Halloween party ideas 2015


*कपाट बंद होने के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी श्री केदारनाथ धाम पहुंचे*


*सीएम धामी ने प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की*

shri Kedarnath dhaam kpaat closed 2025


*श्री केदारनाथ धाम यात्रा वर्ष 2025* 


*ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को  मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में शीतकाल के लिए बंद हुए।* 

• *रिकार्ड संख्या में साढ़े सत्रह लाख से अधिक श्रद्धालु श्री केदारनाथ धाम पहुंचे, मुख्य मंत्री ने यात्रा से जुड़े सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया* 


• *शीतकाल में श्री केदारनाथ धाम में सुरक्षा व्यवस्था रहेगी पुख्ता, गद्दीस्थलों में शीतकालीन पूजाओं को प्रोत्साहित करेंगे: हेमंत द्विवेदी* 


केदारनाथ/ रूद्रप्रयाग 23 अक्टूबर:



 विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के  कपाट आज गुरूवार 23अक्टूबर भैया दूज अर्थात  7 गते कार्तिक मास शुक्ल पक्ष, अनुराधा नक्षत्र के पावन अवसर पर प्रातः 08:30 बजे सेना के बैंड की भक्ति धुनों  तथा जय बाबा केदार के उदघोष के साथ  प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में शीतकाल के लिए बंद हो गये। 


कपाट बंद होने के  बाद आज ही   बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली ने सेना के बैंड तथा जयघोष के साथ  पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पंचमुखी डोली को शीतकालीन गद्दीस्थल के प्रथम पड़ाव हेतु प्रस्थान करवाया। केदारनाथ में सर्द मौसम के बीच इस अवसर पर 10 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने।


कपाट बंद के अवसर हेतु मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था तथा श्रद्धालुओं ने भंडारे का भी आयोजित किये।


कपाट बंद होने की प्रक्रिया से पहले श्रद्धालुओं ने मंदिर में  अखंड ज्योति के दर्शन किये इसके बाद कपाट बंद की प्रक्रिया के अंतर्गत ब्रह्ममुहुर्त में  केदारनाथ धाम के पुजारी बागेश लिंग तथा आचार्यगणों ,  श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी सहित जिला प्रशासन, तथा तीर्थ पुरोहितों हकहकूकधारियों ने पूरब द्वार से मंदिर के गर्भगृह  परिसर में प्रवेश किया तथा समाधि पूजा में शामिल हुए।यज्ञ- हवन समाधि पूजा के पश्चात पुजारी बागेश लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्वंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया, स्थानीय  पुष्पों कुमजा, बुकला, राख  सहित ब्रह्म कमल,शुष्क फूल पत्तों से ढ़क दिया गया जय बाबा केदार के उदघोष के साथ  मंदिर  गर्भगृह  बंद हो गया।


मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी की उपस्थिति में प्रातः साढ़े आठ बजे मंदिर का पूर्वी तथा दक्षिण द्वार बंद हो गया इससे बाद पंचमुखी डोली को बाहर  मंदिर परिसर में लाया गया तथा डोली ने श्री केदारनाथ मंदिर की परिक्रमा के पश्चात प्रथम पड़ाव रामपुर हेतु प्रस्थान किया सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पंच मुखी डोली के साथ प्रस्थान किया।


प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाबा केदार के कपाट बंद होने के अवसर पर देश - विदेश के श्रद्धालुओं के लिए शुभकामनाएं दी । कहा कि दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन‌ के अनुरूप भब्य दिब्य केदार पुरी का निर्माण हुआ है  कहा कि आज चारधाम यात्रा में इस वर्ष रिकार्ड 50 लाख श्रद्धालु पहुंचे है। धामों के कपाट बंद के बाद शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जायेगा।

इस अवसर पर मुख्य मंत्री ने सभी तीर्थयात्रियों श्रद्धालुओं का अभिवादन भी स्वीकार किया संपूर्ण मंदिर परिसर जय बाबा केदार तथा हर हर महादेव के उदघोष से गूंज उठा।



बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश‌ के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह  धामी के दिशा-निर्देश में चारधाम यात्रा का सफल संचालन हुआ है। कपाट बंद तक रिकार्ड 1768795 ( सत्रह लाख अड़सठ हजार सात सौ पिचानबे) तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये है। 


उन्होंने कहा कि इस बार आपदा को छोड़ दे तो कुल मिलाकर केदारनाथ यात्रा सुगम एवं  सुरक्षित रही है। जबकि पिछले यात्रा वर्ष 2024 में कुल 1652076 ( सोलह लाख बावन हजार छियत्तर )तीर्थयात्रियों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किये इस बार पिछले यात्रा वर्ष की तुलना में केदारनाथ पहुंचे तीर्थयात्रियों की  संख्या  सवा लाख अधिक रही है उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी विभागों का  धन्यवाद भी ज्ञापित किया कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में यात्रा समापन पश्चात शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जायेगा साथ ही शीतकाल के दौरान श्री केदारनाथ धाम में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त रहेंगे।


  जारी प्रेस विज्ञप्ति में बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने अवगत कराया कि आज कपाट बंद के बाद  बाबा केदार की पंचमुखी देव डोली ने केदारनाथ धाम से प्रस्थान किया तथा आज ही प्रथम पड़ाव रामपुर रात्रि विश्राम को पहुंचेगी। कल शुक्रवार 24 अक्टूबर  रामपुर से प्रस्थान कर  रात्रि विश्राम को श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी और  शनिवार 25 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ जी की पंच मुखी डोली गुप्तकाशी से  शीतकालीन गद्दीस्थल  श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंच जायेगी।


इस अवसर पर श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति  अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, भाजपा जिलाध्यक्ष नैनीताल प्रताप बिष्ट, रूद्रप्रयाग जिलाध्यक्ष भारत भूषण कुकरेती,भाजपा नेता विनय उनियाल , कृषि विपणन बोर्ड अध्यक्ष अनिल डब्बू, बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे,बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल,  केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी,बीकेटीसी सदस्य क्रमश: महेंद्र शर्मा,प्रह्लाद पुष्पवान, राजेंद्र प्रसाद डिमरी देवीप्रसाद देवली, डा. विनीत पोस्ती,  दिनेश डोभाल, प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान सहित  पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ एसडीआरएफ के अधिकारी -जवान, मंदिर समिति तथा यात्रा से जुड़े विभागीय कर्मचारी अधिकारी तथा बड़ी संख्या में तीर्थयात्री मौजूद रहे।




 *श्री केदारनाथ धाम यात्रा 2025*


 *श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज प्रातः  8.30 बजे शीतकाल हेतु बंद होंगे।* 

सीएम धामी पंहुचे केदारनाथ।

• *कपाट बंद की प्रक्रिया  शुरू पंचमुखी डोली  केदारनाथ मंदिर में विराजमान हुई।*




 श्री केदारनाथ धाम: 22 अक्टूबर इस यात्रा वर्ष श्री केदारनाथ धाम के कपाट कल बृहस्पतिवार 23 अक्टूबर को  प्रात: 8 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल हेतु  बंद हो रहे हैं। 


*श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने श्री केदारनाथ धाम से बताया कि बीकेटीसी द्वारा कपाट बंद होने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गयी है धाम पहुंचकर उन्होंने कपाट बंद की प्रक्रिया तथा तैयारियों के बावत अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिये।* 

इससे पहले आज अन्नकूट के सुअवसर पर भगवान केदारनाथ जी की चल विग्रह पंचमुखी डोली को विधि-विधानपूर्वक मंदिर भंडार कक्ष से बाहर लाया गया पंचमुखी मूर्ति को मंदाकिनी के पवित्र जल तथा पंचमृत से स्नान करा साज श्रृंगार कर डोली में स्थापित किया गया इस दौरान केदारनाथ धाम के पुजारी बागेश लिंग, धर्माधिकारी औंकार शुक्ला,वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल ने पूजा-अर्चना संपन्न की।


जय बाबा केदार के जय घोष तथा मंदिर परिक्रमा पश्चात पंचमुखी डोली मंदिर के अंदर गर्भ गृह में प्रवेश हुई इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु पंचमुखी डोली के दर्शन को पहुंचे आज शायंकाल तथा कल सुबह कपाट बंद होने तक पंचमुखी डोली मंदिर के गर्भगृह परिसर में विराजमान रहेगी कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर को प्रस्थान करेगी।


आज पंचमुखी डोली के मंदिर प्रवेश के अवसर पर गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी परिजनों सहित दर्शन को पहुंचे तथा प्रदेश के मुख्य सचिव आनंद वर्धन तथा गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय भी दर्शन को पहुंचे। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति  अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे,बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/ कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल,  केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी,बीकेटीसी सदस्य क्रमश: प्रह्लाद पुष्पवान, राजेंद्र प्रसाद डिमरी देवीप्रसाद देवली, डा. विनीत पोस्ती,  दिनेश डोभाल, प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान आदि मौजूद रहे।


•प्रेषक मीडिया प्रभारी बीकेटीसी

    

Bhai dooj 2025

 भाई दूज का त्योहार आज देश के कई हिस्सों में मनाया जा रहा है. इस दिन बहनें अपने भाई का तिलक करती हैं. उसका स्वागत सत्कार करती हैं इस दिन यम और उसकी बहन यमुना की पूजा का भी विधान हैं
बहन भाई के प्रेम के अटूट बंधन को दर्शाता  एक और त्यौहार पूरे भारत में हर्ष से मनाया जा रहा है.

भाई दूज पर टिका करने का मुहूर्त 23 अक्टूबर को दोपहर 1:19   से 3:35 तक।

23 अक्टूबर रात 10:46  तक रहेगी तिथि।

इस दिन बहन भाई को तिलक करती है और कलावा बांधती है साथ ही यम  से भाई की लम्बी उम्र की प्रार्थना करती है

इस के विषय में एक कथा प्रचलित है कि  जब यमुना पृथ्वी  लोक में आकर रहने लगी तब  एक दिन यम अपनी बहन से मिलने पृथ्वी लोक पंहुचा।  अपनी बहन के स्नानं ध्यान  कर बहन से तिलक करवाने के पश्चात उसके घर भोजन ग्रहण किया. 

साथ ही अपनी बहिन को उपहार भी दिए. यमुना ने भी अपने भाई की लम्बी  उम्रकी कामना कि और  वरदान माँगा कि इस दिन जो भी अपनी बहन से  तिलक कराये , वह दीर्घायु हो.

तभी से भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।


पुलिस स्मृति दिवस::





◼️ *पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री  ने शहीद पुलिस जवानों को दी श्रद्धांजलि। उत्तराखण्ड पुलिस बल के कल्याण के लिए की महत्वपूर्ण घोषणाएं।*

◼️ *राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के सुअवसर पर उत्तराखण्ड पुलिस के समस्त कार्मिकों को एक विशेष रजत जयंती पदक किया जाएगा प्रदान*

◼️ *आगामी 3 वर्षों में पुलिस कर्मियों के आवासीय भवनों के निर्माण के लिए दिए जाएंगे प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपए*


आज पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून स्थित शहीद स्मारक स्थल पर श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में  मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक सहित उपस्थित गणमान्य अतिथियों एवं पुलिस अधिकारियों ने पुलिस एवं अर्द्ध सैनिक बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारजनों को शॉल प्रदान कर सम्मानित भी किया गया।

इस अवसर पर  मुख्यमंत्री जी ने-

राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के सुअवसर पर उत्तराखण्ड पुलिस के समस्त कार्मिकों को एक विशेष रजत जयंती प्रदान किए जाने

आगामी 03 वर्षों में पुलिस कर्मियों के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु *प्रतिवर्ष ₹100 करोड़* की धनराशि दी जाने

भवाली नैनीताल, ढालमल्ला काण्डा बागेश्वर, नैनीडांडा धुमाकोट पौड़ी, घनसाली टिहरी, सतपुली पौड़ी में *एसडीआरएफ के जवानों हेतु 5 बैरकों* का निर्माण कराए जाने

विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु पुलिस कल्याण निधि के अन्तर्गत वर्तमान में प्रावधानित ₹2.50 करोड़ की धनराशि को पुनरीक्षित करते हुये *आगामी एक वर्ष के लिए ₹4.50 करोड़* किए जाने की घोषणा की।


* मुख्यमंत्री का उद्धबोधन*

 मुख्यमंत्री  धामी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों के पुलिस बलों और अर्धसैनिक बलों के जवानों पर है। अपने इस उत्तरदायित्व को  निभाते हुए बीते एक वर्ष में, संपूर्ण भारत में 186 अर्धसैनिक बलों और पुलिस कर्मियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, जिनमें उत्तराखंड पुलिस के 4 वीर सपूत भी शामिल हैं। सभी वीर बलिदानी हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की बुनियाद हैं, उनका बलिदान हम सभी के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उन्होंने कहा राज्य सरकार, राज्य की पुलिस व्यवस्था को और भी अधिक सक्षम और संसाधनयुक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। *राज्य सरकार, पुलिस बल के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।*


 उन्होंने  कहा कि प्रदेश के प्रत्येक थाने में *महिला हेल्प डेस्क* के अंतर्गत QRT का गठन किया गया है। सरकार ने विगत तीन वर्षों में पुलिस विभाग के भवनों के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की है। ये राशि पूर्व वर्षों की तुलना में कई गुना अधिक है। प्रशासनिक भवनों के साथ *688 आवासीय भवनों* का निर्माण कार्य गतिमान है। शीघ्र ही हम *120 नए आवासों* का निर्माण भी प्रारंभ करने जा रहे हैं। सरकार ने स्मार्ट पुलिसिंग की परिकल्पना को साकार करने के लिए जवानों के *बैरक मैस और कार्यस्थलों के अपग्रेडेशन* के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई है। सरकार ने *नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के लिए अब तक 5 करोड़ रुपये* की राशि जारी की है। सरकार स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत समस्त पुलिस कर्मियों को कैशलैस चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध करा रही है।


पुलिस कर्मियों की *पदोन्नति प्रक्रिया को समयबद्ध* किया गया है। इस वर्ष *356 पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी* विभिन्न श्रेणियों में पदोन्नत किए गए हैं।  विभिन्न श्रेणी के 115 रिक्त पदों पर पदोन्नति के लिए भी कार्यवाही गतिमान है जिन्हें शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इस वर्ष हमारे 215 कर्मियों को विशिष्ट कार्य एवं सेवा के लिए विभिन्न पदक एवं सम्मान चिन्हों से अलंकृत किया गया है।  राज्य सरकार पुलिस कर्मियों की कैपेसिटी बिल्डिंग की दिशा में भी लगातार काम कर रही है। प्रशिक्षण संस्थानों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करा रहे हैं। पीटीसी नरेंद्र नगर को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के रूप में भी विकसित किया जा रहा है । *AI और साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रशिक्षण के लिए पुलिस कर्मियों को देश के प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थानों* में भेजा जा रहा है। 


पुलिस कर्मियों के *वेतन, भत्ते, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, और अवकाश से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन* कर दिया गया है। सरकार ने आपदा राहत कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एसडीआरएफ की एक नई कंपनी की भी स्वीकृति प्रदान की है, जिसके तहत 162 नए पदों का सृजन किया गया है। पुलिस उपाधीक्षक सीधी भर्ती के अंतर्गत चयनित अभ्यर्थियों को वर्तमान में पीटीसी नरेंद्र नगर में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उप निरीक्षक के 222 पदों के साथ-साथ 2000 सिपाहियों की भर्ती भी प्रक्रियाधीन है।


मृतक पुलिस कर्मियों के परिवारों को सहयोग और संबल प्रदान करने के लिए इस वर्ष *मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत 136 आश्रित परिवारों* को विभिन्न पदों पर नियुक्तियां प्रदान की हैं। राज्य में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए "*उत्तराखण्ड खेल नीति*" के तहत कुशल खिलाड़ियों के लिए पुलिस विभाग में विशेष कोटे के माध्यम से भर्तियों का प्रावधान भी किया है। मुख्यमंत्री ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों के लिए समय - समय पर मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।


माननीय मुख्यमंत्री ने कहा वीर जवानों की वीरता और उनके समर्पण की याद में *माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक* की स्थापना की है। यह स्मारक आने वाली पीढ़ियों को हमारे जवानों की वीरता और साहस की गाथाओं से परिचित कराएगा। उन्होंने कहा हमारे पुलिस जवान हर परिस्थिति में अदम्य साहस का अभूतपूर्व परिचय देते हैं। हमारा प्रदेश भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य है ऐसे में राज्य की शांति और सुरक्षा बनाए रखने में हमारे पुलिसकर्मियों की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।


इस वर्ष उत्तराखंड पुलिस ने *कांवड़ यात्रा में लगभग 4 करोड़* से अधिक श्रद्धालुओं और *चारधाम यात्रा में करीब 50 लाख* से अधिक भक्तों को सुरक्षित और सुगम यात्रा एवं दर्शन कराने में अद्वितीय योगदान दिया है। वी.आई.पी कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के साथ ही राष्ट्रीय खेलों और राज्य में आयोजित विभिन्न राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय कार्यक्रमों में चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने सराहनीय कार्य किया। उन्होंने कहा राज्य में प्राकृतिक आपदाओं के खतरे का सामना भी हमारी पुलिस ने अदम्य साहस और तत्परता से किया। जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी। 


माननीय मुख्यमंत्री ने कहा आधुनिक युग में अपराध का स्वरूप बदल रहा है, पुलिस की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण हो रही है। चोरी, डकैती, हत्या और महिला अपराधों के साथ नशा और साइबर अपराध जैसे नए खतरों का भी सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने पुलिस की एक त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक फोर्स का गठन किया है। इस फोर्स ने बीते *तीन वर्षों में 6199 से अधिक नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई की है, और लगभग *275 करोड़ रुपये से अधिक के नारकोटिक पदार्थ भी बरामद* किए हैं।


हमारे लिए साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती बन चुका है। AI के आने के बाद पुलिस को इस दिशा में और भी अधिक सजग रहना होगा क्योंकि साइबर अपराधों का स्वरूप अब दिन-प्रतिदिन बदल रहा है। उन्होंने कहा हमें साइबर अपराधियों से मुकाबला करने के लिए एक कदम आगे रहना होगा, और इसके लिए हमारी पुलिस को तकनीकी ज्ञान में दक्ष होना आवश्यक है। उन्होंने कहा पुलिस फोर्स ने *साइबर फ्रॉड के खिलाफ* त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करते हुए *63 करोड़ रुपये से अधिक की राशि, पीड़ितों* को लौटाकर उत्तराखंड पुलिस पर जनता के विश्वास को मजबूत किया है।


*पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड का उद्धबोधन*

आज, *21 अक्टूबर, पूरे देश के लिए एक अत्यंत भावनात्मक दिन* है, जो हमें पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के उन अमर वीरों के बलिदान की याद दिलाता है जिन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी।


*सन 1959* में आज ही के दिन *लद्दाख के हॉटस्प्रिंग क्षेत्र में 16,000 फीट की ऊँचाई पर CRPF के दस वीर जवानों* ने SI करन सिंह के नेतृत्व में देश की रक्षा के लिए असाधारण साहस का परिचय दिया और मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति प्राप्त की। उन्हीं की स्मृति में प्रत्येक वर्ष आज का दिन ‘पुलिस स्मृति दिवस’ के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है।


स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से अब तक देशभर में लगभग *35,000 पुलिसकर्मी* कर्तव्य पालन के दौरान सर्वोच्च बलिदान दे चुके हैं। केवल पिछले एक वर्ष में ही देशभर के राज्य पुलिस बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और पुलिस संगठनों के *186 कर्मियों* ने अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण की मिसाल पेश करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है, इनका विवरण इस प्रकार हैः-

राज्य का नाम शहीदों की संख्या

आन्ध्र प्रदेश 5

अरुणाचल प्रदेश 1

असम 2

बिहार 8

छत्तीसगढ़ 16

गुजरात 3

झारखण्ड 1

कर्नाटक 8

केरल 1

मध्य प्रदेश 8

महाराष्ट्र 1

मणिपुर 3

नागालैण्ड 1

उडीसा 2

पंजाब 3

राजस्थान 7

तमिलनाडू 6

तेलंगाना 5

त्रिपुरा 2

उत्तर प्रदेश 3

उत्तराखण्ड 4

पश्चिम बंगाल 12

चण्डीगढ़ 2

दिल्ली 8

जम्मू एवं कश्मीर 14

लद्दाख 1

असम राइफल्स 2

बी0एस0एफ0 23

सी0आई0एस0एफ0 6

सी0आर0पी0एफ0 8

आई0टी0बी0पी0 5

एस0एस0बी0 5

एन0डी0आर0एफ0 1

आर0पी0एफ0 9


इनमें उत्तराखण्ड पुलिस के 04 अधिकारी/कर्मचारी भी शामिल हैं —

अपर गुल्मनायक पुष्कर चन्द्र

अपर उपनिरीक्षक संजीव

आरक्षी सशस्त्र पुलिस धनराज

आरक्षी नागरिक पुलिस गोकुल लाल


पुलिस केवल एक वर्दीधारी बल ही नहीं, बल्कि *कर्तव्य, अनुशासन और जनसेवा* का जीवंत प्रतीक है। विपरीत परिस्थितियों में भी, चाहे आपदा प्रबन्धन हों, यातायात और भीड़ प्रबन्धन की चुनौतियाँ हों या संगठित अपराध की रोकथाम हो—हमारे पुलिसकर्मी सदैव सजग और तत्पर रहते हैं।


राज्य गठन से लेकर अब तक इन *25 वर्षों में उत्तराखंड पुलिस के 205 वीर कार्मिकों* ने कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति देकर सर्वोच्च बलिदान दिया है। ये केवल संख्या नहीं, बल्कि उन 205 दीपों की पंक्ति है, जिन्होंने अपने जीवन का उजाला जन-जन की सुरक्षा और शांति के लिए समर्पित कर दिया। उनकी शहादत उत्तराखंड पुलिस के गौरवशाली इतिहास का वह स्वर्णिम अध्याय है, जो हर पुलिसकर्मी के दिल में प्रेरणा बनकर जलता है। आज इस अवसर पर हम अपने उन *सभी अमर शहीदों को शत-शत नमन* करते हैं।


*उत्तराखण्ड के शहीद पुलिसकर्मियों के परिजन हमारे पुलिस परिवार का अभिन्न अंग है*। उनके साथ निरंतर संवाद बनाए रखना, उन्हें संबल प्रदान करनाऔर उनकी प्रत्येक समस्या का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करना हमारा यह दायित्व केवल संवेदना तक सीमित नहीं, बल्कि निरंतर सहयोग और सम्मान का जीवंत संकल्प है। इसी भावना के साथ, शहीद पुलिस जवानों, सेना एवं अर्धसैनिक बलों के जवानों के परिजनों और सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों की देखभाल एवं सहायता के लिए *प्रत्येक जनपद तथा पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारियों को नोडल अधिकारी* के रूप में नामित किया गया है। ये नोडल अधिकारी हमारे वीर साथियों के परिवारों से लगातार संपर्क में रहते हैं और पेंशन, चिकित्सा सहायता, परामर्श सेवाओं, समस्याओं के निस्तारण तथा अन्य कल्याणकारी कार्यों को पूरी संवेदनशीलता, तत्परता और समयबद्धता के साथ संपादित करते हैं।


हमारे पुलिस कर्मी, जो दिन-रात जनता की सुरक्षा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं, उनके तथा उनके परिवारों के हित में राज्य सरकार द्वारा अनेक मानवीय पहलें की जा रही हैं।


अब तक पुलिस कर्मियों के *3612 मेधावी बच्चों* को उच्च शिक्षा, मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे तकनीकी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए *₹3 करोड़ 4 लाख की छात्रवृत्ति* दी गई है, ताकि उनके सपनों को नई उड़ान मिल सके।


*जीवन रक्षक निधि* के तहत मेडिकल उपचार के लिए लगभग *600 कार्मिकों को ₹17 करोड़* की अग्रिम सहायता दी गई है।


विभिन्न बैंको के साथ *सैलरी पैकेज योजना* के अंतर्गत पुलिस कर्मियों को ₹1 करोड़ तक का निःशुल्क दुर्घटना बीमा और ₹10 लाख तक का जीवन बीमा दिया जा रहा है। अब तक *55 कार्मिकों को ₹26 करोड़ 20 लाख* की अनुग्रह राशि उन परिवारों को दी जा चुकी है, जिन्होंने अपने प्रियजन को कर्तव्यपथ पर खो दिया।


हमारे पुलिस बल के प्रत्येक सदस्य का कल्याण और सुविधा हमारी प्राथमिकता रही है। इसी दृष्टि से, वर्तमान में राज्य के *13 जनपदों और 04 पीएसी वाहिनियों में सेंट्रल पुलिस कैंटीन (CPC)* की सुविधा प्रदान की जा रही है। इन कैंटीनों के माध्यम से हमारे पुलिस कार्मिकों और उनके परिवारों को दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुएँउचित दर परउपलब्ध कराई जाती हैं।


मुझे गर्व है कि उत्तराखण्ड पुलिस अपने कर्मियों के परिवारों के भविष्य को भी उतना ही महत्व देती है, जितना अपनी ड्यूटी को। हमारे पुलिस कर्मियों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सीबीएसई से मान्यता प्राप्त *देहरादून, हरिद्वार और तीन पीएसी वाहिनियों में पाँच पुलिस मॉर्डन स्कूल* संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें *3032 बच्चे* अध्ययनरत हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि भविष्य में और भी अधिक पुलिस मॉर्डन स्कूल खोले जाएँ, ताकि हर पुलिस परिवार के बच्चे को बेहतर शिक्षा का अवसर मिल सके।


*माननीय मुख्यमंत्री जी,* आपके प्रेरणादायक नेतृत्व में पुलिस बल को जो नई दिशा, कार्यशीलता और संवेदनशील दृष्टिकोण प्राप्त हुआ है, उसके लिए मैं अपनी तथा सम्पूर्ण उत्तराखण्ड पुलिस परिवार की ओर से *आपका, उत्तराखण्ड शासन और गृह विभाग* का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।आपके द्वारा पुलिस बल के कल्याणार्थ उठाए जा रहे दूरदर्शी कदमों से न केवल पुलिस कर्मियों का मनोबल बढ़ा है, बल्कि जनता के प्रति सेवा भावना और उत्तरदायित्व भी और अधिक सशक्त हुआ है।


*एक सैनिक पुत्र होने के नाते* आपने जवानों की आवश्यकताओं और उनकी भावनाओं को भली-भाँति समझा है। चाहे पुलिस कर्मियों के लिए आवासीय सुविधाओं का विस्तार हो, बैरकों एवं कार्यस्थलों का उच्चीकरण हो, या फिर उन्हें गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा एवं अन्य आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करानी हों — आपने प्रत्येक क्षेत्र में उनके जीवन स्तर और कार्य क्षमता में उल्लेखनीय सुधार सुनिश्चित किया है।


अंत में, मैं आप सभी को यह विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि *उत्तराखण्ड पुलिस का प्रत्येक सदस्य, अपने शहीद साथियों के आदर्शों से प्रेरणा* लेकर, पूरी *निष्ठा, ईमानदारी और साहस* के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करता रहेगा।


इस अवसर पर माननीय कैबिनेट मंत्री- श्री सतपाल महाराज, माननीय सांसद- श्री नरेश बंसल, माननीय विधायकगण- श्री खजान दास, श्री बृजमोहन गैरोला, श्रीमती सविता कपूर, मुख्य सचिव- श्री आनंद बर्धन, मुख्य सूचना आयुक्त- श्रीमती राधा रतूड़ी, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक- श्री सुभाष जोशी, श्री अनिल के. रतूड़ी- (से.नि. पुलिस महानिदेशक) आयुक्त, सेवा का अधिकार आयोग, श्री राम सिंह मीणा- (से.नि. महानिदेशक) सदस्य, राज्य मानवाधिकार आयोग सहित श्री पी वी के प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक / निदेशक अभियोजन, श्री अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक / विशेष प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण, डॉ0 वी0 मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, श्री ए पी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन / अभिसूचना एवं सुरक्षा, समस्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं गणमान्य महानुभाव भी उपस्थित रहे और शहीद हुए पुलिस कर्मियों को याद कर उन्हें भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की।






  

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्‍ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गोवर्धन पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में गायों की पूजा की। पूजा के दौरान उन्‍होंने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की।


शुभ मुहूर्त--
22 अक्टूबर 2025 को
सुबह 6:26  से 8:42 तक
सांय 3:39 से 5:44 तक

इस दिन 56 या 108 तरह के पकवान बनाकर श्रीकृष्‍ण को उनका भोग लगाया जाता है। इन पकवानों को 'अन्‍नकूट' (Annakoot or Annakut) कहा जाता है। अपनी सामर्थ्य के अनुसार भगवान को भोग  लगाते है.

govardhan Annkoot festival 2025
इस त्योहार के पीछे धार्मिक मान्यता यह है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। श्रीकृष्‍ण ने इन्‍द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाते हैं। कुछ लोग गाय के गोबर से गोवर्धन का पर्वत बनाकर उसे पूजते हैं तो कुछ गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान को जमीन पर बनाते हैं।


लोग गोवर्धन भगवान की परिक्रमा करते हैं। उन्हें अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। गोवर्धन पर्वत या भगवान बनाकर जल, मौली, रोली, चावल, फूल, दही तथा तेल का दीपक जलाकर पूजा करते हैं और फिर उसकी परिक्रमा लगाते हैं। वहीं इस दिन भगवान गोवर्धन के लिए भोग व नैवेद्य में नित्य के नियमित पद्धार्थ के अलावा यथाशक्ति अन्न से बने कच्चे-पक्के भोग, फल, फूल के साथ छप्पन भोग लगाया जाता है।




 

 मुख्यमंत्री के आपदाग्रस्त क्षेत्र भ्रमण दौरान दिए गए निर्देशों; के परिपालन हेतु जिला प्रशासन संकल्पबद्ध


डीएम सेरागांव पहुच विभागवार पुनर्निर्माण, राहत कार्यों की उच्च स्तरीय समीक्षा; मौके पर ही फंड स्वीकृत


आंतरिक सड़क मार्ग खोलेगा लोनिवि, फंड की स्वीकृति मौके पर ही; पंचायत विभाग के अधिकारियों को फटकार आंतरिक पैदल रास्ते युद्धस्तर पर खोलने के निर्देश; फंड स्वीकृत


देहरादून :



 मुख्यमंत्री के आपदाग्रस्त क्षेत्र में भ्रमण के क्रम में जिलाधिकारी सविन बंसल ने आज आपदाग्रस्त क्षेत्र सेरागांव सहस्त्रधारा में जिले के आला अधिकारियों के संग समीक्षा बैठक करते हुए संग ग्राउण्ंड जीरो पर समीक्षा की। आपदा में क्षतिग्रस्त हुई विभिन्न विभागों की परियोजनाआंे एवं सड़क आदि रेस्टोरेशन कार्य का फीडबैक लिया।  डीएम ने सभी विभागों के अधिकारियों को मौके पर ही तलब करते हुए विभागवार पुनर्निर्माण कार्यों की गहन समीक्षा की। इस दौरान जिलाधिकारी ने उपस्थित स्थानीय निवासियों, क्षेत्र के स्थानीय जनप्रतिनिधियों से विस्तारपूर्वक निर्माण कार्याें की स्थिति की जानकारी लेने के साथ ही क्षेत्रवासियों की समस्याओं को सुनते हुए सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन कार्यों के आंगणन रह गए हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पर लेटलांग लोकेशन के साथ एक सप्ताह के भीतर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को प्रस्तुत करें।  

जिलाधिकारी सविन बंसल ने आपदाग्रस्त क्षेत्र में राहत बचाव कार्यों की समीक्षा बैठक सेरागांव में  की बैठक में आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त परियोजनाओं के पुनर्निर्माण कार्यों की विभागवार समीक्षा की गई। डीएम ने कार्लीगाड, मझेड़ा में बिजली, पानी, सड़क पुनर्निर्माण में तेजी लाने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं डीएम पुनर्निर्माण कार्यों की निरंतर स्वयं मॉनिटिरिंग कर रहे हैं। डीएम ने कहा कि मा0 सीएम  के राज्य हित, आपदा न्यूनीकरण जिला प्रशासन के लिए सर्वाेपरि है।  जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि एक-एक प्रभावितों को राहत पंहुचाने तक विभागीय अधिकारी क्षेत्र में ही जमे रहेंगे तथा इसकी उनके द्वारा निरीक्षण के साथ ही निरंतर समीक्षा की जाएगी। जिलाधिकारी ने कार्लीगाड़, मजेड़ा के विस्थापन हेतु उच्चस्तरीय सर्वें कार्य वॉडिया संस्थान, आईआईटी रूड़की की विशेषज्ञ टीम से कराने के निर्देश दिए। साथ ही भविष्य में आपदा के संभावित बड़े कारण को सर्वेक्षण अनुमान निरीक्षण के पश्चात नदी, गाढ गदेरों के मलबा से लाखों टन मलबा के डीएम ने स्वीकृति आदेश दिए है। मलगा निस्तारण हेतु लॉट चिन्हित किए गए है जिसके लिए आज विज्ञप्ति प्रकाशित करवाते हुए मानसून पूर्व मलबा निस्तारित किया जाएगा।  प्रभावित परिवारों द्वारा मकान किराया बाजार दर पर दिए जाने की मांग पर जिलाधिकारी ने आवश्यक कार्यवाही क निर्देश अपर जिलाधिकारी को दिए है। जिलाधिकारी ने कहा कि  मुख्यमंत्री द्वारा विगत दिवस आपदाग्रस्त क्षेत्र का भ्रमण दौरान युद्धस्तरपर जनजीवन सामान्य बनाने के निर्देश दिए गए है। जिसके लिए जिला प्रशासन पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध प्रत्येक कार्यों की उच्चस्तरीय मॉनिटिरिंग की जा रही है। इस दौरान डीएम ने  मौके पर पंचायत विभाग द्वारा निर्मित बाधित मोटर मार्ग सफाई कार्य मशीन द्वारा कराने हेतु लोनिवि को फंड स्वीकृत करने के साथ ही, पंचायत विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए आंतरिक पैदल रास्ते युद्धस्तर पर खोलने के निर्देश दिए जिसके लिए मौके पर ही फंड स्वीकृति की गई। 


जिलाधिकारी ने कहा मा0 मुख्यमंत्री  आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण कार्यों की स्वयं मॉनिटिरिंग कर रहे है। मा0 मुख्यमंत्री द्वारा विगत दिवस आपदाग्रस्त क्षेत्र का मौका मुआवना करते हुए निर्देशित किया गया था कि प्रभावित क्षेत्रों में जन जीवन को सामान्य बनाने तथा नदी गाढ गदेरों से प्रभावी मलबा निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं, जिसके लिए लॉट निर्धारित कर लिए गए हैं। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए आपदाग्रस्त क्षेत्र में जीवन पूर्णतः सामान्य होने तक विभागों के अधिकारी क्षेत्र में ही प्रवास करेंगे। 

जिलाधिकारी ने आपदाग्रस्त क्षेत्र में नदियों में आए मलबे को हटाने के लिए वन, सिचंाई, राजस्व खनन की टीम बनाते हुए पैच बनाकर कार्य आंवटित करते हुए मानसून पूर्व मलबा हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया लगभग 500-600 मीटर पैच बनाकर यह कार्य किया जाएगा इसके लिए स्थान चिन्हित किए गए है। जिलाधिकारी ने दैवीय आपदा में जिन प्रभावितों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं उनको बाजार दरों पर किराए के मकान हेतु धनराशि दिए जाने हेतु अधिकारियों को औपचारिकताएं पूर्ण करने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन द्वारा 4 हजार प्रतिमाह किराया दिया जा रहा है जिसे प्रभावितोें द्वारा बढाने की मांग की गई। इसके लिए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को तत्काल औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए बाजार दरों पर किराया राशि देने के निर्देश दिए। बताया गया कि मजाड़ा, कार्लीगाड, सहस्त्रधारा में ऐसे लगभग 5 ऐसे परिवार हैं जिनके मकान पूर्णतः अथवा बड़े स्तर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं अभी रहने योग्य नही है। 

पंचायत की क्षतिग्रस्त आंतरिक सड़क एवं रास्ते न खुलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए पंचायत के अधिकारियों को फटकार लगाई तथा लोनिवि को पंचायत की आंतरिक सड़के मशीन के माध्यम से खोलने हेतु फंड की मौके पर ही स्वीकृति दी गई तथा जो पैदल रास्ते हैं पंचायत विभाग को तत्काल खुलवाने के निर्देश दिए जिसके लिए धन की मौके पर ही स्वीकृति प्रदान की गई। 

कार्लीगाड, मजाड़ क्षेत्र के विस्थापन हेतु उच्च स्तरीय टीम द्वारा जीयोलाजिकल सर्वे कराया जाएगा जिसमें वाडिया इंस्टीट्यूट, आईआईटी रूड़की आदि विशेषज्ञों तकनीकि टीम से प्राप्त विशलेषण रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जाएगी।  

समीक्षा बैठक में अपर जिलाधिकारी के.के मिश्रा, उप जिलाधिकारी हरिगिरि, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मनोज कुमार, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल, अधीक्षण अभियंता लोनिवि ओमपाल, अभि0अभि0 विद्युत राकेश कुमार, अधि0अभि0 पीएमजीएसवाई अधिकारी, जिला पंचायत सदस्य वीर सिंह चौहान, ग्राम प्रधान माजाड़ राकेश जवाड़ी, बसवाड़ संजय राणा, फुलैत जय किशन ममगांई सहित अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। 

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उत्तराखंड में इस बार दिवाली के समय भी वायु गुणवत्ता में रहा उल्लेखनीय सुधार, तकनीक और जनसहयोग से मिली सफलता

ड्रोन आधारित वॉटर स्प्रिंकलिंग, आधुनिक स्वीपिंग मशीनें और जन-जागरूकता अभियान रहे प्रभावी


देहरादून;



उत्तराखंड ने इस वर्ष दिवाली के अवसर पर वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। तकनीक आधारित उपायों, प्रशासनिक सक्रियता और नागरिकों के सहयोग से राज्य के प्रमुख शहरों की हवा पहले से कहीं अधिक स्वच्छ रही। अधिकांश शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) इस बार मध्यम या संतोषजनक श्रेणी में दर्ज किया गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में बड़ा सुधार है।


दिवाली 2025 (20 अक्टूबर) को दर्ज प्रमुख शहरों के AQI स्तर:


देहरादून: 128 (मध्यम)

ऋषिकेश: 54 (संतोषजनक)

टिहरी: 66 (संतोषजनक)

काशीपुर: 168 (मध्यम)

रुड़की: 190 (मध्यम)

हल्द्वानी: 198 (मध्यम)

नैनीताल: 111 (मध्यम)


जबकि दिवाली 2024 में यह स्तर कई शहरों में खराब श्रेणी में था —

देहरादून: 269 (खराब)

काशीपुर: 269 (खराब)

ऋषिकेश: 175 (मध्यम)


*मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारा क्ष्य केवल त्योहारों में ही नहीं, बल्कि पूरे वर्ष स्वच्छ वायु सुनिश्चित करना है। इस वर्ष के परिणाम यह साबित करते हैं कि नवाचार, जागरूकता और सामूहिक भागीदारी से वास्तविक परिवर्तन संभव है।”*


*अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड आगे:*


जहाँ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस दिवाली AQI स्तर 351 (अत्यंत खराब), लखनऊ में 250, पटना में 226 और भोपाल में 235 (खराब श्रेणी) दर्ज किया गया, वहीं उत्तराखंड के शहरों का प्रदर्शन बेहतर रहा। यह राज्य की स्वच्छ वायु और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

*उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPCB) के अध्यक्ष श्री आर. के. सुधांशु ने कहा:*


*“इस वर्ष की स्वच्छ दिवाली सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। ड्रोन से जल छिड़काव, नई यांत्रिक स्वीपिंग मशीनें और विद्यालयों-कॉलेजों में चलाए गए जन-जागरूकता अभियानों ने ठोस असर दिखाया है।”*


देहरादून में ड्रोन आधारित वॉटर स्प्रिंकलिंग से PM₁₀ स्तर को नियंत्रित किया गया, जबकि देहरादून और ऋषिकेश में यांत्रिक स्वीपिंग मशीनों की तैनाती, जो राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा भारत सरकार के सहयोग से क्रय की गईं, ने सड़कों की धूल में उल्लेखनीय कमी की।

*जन-जागरूकता ने बदली सोच:*


विद्यालयों और महाविद्यालयों में आयोजित ‘ग्रीन दिवाली-क्लीन दिवाली’ अभियानों ने नागरिकों को पर्यावरण अनुकूल तरीके से पर्व मनाने और पटाखों के सीमित उपयोग के लिए प्रेरित किया। इससे प्रदूषण में प्रत्यक्ष कमी दर्ज हुई।


*स्वच्छ सर्वेक्षण में भी प्रदर्शन बेहतर:*


देहरादून और ऋषिकेश शहरों ने हाल ही में स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में अपने प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार किया है, जिसे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया। यह उत्तराखंड के स्वच्छ, हरित और सतत विकासशील राज्य बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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