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रूद्रप्रयाग/गोपेश्वर/ देहरादून: 13 फरवरी



श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति का कार्यकाल जनवरी के प्रथम सप्ताह में समाप्त हो चुका है ।


नगर निकाय की आचार संहिता के चलते नयी समिति का गठन अभी नही हो पाया है। अब जबकि 30 अप्रैल  से चारधाम यात्रा शुरू है वहीं मार्च में संवैधानिक व स्ववित्त पोषित संस्था होने के कारण मंदिर  समिति के स्तर पर बजट का भी अनुमोदन भी होना है।

अत: इसी कारण अभी मंदिर  समिति को प्रशासक के हवाले भी नही किया गया है। इन सब के बीच  श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति के गठन हेतु जोर आजमाइश शुरू हो चुकी है।


सूत्रों की माने तो  श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष पद पर भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता, पार्टी प्रवक्ता पूर्व दायित्वधारी हेमंत द्विवेदी के नाम चर्चाओं में बताया जा रहा है। वहीं  पिछली समिति में अध्यक्ष रहे अजेंद्र अजय का नाम भी अध्यक्ष पद हेतु  चल रहा है।


 साथ ही केदारनाथ क्षेत्र से मंदिर समिति सदस्य रह चुके भाजपा नेता दिनेश बगवाड़ी भी अध्यक्ष पद की जुगत में है।


 नगर पालिका  जोशीमठ के पूर्व अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती का नाम भी चर्चा में है।‌ वह मंदिर समिति के सदस्य रह चुके है।


श्री केदारनाथ क्षेत्र में लोकप्रिय कुलदीप रावत का नाम भी मंदिर समिति अध्यक्ष के लिए चर्चा में है वह केदारनाथ क्षेत्र में लोकप्रिय है।


वहीं चारधाम यात्रा परिषद उपाध्यक्ष रह चुके  कथावाचक आचार्य शिव प्रसाद ममगाई भी अध्यक्ष पद की जुगत में है वहीं यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी विधायकों की श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति का अध्यक्ष बनने में कोई दिलचस्पी नही दिख रही है।



उपाध्यक्ष पर हेतु सबसे प्रभावशाली नाम श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी रह चुके  वर्तमान में मुख्य मंत्री  के सलाहकार डा. बी.डी. सिंह का है उनका  श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है।


 लोकप्रियता श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति में मुख्य कार्याधिकारी रहते हुए बी. डी. सिंह ने कर्मचारियों के कल्याण हेतु कार्य किये तथा हक- हकूकधारियों तथा तीर्थ पुरोहितों से समन्वयकर कार्य किये , केदारनाथ तथा बदरीनाथ क्षेत्र में वह खासे लोकप्रिय है।

मुख्य मंत्री के सलाहकार बी. डी. सिंह के नाम कई उपलब्धियां है इस आधार पर कहा जा रहा है कि बी. डी. सिंह के लंबे कार्य अनुभव तथा योगदान को देखते हुए लोक हित में श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति का उपाध्यक्ष बनाया जाना लगभग तय है।वही पूर्व सदस्य भास्कर डिमरी, आशुतोष डिमरी, का नाम भी उपाध्यक्ष पद को लेकर चर्चा में है।



श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम के तहत  मंदिर समिति बोर्ड का गठन यथा समय  जरूरी भी है संवैधानिक संस्था होने के कारण प्रत्येक वर्ष का वित्तीय बजट भी पारित होता है फिर चार धाम यात्रा सामने है 4 मई को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने है।

ऐसी संभावना है कि शीघ्र ही नयी श्री बदरीनाथ - केदारनाथ मंदिर समिति का गठन हो सकता है।

तथा मंदिर समिति अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित सदस्यों के नाम पर मुहर लग सकती है।

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