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*मख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की स्वीकृति के क्रम में गन्ना की मूल्य वृद्धि का शासनादेश हुआ जारी*

*पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना की अगेती प्रजाति हेतु रू. 405 प्रति कुंतल तथा सामान्य प्रजाति हेतु रू. 395 प्रति कुंतल राज्य परामर्शित मूल्य निर्धारित*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखण्ड गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य बढाने की स्वीकृति के अनुपालन में  शासन के गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग अनुभाग के द्वारा शासनादेश निर्गत कर दिया गया है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के अनुसार पेराई सत्र 2025-26 के लिए प्रदेश की समस्त चीनी मिलों द्वारा क्रय किये जाने वाले गन्ने की अगेती प्रजातियों हेतु रू. 405 प्रति कुन्तल (मिल गेट पर) तथा सामान्य प्रजातियों हेतु रू. 395 प्रति कुन्तल (मिल गेट पर) का राज्य परामर्शित मूल्य निर्धारित किया गया है। 


उल्लेखनीय है कि गत पेराई सत्र में राज्य में गन्ना की अगेती प्रजाति का राज्य परामर्शित मूल्य रू. 375 प्रति कुंतल तथा सामान्य प्रजाति का मूल्य रू. 365 प्रति कुंतल निर्धारित था। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के गन्ना किसानों के हित में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लेने के साथ ही पेराई सत्र 2025-26 हेतु गन्ना का मूल्य बढाए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। 


मुख्यमंत्री श्री धामी ने किसान हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के अपनी प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए कहा था कि गन्ना किसानों की आय बढ़ाना, उनकी उपज का उचित सम्मान सुनिश्चित करना तथा उन्हें सुविधाजनक, पारदर्शी और समयबद्ध भुगतान उपलब्ध कराना राज्य सरकार का दायित्व है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि क्रय केंद्रों पर किसी प्रकार की असुविधा न हो और भुगतान बिना देरी के सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना का बढ़ा हुआ मूल्य न केवल गन्ना किसानों को राहत देगा, बल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा तथा गन्ना उत्पादन को प्रोत्साहन देने में सहायक सिद्ध होगा।


मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग  श्री रणवीर सिंह चौहान  ने गन्ना का राज्य परामर्शित मूल्य बढाए जाने के संबंध में शासनादेश जारी करते हुए कहा है कि चीनी मिलों के बाह्य क्रय केन्द्रों से गन्ने का परिवहन मिल तक कराये जाने के मद में होने वाली कटौती रू. 11 प्रति कुन्तल निर्धारित की जाएगी। पेराई सत्र 2025-26 हेतु उपरोक्तानुसार निर्धारित गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य राज्य की समस्त चीनी मिलों द्वारा देय होगा। पेराई सत्र 2025-26 हेतु निर्धारित उक्त दरों के अनुसार ही प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा किसानों को भुगतान कराया जायेगा तथा भुगतान की सूचना मासिक रूप से शासन को उपलब्ध करायी जाएगी।


टनकपुर;


देवभूमि उत्तराखंड और सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान करते हुए केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक एवं अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। 


टनकपुर (उत्तराखंड) से तख्त श्री नांदेड़ साहिब (महाराष्ट्र) तक नई रेल सेवा की शुरुआत को स्वीकृति प्रदान की गई है। इस निर्णय से अब देश के प्रमुख पवित्र स्थलों में से एक नांदेड़ साहिब की यात्रा उत्तराखंड के हजारों श्रद्धालुओं के लिए और अधिक सुगम, सुरक्षित एवं सुविधाजनक हो सकेगी।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस महत्वूपर्ण निर्णय के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल उत्तराखंड के सिख समुदाय और श्रद्धालुओं की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करता है, बल्कि प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को भी नई दिशा प्रदान करेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि टनकपुर से चलने वाली इस रेल सेवा से तराई क्षेत्र सहित पूरे उत्तराखंड के श्रद्धालुओं को सीधा लाभ मिलेगा। यह रेल संपर्क सामाजिक एवं सांस्कृतिक एकता को मजबूत करते हुए उत्तराखंड को राष्ट्रव्यापी धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर और सशक्त रूप से स्थापित करेगा।



प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य के सर्वांगीण विकास हेतु सतत प्रयासरत है। नई रेल सुविधा उत्तराखंड की कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ करते हुए व्यापार, पर्यटन एवं सांस्कृतिक यात्राओं को भी प्रोत्साहित करेगी।

 देहरादून:

13 flight of indigo cancelled jollygrant  airport


जॉली एयरपोर्ट डायरेक्टर के अनुसार आज जॉलीग्रांट  एयरपोर्ट पर करीब 100 पैसेंजर हैं, जिनकी इंडिगो और AAI टीम मदद कर रही है।

 इंडिगो ने आज देहरादून एयरपोर्ट पर सभी फ्लाइट्स कैंसिल कर दी हैं।

 इंडिगो ने प्रभावित पैसेंजर्स की मदद के लिए एयरपोर्ट पर एक हेल्प डेस्क बनाया है। AAI टीम भी पैसेंजर्स की मदद कर रही है।

बता दें, आज इंडिगो की कुल 13 फ्लाइट्स ऑपरेट करने वाली थीं।

 जिनके कम से कम एयरपोर्ट पर करीब 100 पैसेंजर एयरपोर्ट पंहुचे हैं, जिनकी इंडिगो और AAI टीम मदद कर रही है।

 

छिददरवाला : 

aadhaar  card camp  in chidderwala


उपजिलाधिकारी ऋषिकेश योगेश सिंह मेहरा के निर्देशों के क्रम में ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जा रहे आधार सेवा शिविर के तहत छिददरवाला में अब तक 90 लोगों के आधार कार्ड बनाए जा चुके हैं।

ग्राम प्रधान गोकुल रमोला ने कहा कि यदि इसी तरह समय-समय पर क्षेत्र में आधार शिविर आयोजित होते रहेंगे तो बुजुर्गों और बच्चों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि छिददरवाला में स्थायी आधार केंद्र की स्थापना के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीणों को आधार बनवाने  लिए ऋषिकेश या देहरादून का सफर न करना पड़े।

यह आधार शिविर छिददरवाला के सैनिक भवन में 5 दिसंबर 2025 से 9 दिसंबर 2025 तक संचालित होगा। शुक्रवार से शिविर की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें स्थानीय नागरिकों ने उपजिलाधिकारी के प्रति आभार व्यक्त किया।

इस दौरान ज्येष्ठ प्रमुख धनवीर बेदबाल, ग्राम प्रधान गोकुल रमोला, शैलेन्द्र रागड़, अम्बर गुरुंग एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य रवि राणा ,ग्राम पंचायत सदस्य प्रवीण मिश्रवाण सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

 

ऋषिकेश : 

GPS tag to vulture  in rishikesh


राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज में उत्तराखंड वन विभाग और डब्ल्यू डब्ल्यू एफ इंडिया द्वारा गिद्ध संरक्षण हेतु महत्वपूर्ण पहल करते हुए एक गिद्ध को सैटेलाइट जीपीएस टैग लगाकर जंगल में छोड़ा गया। शुक्रवार को यह प्रक्रिया डब्ल्यू डब्ल्यू एफ की रैप्टर टीम के वरिष्ठ पशु चिकित्सा विशेषज्ञों और राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों की निगरानी में पूरी की गई। इस दौरान 50 ग्राम का जीपीएस टैग लगाकर गिद्ध को कोयलपुरा चौकी क्षेत्र से उड़ान भराई गई।

विभाग और डब्ल्यू डब्ल्यू एफ इंडिया पिछले तीन वर्षों से रैप्टर प्रजातियों पर शोध कार्यक्रम चला रहे हैं। शोध के पहले चरण में छह गिद्धों को टैग किया जा चुका है। दूसरे चरण में कुल 12 गिद्धों को टैग करने का लक्ष्य है, जिनमें यह पहला गिद्ध है जिसे मोतीचूर रेंज में छोड़ा गया है।

इस सैटेलाइट टैगिंग के माध्यम से गिद्धों की निगरानी की जाएगी, जिससे उनके मूवमेंट, भोजन के स्रोत, ठहराव स्थलों और संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी प्राप्त होगी। यह डेटा भविष्य में गिद्ध संरक्षण रणनीति को और मजबूत बनाने में मददगार साबित होगा।

कार्यक्रम के दौरान डब्ल्यू डब्ल्यू एफ इंडिया की प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ. सेजल बोरा, डॉ. जी. अरिंद्रन, डॉ. आई.पी. बोपन्ना, सनी जोशी, प्रतीक देसाई, वार्डन सरिता भट्ट, डॉ. विवेकानंद सती, महेश सेमवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

आज का राशिफल 

दिनांक 5 दिसंबर 2025

दिन शुक्रवार  

कृष्ण पक्ष

मेष

rashifal today 05 decber 2025


पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से सहयोग प्राप्त होगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थदर्शन हो सकते हैं। विवेक का प्रयोग करें, लाभ होगा। मित्रों के साथ अच्‍छा समय बीतेगा। विरोध होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। झंझटों में न पड़ें। जल्दबाजी से हानि होगी। आलस्य हावी रहेगा।


वृषभ

ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो

स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। कार्य करते समय लापरवाही न करें। बनते कामों में बाधा हो सकती है। विवाद से बचें। काम में मन नहीं लगेगा। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। विवेक का प्रयोग करें। आय बनी रहेगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा।


मिथुन

का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह

घर-परिवार की चिंता रहेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। घर-परिवार में प्रसन्नता रहेगी। बाहर जाने का मन बनेगा। भाइयों से मतभेद दूर होंगे। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। संतान पक्ष से खुशियां प्राप्त होंगी।



कर्क

ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो

लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्रोध रहेगा। भूमि व भवन संबंधी बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। बड़ा काम करने का मन बनेगा। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी।


सिंह

मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। मनपसंद भोजन की प्राप्ति संभव है। पारिवारिक सदस्यों तथा मित्रों के साथ आनंदायक समय व्यतीत होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

राशि फलादेश


कन्या

ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो

बुरी सूचना मिल सकती है। मेहनत अधिक होगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। आय में कमी रहेगी। नकारात्मकता बढ़ेगी। विवाद से क्लेश होगा। जल्दबाजी में कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें। अनावश्यक परेशानी खड़ी हो सकती है। दूसरों की बातों में न आएं। धैर्य रखें, समय सुधरेगा।


तुला

रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते

सामाजिक कार्यों में मन लगेगा। दूसरों की सहायता कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। व्यापार ठीक चलेगा। मनोरंजक यात्रा हो सकती है। मित्रों के साथ अच्‍छा समय व्यतीत होगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। झंझटों में न पड़ें। ईर्ष्यालु सक्रिय रहेंगे।

वृश्चिक

तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू

उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। कोई नया बड़ा काम करने की योजना बनेगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। भ्रम की स्थिति बन सकती है। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ में वृद्धि होगी। समय प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत होगा।

धनु

ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे

किसी बड़ी समस्या का हल मिलेगा। व्यावसायिक साझेदार पूर्ण सहयोग करेंगे। कोई नया उपक्रम प्रारंभ करने का मन बनेगा। सेहत का ध्यान रखें। वरिष्ठजनों की सलाह काम आएगी। नए मित्र बनेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। आय बनी रहेगी। हर कार्य बेहतर होगा।


मकर

भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी

सेहत को प्रा‍थमिकता दें। लेन-देन में जल्दबाजी से हानि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। महत्वपूर्ण निर्णय लेने का समय नहीं है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। अनावश्यक जोखिम न लें। किसी भी व्यक्ति के उकसावे में न आएं। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग उभर सकता है।


कुंभ

गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा

आय में वृद्धि होगी। बिगड़े काम बनेंगे। प्रसन्नता रहेगी। मित्रों के साथ अच्‍छा समय व्यतीत होगा। व्यस्तता के चलते स्वास्‍थ्य बिगड़ सकता है, ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रमाद न करें।

मीन

दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची

मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। विरोध होगा। काम करते समय लापरवाही न करें। चोट लग सकती है। थकान तथा कमजोरी महसूस होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। घर-परिवार के साथ आराम तथा मनोरंजन के साथ समय व्यतीत होगा।

 *“साइबर भारत सेतु : ब्रिजिंग स्टेट्स, सिक्योरिंग भारत” विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय अभ्यास कार्यक्रम देहरादून में शुरू*

Bridging status cybersecurity seminar in Dehradun

Bridging status cybersecurity seminar in Dehradun


साईबर सुरक्षा को लेकर देहरादून में “साइबर भारत सेतुः ब्रिजिंग स्टेट्स, सिक्योरिंग भारत” विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय अभ्यास कार्यक्रम का गुरूवार को शुभारंभ हो गया है।

 साईबर सुरक्षा के प्रति लचीलापन क्षमता को सुदृढ़ करने तथा अंतर-विभागीय समन्वय को बढ़ावा देने के साथ ही साइबर संकटों के प्रभावी प्रबंधन हेतु समग्र तैयारी को मजबूत करने के उद्देश्य से सीईआरटी-उत्तराखंड तथा आईटीडीए द्वारा, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।


सिविल सेवा संस्थान देहरादून के सभागार में आयोजित राष्ट्रीय साईबर सुरक्षा अभ्यास कार्यक्रम का शुभांरभ करते हुए आईटीडीए उत्तराखंड के निदेशक श्री आलोक पाण्डे ने कहा कि साईबर सुरक्षा का महत्वपूर्ण कार्य उत्तरोत्तर अधिक चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। लिहाजा साईबर सुरक्षा प्रबंधन के लिए राज्य के सभी विभागों और संस्थानों को गंभीरता के साथ पूरी तैयारी रखनी जरूरी है। साईबर संकटों की जानकारी और उनसे निपटने के उपायों के लिए इस तरह के आयोजनों को अत्यधिक उपयोगी बताते हुए श्री पाण्डेय ने कहा कि राज्य में साईबर सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।


राष्ट्रीय साईबर सुरक्षा अभ्यास कार्यक्रम के पहले दिन विशेषज्ञों ने भारतीय कंप्यूटर इंमरजेंसी रिस्पॉंस टीम (सीईआरटी-इन) की भूमिका और उसके द्वारा साईबर सुरक्षा के संबंध में की गई पहलों की जानकारी देने के साथ ही, उत्तराखंड में साईबर सुरक्षा की चुनौतियां और अवसर पर विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर लचीली साईबर संकट प्रबंधन योजना के निर्माण के संबंध में कार्यशाला का आयोजन करने के साथ ही साईबर खतरों एवं हमलों के तौर-तरीकों तथा इनसे बचाव के उपायों, साईबर सुरक्षा की चुनौतियों व एहतियातों और साईबर संकट प्रबंधन के उपायों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर भी विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गई। 


कार्यक्रम के पहले दिन आयोजित विभिन्न सत्रों में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संस्थान सीईआरटी-इन के वैज्ञानिक राजेश पोखरियाल, शशांक गुप्ता, सब्यसाची जेना, राज्य निर्वाचन आयोग के संयुक्त सचिव कमलेश मेहता, आईटीडीए उत्तराखंड के एजीएम कमलेश अरूण, आशीष उपाध्याय, ट्रेंड माईक्रो के प्रतिनिधि अंकित आदि विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए साईबर सुरक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर उपयोगी जानकारी दी।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न विभागों एवं संथानों 150 से भी अधिक मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों, आईटी विशेषज्ञों एवं साइबर सुरक्षा प्रशासकों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।



देहरादून:

Format of paramedical services will be changes in uttarakhand

Format of paramedical services will be changes in uttarakhand


*स्वास्थ्य शिक्षा में नई क्रांति की शुरुआत-10 श्रेणियों में 56 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं को दी गई मान्यता, पैरामेडिकल शिक्षा को मिलेगा नया स्वरूप*


*नए विषयों से बढ़ेगा युवाओं का दायरा, मजबूत होगी स्वास्थ्य सेवाएँ, पैरामेडिकल तथा Allied Health शिक्षा में आएगी एकरूपता, पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग प्रक्रिया होगी सरल और पारदर्शी* 


*हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड गुणवत्ता–आधारित स्वास्थ्य शिक्षा और हेल्थकेयर स्किल डेवलपमेंट का मॉडल बनकर उभरे- डॉ. आर. राजेश कुमार*


उत्तराखंड में स्वास्थ्य शिक्षा को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आधुनिक, पारदर्शी और रोजगारोन्मुख बनाने की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों और दूरदर्शी नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सहबद्ध और स्वास्थ्य देखरेख वृत्ति आयोग अधिनियम–2021 (National Commission for Allied and Healthcare Professions Act – 2021) के तहत उत्तराखंड राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद के गठन की प्रक्रिया को तेजी देने हेतु सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने की। बैठक की शुरुआत में स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय और आपदा–संवेदनशील राज्य में आधुनिक, प्रशिक्षित और प्रमाणित allied health workforce का विकास अत्यंत आवश्यक है। परिषद के गठन से न केवल शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि देशभर में प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने में उत्तराखंड अग्रणी भूमिका निभाएगा।


*परिषद गठन पर विस्तृत चर्चा, चयन समिति के गठन का निर्णय*

बैठक में परिषद के गठन, उसकी संरचना, भविष्य की आवश्यकताओं और कार्य प्रणालियों पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। यह तय किया गया कि परिषद के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए “तलाश–सह–चयन समिति” बनाई जाएगी, जो निर्धारित योग्यताओं और अनुभवों के आधार पर नामों का चयन करेगी। स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिषद के सुचारू संचालन के लिए प्रारंभिक बजट, कार्यालय संरचना, तकनीकी सहायता और मानव संसाधन की उपलब्धता तुरंत सुनिश्चित की जाए, ताकि परिषद अपने दायित्वों का निर्वहन शीघ्र आरंभ कर सके।


वर्तमान में राज्य में पैरामेडिकल शिक्षा उत्तराखंड पैरामेडिकल अधिनियम–2009 और स्टेट मेडिकल फैकल्टी के माध्यम से संचालित होती है। यहाँ स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर 22 विषयों के पाठ्यक्रम चल रहे हैं। राष्ट्रीय अधिनियम लागू होने के बाद इन सभी पाठ्यक्रमों को और अधिक मानकीकृत, रोजगारोन्मुख, और कौशल आधारित बनाया जाएगा। नए अधिनियम में कुल 10 श्रेणियों में 56 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं को मान्यता दी गई है। इससे विद्यार्थियों को न सिर्फ व्यापक करियर अवसर प्राप्त होंगे, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग्यता को उच्च पहचान मिलेगी।


*मजबूत होगी स्वास्थ्य सेवाएँ*

बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि अधिनियम के तहत कई नए और महत्वपूर्ण विषय शामिल होंगे—

पोषण विज्ञान, स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन, क्लिनिकल साइकोलॉजी, डायलिसिस तकनीशियन, एनेस्थीसिया एवं ऑपरेशन थिएटर तकनीशियन, आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन आदि। इन विषयों के शामिल होने से राज्य के युवाओं को विस्तृत करियर विकल्प, निजी और सरकारी क्षेत्र में बेहतर प्लेसमेंट, तथा शोध और उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं में अवसर मिलेंगे। अधिकारियों ने कहा कि यह कदम उत्तराखंड को स्वास्थ्य शिक्षा और allied health services के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करेगा और भविष्य में राज्य एक “हेल्थ एजुकेशन हब” के रूप में स्थापित होगा।


*स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार का बयान* 

उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य शिक्षा को सुदृढ़, सुगठित और राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद का गठन हमारे लिए परिवर्तनकारी कदम साबित होगा। इससे पैरामेडिकल तथा allied health शिक्षा में एकरूपता आएगी, पाठ्यक्रमों का मानकीकरण होगा और पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग प्रक्रिया बेहद सरल और पारदर्शी बनेगी। नए अधिनियम के तहत कई उभरते विषय और विशेषज्ञताएँ शामिल होंगी, जिससे युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने का अवसर मिलेगा। हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड गुणवत्ता–आधारित स्वास्थ्य शिक्षा और हेल्थकेयर स्किल डेवलपमेंट का मॉडल राज्य बनकर उभरे।

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