आसन राइफल्स के पूर्व सैनिकों की एसोसिएशन ने पूर्व सीएम हरीश रावत को ज्ञापन दिया जिसमे कहा गया कि
LOK SABHA ELECTION 2024 नैशनल काग्रेस कमेटी देहरादून (उत्तराखण्ड) हम असम राइफल परिवार उत्तराखण्ड में कम से कम 12 लाख से अधिक मतदाता हैं और हमारे रिस्तेदार व अन्य दोस्तों को लगाकर यह फिगर कम से कम 20 लाख तक पहुँचता है।
, असम राइफल का गठन सन् 1835 में हुवा था, तब से अभी तक यह सेना हमेशा भारत के नार्थ ईस्ट ईलाके में डिपलोय रह कर देश की सुरक्षा करते आ रही है। इसके अलावा इस फोर्स ने देश के जम्मू कश्मीर और श्री लंका में भी अपनी सेवा दी है, अभी वर्तमान में भी असम राइफल की कम से कम दो बटालियन जम्मू कश्मीर में अपनी सेवा दे रहीं है। इस फोर्स का गौरब हमेशा उचे दर्जे का रहा है। असम राइफल हमेशा से देश की थल सेना यानि आर्मी के साथ कंधे से कंधे मिलाकर काम करती आ रहीं है। इसका ढाचा भी हूबहू आर्मी की तरह है और कहीं - कहीं पर ये फौज आर्मी से भी अच्छा काम करती है। इस फोर्स की ट्रेनिंग भी आर्मी के तर्ज पर ही होती है। जिस प्रकार से आर्मी अपनी duty करती है, ठीक उसी प्रकार से असम राइफल भी duty करती है। मगर हमेशा सरकार ने असम राइफल के साथ सौतेला व्यवहार किया है। असम राइफल को ना तो आर्मी के जैसा दर्जा दिया है और ना ही CAPF जैसा दर्जा जबकि हम CAPF से बिलकुल अलग है, असम राइफल और CAPF का काई मेल नहीं है। असम राइफल CPMF के अन्दर आता है। जो पूरे भारत में सिर्फ दो ही फोर्स है। एक असम राइफल और दूसरा SSF है। बाकी BSF, CRPF, ITBP, CISF etc CAPF अन्दर में आती हैं।
असम राइफल को दो मंत्रालयों के बीच पीस रखा है। एक ग्रह मंत्रालय और दूसरा रक्षा मंत्रालय। असम राइफल अपनी सभी duty रक्षा मंत्रालय के अधीन करती है, जैसे एक आर्मी का जवान अपनी duty करता है ठीक उसी प्रकार से असम राइफल का जवान भी अपनी duty करता है। और सूबेदार मेजर से उपर के अधिकारी भी लगभग 80 प्रतिशत आर्मी से पोस्टिंग आते है। पर हमें वेतन भत्ते ग्रह मंत्रालय के द्वारा दिया जाता है, जो आर्मी की तुलना में बहुत कम है जो सरासर अन्याय है। की तरह काम करती है। असम राइफल की असली जगह पूर्ण रूप से रक्षा मंत्रालय के साथ है। क्योंकि यह उसी के साथ उसी महोदय, सन् 2017 से इस दोहरे कमान के खिलाफ हमारे असम राइफल एक्स सर्विस मैन AREWA- AI द्वारा वेलफर एसोसियेशन आल (इंडिया) Assam Rifles Ex-servicemen Welfare Association ( All India) एक याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल कर रखी है। वर्तमान में जिसकी सुनवाई चल रही है, जिसमें हमारी मांग है कि असम राइफल को भी उसके duty के हिसाब से वेतन वेतन । हमें पूर्ण रूप से रक्षा मंत्रालय के अधीन रखा जाय । भत्ता और अन्य सुविधा दी जाय। जिस प्रकार से भारत का कानून कहता है कि समान काम और समान अभी इस केश का फेसला लगभग अन्तिम पड़ाव में है, हमें आशा है कि कोर्ट भी हमारे पक्ष में अपना फैसला सूनायेगा । आल इंडिया असम राइफल और उनके परिवार कम से कम 30 लाख मतदाता से भी अधिक संख्या में हैं।
इसलिए असम राइफल एक्स सर्विस मैन वेलफर एसोसियेशन आल इंडिया Assam Rifles Ex-servicemen Welfare Association ( All India) AREWA- AI ने यह निर्णय लिया है कि जो भी पार्टी हमें हमारे न्याय प्रक्रिया में सहयोग करेगा और असम राइफल को उसका हक देगा तो समस्त असम राइफल और उनके परिवार लोक सभा चूनाव में 30 लाख मतदाता अधिक मतदान उसी पार्टी के पक्ष किया जायेगा | National Congress एक राष्ट्रीय पार्टी है हमे विश्वास है कि वह हमारा साथ देगी।
सूबेदार मेजर रमेश राम आर्या, सूबेदार बीपी नौटियाल सचिव, सूबेदार दलबीर सिंह, अध्यक्ष सूबेदार कलम सिंह चौधरी, सूबेदार राजेन्द्र सिंह, हवलदार कलम सिंह रावत द्वारा यह ज्ञापन सौंपा गया।
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