देहरादूनः-
उत्तराखण्ड प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने चिनकू हेलीकॉप्टर से केदारनाथ के पवित्र स्थल पर थार को उतारे जाने पर गहरी चिन्ता प्रकट करते हुए राज्य सरकार पर केदारनाथ की पवित्रता को भंग करने का अरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार के मुख्य सचिव मंदिर केमटी को पत्र लिखकर वीआईपी कल्चर को सामाप्त करने का फरमान कर रही हैं और दूसरी तरफ सरकार केदारनाथ के पवित्र स्थल में थार भेजकर वीआईपी कल्चर स्थापित करने का काम कर रही है।
असल मे शुक्रवार 31 मई,2024 को केदारनाथ में महिंद्रा थार वाहन को चिनूक की सहायता से लाया गया। सरकार के अनुसार 700 मीटर की दूरी विकलांग और अस्वस्थ लोगों को भारी पड़ जाती है इसलिये यह व्यवस्था की गई है। हेलिपैड से केदारधाम तक यह सेवा तीर्थयात्रियों के लिये रहेगी।टी
इसी बात पर--
उन्होंनें कहा कि सरकार का यह दोहरा चरित्र देश और राज्य के सामने उजागर हो गया है।
इसके साथ ही केदारनाथ धाम में डाण्ंडी-कण्डी एवं डोली का काम करने वाले स्थानीय गरीब लोगों की रोजी-रोटी छीनने का काम कर रही है।
करन माहरा ने कहा कि सरकार द्वारा पंण्डा पुराहितों के हक-हकूक भी छीनने का काम किया है। वर्तमान पण्डा पुरोहितों के आवासीय क्षेत्र में तोड़ फोड करके उनके हितों में कुठाराघात करने का काम किया है.
करन माहरा ने कहा सरकार 2013 की आपदा से भी सबक नही ले रही है जो चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश से लेकर केदारनाथ और बद्रीनाथ तक लगातार चातायात अव्यस्थायें किसी से छुपी नही हैं और पर्यटक लगातार हताश और लाचार हैं पर उनकी सुध लेने वाला कोई नही है।
 
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