हरिद्वार;
बेलडा गांव में उपद्रव के बाद अनुसूचित आयोग कड़े एक्शन में दिखाई दे रहा है। आपको बता दें कि गांव में 11 जून को पंकज की मौत के बाद पथराव होने व उसके बाद अनुसूचित समाज के सैंकड़ों लोगों पर पुलिस द्वारा एकतरफा कार्यवाही किए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने आयोग से न्याय की गुहार लगाई थी।
आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने भी सूचना मिलने पर बिना किसी देरी के 18 जून को गांव का दौरा किया था। उनके साथ आयोग के सदस्य श्यामल प्रधान व सचिव कविता टम्टा भी थीं। आयोग के समक्ष गांव की महिलाओं ने अपने साथ हुई दरिंदगी/ पिटाई की कहानी बताई थी। महिलाओं के अंगो पर चोट के निशान उनके साथ हुई दर्दनाक कहानी स्वयं बयां कर रहे थे। गांव के स्थलीय निरीक्षण में भी आयोग को घरों में तोड़ फोड़ साफ तौर पर दिखाई दिया था।
आयोग ने इस पर कड़ा एक्शन लेते हुए महिलाओं के मेडिकल कराने के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को पत्र लिखकर निर्देशित किया था। आयोग ने 8 महिलाओं के मेडिकल के लिए 19 जून को ही ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को पत्रांक संख्या 567/अ जा आयोग जारी किया था।
कल 21 जून को पत्रांक संख्या 614 के द्वारा अन्य 13 महिलाओं एवं पुरुषो के मेडिकल के लिए लिखा गया था
इन महिलाओं पुरुषो में से 19 तारीख को हुए मेडिकल के एवं शिकायत के आधार पर रोड़ समाज के 36 व्यक्तियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एक्ट के साथ 354, 323, 504, 147, 395 व 452 आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज हो चुका है।
अगर सूत्रों की माने तो इन महिलाओं व पुरषों ने भी रोड समाज के साथ पुरुष सिपाही पर छेड़छाड़ व मारपीट के आरोप लगाए हैं। नाम न छापने की शर्त पर एससी समाज के एक व्यक्ति ने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर उन दोषी पुलिस वालों की पहचान बताई जाएगी।
माना जा रहा है कि इस संबंध में आयोग से भी पुलिस के खिलाफ कार्यवाही करने की संस्तुति हो चुकी है।
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