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 जॉर्ज एवरेस्ट मसूरी में अवैध वसूली पर को हटाने एयर अवैध वसूली पर सर्कात रोक के साथ स्थानीय लोगों के अधिकार सुरक्षित न हुए तो देंगे मुंहतोड़ जवाब


हमारे जंगल और जमीन पर कब्जा कर रही  है कंपनी

मामले का संज्ञान ले सरकार 

इन सभी बिंदुओं को लेकर मसूरी की जनता ने सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है ।

जॉर्ज एवरेस्ट मुद्दे पर 2 वर्षों से  लगातार विवाद की जड़ बने गेट और अवैध वसूली को लेकर सरकार की मौन स्वीकृति को देखकर स्थानीय निवासी हतप्रभ है। यह कहना है जॉर्ज एवरेस्ट  के मुद्दे पर आवाज़ उठाने वाले संगठनों का।



तमाम विरोध-प्रदर्शनों के बावजूद मसूरी के जॉर्ज एवरेस्ट क्षेत्र में पर्यटकों और स्थानीय निवासियों से अवैध रूप से शुल्क वसूला जा रहा है। 

ठेकेदारों द्वारा प्रवेश शुल्क के रूप में ₹200 प्रति व्यक्ति और पार्किंग शुल्क ₹1,000 तक लिया जा रहा है। इसके अलावा, रास्ते में अवैध बैरियर लगाकर आवागमन बाधित किया जा रहा है, जिससे न केवल पर्यटकों को परेशानी हो रही है बल्कि स्थानीय व्यापारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसको लेकर हमारे द्वारा पूर्व में भी विरोध-प्रदर्शन किया जा चुका है, लेकिन अभी तक इस पर कोई कारवाई नहीं हुई। हम सरकार और मसूरी प्रशासन को अंतिम चेतावनी दे रहे हैं। इसी तरह अवैध वसूली होती रहे और स्थानीय लोगों के अधिकार प्रभावित होते रहे तो इसका अब मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। 


राज्य सरकार द्वारा जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट के आसपास की भूमि को पारदर्शी निविदा प्रक्रिया के बिना लीज़ पर देने के आरोप लगे हैं। एक प्रमुख मामले में, 142 एकड़ भूमि को 15 वर्षों के लिए एक निजी कंपनी को बाजार दर से काफी कम कीमत पर दिया गया है, जिससे नियमों के उल्लंघन और पारदर्शिता की कमी को लेकर सवाल खड़े हुए हैं।


जॉर्ज एवरेस्ट हाउस तक जाने वाली सड़कें भी विवादों के घेरे में हैं। कुछ निजी भू-स्वामियों ने इन सड़कों पर स्वामित्व का दावा किया है, जिससे पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। 

कई बार इन विवादों के कारण मार्ग अवरुद्ध कर दिया जाता है, जिससे स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को काफी असुविधा होती है।


यही नहीं मसूरी वाइल्ड लाइफ क्षेत्र के ऊपर कायदे-कानूनों को ताक पर रखकर हेलीकॉप्टर चल रहे हैं। हेलीकॉप्टर संचालन कर रही कंपनी पर मुकदमा भी दर्ज हुआ। लेकिन अभी भी हेलीकॉप्टर का संचालन जारी है। सरकार और वन विभाग के उच्चाधिकारियों को इन गंभीर विषयों पर ध्यान देना चाहिए। हमें ऐसा पर्यटन बिल्कुल नहीं चाहिए, जिससे हमारी वाइल्ड लाइफ और हमारे पर्यावरण पर असर पड़े और हमें अपने जंगलों और जमीन से बेदखल होना पड़े।


(हालांकि इस पोस्ट के साथ पुराने वीडियो शेयर किए गए हैं, लेकिन आज भी कमोबेश यही स्थिति बनी हुई है)

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