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ऋषिकेश : 




ग्राम प्रतीतनगर स्थित पूर्व सैनिक संगठन भवन में रविवार को उत्तराखंड आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष बड़थ्वाल का स्वागत समारोह आयोजित किया गया।


 इस अवसर पर बड़ी संख्या में आंदोलनकारी और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित आंदोलनकारियों ने आंदोलनकारी चिन्हीकरण से जुड़ी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की और परिषद उपाध्यक्ष को अपनी बातें बताईं।

भगवती प्रसाद सेमवाल ने कहा कि पूर्व में जिलाधिकारी देहरादून को जो सूची सौंपी गई थी, उसमें नई शर्तें जोड़कर प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से जटिल बना दिया गया है। उन्होंने मांग की कि चिन्हीकरण की प्रक्रिया पूर्व की भांति सरल और पारदर्शी रखी जाए।

वहीं प्रेम किशोर जुगलान ने हरिपुर क्षेत्र के आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण न होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि सरकार को इस दिशा में शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए।

इस मौके पर कृपाल सिंह सरोज, डी.एस. गुसाईं, गंभीर सिंह मेवाड़, भगवंत सिंह संधू, खुशाल सिंह राणा, महेन्द्र कुट्टी, गोबिंद राम चमोली, सतीश रावत, बी.डी. डोभाल, अनिता कोटियाल, पार्वती रतुड़ी, सत्य प्रकाश जखमोला, सोहन लाल बैलवाल, भागीरथी रतूड़ी, देवी प्रसाद ब्यास, हरदेव जोशी, मोर सिंह चौहान, माया देवी बिष्ट, खालिद, दीपा चमोली सहित अनेक आंदोलनकारी मौजूद रहे।

 गाँवों में दिखी आँखों की रौशनी: 252 लोगों की जांच, 22 को भेजा गया ऑपरेशन के लिए


— ग्रामीणों को मिल रही निःशुल्क नेत्र सेवाएँ


ऋषिकेश: 



  ग्रामीण क्षेत्रों में नेत्र स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाने के उद्देश्य से निर्मल आश्रम आई इंस्टीट्यूट लगातार गाँवों में पहुँचकर निःशुल्क नेत्र शिविरों का आयोजन कर रहा है। इसी कड़ी में रविवार को रायवाला क्षेत्र की ग्राम पंचायत प्रतीतनगर के गोर्खाली सुधार भवन में एक दिवसीय निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया।


शिविर में सुबह से ही ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ी और बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी आँखों की जांच कराई। संस्थान की चिकित्सा टीम ने कुल 252 मरीजों की नेत्र जांच की, जिनमें से 22 मरीजों को ऑपरेशन हेतु अस्पताल भेजा गया।


निर्मल आई इंस्टीट्यूट की ओर से 111 मरीजों को निःशुल्क चश्मे तथा 150 मरीजों को दवाइयाँ वितरित की गईं।


शिविर में डॉ. आशीष सैन, संतोष, संतू, प्रभाकर, आकाश राणा, दीपक कुमार, धनज्योति, प्रर्मिला, सूरज क्षेत्री और अनिकेत सचिन की टीम ने महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।


ग्राम प्रधान राजेश जुगलान ने शिविर का शुभारंभ करते हुए कहा कि ऐसे स्वास्थ्य शिविर समय-समय पर लगाए जाने चाहिए, ताकि ग्रामीणों को निःशुल्क और सुलभ चिकित्सा सुविधा मिल सके। उन्होंने निर्मल आई इंस्टीट्यूट के इस प्रयास की सराहना की।


ग्रामीणों ने भी शिविर के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की पहल से गाँवों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच और अधिक आसान बनती है।

 कैबिनेट द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय। 



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1- उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास अधीनस्थ सुपरवाइजर सेवा नियमावली 2021 के संशोधन को कैबिनेट ने दी मंजूरी। 


सुपरवाइजर सेवा नियमावली के अंतर्गत सुपरवाइजर के पदों पर 50% सीधी भर्ती से एवं 40% आगनवाड़ी कार्यकर्त्री एवं शेष 10% मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ती के पदोन्नति से भरे जाते थे। भारत सरकार के दिशा निर्देशों में राज्य के समस्त मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में उच्चीकृत किया जाना है, ऐसे में  मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ती से सुपरवाइजर पद पर होने वाले पदोन्नति के 10% कोटा को भी आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री के पदोन्नति कोटे में शामिल करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री के पदोन्नति कोटे को 40% से बढ़ाकर 50% किया गया है। की

2- रायपुर एवं उसके समीप क्षेत्रों के अंतर्गत जहां विधानसभा परिसर प्रस्तावित है, उस क्षेत्र को फ्रिज जोन बनाया गया था। अब कैबिनेट ने फ्रिज जोन में आंशिक संशोधन करते हुए इन क्षेत्रों में छोटे घरों ( लो डेंसिटी हाउसों ) और छोटी दुकानों के निर्माण की अनुमति दे दी है। जिसके मानक आवास विकास विभाग के द्वारा निर्धारित किए जाएंगे। 

3 चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक की सेवा नियमावली में संशोधन की कैबिनेट ने दी मंजूरी। अब स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के 5 साल की संतोषजनक सेवा के बाद एक स्थान से दूसरे स्थान तक अपने जीवनकाल में एक बार पारस्परिक स्थानांतरण को अनुमति दी जाएगी। नए स्थान में जाने पर अपने नए जनपद के कैडर के अंतर्गत यह सबसे जूनियर होंगे। इसके अलावा रिक्त पद उपलब्ध होने पर पहाड़ से पहाड़ में एवं मैदानी जनपदों से पर्वतीय जनपदों में स्थानांतरण किया जा सकेगा, जिसके लिए मानक विभाग द्वारा तैयार किए जाएंगे। 

4.  समान नागरिक संहिता के अंतर्गत होने वाले ऑनलाइन विवाह पंजीकरण में संशोधन को कैबिनेट ने दी मंजूरी। 

यूसीसी में पंजीकरण हेतु आधार कार्ड की व्यवस्था रखी गई है। क्योंकि उत्तराखंड प्रदेश में नेपाली भूटानी एवं तिब्बती मूल के लोगों से भी शादी होती है। ऐसे में आधार के अलावा अब नेपाल, भूटान के नागरिकों हेतु नेपाली एवं भूटानी नागरिकता प्रमाण पत्र, एवं 182 दिनों से अधिक के प्रवास के लिए भारत में नेपाली मिशन/रॉयल भूटानी मिशन द्वारा जारी प्रमाणपत्र एवं तिब्बती मूल के व्यक्तियों के लिए विदेशी पंजीकरण अधिकारी द्वारा जारी वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र को अनुमन्य किया जाएगा

5 राज्य कर्मचारियों की पदोन्नति के संबंध में अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण की नियमावली में संशोधन का निर्णय।

6.  मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में विचलन के माध्यम से विधानसभा का सत्रावसान किए जाने के संबंध में लिए गए निर्णय को कैबिनेट के संज्ञानार्थ लाया गया। 

7 राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर उत्तराखंड राज्य की पंचम विधानसभा का विशेष सत्र की तिथि के निर्धारण हेतु   कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को किया अधिकृत। 

8  राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को कर के बाद के लाभांश ( प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) की 15% धनराशि को राज्य सरकार को देना होगा।  इसके लिए कैबिनेट में अपनी मंजूरी प्रदान की।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को देहरादून में उत्तरांचल प्रेस क्लब द्वारा आयोजित दीपावली महोत्सव-2025 कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने लक्की ड्रॉ विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए। 

CM Dhami deepawali fare international vaishy sammelen


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरांचल प्रेस क्लब की  भूमि के आवंटन की कार्यवाही गतिमान है। इस कार्यवाही के पूरे होने के बाद, उत्तरांचल प्रेस क्लब के लिए भव्य भवन का भी निर्माण कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के योगदान की सराहना करते हुए उत्तराखंड राज्य आंदोलन से लेकर आज तक, उत्तराखंड के अनेकों पत्रकारों ने प्रदेश के सर्वांगीण विकास में लेखनी के जरिए अपनी अहम भूमिका निभाई है। 

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी पत्रकारों को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीपावली का पर्व हम सभी के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। उन्होंने कहा पत्रकारों का जीवन भी दीपावली के दीपकों की तरह है, जो दिन-रात समाज को दिशा दिखाने का कार्य करते हैं। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से इस दिवाली स्वदेशी  उत्पादों को अपनाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा विकसित भारत और विकसित उत्तराखंड के निर्माण के लिए हमने अपने देश में स्वदेशी को बढ़ावा देना होगा। 



मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार, पत्रकारों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। पत्रकारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य बीमा, आकस्मिक सहायता और आवासीय योजनाओं को लेकर सरकार ने कई कदम उठाए हैं। वरिष्ठ पत्रकार सम्मान योजना के अंतर्गत अनेक वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया जा रहा है। पत्रकारों की पेंशन में वृद्धि, विभिन्न जिलों से देहरादून आने वाले पत्रकारों को पूर्व की भांति सूचना विभाग के जरिये देहरादून में रहने की उचित व्यवस्था करने का भी प्रयास किया गया है। 


मुख्यमंत्री ने कहा मुख्यमंत्री पत्रकार पेंशन योजना के तहत पत्रकार कल्याण कोष का बजट 5 करोड़ रूपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए किया गया है। पत्रकारों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। राज्यभर में मीडिया सेन्टरों के आधुनिकीकरण और प्रेस क्लबों के सशक्तिकरण का कार्य शुरू किया गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा पत्रकार, सच्चाई और जनहित के लिए जिस समर्पण से कार्य करते हैं, वो प्रशंसनीय है। पत्रकार और पत्रकारिता राजनीतिक और सामाजिक विषयों के प्रचार-प्रसार से कई ज्यादा लोकतंत्र को जीवित रखते हैं। सरकार की विभिन्न योजनाओं को जन तक पहुंचाना या आमजन की समस्याओं से सरकार को अवगत कराना, इन दोनों महत्वपूर्ण दायित्वों को भी पत्रकार निभाते हैं। 



इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री विनय रुहेला, दायित्वधारी श्री हेमराज  बिष्ट,महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी,  उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष भूपेंद्र कंडारी, महामंत्री श्री सुरेंद्र डसीला एवं अन्य पत्रकार मौजूद थे।

 *मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के दीपावली मेले में हुए शामिल* 

 *वैश्य समाज सनातन संस्कृति का ध्वजवाहक, राष्ट्र की आर्थिक व सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक: मुख्यमंत्री* 

 *मुख्यमंत्री धामी बोले—‘लोकल फॉर वोकल’ और ‘मेक इन इंडिया’ आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव* 

 *स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग से आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मिलेगा बल* 

 *वैश्य समाज हमेशा सरकार के साथ मिलकर विकास के पथ पर अग्रसर रहेगा: मुख्यमंत्री*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को जीएमएस रोड, देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन द्वारा आयोजित दीपावली मेले में सम्मिलित हुए  | 



इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने महाराजा अग्रसेन जी को नमन करते हुए उपस्थित जनो को दीपावली की  अग्रिम बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि  दीपावली का पर्व हम सभी के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का एक विशिष्ट माध्यम है, जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर और बुराई से अच्छाई की ओर जाने की प्रेरणा देता है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्य समाज सदियों से सनातन संस्कृति का ध्वजवाहक बनकर संपूर्ण समाज में सहयोग, सौहार्द और विकास का प्रकाश फैला रहा है।

वैश्य समाज हमारे राष्ट्र की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक है। वैश्य समाज ने हमेशा सनातन धर्म की रक्षा और सामाजिक कार्यों के विस्तार के लिए दिल खोलकर सहयोग किया है।




मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन इस मेले के माध्यम से न केवल व्यापार को प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि सामाजिक एकता, स्वदेशी उत्पादों के प्रोत्साहन और लोकसंस्कृति के संरक्षण का भी कार्य कर रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में एक ओर जहां हमारी सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में कार्य किया जा रहा है।  वहीं ‘लोकल फॉर वोकल’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘मेड इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से 'आत्मनिर्भर भारत' के स्वप्न को साकार करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार ने राज्य में अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों को सफलतापूर्वक लागू किया है, जिससे आज राज्य का समग्र विकास सुनिश्चित हो रहा है। हमने राज्य हित में कई ऐतिहासिक निर्णय भी लिए हैं | हमने देश में सबसे पहले “समान नागरिक संहिता” को लागू करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है।हमने प्रदेश में इस सुनियोजित लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 9 हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को लैंड जिहादियों से मुक्त कराया है।  हमनें 550 के करीब अवैध मजारों को ध्वस्त किया है वहीं वन भूमि पर अतिक्रमण करके बनाई गई 2 अवैध मस्जिदों को भी हटाया है। इसके अतिरिक्त, हमारी सरकार राज्य में सनातन संस्कृति को बदनाम करने वाले पाखंडियों के विरुद्ध भी 'ऑपरेशन कालनेमि' के माध्यम से भी सख्त कार्रवाई कर रही है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी से ये आग्रह करना चाहता हूँ कि आप सभी प्रधानमंत्री जी के “स्वदेशी अपनाओ देश को मजबूत बनाओ’’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करें। यदि हम स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता देंगे, तो हमारा ये कदम न केवल हमारे कारीगरों, किसानों और उद्यमियों को सशक्त बनाएगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी मजबूती प्रदान करेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प” को पूर्ण करने हेतु निरंतर कार्य कर रहे हैं।  मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारे इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए वैश्य समाज के मेरे सभी परिवारजन इसी प्रकार हमारी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते रहेंगे और हम सभी मिलकर हमारे इस संकल्प को सिद्ध करने में अवश्य सफल होंगे। 


  कार्यक्रम कार्यक्रम में श्री विनोद चमोली, श्री खजान दास, श्री प्रेमचंद अग्रवाल, मेयर देहरादून श्री सौरभ थपलियाल सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि, व्यापारी, स्थानीय लोग उपस्थित रहे |

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर विश्वविद्यालय में 118वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का किया उद्घाटन*


 *मुख्यमंत्री ने पंतनगर विश्वविद्यालय की नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण और “पंतनगर प्रवाह” पुस्तक का किया विमोचन* 




 *कृषि मेले में देशभर से 400 से अधिक स्टॉल, 200 से ज्यादा स्टार्टअप्स व उद्योगों की सहभागिता* 



 *कृषि मेले किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के बीच नवाचार व ज्ञान के आदान-प्रदान का माध्यम: मुख्यमंत्री धामी* 



 *आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विधियों से खेती को बनाएँ अधिक उत्पादक, टिकाऊ और लाभकारी: मुख्यमंत्री* 



 *प्रदेश के किसानों के लिए तीन लाख रुपये तक ब्याजमुक्त ऋण, 80% तक सब्सिडी पर कृषि उपकरण उपलब्ध* 



 *नहरों से सिंचाई पूरी तरह मुफ्त, पॉलीहाउस निर्माण के लिए 200 करोड़ का प्रावधान* 



 *गेहूं पर ₹20 प्रति क्विंटल बोनस, गन्ना मूल्य में ₹20 की वृद्धि* 



 *राज्य में 1000 करोड़ रुपये की लागत से ‘उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट’ स्वीकृत* 



 *सेब, कीवी, मिलेट और ड्रैगन फ्रूट नीति से बागवानी को नई दिशा — 80% तक सब्सिडी का लाभ किसानों को* 



 *कृषि को विकास का प्रमुख इंजन मानते हुए किसान क्रेडिट कार्ड लिमिट बढ़ाई गई 5 लाख रुपये तक*




मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर विश्वविद्यालय में आयोजित 118वे अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी में प्रतिभाग किया । मुख्यमंत्री ने पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण व पंतनगर प्रवाह नामक पुस्तक का विमोचन किया।


मेले में  आयोजित रजत जयंती राज्य स्थापना  गोष्ठी एवं संवाद कार्यक्रम में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि  इस वर्ष के किसान मेले और कृषि प्रदर्शनी में 400 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें से 200 से अधिक स्टॉल देश के विभिन्न राज्यों से आए कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्योगों, स्टार्टअप्स और उद्यमियों द्वारा लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन मात्र कृषि उत्पादों और यंत्रों के प्रदर्शन तक सीमित नहीं होते, बल्कि ये किसानों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों के बीच ज्ञान, अनुभव और नवाचार के आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण माध्यम भी होते हैं। इस प्रकार के कृषि मेलों के माध्यम से जहां एक ओर हमारे किसान भाई एक ही स्थान पर नवीनतम कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों, आधुनिक यंत्रों और नई शोधों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, वहीं उन्हें विशेषज्ञों के अनुभवों से सीखने और अपने अनुभव साझा करने का अवसर भी मिलता है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस मेले में प्रदर्शित की जा रही आधुनिक तकनीकों और नवाचारों के माध्यम से हमारे किसान भाई पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ नई वैज्ञानिक विधियों को अपनाकर अपनी खेती को और भी अधिक उत्पादक, टिकाऊ और लाभकारी बना पाएंगे। उन्होंने कहा कि जिससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी, बल्कि प्रदेश की कृषि व्यवस्था भी सशक्त और समृद्ध बनेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज भारत "विकसित राष्ट्र" के संकल्प को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी संकल्प के साथ केंद्र सरकार द्वारा हमारे अन्नदाताओं की आय को दोगुना करने हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज, देशभर के 11 करोड़ किसानों को 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिसके अंतर्गत उत्तराखंड के भी लगभग 9 लाख के करीब अन्नदाताओं को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपए सहायता राशि प्रदान की जा रही है। आज जहां एक ओर सभी प्रमुख फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में अभूतपूर्व वृद्धि कर किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य प्रदान किया जा रहा है। वहीं, "प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना" के माध्यम से किसान को प्राकृतिक आपदाओं, फसल रोगों और कीटों से होने वाले नुकसान हेतु सुरक्षा कवच भी प्रदान किया जा रहा है।


 मुख्यमंत्री ने कहा कि  "मृदा स्वास्थ्य कार्ड" योजना के द्वारा खेतों की मिट्टी की वैज्ञानिक जांच कर किसानों को पोषक तत्वों की कमी और आवश्यक उर्वरकों की जानकारी भी दी जा रही है, जिससे उनकी उपज की गुणवत्ता और भूमि की उर्वरता दोनों में सुधार हो रहा है, और इसके साथ ही, किसान मानधन योजना, मिलेट मिशन, बागवानी विकास मिशन, कृषि यंत्र सब्सिडी, बूंदबूंद सिंचाई योजना, डिजिटल कृषि मिशन जैसी अनेकों योजनाओं द्वारा किसानों को लाभ पहुंचाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में "कृषि को विकास का प्रमुख इंजन" मानते हुए जहां एक ओर किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढाकर 5 लाख रुपये करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है, वहीं प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ सिंचाई और कृषि तकनीकों के विकास पर भी विशेष फोकस किया गया है। उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने देश के अन्नदाताओं को बड़ी सौगात देते हुए 24 हजार करोड़ रुपये की "पीएम धन धान्य कृषि योजना" और दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु लगभग 11 हजार 500 करोड़ रुपये की लगात के "दलहन उत्पादकता मिशन" का शुभारंभ किया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हमारी राज्य सरकार भी प्रदेश के किसानों के उत्थान एवं समृद्धि हेतु संकल्पित होकर निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हम एक ओर जहां प्रदेश में किसानों को तीन लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध करा रहे हैं, वहीं कृषि उपकरण खरीदेने हेतु "फार्म मशीनरी बैंक" योजना के माध्यम से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने किसानों के हित में नहरों से सिंचाई को पूरी तरह मुफ्त करने का काम किया है। साथ ही, हमने किसानों की आय बढ़ाने के लिए पॉलीहाउस के निर्माण हेतु 200 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान भी किया है। जिसके अंतर्गत अब तक राज्य में लगभग 115 करोड़ रुपए की सहायता से करीब 350 पॉलीहाउस स्थापित किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं, हम जहां एक ओर गेहूं खरीद पर किसानों को 20 रूपए प्रति क्विंटल का बोनस प्रदान रहे हैं, वहीं हमने गन्ने के रेट में भी 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है। उन्होंने कहा कि हमने उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा आधारित खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए लगभग 1,000 करोड़ रुपये की लागत से "उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट" भी स्वीकृत किया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सब्जियों की तरह ही फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी विभिन्न स्तरों पर काम कर रही है। हाल ही में हमारी सरकार ने 1200 करोड़ रुपये की लागत से नई सेब नीति, कीवी नीति, स्टेट मिलेट मिशन और ड्रैगन फ्रूट नीति जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया है। उन्होंने कहा कि इन नीतियों के तहत बागवानी को प्रोत्साहन देने के लिए किसानों को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है। हम किसानों की उपज की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए ग्रेडिंग सॉर्टिंग यूनिट के निर्माण के लिए भी अनुदान प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज इस अवसर पर मैं, आप सभी कृषि वैज्ञानिकों से आग्रह करना चाहता हूँ कि आप हमारी पारंपरिक कृषि व्यवस्था पर भी अनुसंधान करें, और जानें कि हमारे पूर्वजों ने हजारों वर्षों से अपनी कृषि सभ्यता को कैसे संरक्षित रखा, अपनी धरती की उर्वरकता को कैसे बनाए रखा और उत्पादन की गुणवत्ता को भी निरंतर सुनिश्चित किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह करते हुए कहा कि आप लोग अपने शोध कार्य और नवीनतम तकनीकी ज्ञान को शीघ्रता से किसानों तक पहुँचाएँ, ताकि ये ज्ञान उनके उत्पादन और आय में वृद्धि का माध्यम बन सके और हमारी कृषि अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाया जा सके।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस अवसर पर हम किसानों की प्रगति पर चर्चा करने के साथ-साथ प्रदेश में नकल विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता पर संवाद करने के लिए भी एकत्रित हुए हैं। उक्त दोनों विषयों पर जीबी पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की छात्रा पूजा जोशी ने समान नागरिक संहिता,  नीति शर्मा ने किसान मेले की प्रगति एवं छात्र निध अवस्थी ने नकल विरोध कानून पर अपने विचार साझा किए जबकि "स्मृद्धि किसान उत्पादक संगठन" की सीमा रानी ने अपने सफल खेती के अनुभव साझा किए। 


 मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू कर सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून और अधिकार स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि हमने अनुभव किया कि समाज में कुछ समुदायों के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत कानूनों के कारण भेदभाव, असमानता और अन्याय की स्थिति बनी हुई है। समान नागरिक संहिता का उद्देश्य इन्हीं भेदभावों को समाप्त कर राज्य के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानूनी व्यवस्था सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि यूसीसी के लागू होने से न केवल राज्य से सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हुए हैं, बल्कि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण को भी बल मिला है।


 मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं,यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों के बीच समानता से समरसता स्थापित करने का एक संवैधानिक उपाय है। परन्तु ये देश का दुर्भाग्य रहा कि स्वतंत्रता के पश्चात कई दशकों तक देश में एक ऐसी पार्टी का शासन रहा जिसने अपने वोट बैंक के चक्कर में यूसीसी को लागू नहीं होने दिया। जबकि विश्व के प्रमुख मुस्लिम देशों सहित दुनिया के सभी सभ्य देशों में पहले से ही समान नागरिक संहिता लागू है। उन्होंने कहा कि हम भली-भांति जानते थे कि भारत में सर्वप्रथम यूसीसी लागू करने का मार्ग सरल नहीं होगा परंतु जब नीयत साफ हो और जनभावना साथ हो, तो कोई भी बदलाव असंभव नहीं रहता। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है। 


कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान ने यूसीसी व नकल विरोधी कानून लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन व निर्देशन में विश्वविद्यालय शोध व प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में पूरे प्रदेश में इंटिग्रेटेड फार्मिंग पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 2 लाख 61 हजार हो गई है जो 26% ग्रोथ रेट पर है। उन्होंने बताया कि मेले में 507 स्टॉल लगाए गए हैं व अभी तक लगभग 20 हजार किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया है।


कार्यक्रम में विधायक शिव अरोरा,त्रिलोक सिंह चीमा,सुरेश गाड़िया,पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा सभी जिला स्तरीय अधिकारी  मौजूद थे।


*मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रतिनिधियों ने की भेंट* 

*परीक्षा रद्द होने पर बेरोजगार संघ ने सीएम धामी का जताया आभार* 

 *युवाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने लिया पारदर्शी निर्णय: बेरोजगार संघ* 


 *मुख्यमंत्री धामी बोले—भर्ती परीक्षाओं में भ्रष्टाचार व नकल पर जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी* 

 *योग्यता और पारदर्शिता पर आधारित भर्ती प्रक्रिया के लिए सरकार प्रतिबद्ध: सीएम धामी* 

 *नकल विरोधी कानून से परीक्षा प्रक्रिया में आई पारदर्शिता और विश्वास: मुख्यमंत्री* 


 *युवाओं की मेहनत और प्रतिभा के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने देंगे: मुख्यमंत्री* 




 *सीएम धामी ने युवाओं को दिया आश्वासन — हर पात्र अभ्यर्थी को मिलेगा निष्पक्ष अवसर* 



 *मुख्यमंत्री बोले — उत्तराखंड के युवाओं की ईमानदारी और लगन ही राज्य की सबसे बड़ी पूंजी*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से आज मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड बेरोजगार संघ व तकनीकी डिप्लोमा प्राप्त छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। इस अवसर पर प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया कि राज्य सरकार ने युवाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायतों पर गंभीरता से संज्ञान लिया और संबंधित परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया।



संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा परीक्षा की पारदर्शिता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम युवाओं में विश्वास और आशा का संचार करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस तत्परता और संवेदनशीलता के साथ इस मुद्दे पर कार्रवाई की, वह युवाओं के हित में एक ऐतिहासिक निर्णय है।



मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार योग्यता और पारदर्शिता पर आधारित भर्ती प्रक्रिया के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट संदेश है कि उत्तराखंड में किसी भी भर्ती परीक्षा में भ्रष्टाचार, नकल या अनुचित साधनों के लिए शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) की नीति अपनाई जाएगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं की मेहनत और प्रतिभा के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नकल विरोधी कानून लागू कर परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में सशक्त कदम उठाया है। इस कानून के लागू होने से अब कोई भी व्यक्ति या संगठन परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास करेगा तो उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लगातार इस दिशा में कार्य कर रही है कि हर पात्र युवक-युवती को निष्पक्ष अवसर मिले और राज्य के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूर्ण पारदर्शिता और विश्वास का माहौल स्थापित हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं की मेहनत, लगन और ईमानदारी ही राज्य के भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी है, और सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर है।


संघ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि भविष्य की परीक्षाओं में नकल-रोधी प्रावधानों को और अधिक सुदृढ़ किया जाए तथा भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधियों के सुझावों की सराहना करते हुए कहा कि पारदर्शी भर्ती ही सुशासन की पहचान है, और राज्य सरकार इसी दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।


इस अवसर पर बेरोजगार संघ के अध्यक्ष श्री राम कंडवाल  सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।


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Ahoi ashtami 2025


अहोई अष्टमी व्रत 13 अक्टूबर, 2025

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अहोई अष्टमी का व्रत अहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत कार्तिक मास की अष्टमी तिथि के दिन संतानवती स्त्रियों के द्वारा किया जाता है। 


अहोई अष्टमी का पर्व मुख्य रुप से अपनी संतान की लम्बी आयु की कामना के लिये किया जाता है। इस पर्व के विषय में एक ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस व्रत को उसी वार को किया जाता है। जिस वार को दिपावली हों।


इस वर्ष यह व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ रहा है। इसके अलावा सोमवार का दिन और अष्टमी तिथि ये दोनों इस व्रत को खास बना रही हैं।


अहोई अष्टमी व्रत विधि

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अहोई व्रत के दिन व्रत करने वाली माताएं प्रात: उठकर स्नान करे, और पूजा पाठ करके अपनी संतान की दीर्घायु व सुखमय जीवन हेतू कामना करती है और माता अहोई से प्रार्थना करती है, कि हे माता मैं अपनी संतान की उन्नति, शुभता और आयु वृ्द्धि के लिये व्रत कर रही हूं, इस व्रत को पूरा करने की आप मुझे शक्ति दें यह कर कर व्रत का संकल्प लें एक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से संतान की आयु में वृ्द्धि, स्वास्थय और सुख प्राप्त होता है. साथ ही माता पार्वती की पूजा भी इसके साथ-साथ की जाती है। क्योकि माता पार्वती भी संतान की रक्षा करने वाली माता कही गई है।


उपवास करने वाली स्त्रियों को व्रत के दिन क्रोध करने से बचना चाहिए और उपवास के दिन मन में बुरा विचार लाने से व्रत के पुन्य फलों में कमी होती है। इसके साथ ही व्रत वाले दिन, दिन की अवधि में सोना नहीं चाहिए। अहोई माता की पूजा करने के लिये अहोई माता का चित्र गेरूवे रंग से मनाया जाता है। इस चित्र में माता, सेह और उसके सात पुत्रों को अंकित किया जाता है। संध्या काल में इन चित्रों की पूजा की जाती है।


सायंकाल की पूजा करने के बाद अहोई माता की कथा का श्रवण किया जाता है। इसके पश्चात सास-ससुर और घर में बडों के पैर छुकर आशिर्वाद लिया जाता है। तारे निकलने पर इस व्रत का समापन किया जाता है। तारों को करवे से अर्ध्य दिया जाता है। और तारों की आरती उतारी जाती है। इसके पश्चात संतान से जल ग्रहण कर, व्रत का समापन किया जाता है।


मुहूर्त-

अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय समय (Ahoi Ashtami 2025 Moon Rise Time)

हिंदू पंचांग के अनुसार, 13 अक्टूबर 2025 को चंद्रोदय का समय रात 11 बजकर 20 मिनट है।

इस दिन रवि योग भी बन रहा है,जो इस दिन को और शुभ बना रहा है।


अहोई व्रत कथा 

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अहोई अष्टमी की व्रत कथा के अनुसार किसी नगर में एक साहूकार रहता था उसके सात लडके थें दीपावली आने में केवल सात दिन शेष थें, इसलिये घर की साफ -सफाई के कार्य घर में चल रहे थे, इसी कार्य के लिये साहुकार की पत्नी घर की लीपा-पोती के लिये नदी के पास की खादान से मिट्टी लेने गई खदान में जिस जगह मिट्टी खोद रही थी, वहीं पर एक सेह की मांद थी स्त्री की कुदाल लगने से सेह के एक बच्चे की मृ्त्यु हो गई।


यह देख साहूकार की पत्नी को बहुत दु:ख हुआ शोकाकुल वह अपने घर लौट आई सेह के श्राप से कुछ दिन बाद उसके बडे बेटे का निधन हो गया फिर दूसरे बेटे की मृ्त्यु हो गई, और इसी प्रकार तीसरी संतान भी उसकी नहीं रही, एक वर्ष में उसकी सातों संतान मृ्त्यु को प्राप्त हो गई।


अपनी सभी संतानों की मृ्त्यु के कारण वह स्त्री अत्यंत दु:खी रहने लगी एक दिन उसने रोते हुए अपनी दु:ख भरी कथा अपने आस- पडोस कि महिलाओं को बताई, कि उसने जान-बुझकर को पाप नहीं किया है अनजाने में उससे सेह के बच्चे की हत्या हो गई थी उसके बाद मेरे सातों बेटों की मृ्त्यु हो गई यह सुनकर पडोस की वृ्द्ध महिला ने उसे दिलासा दिया और कहा की तुमने जो पश्चाताप किया है उससे तुम्हारा आधा पाप नष्ट हो गया है।


तुम माता अहोई अष्टमी के दिन माता भगवती की शरण लेकर सेह और सेह के बच्चों का चित्र बनाकर उनकी आराधना कर, क्षमा याचना करों, तुम्हारा कल्याण होगा। ईश्वर की कृपा से तुम्हारा पाप समाप्त हो जायेगा साहूकार की पत्नी ने वृ्द्ध महिला की बात मानकार कार्तिक मास की कृ्ष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का व्रत कर माता अहोई की पूजा की, वह हर वर्ष नियमित रुप से ऎसा करने लगी, समय के साथ उसे सात पुत्रों की प्राप्ति हुई, तभी से अहोई व्रत की परम्परा प्रारम्भ हुई है।


अहोई माता की आरती

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जय अहोई माता, जय अहोई माता!

तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता। टेक।।

ब्राहमणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता।। जय।।

माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।।

जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता।। जय।।

तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता।

कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता।। जय।।

जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता।।

कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता।। जय।।

तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता।

खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।। जय।।

शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता।

रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।। जय।।

श्री अहोई माँ की आरती जो कोई गाता। उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।। जय।।


अहोई अष्टमी उघापन विधि

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जिस स्त्री का पुत्र न हो अथवा उसके पुत्र का विवाह हुआ हो, उसे उघापन अवश्य करना चाहिए इसके लिए, एक थाल मे सात जगह चार-चार पूरियां एवं हलवा रखना चाहिए इसके साथ ही पीत वर्ण की पोशाक-साडी, ब्लाउज एवं रूपये आदि रखकर श्रद्धा पूर्वक अपनी सास को उपहार स्वरूप देना चाहिए। उसकी सास को चाहिए की, वस्त्रादि को अपने पास रखकर शेष सामग्री हलवा-पूरी आदि को अपने पास-पडोस में वितरित कर दे।यदि कोई कन्या हो तो उसके यहां भेज दे।



अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय👉 

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इसवर्ष अहोई अष्टमी के दिन चंद्रमा मध्यरात्रि के समय दिखाई देगा, इस दिन देर रात 11 बजकर 55 मिनट पर चंद्रोदय होग। ऐसे में अधिकांश व्रत करने वाले तारों को देखने के बाद पारण कर लेती हैं। अधिकतर जगहों पर तारों को देखकर ही व्रत पूरा करने की परंपरा है।



 गर्व का क्षण – उत्तराखंड से राष्ट्रीय मंच तक!

Rma Bisht of uttarakhand awarded by Best women enterpreneur in MSME

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने हेतु  अमर उजाला MSME For Bharat Awards 2025 के पुरस्कार वितरण में दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित कार्यक्रम में हमारे ब्रांड Apple Zone Ramgarh की फाउंडर श्रीमती रमा बिष्ट जी को "बेस्ट वूमेन एंटरप्रेन्योर इन एमएसएमई" अवार्ड कैटेगरी में देश की सर्वश्रेष्ठ महिला लघु उद्यमी के रूप में केंद्रीय मंत्री भारत सरकार माननीय श्री अजय टम्टा जी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री माननीय श्री पुष्कर सिंह धामी जी व पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ जी द्वारा सम्मानित किया गया।


यह सम्मान उनके वर्षों के परिश्रम, समर्पण, सैकड़ों स्थानीय महिलाओं व युवाओं को रोजगार दिलाने और स्थानीय पहाड़ी उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के निरंतर प्रयासों की सच्ची पहचान है।

पहाड़ की मिट्टी से शुरू हुई एक महिला उद्यमी की यह यात्रा आज पूरे देश के लिए प्रेरणा बन चुकी है।


पूर्व में भी महिलाओं को रोजगार देने व ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने पर राज्य पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार समेत कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित श्रीमती रमा बिष्ट जी ने न केवल उत्तराखंड के जैविक उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान दिलाई, बल्कि हजारों ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह भी दिखाई। 🌸


यह सम्मान उनके अटूट समर्पण, मेहनत, और ‘Made in Hills, Made for India’ की भावना को समर्पित है।


💚 "जहाँ इच्छा हो, वहाँ राह खुद बनती है — और रमा बिष्ट जी ने उस राह को सफलता की मिसाल बना दिया है।"

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