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चमोली जिले के नखोली गाव  की गरिमा ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा में किया टाॅप

 चमोली:



 चमोली जिले के विकास खंड नारायणबगड़ की प्रखंड ग्राम नाखोली क्षेत्र की बेटी गरिमा रावत ने अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करते हुए हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित स्नाकोत्तर प्रवेश परीक्षा में  सबको पछाड़ते हुए आलॅ इंडिया में प्रथम स्थान प्राप्त कर यह उपलब्धि हासिल की है। प्रवेश परीक्षा आईसीएआर एआईईईए द्वारा आयोजित की जाती है। गरिमा की इस सफलता से पूरा पिंडर घाटी क्षेत्र गौरवान्वित हुआ है।

 गरिमा रावत 22 वर्षीय  मूल रुप से नारायणबगढ़ ब्लॉक के नाखोली गांव की है, हाल निवास  तुनुवाला रायपुर देहरादून में रहती है, गरिमा रावत के पिता नन्दन रावत एसएसबी में इंस्पेक्टर है,जबकि माता कांति देवी कुशल गृहणि है परिवार में तीन भाई बहन हैं। 

गरिमा रावत की शिक्षा दिशा केन्द्रीय विद्यालय देहरादून से हुई उच्च शिक्षा क लिए भरतीय कृषि अनुसंधान परिषद प्रवेश परीक्षा पास कर कम्युनिटी साइंस में अपना शोध कार्य कर रही हैं‌।

आपको बताते चलें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कार्य- राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड  के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद शिक्षण संस्थाओं का मूल्यांकन करने वाली इकाई है। गरिमा को भारत सरकार के द्वारा अध्ययन के लिए विदेश भी भेजा गया था।भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद है. यह भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्तशासी संस्था है जिसकी स्थापना रॉयल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर हुई थी। सोसाइटा रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत इसकी स्थापना 16 जुलाई, 1929 को इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के नाम के साथ की गई थी।

 गरिमा रावत ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों तथा अपने बड़े भाई मुकेश को दिया है, उन्होंने कहा बड़े भाई का मार्गदर्शन व उनकी प्रेरणा से हर समय मिली।

गरिमा रावत ने बताया उनको प्रारम्भिक स्तर से ही अच्छे शिक्षकों का सानिध्य प्राप्त रहा है. शिक्षकों का ही मार्गदर्शन रहा कि उन्हें यह सफलता हासिल हुई उन्होंने कहा कि आगे जाकर न्यूट्रीशन के क्षेत्र में यूनेस्को के साथ कार्य करना चाहती हैं।

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