भारत द्वारा आतंकवाद के विरुद्ध की जा रही सख़्त कार्रवाई के दृष्टिगत सचिवालय में उच्चस्तरीय बैठक कर सम्बंधित अधिकारियों को प्रत्येक परिस्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार रहने एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के साथ ही वहां तैनात प्रशासनिक इकाइयों को चौकस रखने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में भारत द्वारा आतंकवाद के विरुद्ध की जा रही सख़्त कार्रवाई के दृष्टिगत राज्य के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की।
मुख्यमंत्री ने बैठक में सभी अधिकारियों को प्रत्येक परिस्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार रहने एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के साथ ही वहां तैनात प्रशासनिक इकाइयों को चौकस रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश के सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवाइयाँ, सर्जिकल उपकरण और अन्य आवश्यक चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को राज्य में आवश्यक खाद्य सामग्री, राशन और पीने के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा राहत और बचाव दलों को भी तैयार रखा गया है ताकि आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।
मुख्यमंत्री ने अफवाहों से बचने और जनता को सही समय पर जानकारी देने के लिए सूचना विभाग को सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार के लिए देवतुल्य जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है और सरकार किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
इस दौरान मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन, डीजीपी श्री दीपम सेठ, सचिव गृह श्री शैलेश बगौली, एडीजी श्री ए.पी अंशुमान।
रिवर्स पलायन कर चुके लोगों को मिलेगा प्लेटफॉर्म, महिलाओं की भागीदारी से राज्य बनेगा श्रेष्ठ: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में पलायन निवारण आयोग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य में रिवर्स पलायन कर चुके लोगों के अनुभवों को साझा करने के लिए एक उपयुक्त प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि अन्य लोग भी इन सफलताओं से प्रेरित होकर स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों के सुझावों को विभिन्न योजनाओं में सम्मिलित किया जाएगा, जिससे योजनाएं अधिक प्रभावी बन सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आने वाले समय में उत्तराखंड को देश के श्रेष्ठ राज्यों में स्थान दिलाएगी। यह भागीदारी नारी शक्ति के जुनून, हौसले और हुनर का सम्मान होगा।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने सचिव ग्राम्य विकास श्रीमती राधिका झा को निर्देशित किया कि वे रिवर्स पलायन कर चुके लोगों की सफलता की कहानियों को साझा करने के लिए प्लेटफॉर्म विकसित करने की दिशा में कार्य करें और उन्हें योजना निर्माण में शामिल करें। उन्होंने ग्रामीणों के स्थाई आजीविका हेतु कौशल विकास पर बल देते हुए स्थानीय लोगों को अपने क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं की पहचान कर स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को पेशेवर दक्षता प्रदान किया जाए, जिससे उनके उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग बेहतर हो सके और उन्हें उचित मूल्य प्राप्त हो।
पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस. नेगी ने बैठक में आयोग द्वारा किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अब तक लगभग 2,000 लोगों ने राज्य में रिवर्स पलायन करते हुए कृषि, पशुपालन, पर्यटन, होम स्टे, बागवानी और अन्य क्षेत्रों से जुड़कर स्वरोजगार अपनाया है और अच्छा लाभ कमा रहे हैं। बैठक में अन्य सदस्यों द्वारा भी महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए गए। मुख्यमंत्री ने योजनाओं के सरलीकरण के लिए भी निर्देश दिए और कहा कि आयोग को प्रभावी बनाने के लिए नियोजन, शिक्षा, पर्यटन, कौशल विकास जैसे विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
इस अवसर पर अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस. नेगी, सदस्य श्री रामप्रकाश पैन्यूली, श्री सुरेश सुयाल, श्री दिनेश रावत, अपर आयुक्त ग्राम्य विकास श्री राजेन्द्र सिंह रावत समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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