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देहरादून:

SIR importance  Amit shah dehradun


आज दिनांक 16 दिसंबर 2025 को  देश के  गृह मंत्री आदरणीय अमित शाह  के द्वारा सदन में हुई चुनाव सुधार पर चर्चा का वीडियो क्लिप के माध्यम से भाजपा महानगर कार्यालय पर महानगर की अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता ने   गृहमंत्री अमित शाह के उद्धबोधन को सुना।

महानगर के अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल जी ने बताया कि जिस प्रकार  अमित शाह  ने सदन के माध्यम से 140 करोड़ जनता को यह समझाने का प्रयास किया की विपक्ष द्वारा SIR को लेकर देश में एक भ्रम फैलाया जा रहा है।

 साथ भी यह बताया कि अगर चुनाव के दौरान किसी ने चोरी की है तो मात्र कांग्रेस पार्टी ने की है कांग्रेस पार्टी लगातार देश की जनता को भ्रमित करने का काम करती आई है ।

आज भी चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाकर अपने इतिहास को जनने काम ना करते हुए SIR का विरोध कर रही है। 


हम सभी कार्यकर्ताओं की यह जिम्मेदारी है कि हमें अपने प्रत्येक बूथ कार्यकर्ताओं को बताना होगा कि हम किस प्रकार वोट चोरी रोक सकते हैं ताकि इस देश की जनता सही मतदान से सही नेतृत्व चुन सके।

साथ ही हमें यह समझने की आवश्यकता है कि SIR का पूर्ण रूप और इसका मुख्य उद्देश्य क्या है हमें समझना होगा किस प्रकार इस देश में घुसपैठ हुआ है।

 अवैध घुसपैठ के कारण वोट बैंक की राजनीति करने का काम कांग्रेस पार्टी करती है। 


आज कांग्रेस पार्टी का मुख्य उद्देश्य है कि इस प्रक्रिया से उन्होंने जो देश में घुसपैठ मतदान पैदा किए हैं वह सब देश के बाहर हो जाएंगे और उन्हें वोट नहीं मिल पाएंगे।


कार्यक्रम के बाद सभी कार्यकर्ताओं से कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी विधायक रायपुर उमेश शर्मा विधायक कैंट श्रीमती सविता कपूर महानगर महापौर सौरभ थपलियाल के द्वारा देश के गृहमंत्री आदरणीय अमित शाह जी के द्वारा अपने अभिवादन में चुनाव पर चर्चा पर कार्यकर्ताओं से प्रश्न उत्तर पर चर्चा की गई जिसमें सभी कार्यकर्ताओं ने पूछे गए प्रश्नों का सही उत्तर दिया। 


कार्यक्रम में दायित्व धारी राज्य मंत्री श्रीमती विनोद उनियाल मधु भट्ट भगवत प्रसाद मकवाना श्याम अग्रवाल डॉ देवेंद्र भसिन महानगर उपाध्यक्ष राजेंद्र ढिल्लो संकेत नौटियाल ओम कक्कड़ संध्या थापा महानगर मंत्री मोहित शर्मा जगदीश समीर डोभाल सुरेंद्र राणा अक्षत जैन उमेश तिवारी प्रदीप कुमार अवधेश तिवारी बलदेव नेगी कुलदीप पंत यासमीन आलम खान सुरेंद्र सुमित पांडे राहुल लारा सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित। 



 

देहरादून:



उत्तराखंड क्रांति दल दल ने युवा प्रकोष्ठ  ने  अध्यक्ष पदों की घोषणा की है।
देहरादून में अध्यक्ष पद हेतु जतिन सिंह चौहान और ऋषिकेश में श्री मुकेश भट्ट को मनोनीत किया गया है .

उत्तराखंड क्रांति दल युवा प्रकोष्ठ ऋषिकेश महानगर अध्यक्ष मुकेश भट्ट जी ने संगठन विस्तार करते हुए ब्लाक अध्यक्ष मे पवन बिष्ट जी को ग्राम सभा चोपड़ा फार्म से नियुक्त किया 
इस दौरान उक्रांद युवा प्रकोष्ठ  केंद्रीय उपाध्यक्ष कुलदीप रावत , नवीन चंद्र सेमवाल, अंचल नेगी, संदीप डोभाल आदि उपस्थित रहे

केंद्रीय उपाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ उत्तराखंड क्रांति दल श्री कुलदीप रावत ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि निम्न पदों हेतु नियुक्त किए गए सभी सदस्यों से आशा की जाती है वह दल के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे.



 

विभागीय जांच में दोषी साबित, बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू


ऋषिकेश : 



ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद संस्थान की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। एम्स प्रशासन ने इंट्राम्यूरल रिसर्च प्रोजेक्ट में नौकरी का झांसा देकर धन ऐंठने के आरोपी कर्मचारी के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उसकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभागीय जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद यह कार्रवाई की जा रही है।

आवास विकास कॉलोनी निवासी सागर चौधरी ने एम्स में तैनात जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट (जेएए) सिद्धांत शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। सागर के अनुसार, वह एम्स के इंट्राम्यूरल रिसर्च प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी लेने संस्थान पहुंचे थे, जहां उनकी मुलाकात सिद्धांत शर्मा से हुई। आरोपी ने खुद को प्रभावशाली बताते हुए प्रोजेक्ट में नौकरी दिलाने का झांसा दिया और ऑनलाइन माध्यम से उससे 5 लाख 59 हजार रुपये की रकम हड़प ली।

पीड़ित का आरोप है कि रकम लेने के बावजूद न तो नौकरी दिलाई गई और न ही पैसे लौटाए गए। दबाव बनाने पर आरोपी ने 2 लाख 20 हजार रुपये वापस किए, जबकि शेष 3 लाख 75 हजार रुपये लौटाने के लिए 20 मई को दो चेक दिए गए, जो बैंक में जमा करने पर बाउंस हो गए। लगातार शिकायतों के बावजूद जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो पीड़ित ने मुख्यमंत्री से शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया।

मामले के तूल पकड़ने के बाद एम्स प्रशासन हरकत में आया। संस्थान स्तर पर कराई गई विभागीय जांच में सिद्धांत शर्मा के खिलाफ लगे आरोप सही पाए गए। इसके बाद उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। अब जांच रिपोर्ट के आधार पर एम्स प्रशासन ने उसकी बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी है।

एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि आरोपी कर्मचारी के विरुद्ध की गई विभागीय जांच में धोखाधड़ी के आरोप प्रमाणित हुए हैं। संस्थान की छवि और नियमों के उल्लंघन को गंभीरता से लेते हुए कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। एम्स प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

 

एक और एजेंसी आई डीएम की क्यूआरटी के निशाने पर; यूपीसीएल पर 02 माह का लगा प्रतिबन्ध; कार्य अनुमति निरस्त

प्रदत्त अनुमति में निर्धारित शर्तों का उल्लंघन दंडनीय अवश्य होगाः डीएम 

Time & Cost overruns  की जिम्मेदारी विभाग और कार्यदायी फर्म  कीः डीएम


रात की थी अनुमति; दिन में ही खोद डाली सड़क; जनमानस की सुरक्षा पर संकट; विधिक कार्यवाही तय


देहरादून:



जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशानुसार आज उप जिलाधिकारी श्रीमती कुमकुम जोशी के नेतृत्व में क्यूआरटी (त्वरित प्रतिक्रिया टीम) द्वारा देहरादून शहर के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे रोड कटिंग कार्यों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। 


जिलाधिकारी ने अनियंत्रित  रोड़ कटिंग, मानकों के उल्लंघन पर एजेसिंयो को चेताया है जनमानस की सुरक्षा से खिलवाड़ कर जिला प्रशासन को विधिक एक्शन कोे मजबूर न किया जाए।  उन्होंने कहा कि प्रदत्त अनुमति में निर्धारित शर्तो  का उल्लंघन दंडनीय अवश्य होगा। अनुमति बाधित होने पर समय और लागत वृद्धि की जिम्मेदारी सम्बन्धित विभाग और कार्यदायी संस्था की होगी।  

निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) द्वारा सहारनपुर रोड पर सब्जी मंडी चौक से आईएसबीटी तक तथा जीएमएस रोड पर बल्लूपुर चौक से सब्जी मंडी चौक तक एडीबी द्वारा वित्तपोषित योजना Uttarakhand Climate Resilient Power System Development Project (UCRPSDP)  के अंतर्गत मुख्य मार्गों की उपरगामी विद्युत लाइनों को भूमिगत किए जाने का कार्य कराया जा रहा है। यह कार्य अधीक्षण अभियंता (एडीबी) (लॉट-2), यूपीसीएल, ऊर्जा भवन, कांवली रोड द्वारा कराया जा रहा है, जिसमें परियोजना समन्वय समिति से प्राप्त अनुमति की शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है।

निरीक्षण के दौरान क्यूआरटी टीम ने पाया कि संबंधित विभाग/ठेकेदार द्वारा रोड कटिंग का कार्य परियोजना समन्वय समिति द्वारा निर्धारित प्रतिबंधों एवं शर्तों के अधीन नहीं किया जा रहा है। निर्धारित प्रावधानों के विपरीत रोड कटिंग का कार्य रात्रि के स्थान पर दिन के समय भी किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त रिस्पना, आराघर चौक, कारगीदृमोथरोवाला रोड, दून यूनिवर्सिटी रोड, शिमला बाईपास रोड सहित अन्य क्षेत्रों में भी गंभीर अनियमितताएँ पाई गईं। निरीक्षण में यह सामने आया कि कार्यस्थलों पर आवश्यक बैरिकेडिंग, रिफ्लेक्टिंग टेप एवं साइनेंज की व्यवस्था नहीं की गई है। जगह-जगह खुदाई से निकला मलबा सड़कों पर पड़ा हुआ है, जिससे मार्ग संकीर्ण हो गए हैं तथा यातायात की दृष्टि से स्थिति अत्यंत असुरक्षित बनी हुई है। यह सभी स्थितियाँ सुरक्षा मानकों के घोर उल्लंघन को दर्शाती हैं।

अनुमति की शर्तों के गंभीर उल्लंघन को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी द्वारा पूर्व में जारी रोड कटिंग अनुमति संख्या 6691/643 को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। साथ ही, यूपीसीएल को आगामी 02 माह की अवधि तक किसी भी प्रकार की रोड कटिंग अनुमति से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि भविष्य में किसी भी प्रकार के कार्य से पूर्व निर्धारित अनुमति शर्तों, सुरक्षा मानकों एवं यातायात व्यवस्था का पूर्णतः पालन सुनिश्चित किया जाए, ताकि आमजन को किसी भी प्रकार की असुविधा अथवा दुर्घटना की स्थिति उत्पन्न न हो।


  *मुख्यमंत्री ने विजय दिवस पर शहीद स्मारक में पुष्पचक्र अर्पित कर वीर बलिदानियों को दी श्रद्धांजलि*

*भारतीय सेना के शौर्य, त्याग और अटूट राष्ट्रनिष्ठा की गौरवगाथा का दिन है विजय दिवस*

CM pay tribute to martyred jawans , vijay diwas


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विजय दिवस के अवसर पर गांधी पार्क, देहरादून में आयोजित श्रद्धांजलि एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने 1971 के युद्ध के सैनिकों और शहीदों के परिजनों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि सैनिक कल्याण निदेशालय और जिला सैनिक कल्याण कार्यालय (डीडीहाट, हरबर्टपुर, पिथौरागढ़ एवं हरिद्वार) इन सभी पाँच कार्यालयों में सरकारी वाहन दिए जाएंगे।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए सभी वीर बलिदानियों को समस्त प्रदेशवासियों की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे वीर जवानों ने अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान से 1971 के युद्ध में राष्ट्र की अखंडता और स्वाभिमान की रक्षा की। आज भारतीय सेना के शौर्य, त्याग और अटूट राष्ट्रनिष्ठा की गौरवगाथा को स्मरण करने का दिन है, जो हमारे इतिहास के पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में अंकित है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि 1971 में पाकिस्तान के लगभग 93 हजार सैनिकों ने हमारी सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में वीरभूमि उत्तराखंड के 248 बहादुर सपूतों ने भी अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। हमारे प्रदेश के 74 सैनिकों को अपने अदम्य साहस और शौर्य के लिए विभिन्न वीरता पदकों से सम्मानित भी किया गया था। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लगभग प्रत्येक परिवार का कोई न कोई सदस्य सेना में है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जवानों का मनोबल बढ़ाने के साथ ही सेना को अत्याधुनिक तकनीक और हथियारों से सुसज्जित किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत रक्षा सामग्री का निर्यात करने वाले शीर्ष देशों की सूची में शामिल हो गया है। ऑपरेशन सिंधु के माध्यम से भारत ने यह सिद्ध कर दिया कि हमारे सैनिकों के साथ-साथ हमारे स्वदेशी हथियार भी किसी से कम नहीं हैं। इस अभियान में भारत में निर्मित आकाश मिसाइल, डिफेंस सिस्टम और ब्रह्मोस मिसाइल जैसे स्वदेशी हथियारों ने पूरे विश्व में भारत का डंका बजा दिया। आज दुश्मन की एक-एक गोली का जवाब गोलों से दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नया भारत है, जो दुश्मनों की हर नापाक हरकत का करारा जवाब देता है और उन्हें उनके ठिकानों में ही नेस्तनाबूद कर देता है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वीर जवानों के हित में भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। वन रैंक वन पेंशन योजना हो, नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण, रक्षा बजट में वृद्धि कर सैनिकों की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करना हो, या बॉर्डर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना—ऐसे अनेक कार्य किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार भी सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शहीदों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया है। सेना में परमवीर चक्र से लेकर मेंशन इन डिस्पैच तक सभी वीरता पुरस्कारों से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी राशि में भी अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। परमवीर चक्र से अलंकृत सैनिक को मिलने वाली राशि को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 करोड़ रुपये किया गया है। अशोक चक्र की राशि 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये, महावीर चक्र और कीर्ति चक्र की राशि 20 लाख से बढ़ाकर 35 लाख रुपये तथा वीर चक्र और शौर्य चक्र की एकमुश्त राशि 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि बलिदानियों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में समायोजित करने का निर्णय लिया गया है। वहीं, सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि भी 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दी गई है। प्रदेश में बलिदानियों के आश्रितों को नौकरी पूर्व प्रशिक्षण तथा पुत्री विवाह अनुदान जैसी योजनाएँ भी संचालित की जा रही हैं। राज्य में वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों हेतु सरकारी बसों में यात्रा की निःशुल्क व्यवस्था के साथ-साथ सेवारत व पूर्व सैनिकों के लिए 25 लाख रुपये तक की संपत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट भी प्रदान की जा रही है। देहरादून के गुनियाल गाँव में ‘‘भव्य सैन्य धाम’’ का निर्माण भी किया जा रहा है।


सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि 1971 के युद्ध के दौरान करीब 4 हज़ार सैनिक शहीद हुए थे, जिनमें उत्तराखंड राज्य के 248 शहीद सैनिक शामिल थे। करीब 9 हज़ार सैनिक घायल हुए थे। उत्तराखंड के 74 सैनिकों को वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए, जो हमारे राज्य के लिए गौरव की बात है। सैनिकों का सम्मान हर देशवासी का कर्तव्य है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर सैनिकों के कल्याण के लिए कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री श्री धामी के नेतृत्व में शहीद सैनिकों के परिजनों को मिलने वाली सम्मान राशि को बढ़ाकर ₹50 लाख किया गया है। सैनिकों की हर समस्या का समाधान किया जा रहा है।


इस अवसर पर विधायक श्री खजान दास, विधायक श्रीमती सविता कपूर, सचिव सैनिक कल्याण श्री दीपेन्द्र चौधरी, मेजर जनरल (से.नि.) सम्मी सबरवाल तथा पूर्व सैनिक और वीरांगनाएँ उपस्थित थीं।


मुख्यमंत्री ने  किया ₹ 46.18 करोड की लागत की योजनाओं का अनुमोदन*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सीवरेज प्रबंधन से संबंधित ₹ 43.68 करोड लागत की चार योजनाओं का अनुमोदन प्रदान करने के साथ ही रूद्रपुर में नर्सिंग कॉलेज के निर्माण कार्य के लिए ₹ 2.50 करोड की धनराशि अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पेयजल विभाग के अन्तर्गत सीवरेज के कार्यों हेतु अनुमोदित योजनाओं में हरिद्वार के भगत सिंह कालोनी, हरिपुरकलां में सीवेज सिस्टम योजना (लागत ₹ 11.22 करोड), नैनीताल जिले के अंतर्गत दुर्गा सिटी चौराहा नवाबी रोड से कालाढूंगी रोड तक सीवरेज योजना  (लागत ₹ 9.49 करोड), देहरादून शहर के पथरीयापीर, नीलकंठ विहार, इन्दिरा कालोनी एवं चुक्खुवाला क्षेत्र में सीवर लाईन बिछाने के कार्य (लागत ₹ 13.91 करोड़) और देहरादून जलोत्सरण योजना के अंतर्गत साकेत नगर कालोनी कैनाल रोड के जोन-सी के छूटे हुए क्षेत्र की सीवरेज योजना (लागत ₹ 9.06 करोड़) सम्मिलित हैं। 


इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा जनपद ऊधम सिंह नगर के रूद्रपुर में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज परिसर के नर्सिंग कॉलेज के अकादमिक ब्लॉक, स्थल विकास के निर्माण हेतु ₹ 2.50 करोड की धनराशि अवमुक्त किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है।00



*विजेता प्रतिभागियों को महानिदेशक सूचना ने प्रदान किये पुरस्कार*


देहरादून :



 उत्तराखण्ड सूचना कर्मचारी संघ (मुख्यालय), देहरादून द्वारा प्रथम इंडोर खेल प्रतियोगिता-2025 का आयोजन किया गया। मंगलवार को  प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी द्वारा पुरस्कार प्रदान किये गये। 


महानिदेशक सूचना श्री तिवारी द्वारा सभी विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं मेडल प्रदान करते हुए कहा कि हम सभी को अपनी जीवनशैली में योग और खेल को शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपनी जीवनशैली में बढ़ते तनाव को कम करने के लिये नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। खेल की भावना जीवन को अनुशासित बनाने के साथ शारीरिक व मानसिक विकास में भी मददगार रहती है। उन्होंने कहा कि सूचना संघ द्वारा यह अच्छी पहल की गई है। सभी कर्मचारी बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा कि विभागीय परिसर में एक बैडमिंटन कोर्ट तैयार कराया जाय। इसके लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जाय। 


इस अवसर पर अपर निदेशक श्री आशिष कुमार त्रिपाठी ने सभी प्रतिभागियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिता भविष्य में भी आयोजित की जाय। कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक डॉ. नितिन उपाध्याय, उप निदेशक श्री मनोज श्रीवास्तव, श्री रवि बिजारनिया द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गये। 


कार्यक्रम में संघ के महामंत्री श्री अंकित चौहान द्वारा स्वागत भाषण किया गया। श्री चौहान ने कहा कि महानिदेशक सूचना की प्रेरणा और मार्गदर्शन से ही खेल प्रतियोगिता आयोजित की गई है। कार्यक्रम में संघ के अध्यक्ष श्री कैलाश रावत द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किये गये। 


कार्यक्रम में में महानिदेशक सूचना श्री तिवारी द्वारा शतरंज प्रतियोगिता में विजयी रहे कैलाश रावत एवं उप विजेता राजेन्द्र सिंह कलूड़ा को पुरस्कृत किया गया। महिला वर्ग में कैरम सिंगल्स की विजेता श्रीमती आरती बिष्ट एवं उप विजेता सुश्री विदिशा नेगी को पुरस्कार प्रदान किये गये। कैरम प्रतियोगिता में पुरूष वर्ग के सिंगल्स श्रेणी के विजेता  अतुल डिमरी एवं उप विजेता गजेन्द्र सिंह को पुरस्कृत किया गया। कैरम प्रतियोगिता के डबल्स श्रेणी में विजेता अतुल डिमरी एवं गजेन्द्र सिंह, उप विजेता चेतन कुमार पाण्डेय एवं राम सिंह परजोली को पुरस्कृत किया गया। यह खेल प्रतियोगिता विगत 12 एवं 14 दिसम्बर, 2025 को सूचना भवन सभागार में आयोजित की गई थी। 


इस अवसर पर संघ के समस्त पदाधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।

 

शिवपुरी -




 इन्डियन वेटरन्स ऑर्गेनाइजेशन शिवपुरी ने शहीद तात्या टोपे ग्राउंड में भारतीय सेना के साहस ,शौर्य ,कर्तव्य और सर्वोच्च बलिदान दिवस ,विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष कैप्टन चन्द्र प्रकाश शर्मा ने कहा कि

 16 दिसंबर सिर्फ एक तारीख नहीं है, यह वह दिन है जब भारत ने इतिहास में अपने शौर्य, रणनीति और मानवीय साहस की एक ऐसी लकीर खींची जिसे दुनिया आज भी सम्मान के साथ याद करती है। सन 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को युद्ध के मैदान में ऐसा परास्त किया कि 93000 पाकिस्तानी फौजियों को भारतीय सेना के सामने सरेंडर करना पड़ा। यह दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया का सबसे बड़ा सैनिक समर्पण था। इसी ऐतिहासिक जीत की याद में 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह युद्ध 13 दिनों तक चला था। दो पेरा बटालियन ग्रुप के पहुंचने के बाद से पाक सेना बांग्लादेश की राजधानी ढाका में चारों तरफ से गिर चुकी थी। इसी दौरान सरेंडर करने के लिए पाक सेना के लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी को एक चिट्ठी भेजी गई। यह चिट्ठी सिर्फ एक लाइन की थी, लेकिन जनरल नियाजी तक इसे ले जा रहे कप्तान निर्भय और उनकी टीम पर ही हमला बोल दिया गया। जैसे-तैसे एक लाइन के उस खत को पाकिस्तान सेना के अफसर तक पहुंचाया गया। और जैसे ही नियाजी ने वह चिट्ठी पढी, उसके तुरंत बाद पाक सेना के 93 हजार अफसर और जवानों ने सरेंडर कर दिया। पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान इन दोनों के बीच 1600 किलोमीटर का भारत था। लेकिन दूरी से भी ज्यादा बड़ा था भाषा संस्कृति और राजनीति का फैसला। पूर्वी पाकिस्तान की आबादी ज्यादातर बंगाली थी लेकिन सत्ता और सेना पूरी तरह से पश्चिमी पाकिस्तान के नियंत्रण में थी। बंगाली भाषा को दबाया गया। राजनीतिक अधिकार छीने गए और आर्थिक शोषण चरम पर पहुंचा। 1970 के आम चुनाव में शेख मुजीबुर्रहमान की पार्टी को साफ साफ बहुमत मिला। पर उन्हें सरकार बनाने का मौका नहीं मिला। भारत ने तय किया कि अब निर्णय खुद लेना होगा। इसी बीच 3 दिसंबर 1971 की शाम पाकिस्तान ने भारत के कई एयरवेज पर हमला कर दिया। और यही से युद्ध की आधिकारिक शुरुआत हुई। भारतीय सेना ने बांग्लादेशी गोरिल्ला फोर्स मुक्ति वाहिनी के साथ मिलकर रणनीति बनाई। तीनों सेनाये थल सेना,नौसेना और वायु सेना को पूरी तैयारी में लगा दिया गया।युद्ध सिर्फ 13 दिनों तक चला लेकिन इसकी गति, तीव्रता भारत का मुख्य लक्ष्य था। भारतीय सेना ने तीनों दिशाओं में तेजी से बढ़त बनाई। पाकिस्तान की सेना पूरी तरह बिखर चुकी थी। भारतीय सेना ने आसमान में पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया। पाकिस्तान एयरवेज ध्वस्त कर दिए गए। नौसेना ने कराची बंदरगाह पर हमला कर पाकिस्तान की सप्लाई लाइन पूरी तरह से बर्बाद कर दी। इस पूरे युद्ध में भारत की रणनीति,लंबी लड़ाई नहीं बल्कि निर्णायक और बड़ी जीत रही। जनरल नियाजी ने भारतीय सेना के पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। उसके साथ ही 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भी भारतीय फौज के सामने हथियार डाल दिए। यह  सिर्फ फौजी जीत की नहीं थी राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म हुआ 1971 का युद्ध कई महीनो में ऐतिहासिक था यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा फौजी आत्मसमर्पण था इस युद्ध को भारत ने मानवीय मूल्यों के लिए लड़ा था इस जितने भारत को एक मजबूत सक्रिय ताकत के रूप में स्थापित किया 16 दिसंबर सिर्फ अतीत की जीत नहीं है यह दिन याद दिलाता है विजय दिवस हमें सिखाता है कि शक्ति सिर्फ हथियार से नहीं इंसाफ और साहस से आती है।  

1971 की जीत ने भारत को इतिहास के एक ऐसे मोड़ पर खड़ा कर दिया जहां दुनिया ने उसकी सेन्य क्षमता ही नहीं उसकी नैतिक ताकत को भी देखा। 93000 पाकिस्तानी फौजियों का के लिए महज एक हार नहीं थी, बल्कि एक बड़ा सबक था ।

इस अवसर पर जिला अध्यक्ष कैप्टन चन्द्र प्रकाश शर्मा, 65 और 71 की लड़ाई लड़ने वाले कप्तान चन्द्र किशोर चतुर्वेदी, उपाध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा, शहर उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह राजावत, कोऑर्डिनेटर बृजेश कुमार राठौर, वेटरन कैलाश सिंह जादौन, वेटरन मनोज दीक्षित, वेटरन दिलीप बाजपेई उपस्थित रहे। संचालन बृजेश कुमार राठौर ने किया। उपाध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा ने आभार व्यक्त किया।

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