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 कल शुगर मिल डोईवाला के विषय में वायरल पत्र पर किसान संगठनों द्वारा पुतला फूंके जाने के विरुद्ध डोईवाला थाने में नामजद एफआईआर हुई है ।


उपमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा प्रभारी निरीक्षक कोतवाली डोईवाला मुकेश त्यागी उपनिरीक्षक नवीन डंगवाल चौकी प्रभारी लालतप्पड़ उप निरीक्षक मुकेश कुमार थाना डोईवाला को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के संबंध में तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर किया गया है।



 

सीएम के विरुद्ध किसानों के प्रदर्शन व सीएम की फोटो लगे पुतले पर ग्रामीणों के गुस्सा उतारे जाने को लेकर देर रात्रि डोईवाला कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मुकेश त्यागी व लालतप्पड़ चौकी प्रभारी नवीन डंगवाल को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इस मामले में पुलिस कर्मियों की लापरवाही सामने आई थी।

वहीं डोईवाला कोतवाली का चार्ज देवेंद्र चौहान और लालतप्पड़ चौकी प्रभारी प्रमोद शाह को बनाया गया है।

किसानों के प्रदर्शन का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमे सीएम की फोटो के साथ कुछ लोग अभद्रता करते हुए देखे जा रहे हैं।


ज्ञात हो कि डोईवाला सरकार और सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा जारी वक्तव्य की डोईवाला में कोई भी इंटीग्रेटेड टाउनशिप अथवा एरो सिटी का प्रस्ताव नहीं है और ना ही किसानों की भूमि बिना उनकी अनुमति अथवा सलाह लिए बिना ली जाएगी ऐसा कई बार प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सूचित किया गया है परंतु फिर भी डोईवाला के किसान पिछले 15 से अधिक दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे.

उनकी मांग है कि डोईवाला में कोई इंटीग्रेटेड सिटी अथवा टाउनशिप एवं किसानों के जमीनों के अधिग्रहण का मामला नहीं आने वाला है इसका जवाब सरकार लिखित में उनको  दे।

 सूत्रों के अनुसार, इसी बीच 3 दिन पूर्व एक वायरल पत्र जो कि सरकार द्वारा आदेश जारी हुआ है डोईवाला शुगर मिल को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो चला है जिसमें डोईवाला शुगर मिल को विक्रय करने , घाटे में दिखाने एवं इसको आगे चलाने में सरकार ने असमर्थता जताई है।

उसे पत्र में यहां तक भी कह दिया गया है कि डोईवाला शुगर मिल में अधिकतर गन्ना पांवटा साहिब क्षेत्र से आता है. 

इस वायरल पत्र को देखकर धरने पर बैठे किसान और अधिक सरकार के खिलाफ आक्रामक मुद्रा में आ गए हैं।

 इसी कड़ी में कल उन्होंने शुगर मिल के गेट पर  सरकार का पुतला फूंकते  हुए चेतावनी दी है कि यदि डोईवाला में शुगर मिल को बंद करने अथवा बेचने संबंधी कोई भी शासनादेश लागू किया जाता है तो किसान पहले से ही जो अपनी जमीन के लिए धरने पर बैठे हैं वह इस आंदोलन को सरकार के विरोध में और अधिक तेज करेंगे।




परंतु किसी भी कीमत पर , ना तो इंटीग्रेटेड सिटी के लिए देंगे और ना ही डोईवाला शुगर मिल पर कोई संकट आने देंगे क्योंकि डोईवाला शुगर मिल सीधे-सीधे डोईवाला की जनता यहां के व्यापारियों और किसानो  की रोजी-रोटी का और रोजगार का साधन है।

इसके अतिरिक्त उनका कहना है कि गढ़वाल मंडल में मात्र एक ही सरकारी मिल डोईवाला शुगर मिल है जिसमें कहीं से भी पावटा साहिब क्षेत्र के गाने पर मिल निर्भर नहीं है. 


 उन्होंने मुख्यमंत्री धामी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने कुमाऊं की सभी शुगर मिल को बचा लिया है और जबकि गढ़वाल मंडल की एकमात्र शुगर मिल डोईवाला शुगर मिल को बंद करने की योजना बना ली है यह एक अविवेक पूर्ण  निर्णय है इस पर मुख्यमंत्री का विचार करना चाहिए.

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