देहरादून:
राज्य के समस्त जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के सत्र 2019-20 के प्रतीक्षारत सूची से चयनित लगभग 140 डीएलएड प्रशिक्षुओं ने सीएम पोर्टल में अपनी समस्याएं दर्ज कराई हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र में कहा है कि अगर प्रारंभिक शिक्षा भर्ती का विज्ञापन जारी होता है, तो "समान सत्र समान अवसर" के अंतर्गत उन्हें भी औपबंधिक रूप से आवेदन करने का मौका दिया जाए।
प्रतीक्षारत सूची से चयनित प्रशिक्षुओं ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत पर पूर्ण विश्वास है कि वे उनके साथ अन्याय नहीं होने देंगे और उन्हें भी औपबंधिक रूप से आवेदन करने का मौका अवश्य देंगे। गौरतलब है कि इससे पूर्व भी डीएलएड प्रशिक्षु उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत से समान बैच समान अवसर के लिए मुलाकात कर चुके हैं।
प्रशिक्षुओं की मुख्य मांगें:
प्रारंभिक शिक्षा भर्ती में "समान सत्र समान अवसर" के तहत औपबंधिक रूप से आवेदन करने का मौका दिया जाए।
●डीएलएड प्रतीक्षा सूची में सभी अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाए।
प्रशिक्षुओं का तर्क:
प्रशिक्षुओं का तर्क है कि उन्हें 2019-20 में डीएलएड में प्रवेश दिया गया था, लेकिन कोरोना महामारी और विभागीय लापरवाही के कारण उनका प्रशिक्षण बाधित हुआ। इसके कारण, उन्हें दिसम्बर 2023 में ही प्रशिक्षण पूरा करना चाहिए था, लेकिन अभी भी उनका प्रशिक्षण पूरा नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि यदि उन्हें प्रारंभिक शिक्षा भर्ती में आवेदन करने का मौका नहीं दिया जाता है, तो उनके साथ अन्याय होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया है कि वे उनकी मांगों पर विचार करें और उन्हें न्याय दिलाएं। इससे पूर्व भी डोईवाला महाविद्यालय के पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि अंकित तिवारी ने डायट प्रशिक्षु की समस्या को लेकर पत्र लिख चुके हैं।तिवारी ने कहा कि यह विषय शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है और सरकार से इस संबंध में जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद है।
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