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 मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में यूएसडीएमए ने शुरू की तैयारी

गुरुवार को जनपदों के साथ सचिव आपदा प्रबंधन ने की बैठक

देहरादून:

mock drill USDMA for flood


 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में दिनांक 30 जून को राज्य के मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ के दौरान प्रभावी तरीके से राहत और बचाव कार्यों को संचालित करने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। बृहस्पतिवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल की तैयारी को लेकर ओरिएंटेशन तथा कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान सभी जनपदों को मॉक ड्रिल कराने को लेकर विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। 

    सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दिनों आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश के मैदानी जनपदों में बाढ़ की स्थिति पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण पाने तथा विभिन्न विभागों के मध्य आपसी समन्वय तथा सामंजस्य को मजबूत करने के लिए मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि यह मॉक ड्रिल ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार तथा देहरादून, नैनीताल और चंपावत जनपद के मैदानी क्षेत्रों में आयोजित की जाएगी। 

उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल ऐसे स्थानों में आयोजित की जाएगी, जहां विगत कुछ वर्षों से लगातार जल भराव तथा बाढ़ के हालात उत्पन्न हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि 28 जून को टेबल टॉप एक्सरसाइज आयोजित की जाएगी तथा 30 जून को मॉक ड्रिल का आयोजन होगा। उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल का आयोजन आईआरएस यानी घटना प्रतिक्रिया प्रणाली के अंतर्गत किया जाएगा। 09 जून को राज्य, जनपद तथा तहसील स्तरीय आईआरएस की अधिसूचना जारी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि आईआरएस एक ऐसा तंत्र है, जिसमें सभी अधिकारियों तथा विभागों की भूमिकाओं का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों के दौरान किस विभाग को तथा किसी अधिकारी को क्या करना है, इसे लेकर अब भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी। 

उन्होंने बताया कि टेबल टॉप एक्सरसाइज के दिन सभी जनपद अपनी तैयारियों के साथ ही संसाधनों की उपलब्धता, उनकी तैनाती, मॉक ड्रिल के लिए योजना के बारे में बताएंगे। बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, संयुक्त सचिव श्री जेएल शर्मा, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे। 


फूड पैकेट एयर ड्रॉप करने का होगा अभ्यास

देहरादून। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के सामने भोजन तथा अन्य सामग्री का संकट हो जाता है। ऐसे में मॉक ड्रिल के दौरान भोजन की किट को भी एयरड्राप किया जाएगा।  सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि हेलीकॉप्टर से भोजन ड्राप करने का अभ्यास किया जाना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि भोजन ड्राप करने वाले व्यक्ति की सुरक्षा तथा भोजन सुरक्षित लोगों तक पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। इस अभ्यास के दौरान वास्तविक फूड पैकेट ड्राप किए जाएंगे। 


इवैकुएशन प्लान पर भी होगी रिहर्सल

देहरादून। बाढ़ चेतावनी संदेशों को वाट्सएप, एसएमएस, रेडियो आदि के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा। इस दौरान निर्धारित रूट्स, ट्रांसपोर्ट संसाधनों और सुरक्षित ठिकानों को चिन्हित किया जाएगा। लोगों की सुविधा के लिए नक्शों/चार्ट्स पर स्पष्ट मार्गदर्शन के अलावा बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों के लिए रेस्क्यू की प्रभावी योजना बनाई जाएगी।


राहत शिविरों की व्यवस्थाओं को परखा जाएगा

देहरादून। मॉक अभ्यास के दौरान बाढ़ संभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों की स्थापना की जाएगी। वहां बिजली, पानी, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, शिशु आहार के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए रियल टाइम में उन्हें परखा जाएगा। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस तथा होमगार्ड के जवानों की तैनाती भी राहत शिविरों में की जाएगी। 


मॉक ड्रिल का उद्देश्य

बाढ़ जैसी आपदा के लिए जनपदों की तैयारियों का परीक्षण करना।

विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता को परखना।

राहत एवं बचाव उपकरणों की उपलब्धता और उपयोगिता की जांच।

राहत शिविर संचालन/वहां भोजन, पानी, स्वास्थ्य सुविधा को परखना।

चेतावनी तंत्र की प्रभावशीलता का परीक्षण।

संवेदनशील क्षेत्रों की पूर्व निर्धारित निकासी योजना का अभ्यास करना।

समुदायों की सहभागिता और उनकी प्रतिक्रिया को मजबूत बनाना।


इन परिदृश्यों पर होगी मॉक अभ्यास

नदी में जलस्तर अचानक बढ़ना। 

रिहायशी इलाकों में जलभराव/मकानों का डूबना

बस/रेलवे स्टेशनों में जलभराव।

सड़कों में जलभराव एवं वाहनों का डूब जाना।

स्कूल में बाढ़ का खतरा/बच्चों की निकासी।

रात में बाढ़ आने का परिदृश्य। 

बाढ़ प्रभावित लोगों को पंचायत भवन/स्कूल में शिफ्ट करना

पशुओं की सुरक्षा और गौशालाओं में स्थानांतरण।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद देहरादून के पेयजल विभाग के अन्तर्गत सीवरेज कार्यों की 07 योजनाओं हेतु 3147.32 लाख, जनपद उधमसिंह नगर में अमृत 2.0 वॉटर बॉडीज योजनान्तर्गत्त नगर निकाय दिनेशपुर की 02 योजनाओं के लिए 97 लाख,  राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के अन्तर्गत जनपद चमोली के मुख्यालय गोपेश्वर में विकासनगर (हल्दापानी) के निकट कॉलेज गोपेश्वर में भू-धंसाव योजना के कार्य हेतु 778.97 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने हेतु अनुमोदन प्रदान किया है।


मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री सम्पर्क योजना के अन्तर्गत प्रदेश की 13 नई ग्रामीण सड़क योजनाओं के लिए 3382.48 लाख की धनराशि नाबार्ड से वित्त पोषण किये जाने हेतु अनुमोदन प्रदान किया है। 


मुख्यमंत्री ने जनपद बागेश्वर के विधान सभा क्षेत्र कपकोट क्षेत्रान्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कपकोट को उप जिला चिकित्सालय बनाये जाने तथा जनपद चमोली के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, थराली को उच्चीकृत करते हुए नवीन स्थान कुलसारी में उप जिला चिकित्सालय बनाये जाने हेतु मानकों में शिथिलता प्रदान किये जाने पर अनुमोदन प्रदान किया है।

 

देहरादून :

163 applied in Dehradun, Presodent Murmu visit

महामहिम राष्ट्रपति के 19 से 21 जून 2025 तक राजधानी देहरादून का भ्रमण कार्यक्रम निर्धारित है। अपर जिला मजिस्ट्रेट जय भारत सिंह ने बताया कि मा0 राष्ट्रपति के जनपद में निवास के दौरान निवास स्थान के आस पास ध्वनि की तीव्रता को नियंत्रित करते हुए ध्वनि प्रतिसिद्व क्षेत्र घोषित करते हुए ध्वनि की तीव्रता को 40 डेसिबल तक निर्धारित किया जाना आवश्यक है। इसके लिए अपर जिला मजिस्ट्रेट ने राजपुर रोड पर मसूरी डायवर्जन से राष्ट्रपति निकेतन होते हुए ब्रहम कमल चौक और ब्रहमकमल चौक से कैनाल रोड़ पर एनआईईपीवीडी के अरूणद्वार, बालासुन्दरी मंदिर होते हुए नैनीताल बैंक की कैनाल रोड़ शाखा तक सड़क के दोनों ओर 100 मीटर की दूरी तक और उक्त दोनों क्षेत्रों के मध्य के समस्त क्षेत्रों में धारा-163 लागू करते हुए प्रतिसिद्व क्षेत्र घोषित कर दिया है। यह आदेश 19 जून 2025 की सायं 4ः00 बजे से 21 जून 2025 को अपराह्न 1ः00 बजे अथवा मा0 राष्ट्रपति के प्रस्थान के उपरांत एक घंटे तक प्रभावी रहेगा। अपर जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिगत यह आदेश तत्काल किया जाना है, इसलिए एक पक्षीय रूप से यह आदेश निर्गत किया जाता है। आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता की धारा-223 के अधीन दंडनीय होगा।  

 *रिखणीखाल करंट हादसे में अवर अभियंता, उपखण्ड अधिकारी और अधिशासी अभियंता सस्पेंड* 


*कर्मियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता*


*घटना में लापरवाही बरतने वाले सभी कर्मियों पर होगी कार्रवाई*

CM action at death of  contractual lineman in Rikh ikhaal


पौड़ी जनपद के रिखणीखाल ब्लॉक स्थित वड्डाखाल क्षेत्र में बिजली की लाइन पर कार्य करते समय संविदा लाइनमैन की करंट लगने से हुई मृत्यु की घटना को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अत्यंत गंभीरता से लिया है। 


विधायक महंत दलीप सिंह रावत की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।


 मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित उपखण्ड अधिकारी चंद्रमोहन, अवर अभियंता शुभम कुमार और अधिशासी अभियंता विनीत कुमार सक्सेना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।  यह निर्णय राज्य में कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों के पालन को सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने की दृष्टि से लिया गया है।


मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस प्रकार की लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्युत कार्यों के दौरान सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यस्थल पर सभी ज़रूरी सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता हो। विशेष रूप से फायर या शॉर्प ऑब्जेक्ट्स जैसे जोखिमपूर्ण उपकरणों के उपयोग के समय संबंधित कर्मियों के पास हेलमेट, ग्लव्स, सेफ्टी बेल्ट, इन्सुलेटेड औजार जैसे सभी सुरक्षात्मक संसाधन मौजूद होने चाहिए। उन्होंने मामले में लापरवाही बरतने सभी कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 


मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) के उच्चाधिकारियों से भी इस संबंध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट किया जाए कि विभाग के पास वर्तमान में कितने सुरक्षा उपकरण उपलब्ध हैं और क्या ये उपकरण फील्ड में कार्यरत कर्मचारियों तक प्रभावी रूप से पहुंच भी रहे हैं या नहीं। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी के जीवन और सुरक्षा को सर्वोपरि मानती है और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही को क्षम्य नहीं माना जाएगा।



 राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के उत्तराखण्ड आगमन पर गुरुवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट में राज्यपाल लेफ़्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) तथा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया।



 इस अवसर पर राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट, पूर्व केंद्रीय  मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी,  डॉ धन सिंह रावत,  मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ,  जिलाधिकारी देहरादून श्री सविन बंसल तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने भी राष्ट्रपति का स्वागत किया |

 ऋषिकेश:


एम्स,ऋषिकेश में अंतराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) के उपलक्ष्य में विभिन्न यौगिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। 

जिसके तहत योग कार्यशाला व व्याख्यान का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के कार्मिकों ने प्रतिभाग किया, इस दौरान उन्हें योग क्रियाओं का अभ्यास भी कराया गया।


संस्थान की निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर( डॉक्टर )मीनू सिंह के कुशल मार्गदर्शन में आयुष विभाग की ओर से सोमवार देर शाम प्रशासनिक एवं इंजीनियरिंग विभाग के लिए योग कार्यशाला आयोजित की गई। 


इस अवसर पर आयुष विभाग के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीलॅय मोहंती ने कहा कि वर्तमान दौड़धूप व तनावग्रस्त दिनचर्या में सभी को अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए आयुष विधाओं का लाभ लेना चाहिए।

 उन्होंने बताया कि दुनिया को योग से रोग मुक्त रखने के संदेश के साथ वर्ष 2015 से हरवर्ष 21 जून को दुनियाभर में अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

आयुष चिकित्साधिकारी डॉ. श्वेता मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष "एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य " थीम के संदेश के साथ अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव मनाने का निर्णय लिया गया है। 


इसके मद्देनजर एम्स ऋषिकेश में विभिन्न विभागों की ओर से योग की विभिन्न गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं। 

व्याख्यानमाला में डॉक्टर श्वेता ने बताया कि वर्तमान आपाधापी भरी जिंदगी में लाईफ स्टाइल से जनस्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है और लोग गलत खानपान, क्लाइमेट चेंज, प्रदूषण, शारीरक गतिविधियों के अभाव आदि कारणों के चलते गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। 

लिहाजा इन सबसे बचाव व स्वस्थ रहने के लिए हमें योग को आत्मसात करना होगा। 

सही मार्गदर्शन में नियमित योगाभ्यास, दिनचर्या में सुधार, व्यायाम से हम अपने आप को फिट व निरोगी रख सकते हैं। 

इस दौरान आयुष विभाग के योग प्रशिक्षक दीपचंद्र जोशी ने प्रतिभागियों को विभिन्न यौगिक क्रियाओं का अभ्यास भी कराया। 

कार्यशाला में इंजीनियरिंग विभाग से अधिशासी अभियंता राहुलजी सहित संस्थान के करीब 150 अधिकारी, कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया । 

उधर, बीते शनिवार को एम्स आयुष विभाग के तत्वावधान में नर्सिंग अधिकारियों के लिए योग कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 200 से अधिक अधिकारियों ने विभिन्न योग क्रियाओं का अभ्यास किया।




1 - सहकारिता विभाग में उप निबंधक ऑडिट के 1 निसंवर्गीय पद को कैबिनेट ने दी मंजूरी। 


सहकारिता विभाग में उप निबंधक ऑडिट लेवल 11 के पद को 5 साल के लिए सृजन किया गया है। जिसे कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी है। यह एक निसंवर्गीय पद है। 


2 - बद्रीनाथ धाम में  स्थित आईएसबीटी वॉल्स पर में मास्टर प्लान के अंतर्गत में म्यूरल आर्ट वार्क किया जाएगा, जिसे कैबिनेट ने अपनी मंजूरी प्रदान की है।  


3 - पशुपालन विभाग की योजना जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों को पशुपालन के लिए 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है, और डेयरी विकास की गंगा गाय योजना के विलय को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की है।  अब इस योजना का लाभ सामान्य वर्ग के लोगों को भी दिया जाएगा। 

4-पशुपालन विभाग के अंतर्गत पशुधन प्रसार अधिकारियों के चयन के बाद इन्हें 2 साल तक का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण की अवधि को 2 साल से घटाकर 1 वर्ष किए जाने के निर्णय को कैबिनेट ने दी अपनी मंजूरी।



नई एसओपी के तहत वोटर लिस्ट में अपडेट के 15 दिनों के भीतर वोटर आईडी कार्ड की डिलीवरी सुनिश्चित की जाएगी। इस पहल  में किसी मतदाता का नया नामांकन या मौजूदा मतदाता के किसी भी विवरण में बदलाव जैसी सुविधा  शामिल हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार द्वारा चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ मतदाताओं की सुविधा के लिए उठाया गया कारगर कदम है।


 आयोग द्वारा नई प्रणाली निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा वोटर कार्ड  बनाने से लेकर डाक विभाग (डीओपी) के माध्यम से मतदाता को वोटर कार्ड  की डिलीवरी तक प्रत्येक चरण की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग सुनिश्चित करेगी। मतदाताओं को प्रत्येक चरण पर SMS के माध्यम से सूचनाएं भी प्राप्त होंगी, जिससे उन्हें उनके वोटर आईडी कार्ड की स्थिति के बारे में जानकारी मिलती रहेगी। इस उद्देश्य के लिए, चुनाव आयोग ने अपने हाल ही में लॉन्च किए गए ईसीआईनेट प्लेटफॉर्म पर एक समर्पित आईटी मॉड्यूल पेश किया है। नया आईटी प्लेटफॉर्म मौजूदा सिस्टम को फिर से तैयार करके और वर्कफ़्लो को सुव्यवस्थित करके मौजूदा प्रक्रिया को बदल देगा। डीओपी के एप्लिकेशन प्रोग्राम इंटरफेस (एपीआई) को निर्बाध वितरण के लिए ईसीआईनेट के साथ एकीकृत किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य डेटा सुरक्षा बनाए रखते हुए सेवा वितरण को बढ़ाना है। अपने सभी मतदाताओं को त्वरित और कुशल चुनावी सेवाएं प्रदान करना चुनाव आयोग की प्राथमिकता में है। 

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों में, आयोग ने मतदाताओं और अन्य हितधारकों के लाभ के लिए कई पहल की हैं।


 *उत्तराखंड में बढ़ रहा तीर्थाटन का दायरा*


*चारों धाम के साथ ही अन्य मंदिरों में भी पहुंच रहे हैं श्रद्धालु*


चारधाम यात्रा में इस बार अब तक करीब 32 लाख यात्री पहुंच चुके है। अच्छी बात यह है तीर्थयात्री अब चारधामों के साथ ही अन्य मंदिरों / तीर्थ स्थलों में भी पहुंच रहे हैं। जिससे चारधाम यात्रा मार्ग की तरह, अन्य स्थानों पर भी आर्थिक गतिविधियां तेज हो रही हैं। 

उत्तराखंड में स्थित चारों धामों में प्रतिवर्ष यात्रा काल के दौरान लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस यात्रा सीजन में ही चारधाम और हेमकुंड के लिए कुल पंजीकरण की संख्या 44 लाख से अधिक हो चुकी है। इसमें यमुनोत्री धाम के लिए 713456, गंगोत्री के लिए 780554, केदारनाथ के लिए 1443513, बद्रीनाथ के लिए 1336923 और हेमकुंड के लिए 169180 पंजीकरण हुए हैं, जिसमें से अब तक करीब 32 लाख तीर्थयात्री यात्रा पूरी कर चुके हैं। चारधाम यात्रा मार्ग पर इसका सकारात्मक आर्थिक प्रभाव नजर आ रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार, अन्य तीर्थ स्थलों और धामों के भी प्रचार- प्रसार पर जोर देते रहे हैं, ताकि तीर्थयात्रियों के आने से इन क्षेत्रों में भी आर्थिक गतिविधियां तेज हो सके। इसका सकारात्मक असर रुद्रप्रयाग स्थित कार्तिकेय स्वामी मंदिर, उत्तरकाशी स्थित जगन्नाथ मंदिर के साथ ही अन्य मदिंरों में आने वाले यात्रियों की बढ़ती संख्या के रूप में नजर आने लगा है। आंकड़ों के मुताबिक कार्तिकेय स्वामी मंदिर में गत वर्ष करीब चार लाख तीर्थ यात्री पहुंचे थे, जबकि इस बार यह संख्या जून मध्य तक ही 10 लाख के पार पहुंच गई है। उत्तरकाशी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में भी इस वर्ष अब तक 25 हजार तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं। जिस कारण अब चारधाम यात्रा मार्ग की तरह अन्य स्थानों पर भी होटल, रेस्टोरेंट, परिवहन, प्रसाद सहित तमाम तरह की गतिविधियां बढ़ रही हैं। जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका को सहारा मिल रहा है।


*उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए, सभी क्षेत्रों में तीर्थाटन, पर्यटन की गतिविधियां तेज होना जरूरी है। उत्तराखंड देवभूमि है, यहां प्रत्येक देवालय का अपना महत्व है। सरकार सभी तीर्थ स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं का विकास करने का प्रयास कर रही है।*

*पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री* 


मुख्यमंत्री आवास परिसर में गुरुवार को योगाभ्यास किया गया। 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के साथ इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी योग किया। 

yoga with CM Dhami


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि  योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और आत्मबोध की एक प्रक्रिया है। यह हमारे  मन को स्थिर कर चेतना की गहराइयों तक पहुँचाने का माध्यम है।


 उन्होंने भारतीय संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने सदैव मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि रखा है और हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ योग है। यही कारण है कि आज योग दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन गया है और भारतीय जीवन शैली को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित कर रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता देने के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसे 177 देशों ने समर्थन दिया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया।


 उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड योग और ऋषि मुनियों की भूमि है।  ग्राम स्तर तक सभी लोग योग से जुड़े, सरकार द्वारा इस दिशा में प्रयास किए गए हैं। योग से रोजगार के अवसर बढ़ाये जा रहे हैं। उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए  नई योग नीति लाई गई है।

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