देहरादून:
कांग्रेस एक बार फिर झूठ के माध्यम से जनता को छलने का प्रयास कर रही है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आधार पर सेबी पर लगाये गये कांग्रेस के आरोप पूरी तरह झूठ का पुलिंदा है। इनमें न तो कोई सत्यता है और न ही कोई आधार। यह मानना है प्रदेश प्रवक्ता श्री विनोद सुयाल का। विनोद सुयाल ने कहा कि कांग्रेस केवल बौखलाहट में जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। अपने टूलकिट के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था को क्षति पहुंचाने वाली कांग्रेस प्रकारान्तर में राष्ट्र का विरोध कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत की ओर उठाए जा रहे सवालों पर भाजपा उत्तराखंड की ओर से प्रदेश प्रवक्ता विनोद सुयाल ने जवाब दिया है और जमकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर कांग्रेस चाहती क्या है? कांग्रेस पार्टी नेताओं के द्वारा लोकसभा चुनाव में हार की हताशा में एक बहाना ढूंढा जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर दुनिया भर में भारत के लोकतंत्र को बदनाम करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा को भारत के लोकतंत्र, भारत की मीडिया और भारत की न्यायपालिका पर गर्व है। आज प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवें पायदान पर है जब कांग्रेस की सरकार थी तो 10 से पायदान पर थी यह कांग्रेस के विचलित होने का मुख्य कारण है।
विनोद सुयाल का कहना है कि अडानी को सबसे अधिक बड़े-बड़े प्रोजेक्ट कांग्रेस की सरकारों द्वारा दिये गये अशोक गहलोत मुख्यमंत्री रहते हुए राजस्थान में 70000 करोड़ का कांटेक्ट साइन किया, भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहते हुए माइंस के सबसे बड़े प्रोजेक्ट दिए, वर्तमान में कांग्रेस की तेलंगाना सरकार ने बड़े-बड़े प्रोजेक्ट दिए हैं, महाराष्ट्र में महाविकास अगाड़ी की सरकार ने भी उनका सबसे बड़े कांटेक्ट के साथ नवाज। यही नहीं मनमोहन के कार्यकाल में केरल में समुद्री पोर्ट के लिए सबसे बड़ा कांटेक्ट किया। एक तरफ तो उनको कम पर काम दिए जा रहे हैं दूसरी तरफ भारतीय अर्थव्यवस्था को बदनाम करने के लिए सेबी को टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अडानी को किस आधार पर और किस मकसद से उन्होंने यह सब कार्य दिए यह रिश्ता क्या कहलाता है। अब तक उनके द्वारा दिए गए टेंडर कैंसिल क्यों नहीं किया।
उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग को इसी साल जुलाई महीने में नोटिस दिया जाता है कि उसने कानून के खिलाफ जाकर, जो आरोप लगाया उसका जवाब दे, लेकिन उस नोटिस का जवाब देने के बजाय उसने अब सेबी के ऊपर ये नई रिपोर्ट जारी कर दी है। बीजेपी की ओर से इस हिंडनबर्ग के मुद्दे और कांग्रेस की ओर से उठाए जा रहे सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग का ये बेसलैस अटैक है, जिसका जवाब सेबी चेयरपर्सन समेत सभी ने दिया है और इसका कोई असर भारतीय बाजार पर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस और हिंडनबर्ग का पूरा खेल शेयर मार्केट में निवेश करने वाले इन्वेस्टर्स समझ चुके हैं।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी भारत को आर्थिक रूप से कमजोर करने के षड़यंत्र में शामिल है और हिंडनबर्ग के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस साजिश को बेनकाब करेगी और पूरे देश को सच्चाई बताई जाएगी। कांग्रेस की साजिश को सफल नहीं होने दी जाएगी। विनोद सुयाल ने आगे कहा, 'मनमोहन सिंह के 10 साल के कार्यकाल में तमाम घोटाले हुए। उस समय इतने घोटाले होने के बावजूद एक भी विदेशी रिपोर्ट क्यों नहीं आती थीं। इसी से पता चलता है कि देश में किस तरह से टूलकिट काम करता है।
मनमोहन सरकार के 10 साल के कार्यकाल में हुए 15 घोटाले जिसे सुनकर पूरा देश चकित हो गया था जिसमें प्रमुख रूप से कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, 2जी टेलीकॉम घोटाला, शारदा चिटफंड, आईएनएक्स मीडिया मामला, एयरसेल-मैक्सिस, एंट्रिक्स-देवास डील, नौकरी के लिए भूमि, पंचकूला और गुड़गांव में प्राइम लैंड का आवंटन/रिलीज, जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन, एम्ब्रेयर डील, पिलाटस बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट, हॉक विमान खरीद, आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला आज भी इनके अपराधी जेल में है और अदालत की करवाई जा रही है।
काग्रेस का एनसी से गठबंधन, आरक्षण के विरोध और अलगाववाद के समर्थन में है।; भट्ट
संविधान खत्म होने का झूठ फैलाने वाली कांग्रेस, कश्मीर में पुनः धारा 370 से संविधान को प्रभावहीन करना चाहती है ।
भाजपा ने कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन पर निशाना साधते हुए इसे सत्ता के लालच में आरक्षण विरोध और आतंकवाद के समर्थन का ठगबंधन बताया है। प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने आरोप लगाया कि देश में संविधान खत्म होने का झूठ फैलाने वाली कांग्रेस, धारा 370 लागू करने की मंशा रखने वाली पार्टी से समझौता कर रही है । ताकि वहां दलितों को आरक्षण से वंचित किया जाए और संविधान को प्रभावहीन किया जाए ।
प्रदेश अध्यक्ष ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने सत्ता के लालच में गठबंधन किया है । नेशनल कांफ्रेंस ने अनुच्छेद 370 दोबारा वापस लाने की घोषणा की है ताकि जम्मू कश्मीर के साथ देश भर में अशांति का माहौल लाने का प्रयास किया जाए । अब ऐसी पार्टी से कांग्रेस का गठबंधन स्पष्ट करता है कि वे नेशनल कांफ्रेंस के इशारे पर अलगाववाद को बढ़ावा देने की नीति का समर्थन करती है। साथ ही कहा कि अनुच्छेद-370 हटने के बाद भारत ने और भारतीयों ने अपने राष्ट्रीय संकल्प को पूरा किया कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक 'एक निशान, एक विधान और एक प्रधान' रहेगा । दोनों पार्टियों के समझौते का एक ही अर्थ है कि कांग्रेस पार्टी 'अलग झंडे' के वादे का समर्थन करती है । उन्होंने पूछा कि कांग्रेस बताए कि क्या वह देश को तोड़ने के नेशनल कांफ्रेंस के एजेंडे के साथ खड़ी है?
प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि इस गठबंधन के जरिए कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा भी सामने आया है । धारा 370 हटने से वहां आजादी के बाद पहली बार वहां के दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण का अधिकार प्राप्त हुआ था । लेकिन कांग्रेस वहां सत्ता के लिए तुष्टिकरण की नीति पर आगे बढ़ते हुए पिछड़ों के अधिकार को हड़पना चाहती है। वे देश विरोधी और अलगाववाद समर्थक पार्टियों को अपना रही है, वहां आरक्षण को पुनः समाप्त करने की मंशा के साथ। यही कांग्रेस देश भर में संविधान खत्म होने का झूठ फैला रही है और स्वयं कश्मीर में धारा 370 लागू कर वहां संविधान को प्रभावहीन करना चाहती है। देश के साथ प्रदेश की राष्ट्रवादी जनता भी कांग्रेस के दोहरे और विभाजनकारी चरित्र को देख रही है ।
वहीं उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता मा. राहुल गांधी जी से मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा 10 प्रश्न पूछे जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि सबसे पहले मुख्यमंत्री और अमित शाह यह बतायें कि राहुल गांधी जी ने सरकारी एजेसियों के दुरपयोग, अडाणी महाघोटाले, हिडनबर्ग के खुलासे पर सैंकडों सवाल केन्द्र सरकार से पूछे हैं उनके जबाव क्यों नही दिये जा रहे हैैं?
जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव में नैशनल कॉफ्रेश के साथ कांग्रेस के गठबंधन पर भाजपा मे ंबोखलाहट क्यों हैं?
उन्होंने कहा कि यह वहीं नैशनल कॉफ्रेश है जिसके साथ भाजपा का लम्बे समय तक गठबंधन रहा फारूख अब्दुल्ला भाजपा सरकार में लम्बे समय तक केन्द्रीय मंत्री रहे तब तो भाजपा को कोई्र आपत्ति नही थी व भाजपा की नजर में फारूख अब्दुल्ला तब बडे देश भक्त थे अब उनका गठबंधन कांग्रेस से हुआ है तो भाजपा को उनमें खोट नजर आ रहा है
यही नही महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के साथ भाजपा का गठबंधन रहा और महबूबा को मुख्यमंत्री भी बनाया तब उनको वहां भी देश भक्ति नजर आती थी लेकिन जैसे ही किसी भी राजनीतिक दल का भाजपा से गठबंधन टूटता है तो वो भाजपा की नजर में वह देश द्रोही पार्टी हो जाती है।
करन माहरा ने कहा कि भाजपा की यह दोगली राजनीति नही चलेगी। कांग्रेस पार्टी अगर किसी भी राज्य में वहां के लोगों की हक की लड़ाई लड़ती है तो उसमें भाजपा को बुराई नजर आती है। देश की आजादी से पहले और आजतक हमेशा कांग्रेस ने आम लोगों को साथ लेकर देश की मजबूती, एकता और अखण्डता के लिए काम किया है देश की जनता इस बात को भलीभॉति जानती है।
हमें भाजपा से देश भक्ति का प्रमाणपत्र लेने की आवश्कता नही है। जम्मू कश्मीर हो या देश के किसी भी अन्य राज्य में कोई भी अगर गैर कानूनी काम करता है देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुॅचाता है तो उसे देश के कानून के हिसाब से कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गृहमंत्री अमित शाह को यह भी बताना चाहिए कि 11 वर्षो से देश में किसकी सरकार है। जम्मू कश्मीर में कौन शासन कर रहा है? अगर वहां पर कुछ भी कानून के खिलाफ हो रहा है तो वहां कानून व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी किसकी है?।
देश की आजादी की लड़ाई में अंग्रेजो की जासूसी करने वाले लोग
कांग्रेस को देश भक्ति का पाठ ना पढाये ंतो ही अच्छा हैं।
करन
माहरा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पुलवामा
हमले को लेकर गंभीर आरोप लगाये थे जिनके जबाव आज तक जनता को नही मिले है।
जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ने की गारटी देने वाली केन्द्र सरकार
के शासन में वहां लगातार आतंकवादी हमलों में हमारे वीर सैनिक शहीद हो रहे
है और केन्द्र सरकार मूकदर्शक बनी हुई है जिससे जनता में भारी आक्रोश है।
जन आक्रोश से ध्यान भटकाने के लिए ही भाजपा नेता इस प्रकार की अनर्गल बातें कर रहे है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की देवभूमि में आये दिन हमारे वीर सैनिकों के शव आ रहे हैं इस पर कौन जबाव देगा? माहरा ने कहा कि अरूणाचल सीमा पर चीन ने हमारी जमीन पर अतिक्रमण कर पक्के निर्माण कैसे किये है इसका उत्तर कौन देगां?
चीन की कम्पनियों को खरबों का रू0 का ठेका किसने दिया? सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति चीन से क्यों मंगवाई गई? स्वदेशी सामना का इस्तेमाल करो कहने वाले चीन का सामना देश में क्यों आयात कर रहे हैं?
एक
सिर के बदले 10 सिर लाने का वादा करने वाली सरकार ने अग्निवीर योजना लाकर
सेना को ही कमजोर करने का काम क्यों किया?। इन सब सवालोें का जबाव भी देश
की जनता को मिलना चाहिए।
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