Halloween party ideas 2015

 

Second day of 10th world ayurveda congress expo 2024


*वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस के प्लेनेटरी सेशन में विषय- विशेषज्ञों ने साझा किए बहुमूल्य अनुभव*


*आयुर्वेद को लोकप्रिय कैसे बनाएं और जनमानस तक इसकी पहुंच सर्वसुलभ कैसे हो*


परेड ग्राउंड में 10 वें आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो में दूसरे दिन देश-विदेश के आयुर्वेद  विशेषज्ञों ने अलग-अलग थीम और टॉपिक पर अपने-अपने अनुभव साझा  किये।


प्लेनेटरी सेशन में *न्यू एज संहिता* विषय पर पैनलिस्ट उपेंद्र दीक्षित (गोवा) अभिजीत सराफ (नासिक) और श्री प्रसाद बावडेकर (पुणे) ने अपने विचार रखे।  आयुर्वेद के क्षेत्र में अधिक लोगों को कैसे जोड़ा जाए, इसमें अधिक शोध और अनुसंधान को कैसे बढ़ावा मिले तथा आयुष चिकित्सा को आम जनमानस के बीच कैसे लोकप्रिय बनाया जाए। बताया कि आयुर्वेद के क्षेत्र में जितने भी नए  रिसर्च हो रहे हैं और नई रचनाएं लिखी जा रही हैं उसकी भाषा बहुत ही सरल हो और डिजिटल  App (कोड) के अंतर्गत अधिक - से - अधिक स्थानीय भाषा में उसकी उपलब्धता हो ताकि देश-विदेश का हर एक नागरिक अपनी सुगम भाषा में उसकी आसानी से स्टडी कर सके।


*आयुर्वेद आहार* विषय पर केंद्रित व्याख्यान में  पैनलिस्ट ने बताया कि शरीर की प्रकृति (कफ, वात, पित) के अनुरूप आहार होना चाहिए। *फूड इज मेडिसिन, बट मेडिसिन इज नॉट फूड* के सिद्धांत का पालन करना चाहिए। इसमें सुझाव आया कि FSSI (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) खाद्य पदार्थों के सर्टिफिकेशन में आयुर्वेद आहार के मानक को भी सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया में शामिल करें।


*एविडेंस बेस्ड आयुर्वेद* थीम पर आधारित व्याख्यान में पैनलिस्ट ने बताया कि आयुर्वेद के क्षेत्र में नित्य  होने वाले नए शोध,अनुसंधान एवं व्यवहारिक ज्ञान को प्यूरिफाई करने के लिए एक मानक संस्था होनी चाहिए,  जिससे जनमानस तक पहुंचने से पूर्व ज्ञान,जानकारी व तकनीक को कई चरणों में  जांचा - परखा जा सके। 


आयुर्वेद की परंपरागत जानकारी रखने वाले वैद्य की गोष्ठी में देशभर से आए वैद्य ने उनके सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं और सुझावों को साझा किया। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी उत्पादन से लेकर उसकी फूड प्रोसेसिंग, मार्केटिंग और विक्रय तक लागत बहुत आती है जबकि उसके अनुरूप मुनाफा नहीं मिल पाता। उन्होंने सुझाव दिया कि परंपरागत वैध की जानकारी रखने वाले लोगों को प्रमाण पत्र देकर उनका प्रमाणीकरण किया जाए। साथ ही परंपरागत ज्ञान को हर एक नागरिक तक पहुंचाने के लिए गांव-गांव तक आयुर्वेद स्कूलों की स्थापना की जाए।


NCIMS (राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग) कॉन्क्लेव में देश भर के लगभग 200 से अधिक आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने प्रतिभा किया। इसमें आयुर्वेदिक चिकित्सकों के सेवा के अवसरों, दायित्व और अधिकारों पर विस्तृत चर्चा की गई। आयुष चिकित्सा लाभ के लिए आने वाले विदेशी पर्यटकों को कैसे बेहतर सुविधा दी जा सकती है इस संबंध में प्रधानमंत्री द्वारा लांच की गई *आयुष वीजा* सेवा से संबंधित जानकारी भी साझा की गई। 


भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ जे.  एन. नौटियाल ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सकों को HPR (हेल्थकेयर प्रोफेशनल रजिस्ट्री) पर पंजीकृत करना चाहिए तथा आयुष अस्पताल को NABH (नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स)में पंजीकृत करना चाहिए ताकि विदेश से आयुष चिकित्सा का लाभ लेने के लिए आने वाले विदेशी पर्यटकों को सुगमता से स्वास्थ्य लाभ मिल सके। इससे मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में भी वृद्धि की संभावना बढ़ेगी।

नेशनल आयुष मिशन में उत्तराखंड का अच्छा काम

केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने की उत्तराखंड की सराहना

प्राथमिक स्वास्थ्य से जुड़े नेशनल आयुष मिशन पर उत्तराखंड की प्रगति की केंद्र सरकार ने सराहना की है। केंद्र सरकार का मानना है कि उत्तराखंड दिए गए लक्ष्यों की पूर्ति के लिए बेहतर काम कर रहा है।

वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के सिलसिले में देहरादून आए केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने शुक्रवार को मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि नेशनल आयुष मिशन के तहत देश भर में प्राथमिक स्तर पर जन स्वास्थ्य को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में उत्तराखंड का अच्छा काम है। उन्होंने बताया कि इस मिशन के अंतर्गत आयुष मंत्रालय ने हाल ही में देश भर में दस हजार से अधिक ऐसे कैंप आयोजित किए, जो बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल पर केंद्रित थे। इसमें भी उत्तराखंड का काम सराहनीय रहा। 

वैद्य कोटेचा ने कहा कि पिछले दस वर्ष में देश में आयुष के संबंध में क्रांतिकारी प्रगति हुई है। उन्होंने इस संबंध में आंकड़ों के जरिये अपनी बात को पुख्ता किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले आयुष की टेली मेडिसन सुविधा 19 देशों में उपलब्ध थी, जो कि अब बढ़कर 84 देशों में हो गई है। आयुष निर्यात पहले डेढ़ सौ देशों में था, जिसमें ढाई गुना की वृद्धि दर्ज हुई है।



आयुष चिकित्सालयों पर चल रहा काम

-नेशनल आयुष मिशन के तहत वर्तमान में उत्तराखंड में ठोस कार्यों की शुरूआत हुई है। 50 बेड के चार आयुष चिकित्सालयों पर काम आगे बढ़ा है, जो कि जाखनीधार-टिहरी, हल्द्वानी, टनकपुर और कोटद्वार में निर्मित किए जाने हैं। इसी तरह, दस बेड के दो आयुष चिकित्सालय पथरी-हरिद्वार व भीमताल में निर्मित होने हैं। विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन चिकित्सालयों की खास तौर पर चर्चा की थी। साथ ही कहा था कि आयुष सुविधाओं के विस्तार के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।

ऋषिकेश:

Accident at rishikesh, in which UKD leader killed


उपजिलाधिकारी ऋषिकेश इस स्मृताPप परमार ने अवगत कराया है कि जिलाधिकारी  के  आदेश   के द्वारा 24.11.2024 को समय 21:45 बजे स्थान देहरादून रोड निकट फोरेस्ट व्यू होटल ऋषिकेश, पश्चिम दिशा दूरी 03 किमी० में वाहन संख्या UK14CA 3234 (ट्रक) के अज्ञात चालक द्वारा अपने वाहन को तेजी व लापरवाही से चलाकर सड़क के किनारे खड़े वाहनों तथा लोगों को टक्कर मारना जिससे वादी मनोज पंवार पुत्र स्व० के०एस पंवार निवासी वार्ड न० 11 ढालवाला मुनि की रेती टिहरी गढ़वाल के भाई त्रिवेन्द्र सिंह पंवार तथा एक अन्य व्यक्ति गुरजीत सिंह की मृत्यु हो जाना तथा एक अन्य व्यक्ति जतिन घायल हुये है।  25.11.2024 को घायल व्यक्ति जतिन की उपचार के दौरान मृत्यु हो गयी है। उक्त वाहन दुर्घटना के सम्बन्ध में कोतवाली ऋषिकेश में मु०अ०सं० 610/24 धारा-106 125 (बी0) 281 BNS दर्ज है।


उक्त दुर्घटना की मजिस्ट्रीयल जांच किए जाने हेतु उप जिलाधिकारी ऋषिकेश  को जांच अधिकारी नामित किया गया है।


अतएव इस विज्ञप्ति के माध्यम से सर्वसाधरण को सूचित किया है कि उक्त दुर्घटना की जानाकरी रखने वाले किसी आमजन कोई जानकारी हो या अपने बयान, साक्ष्य प्रस्तुत किए जाने हो तो वह इस विज्ञप्ति के विज्ञापित होने की तिथि से 15 दिवन के अन्दर किसी भी कार्यदिवस में मेरे कार्यालय / न्यायालय में प्रस्तुत कर सकता है।



 *चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में खनन से अबतक हुई 650 करोड़ की राजस्व प्राप्ति*

 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा राजस्व में बढ़ोतरी को लेकर किये जा रहे प्रयासों एवं इस संबध में लिये गये निर्णयों के फलस्वरूप  चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 (माह अप्रैल से नवम्बर तक) में रू० 650 करोड राजस्व की प्राप्ति की गयी है तथा विगत वर्ष 2023-24 के प्रथम आठ माह में प्राप्त राजस्व से कुल रू0 324.81 करोड़ के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2024-25 में 325.19 करोड अधिक प्राप्त किया गया, जो विगत वर्ष की तुलना में लगभग 100 प्रतिशत अधिक है।


वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार के द्वारा भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड को कुल 875 करोड का राजस्व लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय द्वारा 472.25 करोड राजस्व अर्जित किया गया व वर्ष 2023-24 में भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड देहरादून को राज्य सरकार द्वारा कुल 875.00 करोड रूपये का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखण्ड द्वारा कुल 645.42 करोड राजस्व के रूप में अर्जित किया गया, जो गत वर्ष की तुलना में कुल 173.17 करोड अर्थात लगभग 40 प्रतिशत अधिक है।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर भूतत्व एवं खनिकर्म द्वारा बीते तीन सालों में  पूर्ण पारदर्शिता से कार्य किया जा रहा है। राजस्व प्राप्ति हेतु राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड उपखनिज परिहार नियमावली, उत्तराखण्ड स्टोन क्रेशर नीति, उत्तराखण्ड खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियमावली में सरलीकरण, ई-निविदा सह-ई नीलामी के माध्यम से नये खनिज लॉटो का चिन्हिकरण कर उनको ई-निविदा के माध्यम से आवंटित किया जाना निदेशालय स्तर पर गठित प्रर्वतन दल के द्वारा अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण की प्रभावी रोकथाम हेतु निरन्तर प्रभावी ढंग से कार्यवाही किया जाना, मुख्यालय स्तर पर ई-रवन्ना पोर्टल की समय-समय पर निगरानी करते हुए ई-रवन्ना पोर्टल को उन्नत (Upgradation) किया जाना, चार जनपदो यथा देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर व नैनीताल ने निविदा के माध्यम से आवंटित कम्पनी के द्वारा पट्टाधनराशि / अपरिहार्य भाटक आदि की वसूली को दिया जाना है। 


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर खनन कार्य को और अधिक पारदर्शी, सुदृढ बनाये जाने तथा अवैध खनन / अवैध परिवहन की प्रभावी रोकथाम एवं राजस्व वृद्धि हेतु आधुनिक Mining digital Transformation and Surveillance System (MDTSS) विकसित किये जाने हेतु कुल 45 माईन चैक गेट्स स्थापित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसमें आई०टी०आई० लि० के साथ एम०ओ०यू० हस्ताक्षर कर लिया गया है तथा योजना के क्रियान्वयन की कार्यवाही गतिमान है। इसके साथ ही रवन्ना प्रपत्रों को डिजिटल रूप मे ही रखने हेतु कार्यवाही गतिमान है।


*दिनांक 13 दिसंबर 2024 को 10 वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो - 2024 में निम्न प्रकार से इवेंट रहेंगे:*

13  december programme world ayurved expo dehradun


1. समय प्रातः 9:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक - गंगा हाल में प्लेनेटरी सेशन के अन्तर्गत  *न्यू एज संहिता, आयुर्वेद आहार एवं एविडेंस बेस्ड आयुर्वेदा* विषय पर व्याख्यान दिया जाएगा।


उसके पश्चात दोपहर 1:30 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक निम्न प्रकार से प्लेनेटरी सेशन में व्याख्यान होंगे:- 


अलकनंदा हाल में- *अस्थि संधि  मर्मगत रोग*


मंदाकिनी हाल में - *आयुर्वेदा पर पब्लिक हेल्थ*


भागीरथी हाल में-  *छाया एवं विकृति विज्ञान*


धौली गंगा हाल में- *रसायन एवं वाजीकरण*


पिंडर हाल में-  *कौमार वृत्य (बाल रोग सम्बन्धित)*


मंदाकिनी हाल में-  *रस शास्त्र एवं  भैषज्य कल्पना*


कोसी हाल में -   *द्रव्य गुण*


गिरी हाल में- *मनोविज्ञान (मानस रोग)*।

 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को देहरादून के पवेलियन मैदान में चल रहे लॉन बॉल कैंप का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की। खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद भी मैदान पर उतरते हुए, लॉन बॉल में हाथ आजमाया।

Lawn ball camp inspected by CM Dhami


मुख्यमंत्री ने कैंप में मौजूद खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और अधिकारियों को आगामी 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं और सरकार उनके हरसंभव सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।


मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को मेहनत और अनुशासन के साथ खेल के प्रति समर्पित रहने को कहा। 


इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव खेल श्री अमित सिन्हा, खेल निदेशक श्री प्रशांत आर्य, श्री धीरेंद्र पंवार सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।

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आज का राशिफल

*दिनांक:- 13/12/2024, शुक्रवार*

त्रयोदशी, शुक्ल पक्ष,

 मार्गशीर्ष

Rashifal today 13 dec 2024


*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*


 *प्रदोष व्रत (शिव पूजन)


*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*


विषादप्यमृतं ग्राह्यममेध्यादपि काञ्चनम् ।

नीचादप्युत्तमां विद्यांस्त्रीरत्नं दुष्कुलादपि ।।

।। चा o नी o।।


अगर हो सके तो विष मे से भी अमृत निकाल लें, 

यदि सोना गन्दगी में भी पड़ा हो तो उसे उठाये, धोएं और अपनाये,

निचले कुल मे जन्म लेने वाले से भी सर्वोत्तम ज्ञान ग्रहण करें, 

उसी तरह यदि कोई बदनाम घर की कन्या भी महान गुणो से संपनन है और आपको कोई सीख देती है तो गहण करे.


*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*


गीता -:     विश्वरूपदर्शनयोग अo-11


नाहं वेदैर्न तपसा न दानेन न चेज्यया।,

शक्य एवं विधो द्रष्टुं दृष्ट्वानसि मां यथा ॥,


जिस प्रकार तुमने मुझको देखा है- इस प्रकार चतुर्भुज रूप वाला मैं न वेदों से, न तप से, न दान से और न यज्ञ से ही देखा जा सकता हूँ॥,53॥,


*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। किसी प्रभावशाली वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। शारीरिक कष्ट संभव है। विरोधी सक्रिय रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। प्रसन्नता रहेगी। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है।


🐂वृष

पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधानी आवश्यक है।


👫मिथुन

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बेवजह चिड़चिड़ापन रह सकता है। धनागम होगा। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मित्रों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। अज्ञात भय सताएगा। व्यापार ठीक चलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रमाद न करें।


🦀कर्क

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। जल्दबाजी में कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें। व्यापार ठीक चलेगा। मित्रों के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। कुसंगति से बचें। धनहानि हो सकती है।


🐅सिंह

प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। आय में वृद्धि होगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। निवेशादि लाभदायक रहेंगे। दुष्टजनों से सावधान रहें। हानि पहुंचा सकते हैं। प्रमाद न करें।


🙎‍♀️कन्या

रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लंबी हो सकती है। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। जुए, सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। किसी बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन मिल सकता है। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।


⚖️तुला

प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी।


🦂वृश्चिक

दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। पारिवारिक मित्र व संबंधी अतिथियों के रूप में घर आ सकते हैं। वाणी पर नियंत्रण रखें। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। कारोबार ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। बुरे लोगों की पहचान जरूरी है। उनसे दूर रहें।


🏹धनु

घर-परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्‍य की चिंता रहेगी। दौड़धूप होगी। विवाद से क्लेश होगा। किसी व्यक्ति के व्यवहार से मन को ठेस पहुंच सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय बनी रहेगी। धनहानि की आशंका बनती है। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त होगा, धैर्य रखें।


🐊मकर

किसी व्यक्ति के व्यवहार से लगेगा कि अपमान हुआ है। नई योजना बनेगी। कार्यस्‍थल पर परिवर्तन पर विचार हो सकता है। व्यापार ठीक चलेगा। घर-परिवार में सुख-शांति रहेगी। आंखों को चोट व रोग से बचाएं। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। स्वास्थ्‍य कमजोर रह सकता है।


🍯कुम्भ

ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। धन प्राप्ति सुगम तरीके से होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। भाइयों से मतभेद दूर होकर स्थिति अनुकूल रहेगी। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे।


🐟मीन

वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। पुराना रोग उभर सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। नकारात्मकता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। दूसरों पर भरोसा न करें। आशंका-कुशंका के चलते कोई बड़ी गलती हो सकती है।


🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

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*आचार्य  पवन  पाराशर (वृन्दावन)*

 उत्तराखंड लागू करेगा देश की प्रथम योग नीति – मुख्यमंत्री


10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो - 2024 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी जानकारी।


केंद्र सरकार से उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान खोलने का अनुरोध किया

10th world ayurved congress and expo 2024


 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेश सरकार देश की 'प्रथम योग नीति' लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है। योग नीति आयुर्वेद और योग को व्यापक स्तर पर साथ लाकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्रांति लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।


गुरुवार को परेड ग्राउंड में आयोजित 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो -2024  को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ये हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारे प्रदेश में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और 6000 से अधिक विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। एक्सपो में लगाए गए 250 से अधिक स्टॉल आयुर्वेद की वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता का प्रमाण दे रहे हैं।


 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सम्मेलन आयुर्वेद के क्षेत्र में परस्पर ज्ञान साझा करने व विभिन्न शोध कार्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ सहयोग और व्यापार के नए अवसरों को बढ़ावा देगा। उन्होंने आयुष के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से राज्य सरकार भी प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वर्तमान में, हमारे राज्य में आयुष आधारित 300 'आयुष्मान आरोग्य केंद्रों' का संचालन हो रहा है। ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से 70 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा आयुष परामर्श प्रदान किया जा रहा है। अब प्रत्येक जनपद में 50 बेड और 10 बेड वाले आयुष चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा सरकार प्रत्येक जनपद के एक गांव को मॉडल आयुष गांव के रूप में स्थापित कर आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आयुष निर्माण, वेलनेस, शिक्षा, शोध और औषधीय पौधों के उत्पादन को गति प्रदान करने के लिए 'उत्तराखंड आयुष नीति' लागू कर चुकी है। इसके साथ ही, प्रदेश सरकार आगामी वर्षों में आयुष टेली-कंसल्टेशन प्रारम्भ करने के साथ- साथ 50 नए योग और वेलनेस केंद्र स्थापित करने हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।


*उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का प्रस्ताव*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से अनुरोध किया है, ये संस्थान आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों से आह्वान करते हुए कहा कि हमारी जड़ी-बूटियों के हिंदी नामों के साथ ही अंग्रेजी नामों को भी प्रचारित किया जाए। इससे स्थानीय जड़ी बूटियों की वैश्विक बाजार तक पहुंच आसान हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ में हम 'किलमोड़े' को जानते है लेकिन उसके अंग्रेजी नाम 'बेरीबेरीज' को अधिकतर लोग नहीं जानते हैं जबकि इस नाम को पूरा विश्व जानता है और इससे दवाएं बनती हैं। इसलिए अंग्रेजी नाम भी प्रचारित किया जाना चाहिए।


*उत्तराखंड आयुर्वेद की प्रज्ञा भूमि*


मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड प्राचीनकाल से ही आयुर्वेद और औषधीय संपदा की प्रज्ञा भूमि रही है। हमारे प्रदेश में पाए जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों ने आयुर्वेद को आरोग्य के आधारभूत तत्व के रूप में स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विश्व की एक ऐसी विशिष्ट चिकित्सा प्रणाली है जो प्राचीनकाल से ही मानव सभ्यता का आरोग्य सुनिश्चित करती आ रही है। आयुर्वेद मात्र जड़ी-बूटियों और औषधियों तक ही सीमित नहीं है बल्कि आयुर्वेद जीवन जीने की एक विशिष्ट कला है। ये हमें सही जीवन शैली के बारे में बताता है, इसका उद्देश्य रोगों को ठीक करना ही नहीं है बल्कि इसका अंतिम लक्ष्य रोग को होने ही न देना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित 'राष्ट्रीय आयुष मिशन' और 'प्रकृति परीक्षण अभियान' जैसे विभिन्न कार्यक्रम आज शहरों से लेकर गांवों तक आरोग्य स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने एक्सपो का विधिवत शुभारंभ करने के बाद स्टॉल का भी निरीक्षण किया।


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*एक छत के नीचे मिलेगी आयुर्वेद की दवाएं* 


 केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  श्री प्रताप राव जाधव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस साल के दौरान आयुष के क्षेत्र में हुई पहलों से आयुष उत्पाद निर्माण में आठ गुना बढ़ोत्तरी हुई है। अब आयुष और हर्बल उत्पाद विश्व के 150 से अधिक देशों में निर्यात हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भी अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग उपकरणों के जैसी तकनीकी को अपना कर आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव ने कहा कि भारत में लोग सामान्य तौर पर आयुर्वेद से उपचार पसंद करते हैं, लेकिन गांव देहात में तक डॉक्टर एलोपैथिक दवाओं का ज्यादा परामर्श देते हैं। ऐसा शायद इसलिए होता है क्योंकि आयुर्वेद की एक तो दवा कम है, फिर सारे रोगों की सारी दवाएं एक ही जगह पर मिलनी तकरीबन मुश्किल होती हैं। इसलिए केंद्र सरकार सभी जिला, तहसील और गांव स्तर पर एक ही छत के नीचे आयुर्वेद की सभी दवाएं उपलब्ध कराने के लिए आयुष औषधि केंद्रों की स्थापना करने का प्रयास कर रही है। ऐसा पहला केंद्र दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में शुरू हो चुका है। देशभर में ऐसे केंद्र खुलने से आयुष चिकित्सक परामर्श में आसानी से दवा लिख सकेंगे। उन्होने कहा कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस नवीन विचारों, प्राचीन संस्कृति और नवाचारों का संगम साबित होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चार दिनों तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान आस पास के हजारों लोग यहां स्टॉल का भ्रमण करेंगे। यह आयोजन व्यावसायिक अवसरों के लिए भी मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए ही केंद्र सरकार ने देशभर में 29 अक्तूबर से प्रकृति परीक्षण अभियान शुरू किया है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया। 


भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि  विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के आयोजन से आयुष पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने में मदद तो मितती ही है, साथ ही आयोजन वाले क्षेत्र के आस पास इस सेक्टर की ग्रोथ भी बढ़ती है। उन्होंने इस आयोजन के लिए उत्तराखंड का आदर्श राज्य बताते हुए कहा कि आयुर्वेद की पुस्तकों में वर्णित कई जड़ी बूटियां हिमालय में मिलती हैं। 



*पीएम नरेंद्र मोदी ने भेजा संदेश*

सम्मेलन में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर भेजे गए संदेश को पढ़ा। उद्घाटन सत्र को राष्ट्रीय आयोजन सचिव, विज्ञान भारती डॉ. शिव कुमार शर्मा, दसवें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के चेयरपर्सन वैद्य  पीएम वॉरियर, उत्तराखंड शासन में सचिव आयुष रविनाथ रमन ने भी संबोधित किया। 



इस मौके पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री प्रेमचंद अग्रवाल,  डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, सविता कपूर, उमेश शर्मा काऊ, किशोर उपाध्याय, झांसी के सांसद अनुराग शर्मा, आचार्य बालकृष्ण प्रमुख तौर पर शामिल हुए।

प्रकृति परीक्षण अभियान में उत्तराखंड के तेज कदम*


*राज्य की प्रगति से केंद्र संतुष्ट, उत्तराखंड से ही सबसे ज्यादा उम्मीद*


*मंत्रालय आयुर्वेद के जरिये परख रहा लोगों का स्वास्थ्य*


*आयुर्वेद के लिहाज से उत्तराखंड की है विशिष्ट स्थिति*


केेंद्र सरकार के बेहद महत्वपूर्ण प्रकृति परीक्षण अभियान में उत्तराखंड के कदम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आयुर्वेद के जरिये हर एक नागरिक के उत्तम स्वास्थ्य के संकल्प वाले इस अभियान मेें राज्य की प्रगति से केंद्र सरकार संतुष्ट है। आयुर्वेद के मामले में प्रदेश की विशिष्ट स्थिति की वजह से केंद्र सरकार सबसे ज्यादा उम्मीद उत्तराखंड से ही लगाए हुए हैं।


वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 की रोशनी में उत्तराखंड में प्रकृति परीक्षण अभियान के और तेज होने की उम्मीद की जा रही है। दरअसल, केंद्रीय आयुष मंत्रालय इन दिनों पूरे देश में प्रकृति परीक्षण अभियान चला रहा है। इसमें किसी भी व्यक्ति की प्रकृति को आयुर्वेद के नजरिये से परखा जा रहा है। यानी किसी व्यक्ति में वात, पित्त और कफ या आयुर्वेद के त्रिदोष सिद्धांत के आधार पर स्वास्थ्य की क्या स्थिति है, इसका आंकलन किया जा रहा है। यह अभियान 29 अक्टूबर से शुरू हुआ है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में किया। यह अभियान 25 दिसंबर तक चलेगा। इस अभियान के तहत पूरे देश में एक करोड़ लोगों के प्रकृति के परीक्षण का संकल्प प्रकट किया गया है।


वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो में भाग लेने के लिए आए केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव के अनुसार-उत्तराखंड देवभूमि है और आयुर्वेद के लिहाज से सबसे समृद्ध है। प्रकृति परीक्षण अभियान के जरिये देवभूमि के लोगों के आरोग्य के लिए कार्य किया जा रहा है। केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कुटेचा के अनुसार-प्रकृति परीक्षण अभियान के पूरे देश में अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। उत्तराखंड भी इस अभियान में देश के साथ अच्छे से कदमताल कर रहा है।



उत्तराखंड की आयुर्वेद के मामले में विशिष्ट स्थिति है। इसलिए हमें उत्तराखंड से खास उम्मीद है। अभी तक हमने जो पाया है, उसके अनुसार, उत्तराखंड की प्रगति बहुत अच्छी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आयुष के जरिए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। इस अभियान के शुरू होने से पहले ही उन्होंने लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कई अच्छे कदम उठाए हैं।

-डा आशुतोष गुप्ता, सचिव, देश का प्रकृति परीक्षण अभियान।


*मै हमेशा यह कहता हूं कि उत्तराखंड आयुर्वेद की प्रारंभ से ही प्रज्ञा भूमि रही है। आयुर्वेद केवल उपचार की चिकित्सा पद्धति नहीं है, बल्कि इससे कहीं आगे बढ़कर जीवन जीने की विशिष्ट कला है। प्रकृति परीक्षण अभियान और केंद्र की आयुष संबंधी सभी योजनाओं के मार्फत लोगों का उत्तम स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।*

*पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री*

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