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 [डिजिटल हो रहा है उत्तराखंडए 30 लाख से अधिक बन चुकी हैं हेल्थ आई




देहरादूनः राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण। सूचना क्रांति के दौर में उत्तराखंड राज्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी तेजी से डिजिटल होता जा रहा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत यहां 30.61 लाख से अधिक लोग अपनी आभा आईडी बनाकर मिशन का हिस्सा बन चुके हैं। आईडी बनाने वाले लोगों का स्वास्थ्य संबंधी संपूर्ण ब्योरा ऑनलाइन दर्ज हो चुका है। प्रदेश की राजधानी देहरादून में सबसे अधिक 6,61,919 आभा आईडी बनी हैं।



प्रदेश में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की वर्ष 2021 में शुरूआत हुई थी। मिशन की ओर से किए गए प्रयासों से प्रदेश के लोगों का हेल्थ रिकार्ड डिजिटाइज करने की रफ्तार अपेक्षाओं के अनुरूप है। लोग बढ़ चढ़ कर इस डिजिटल मिशन का हिस्सा बन रहे हैं। प्रदेश में अभी तक 30.61 लाख से अधिक लोग आभा आईडी बना चुके हैं। यानी उनका मेडिकल रिकार्ड डिजिटाइज किया जा चुका है। जो अपने आप में एक संतोषजनक आंकड़ा है।


आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के राज्य मिशन निदेशक अरूणेंद्र चौहान के मुताबिक आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन मा प्रधानमंत्री जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिसके अंतर्गत जितने भी हमारे नागरिक हैं सबका हेल्थ रिकार्ड डिजिटाइज किया जा रहा है। उसमें उसकी स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार का पूरा ब्यौरा होगा। वह किसी भी अस्पताल में उपचार के लिए जाए तो उसका रिकार्ड ऑनलाइन उपलब्ध होगा। हर व्यक्ति की आभा आईडी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।



ये हैं आभा नंबर के फायदे

. स्वास्थ्य संबंधी सभी डिटेल ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी

. अस्पताल के पंजीकरण से लेकर उपचार तक होगा पेपर लेस

. अस्पताल में क्यूआर कोड के जरिए टोकन लेने की सुविधा



राज्य में आभा आईडी का जनपद वार विवरण


देहरादून 661919

नैनीताल   398571

हरिद्वार   282253

उधम सिंह नगर  232694

पौड़ी गढ़वाल   183236

अल्मोड़ा   143166

टिहरी  122741

पिथोरागढ़  94285

चमोली  75008

बागेश्वर  71453

चंपावत  65452

उत्तरकाशी   55736

रूद्रप्रयाग  28832

जिन्होंने जिला नहीं दर्शाया  646288

कुल  योग. 30,61,634



स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन एक क्रांतिकारी कदम है। आभा नंबर के माध्यम से स्वास्थ्य की सारी डिटेल मिल सकेगी। प्रदेश में शत प्रतिशत लोगों को मिशन से जोड़ने के काम को प्राथमिकता से करने के लिए संबंधित अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए हैं। आम जन को भी इसके लिए आगे आना चाहिए।



मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने हेतु संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह सृजित कर क्लस्टर आधारित रोजगार प्रदान कर सकते हैं।


मुख्य सचिव ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को कार्यों का परिसीमन न करके पूर्ण स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। स्वयं सहायता समूहों को मात्र उत्पादन और वितरण जैसे कार्यों में न लगा कर सर्विस सेक्टर से भी जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को बनाने का उद्देश्य आजीविका प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में बहुत से उत्पाद अन्य बाहरी राज्यों से आयातित किए जा रहे हैं। ऐसे उत्पादों को चिन्हित कर स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उत्पादित कर सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाए जाने हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही। साथ ही उत्पादों का वैल्यू एडिशन कर उत्पादों में विविधता लायी जानी चाहिए। उन्होंने विभिन्न विभागों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन कर उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।


मुख्य सचिव ने कहा कि विभिन्न राज्यों में स्वयं सहायता समूहों को आजीविका से जोड़ने हेतु की जा रही गुड प्रैक्टिसेज का अध्ययन कर प्रदेश में लागू किए जाने की दिशा में भी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कराए जाने वाले विभिन्न कार्यों और इवेंट मैनेजमेंट जैसे कार्यों को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से कराए जाने पर विचार अवश्य किया जाए। 


मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने हेतु मार्केटिंग, बाजार उपलब्ध कराए जाने के साथ ही उत्पादों का संग्रहण और ट्रांसपोर्टेशन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि पिरुल के ब्रिकेट्स को खाना बनाने के ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके उत्पादन और वितरण में स्वयं सहायता समूहों की सहायता लेकर इस योजना का संचालित किया जा सकता है। इससे एक और जहां जंगलों से पिरूल हटाकर जंगलों को जलने से बचाया जा सकेगा वहीं दूसरी ओर स्वयं सहायता समूहों को रोजगार मिलेगा।


इस अवसर पर सचिव श्री अरविंद सिंह ह्यांकी एवं डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम सहित सम्बन्धित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

*मंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को रायपुर क्षेत्र में माह अक्टूबर 2022 में आपदा से प्रभावित सौंग पुल, ग्राम पंचायत खैरी मानसिंह में क्षतिग्रस्त सड़कें व पुश्तों के पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। 

सौंग पुल के स्थलीय निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नदी में निर्माणाधीन सुरक्षा दीवारों के निर्माण में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि सौंग नदी के चैनेलाइज हेतु जल्द से जल्द प्रस्ताव बनाकर भेजा जाए एवं अन्य सभी आपत्तियों के निस्तारण हेतु शीघ्र शासन स्तर से कार्रवाई करने की बात कही। उन्होने कहा जिस भी क्षेत्र में अधिक कटाव की स्थिति पैदा हो सकती है वहां पर भी सुरक्षा दीवारों का निर्माण हो एवं चैनेलाइज करने का कार्य तेजी से किया जाए।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2022 में आपदा के दौरान हुए नुकसान के बाद हुए पुनर्निर्माण कार्य में तेजी से कार्रवाई हुई है।  आज उन सभी निर्माण कार्यो का स्थलीय निरीक्षण करते हुए विभिन्न विभागों से समीक्षा रिपोर्ट ली गई है। उन्होंने कहा मानसून से पहले उन सभी क्षेत्रों / नदियों में जहां भी नुकसान होने की संभावना है उन क्षेत्रों में चैनेलाइज की कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा मानसून से पहले पानी की निकासी, पहले से पड़े मलबे को हटाने एवं सुरक्षा दीवारों का कार्य प्राथमिकता से किया जाए।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को ग्राम पंचायत खैरी मानसिंह में क्षतिग्रस्त सड़कें के पुनर्निर्माण एवं रोड के नीचे सुरक्षा दीवार के निर्माण को अति शीघ्र किए जाने हेतु निर्देशित किया। 


इस दौरान विधायक उमेश शर्मा काऊ, जिलाधिकारी सोनिका एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने 23 मार्च को रेंजर्स ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उनके द्वारा की गई घोषणाओं को समयबद्धता के साथ धरातल पर प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं।


 मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु को निर्देशित करते हुए कहा कि घोषणाओं को लागू किये जाने के सम्बन्ध में समस्त सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक कर आवश्यक कदम उठाते हुए दिनांक 15 अप्रैल 2023 तक घोषणाओं को प्रभावी / प्रारम्भ करवाना सुनिश्चित किया जाए।


मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि 

दिनांक: 23 मार्च, 2023 को वर्तमान सरकार का एक साल का कार्यकाल पूर्ण हुआ। पिछले 01 वर्ष में राज्य सरकार द्वारा राज्य के विकास एवं जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों में पूर्ण संवेदनशीलता के साथ कार्य किया है। राज्य सरकार आगामी 10 वर्ष का रोडमैप तैयार कर उत्तराखण्ड राज्य के सर्वांगीण विकास एवं समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए संकल्पबद्ध है। इसी लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुये, राज्य सरकार के 01 वर्ष के कार्यकाल पूर्ण होने के अवसर पर उनके द्वारा 23 मार्च को रेंजर्स ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान महत्वपूर्ण घोषणायें की गयी है। घोषणाओं को समयबद्धता के साथ धरातल पर प्रभावी रूप से उतारा जाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने मु्ख्य सचिव को निर्देश दिए कि आवश्यक कदम उठाते हुए 15 अप्रैल 2023 तक घोषणाओं को प्रभावी / प्रारम्भ करवाना सुनिश्चित किया जाए।


मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में मसूरी पेयजल एवं सीवर लाइन सहित मसूरी के सौंदर्यीकरण एवं विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने पर्यटन सीजन शुरू होने से पहले मसूरी के सौंदर्यीकरण कार्यों को पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए।


मुख्य सचिव ने कहा कि विद्युत लाइनों एवं अन्य केबलों को अंडरग्राउंड करने के साथ ही मॉल रोड के पक्कीकरण का कार्य 20 अप्रैल तक पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि टॉयलेट्स आदि का निर्माण भी समय से पूरा कर लिया जाए।


मुख्य सचिव ने कहा कि मसूरी पेयजल लाइन की टेस्टिंग का कार्य मार्च अंत तक पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल लाइन निर्माण कार्य समय से पूर्ण करने हेतु 2 शिफ्टों में कराया जाए। गर्मियों में पानी की समस्या को देखते हुए इसमें किसी प्रकार की कौताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सीवर लाइन के निर्माण में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। 


इस अवसर पर उपाध्यक्ष एमडीडीए श्री बंशीधर तिवारी एवं अपर सचिव पेयजल श्री उदयराज सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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