होगा। स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। प्रॉपर्टी के काम बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में सुख-शांति रहेंगे। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें।


🦀कर्क

कानूनी बाधा संभव है। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। धनहानि किसी भी तरह हो सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ में वृद्धि होगी।


🐅सिंह

प्रेम-प्रसंग में हड़बड़ी न करें। विवाद हो सकता है। नकारात्मकता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। युवक व युवती विशेष सावधानी बरतें। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। आय में निश्चितता रहेगी।


🙍‍♀️कन्या

थकान व कमजोरी रह सकती है। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। किसी धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। सुख के साधनों की प्राप्ति हो सकती है। धन प्राप्ति सुगम होगी।


⚖️तुला

संतान पक्ष से स्वास्थ्‍य तथा अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। कार्यशैली में परिवर्तन करना पड़ सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देंगे।


🦂वृश्चिक

शत्रु शांत रहेंगे। धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग मिलेगा। नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा।


🏹धनु

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जीवनसाथी के स्वास्‍थ्य पर खर्च होगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। चिंता तथा तनाव में वृद्धि होगी। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। समय नेष्ट है। नकारात्मकता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।


🐊मकर

जल्दबाजी में कोई भी लेन-देन न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। फालतू खर्च होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा।


🍯कुंभ

दुष्टजनों से सावधान रहें, हानि पहुंचा सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कहीं से बुरी खबर मिल सकती है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय बनी रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। आज के काम कल पर नहीं टालें। विवेक का प्रयोग करें। लाभ होगा।


🐟मीन

कम प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट में सोच-समझकर निवेश करें। कष्ट, भय, चिंता तथा तनाव का वातावरण बन सकता है। कुसगंति से हानि होगी।


🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺

*आचार्य  पवन  पाराशर (वृन्दावन)*

 

राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तराखंड के संज्ञान में आया है कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों पर आगामी पंचायत चुनावों में उम्मीदवार की पात्रता के संबंध में भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं।




 विशेष रूप से, यह गलत प्रचार किया जा रहा है कि यदि किसी उम्मीदवार का नाम शहरी और ग्रामीण दोनों मतदाता सूचियों में है, तो उसकी उम्मीदवारी को लेकर विभिन्न अपात्रताएँ लागू होती हैं। यह भी भ्रम फैलाया जा रहा है की राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पात्रता के संबंध में नए निर्देश जारी किए हैं। 

इस संबंध में, जनसाधारण, संभावित उम्मीदवारों और मीडिया सहित सभी हितधारकों को सूचित एवं स्पष्ट किया जाता है कि उत्तराखंड में पंचायत चुनाव पूर्ण रूप से उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 (यथासंशोधित) के प्रावधानों के अनुसार ही संपन्न कराए जाते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग स्वयं इस अधिनियम के प्रावधानों से निर्देशित है और अन्य सभी को भी इन्हीं प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पात्रता के संबंध में कोई नए निर्देश जारी नहीं किए हैं, जो निर्देश हैं वे पूर्व से पंचायती राज अधिनियम में प्रविधानित हैं। 

अधिनियम में किसी भी उम्मीदवार के निर्वाचन हेतु मतदाता सूची में पंजीकरण, मताधिकार, और निर्वाचित होने के अधिकार के संबंध में स्थिति स्पष्ट रूप से वर्णित है:

मत देने और निर्वाचित होने का अधिकार: अधिनियम की धारा 9(13) के अनुसार, व्यक्ति जिसका नाम ग्राम पंचायत के किसी प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में सम्मिलित हो, उस ग्राम पंचायत में मत देने और किसी भी पद पर निर्वाचन, नाम-निर्देशन या नियुक्ति के लिए पात्र होगा । इसी प्रकार के स्पष्ट प्रावधान क्षेत्र पंचायत के लिए धारा 54(3) और जिला पंचायत के लिए धारा 91(3) में दिए गए हैं।



इसके अतिरिक्त, पंचायत चुनावों में किसी उम्मीदवार की निरर्हता (Disqualifications) से संबंधित प्रावधान केवल उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 की धारा 8 (ग्राम पंचायत के लिए), धारा 53 (क्षेत्र पंचायत के लिए), और धारा 90 (जिला पंचायत के लिए) में विस्तृत रूप से दिए गए हैं।

अतः, सभी से अनुरोध है कि वे ऐसे निराधार प्रचार पर विश्वास न करें और केवल उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 के आधिकारिक प्रावधानों तथा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी सूचनाओं पर ही भरोसा करें। किसी भी प्रकार के संशय की स्थिति में, अधिनियम का अवलोकन करें अथवा जिला निर्वाचन अधिकारी एवं आयोग से संपर्क करें।


 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में भू अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रदान की गई भूमि क्रय की अनुमति के सापेक्ष भू उपयोग उल्लंघन के मामलों में तेजी से कार्यवाही गतिमान है। राज्य में उत्तराखंड भूमि अधिनियम की धारा 154 (4) (3) क के अंतर्गत कुल 532 प्रकरणोें पर भूमि क्रय की अनुमति प्रदान की गयी है जिसके सापेक्ष भू उपयोग उल्लंघन के 88 मामले सामने आए हैं ऐसे उल्लंघन के 42 प्रकरणों पर धारा 166-167 के तहत वाद दायर किए गये हैं। जबकि अधिनियम की धारा 154 (4) (3) ख के तहत दी गई 963 भूमि क्रय की अनुमति के सापेक्ष 172 प्रकरणों में भू उपयोग का उल्लंघन किया जाना पाया गया है। जिसके विरूद्ध 112 मामलों में वाद दायर किए गये हैं। जबकि अधिनियम की धारा 154 (4) (1) क के अंतर्गत प्रदेश में भूमि क्रय के सापेक्ष भू उपयोग उल्लंघन के कुल 147 प्रकरणों पर कार्यवाही गतिमान है। जिसमें देहरादून के 77 में से 50 प्रकरणों पर, हरिद्वार में 20, पौड़ी में 17, टिहरी में 29 तथा उत्तरकाशी में 1 मामले में कार्यवाही गतिमान है। जबकि अल्मोड़ा के तीन मामलों में एक प्रकरण की भूमि राज्य सरकार में निहित की गई है।


प्रदेश में भूमि क्रय की अनुमति के सापेक्ष भू उपयोग के उल्लंघन की दिशा में कुल 3.006 है0 भूमि की गई राज्य सरकार में निहित* 



प्रदेश में भूमि क्रय की अनुमति के सापेक्ष भू उपयोग के उल्लंघन की दिशा में कुल 3.006 है0 भूमि राज्य सरकार में निहित की गई है। जिसमें कपकोट, बागेश्वर में मै0 त्रिलोक ग्रामोद्योग सेवा समिति को मौन पालन हेतु क्रय की गई 0.040 है0, रुद्रपुर, उधमसिंहनगर में एम0एस0 स्टैण्डर्ड स्प्लिन्ट्स लि0 द्वारा डी0 सेवत्था पांडे पुत्र दूरई राजन को 1.6530 है0, सिलटोना श्री कैंची धाम, नैनीताल में श्रीमती भावनी सिंह पत्नी श्री कुवर रघुराज प्रताप सिंह, सिंह निवास 5, बद्रीहाउस शाहजनफरोड़, लखनऊ को कृषि हेतु 0.555 है0, दिगोटी द्वाराहाट, अल्मोड़ा में कृषि हेतु 0.020 है0, कटारमल चौखुटिया, अल्मोड़ा में रैनाबाड़ी हैल्थ रिजार्ट को रिसोर्टस हेतु 0.713 है0, कोट्यूड़ा, अल्मोड़ा में प्रणव सिंह पुत्र महेन्द्र प्रताप सिंह, निवासी-प0 बंगाल को आवासीय प्रयोजन हेतु 0.025 है0 भूमि शामिल है। 

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 *भूमि प्रबंधन तथा भू व्यवस्था एवं सुधार के लिए प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू हो गया है। इसी के साथ जनभावना के अनुरूप उत्तराखंड में कृषि और उद्यान भूमि की अनियंत्रित बिक्री पर पूरी तरह रोक लग गई है। भू अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले लोगों के विरुद्ध भी लगातार कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है, और इस तरह की जमीनों को राज्य सरकार में निहित किया जा रहा है।*

*पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड*



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आगामी कांवड़ मेला-2025 की तैयारियों को लेकर मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। 

मुख्यमंत्री ने पूर्व वर्षों की व्यवस्थाओं की समीक्षा कर कानून व्यवस्था की दृष्टि से उत्पन्न हुई चुनौतियों का विश्लेषण कर सुधारात्मक कदम सुनिश्चित करने को कहा, ताकि इस वर्ष किसी भी प्रकार की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कह कि इस विशाल धार्मिक आयोजन में किसी भी प्रकार की तोड़फोड़, उपद्रव या अन्य अवांछनीय घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। शिविर संचालकों, कार्यरत व्यक्तियों, वॉलंटियर और होटल/धर्मशालाओं में ठहरने वाले व्यक्तियों का पूर्ण सत्यापन कराया जाए।


मुख्यमंत्री ने सभी प्रमुख स्थलों पर एक्सरे सिस्टम, अग्निशमन यंत्र, फायर टेंडर एवं कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही खाद्य व पेय पदार्थों की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी और जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम करने को कहा। भीड़ प्रबंधन में वॉलंटियर्स की मदद लेने, सीसीटीवी व ड्रोन से निरंतर निगरानी और अभिसूचना तंत्र को सक्रिय रखने पर बल दिया। बेहतर यातायात व्यवस्था अलग से प्लान बनाकर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। आतंकवादी खतरों को मद्देनजर रखते हुए एटीएस और विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।


मुख्यमंत्री ने हरिद्वार के घाटों, नीलकंठ महादेव मंदिर अन्य प्रमुखस्थलों पर एम्बुलेंस व बैकअप की व्यवस्था करने, सादे वस्त्रों में महिला व पुरुष सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त तैनाती करने और आपदा राहत उपकरणों से युक्त गोताखोरों व जल पुलिस को अलर्ट मोड पर रखने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों पर तेज ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे व लाउडस्पीकर के उपयोग को नियमबद्ध किया जाए। दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर सुधारात्मक कार्य किए जाएं। कांवड़ यात्रियों को ‘क्या करें और क्या न करें’ की जानकारी पेम्फलेट, होर्डिंग, पब्लिक अनाउंसमेंट और सोशल मीडिया के माध्यम से दी जाए।


मुख्यमंत्री ने कांवड़ियों को लाठी, डंडा, नुकीली वस्तुएं आदि ले जाने से रोकने हेतु प्रचार अभियान चलाने को कहा। यात्रा मार्गों में मादक पदार्थों, शराब एवं मांस की बिक्री पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने और समुचित बिजली, पानी, चिकित्सा जैसी आधारभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। महिला कांवड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए महिला घाटों और धर्मशालाओं में विशेष पुलिस प्रबंध सुनिश्चित करने को कहा गया। अंतर्राज्यीय समन्वय बढ़ाकर सूचनाओं का तत्काल आदान-प्रदान करने, सोशल मीडिया पर निगरानी रखते हुए अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने और संबंधित पोस्टों का तत्काल खंडन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय सचिवों और पुलिस महानिरीक्षकों को आगामी तीन दिनों में कांवड़ मेला क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा करने व अपने-अपने विभागों की कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए।


बैठक में गृह सचिव श्री शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ, आपदा प्रबंधन सचिव श्री विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल व कुमाऊं आयुक्त सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने किया ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ आउटलेट का उद्घाटन

*उत्तराखण्ड की पारंपरिक धरोहर और जैविक उत्पादों को राष्ट्रीय राजधानी में मिला नया मंच*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड निवास परिसर में ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के आउटलेट का उद्घाटन किया। यह आउटलेट उत्तराखण्ड की पारंपरिक धरोहर और जैविक उत्पादों को राष्ट्रीय राजधानी में संगठित रूप में प्रस्तुत करने का एक सशक्त माध्यम बनेगा। इसके माध्यम से न केवल राज्य की समृद्ध लोकसंस्कृति को देश के सामने लाया जाएगा, बल्कि स्थानीय उत्पादों को नए बाजार भी प्राप्त होंगे।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल राज्य सरकार की उस दूरदृष्टि का परिणाम है, जिसका उद्देश्य पर्वतीय अंचलों में उत्पादित प्राकृतिक और हस्तनिर्मित वस्तुओं को वैश्विक पहचान दिलाना है। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा और साथ ही स्थानीय कारीगरों व शिल्पकारों को नए अवसर प्रदान करेगा।


चारधाम यात्रा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा स्थानीय उत्पादों की ब्रिकी को बढ़ावा देने हेतु 13 से अधिक प्रमुख स्थानों पर आकर्षक फ्लोर स्टैंडिंग यूनिट्स और रिटेल कार्ट्स नैनी सैनी एयरपोर्ट, पंतनगर एयरपोर्ट, देहरादून हेलीपैड, जीएमवीएन श्री केदारनाथ, बद्रीनाथ, हर्षिल, गुप्तकाशी, कौडियाला, मसूरी, परमार्थ निकेतन (ऋषिकेश), स्नो क्रेस्ट (बद्रीनाथ), एटीआई (नैनीताल) एवं सेंट्रिया मॉल जैसे तीर्थ और पर्यटक स्थलों पर स्थापित किए गए हैं। ये रिटेल कार्ट्स श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके अतिरिक्त, मैरियट मसूरी, ताज देहरादून, एफआरआई व एलबीएसएनएए एवं राष्ट्रीय राजधानी स्थित दिल्ली हाट जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी रिटेल कार्ट्स की स्थापना प्रक्रिया प्रगति पर है। यह पहल न केवल स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिला रही है, बल्कि उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शिल्प कौशल को भी सशक्त रूप से प्रस्तुत कर रही है।


सचिव ग्रामीण विकास श्रीमती राधिका झा ने बताया कि ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड ने कम समय में अपनी गुणवत्ता के बल पर विशेष पहचान बनाई है। इसके उत्पाद houseofhimalayas.com के साथ-साथ अमेज़न और ब्लिंकिट जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं। अब यह ब्रांड प्रमुख होटल श्रृंखलाओं में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक और पारंपरिक पहचान को बढ़ावा देने तथा उच्च श्रेणी के पर्यटकों को स्थानीय उत्पादों से जोड़ने के उद्देश्य से ताज (ऋषिकेश, रामनगर), हयात सेंट्रिक, हयात रीजेंसी (देहरादून), मैरियट (रामनगर), वेस्टिन (नरेन्द्रनगर) और जेपी ग्रुप (मसूरी) जैसे प्रतिष्ठित होटलों के साथ रणनीतिक साझेदारी की गई है। इस पहल के तहत राज्य के विभिन्न प्रमुख होटलों में ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के रिटेल कार्ट्स स्थापित किए गए हैं, जो पर्यटकों को उत्तराखण्ड के विशिष्ट हस्तनिर्मित एवं जैविक उत्पादों की सीधी उपलब्धता प्रदान कर रहे हैं। यह कदम न केवल स्थानीय उत्पादकों और कारीगरों को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि सतत पर्यटन और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की ओर भी एक महत्वपूर्ण पहल है।


‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड की अवधारणा को पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के दौरान प्रस्तुत किया गया था। इस ब्रांड के अंतर्गत उत्तराखण्ड के विशिष्ट उत्पाद जैसे बुरांश का शरबत, जंगली शहद, पहाड़ी दालें, पारंपरिक मसाले, हस्तनिर्मित वस्त्र एवं अन्य जैविक सामग्री अब एक सुव्यवस्थित रूप में देश के प्रमुख शहरों तक पहुंच सकेंगी।


इस अवसर पर सचिव ग्रामीण विकास श्रीमती राधिका झा, उत्तराखण्ड के स्थानिक आयुक्त श्री अजय मिश्रा आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।

रिवर्स पलायन के प्रेरणादायक उदाहरण बने गुंज्याल और नेगी : मुख्यमंत्री


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आई.जी.) बिमला गुंज्याल के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की गुंजी ग्राम पंचायत तथा पूर्व कर्नल यशपाल सिंह नेगी के जनपद पौड़ी की बिरगण ग्राम पंचायत के निर्विरोध ग्राम प्रधान निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने इसे रिवर्स पलायन का एक प्रेरणादायक और सुखद उदाहरण बताया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों का ग्राम प्रधान चुना जाना पंचायती राज व्यवस्था को मजबूती देगा और उनके अनुभव से ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि गुंजी और बिरगण ग्राम पंचायतें मॉडल ग्राम के रूप में उभरेंगी।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि इस प्रकार के उदाहरण दर्शाते हैं कि रिटायरमेंट के बाद भी व्यक्ति अपने अनुभव और सेवा भावना से गांव की प्रगति में अहम भूमिका निभा सकता है। राज्य सरकार ऐसे सभी प्रयासों को पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण आजीविका, कृषि, बागवानी और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सतत कार्य कर रही है ताकि गांव आत्मनिर्भर बनें और रिवर्स पलायन की यह परंपरा मजबूत हो सके।

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