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 हरिद्वार:

अंजना गुप्ता


माँ गंगा के पावन चरणों में आज गंगा दशहरा के दिन लोग स्नान ध्यान कर पुण्य के भागी बनते है। 


महाराजा सागर के पुत्रों की आत्मा शांति के लिए  भगीरथ प्रयास से गंगा मैया का अवतरण इस धरा पर हुआ था। 

गंगा के वेग को सम्हालने वाले भगवान शंकर ने जन को संदेश दिया कि वें संभल जाएं , गंगा का वेग उनके जीवन को अस्त व्यस्त कर सकता है, इसीलिए  गंगा को आदर सहित धरती पर लाकर उसका सदैव पवित्र स्मरण करें और  पापों से मुक्ति पाएं।


परंतु हमने गंगा  मैया से सब कुछ लेकर उसे गंदगी के अतिरिक्त कुछ नही दिया। यदि गंगा में स्नान करनेवाला प्रत्येक व्यक्ति  अपनी जिम्मेदारी समझे तो गंगा को स्वच्छ रखना बड़ा काम नही।

 सरकारों के प्रयास  जब तक निष्फल है , जब तक कि माँ की भावना को हम नही समझ पाएंगे।

होटलों की गंदगी, व्यर्थ की गंगा योजनाएँ, गंगा में अंधाधुंध खनन, तीर्थ स्थलों को  आधुनिकता का जामा पहनाने, गंगा में तेल , साबुन, पॉलीथीन, कचरा, कपड़े , मूर्तियां आदि  बहा देना ,हमे  करोड़ों पाप का भागी बनाता है। 


यदि गंगा को रसातल में जाने से  बचाना  है, तो  गंगा मैया की जय जय साथ संकल्प लेना होगा कि हे माँ हम न तेरे आँचल में गंदगी डालेंगे और न डालने देंगे।

ganga dusshehra 05 june 2025



*मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को गंगा दशहरा की शुभकामना।*


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगा दशहरा के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामना दी है। उन्होंने इस अवसर पर गंगा स्नान के लिये आने वाले श्रद्धालुओं को भी इस पावन पर्व की बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवनदायिनी गंगा का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। बिना गंगा व अन्य पावन नदियों के लोक जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। पावन नदियां हमारे अस्तित्व से जुड़ा विषय भी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पावन अवसर पर हमें गंगा एवं अन्य नदियों के साथ ही सभी जल स्रोतों को पवित्र रखने में भी अपना योगदान देना होगा।

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