देहरादून:
*मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्राउंड जीरो पहुंचे स्वास्थ्य सचिव, धराली में आपदा प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों का किया निरीक्षण*
*SDRF, ITBP और स्वास्थ्य टीमों का हौसला बढ़ाया, आज 300 से अधिक लोगों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण*
*आपदा के बीच रक्षाबंधन का संदेश, स्वास्थ्यकर्मियों ने बांधी राखियां, मिला सुरक्षा का भरोसा*
उत्तरकाशी:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार शनिवार को रक्षाबंधन के दिन सीधे ग्राउंड जीरो धराली पहुंचे।
यहां उन्होंने आपदा प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों की कमान अपने हाथों में लेते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीमों, SDRF, NDRF, ITBP और स्थानीय स्वयंसेवकों का उत्साह बढ़ाया।
आज शनिवार को 158 लोग चिन्यालीसौड़ और 170 लोग मातली हेलीपैड पर पहुंचे, जिनका स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें सुरक्षित उनके गंतव्य के लिए भेजा गया।
धराली पहुंचते ही माहौल भावुक हो गया, जब चिकित्सा स्टाफ व महिलाओं ने स्वास्थ्य सचिव को राखी बांधकर अपना स्नेह और विश्वास जताया।
डॉ. राजेश कुमार ने सभी को आश्वासन दिया “स्वास्थ्य विभाग आपके साथ खड़ा है, ज़रूरत पड़ी तो चौबीसों घंटे यहां रहेंगे।”
*राहत व बचाव मोर्चे का जायजा, जवानों के साथ किया भोजन*
निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य सचिव ने SDRF, NDRF और ITBP के जवानों से मुलाकात कर उनके जज़्बे की सराहना की। उन्होंने SDRF जवानों के साथ दोपहर का भोजन किया और कहा कि कठिनतम परिस्थितियों में भी आपकी सेवा भावना अद्वितीय है।
*घायलों से मुलाकात, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी*
धराली में घायल और बीमार लोगों से मिलकर स्वास्थ्य सचिव ने भरोसा दिलाया कि सभी बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं तुरंत और निरंतर उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने भविष्य में इस क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक स्वास्थ्य योजना तैयार करने की घोषणा की, ताकि आपदा जैसी परिस्थितियों में किसी को भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भटकना न पड़े।
*राहत शिविरों का निरीक्षण और स्वास्थ्य परीक्षण*
धराली पहुंचने से पहले डॉ. आर. राजेश कुमार ने चिन्यालीसौड़ हेलीपैड और मातली स्थित ITBP राहत शिविर का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां यात्रियों और आपदा प्रभावित लोगों से संवाद कर उनका हालचाल जाना। शिविरों में स्वास्थ्य परीक्षण व्यवस्थाओं को परखा और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान शिविर में मौजूद महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने भी उन्हें राखी बांधी। स्वास्थ्य सचिव ने कहा त्योहार पर अपने घर से दूर रहकर सेवा में जुटी हमारी टीम का यह समर्पण अविस्मरणीय है।
*24 घंटे तैनात स्वास्थ्य टीमें*
स्वास्थ्य विभाग ने चिन्यालीसौड़ से धराली तक विशेषज्ञ डॉक्टरों के नेतृत्व में कई स्वास्थ्य टीमों की तैनाती की है, जो लगातार 24 घंटे लोगों के स्वास्थ्य की जांच, उपचार और सहायता में जुटी हैं। जिला चिकित्सालय में भी स्वास्थ्य सचिव ने आपदा में घायल मरीजों का हालचाल लिया और प्रमुख अधीक्षक को निर्देश दिए कि किसी भी मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में कोई कमी न रहे।
इस मौके पर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य गढ़वाल मंडल डॉ. सी.पी. त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी.एस. रावत, राज्य नोडल अधिकारी डॉ बिमलेश जोशी, प्रमुख अधीक्षक डॉ. पी.एस. पोखरियाल, नोडल अधिकारी चिन्याली डॉ. विनोद कुकरेती एवं नोडल अधिकारी मातली डॉ. बी.एस. पांगती मौजूद रहे।
उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड
*“UPCL ने हर्षिल घाटी में आपदा के बाद न्यूनतम समय में बहाल की बिजली आपूर्ति”
उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल घाटी में हाल ही में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के कारण विद्युत तंत्र पूरी तरह ठप हो गया था। लगातार भारी वर्षा, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से पोल, तार, ट्रांसफार्मर और उपसंस्थानों को गंभीर क्षति पहुँची तथा सड़क मार्ग बाधित होने से राहत सामग्री और उपकरण पहुँचाना एक बड़ी चुनौती बन गया। इस विकट परिस्थिति में उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने त्वरित और सुनियोजित कार्रवाई करते हुए अल्प समय में विद्युत आपूर्ति बहाल कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की।
यह कार्य दो चरणों में संपन्न हुआ। पहले चरण में 125 केवीए क्षमता के डीजल जनरेटर सेट को देहरादून एयरपोर्ट से चिन्यालीसौड़ होते हुए हर्षिल तक एयरलिफ्ट किया गया। इसके साथ ही कंडक्टर, पोल, सर्विस लाइन, इंसुलेटर और अन्य आवश्यक उपकरण भी हवाई मार्ग से भेजे गए। इस प्रक्रिया में हेलीकॉप्टर से भारी सामग्री की ढुलाई की गई, जिसके लिए सेना और प्रशासन के साथ समन्वय/तालमेल रखा गया। UPCL की 10 सदस्य दलों की टीम को भी हेलीकॉप्टर के माध्यम से विद्युत सामग्री के साथ हर्षिल घाटी तक पहुँचाया गया।दूसरे चरण में UPCL के इंजीनियरों और लाइनमैनों ने हाई अलर्ट मोड में मौके पर दिन-रात काम करते हुए क्षतिग्रस्त पोल और तारों को बदला, नई सर्विस लाइनों को जोड़ा और DG सेट के माध्यम से अस्थायी आपूर्ति शुरू की। इसके अतिरिक्त, सौर ऊर्जा तथा माइक्रो हाइड्रो ग्रिड को भी जोड़ा गया, जिससे घाटी में स्थिर और सतत बिजली उपलब्ध कराई जा सकी। बता दें कि माइक्रो हाइड्रो ग्रिड से 25 किलो वॉट का ऊर्जा उत्पादन हो रहा है जिससे माँ गंगा जी के शीतकालीन स्थल मुखवा गाँव में विद्युत आपूर्ति दी जा रही है।
इस पूरी प्रक्रिया में जटिल मौसम, लगातार वर्षा, ठंड और ऊंचाई पर काम करने जैसी चुनौतियों को पार किया गया। हेलीकॉप्टर से भारी उपकरण और सामग्री ले जाना तकनीकी और लॉजिस्टिक दृष्टि से जटिल था, लेकिन UPCL टीम ने इसे सफलतापूर्वक सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम समयावधि में कार्य पूर्ण किया गया। स्थानीय प्रशासन, सेना और जनता के सहयोग से आपातकालीन पावर बैकअप तुरंत उपलब्ध कराया गया।
UPCL के प्रबंध निदेशक श्री अनिल कुमार ने कहा कि “हर्षिल घाटी में बिजली बहाल करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन हमारी टीम ने त्वरित कार्य कर इसे संभव कर दिखाया। एयरलिफ्ट ऑपरेशन, हाई-ऑल्टिट्यूड फील्डवर्क और माइक्रो हाइड्रो ग्रिड के संयोजन से यह उपलब्धि हासिल हुई है।” UPCL इस सफलता को जन सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के रूप में देखता है और आपदा जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति प्रदान करने हेतु हम कटिबद्ध है।