रायपुर :
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र थानो पूरी तरह से अव्यवस्था के दौर से गुजर रहा है। केंद्र में एक चिकित्सक तैनात होने के बावजूद उनकी ड्यूटी अधिकतर बाहरी वीआईपी क्षेत्रों में लगी रहती है, जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाओं का दायित्व फार्मासिस्ट और नर्सिंग स्टाफ के कंधों पर ही आ गया है। दो दर्जन ग्राम सभाओं की हजारों की आबादी इसी स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है, लेकिन डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण ग्रामीणों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासी आदर्श राठौर ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एलोपैथिक चिकित्सक इंतकाम हुसैन माह में सिर्फ कुछ ही दिन उपस्थित रहते हैं। हाल ही में फार्मासिस्ट की भी ड्यूटी अन्यत्र लगा दी गई है, जिससे आयुर्वेदिक चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ ही मरीजों को देखने और उपचार देने के लिए मजबूर हैं। मरहम-पट्टी, इंजेक्शन, कटे-फटे मरीजों का इलाज जैसे संवेदनशील कार्य भी नर्सिंग स्टाफ द्वारा ही किए जा रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि चिकित्सकों की कमी के चलते अक्सर मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
ग्रामीण लंबे समय से इस स्वास्थ्य केंद्र के उच्चीकरण की मांग कर रहे हैं। आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री द्वारा उच्चीकरण की घोषणा तो की गई थी, लेकिन वह सिर्फ कागजों में ही सीमित रह गई। अब तक धरातल पर कोई कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही पर्याप्त चिकित्सक तैनात नहीं किए गए और स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था नहीं सुधारी गई, तो वे पुनः आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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