Halloween party ideas 2015

       ऋषिकेश :




 उत्तराखंड में पलायन,रोजगार ,स्वास्थ्य,शिक्षा जैसे मुद्दे तो हैं ही अब इसमें एक और मुद्दा जुड़ गया है जो बीते सालों से तूल पकड़ता जा रहा है । उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के बीच अब शादी का भी संकट पैदा हो गया है,अच्छी नौकरी और शहरों में मकान की मुख्य मांग के कारण युवा बेरोजगारी की मार तो झेल ही रहे हैं और अब पंद्रह-पचीसी बीतने के बाद भी कुंवारे घूम रहे हैं,युवा गायक अभिनव रावत का ‘चल रे नेपाल’ गीत इसी विषय के चलते सुर्खियां पा रहा है।

बीते महीने एक खबर आई थी कि ‘जब देहरादून में होगा डेरा तभी लगेगा सातवां फेरा ‘ इस लाइन ने ही स्पष्ट कर दिया कि उत्तराखंड में इन दिनों लड़की पक्ष वाले क्या मांग रख रहे हैं,अब एक गीत इस पूरी कहानी को बयां कर रहा है,सुनील भट्ट के लिखे गीत ‘चल रे नेपाल’ को अभिनव रावत ने आवाज दी है और ये जोड़ी पहले भी ‘चा’ जैसा सुपरहिट गीत दे चुकी है।

पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी कभी पहाड़ के काम नहीं आया ये कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी,पहले से ही उत्तराखंड के लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों की तरफ रुख करते आए हैं और बड़ी संख्या में उत्तराखंड के लोग सेना में और होटल इंडस्ट्री में अपनी सेवाएं दे रहे हैं,लेकिन अब इतने से बात नहीं बन रही,कई मामले ऐसे आए हैं जहाँ विवाह योग्य लड़के को सिर्फ सरकारी नौकरी और बड़े शहरों में मकान ना होने के चलते लड़की पक्ष ने मना कर दिया।

पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले एक ब्लॉगर ने जब नेपाल से शादी रचाई तो कई लोग अब इस आस में हैं कि उत्तराखंड ना सही पडोसी देश से रिश्ता बना लेंगे,लेकिन अगर नेपाल वाले भी सरकारी नौकरी वाला लड़का और शहरों में मकान की बात करने लगेंगे तो तब उन युवाओं का क्या होगा जो छोटी-मोटी नौकरी कर अपना गुजारा चला रहे हैं।’चल रे नेपाल’ गीत उन सभी युवाओं की आवाज बन गया है जो इस संकट से जूझ रहे हैं,अभिनव रावत खुद एक ब्लॉगर हैं और सोशल मीडिया पर अच्छी फैन फॉलोविंग भी रखते हैं तो उनका ये गीत रिलीज़ से पहले ही सुर्ख़ियों में आ गया,अभिनव अक्सर नेगी दा के गीत गुनगुनाते नजर आते हैं और अब तक पौड़ी कु बैख,चा और अब चल रे नेपाल जैसा वायरल गीत गा चुके हैं।

 देहरादून:

Arts subject guest teacher


विद्यालयी शिक्षा विभाग में शीघ्र ही प्रवक्ता संवर्ग में 599 और अतिथि शिक्षकों की तैनाती की जायेगी। जिन्हें कला वर्ग के अंतर्गत विभिन्न विषयों में रिक्त पदों के सापेक्ष नियुक्त किया जायेगा। 


इन सभी अतिथि शिक्षकों की तैनाती प्रदेश के पर्वतीय व दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालयों में की जायेगी ताकि स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित हो सके। 


सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में जुटी है। जिसके क्रम में सरकार ने प्रदेशभर के राजकीय इंटर कॉलेजों में विज्ञान विषयों की भांति अब कला वर्ग के विषयों में 599 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में शासन स्तर से शासनदेश जारी कर दिया गया है। डॉ. रावत ने बताया कि इन सभी अतिथि प्रवक्ताओं को जनपदवार दुर्गम व अति दुर्गम क्षेत्रों के विद्यालयों में हिन्दी, भूगोल, अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र तथा इतिहास विषय में रिक्त पदों के सापेक्ष शीघ्र तैनाती दी जायेगी। जिसके लिये विभागीय अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रवक्ता संवर्ग के तहत सामान्य शाखा में 511 जबकि महिला शाखा के अंतर्गत 88 अतिथि शिक्षकों की तैनाती की जायेगी। 

उन्होंने बताया कि सामान्य वर्ग के तहत हिन्दी विषय में 125, इतिहास 59, नागरिक शास्त्र 130, अर्थशास्त्र 130 तथा भूगोल में 67 पद रिक्त हैं।

 इसी प्रकार महिला शाखा में हिन्दी विषय में 25, भूगोल 8, अर्थशास्त्र 20, नागरिक शास्त्र 20 तथा इतिहास विषय में 15 पद रिक्त हैं। 

जिन पर अतिथि शिक्षकों को जनपदवार तैनाती की जायेगी। डा. रावत ने बताया कि सामान्य शाखा के तहत चमोली जनपद में 69, रूद्रप्रयाग 46, पौड़ी 119, टिहरी 54, देहरादून 2, हरिद्वार 1, उत्तरकाशी 17, अल्मोड़ा 58, नैनीताल 21, बागेश्वर 23, पिथौरागढ़ 64, चम्पावत 29 तथा ऊधमसिंह नगर में 8 अतिथि शिक्षकों की नियुक्त किया जायेगा। जबकि महिला शाखा के तहत चमोली जनपद में 13, रूद्रप्रयाग, उत्तरकाशी में 1-1, पौड़ी 13, टिहरी, देहरादून व नैनीताल में 2-2, अल्मोड़ा 19, बागेश्वर 6, पिथौरागढ़ 10, चम्पावत 5 तथा ऊधमसिंह नगर में 14 अतिथि शिक्षकों को तैनाती दी जायेगी। 

विभागीय मंत्री ने बतया कि विज्ञान वर्ग की भांति कला वर्ग के विषयों में रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती होने से दुर्गम व अति दुर्गम के विद्यालयों में जहां पठन-पाठन सुचारू होगा वहीं विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियां संचालित होने से स्थानीय स्तर पर छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।



 *उत्तराखण्ड में निराश्रित गौवंशीय पशुओं को गोद लेने वालों को दिया जाने वाले मानदेय देशभर के अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक* 


 *मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने गौसदनों के निर्माण के सम्बन्ध में बैठक ली* 

 *नगर पालिकाएं प्रत्येक माह निराश्रित गौवंशीय पशुओं की संख्या की समीक्षा, माॅनिटरिंग एवं  गौसदनों में भेजने की पुख्ता व्यवस्था करेगी* 

 *गौसदनों के संचालन एवं रखरखाव की निरन्तर माॅनिटरिंग की जाएगी* 

 *सीएस ने सभी गौवंशीय पशुओं की अनिवार्य जियोटैगिंग के निर्देश दिए* 

 *गौवंशीय पशुओं जानकारी के सम्बन्ध में डैशबोर्ड एवं एप्प जल्द होगा लाॅन्च* 




उत्तराखण्ड में निराश्रित गौवंशीय पशुओं को गोद लेने वालों को दिया जाने वाले मानदेय देशभर के अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक है। यह प्रतिदिन 80 रूपये प्रति पशु है। 


इसके बावजूद आमजन को सड़कों पर निराश्रित गौवंशीय पशुओं की समस्या से पूरी तरह से निजात दिलवाने को लेकर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिव शहरी विकास को नगर पालिकाओं द्वारा प्रत्येक माह शहरी क्षेत्रों में सड़कों में पाए जाने वाले निराश्रित गौवंशीय पशुओं की संख्या की समीक्षा, माॅनिटरिंग एवं उन्हें गौसदनों में भेजने की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। 

सचिवालय में आयोजित उत्तराखण्ड एनिमल वेल्फेयर बोर्ड की गौसदनों के निर्माण से सम्बन्धित बैठक में सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने शहरी विकास विभाग द्वारा शहरी क्षेत्रों स्थापित किए जाने वाले 36 गौसदनों के निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। शहरी विकास विभाग द्वारा राज्य के 13 जिलों में  36 गौसदनों हेतु भूमि चिन्हित कर ली गई है तथा 13 गौसदनों का निर्माण कार्य जारी है। 

मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए जाने वाले 26 गौसदनों के निर्माण कार्य को भी शीघ्र आरम्भ करने के निर्देश दिए हैं। 


इसके लिए विभाग को मिसिंग लिंक के माध्यम से 10 करोड़ की धनराशि पहले ही जारी की जा चुकी है। इस सम्बन्ध में  पंचायती राज विभाग द्वारा भूमि चिन्हीकरण का कार्य पूरा किया जा चुका है। 



बेसहारा गौवंशीय पशुओं की समस्या के दीर्घकालीन समाधान में आधुनिक तकनीकी व  आईटी के उपयोग पर बल देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य के सभी गौवंशीय पशुओं की अनिवार्य जियोटैगिंग के साथ ही इस सम्बन्ध जल्द लाॅन्च होने वाले एप्प एवं डैशबोर्ड में प्रत्येक गौवंशीय पशु की आयु, चिकित्सा व अन्य जानकारी से सम्बन्धित डाटा एनालिसिस के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निराश्रित पशुओं की देखभाल में गौसेवक योजना को महत्वपूर्ण बताया तथा इसके अधिकाधिक विस्तार के निर्देश दिए हैं। 



निर्माणधीन एवं पहले से ही संचालित गौसदनों के संचालन एवं रखरखाव की निरन्तर माॅनिटरिंग की सख्त हिदायत देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ने गौसदनों में गौवंश हेतु चारा, भूसा, प्रकाश, चिकित्सा, सुरक्षा एवं दवाईयों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने निर्देश दिए हैं। उन्होंने गौसदनों के नियमित निरीक्षण के भी निर्देश दिए हैं।   



उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड द्वारा जानकारी दी गई है कि राज्य में वर्तमान में निराश्रित गौवंशीय पशुओं की संख्या 20887 है। 


   

इस अवसर पर सचिव डा0 बीवीआरसी पुरूषोत्तम, श्री नितेश झा, श्री चंद्रेश कुमार, श्री वी षणमुगम सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

देहरादून :

Premchand agarwal, minister of finance


अब प्रदेश के विकास में राजस्व प्राप्ति के माध्यम से भागीदारी 160 उत्कृष्ट व्यापारियों को राज्य सरकार सम्मानित करेगी। इस योजना के लिये व्यापारियों का चयन जिलेवार किया जाएगा। इसमें देहरादून व हरिद्वार जनपद के 20-20 व्यापारियों, उधमसिंह नगर एवं नैनीताल के 15-15 व्यापारियों व शेष 09 जिलों (पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़) में 10-10 व्यापारियों को सम्मानित किया जाएगा।

 यह जानकारी वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने दी है। इस ‘‘पंजीकृत व्यापारी सम्मान योजना’’ के लिये वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। 


वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के विकास में राजस्व अर्जन के क्षेत्र में राज्यकर विभाग के अंतर्गत पंजीकृत व्यापारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। 

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के ऐसे पंजीकृत व्यापारी जिनके द्वारा रिटर्न फाइल करने, कर जमा करने व अन्य अधिनियम की प्रक्रियाओं का नियमित रूप से अनुपालन किया जा रहा है, को प्रोत्साहित किये जाने दृष्टिगत सम्मानित किये जाने हेतु व्यापारी सम्मान योजना प्रस्तावित की गई है।


डा. अग्रवाल ने बताया कि यह योजना उत्तराखंड राज्य कर विभाग के पंजीकृत ऐसे व्यापारियों पर लागू होगी, जिनका वार्षिक टनओवर 20 करोड़ तक होगा। बताया कि इस योजना में वस्तुओं और सेवाओं के सभी थोक व खुदरा व्यापारियों को सम्मिलित किया जाएगा। इस योजना का चयन जिलेवार होगा। इसमें देहरादून व हरिद्वार जनपद के 20-20 व्यापारियों, उधमसिंह नगर एवं नैनीताल के 15-15 व्यापारियों व शेष 09 जिलों (पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़) में 10-10 व्यापारियों इस प्रकार कुल 160 व्यापारियों को सम्मानित किया जाएगा। 


डा. अग्रवाल ने बताया कि व्यापारियों के चयन के लिये जोनल अपर आयुक्त प्रत्येक संभाग स्तर पर संयुक्त आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करेंगे। जिसमें एक उपायुक्त, एक सहायक आयुक्त व एक राज्य का अधिकारी सदस्य होंगे। इस समिति द्वारा अपने क्षेत्राधिकार के जिलों के संबंध में सम्मान के लिये निर्धारित व्यापारियों की संख्या तैयार कर व्यापारियों का चयन करते हुए चयनित व्यापारियों की सूची जोनल अपर आयुक्त से अनुमोदन के बाद मुख्यालय भेजी जाएगी। 

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*पंजीकृत व्यापारी सम्मान योजना के लिये पात्रता*

*देहरादून।* वित्त मंत्री डा. अग्रवाल ने बताया कि व्यापारी राज्य कर विभाग में पंजीकृत होना चाहिए। व्यापारी का टर्न ओवर 20 करोड़ रूपये वार्षिक से अधिक नहीं होना चाहिए। योजना के अंतर्गत वस्तु व सेवा से संबंधित सभी सेक्टरों के थोक व खुदरा व्यापारियों को सम्मिलित किया जाएगा। व्यापारी पिछले अधिकतम पांच वर्षों में कर जमा करने व विवरणियों में दाखिल करने में नियमित रहा हो। 


उन्होंने बताया कि व्यापारी के विरूद्ध पिछले अधिकतम पांच वर्षों में कोई प्रतिकूल कार्रवाई न की गई हो। व्यापारी के विरूद्ध किसी प्रकार की राजस्व की कोई देयता शेष न हो।

 

Save potato from burning disease


झुलसा रोग से आलू की खेती को बचाने के लिए दवाई का छिड़काव जरुरी समय रहते आलू की खेती करने वाले किसानों को सलाह पाले पड़ने से आलू में झूलसा रोग तेजी से फैलता है .


जिससे आलू की खेती पूरी तरह नष्ट हो जाती है और किसानों को भारी नुक़सान उठाना पड़ता है.

 जिसका उपाय समय से करने पर अच्छी पैदावार ले सकते हैं .

किसान उमेद बोरा पूर्व प्रधान कृषक फेडरेशन अध्यक्ष ने कहा आलू के साथ सरसों की फसल तैयार होने को है.

 किसानों को फसल बचाने के दवाईयां समय पर छिड़काव करें .

आलू को झूलसा रोग से बचाव के लिए बहुत सी दवाईयां उपलब्ध है जिसमें कारोलिना दवाई का छिड़काव भी कर सकते हैं साथ है .

आलू के किसान बहादुर बोरा ने बताया वह आलू की खेती जैविक तरीके से कर रहे हैं .

आलू की खेती के लिए अच्छा बीज के साथ समय पर बुआई के साथ समय समय पर सिंचाई कर भी बिना दवाई छिड़काव के जैविक आलू की खेती की जा सकती हैं ,जिसका बाजार में अच्छा मूल्य भी मिलता है साथ ही आगे गन्ने बुआई के समय आलू तैयार हो जाता है.

 जिससे गन्ने की फसल में भी चक्रानुक्रम बनने से गन्ने की खेती भी अधिक लाभकारी होती हैं .

उमेद बोरा पूर्व प्रधान एवं सामाजिक कार्यकर्ता कृषक फेडरेशन अध्यक्ष

 डोईवाला;




रेनेंसा द्रोण स्कूल में आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में सिविल जज व न्यायिक मजिस्ट्रेट डोईवाला विशाल वशिष्ठ ने छात्रों को कानूनी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कानूनी जागरूकता से ही समाज में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाया जा सकेगा।


पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चांदमारी स्थित रेंनेसा द्रोण स्कूल में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें शिविर में सिविल जज व न्यायिक मजिस्ट्रेट डोईवाला विशाल वशिष्ठ ने उपस्थित छात्रों को बाल यौन शौषण अपराध व साइबर अपराध से छात्र जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव व उनके बचाव के लिए जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि बाल यौन शौषण के बढ़ते मामले चिन्ता का विषय है, ऐसे में छात्रों को जागरूक होना आवश्यक है जिससे उचित बचाव होना सक्षम है।


उन्होंने कहा कि साइबर अपराध के बढ़ते क्रम का मुख्य कारण मोबाइल पर विभिन्न सोशल मीडिया एप का सही तरीके से प्रयोग न करना है। किसी भी प्रकार के सोशल मीडिया एप की सही जानकारी होने के बाद ही एप का प्रयोग किया जाना आवश्यक है। इसके अलावा किसी अंजान नम्बर से वीडियो कॉल पर रिस्पोंस कभी नहीं देना चाहिए।


वरिष्ठ उप निरीक्षक विजेन्द्र कुमाईं ने छात्रों को यातायात नियमों से रूबरू कराते हुए बताया कि नाबालिग द्वारा वाहन चलाये जाने पर 25000 रूपये का जुर्माना व अभिभावक को सजा का प्रावधान है, छात्रों को कानूनी सतर्कता बरतते हुए यातायात नियमों का पालन करना चाहिए।


पैनल अधिवक्ता मनीष धीमान ने कहा कि किसी भी अपरिचित व्यक्ति से खाद्यय पदार्थों का सेवन करना हमारे जीवन के लिए खतरा बन सकता है।


विद्यालय के प्रबन्धक मनीष वत्स ने कहाकि छात्रों को विधिक जागरूकता के लिए विद्यालय में समय-समय पर विभिन्न शि विर का आयोजन किया जाता है। साथ ही छात्राओं को गुड टच – बेड़ टच की जानकारी दी जाती है।


इस अवसर पर प्रधानाचार्य संजय वशिष्ठ, संजय जिन्दल, सन्दीप सिंह पटवाल, रूचि नेगी, सरिता सारस्वत, रश्मि नेगी,  खुशबु थापा, प्रियंका नेगी, प्रियंका खण्डू़ड़ी आदि उपस्थित थे।

देहरादून ;



जिला मजिस्टेªट सविन बसंल ने उत्तराखण्ड, पंचायतीराज अधिनियम, 2016 (यथा संशोधित उत्तराखण्ड पंचायतीराज संशोधन अधिनियम-2020) की धारा 130 की उपधारा 6 के अधीन प्रदत्तशक्तियों का प्रयोग करते हुए जनपद-देहरादून की जिला पंचायत-देहरादून में निवर्तमान अध्यक्ष जिला पंचायत देहरादून को प्रशासन नियुक्त करने सम्बन्धी आदेश जारी किए है। 

DM will decided jila panchayat administrator


उत्तराखण्ड शासन, पंचायतीराज अनुभाग-1 की अधिसूचना 30 नवम्बर 2024 के द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) माह नवम्बर 2019 में ग्राम पंचायत/क्षेत्र पंचायतों/जिला पंचायतों के सामान्य निर्वाचन सम्पन्न हुए थे। इस सम्बन्ध में क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के उपरान्त शासनादेश 25.11.2019 के अनुपालन में क्षेत्र पंचायतों की प्रथम बैठक  30.11.2019 एंव जिला पंचायतों की प्रथम बैठक  02.12.2019 को आहूत की गयी।


 भारत का संविधान के अनुच्छेद 243 ङ के अनुसार पंचायत का कार्यकाल प्रथम बैठक की तिथि से अधिकतम पांच वर्ष की अवधि के लिए निर्धारित है। उत्तराखण्ड राज्य में (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) जिला पंचायतों के सामान्य निर्वाचन उनके कार्यकाल के अवसान से पूर्व अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण कराया जाना साध्य नहीं है।


  श्री राज्यपाल उत्तराखण्ड, पंचायतीराज अधिनियम, 2016 (यथा संशोधित उत्तराखण्ड पंचायतीराज संशोधन अधिनियम-2020) की धारा 130 की उपधारा 6 के अधीन प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए उत्तराखण्ड राज्य की समस्त गठित जिला पंचायतों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) में कार्यकाल समाप्ति (दिनांक 01.12.2024) के पश्चात्त कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से छः मास से अनाधिक अवधि के लिए अथवा नई जिला पंचायत के गठन होने अथवा अग्रिम आदेशों तक, जो भी पहले हो, प्रशासक के रूप में सम्बन्धित जनपद के जिला पंचायत के निवर्तमान अध्यक्ष को नियुक्त करने हेतु जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट को प्राधिकृत किया गया है।


 नियुक्त किये गये प्रशासकों द्वारा सामान्य रूटीन कार्यों का ही निर्वहन किया जायेगा तथा नीतिगत निर्णय नहीं लिये जायेगे।

 विशेष परिस्थिति में यदि नीतिगत निर्णय लिया जाना आवश्यक हो तो प्रकरण यथाप्रक्रिया सम्बन्धित जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तराखण्ड शासन को संदर्भित किया जाएगा तथा राज्य सरकार के निर्देशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।


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