देहरादून:
वन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा वनाग्नि प्रबन्धन, अनुश्रवण हेतु
मुख्यालय स्तर पर Integrated Command & Control Centre (ICCC) स्थापित करने के साथ-साथ राज्य में सूचना, चेतावनी एवं प्रबन्धन प्रणाली को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से Forest Fire Uttarakhand Mobile App विकसित किया गया है।
1.मोबाईल एप का उपयोग विभागीय कार्मिकों के साथ-साथ विभिन्न स्वयं सहायता समूहों, महिला / युवा मंगल दलों, वनाग्नि प्रबन्धन समितियों, द हंस फाउन्डेशन के Volunteers, वन पंचायतों के सरपंचों एवं ग्राम प्रधानों / सदस्यों द्वारा भी किया जायेगा ।
2. इस स्थापित ICCC से राज्य में मानव वन्यजीव संघर्ष, वनाग्नि, अवैध पातन, अतिक्रमण, अवैध शिकार इत्यादि से सम्बन्धित शिकायतों हेतु Integrated Helpline Number 1926 भी संचालित किया गया है।
Forest Fire Uttarakhand Mobile App एवं Integrated Helpline Number 1926 के समुचित उपयोग हेतु डॉ० धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक (HoFF), उत्तराखण्ड एवं श्री निशान्त वर्मा, अपर प्रमुख वन संरक्षक, वनाग्नि एवं आपदा प्रबन्धन, उत्तराखण्ड द्वारा समय-समय पर समस्त प्रभागीय वनाधिकारी / उप-निदेशक को दिशा-निर्देश जारी किये गये है।
3. प्रमुख वन संरक्षक (HoFF), उत्तराखण्ड द्वारा वनाग्नि सत्र - 2025 में वनाग्नि के दृष्टिगत अतिसंवदेनशील जनपदों में वनाग्नि घटनाओं के प्रभावी नियंत्रण, जिला स्तर पर आवश्यकतानुसार उपलब्ध संसाधनों एवं अन्य रेखीय विभागों से समन्वय को सुदृढ़ करने हेतु वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। नामित नोडल अधिकारियों द्वारा समय-समय पर वनाग्नि प्रबन्धन/नियंत्रण में की जा रही कार्यवाही हेतु फील्ड निरीक्षण करते हुए यथोचित कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।
4. एफ. एस.आई. द्वारा विगत 3 वर्षों में प्राप्त फायरअलर्ट का डाटा के अध्ययन में यह पाया गया है कि विगत 3 वर्षों में इस वर्ष सबसे कम फायर अलर्ट प्राप्त हुए है।25001500NRT Alerts (Source: FSI)30841347100001.11.2022-20.03.202301.11.2023-20.03.202401.11.202420.03.2025
5. इसके साथ ही देश के अन्तर्गत समस्त राज्यों की 01 नवम्बर, 2024 से 26 मार्च, 2025 में एफ. एस. आई. द्वारा Near Real Time फायर अलर्ट की सूची में उत्तराखण्ड राज्य 15वे स्थान पर है।
6. आड़ा फुकान आदि के लिए विभिन्न प्रभागों के अन्तर्गत 'ओण दिवस' मनाये जाने की कार्यवाही की जा रही है। शीतलाखेत (अल्मोड़ा) - 01 अप्रैल तथा अडवानी (पौड़ी ) - 26 मार्च, 2025
7. वनाग्नि नियंत्रण / प्रबन्धन में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाने के लिए वन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा अल्मोड़ा वन प्रभाग के अन्तर्गत शीतलाखेत मॉडल को प्रदेश के सभी प्रभागों में replicate करने हेतु फील्ड कार्मिक/SHGs/वनाग्नि प्रबन्धन समितियों की exposure visits कराई जा रही है। वर्तमान तक 15 वन प्रभागों की 20 टीमों को exposure visits कराई गयी है, जिसमें कुल 970 कार्मिक / वन पंचायत सरपंच आदि उपस्थित रहें
8. राज्य में वनाग्नि नियंत्रण हेतु चीड़ पिरूल एकत्रीकरण कार्य से स्थानीय जनता को सीधे जोड़ने तथा आजीविका में वृद्धि किये जाने के दृष्टिगत शासन द्वारा पूर्व निर्धारित दर रू.3/- प्रति कि.ग्रा. को संशोधित करते हुए चीड़ पिरूल एकत्रीकरण हेतु रू. 10/- प्रति कि०ग्रा० की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
9. प्रदेश के अन्तर्गत वर्तमान में स्थापित 05 पैलेट्स / ब्रिकेट्स यूनिटों को प्रोत्साहित करने हेतु सम्बन्धित प्रभागीय वनाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। इसके अतिरिक्त 07 नई यूनिटों (03 अल्मोड़ा, 02 चम्पावत, 01 गढ़वाल व 01 नरेन्द्रनगर) स्थापना हेतु सम्बन्धित प्रभागीय वनाधिकारियों द्वारा उद्यमियों को चिन्हित कर स्थापित करने की कार्यवाही गतिमान है। वर्तमान में अल्मोड़ा जनपद में 03 तथा चम्पावत जनपद में 01 नई यूनिट स्थापना हेतु MoU किया गया है।
10. वनाग्नि घटनाओं के दृष्टिगत प्रदेश के अति संवेदनशील / संवेदनशील वन क्षेत्रों में मौसम पूर्वानुमान केन्द्रों की स्थापना हेतु मौसम विज्ञान विभाग के साथ MoU निस्पादित किया गया है।
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