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राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु ने प्रतिभाग किया। 


इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), मुख्यमंत्री

Manas khand tabalue at foundation day uttarakhand

President Murmu at police line Uttatakhand

श्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण मौजूद रहे। विभागों द्वारा प्रदर्शित झांकियों के माध्यम से राज्य के समग्र विकास एवं नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य, जैवविविधता, धार्मिक, अध्यात्म के साथ साहसिक पर्यटन गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध करायी गई।


इस अवसर पर सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा प्रदर्शित ‘‘केदारखण्ड से मानसखण्ड’’ झांकी के माध्यम से राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जैव विविधता, हिमाच्छादित उच्च पर्वत श्रृंखलाओं की समग्रता से परिचित कराने का प्रयास किया गया। 


महानिदेशक सूचना श्री बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन के उपरान्त मानसखण्ड पर आधारित झांकी इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदर्शित की गई जिसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। जिसमें इन प्रमुख मंदिरों का  विकास होना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री धामी के विजन के अनुसार पहले चरण में जागेश्वर महादेव के साथ करीब 2 दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है।


महानिदेशक सूचना ने कहा कि सदियों से उत्तराखण्ड की देश-दुनिया में देवभूमि के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रही है। गढ़वाल क्षेत्र के बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री के साथ अन्य मंदिरों का वर्णन जहां केदारखण्ड में वर्णित है वहीं मानसखण्ड के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के जागेश्वर बागेश्वर सहित अन्य मंदिर समूह राज्य को देवभूमि बनाते है। इसके साथ ही हिमालय की चोटियों में स्थित ऊं पर्वत आदि कैलाश पार्वती कुण्ड इसकी दिव्यता को विशिष्ट पहचान दिलाते है। इसके अतिरिक्त कॉर्बेट नेशनल पार्क, राजाजी नेशनल पार्क सहित अन्य अभयारण्य समृद्ध जैव विविधता से भी परिचित कराते है। इन विषयों को झांकी में सामिल किये जाने का प्रयास किया गया है।


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा  विश्व प्रसिद्ध चारधाम की तर्ज पर कुमाऊं  में मानसखण्ड मंदिर माला परियोजना प्रारंभ की गयी है। इसके तहत जागेश्वर धाम का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इस परियोजना के तहत कुँमाऊ मण्डल के महत्वपूर्ण पौराणिक/ऐतिहासिक स्थलों को सर्किट से परस्पर जोड़कर लोकप्रियता प्रदान की जायेगी ताकि देश-विदेश से तीर्थयात्री/पर्यटकों को यहाँ आने हेतु आकर्षित किया जा सके और उनकी यात्रा सुगम बनायी जा सके।


विभाग द्वारा प्रस्तुत झांकी ‘‘केदारखण्ड से मानसखण्ड’’ की परिकल्पना एवं प्रस्तुतीकरण संयुक्त निदेशक श्री कलम सिंह चौहान के नेतृत्व में किया गया। प्रस्तुत की गई झांकी को काफी सराहना भी मिली।


महामहिम की स्थापना दिवस पर मौजूदगी, मातृशक्ति और प्रदेशवासियों के लिए गौरवमयी क्षण : भट्ट


देहरादून 9 नवंबर 


 भाजपा ने राष्ट्रपति की स्थापना दिवस के अवसर पर मौजूदगी को राज्य के गौरवमयी पलों को अधिक शानदार बनाने वाला बताया है । प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने इस मौके पर शहीदों को नमन करते हुए कहा, आज हम वहां हैं जहां से रजत जयंती वर्ष 2025 में विकास का स्वर्णिम काल आज स्पष्ट नजर आने लगा है । 


राज्य के 23 वे स्थापना दिवस के अवसर पर श्री भट्ट ने कलेक्ट्रेट स्थित शहीद स्थल पर शहीद आंदोलनकारियों की प्रतिमाओं का माल्यार्पण किया । इस मौके उन्होंने वहां उपस्थित लोगों समेत समस्त प्रदेशवासियों को स्थापना दिवस की शुभकामना दी । उन्होंने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा, लाखों आंदोलनकारियों के बलिदान और भाजपा सरकार में भारत रत्न पीएम स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी के आशीर्वाद से हमे पृथक राज्य मिला है । जनता को विश्वास है कि राज्य निर्माण के बाद इसके विकास का स्वर्णिम काल लाने का काम भी भाजपा ही करेगी । पीएम मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य ने आधारभूत ढांचे और जरूरी व्यवस्थाओं का ऐसा हाइवे तैयार कर दिया है जिस पर विकास की गाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली है । आज प्रत्येक प्रदेशवासी को 2025 रजत जयंती वर्ष में आने वाले विकास के स्वर्णिम युग का अहसास होने लगा है ।


इस महत्वपूर्ण अवसर पर महामहिम श्रीमति द्रोपदी मुर्मू की गरिमामयी को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने इसे राज्यवासियों के लिए सौभाग्यशाली बताया । । उन्होंने कहा, देवभूमि के निर्माण से लेकर विकास में मातृ शक्ति का अतुलनीय योगदान है । स्वाधीनता संग्राम के उपरांत उत्तराखंड राज्य आंदोलन ऐसा पहला अवसर था जिसमे महिलाओं की भूमिका सर्वोच्च रही है । यही वजह है कि मातृ शक्ति के प्रति कृतज्ञ भाव से राज्य में सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण और पंचायत चुनावों में 50 फीसदी भागेदार सुनिश्चित की गई है । लिहाजा देश की मातृ शक्ति के स्वाभिमान और आदिवासी भाई बहिनों के सम्मान की पहचान श्रीमति मुर्मू का हम सबके मध्य होना प्रेरणा देता है । देवभूमि के स्थापना दिवस पर पहली बार देश के सुप्रीम कमांडर की मौजूदगी से आज प्रत्येक राज्यवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है । 



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