जॉर्ज एवेरेस्ट का मुद्दा गंभीर विषय है, भले ही शासन प्रशासन इसे गंभीरता से न ले। उत्तराखंड , की राजधानी में ऐसे अनेको ज्ञात अज्ञात मुद्दे है जहां विशाल पहाड़ों तक को प्राइवेट प्रॉपर्टी दिख दिया जाता है। जॉर्ज एवेरेस्ट के मुद्दे पर जनता को भटकाने के परिणाम सामने आने लगे है।
जब रात्रि को अपने मूल रस्ते से हटकर स्थानीय निवासी को जंगल के रास्ते आना पड़ा और वह चोटिल हो गया।
क्योंकि मूल रास्ता जो 200 वर्षों से उनका अपना था आज बंद कर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार ,यह घटना 21 दिसंबर को हुई, जब रमेश चंद, निवासी पार्क एस्टेट (हाथीपांव), का पुत्र राहुल जॉर्ज एवरस्ट से घर लौट रहे थे।
पर्यटन विभाग ने 200 साल पुराने रास्ते को बंद कर दिया। इस स्थिति में राहुल को जंगल के रास्ते से गुजरना पड़ा, जहां पत्थर पर उसका पैर फिसल गया और सिर पर गंभीर चोट आई। उसे तुरंत दून अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि सिर पर 35 टांके लगे हैं।
अपीलकर्ता अभय का कहना है कि 01 मार्च,2024 को ही पर्यटन अधिकारी को सूचित किया था कि यदि ऐसी कोई घटना होती है, तो उसका जिम्मेदार पर्यटन विभाग होगा। फिर भी अनेको आरटीआई, दलीलों ,न्यायालय के आदेशों और प्रशासनिक निर्देशों का कोई असर अभी तक नज़र नही आ रहा है।
ऐसे में वो लोग क्या करें जिनके घर इसी रास्ते से होकर जाते है?
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