सच ही कहा है जब अंत समय आता है बुद्धि मलिन हो जाती है...
ज्ञानवापी के सर्वे से मानसिक रूप से आहत हो गए स्वामी प्रसाद मौर्य।
करोड़ों हिंदुओं ही नही जनजन की आस्था के केंद्र श्री बद्रीनाथधाम पर हमला करने वाले केशव प्रसाद मौर्य ने सनातन संस्कृति पर सवाल उठाए है। वह हिन्दू नही है वरना पुराणों का अध्यन करते तो उनको ये बोलने की आवश्यकता नही होती। परन्तु अतिशयोक्ति नही होगी अगर ये कहा जाए ,कि अपने कल्याण हेतु तो रावण तक ने नारायण से बैर किया, केशव मौर्य और उनके जैसे तमाम मनुष्य तो कुछ भी नही। फिर भी नारायण सदैव अपने प्रिय भक्तों को भी और दुश्मनों का भी उद्धार ही करते है।
राजनीति करते करते इतनो बुद्धि हर ली है श्री बद्री नारायण ने कि मौर्य जी आपा खो बैठे परंतु बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को मानसिक दिवालियापन करार दिया
उन्होंने सपा तथा कांग्रेस को सनातन विरोधी बताया। कहा कि हिंदू तीर्थ स्थलों के बारे में ऐसे बयान देना इन पार्टियों के एजेंडे का हिस्सा है। कहा कि कांग्रेस को मौर्य के बयान पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, क्योंकि समाजवादी पार्टी उनके गठबंधन की सहयोगी है।
अजेंद्र ने कहा कि ऐतिहासिक प्रमाण है कि बदरीनाथ धाम युगों से विद्यमान है। पुराणों व शास्त्रों में बद्रिकाश्रम का वर्णन मिलता है। आदि गुरु शंकराचार्य ने बदरीनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया। अत: स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का कोई तार्किक आधार नहीं है.
Post a Comment