Halloween party ideas 2015

 विधानसभा चौक के निकट शराब की दुकान खोल जाने को लेकर जनता की झड़प


देहरादून:


अध्यक्ष सारथी विहार समिति श्री सत्य प्रसाद शास्त्री द्वारा हरिद्वार रोड़ रिस्पनापुल के नजदीक राजीव नगर व सारथी विहार के गेट के पास शराब की दुकान खोलने के विरोध में पत्र शासन, पुलिस और आबकारी विभाग  . जिला आबकारी अधिकारी, देहरादून , थानाध्यक्ष, थाना नेहरू कालोनी, देहरादून,. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, स्थानीय विधायक श्री उमेश शर्मा काऊ ,नगर मजिस्ट्रेट,  आबकारी आयुक्त को दिया गया है कि सारथी विहार, ज्योति विहार, राजीव के प्रवेश मार्ग पर शराब की दुकान खुल रही है, जबकि 2002 तथा 13.04.2015 को जनता के भारी विरोध के कारण इस जगह पर दुकान तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर - अन्यत्र बदली गयी थी।

शासनादेश संख्या 311/XXIII/2008/18/2008 तथा शासनादेश संख्या 253/XXIII/2013/04/17/2013 के अनुसार शराब की दुकान कालोनी के प्रवेश द्वार तथा स्कूल के 100 मीटर के अन्दर नही खुल सकती है, जबकि 100 मीटर पर ही राजीव नगर, सारथी विहार, ज्योति विहार का प्रवेश द्वार है और 100मीटर पर ही डी०ए०डी० पब्लिक स्कूल है।

उनका कहना है कि विधानसभा चौक के चौराहे पर वैसे ही जाम की स्थिति रहती है और शराब की दुकान खुलने से भारी जाम की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी तथा शराब पीकर लोग पहले की तरह गली में पड़े रहेंगे, और गली में बाथरूम करेंगे। जिससे महिलाओं और बच्चों का घर आना जाना मुशिकल हो जायेगा। शासन के पूर्व आदेशों की विपरीत शराब की दुकान खोलना जनहित में नही है। इसी कारण सारथी विहार की महिला, बच्चे व पुरूष शराब की दुकान के आगे धरने पर बैठे हुए हैं।

अतः सारथी विहार, ज्योति विहार की समस्त जनता आपके अनुरोध करती है कि इस स्थान पर खुल रही शराब की दुकान को बंद कर, अन्यत्र खोलने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करने की कृपा करेंगे।समस्त जनता आपकी आभारी रहेगी।

                                        

जबकि उत्तराखण्ड देहरादून,  मण्डलायुक्त गढ़वाल, पौड़ी/ कुमांयू, नैनीताल जिलाधिकारी उत्तराखण्ड  द्वारा शासनादेश को इस प्रकार  बताया गया है।


उपर्युक्त विषयक आबकारी आयुक्त, उत्तराखण्ड के प्रस्ताव दिनांक: 04.06.2008 के संबंध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि आवकारी दुकानों की संख्या और स्थिति नियमावली 1968 के नियम 5 ( 4 ) के सन्दर्भ में सार्वजनिक समागम के स्थान, स्कूल, अस्पताल, पूज्य स्थान, फैक्ट्री, आवासीय कालोनी, बाजार एवं निकट शब्दों/शब्दावलियों से आशय स्पष्ट न होने के कारण दुकानों के व्यवस्थापन हेतु स्थान निर्धारण किये जाने में कठिनाईयां सामने आ रही हैं। 

अतः यह आवश्यक हो गया है कि इन्हें स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाये। एतद्द्वारा सम्यक विचारोपरान्त इन्हें निम्नवत् परिभाषित किया जाता है:-

" सार्वजनिक समागम के स्थान" से तात्पर्य किसी स्थानीय निकाय द्वारा प्रबन्धित किसी ऐसी पार्क / ग्राउण्ड से हैं जिसे सार्वजनिक समागम के कार्य के लिए प्रयुक्त किया जाता है।

" स्कूल" - से तात्पर्य किसी स्थानीय प्राधिकरण या राज्य या केन्द्रीय सरकार द्वारा स्वामित्व प्राप्त या प्रबन्धित या मान्यता प्राप्त किसी पूर्व प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय, मिडिल स्कूल, हाईस्कूल और इण्टर कॉलेज या विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से सम्बद्ध या उसके द्वारा स्थापित या किसी प्रवन्धित महाविद्यालय से है ।

"अस्पताल" - से तात्पर्य ऐसे किसी अस्पताल से है, जो कि किसी स्थानीय प्राधिकरण या राज्य या केन्द्रीय सरकार द्वारा प्रबन्धित या स्वामित्व प्राप्त अथवा निजी प्रवन्धाधीन हो जिसके अन्तर्गत कम से कम 20 (बीस) शैय्याओं की व्यवस्थायें हों और जो शहरी या ग्रामीण निकाय द्वारा रजिस्ट्रीकृत हो ।

" पूज्य स्थान" से तात्पर्य ऐसे किसी सार्वजनिक मन्दिर, मद, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरिजाघर से है, जो पूर्ण और धार्मिक न्यास अधिनियम 1920 के अधीन या पूर्व विन्यास अधिनियम, 1890 के अधीन रजिस्ट्रीकृत किसी सार्वजनिक न्यास द्वारा या सोसाईटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1960 के अधीन रजिस्ट्रीकृत किसी सोसायटी द्वारा या वक्फ बोर्ड या सक्षम प्राधिकारी द्वारा रजिस्ट्रीकृत किसी गुरुद्वारा यथास्थिति स्थापित या प्रबन्धित या स्वामित्व प्राप्त हो और ऐसे अन्य सार्वजनिक पूजा स्थलों से हैं, जैसे कि राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा इस निमित्त समय-समय पर विनिर्दिष्ट करें।

" फैक्ट्री " से तात्पर्य किसी ऐसी औद्योगिक इकाई से होगा जो इण्डस्ट्रीज विभाग में रजिस्टर्ड हो एवं जिसमें कम से कम 200 कर्मचारी कार्यरत हों । " आवासीय कालोनी" से तात्पर्य ऐसी कालोनी से होगा जो बाजार से हटकर हो एवं जिसके प्रवेश के लिए निश्चित प्रवेश मार्ग हो ।

" बाजार" से तात्पर्य दुकानों के किसी ऐसे समूह से है जो एक सम्मिलित चारदीवारी से घिरा हो तथा जिसका एक निश्चित प्रवेश मार्ग हो। दुकानों का ऐसा समूह जो चारदीवारी से न घिरा हो और जिसमें अलग-अलग फैली दुकानें बनी हों एवं जिसका निश्चितं प्रवेश मार्ग न हो बाजार की श्रेणी में नहीं माना जायेगा |

8. “निकट " - से तात्पर्य किसी सार्वजनिक समागम स्थान, स्कूल, अस्पताल, पूज्य' स्थान या फैक्ट्री या किसी बाजार अथवा आवासीय कालोनी के प्रवेश मार्ग से पहुंच मार्ग द्वारा 100 मीटर या उससे कम की दूरी से है। निर्दिष्ट दूरी की माप, मदिरा की दुकान या उप दुकान के प्रवेश द्वार के मध्य बिन्दु से सामान्यतः पथिक द्वारा निकटस्थ पहुँच मार्ग से ऐसे सार्वजनिक पूजा स्थल या ऐसे विद्यालय या ऐसे चिकित्सालय या ऐसी आवासीय कालोनी के निकटस्थ प्रवेश द्वार के मध्य तक की जायेगी ।




एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.