Halloween party ideas 2015

 *नौगांव ब्लॉक में 184 गाँवों के बावजूद एक भी खेल मैदान न होना राज्य की खेल नीति की गंभीर विफलता को दर्शाता है। युवाओं की यह माँग पूरी तरह जायज़ है और सरकार को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।*

--- स्थिति की गंभीरता:

- *184 गाँवों वाला नौगांव ब्लॉक* उत्तरकाशी जिले का एक बड़ा प्रशासनिक क्षेत्र है, लेकिन एक भी समुचित खेल मैदान नहीं_ है।

- यह स्थिति न केवल खेल प्रतिभा के दमन का कारण बन रही है, बल्कि युवाओं के मानसिक और शारीरिक विकास में भी बाधा बन रही है।

- स्थानीय युवाओं का आरोप है कि *खेल मंत्री रेखा आर्य* और *विधायक दुर्गेश लाल* ने पर्वतीय क्षेत्रों की खेल आवश्यकताओं की अनदेखी की है।

 राज्य सरकार की योजनाएँ — लेकिन ज़मीनी हकीकत अलग:*

- उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि _सभी जिलों में बहुउद्देशीय हॉल और खेल मैदान बनाए जाएंगे_, विशेषकर 50,000 से अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में।

- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी  खेलों को युवाओं से जोड़ने की बात कही थी और 2024 के बजट में खेलों के लिए प्रावधानों का ज़िक्र किया था।

- लेकिन नौगांव ब्लॉक जैसे क्षेत्रों में इन घोषणाओं का कोई असर नहीं दिखता न योजना, न बजट, न निर्माण।


 जनता और युवाओं की माँगें:

*प्रत्येक क्लस्टर में कम से कम एक खेल मैदान* का निर्माण हो।

*स्थानीय युवाओं की भागीदारी* से खेल समितियाँ बनाई जाएँ जो ज़रूरतों की पहचान करें।

*खेल मंत्री और विधायक* को _जन संवाद_ के लिए आमंत्रित किया जाए ताकि वे ज़मीनी हकीकत को समझें।

*मनरेगा, जिला योजना और CSR फंड* के माध्यम से खेल मैदानों के लिए संसाधन जुटाए जाएँ।


 आगे की रणनीति:*

- *ऑनलाइन और ऑफलाइन हस्ताक्षर अभियान* शुरू कर सरकार तक आवाज़ पहुँचाई जाए।

- *स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया* पर इस मुद्दे को लगातार उठाया जाए।

- *RTI के माध्यम से जानकारी* ली जाए कि नौगांव ब्लॉक के लिए अब तक खेल बजट में क्या प्रावधान हुए हैं।                                                  समाज सेवक सोवत राणा ने कहा कि इस प्रकार नौगांव को खेलो से जोड़ने की मुहिम चलाई जाएगी।

 *मुख्यमंत्री ने किया 112 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण शिलान्यास*


*उत्तराखंड में रिवर्स पलायन 44% बढ़ा: मुख्यमंत्री*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को लेटीबुंगा मैदान, ग्राम पंचायत शशबनी, नैनीताल में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹ 112 करोड़ 34 लाख रुपये की कुल 17 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर महिला स्वयं सहायता समूहों एवं विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों का भी निरीक्षण कर महिला उत्पादों की सराहना की।

112 crore scheme inaugurated by CM Dhami


मुख्यमंत्री ने घोषणा कि की भीमताल क्षेत्र के कई गांवो भीड़ापानी, नाई, डालकन्या, देवनगर, सिलौटी, सुन्दरखाल में मिनी स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। ओखलकांडा के करायल बैण्ड–टकुरा वन चौकी रोड का डामरीकरण किया जाएगा।  भीमताल बाईपास नहर कवरिंग का शेष कार्य पूर्ण कराया जाएगा। भीमताल में नई पार्किंग और नया रोडवेज बस स्टेशन स्थापित होगी। भीमताल नगर में अग्निशमन केंद्र खोला जाएगा।।नौकुचियाताल–खड़की खरौला रोड का मिलान किया जाएगा। कसियालेख – काफली – पदीकनाला रोड का डामरीकरण किया जाएगा। बडोन–सिमलिया – साननी मोटर मार्ग का मिलान किया जाएगा। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि भीमताल विधानसभा सहित पूरे नैनीताल जिले के समग्र विकास के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय विधायक द्वारा उठाए गए मुख्य मार्ग–10 की खराब स्थिति पर तत्काल संज्ञान लेते हुए लगभग 9.5 करोड़ रुपये सड़क पुनर्निर्माण हेतु स्वीकृत किए गए हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड आज विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सहित सभी क्षेत्रों में तेज़ी से इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कैंची धाम, नैनादेवी मंदिर, मुक्तेश्वर धाम सहित सभी पौराणिक मंदिरों का पुनर्विकास कार्य मिशन मोड में चल रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए ‘एक जनपद–दो उत्पाद’, ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’, ‘स्टेट मिलेट मिशन’, ‘होमस्टे’, ‘वेड इन उत्तराखंड’ जैसी योजनाएँ स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा दे रही हैं। पलायन आयोग की नवीन रिपोर्ट में रिवर्स पलायन में 44% की बढ़ोतरी, बेरोजगारी दर में 4.4% कमी, तथा नीति आयोग के SDG इंडेक्स में देश में प्रथम स्थान उत्तराखंड को प्राप्त हुआ है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नकल माफियाओं पर लगाम कसने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया, जिसके परिणामस्वरूप पिछले वर्षों में 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। 100 से अधिक नकल माफियाओं को जेल भेजा गया है। इसके अलावा, भ्रष्टाचार के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत विजलेंस के माध्यम से 200 से अधिक सरकारी कार्मिकों पर कार्यवाही की गई है। 


मुख्यमंत्री द्वारा भवाली बाईपास पार्ट–1 और 2 सुधारीकरण,  भीमताल बाईपास सड़क सुधार, 50 बेड क्रिटिकल केयर यूनिट, नैनीताल,  हल्दूचौड़ एलबीएस कॉलेज में पुस्तकालय व बहुउद्देश्यीय हॉल,  पुछड़ी में गौशाला निर्माण, राजकीय विद्यालय जाडापानी में पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब, विज्ञान प्रयोगशाला जैसी विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण किया गया है। वही मुख्यमंत्री ने  राजकीय महाविद्यालय लालकुआँ में परीक्षा भवन, लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय में चाहरदीवारी, गौलापार स्टेडियम में पूल कवरिंग व सुरक्षा कार्य, बेतालघाट, पंगोट–दैचौरी, ओखलकांडा सभागार आदि का शिलान्यास किया। 


विधायक भीमताल श्री राम सिंह कैड़ा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न योजनाओं  की स्वीकृति पर आभार व्यक्त करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। अपने संबोधन में उन्होंने क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की भी जानकारी दी। 


इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत दीपा दरमवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, ब्लॉक प्रमुख धारी  भावना आर्या, ओखलकांडा केडी रूबाली,  जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल, एसपी यातायात जगदीश चंद्र सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि गणमान्य नागरिक एवं स्थानीय जनता आदि मौजूद रही।

 *देहरादून में होगा जनसंपर्क का “महाकुंभ” — 47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशंस कॉन्फ्रेंस 13–15 दिसंबर तक*

public relation  international seminar dehradun


देहरादून 13 से 15 दिसंबर तक देशभर के जनसंपर्क एवं कम्युनिकेशन प्रोफेशनल्स के भव्य संगम का केंद्र बनने जा रहा है, जब पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (PRSI) की 47वीं ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशंस कॉन्फ्रेंस यहां आयोजित की जाएगी। PRSI के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजीत पाठक के अनुसार यह जनसंपर्क क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित वार्षिक कॉन्फ्रेंस है, जिसमें सरकारी विभागों, कॉर्पोरेट, पीएसयू, अकादमिक संस्थानों और मीडिया जगत से बड़ी संख्या में प्रतिनिधि जुटेंगे।


सम्मेलन का मुख्य थीम

“विकसित भारत @2047: विकास भी, विरासत भी — Empowering Growth, Preserving Roots”

इस थीम के अंतर्गत यह विचार किया जाएगा कि आने वाले वर्षों में पब्लिक रिलेशंस राष्ट्रनिर्माण, तकनीक, संवाद और जनभागीदारी के क्षेत्र में कैसी अग्रणी और निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

13 दिसंबर — उद्घाटन सत्र (दोपहर 3:30 बजे)


कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दोपहर 3.30 बजे किया जाएगा।

उद्घाटन सत्र में कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी विशिष्ट अतिथि तथा सांसद श्री नरेश बंसल सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।


इसके बाद सम्मेलन के तकनीकी सत्रों की शुरुआत होगी, जिनमें थीम आधारित चर्चाएँ, नवाचार और उत्तराखंड की विकास यात्रा पर केंद्रित सत्र शामिल होंगे।



14 दिसंबर — तकनीकी एवं विषयगत सत्र


सत्र–I : 25 वर्ष का उत्तराखंड और आगे की दिशा (1200–1330 बजे)


वक्ता राज्य की 25 वर्षों की विकास यात्रा और भविष्य की प्राथमिकताओं पर विचार रखेंगे।

पैनल में वरिष्ठ IAS अधिकारी —

श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, श्री बंशीधर तिवारी तथा प्रो. दुर्गेश पंत — शामिल होंगे।


सत्र–II : विकसित भारत @2047 में मीडिया और जनसंपर्क की भूमिका (1430–1530 बजे)


• श्री अनुपम त्रिवेदी (News 18)

• डॉ. नितिन उपाध्याय (DIPR)

• डॉ. हिमांशु शेखर (NDTV)

• प्रो. सुरभि दहिया (IIMC)


सत्र–III : वे फ़ॉरवर्ड — GST, टेक्नोलॉजी और पब्लिशिंग इंडस्ट्री (1530–1630 बजे)


• श्रीमती बी. सुमिदा देवी (IRS) — GST का व्यापक आर्थिक प्रभाव

• मेजर अतुल देव — तकनीक और जनसंपर्क

• श्री सी. रविंदर रेड्डी — पब्लिशिंग इंडस्ट्री का भविष्य


सत्र–IV : इंडो–रशियन पब्लिक रिलेशंस एंड मीडिया फोरम (1700–1800 बजे)


रूसी प्रतिनिधि —

श्री माइकल मस्लोव, सुश्री दाव्यदेंको यूलिया, सुश्री अन्ना तलानीना

भारत–रूस व्यापार, डिजिटल संचार और उपभोक्ता व्यवहार पर विचार प्रस्तुत करेंगे।

सत्र की अध्यक्षता प्रो. चारुलता सिंह करेंगी।



15 दिसंबर — समापन दिवस


सत्र–V : साइबर क्राइम, मिसइन्फॉर्मेशन और AI (1000–1130 बजे)


• ASP अंकुश मिश्रा (STF) — साइबर अपराध और गलत सूचना की चुनौतियाँ

• डॉ. ताहा सिद्दीकी एवं श्री विनय जायसवाल (SAIL) — AI आधारित ADIRA कार्यशाला


सत्र–VI : मानव संसाधन, रणनीतिक मार्केटिंग और भारतीय मूल्य (1130–1330 बजे)


• डॉ. हेमंत शरद पांडे

• श्री अनुपम तिवारी (HPCL)

• मेजर अतुल देव

• डॉ. ऋतु दुबे तिवारी


समापन समारोह (1430 बजे)


मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल सम्मेलन के समापन का शुभारंभ करेंगे।

उत्तराखंड की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और पारंपरिक व्यंजनों की मेजबानी इस सम्मेलन को विशेष बनाएगी।


इस वर्ष रूस से आए प्रतिनिधियों की उपस्थिति सम्मेलन को एक अंतरराष्ट्रीय आयाम प्रदान कर रही है।


यह तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन जनसंपर्क जगत को नए विचारों, नीतिगत चर्चाओं, नवाचारों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का व्यापक मंच उपलब्ध कराएगा। देहरादून इस आयोजन के माध्यम से राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय जनसंपर्क मानचित्र पर अपनी विशेष पहचान दर्ज कराने जा रहा है।


आज का राशिफल 
दिनांक 12 दिसंबर 2025
 दिन शुक्रवार 
मार्ग शीर्ष
 कृष्ण पक्ष
rashifal today12 dec 2025



मेष
अ, आ, चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो
यात्रा लाभदायक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। कोई बड़ी समस्या का हल सहज ही होगा। समय अनुकूल है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शेयर मार्केट, म्युचुअल फंड से मनोनुकूल लाभ होगा। बेरोजगारी के प्रयास सफल रहेंगे।


वृषभ
ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो
परिवार के किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर खर्च होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में नि‍श्चितता रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जल्दबाजी न करें। विवाद को बढ़ावा न दें। फालतू खर्च होगा। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी व्यक्ति के बहकावे में न आएं।

मिथुन
का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह
आय में वृद्धि होगी। लाभ में वृद्धि होगी। कारोबार में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट से लाभ होगा। व्यापार ठीक चलेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। यात्रा लाभदायक रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। विरोधी सक्रिय रहेंगे। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। पारिवारिक चिंता रहेगी। जो‍खिम न लें।


कर्क
ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
आर्थिक उन्नति की योजना बनेगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। नए उपक्रम प्रारंभ हो सकते हैं। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा। जल्दबाजी से काम बिगड़ सकते हैं। थकान व कमजोरी रहेगी। किसी बड़े काम को करने की तीव्र इच्छा जागृत होगी।

सिंह
मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। दुष्टजनों से सावधान रहें। प्रमाद न करें। धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें।


कन्या
ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो
बनते कामों में विघ्न आ सकते हैं। चिंता तथा तनाव रहेंगे। बेकार बातों की तरफ ध्यान न दें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय होगी। फालतू खर्च होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। चोट व दुर्घटना के प्रति सावधानी आवश्यक है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।

तुला
रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। सभी तरफ से सफलता प्राप्त होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। ऐश्वर्य के साधनों पर अधिक व्यय होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। शत्रु पस्त होंगे।


वृश्चिक
तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। समय की अनुकूलता का लाभ लें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। जोखिम न उठाएं। प्रसन्नता रहेगी। किसी व्यक्ति के बहकावे में न आएं। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें।


धनु
ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। रोजगार मिलेगा। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। कानूनी अड़चन सामने आएगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बेचैनी रहेगी। व्यर्थ दौड़धूप रहेगी।


मकर
भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी
मेहनत अधिक होगी। लाभ के अवसर टलेंगे। मानसिक बेचैनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। कोई बड़ी बाधा उठ खड़ी हो सकती है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें, गुम हो सकती है। विवाद के बढ़ावा न दें। बुरी खबर मिल सकती है, धैर्य रखें। किसी व्यक्ति विशेष से कहासुनी हो सकती है।

कुंभ
गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
व्यापार लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। ऐश्वर्य के साधनों पर खर्च होगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। भाग्य का साथ रहेगा। प्रमाद न करें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मेहनत का फल मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे।


मीन
दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची
उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। बुद्धि का प्रयोग करेंग। कार्य में सफलता मिलेगी। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। लाभ में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। समय सुखपूर्वक व्यतीत होगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी।

 40 वीं वाहिनी पीएसी में 03 दिवसीय 23वीं प्रादेशिक जनपदीय/वाहिनी पुलिस वैज्ञानिक अनुसंधान, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, कंप्यूटर, एंटी एवं डॉग स्क्वाड प्रतियोगिता वर्ष-2025 का शुभारंभ।


हरिद्वार:



23वीं प्रादेशिक जनपदीय/वाहिनी पुलिस वैज्ञानिक अनुसंधान, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, कंप्यूटर, एंटी एवं डॉग स्क्वाड प्रतियोगिता -2025

प्रतियोगिता वर्ष-2025 का शुभारंभ 40वी वाहिनी पीएसी के प्रांगण में बैंड की मधुर धुन के मध्य मुख्य अतिथि श्रीमती तृप्ति भट्ट IPS सेनानायक महोदय 40वीं वाहिनी पीएसी (हरिद्वार) उप सेनानायक श्रीमती मनीषा जोशी, सहायक सेनानायक श्री राकेश रावत की उपस्थिति में किया गया।


तत्पश्चात् उप सेनानायक 40वीं वाहिनी पीएसी, द्वारा मुख्य अतिथि श्रीमती तृप्ति भट्ट IPS, सेनानायक 40वीं वाहिनी पीएसी को मोमैन्टो भेंट कर उनकी उपस्थित हेतु आभार व्यक्त किया गया।

तीन दिनों तक आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में राज्य के विभिन्न जनपदों से उत्तराखण्ड पुलिस/पीएसी/आईआरबी की कुल 17 टीमों के 118 पुरुष प्रतिभागी, 17 महिला प्रतिभागी कुल 135 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।  



इस अवसर पर शिविरपाल श्री आदेश कुमार एवं दलनायक श्री राकेश कुमार, दलनायक श्री कमल सिंह सजवान, सूबेदार सैन्य सहायक श्री मंगल सिंह, सहायक शिविर पाल पीतांबर दत्त नौटियाल एवं 40वीं वाहिनी प्लाटून कमांडर श्री जाहुल हसन, एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण तथा जनपदों के समस्त टीम मैनेजर व अन्य अधिकारी/कर्मचारिगण उपस्थित रहे।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में जेल विकास बोर्ड बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य की सभी जेलों में ‘एक जेल-एक प्रोडक्ट‘ का विकास किया जाए। 

several announcement CM Dhami 11 dec 2025


कारागारों में निरूद्ध बन्दियों के कौशल विकास हेतु नियमित कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। आईटीआई के माध्यम से भी जेलों में अलग-अलग ट्रेड के प्रशिक्षण की व्यवस्था  की जाए। उन्होंने कहा कि जेलों के विकास के लिए राज्य का अपना अलग मॉडल विकसित किया जाए। 


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जेलों में बनाये गये उत्पादों का सरकारी कार्यालयों में उपयोग किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे समय-समय पर जेलों में भोजन व्यवस्थाओं को भी देखें। बैठक में निर्णय लिया गया कि केन्द्रीय कारागार सितारगंज, जिला कारागार अल्मोड़ा, पौड़ी, टिहरी, उप कारागार  हल्द्वानी और रूड़की में लॉंड्री मशीन की स्थापना की जायेगी। जिला कारागार देहरादून और हरिद्वार में इसकी स्थापना से अच्छे परिणाम आये थे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कारागारों में चिकित्सकों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। 


बैठक में प्रदेश की खुली जेल सितारगंज में कच्ची घानी सरसों तेल संयंत्र की स्थापना पर सहमति बनी। सितारगंज और हरिद्वार जेल में मशरूम फार्मिंग की सहमति भी दी गई। बैठक में जानकारी दी गई कि जिला कारागार हरिद्वार, अल्मोड़ा, केन्द्रीय कारागार सितारगंज और उपकारागार हल्द्वानी में बेकरी यूनिट की स्थापना से लगभग 12 लाख रूपये आय अर्जित हुई है। सितारगंज खुली जेल में गौशाला की स्थापना से 10 लाख रूपये की आय हुई है। 


बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, सचिव गृह श्री शैलेश बगोली, अपर पुलिस महानिदेशक कारागार श्री अभिनव कुमार, सचिव श्री सी. रविशंकर एवं सबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

*मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान की गई ₹  210 करोड़ से अधिक लागत की विकास योजनाओं की वित्तीय स्वीकृतियां


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विभिन्न विकास योजनाओं, आपदा प्रबंधन कार्यों तथा मुख्यमंत्री घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए ₹  210 करोड़ से भी अधिक लागत की योजनाओं की वित्तीय स्वीकृतियां प्रदान की गई है। 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जनपदों की मांग के अनुरूप आपदा में राहत एवं बचाव कार्यों के सफल संचालन हेतु 71 बोलेरो वाहन हेतु ₹ 7.24 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने के साथ ही पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु एन.एच.-109 के लगभग 07 कि.मी. लम्बाई के पुन संरेखण के निर्माण हेतु ₹ 188.55 करोड़ की योजना का अनुमोदन प्रदान किया गया है।


मुख्यमंत्री श्री धामी द्वारा सीएम घोषणाओं से संबंधित कार्यों के लिए ₹ 14 करोड़ से अधिक की स्वीकृतियां प्रदान की गई हैं। जिनमें जनपद पिथौरागढ़ के विधानसभा क्षेत्र धारचूला में हरकोट से थामडी कुण्ड एवं जलथ से फगुनी उड्यार तक सम्पर्क मार्ग हेतु ₹ 88.76 लाख, दोबाटा से मर्ताली तक 3.02 कि.मी. मोटर मार्ग के निर्माण हेतु ₹ 84.12 लाख, विधानसभा क्षेत्र डीडीहाट में विकासखण्ड मूनाकोट के अंतर्गत ग्राम नैनीपातल से भगवती मंदिर तक सी.सी. सम्पर्क मार्ग निर्माण हेतु ₹ 45.74 लाख की योजना सम्मिलित है। जनपद चम्पावत के विधानसभा क्षेत्र चम्पावत में नाबार्ड मद से औद्यानिकी विकास किये जाने हेतु धनराशि 98.18 लाख तथा पूर्णागिरी तहसील में मिनी विकास भवन/बार भवन के निर्माण हेतु ₹ 533.79 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने का भी मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। इसके साथ ही जनपद देहरादून के विधानसभा क्षेत्र चकराता के अंतर्गत ग्राम पंचायत काण्डी, चामा, गाता में सार्वजनिक टीन शैड के निर्माण हेतु ₹ 55.95 लाख और जनपद उधम सिंह नगर के विधानसभा क्षेत्र खटीमा में 300 हैण्डपम्प लगाये जाने हेतु ₹ 499.65 लाख की योजना की वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की गई है।


मुख्यमंत्री ने विकासखण्ड नारसन के ग्राम मुकीमपुर में भारत ऑयल एण्ड वेस्ट मैनेजमेंट फैक्ट्री के पास बाढ़ सुरक्षा कार्य हेतु सोलानी नदी के बांये किनारे पर सी.सी. द्वारा दो स्पर के निर्माण हेतु ₹ 24.37 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने का भी अनुमोदन प्रदान किया है।


*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में HEOC निर्माण में अभूतपूर्व प्रगति,  उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में बड़ी छलांग*

*आपदा एवं महामारी प्रबंधन की दिशा में राज्य के प्रयासों को नई मजबूती प्रदान करेगा हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर* 


प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) के तहत केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड में हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (HEOC) की स्थापना को मंज़ूरी देने के बाद राज्य में स्वास्थ्य आपात प्रबंधन के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा आई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निरंतर मार्गदर्शन में HEOC की स्थापना का कार्य देहरादून स्थित महानिदेशालय चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिसर में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत सरकार की एक उच्च स्तरीय टीम ने स्वास्थ्य महानिदेशालय में बन रहे निर्माणाधीन हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर HEOC का निरीक्षण किया। टीम ने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. सुनीता टमटा से भेंट की और निर्माण कार्य की गुणवत्ता, संरचना और डिज़ाइन पर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद टीम ने नोडल अधिकारी डॉ. पंकज सिंह के साथ निर्माण स्थल का दौरा किया और केंद्र की तैयारियों का प्रत्यक्ष मूल्यांकन किया। निरीक्षण के दौरान टीम ने कार्य प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई पारदर्शी एवं व्यवस्थित कार्यप्रणाली की सराहना की। इस निरीक्षण प्रक्रिया ने न केवल परियोजना की विश्वसनीयता को मजबूत किया है, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर HEOC को एक मॉडल संस्थान के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत सरकार की टीम में डॉ. सैयद जुल्फेकार अहमद, क्षेत्रीय निदेशक, आरओएचएफडब्ल्यू, लखनऊ, डॉ. निश्चय केशरी, चिकित्सा अधिकारी, आरओएचएफडब्ल्यू, लखनऊ, श्री आशिष, परामर्शदाता, श्री हेमंत नेगी मौजूद रहे तथा स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड की तरफ से  HEOC नोडल अधिकारी डॉ पंकज सिंह तथा डॉक्टर सुजाता सिंह उपस्थित रहे।


*भारत सरकार की टीम का निरीक्षण, गुणवत्ता पर संतुष्टि*

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर ( HEOC ) के निर्माण कार्य का लगभग आधा हिस्सा पूरा हो चुका है और शेष कार्य भी निर्धारित गति से प्रगति पर है। उम्मीद है कि यह केंद्र जनवरी 2026 के अंत तक पूर्ण रूप से तैयार हो जाएगा। इसके बाद इसे औपचारिक रूप से केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग, उत्तराखंड को हस्तांतरित किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस केंद्र के संचालन को लेकर पहले ही तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिसके तहत प्रशिक्षित और अनुभवी अधिकारियों को आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य आपात प्रतिक्रिया से संबंधित विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि केंद्र के शुरू होते ही यह अत्याधुनिक क्षमता के साथ प्रभावी ढंग से कार्य कर सके। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) के तहत उत्तराखंड राज्य को स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, केंद्र सरकार ने राज्य में हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (HEOC) की स्थापना को मंज़ूरी प्रदान की थी।  इस केंद्र के निर्माण का आधा कार्य पूरा हो चुका है। इस केंद्र के जनवरी 2026 के अंत तक पूर्ण होने की संभावना है तत्पश्चात यह केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड राज्य को हस्तांतरित कर दिया जाएगा जिसका संचालन स्वास्थ्य विभाग के प्रशिक्षित एवं  अनुभवी अधिकारियों द्वारा किया जाएगा । यह केंद्र भविष्य में उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुरक्षा का मुख्य आधार बनने जा रहा है और आपदा एवं महामारी प्रबंधन की दिशा में राज्य के प्रयासों को नई मजबूती प्रदान करेगा।


स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि HEOC की स्थापना से उत्तराखंड स्वास्थ्य आपात प्रबंधन के एक नए युग में प्रवेश करने जा रहा है। यह केंद्र न केवल आपदाओं के समय तेजी से प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगा, बल्कि सामान्य परिस्थितियों में भी स्वास्थ्य संबंधी निगरानी, डेटा विश्लेषण और निर्णय प्रक्रिया को तकनीकी रूप से मजबूत बनाएगा। इससे जिलों के बीच समन्वय बेहतर होगा और राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में एकरूपता व गति आएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता सूची में स्वास्थ्य क्षेत्र लगातार शीर्ष पर रहा है और HEOC परियोजना इस प्रतिबद्धता का एक जीवंत उदाहरण है। राज्य सरकार का विश्वास है कि केंद्र के पूर्ण रूप से कार्यरत हो जाने पर उत्तराखंड न केवल अधिक सुरक्षित होगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान भी स्थापित करेगा। यह केंद्र उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुरक्षा को नई ऊर्जा, नई मजबूती और नई दिशा प्रदान करेगा, यही राज्य सरकार का दृढ़ संकल्प है।


*आपदाओं और महामारियों पर त्वरित प्रतिक्रिया का केंद्र बनेगा HEOC*

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि HEOC की स्थापना से राज्य को स्वास्थ्य आपात स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित और सटीक प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने में बड़ी सहायता मिलेगी। केंद्र स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों को हर समय मजबूत रखेगा और संभावित खतरों की समय पर पहचान कर उचित कार्रवाई को संभव बनाएगा। यह केंद्र कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारियों के दौरान हुए अनुभवों को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक निगरानी तंत्र से सुसज्जित किया जा रहा है, जिससे किसी भी महामारी का प्रारंभिक चरण में पता लगाकर नियंत्रण किया जा सके। धराली जैसी आपदा स्थितियों में राज्य की प्रतिक्रिया क्षमता को भी यह केंद्र कई गुना बढ़ा देगा। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि HEOC न केवल एक भवन या संरचना नहीं, बल्कि उत्तराखंड की भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार होगा।


*राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत बनाने का प्रयास*

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि देशभर में HEOC केंद्रों की स्थापना केंद्र सरकार की उस व्यापक दृष्टि का हिस्सा है, जिसमें भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए देश को तैयार करना शामिल है। यह केंद्र सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने और आपदा एवं महामारी प्रबंधन में राज्य और केंद्र के बीच बेहतर समन्वय को बढ़ावा देगा। उत्तराखंड के लिए यह परियोजना विशेष महत्व रखती है क्योंकि पहाड़ी भूगोल, प्राकृतिक आपदाओं की संवेदनशीलता और भौगोलिक चुनौतियों को देखते हुए यहां स्वास्थ्य आपात प्रबंधन के लिए एक मजबूत तंत्र की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। HEOC की स्थापना इस दिशा में एक ठोस और प्रभावी कदम है, जो आने वाले वर्षों में राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र को नई पहचान दिलाएगा।

घनसाली क्षेत्र के प्रतिनिधिमंडल ने पिलखी स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन हेतु मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से की मुलाकात— सीएम के आश्वासन के बाद हड़ताल की स्थगित, मुख्यमंत्री ने कहा, “स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी”* 

*मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी जनपद के पिलखी क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणा* 

 *प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिलखी को 30 शैय्यायुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में उच्चीकृत किया गया* 

 *कुल 36 नये पदों का सृजन, स्थानीय जनता को मिलेगा सीधा लाभ* 

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने आज मुलाकात की | मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद प्रतिनिधिमंडल ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी | मुख्यमंत्री श्री धामी  ने कहा कि जनपद टिहरी गढ़वाल के पिलखी क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिलखी (Type-B) को 30 शैय्यायुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) के रूप में उच्चीकृत किया गया है। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है | इस उच्चीकरण के साथ, शासन द्वारा कुल 36 पदों (26 नियमित + 10 आउटसोर्सिंग) का सृजन किया गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन में कोई बाधा न आए और क्षेत्र की जनता को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हों। ये सभी पद अस्थायी रूप से 28 फरवरी 2026 तक स्वीकृत किए गए हैं, जिन्हें आवश्यकता के अनुसार आगे बढ़ाया भी जा सकता है।


प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा: “ *हमारी सरकार का लक्ष्य है कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को उसी स्तर पर विकसित किया जाए, जैसा मैदानों में उपलब्ध है। पिलखी क्षेत्र के लिए 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्वीकृति वहाँ के हजारों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करेगी। पदों का सृजन स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर भी उपलब्ध कराएगा।”*

उन्होंने आगे कहा “पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। हमारी सरकार ‘हर घर स्वास्थ्य, हर व्यक्ति स्वस्थ’ के संकल्प के साथ तेजी से काम कर रही है। पिलखी क्षेत्र में यह निर्णय लोगों की लंबी प्रतीक्षा को समाप्त करेगा और निकट भविष्य में बेहतर चिकित्सा ढाँचे का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा  “सरकार का संकल्प स्पष्ट है—प्रदेश का कोई भी नागरिक स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित न रहे। घनसाली क्षेत्र की स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से लिया जाएगा और पिलखी स्वास्थ्य केंद्र को चरणबद्ध तरीके से उन्नत किया जाएगा। आवश्यक पदों की तैनाती, भवन सुधार एवं चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार पर शीघ्र कार्यवाही की जाएगी।”

इस अवसर पर घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा संयोजक मण्डल से श्री संजीव आर्य, श्री विक्रम कपाल, श्री अनुग्रह लाल शाह,श्री अनुग्रह लाल शाह,श्री गोविन्द दिगारी,श्रीमती सुनीता पवार, श्रीमती कमला पंवार, श्री अनुग्रह कपाल व श्री अंकित नौडियाल उपस्थित रहे |


*उत्तराखंड समेत पूरे हिमालयी क्षेत्र की फसलें, हमारी संस्कृति और पोषण का मजबूत आधार: त्रिवेन्द्र*

legislative assembly  MP trivendra singh Rawat


नई दिल्ली:


लोकसभा में हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जलवायु परिवर्तन, प्रवासन और वाणिज्यिक खेती के कारण पर्वतीय क्षेत्रों की पारंपरिक फसलों के तेजी से विलुप्त होने के गंभीर विषय को उठाया।

उन्होंने केंद्र सरकार से इन फसलों के संरक्षण, पुनर्जीवन और बाजार से जोड़ने संबंधी राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी नीति एवं ठोस कदमों की जानकारी मांगी। श्री रावत ने यह जानना चाहा कि क्या सरकार को पता है कि जलवायु परिवर्तन और प्रवासन के कारण कई पहाड़ी फसलें विलुप्ति के कगार पर हैं?, आईसीएआर और नेशनल जीन बैंक ने ऐसी किस्मों के संरक्षण और पुनर्प्रचलन के लिए क्या कार्यवाही की है?, क्या पोषक तत्वों से भरपूर “विलुप्त प्राय” फसलों के संवर्धन हेतु कोई विशेष कार्यक्रम प्रस्तावित है? और बीज बैंकों, प्रसंस्करण सुविधाओं और बाजार उपलब्धता के माध्यम से इन फसलों को दोबारा लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी?

 

इसपर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने अपने लिखित उत्तर के जवाब में यह अवगत कराया कि आईसीएआर और नेशनल जीन बैंक ने 1,00,086 विलुप्त या संकटग्रस्त किस्मों का संरक्षण, दस्तावेजीकरण और पुनर्प्रचलन किया है। इनमें 85,587 भू-प्रजातियाँ और 14,499 पारंपरिक कृषक किस्में शामिल हैं। सरकार पोषक तत्वों से भरपूर मिलेट, छद्म-अनाज और औषधीय पौधों के संरक्षण एवं प्रसार को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023’ के जरिए इन फसलों के प्रति जागरूकता और अनुसंधान को विशेष गति मिली है और इससे पर्वतीय क्षेत्रों की जैविक उपज के लिए विशेष FPO, मार्केट लिंकेज, और मंडियों में समर्पित स्थान विकसित किए जा रहे हैं।


श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड एवं पूरे हिमालयी क्षेत्र की पारंपरिक फसलें केवल कृषि नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर, पोषण सुरक्षा और स्थानीय जैव-विविधता का आधार हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते इनका तेजी से गायब होना गंभीर चिंता का विषय है। संरक्षण, बीज बैंकिंग, प्रसंस्करण और विपणन सहायता को और सुदृढ़ करना समय की आवश्यकता है।


उन्होंने सरकार द्वारा किए जा रहे संरक्षण प्रयासों की सराहना करते हुए यह भी कहा कि मिलेट, छद्म-अनाज और औषधीय फसलों को मुख्यधारा में लाने के लिए और व्यापक कार्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए, ताकि पर्वतीय कृषि को नई दिशा और नए अवसर मिल सकें।



*हरिद्वार से 88 और देहरादून से 36 ट्रेनें होती हैं संचालित: श्री अश्विनी वैष्णव केंद्रीय रेल मंत्री* 

- केन्द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने हरिद्वार सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रश्न का लोक सभा दिया उत्तर

* देहरादून/हरिद्वार वारणसी, गया, पुरी, पटना और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों से कई ट्रेन पेयर्स के माध्यम से जुड़ा हुआ है 

* भारतीय रेलवे त्यौहारों, अवकाशों एवं धार्मिक आयोजनों के दौरान ट्रैफिक की मांग और परिचालनिक स्थिति के आधार पर विशेष ट्रेनें भी संचालित करता है।

केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में हरिद्वार सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उत्तराखंड में तीर्थयात्रियों के लिए रेल सेवाओं से संबंधित पूछे गए अतारांकित प्रश्न का उत्तर दिया।




केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि रेलवे नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है और ट्रेनें नेटवर्क की आवश्यकता के अनुसार राज्य सीमाओं के पार भी चलाई जाती हैं। वर्तमान में देहरादून/हरिद्वार वारणसी (03 जोड़ी गाड़ियों द्वारा), गया (01 जोड़ी गाड़ियों द्वारा), पुरी (01 जोड़ी गाड़ियों द्वारा), पटना (02 जोड़ी गाड़ियों द्वारा) और कोलकाता (03 जोड़ी गाड़ियों द्वारा) आदि शहरों से जुड़ा हुआ है।


वर्तमान में, हरिद्वार स्टेशन 88 रेलगाड़ी सेवाओं तथा देहरादून स्टेशन 36 रेलगाड़ी सेवाओं द्वारा निम्नानुसार सेवित किए जा रहे हैं:

हरिद्वार स्टेशन को सेवित करने वाली रेलगाड़ियां:

क्र. सं. रेलगाड़ी सं. रेलगाड़ी का नाम

1 22457/22458 आनंद विहार (ट.) – देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस

2 22545/22546 लखनऊ – देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस

3 12017/12018 नई दिल्ली – देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस

4 12053/12054 हरिद्वार – अमृतसर जन शताब्दी एक्सप्रेस

5 12055/12056 नई दिल्ली – देहरादून जन शताब्दी एक्सप्रेस

6 12091/12092 देहरादून – काठगोदाम जन शताब्दी एक्सप्रेस

7 12171/12172 लोकमान्य तिलक (ट.) – हरिद्वार एक्सप्रेस

8 12327/12328 हावड़ा – देहरादून उपासना एक्सप्रेस

9 12369/12370 हावड़ा – देहरादून कुंभ एक्सप्रेस

10 12401/12402 कोटा – देहरादून नंदा देवी एक्सप्रेस

11 12911/12912 वलसाड – हरिद्वार एक्सप्रेस

12 13009/13010 हावड़ा – योग नगरी ऋषिकेश दून एक्सप्रेस

13 14041/14042 दिल्ली – देहरादून मसूरी एक्सप्रेस

14 14113/14114 सूबेदारगंज – देहरादून एक्सप्रेस

15 14119/14120 काठगोदाम – देहरादून एक्सप्रेस

16 14229/14230 प्रयागराज संगम – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

17 14303/14304 दिल्ली – हरिद्वार एक्सप्रेस

18 14305/14306 दिल्ली – हरिद्वार एक्सप्रेस

19 14309/14310 लक्ष्मी बाई नगर - योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

20 14317/14318 लक्ष्मी बाई नगर - योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

21 14605/14606 योग नगरी ऋषिकेश – जम्मू तवी एक्सप्रेस

22 14609/14610 योग नगरी ऋषिकेश - श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा एक्सप्रेस

23 14625/14626 हरिद्वार – फिरोजपुर कैंट एक्सप्रेस

24 14631/14632 देहरादून – अमृतसर एक्सप्रेस

25 14717/14718 बीकानेर – हरिद्वार एक्सप्रेस

26 14815/14816 श्री गंगानगर – ऋषिकेश एक्सप्रेस

27 14887/14888 ऋषिकेश – बाड़मेर एक्सप्रेस

28 15001/15002 मुजफ्फरपुर – देहरादून एक्सप्रेस

29 15005/15006 गोरखपुर – देहरादून एक्सप्रेस

30 15019/15020 देहरादून – टनकपुर एक्सप्रेस

31 15119/15120 बनारस – देहरादून एक्सप्रेस

32 18477/18478 पुरी – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

33 19019/19020 बांद्रा (ट.) – हरिद्वार एक्सप्रेस

34 19031/19032 साबरमती – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

35 19271/19272 भावनगर (ट.) – हरिद्वार एक्सप्रेस

36 19565/19566 ओखा – देहरादून एक्सप्रेस

37 19609/19610 उदयपुर सिटी – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

38 22659/22660 तिरुवनंतपुरम उत्तर – योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस

39 22917/22918 बांद्रा (ट.) – हरिद्वार एक्सप्रेस

40 54341/54342 सहारनपुर – देहरादून पैसेंजर

41 54463/54464 चंदौसी – ऋषिकेश पैसेंजर

42 54481/54482 हरिद्वार – ऋषिकेश पैसेंजर

43 54483/54484 हरिद्वार – ऋषिकेश पैसेंजर

44 64511/64512 हरिद्वार – अंब अंदौरा मेमू


देहरादून स्टेशन को सेवित करने वाली रेलगाड़ियां:


क्रम सं. रेलगाड़ी सं. रेलगाड़ी का नाम

1 22457/22458 आनंद विहार (ट.) – देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस

2 22545/22546 लखनऊ – देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस

3 12017/12018 नई दिल्ली – देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस

4 12055/12056 देहरादून – नई दिल्ली जन शताब्दी एक्सप्रेस

5 12091/12092 देहरादून – काठगोदाम जन शताब्दी एक्सप्रेस

6 12327/12328 हावड़ा – देहरादून उपासना एक्सप्रेस

7 12369/12370 हावड़ा – देहरादून कुंभ एक्सप्रेस

8 12401/12402 कोटा – देहरादून नंदा देवी एक्सप्रेस

9 14041/14042 दिल्ली – देहरादून मसूरी एक्सप्रेस

10 14113/14114 सूबेदारगंज – देहरादून एक्सप्रेस

11 14119/14120 काठगोदाम – देहरादून एक्सप्रेस

12 14631/14632 देहरादून – अमृतसर एक्सप्रेस

13 15001/15002 मुजफ्फरपुर – देहरादून एक्सप्रेस

14 15005/15006 गोरखपुर – देहरादून एक्सप्रेस

15 15019/15020 देहरादून – टनकपुर एक्सप्रेस

16 15119/15120 बनारस – देहरादून एक्सप्रेस

17 19565/19566 ओखा – देहरादून उत्तरांचल एक्सप्रेस

18 54341/54342 सहारनपुर – देहरादून पैसेंजर


केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय रेल नियमित सेवाओं के अतिरिक्त परिचालनिक व्यवहार्यता और यातायात औचित्य के आधार पर त्योहारों, छुट्टियों और धार्मिक आयोजनों के दौरान यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को ध्यान में रखते हुए विशेष रेलगाड़ियों का संचालन भी करती है। किसी भी मार्ग या खंड पर नई रेलगाड़ियों की शुरुआत कई कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें उस खंड की क्षमता, पथ की उपलब्धता, अपेक्षित चल स्टॉक की उपलब्धता, चल स्टॉक के लिए उपयुक्त अवसंरचना की उपलब्धता तथा रेलपथ और अन्य परिसंपत्तियों की अनुरक्षण संबंधी आवश्यकताएँ शामिल हैं।

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