काशीपुर:
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने काशीपुर, ऊधम सिंह नगर में राज्य वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष स्व. कैलाश चंद्र गहतोड़ी जी के आवास पहुंचकर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपावत को आदर्श जनपद बनाने की दिशा में उनके सपनों को पूरा करने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं।
काशीपुर:
मुख्यमंत्री ने काशीपुर स्पोर्ट्स स्टेडियम में अधिकारियों के साथ की पेयजल एवं बाढ सुरक्षा कार्यों की समीक्षा*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनपद में कहीं भी पेयजल संकट न हो इस हेतु अधिकारी सक्रियता से कार्य करें। पेयजल से जुड़े अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों का नियमित भ्रमण कर पेयजल से सम्बंधित समस्याओं का समाधान करें। पेयजल लाइनों की लीकेज अविलम्ब ठीक कराने के साथ निर्माणाधीन पेयजल योजनाएं पर त्वरित गति से कार्य करते हुए पूर्ण कराएं। उन्होंने कहा कि गर्मी का सीजन है अतः शहरों में जन साधारण के लिए शीतल पेयजल हेतु प्याऊ व वॉटर कूलर लगाए जाएं। यह निर्देश मुख्यमंत्री ने काशीपुर भ्रमण के दौरान काशीपुर स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित अधिकारियों की बैठक में दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि मानसून से पहले नालियों की सफाई, ड्रेजिंग और चौनलाईजेशन की कार्यवाही भी पूर्ण की जाय तथा नदी किनारे सुरक्षा दीवारों के निर्माण और मरम्मत के कार्य समय पर पूर्ण कर दिये जाएं।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी उदय राज सिंह ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि जनपद में 12,123 हेण्ड पम्प हैं जिसमें से 11,578 हेण्ड पम्प सुचारू है, तथा 545 हेण्ड पम्प खराब है जिन्हें शीघ्र ही ठीक कर दिया जाएगा। अर्बन क्षेत्रों में हेण्ड पम्प प्राथमिकता से बनाये जा रहे हैं। जल जीवन मिशनके अंतर्गत 604 राजस्व ग्रामों हेतु 333 पेयजल योजनाएं बनाई जा रही हैं। सभी योजनाओं के कार्य आगामी माह अगस्त तक पूर्ण कर लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अमृत योजना के अंतर्गत नगर निगम काशीपुर में 6 जोनों के लिए सात नलकूप का निर्माण व 6 उच्च जलाशय के निर्माण किया जा रहा है जिसमें से 5 जोन के कार्य पूर्ण कर जल संस्थान को हस्तांरित कर दिए गए हैं जबकि जोन 8 का योजना निर्माण पूर्ण हो चुका है, ट्रायल टेस्टिंग कार्य प्रगति पर हैं। इसी तरह अमृत योजना के अंतर्गत नगर निगम रुद्रपुर में 5 जोन में पेयजल योजना कार्य पूर्ण हो चुका है तथा जलापूर्ति सुचारू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत नगर पालिका खटीमा के वार्ड नं 3, 4, 5 हेतु बन्डिया पेयजल योजना कार्य पूर्ण कर पेयजल सुचारू कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में 3 करोड़ के 17 आपदा न्यूनीकरण कार्यों के टेंडर कर दिए गए हैं तथा 51 बाढ़ आपदा न्यूनीकरण कार्य चिन्हित किये गए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में वनाग्नि के 65 मामले हुए जिन पर शीघ्र ही काबू पा लिया गया था।
नगर आयुक्त काशीपुर, विवेक राय ने बताया कि नगर निगम काशीपुर में पानी की कोई समस्या नहीं है, 347 हेण्ड पम्प सुचारू है। उन्होंने बताया कि जनता को शुद्ध व शीतल पेयजल उपलब्ध कराने हेतु नगर निगम, छत्री चौराहा, गैस गोदाम, चौती मोड़, टांडा तिराहा में वॉटर कूलर स्थापित किये गए हैं जबकि रोडवेज में शीघ्र वॉटर कूलर स्थापित किया जाएगा। उपजिलाधिकारी बाजपुर ने बताया कि बाजपुर क्षेत्र में पेयजल की समस्या नहीं है।
बैठक में एसएसपी मंजुनाथ टीसी, परियोजना निदेशक अजय सिंह, अधीक्षण अभियंता पेयजल निगम मृदुला सिंह, अधिशासी अभियंता जल संस्थान तरुण शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
हल्द्वानी:
मुख्यमंत्री ने वनाग्नि की घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम के लिये वन विभाग के कार्मिकों को ग्रामीणों के साथ बेहतर तालमेल बनाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को फॉरेस्ट ट्रेनिंग अकादमी हल्द्वानी में वन, पेयजल, सड़क तथा विद्युत विभाग की समीक्षा की। उन्होंने वनाग्नि की घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम और कार्मिकों के मनोबल को बनाए रखने के लिए उच्च अधिकारियो को मौके पर फील्ड में बने रहने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ब्रिटिश काल की फायर लाइन जो अभी भी अस्तित्व में है, उन्हें रिस्टोर किया जाए ताकि वनाग्नि से जंगलों को काफी हद तक बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग के कार्मिकों को ग्रामीणों के साथ बेहतर तालमेल बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बेहतर तालमेल से किसी भी प्रकार की आपदा के समय ग्रामीण सहयोगी के रूप में भूमिका निभायेंगे। इससे आपदा के प्रभाव को कम करने में काफी हद तक मदद मिलेगी और ग्रामीण अपने वन-जंगल के प्रति भी जुड़ाव महसूस करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ ही वनाग्नि की घटनाओं से निपटने में यद्यपि वन विभाग प्रयासरत है फिर भी इस दिशा में वन विभाग राज्य के लिए एक समावेशी प्लान तैयार करे जिससे हर साल लगने वाली आग को कम से कम किया जा सके। उन्होंने इस संबंध में देश के साथ ही विदेशो के विकसित मॉडल का अध्ययन पर बल देते हुए कहा कि इसे जरूरत के हिसाब से अपने राज्य के प्लान में समावेशित किये जाने के प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग अपने ढांचे को निचले स्तर से सुदृढ़ कर बेहतर तरीके से कार्यों को क्रियान्वित करने पर ध्यान दे।
मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण एजेंसियों को सड़क निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। रोड सेफ्टी हेतु लगाए जा रहे क्रैश बैरियर पर क्षेत्र की परिस्थितिकी के अनुरूप पौधारोपण को भी कहा। आम जन को गर्मी के सीजन में पेयजल की समस्या न हो इसके लिए पेयजल की आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसी भी कारणवश पेयजल लाइन बाधित होती है वहां अतिरिक्त टैंकर लगाकर पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने सरकारी दफ्तरों में सोलर पैनल को बढ़ावा देने के लिए विद्युत विभाग को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।
मुख्य वन संरक्षक पी के पात्रों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि सभी फायर वाचर को पिरुल एकत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे भविष्य में आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सके। बैठक में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि जनपद में फरवरी 2019 से मई 2024 तक वनाग्नि की घटनाओं की तुलना में इस साल कम आग की घटनाएं घटित हुई है।
बैठक में विधायक लालकुआ डॉक्टर मोहन बिष्ट, डीआईजी डा योगेन्द्र रावत, एस एस पी पी एन मीणा, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, मंडी परिषद अध्यक्ष अनिल कपूर, डीएफओ टीआर बीजूलाल, अधीक्षण अभियंता जलसंस्थान विशाल सक्सेना,एनडीआरएफ अनिल कुमार के साथ ही लोनिवि, विद्युत विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
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