हरिद्वार:
उत्तराखंड में भ्र्ष्टाचार चरम सीमा पर है यह कहना है एक ऐसे 82 वर्षीय बुजुर्ग का जो कोर्ट में चल रहे मामले पर भी अवैध निर्माण की शिकायत लेकर 5 महीने से इंतज़ार कर रहे है।
3 बार प्राधिकरण द्वारा नोटिस दिए जाने पर भी अवैधनिर्माणकर्ता पर कोई असर नही। जेई और एई द्वारा असफल रहने पर वह RHDA रुड़की हरिद्वार विकास प्राधिकरण पंहुचते है। जहां उपाध्यक्ष के बजाय सचिव से उनकी भेंट होती है।
वहां सचिव ने उनके प्रकरण को सुनकर जे ई प्रिया सैनी को निर्देश दिए कि वह मामले की जांच और शिकायत अनुसार मौके पर जाकर जांच करे।हांलांकि वह भी उनकी बात सुनने को तैयार नही थे और दूसरे पक्ष की पैरवी में लगे थे।
82 वर्षीय बुजुर्ग का कहना है कि आनाकानी के पश्चात सचिव ने बहुत अनुरोध करने पर यह आदेश दिए।
न्होंने है कि 433 वर्ग मीटर के 3 भूखंड पर दोनो पक्षों का मामला कोर्ट में 50 वर्षों से कोर्ट में चल रहा है। अब इसका निर्णय जबकि आने ही वाला है तो रमेश चौहान और दिनेश चौहान ने इस पर पहले ही मई 2025 से निर्माण शुरू कर दिया था, जिसकी सूचना और काम रुकवाने हेतु पत्र उन्होंने प्राधिकरण को 13 मई 2025 को पहली बार दी थी।
उन्होंने 300 वर्ग मीटर पर निर्माण कर प्राधिकरण को आइना दिखाया कि वो प्राधिकरन विभाग से अधिक जानकार है ।
यह निर्माण अवैध की श्रेणी में इसलिये भी आता है कि 433 वर्ग मीटर का नक्शा विकास प्राधिकरण अप्रूव कराना होता है।
जबकि उन्होंने 300 वर्ग मीटर पर निर्माण कर विभाग के नकारा पन को उजागर कर दिया है।
जहाँ मई 2025 में जमीन थी आज वहां प्राधिकरण की हिला हवाली के चलते मकान लगभग बनकर तैयार हो गया है। रात दिन कार्य जारी है।प्राधिकरण के 3 -3 नोटिस का भी असर नही हुआ है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि विभाग के कर्मचारी अक्ष्य ही दूसरे पक्ष से प्रभावित है तभी किसी भी ठोस कार्रवाई या सीलिंग के नोटिस नही दिए गए है।
अब जेई द्वारा क्या रिपोर्ट दी जाती है और सचिव क्या कार्रवाई करते है यह देखना शेष है।दोनो पक्षों को कागजात समेत सचिव प्राधिकरण रुड़की हरिद्वार द्वारा दिनाँक 3 अक्टूबर को बुलाया है।
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